जन्मपत्री का यह सच भी जरुर देखे || अंधविश्वास क्या है || आर्य समाज
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- เผยแพร่เมื่อ 8 ม.ค. 2018
- जन्मपत्री का यह सच भी जरुर देखे || अंधविश्वास क्या है || आर्य समाज
जन्मपत्री एक बहूत बड़ा अंधविश्वास है.
अंधविश्वास हमे अकमण्य बना देता है.
तिथि और नक्षत्र बच्चो का जन्मोत्सव बनाने में मदद करते हैं, न कि बच्चो का भविष्य बनाने में....
सरथी एक संवाद || आर्य समाज || आर्यसमाज
Maharishi Dayanand Sarswati ji ko Shat shat Naman, jai Vedik Aryasamaj
धन्यवाद गुरुवर ।
Jai satya sanatan VEDIC Dharm ki.
Jai ARYAVART. JAI arya.
OM OM OM OM.
अंधविश्वास को दुर करना हि प्रेगा
Aur jyotish shastra ke bhi ek se ek param pandit hue hain, jo sateek bhavishyavani karte the, meharshi parashar, bhrigu ji, etc.
बहुत ही सुन्दर विष्लेषण
(नीति) वेद तर्क पर आधारित है,कोई सिद्धांत वे चाहे किसी भी मत पंथ मजहब में या के हो यदि वे तर्क दलील वा वेद अनुकूल हो तो मान्य है,तर्क माने ऋषि,गियान अज्ञान ,सच झूठ गलत सही दोनो को जानने समझने के पश्चात ही निर्णय संभव होता है,धर्म नियम धारण करने हेतु है न की केवल विश्वास यकीन या श्रद्धा हेतु? वेद सृष्टि के साथ वा अपसुरूषीय है ,इस लिए सनातनी कहा गए है,
Thank, you, sir
ओम्
Om
10:34
Nice
Jo sob nei korcackte o sristi korta nei ho cackte,
कुंडली वाले कभी खुद की नहीं बनाते।पशु पक्षियों की भी बना देते तो उनके कष्ट भी कम हो जाते । कुंडली बनाने वालों को पूरा पता चलता है ईश्वर के एजेंट हैं जड़ में प्राण स्थापित कर देते हैं तो मुर्दा में प्राण क्यों नहीं भरते वेन्टीलेटर की क्या आवश्यकता है।
Smgh me nhi Ata sach kyA he
Aam aadmi khan jaye
मन्त्रायुर्वेदवच्च तताप्रामाण्यमाप्तप्रामाण्यात्
Baki sob tik bola, likhen vut he ap ko malum nei ap dekha nei, but dekhega tho khapra me pesab kordeyngge vai.
Inko khud ko hi hosh nahi hai ki hum kya bol rahe hain. Aise anek examples hain jinme murti pooja ke falswaroop bhagwan ne apne bhakton ko pratyaksh darshan diye hain.
केवल नाम से आधारित नही होता
है फलादेश ,याद रखै, क्या श्री1000008 महर्षि पराशरजी मूर्ख थे?
मेरी नजर में एक आर्य समाजी रिटायर्ड प्रिंसिपल है उन्होंने सनातन धर्म मंदिर खोल रखा है और कहते हैं यह तो शोरूम हैं रोहिणी सेक्टर 7 डि 15 द्वारकाधीश दिल्ली 85
Pura pritivi ka sanatani ko ek rakhiye bivajon nei kijiye , kici vagovan ko mane, kici ka gola nei katte, sob ko sob malum nei,
सामयिक चैनल है
Swami Dayanand Saraswati Ji vidwan zaroor the, lekin Bhakt nahi the, shripad Ramanujacharya ji , Vishnuswami ji, aise anekon mahapurush hue hain jo Bhakt bhi the aur vedon ke param vidwan bhi the. Swami Dayanand Saraswati Ji to unki Charan dhooli ki bhi samanta nahi sakte, bhakti ki to baat hi kya...!!!
