बौद्ध और जैनों से पहले भारत में कौन सा धर्म प्रचलित था • History Of India • Hamara Ateet •

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 21 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 383

  • @dharmchandsethiajain8629
    @dharmchandsethiajain8629 10 หลายเดือนก่อน +14

    श्रमण परम्परा जैन एवं बौद्ध दोनोंका शाश्वत आधार है श्रमण परम्परा को समझ ने के लिए जैन दर्शन भी पढना आवश्यक है।

  • @vijaykumar-9026
    @vijaykumar-9026 ปีที่แล้ว +155

    चलो धम्म की ओर 🙏🙏बाबासाहेब का यही सन्देश 😍😍😍14oct 1956🙏

    • @nareshganwre6603
      @nareshganwre6603 ปีที่แล้ว +14

      जय भीम, नमो बुधाय 🙏🙏🙏

    • @sushmashinkar2535
      @sushmashinkar2535 ปีที่แล้ว +10

      Namo budhay❤

    • @vijaykumar-9026
      @vijaykumar-9026 ปีที่แล้ว +10

      नमो बुद्धाय जय भीम भाई 😍😍

    • @vijaykumar-9026
      @vijaykumar-9026 ปีที่แล้ว +10

      ​@@nareshganwre6603जय भीम नमो बुद्धाय चलो बुद्ध की ओर 🌹🌹

    • @vijaykumar-9026
      @vijaykumar-9026 ปีที่แล้ว +8

      ​@@sushmashinkar2535नमो बुद्धाय 😍😍

  • @arjunghale1456
    @arjunghale1456 ปีที่แล้ว +27

    नमाे बुद्धाय 🙏🙏🙏 जय भिम 🌷जय शंबिधान ।

  • @mulnivasiuday5957
    @mulnivasiuday5957 ปีที่แล้ว +51

    पूरे विश्व में बौद्ध धम्म ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है जो कि मानवता पर आधारित है

  • @keshavkumaryadav4154
    @keshavkumaryadav4154 ปีที่แล้ว +30

    आदिवासी मे बुढा देव को प्रमुख देव माना जाता है क्या ये budhdha ही है जो बाद मे बुढा देव नाम परिवर्तित हो गए..sir plz reply

  • @RDOGRA
    @RDOGRA 9 หลายเดือนก่อน +3

    vedeoसुनकर बहत अच्छा लगा ! सच्चे इतिहास के लिए धन्यवाद !

  • @swapnil8453
    @swapnil8453 ปีที่แล้ว +22

    नमस्कार Hamara Atit Sir हमारा ग्यान वर्धन के लिए ह्रदय से आभारी हूँ अपने परिवार के साथ!

  • @yash137buddhist
    @yash137buddhist ปีที่แล้ว +12

    Dhammachakra pravartan din ki hardik shubhkamnaye ☸️🙏🌷

    • @atulnagvanshi477
      @atulnagvanshi477 ปีที่แล้ว +2

      Jay bhim Namo budhhay from madhya pradesh 🙏

  • @मत्स्यजनपत
    @मत्स्यजनपत ปีที่แล้ว +20

    सर जी
    में एक आदिवासी मीना कबीला से आता हो
    जिस गण चिन्ह के नाम मछ यानी मछली है
    जिस के नाम से पूर्वी राजस्थान की अरावली पर्वतमाला को मत्स्य जनपत का नाम आदिकाल में मिला था
    जिस की राजधानी विराट नगर थी
    मेरा गण चिन्ह मछ यानी मछली है
    इसी प्रकार पूरे देश मे मूल लोगो के अलग अलग कबीलों के अलग अलग गण चिन्ह है
    जिन को इन वैदिक गपोड़ी लोगो भगवान बना रखे हैं
    आप से मुझे यह जानना है कि
    इस जम्भूदीप मे मूलनिवासियों की गण वेवस्था सुरु प्रथम कब बनी थी और कुल कितने कबीले थे
    जय जौहर
    जय विश्वगुरु बुद्ध की

  • @VICTOR-ok3mg
    @VICTOR-ok3mg ปีที่แล้ว +29

    सर हिंदू धर्म के ग्रंथो के अनुसार मूर्ति पूजा, मंदिर बनाना ये सब हिंदु धर्म का हिस्सा नहि है तो हिंदु लोग मूर्ति कबसे पूजने लगे मंदिर कबसे बनाने लगे, क्या ये सब इन्होंने बौद्ध धम्म को कब्ज़ा किया है उनकी मूर्ति, मंदिर विहार आदि पर????

  • @abdullatif5811
    @abdullatif5811 9 หลายเดือนก่อน +3

    बोहत ही अच्छी जानकारी
    अलग मान्यता की मिली ।
    मैने पहली बार सुना। अब हमेशा सुनूगा।
    बोहत बोहत धन्यवाद

  • @sanjayjadhav3981
    @sanjayjadhav3981 ปีที่แล้ว +24

    ☸️👌💯%✔️संशोधित ऐतिहासिक सत्य है ! बुध्द ही मुलनिवासी भारतीयो की असली ऐतिहासिक विरासत है ! जयभीम ! नमो बुध्दाय !🇮🇳❤🙏

  • @satyawannasir4984
    @satyawannasir4984 10 หลายเดือนก่อน +5

    Nice information sir ji.

  • @outofthebox6137
    @outofthebox6137 ปีที่แล้ว +10

    सर प्राचीन भारत का विदेशो में व्यापार होता था तो वो उनके पुराने किताबो या ग्रंथो में भारत का उल्लेख तो होगा की वो कैसा और कौन था

  • @manojkumaryadav6409
    @manojkumaryadav6409 11 หลายเดือนก่อน +3

    आपने सारे प्रश्नों के जवाब बहुत अच्छे से दिए , धन्यवाद।

  • @Deepakkumar-tn1no
    @Deepakkumar-tn1no ปีที่แล้ว +9

    Awesome question answer.😊

  • @teamabhigoyat
    @teamabhigoyat ปีที่แล้ว +12

    सर एक प्रश्न है दिमाग में, क्या जो कुछ पुस्तक हैं जैसे ''बौद्ध भिक्षु चीनी यात्री इतसिंग की भारत यात्रा '' और " अलबरूनी का भारत " । क्या ये पुस्तक भारत सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त हैं?

  • @pranitbhisade3174
    @pranitbhisade3174 ปีที่แล้ว +8

    कृपया क्या आप हमे अजंठा ओर एलोरा ( वेरूळ) के शिल्पगूफा के बारे मे विस्रुत जाणकारी दे सकते हैं , बुद्ध धर्म के विस्तार से पतन तक और हिंदु धर्म के जन्म से विस्तार तक .

  • @neeshabagde1838
    @neeshabagde1838 ปีที่แล้ว +7

    Bharat me buddha ka dhamm hi sanatan hai satya hai Babasaheb ji 14 oct 1956 ko buddha dhamm ki diksha diye Nmo Buddha🙏 jai bhim🙏 jai samrat Ashok 🙏 jai buddhist nagvanshi mulnivasi🙏

  • @jugulkishor9797
    @jugulkishor9797 ปีที่แล้ว +5

    ❤❤❤❤❤Namo Buddhay Buddhamay Bharatvarsh JAI Samvidhan JAI Bhim JAI vigyan JAI Kisan JAI Jawan sadhu sadhu sadhu bhavatu Sabba Mangalang ❤❤❤❤❤

  • @swatilohar2319
    @swatilohar2319 11 หลายเดือนก่อน +2

    हम सब मनुष्य प्राणी है l पर्यावरण का एक छोटासा कण है l यह एक बात सत्य है l धर्म आयेंगे और, और भी नये बनेंगे l अच्छा है कि नया कुछ सिखे l पुराणे विचार सिर्फ मार्गदर्शक है l सभी धर्म हमे कुछ अच्छी बाते सिखाते है l यह बाते हमारे शाश्वत विकास के लिए काम आयेंगी l तो कौन पहले और कौन बादमें इससे अच्छा इनके अच्छे विचार मिलाकार उनपे चर्चा हो तो सबसे अच्छा है.. धन्यवाद

  • @hemantkumarchanchal1311
    @hemantkumarchanchal1311 ปีที่แล้ว +3

    ज्ञान वर्धन करने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद

  • @SunilKumar-rb7ck
    @SunilKumar-rb7ck ปีที่แล้ว +43

    जय भीम नमो बुद्धय सर, आप की वीडियो से मुझे बहुत अधिक जानकारी मिलती है| आप की वीडियो देख कर जब में अपनी university के प्रोफेसर के सामने प्रश्न करता हूं तो वो मुझे जवाब नहीं देते मुझ पर गुस्सा हो जाते हैं| सभी प्रोफेसरों की जाति ब्राह्मण हैं

    • @stock.92
      @stock.92 ปีที่แล้ว +2

      Right

  • @VICTOR-ok3mg
    @VICTOR-ok3mg ปีที่แล้ว +7

    Sir long video chahiye 40 minutes ki 😅😊

    • @HamaraAteet
      @HamaraAteet  ปีที่แล้ว +12

      लम्बी वीडियो मंगलवार को मिलेगी | ये प्रश्न उत्तर वाली वीडियो है |

  • @nareshganwre6603
    @nareshganwre6603 ปีที่แล้ว +9

    जब से आपके वीडियो को देखना शुरू किया हूं तब से मैं आपके कोई भी वीडियो मिस नहीं करता हूं।
    धन्यवाद! इसी तरह नए नए जानकारी बनाते रहिए 🙏🙏🙏

  • @ASHOK251058
    @ASHOK251058 ปีที่แล้ว +14

    Sir
    आप कितना महान काम कर रहे हैं शायद आपको भी नहीं पता। 🙏🙏🙏
    आपसे निवेदन है की आप तिरुपति बाला जी के मंदिर के बारे में एक वीडियो बनाएं। मेरे रिसर्च के अनुसार यह जैन मंदिर है। 🙏🙏❤️❤️❤️❤️

  • @prakashnandurgekar-yw5hk
    @prakashnandurgekar-yw5hk 10 หลายเดือนก่อน +2

    Thank sir..for your. Old imformetion.this is helde to India.