इस्लाम सबसे बङा उदाहरण है अंधविश्वास का। ज्यादातर उसी से आयी है कुरीति यां समाज में।।
आप वेद के अध्यापक होकर वेदाङ्ग भूत फलित ज्योतिष को कुतर्क के द्वारा खण्डन करने कोशिश कर लहे हो,यह स्वत: व्याघातयुक्त है
Great ho aap.. andhviswas khtam hona chiye
AAJ KA YUVA PEEDHI KO SAATH MILKAR ..PAAKHAND OR ANDH VISHWASH KO KHATM KARNA HOGA
HUM SANKALP LIYA HOON. HUM ARYA SAMAAJ KE SAATH HOON OR RAHUNGA
MACHAILLEY SHIKSHA --------- ANDHVISHWAS KA KARAN.
GURUKUL SHIKSHA -------- SATYA KA PRAKAASH.
BHARATVAASI JAAGE.
JAI BHARAT.
Great
thankyau arya jan
JAI BHARAT.
99% dhongi hai dhanda hai baaki kucchh nhi Jo log bewkoof ban sakta hai use banate hai Maine bahut brahmano se poocchha mere ko gadi kharidni hai koi ashubh mahurat batao sare bhag gaye.
हिन्दू धर्म के संस्थापक का क्या नाम है कब स्थापित हुआ तिथि क्या है आर्य भारत में कब आये कहां कहां रहे । इतिहास के अनुसार ही चर्चा होनी चाहिये वैसे राहुल sanskratayn ने स्पस्ट किया जो सत्य है ।
Right
मेरी जन्मपत्री के अनुसार तो मैं चक्रवर्ती सम्राट हूँ।😂😂😂😂
ज्योतिष का अस्तित्व तब से है जब से वेद है । वैसे आधा ज्ञान खतरनाक होता है
Kaunsa ved ka shlok bol to ya kaunsa mandal bol
nikhilesh sharma ved me astronomy hai astrology nahi.
Sir have you yourself read vedas . Where all these astrology formula are written
Pandit yashpal shastri ji ki or video dale please
Aj kal dharm ko scientific sabit karne ke liye lage hai sab...ha ye sahi vi hai...mantahu...par dharm ka wo part jisme scientific explanation nahi hai ap usko nakar rahe ho kyun ki uske upar ungli uth sakti hai..aur wo dhrm ko hani pahuchaye ga.
clash with sam, har chiz iss duniya main scientifically or niyam-badh hoti hain bhai. Ye chamatkar wagarah yahi toh andh-vishwas hain
Good Bater best 25848
Arya samaj ved ko manta he wo sahi he ,lekin phalit jyotish ko jo jhootha sabit karne ki kosis Arya samaj ki bahut badi galti he, mere khayal she ye log Satyarth Prakash ke alawa kuchh nehin padhe hen
Phle tu pad le ganit jyotish kya hai or fal jyotish kya hai ,
हम आप पे विस्वास कैसे करे
जय आर्यवर्त्
कृण्वन्तोविश्वमार्यम!