  • @princepalbaghela
    @princepalbaghela ปีที่แล้ว +4

    Sir mujha Jana h ki Greek Indian or iran bharma ka bharma toh kaise pta karu khuch advice please

  • @malharpawar1722
    @malharpawar1722 ปีที่แล้ว +5

    Thank you sir for great video

  • @vishwakarmasharma2860
    @vishwakarmasharma2860 ปีที่แล้ว +11

    आपको नमस्कार सर 🙏🙏 इतनी सच्चाई दिखाने के लिए अपेक्षित अहर्ताएं आपके पास पर्याप्त है और विश्वास के साथ आप दिखाते भी हैं।

  • @drmpsinha6461
    @drmpsinha6461 9 หลายเดือนก่อน +1

    धर्म एक दिन , एक माह या एक वर्ष में नहीं बनता है । यह संस्कृति का अंग है । प्रत्येक समाज अपने सदस्यों के सार्वजनिक हित के लिए नियम बनाता है और कहता है कि ये नियम देवों द्वारा बनाए गए हैं । आदिम अवस्था में कुछ नियम प्रत्येक समूह ने बनाया और कहा कि ये नियम ईश्वर द्वारा बनाए गए हैं । ईश्वर की पूजा करो और उनके द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करो ।
    चूंकि धर्म सत्ता पर आरूढ़ व्यक्तियों द्वारा बनाया जाता है इसका रूप बदलता रहता है। । उदाहरणार्थ वैदिक धर्म और आज का सनातन धर्म । दोनों ने बहुत अंतर है । ऋग्वेद में इंद्र सर्वश्रेष्ठ देवता हैं और आज उन्हें विलासी और पापाचारी देवता माना जाता है । उदाहरणार्थ अहल्या का शील हरण ।

  • @inderjeetsinghmehra381
    @inderjeetsinghmehra381 ปีที่แล้ว +7

    Excellent Explanation, Best Wishes. Jai Bhim 🙏🙏💐💐

  • @prashantsalve9601
    @prashantsalve9601 ปีที่แล้ว +3

    बहुत सुंदर जानकारी दी गई है ❤

  • @AkashGupta-qo2pk
    @AkashGupta-qo2pk ปีที่แล้ว +2

    Ved kitna purana hai 196 0843000 ya ,3500 ya1464ad ka

  • @likeshchand993
    @likeshchand993 ปีที่แล้ว +2

    धन्य है वह जीवन जो सत्य को समर्पित है।

  • @satishsingh8979
    @satishsingh8979 ปีที่แล้ว +6

    इण्डिका के अनुसार सिन्धु नदी के पश्चिमी भाग को आर्यावर्त कहते थे l क्या इसका अर्थ यह हुआ कि उस भाग में वैदिक सभ्यता थी?

  • @localarea226
    @localarea226 11 หลายเดือนก่อน

    Ancient history aur medival history ke liye kaun si book padhe

  • @manishdhunk
    @manishdhunk ปีที่แล้ว +2

    Sir plz elebroate a bit about tirupati balaji mandir tirupati

  • @adityamishra9975
    @adityamishra9975 ปีที่แล้ว +3

    Kripya Devraha baba par video banayen wo bhi nagna hi Raha karte the aur umra bhi bahut thi Kripya uttar dijiye🙏

  • @NN94887
    @NN94887 ปีที่แล้ว +1

    क्या syllabus में कभी भारत का सही इतिहास आ पाएगा ??

  • @dipakmanek7839
    @dipakmanek7839 ปีที่แล้ว +2

    मैने बाबा साहब की बुद्ध और उनका धम्म पढ़ी है, उसमे उन्होंने बुद्ध को सांख्य दर्शन के प्रवर्तक आलार कलाम से मिलने की घटना को दर्शाया है तो मेरा प्रश्न यह है की सांख्य वैदिक काल के षष्ट दर्शनों में गिना जाता है तो क्या उनसे वैदिक काल की प्रामाणिकता साबित नही होती?

  • @anilmukhekar2526
    @anilmukhekar2526 ปีที่แล้ว +10

    सर ये ब्राह्मणवाद इतना बलशाली क्यो हुवा ? और लोग उसिको क्यो मानणे लगे ?

  • @babanshankarlande4777
    @babanshankarlande4777 ปีที่แล้ว +2

    नमो बुद्ध l नमो नमः ll 🙏

  • @santaniii33
    @santaniii33 ปีที่แล้ว +3

    सर,
    क्या यह सत्य है की जैनियों के सारे ग्रंथ ८वीं सताब्दी के बाद ही लिखे गए हैं और क्या उनके सारे ग्रंथ कागज पर ही लिखे गए

  • @subhshchandradomkundwar5156
    @subhshchandradomkundwar5156 ปีที่แล้ว +3

    Sir , Ashvghosh ka kalkhand btadijiye .

  • @aerrojukrishnamachary9217
    @aerrojukrishnamachary9217 ปีที่แล้ว +3

    संस्कृत भाषा तो बहुत प्राचीन है।

  • @SHANSHOW-
    @SHANSHOW- 3 หลายเดือนก่อน +1

    Hinduism = mahayan buddhism .

  • @Priyanka-nk8xb
    @Priyanka-nk8xb 11 หลายเดือนก่อน +1

    सर,, आपने पाहिले सवाल का जवाब बहुत ही सुंदर दिया है और इस पर एक पुरी किताब ही लिखी जा सकती है सर इस पर एक किताब जरूर लिखीये 🙏

  • @arunmeshram1323
    @arunmeshram1323 ปีที่แล้ว +7

    सर आपकी जानकारी से बहोत अंगार लगती है लोगों को। ये लोग आपकी जानकारी को हजम नहीं कर सकते।आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर।

  • @MittuRay-w4f
    @MittuRay-w4f ปีที่แล้ว +4

    Sabse prachin Dharm hai Gautam Buddha ka dharm jai bhim jai savidhan jai budhay

  • @santaniii33
    @santaniii33 ปีที่แล้ว +1

    सर सती प्रथा भारत में कब स्थाई हुई होगी?

  • @Hasnahijaruri-fg8jx
    @Hasnahijaruri-fg8jx ปีที่แล้ว +1

    Sir , history ko kese likha ja sakta hi, kirpa bataye

  • @ajaytak5816
    @ajaytak5816 ปีที่แล้ว +1

    Mulnivasiyo ka Dhamm hi Bharat ka vastvik dharm h🙏🙏🙏🙏🙏Jai Bheem Namo Budhay

  • @humanityfirst1417
    @humanityfirst1417 ปีที่แล้ว +1

    Sir Vedo ka India or India k bahar Archeological Historical evidence kitna Purana or Kaha milta hai?Zoorastrian Religion text Zendavestha se konse Ved ko Copy kiya or Kitna Percent copy kiya,Thanks😊✊🇮🇳

  • @sukiti2023
    @sukiti2023 ปีที่แล้ว +2

    Pantheism समन संस्कृती से पुराना धर्म है? कया इसके कुछ सबुत मिलते? शंकराचार्य और pantheism कुछ संबंध है सर जरूर बताइऐ

  • @balistermotla6708
    @balistermotla6708 ปีที่แล้ว +1

    Sar ramayan Mahabharat ka sahi samay kya he ?🙏🙏

  • @shrinivaspandey1935
    @shrinivaspandey1935 ปีที่แล้ว +6

    बौद्ध , जैन और वैदिक - ये तीनों ही धर्म अनादि हैं अनन्त हैं और एक ही हैं।
    ये भगवान् बुद्ध , भगवान् महावीर और भगवान् शंकराचार्य का मानना है ।

  • @VICTOR-ok3mg
    @VICTOR-ok3mg ปีที่แล้ว +14

    उपाध्याय, महायपाध्याय, चटोपाध्याय , पंडित आदि क्या ये सब ब्राह्मण के सरनेम है या नालंदा में बौद्ध भिक्षु गुरु को मिलने वाली उपाधि, क्या ब्राह्मणों ने ये सब चोरी किया है,,, प्राचीन भारत में ब्रह्मण कोनसा सरनेम लगाते थे???

  • @mansri9035
    @mansri9035 ปีที่แล้ว +1

    मेरा प्रश्न लेने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद गुरुजी।।। ❤❤❤

  • @sanjeevjain1160
    @sanjeevjain1160 ปีที่แล้ว +1

    जैन धर्म में तिलक सिर्फ चंदन का ही लगाय जाता ये चित यानी मन को शांत करता है

  • @birendrakumaryadav7711
    @birendrakumaryadav7711 7 หลายเดือนก่อน

    Sir
    Budha Mokchh ya Atma ki mukti ke sidhant ke jagah Bodh Nirman ki sthapna ki
    Wo Nirman kya hai?

  • @Sawaaltobantahairks
    @Sawaaltobantahairks ปีที่แล้ว +1

    जानकारी तार्किक है धार्मिक इतिहास को और अधिक विस्तृत रूप से समझना होगा

  • @nareshganwre6603
    @nareshganwre6603 ปีที่แล้ว +15

    एएसआई के सभी लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित होते हैं तो वे कैसे सच्ची इतिहास और सबूत पेश करेंगे?