।। ओ३म् ।।
🙏 🙏 🙏 🙏
रावण की पुजा आज भी होती कुछ मालुम भी है
ram janam konsi sal main huwa tha ye to batav
Haroom Kalla Ram ka janam tertaa yug me hua tha
ज्योतिष..विग्यान है धर्म नहीं है यह ग्रहों पर आधारित है जिनको हम प्रत्यक्छ देखते हैं और जिनकी गणना करी जा सकती है ,ईश्वर को किसी ने नहीं देखा है वह निरंकार है किंतु उस पर सब की आस्था है,ग्रह साकार है यह विडबंना ही है कि निरंकार जिसे हमने कभी देखा नहीं पर हमारी आस्था हो किंतु जिसे हम देख परख सकें गणना कर सकें किंतु उस पर आस्था नहीं रखें कहां तक तर्कसंगत है ?आज का आर्यसमाज उसी प्रकार की रूढ़ीवादिता से स्वयं ग्रसित है जिस प्रकार से वैदिकधर्मान्तरगत् आचरण छोड़ कर व्यक्ति ने निरंकार बृह्म की उपासना छोड़ कर साकार बृह्म की पूजा प्रारम्भ की और सनातन 'काल'को धर्म मानने लगा..इसी रूढ़ीवादिता को तोड़ने/समाप्त कर वैदिक मान्यताओं को पुनर्जीवित करने हेतु ही इस आर्य समाज नामक संस्था की स्थापना मह्रषि ने करी थी जो आज स्वयं तथाकथित रूढ़ीवादी संस्था बनती जारही है |
Robin Saxena आप की आस्था इस धरती पर कितनी है ? जड़ प्रदार्थ का गुण भी लिमिटिड ही होता है चेतन (जीव)का उससे ज्यादा ओर आनंद का असीमित होता है (ईश्वर)
amit khatri मै पूर्ण वैदिक धर्म मे आस्थावान हूं किन्तु सनातन काल है काल को धर्म नहीं मान सकता हूं..धर्म का अर्थ कर्तव्य मे निहीत है ..पूजा आस्था से संबधित है हमारी आस्था जिस पर है हम उसी निरंकार बृह्म की उपासना कर हवन कर हवि की आहूति प्रदान करेंगे हमारी पत्नि का 'धर्म' (कर्तव्य) है कि हमारे साथ हवि की आहुतियॉं दे...कालान्तर मे साकार बृह्म की उपासना आरती पूजन भजन के रूप मे आज विद्धमान है जिसे अग्यानतावश लोग सनातन धर्म कहन लगे है मे भी हवन करते समय भार्या का पत्निधर्म है कि वह पति के साथ हवन मे हव्यादि की अाहुतियॉं दे..यहॉं भी धर्म की आषय कर्तव्य मे ही निहीत है ..हम सभी वैदिक धर्मावलम्बी है वैदिकधर्म सनातन काल से है महर्षि ने जब वैदिक धर्म मे रूढिवादिता को देखा तब आर्यसमाज की स्थापना कर वैदिक धर्म से रूढिवादी परम्परा को समाप्त करने का बीड़ा उठाया अत:आर्यसामाज एक विशुद्ध वैदिक विचार धारा है ना तो यह धर्म है ना ही यह पंथ ही है...स्वयं आर्यसमाज को भी वस्तु स्थिति को समझना होगा!
world ka 80%population muslims cristians jews baudh jyotish pe bishwash nai karte .na hi kisi pandit se janam patrika ya hath dikhwate hai.
kya wo log ka bhabishya kharab ho jate hai.
q europian aur chinese japnese hum jyotidh manne walo se jyada amir aur powerfull hai.
vedo me astronomy ka bigyan ke bare me byakhya hai asrrology ka nahi .andh vishwash ka badhawa mat do
Robin Saxena aap ne ved kabhi padha hi nahi .ved me kya likha hai wo ved ki bidwan hi jante hai aap naho
Mukesh Chauhan वेद पढ़े या नहीं यह महत्वपूर्ण नहीं है..महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारी आस्था वेदों मे कितनी है ? क्या वेद पढ़ने वालों ने उन श्लोका पर मनन चितंन करा ? संभवता कभी नहीं ! आप ने लोगों को गुरू मंत्र लेते देखा या सुना होगा किंतु गुरूमंत्र लेने-देने की प्रक्रिया संभवत़: नहीं देखी होगी बहुत कठिन है पंचाग से लेकर जातक के नक्छ्त्र- नामाक्छर तक की शास्त्रोक्त शुद्धि अक्छर मित्रता आदि को देखना होता है तब ही मंत्र सिद्ध होता है..अब ना तो जातक के पास समय है और ना गुरूजी के पास मैरी आस्था वेदों मे हैं सो है लेकिन उन वेद ग्याताओं पर तनिक भी नहीं जिन लोगोंने वेद तो कंठस्थ कर लिये किंतु मनन चिंतन ऐवं आचरण लेश मात्र भी नहीं करते हैं ऐसे महांमहोपाध्याए वैदिक धर्म को सनातन या आर्य धर्म कहते नहीं अघाते हैं | ज्योतिष एक गणितीय वैदिक विधा ही है ..कुछ वेद पढ़कर ग्यानी बनते कुछ सुन-समझर..एकलव्य इसका अच्छा उदहारण है समझ सको तो ठीक नहीं समझे तो मनन चिंतन अावश्यक है !