  • @ajitjain7899
    @ajitjain7899 ปีที่แล้ว +1

    very good

  • @aapkapnanegi8634
    @aapkapnanegi8634 ปีที่แล้ว

    Buddhist Tibetan scriptures sanskriti sai translate kri gyi hai ki pali sai... ?? Kripya jawab dai.🙏

  • @santaniii33
    @santaniii33 ปีที่แล้ว +2

    सर, क्या जितिया बौद्ध त्यौहार है और क्या इसका संबंध आठवीं सताब्दी के विदेशी संघर्ष से है?

  • @hasmukhdulera5277
    @hasmukhdulera5277 ปีที่แล้ว

    Mahayan ..vrajrayan ... online book lene ke liye Gujarati ya Hindi me milega...sir ji....

  • @niteshkumaryadav7180
    @niteshkumaryadav7180 ปีที่แล้ว

    Sir kya buddha aur us ke kal ko padne ke liye kon kitab se suru karna chahiye please book ka nam bataiye.

  • @navendumishra7639
    @navendumishra7639 ปีที่แล้ว +11

    सर क्या पारसी के अलावा यहूदी भी भारत में आए कृपया बताए🙏।

    • @President233
      @President233 ปีที่แล้ว +1

      Chitpavan Brahman Kou hai jaane
      जानिये किस देश के है संघ संचालक और संस्थापक चितपावन ब्राह्मण
      आरएसएस की स्थापना चितपावन ब्राह्मणों ने की और इसके ज्यादातर सरसंघचलक अर्थात् मुखिया अब तक सिर्फ चितपावन ब्राह्मण होते आए हैं. क्या आप जानते हैं ये चितपावन ब्राह्मण कौन होते हैं ?
      चितपावन ब्राह्मण भारत के पश्चिमी किनारे स्थित कोंकण के निवासी हैं. 18वीं शताब्दी तक चितपावन ब्राह्मणों को देशस्थ ब्राह्मणों द्वारा निम्न स्तर का समझा जाता था. यहां तक कि देशस्थ ब्राह्मण नासिक और गोदावरी स्थित घाटों को भी पेशवा समेत समस्त चितपावन ब्राह्मणों को उपयोग नहीं करने देते थे.
      दरअसल कोंकण वह इलाका है जिसे मध्यकाल में विदशों से आने वाले तमाम समूहों ने अपना निवास बनाया जिनमें पारसी, बेने इज़राइली, कुडालदेशकर गौड़ ब्राह्मण, कोंकणी सारस्वत ब्राह्मण और चितपावन ब्राह्मण, जो सबसे अंत में भारत आए, प्रमुख हैं. आज भी भारत की महानगरी मुंबई के कोलाबा में रहने वाले बेन इज़राइली लोगों की लोककथाओं में इस बात का जिक्र आता है कि चितपावन ब्राह्मण उन्हीं 14 इज़राइली यहूदियों के खानदान से हैं जो किसी समय कोंकण के तट पर आए थे.
      चितपावन ब्राह्मणों के बारे में 1707 से पहले बहुत कम जानकारी मिलती है. इसी समय के आसपास चितपावन ब्राह्मणों में से एक बालाजी विश्वनाथ भट्ट रत्नागिरी से चलकर पुणे सतारा क्षेत्र में पहुँचा. उसने किसी तरह छत्रपति शाहूजी का दिल जीत लिया और शाहूजी ने प्रसन्न होकर बालाजी विश्वनाथ भट्ट को अपना पेशवा यानी कि प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. यहीं से चितपावन ब्राह्मणों ने सत्ता पर पकड़ बनानी शुरू कर दी क्योंकि वह समझ गए थे कि सत्ता पर पकड़ बनाए रखना बहुत जरुरी है. मराठा साम्राज्य का अंत होने तक पेशवा का पद इसी चितपावन ब्राह्मण बालाजी विश्वनाथ भट्ट के परिवार के पास रहा.
      एक चितपावन ब्राह्मण के मराठा साम्राज्य का पेशवा बन जाने का असर यह हुआ कि कोंकण से चितपावन ब्राह्मणों ने बड़ी संख्या में पुणे आना शुरू कर दिया जहाँ उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया जाने लगा. चितपावन ब्राह्मणों को न सिर्फ मुफ़्त में जमीनें आबंटित की गईं बल्कि उन्हें तमाम करों से भी मुक्ति प्राप्त थी. चितपावन ब्राह्मणों ने अपनी जाति को सामाजिक और आर्थिक रूप से ऊपर उठाने के इस अभियान में जबरदस्त भ्रष्टाचार किया. इतिहासकारों के अनुसार 1818 में मराठा साम्राज्य के पतन का यह प्रमुख कारण था. रिचर्ड मैक्सवेल ने लिखा है कि राजनीतिक अवसर मिलने पर सामाजिक स्तर में ऊपर उठने का यह बेजोड़ उदाहरण है. (Richard Maxwell Eaton. A social history of the Deccan, 1300-1761: eight Indian lives, Volume 1. p. 192)
      चितपावन ब्राह्मणों की भाषा भी इस देश के भाषा परिवार से नहीं मिलती थी. 1940 तक ज्यादातर कोंकणी चितपावन ब्राह्मण अपने घरों में चितपावनी कोंकणी बोली बोलते थे जो उस समय तेजी से विलुप्त होती बोलियों में शुमार थी. आश्चर्यजनक रूप से चितपावन ब्राह्मणों ने इस बोली को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया. उद्देश्य उनका सिर्फ एक ही था कि खुद को मुख्यधारा में स्थापित कर उच्च स्थान पर काबिज़ हुआ जाए. खुद को बदलने में चितपावन ब्राह्मण कितने माहिर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंग्रेजों ने जब देश में इंग्लिश एजुकेशन की शुरुआत की तो इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने वालों में चितपावन ब्राह्मण सबसे आगे थे.
      इस तरह अत्यंत कम जनसंख्या वाले चितपावन ब्राह्मणों ने, जो मूलरूप से इज़राइली यहूदी थे, न सिर्फ इस देश में खुद को स्थापित किया बल्कि आरएसएस नाम का संगठन बना कर वर्तमान में देश के नीति नियंत्रण करने की स्थिति तक खुद को पहुँचाया,

  • @pt-vc5ob
    @pt-vc5ob ปีที่แล้ว

    आपक आभार ।
    में कइ बार सोच रहा था की आपको गणेश जी के बारे में, विडियो बनाने के लिए विनती करना है।
    लेकिन आज इस विडियो में थोड़ा बहुत इसका उल्लेख हो गया है।
    पर फिरभी मेरे मन में ये सवाल है कि गणेश जी/ गणपति जी/ अष्टविनायक/ और अलग अलग दुसरे कइ नाम से जो हम एक ही देव को जानते हैं, वो शायद अलग अलग और अमुक प्रदेश के प्रादेशिक देवताओं है।
    और जो दक्षिण भारत में पूजन किया जाता है सुब्रह्मण्यम स्वामी, अयप्पन, कार्तिकेय उन देवताओं के बारे मैं भी ओरिजिनल इतिहास जानना चाहता हूँ, और ये सब देवताओं महादेव या शिव के साथ कैसे जुड़ें हुए है।
    🙏🙏🙏🙏

  • @social-fact-99
    @social-fact-99 ปีที่แล้ว

    सर मैं SC समाज से चमा.. हूं , मेरी माता नाग पंचमी के दिन दीवारों पर कोयले से सांप जैसी आकृति बनाती हैं मैंने अपनी मां से पूछा कि यह सांप क्यों बनाती हो तो उन्होंने बताया कि ऐसी आकृतियां तुम्हारी दादी भी बनाती थी यह हमारे पूर्वजों की परंपरा है शायद आप सही कहते हैं हमारे पूर्वज नागवंशी राजा थे इसीलिए यह प्रथा चली आ रही और मेरा एक सवाल भी आपसे है हम लोगों की हालत सम्राट हर्षवर्धन के पहले भी खराब थी या बाद में खराब की गई??🙏

  • @lakshaykumar7366
    @lakshaykumar7366 ปีที่แล้ว +5

    Aapne ye kha ki hindu dharm budh ki shakha but i think budh hi sanatan ki shakha h

  • @New.Thinker
    @New.Thinker ปีที่แล้ว +1

    सर, श्री गुरु दत्तात्रय भी महायान शाखा से आते है क्या ???

  • @anamelessmonster
    @anamelessmonster ปีที่แล้ว +3

    Bharat ke brahmono par ek video banaiye 🙏🏼

    • @nikulclasses5274
      @nikulclasses5274 ปีที่แล้ว

      Bharat k mulnivasi Brahman or Kshatriya kya SC St k sath rahenge

  • @sandeshbhawar5721
    @sandeshbhawar5721 ปีที่แล้ว

    सर 🙏 नमस्कार मेरा एक सवाल हे
    शाक्य मुनि महाकरुनी तथागत सिध्दार्थ गौतम जी का (surname)सरनेम क्या है

  • @shriramnivariya6004
    @shriramnivariya6004 ปีที่แล้ว

    आपने बहुत अच्छे जवाब दिए हैं ।

  • @gangsta_
    @gangsta_ ปีที่แล้ว

    Sir mujhse koeri jati ka itihas janna hai pls aap bataye

  • @santaniii33
    @santaniii33 ปีที่แล้ว +2

    सर ,
    भारत में ८वीं शताब्दी के बाद धर्मो के उदय,
    वेदांत के निराकार ब्रह्म व अल्लाह की निराकार अवधारणा के बीच क्या संबंध है?