Good ward 25848
Nice harpreet mam
जो जन्मपत्री बनाते है वो अपने परिवार पर कभी इसे ट्राइ नही करते न ही मानते है ।बनवा के रख लेते है यादगार के लिए।
इस देश में अनाधिकृत चेष्टाओं की एक लम्बी सनातन जैसी ही विधाऐं है,आर्य समाज भी उन्हीं में से एक ही है!
इनके कथन के तात्पर्य मात्र यही है कि वेद को सारी दुनियां केवल हमारी फूहड़ बुद्धि के दायरे में ही पढ़ें!
इन्होंने वेद का अर्थ तो पाया ही नहीं,उसके नाम पर इनके द्वारा की जाने वाली निंदा ही वेद का अर्थ है!
जिसे ईश्वरीय अनुभूति की जिज्ञासा नहीं उसी का नाम है आर्यसमाज..!
आश्चर्य तो ये है कि अपने आप को वेदों का सही अर्थ करने का दम्भ भरने वाले, एक मात्र निंदा और उपहासों से भरी एक फूहड़ क़िताब भी लिख सकते है जिसका नाम है सत्यार्थप्रकाश...!!!
उस किताब के भाषा संस्कार से तो यही विदित होता है कि--
क्या वेदों का अध्येता और उनकी परम्परा इतनी फूहड़ अशिष्ट है,तो फिर वेद की कौनसी परम्परा आत्मसात योग्य हैं!
यही कारण है कि वेदों में सर्वप्रथम अधिकार सिद्धि का विषय है!
इन लोगों ने यही समझकर वेद को समझाया है कि-- यह कुछ किताबें हैं और इनके आश्रय से अन्य और कोई ज्ञान बोध सर्जक साहित्य होता नहीं!
इसका अर्थ इनकी भाषा और बुद्धि में वेद वह सत्य ज्ञान की किताबें है जो कि आर्य समाज से इतर पूर्वापर वह नपुंसक ही सिद्ध हैं!
इन महामूर्खों की जिंदगियां सिर्फ तपोधन महात्माओं,महापुरुषों को गाली मात्र देने में बीतती रही है!
जो विवेकशील लोग थे वो जल्दी ही इन्हें बाय बाय करते रहें है,जो बुद्धिजीवी हैं उनकेलिए यह प्लेटफार्म एक दम सटीक है!
Jyotish kalajadu hota hai adhyan ki jarurat hai
लेकिन मुझे ग्लानि है तुम जैसे लोग ज्योतिष विज्ञान को नही मानते
में आपकी इस बात से सेहमत नहीं हूँ
ज्योतिष हमारे रूशी मुनि कीही देन हे
जेसे महीधर ने वेदों का भाष्य गलत किया वेसे कुछ पाखंडी और मूर्ख ज्योतिष ओ ने इस विंध्या को बदनाम किया
बाकी ये विध्या सत्य हे उसका गणित भी सत्य हे और फलादेश भी
आप आर्य समाजि वेद के प्रचार में ध्यान दे आप ना ज्योतिष हो ना महर्षि दयानंद ज्योतिष थे तर्क के आधार पर आप इस विध्या को गलत नहीं केह सकते
में आर्य समाज की हर बात से सेहमत हूँ पर ज्योतिष को गलत केहना इस बात से सेहमत नहीं हूँ
एक बात बतावो क्या हाथ की नाड़ी को देखना और रोग बताना वेद में हे ?