  • @thakur2178
    @thakur2178 ปีที่แล้ว +1

    Sir kya aap emrs pgt ka syllabus history wala kara dijiyega apki bahut meharbani hogi 😢😢

  • @thunderdragon7035
    @thunderdragon7035 8 หลายเดือนก่อน

    Sir please ek prashn mere man Mai hai ki buddh kaise dikte honge uska kuch praman hai gandaar kala se phele buddh ki upasna kis roop Mai hoti ti ? Kya shiv ki Jo murti hai dyan mudra hai bete hpte hai jata dari vagere bagva chola vagere ye sab kya ye buddh ke bare Mai varnan hai ya shiv ke ???🙏🙏🙏🌼🌼🌼🙏🌼🌼

  • @phonixscience9770
    @phonixscience9770 ปีที่แล้ว

    hadappa sabhyata me kon sa sampraday tha.

  • @ray196g8
    @ray196g8 ปีที่แล้ว +1

    Sir nag vansh ki history ke bare me bata ye

  • @sagargade5048
    @sagargade5048 ปีที่แล้ว +4

    १४ अक्टूबर १९५६... ६७वे घर-वापसी #धम्म_क्रांती दिन की आप सभी को हार्दिक मंगलकामनाएं...☸️🙏

  • @RAVIKUMAR-sc9oi
    @RAVIKUMAR-sc9oi ปีที่แล้ว

    Vishv ki sabse prachin bhasha kon si hai

  • @chandrabhushanjaishal6209
    @chandrabhushanjaishal6209 ปีที่แล้ว +1

    Sir ji! मेरे प्रश्न का उत्तर देने के लिए धन्यवाद।
    एक रिसर्चर हैं Pratap K Chatse वो refrence के साथ यहूदियों को नागवंशी बता रहे हैं जो मुझे भी अजीब लगा इसलिए आपसे पूछा?

  • @President233
    @President233 ปีที่แล้ว +4

    जानिये किस देश के है संघ संचालक और संस्थापक चितपावन ब्राह्मण
    आरएसएस की स्थापना चितपावन ब्राह्मणों ने की और इसके ज्यादातर सरसंघचलक अर्थात् मुखिया अब तक सिर्फ चितपावन ब्राह्मण होते आए हैं. क्या आप जानते हैं ये चितपावन ब्राह्मण कौन होते हैं ?
    चितपावन ब्राह्मण भारत के पश्चिमी किनारे स्थित कोंकण के निवासी हैं. 18वीं शताब्दी तक चितपावन ब्राह्मणों को देशस्थ ब्राह्मणों द्वारा निम्न स्तर का समझा जाता था. यहां तक कि देशस्थ ब्राह्मण नासिक और गोदावरी स्थित घाटों को भी पेशवा समेत समस्त चितपावन ब्राह्मणों को उपयोग नहीं करने देते थे.
    दरअसल कोंकण वह इलाका है जिसे मध्यकाल में विदशों से आने वाले तमाम समूहों ने अपना निवास बनाया जिनमें पारसी, बेने इज़राइली, कुडालदेशकर गौड़ ब्राह्मण, कोंकणी सारस्वत ब्राह्मण और चितपावन ब्राह्मण, जो सबसे अंत में भारत आए, प्रमुख हैं. आज भी भारत की महानगरी मुंबई के कोलाबा में रहने वाले बेन इज़राइली लोगों की लोककथाओं में इस बात का जिक्र आता है कि चितपावन ब्राह्मण उन्हीं 14 इज़राइली यहूदियों के खानदान से हैं जो किसी समय कोंकण के तट पर आए थे.
    चितपावन ब्राह्मणों के बारे में 1707 से पहले बहुत कम जानकारी मिलती है. इसी समय के आसपास चितपावन ब्राह्मणों में से एक बालाजी विश्वनाथ भट्ट रत्नागिरी से चलकर पुणे सतारा क्षेत्र में पहुँचा. उसने किसी तरह छत्रपति शाहूजी का दिल जीत लिया और शाहूजी ने प्रसन्न होकर बालाजी विश्वनाथ भट्ट को अपना पेशवा यानी कि प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. यहीं से चितपावन ब्राह्मणों ने सत्ता पर पकड़ बनानी शुरू कर दी क्योंकि वह समझ गए थे कि सत्ता पर पकड़ बनाए रखना बहुत जरुरी है. मराठा साम्राज्य का अंत होने तक पेशवा का पद इसी चितपावन ब्राह्मण बालाजी विश्वनाथ भट्ट के परिवार के पास रहा.
    एक चितपावन ब्राह्मण के मराठा साम्राज्य का पेशवा बन जाने का असर यह हुआ कि कोंकण से चितपावन ब्राह्मणों ने बड़ी संख्या में पुणे आना शुरू कर दिया जहाँ उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया जाने लगा. चितपावन ब्राह्मणों को न सिर्फ मुफ़्त में जमीनें आबंटित की गईं बल्कि उन्हें तमाम करों से भी मुक्ति प्राप्त थी. चितपावन ब्राह्मणों ने अपनी जाति को सामाजिक और आर्थिक रूप से ऊपर उठाने के इस अभियान में जबरदस्त भ्रष्टाचार किया. इतिहासकारों के अनुसार 1818 में मराठा साम्राज्य के पतन का यह प्रमुख कारण था. रिचर्ड मैक्सवेल ने लिखा है कि राजनीतिक अवसर मिलने पर सामाजिक स्तर में ऊपर उठने का यह बेजोड़ उदाहरण है. (Richard Maxwell Eaton. A social history of the Deccan, 1300-1761: eight Indian lives, Volume 1. p. 192)
    चितपावन ब्राह्मणों की भाषा भी इस देश के भाषा परिवार से नहीं मिलती थी. 1940 तक ज्यादातर कोंकणी चितपावन ब्राह्मण अपने घरों में चितपावनी कोंकणी बोली बोलते थे जो उस समय तेजी से विलुप्त होती बोलियों में शुमार थी. आश्चर्यजनक रूप से चितपावन ब्राह्मणों ने इस बोली को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया. उद्देश्य उनका सिर्फ एक ही था कि खुद को मुख्यधारा में स्थापित कर उच्च स्थान पर काबिज़ हुआ जाए. खुद को बदलने में चितपावन ब्राह्मण कितने माहिर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंग्रेजों ने जब देश में इंग्लिश एजुकेशन की शुरुआत की तो इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने वालों में चितपावन ब्राह्मण सबसे आगे थे.
    इस तरह अत्यंत कम जनसंख्या वाले चितपावन ब्राह्मणों ने, जो मूलरूप से इज़राइली यहूदी थे, न सिर्फ इस देश में खुद को स्थापित किया बल्कि आरएसएस नाम का संगठन बना कर वर्तमान में देश के नीति नियंत्रण करने की स्थिति तक खुद को पहुँचाया,

  • @HARSH-sf6pb
    @HARSH-sf6pb ปีที่แล้ว +2

    sir bodh dharm ke rebirth ko explain kriye plzzz ye bda confusing hia or bhot alag bhi or kya ye rebirth after life wala hi hai ya iska mtlb alag hai ... plzzz ispr ek video

    • @amitkosa5387
      @amitkosa5387 ปีที่แล้ว +2

      lgta h tune sir ji purani video nhi dekhi, usme bta rkha h sir ne. boudhh dharam me rebirth nhi agla birth mante h or ye sb esi life me mana jata h nirwan bhi koi nya janam nhi hota

  • @AkashGupta-qo2pk
    @AkashGupta-qo2pk ปีที่แล้ว +1

    Jarur video banaye

  • @Heptagonist
    @Heptagonist ปีที่แล้ว +5

    28 बुद्ध के समकालीन प्रमाण क्या है?

  • @reshusinha7838
    @reshusinha7838 ปีที่แล้ว

    Bahut sunder

  • @DR_Pandit
    @DR_Pandit ปีที่แล้ว

    Sir ese jarur dekhen

  • @anusandhansingh727
    @anusandhansingh727 ปีที่แล้ว +1

    Sir aaryo pr video banayie

  • @sasi0263
    @sasi0263 9 หลายเดือนก่อน

    Hat's off to your enthusiastic work

  • @bhagynaraynkumar7828
    @bhagynaraynkumar7828 ปีที่แล้ว +1

    Namaste sir bahut achhi jankari di aapne

  • @नास्तिक-न9श
    @नास्तिक-न9श ปีที่แล้ว +1

    बाबासाहेब आंबेडकर के बहोत उपकार है दिल❤से सेल्युट ❤

  • @pinaklaul9116
    @pinaklaul9116 ปีที่แล้ว

    कॄपया तिरूपति बालाजी के इतिहास पर विडीयो बनाए 🙏🙏🙏

    • @MahavirDoshi-b8l
      @MahavirDoshi-b8l ปีที่แล้ว

      Tirupati balaji asalme jain mandir tha esake praman mile hai

  • @anilkulkarni1221
    @anilkulkarni1221 ปีที่แล้ว

    Please provide information of kumaril Bhat

  • @shubhamkamble9144
    @shubhamkamble9144 ปีที่แล้ว +2

    भारत के छह दर्शन कितने पुराने है

  • @bhimasentete5259
    @bhimasentete5259 ปีที่แล้ว

    Thank you very mach.

  • @Quotes2zindgi
    @Quotes2zindgi ปีที่แล้ว +1

    फिर तो वेद , जो कि संस्कृत में लिखे गए थे उनकी रचना अशोक के बाद हुई होगी ।
    इससे वो सारे तर्क गलत मान लेना चाहिए जो संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा बताते हैं । जैसे - ऋग्वेद की जिंद ए अवेस्ता से समानता ।