नहीं ना फिर भी महर्षि कनाद और रावण जेसे विद्वानों ने इस की शोध की और हम ने इसे अपनाया
आप के ही सब मत सत्य हो ये गलत हे में आपे सहमत नहीं हूँ
बाकी सत्य सनातन धर्म की जय
सूफ़ी कलंदर, dhakkan ki aulad ye jitne bi yudh ho rahe hain, or hamare sainik mar rahe hain inko rok ke dikhao pehle. Baad main aam aadmi ka future sudharna
Phle ganit jyotish or fal jyotish ke antar clear kar lo fir aage ki hat karna
Mere jyotish ne Jo bhi likha hai wahi ho rha hai mere saath
Aryan Warrior depends on he studied his Vidya. Just as all doctors study the same thing on MBBS but practically only few experienced ones are able to correctly diagnose and treat
Hahahaha uske kaan ke nechey do lgao...fir ni hoga jo bo boley ga
Jyotish hota hai. With proof
jai arya
Vedas are greatest oldest knowledge in the world. Vedas knowledge bachao desh bachao aur sanatan Vedic arya Dharm bachao. humay be support karo guru Ji hum Vedic arya Dharm ko puray bishab mai sthapit karna chahaty hai
आप तो मुर्ख है डॉ बीमारी पैदा नही करता फिर भी इलाज करता है पंडित को। ज्ञान होता उसमे इतना सामर्थ्य है बो इन दोसो का निवारन कर सके। इसलिए बोलता है नही तो तुम तो बोल दो ऐसा
Ye SB panditon ka vyavasay h
Science atma ko nahi manti tab Ved kyun manti hai??..ap log yagya ko mante ho jisko vi science nahi manegi...tab ap usko manoge par jyotish ko nahi manoge...jiska scientific explanation nahi hai usko nakar do ye vi sahi nahi....astrology ka itna bada bada institute hai,birodh kyun nahi karte...sahi astrologer ke pas sahi jawab hota hai...pakhandio ke pas nahi.
clash with sam, abhe dhakkan kon kehta hain aatma ko nahi mante, vo isse energy ka naam de dete hain bss...Or einstien ne kaha tha energy ko na hi khatam- na mitaya ja sakta hain. Or rahi hawan ki baat, USA ke Washington main agnihotra university bi bnai gayi hain waha hawan par hi shod hote hain
Thanks guru ji pakhand Ko hatao hum tumhare saath hai
Iska Matlab aap maante hai pandit lootte hai lutere hai shirf bandook aur talwaar dikha ker he lootne wale ko lootera nahi kaha jata Jo aapke beech jhoot bolker aapko jaal me fasaker loote wo lootera hota hai iswer ne sub insaan banaye fir Kisi insaan ke kahne see koi Kyu maane ki koi insaan chota ya bada hai aysa bharum failane Wala Kya chalbaaz nahi hai isme uska lobh nahi hai wo chor dako lootera nahi hai
Ravindra Sihag अधुरी जानकारी बहुत खतरनाक होता है ये विद्वान् है या पैजामा अंधविश्वास खतम कर रहे हैं या बढा रहे हैं अपने चैनल चलाने के लिए एसे लोगों को बैठा लेते हैं जीनको पुरा जानकारी नहीं है किसी चीज की नकली तभी बनाता है जब कि असल में होता है भूत भी होता है ज्योतिष भी होता है लेकिन ये दुर्लभ है जो टीवी पर आते हैं ये लगभग सारे नकली है जो असली है वो टीवी पर नहीं आते। ये सब जानते हैं झूठ का कोई अस्तीत्व नहीं है और जो सच है वो तीनों काल में सत्य है प्रमाण ये है कि देवकी के आठवें पुत्र तुम्हारा वध करेंगा। तो किया या नहीं क्रिसकिनधा पर्वत पर सुग्रीव मिलेंगे और आपकी सहायता करेंगे तो किया या नहीं तो ये बात बहुत पूरानी है नये-नये वात बहुत है सारे प्रमाण के साथ बहुत लम्बा लेख हो जायेगा
जुबेर भाई तुम्हारी कुप्रथा हलाला की तरह नहीं चूत भी और लूट भी जो मोलवी करते है ।
Yes dono log zoot bol rahe hai
तो क्या हम पुजा करना झोड़ दे
धूर्तई से भरा गंदे वेदों का बहिष्कार करें।
जिस किताब में मानव मानव में भेदभाव है ।
उस किताब का नाम वेद है।
गंदगी से भरा घिनौनी ग्रंथ का नाम वेद है।