सर्वा अवतारों के अवतारी ,सर्व कारण के कारण अक्षरधाम के अधीपति पूर्ण पुरूषोतम भगवान स्वामीनारायण ने खुद कहा हे जैसे जैसे हमारी महिमा बढे गी तब अति विरोध होगा इनसे घबराना नहीं ...
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी संस्था भी इस प्रकार देवी देवता के ऊपर शिवबाबा लेखराज जो संस्थापक ये संस्था के है इनको बताते है।गीता को भी अलग तरीके से बताते है।रामायण महाभारत एक ड्रामा बताते है वास्तविक में ऐसा कुछ हिस्ट्री नही है ऐसा बताते है इस बारे में विचार होना चाहिए।
@@joyousatul 😂 बिल्कुल उसी तरह जैसे महाराष्ट्र वाले साईं बाबा 😂 हर प्रकार से दुकान और होटल में घुसेड़ दिया है ठीक उसी तरह जैसे बांग्लादेशी घुसपैठिये हर,,,,
स्वामीनारायण धर्म सनातन हे उसका पहले प्रमाण हो चुका हे. हितयास को पढ़ो. हमारे नंद संत ने शास्त्र को रख कर प्रमाण दे दिया हे. ए लोग जो अपने आप को सनातनी बुलाते हे उनको मनुष्य अवतार किस काम के लिए मिला अभी पता नही क्योंकि उनको स्वर्ग जाना वोही मोक्ष मान लिया हे. मोह माया और योग माया के जीव पूर्ण भ्रम पुरषोत्तम को अभी पहचाना नही. जय श्री स्वामीनारायण 🙏🙏🙏. देव देवी देवता ईश्वर में सब जुटे हुए है लेकिन अक्षरधाम क्या हे उसका किसी को पता नही!!!!
वर्तमान में सनातन धर्म को आपको जेसे धर्म गुरूओ की सख्त आवश्यकता है। जो प्रखर होकर अपने धर्म के लिए बोल सके। सनातन धर्म से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। हम आपके साथ है गुरदेव आपके चरणों में सादर प्रणाम 👏
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है । हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग 200 सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है । हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग २०० सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
परमात्मा को कोई भी इंसान इस दुनिया में नहीं देख सकता, इस लिए वो निराकर हे, मरने के बाद उसके दर्शन होगे फिर वो साकार हे, मगर इस दुनिया में उसकी काल्पनिक मूर्ति बना कर नही पूज सकते , क्यों की उसको देखा ही नहीं , तो बनाया केसे, वो मूर्ति नही बोल सकती,नही चल सकती , अब दूसरी बात परमात्मा कण कण में नहीं बसता, क्या टॉयलेट में भी परमात्मा है? क्या शराब खाने में हे ? क्या गंदी जगह पर हे? अगर परमात्मा हर जगह हे , तो फिर आप पेसाब , टॉयलेट कहा करोगे? परमात्मा के उपर? परमात्मा हर जगह नहीं हे, । मगर उसकी ताकत, पावर, कंट्रोल, हर जगह पे हे। और वो कही भी जा सकता है,
जिस तरह से स्वामी नारायण संस्था ने स्मार्ट प्राचीन भगवा वस्त्र पहनकर लोगों को बेवकूफ बनाया है, लोगों को पता चल जाएगा कि यह हमारी मूल सनातन धारा के विपरीत अपना एजेंडा चला रहा है, उनके सभी मंदिर हमारी आस्था को चोट पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। लोग ऐसा ही सोचेंगे लेकिन यह सच है कि उन्होंने अनंत निर्जीव भगवान शिव को अपना स्वामी दिखाने की कोशिश की है, उनका एक भक्त कलियुग के प्रभाव के कारण किस तरह से अपनी बुद्धि खो चुका है, उनके उल्टे बयान भी इस बात को साबित करते हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि भविष्य में यह लुप्त हो जाये। उन जैसे लोगों के लिए ही बाबा गोस्वामी तुलसी दास ने 500 साल पहले राम चरित मानस में ये लिखा था..की. दंभी ने अपनी मृत्यु के बाद ऐसे पंथ का निर्माण करना शुरू कर दिया है, यानी दंभी लोग अपनी कल्पना के माध्यम से अपना धर्म स्थापित करने के लिए ऐसे पंथ का निर्माण करेंगे.. अब हिन्दू जागो इन कालनेमि से जय गौमाता सनातन की शरण में आए सभी लोगों के लिए एक प्रार्थना, चूँकि हम ही एकमात्र भक्त हैं, हमने अपने शास्त्रों का दैनिक मार्ग सीखा है और अपने बच्चों को भी राम चरित मानस गीता श्रीमद्भागवत या उपनिषद की प्रेरणा दी है, यह हमारी शांति और भक्ति है. या फिर आप अधिक पैसा कमाएंगे और आपको सत्य और असत्य में बेहतर समाज मिलेगा, सभी को मेरा प्यार जय सियाराम राधे-राधे हर हर महादेव
@@Face426 tu पागल है क्या ??? आकाश मे ना तो हवा है ना ही कं, तो क्या वहा परमात्मा नही है ???? अनांत्कोटी भ्रहमांड का जो सरुजन करता है जो उनको पालता है, जो उनका संहार करतआ है , वे वहां भी होंगे यहां तुम सोच बी नही सकते
A religious teacher should be understandable, peace maker and servant of servant das no das . He is pushing for trouble by challenging instead of advising the devotees of God to live in peace and Harmony. Should be ashamed of himself considering A Guru should be a good example to his puppils. Keeping all Hindus united as a parivar it is the duty of Guru. We are all sampilo parivar Hindus united irrespective of theirs believes build a bridge. There is no humiliation in Tilak, picture of Hanuman Bhagvan bow down to swaminarayan or vice versa if your thoughts are pure as divine. Raji Rejo
@@CRI7T whosoever yu are... You have a lot of gyaan for personal welfare, i wonder if you hv any idea or connection with Sanatan.. Your knowledge is perhaps acquired via perceptions borrowed from "poorvaagrah"... I admire you for taking time and typing such an elaborate response. Its a free and freewheeling country and you, sir, have proved it well.
Goi to the point regarding the above video stop being ignorant this what your guru teaches anger does not suit a sadhu what can we expect from their pupils.
श्रीराम ,,,,✅ सियाराम,,,,,,✅ लेकिन अब तो ,,,,,, साई बाबा🧔 को साईं राम🤣 कहने लगे हैं,,,,, चांद मियां को भी हर प्रकार से दुकान और होटल में घुसेड़ दिया है ठीक उसी तरह जैसे बांग्लादेशी घुसपैठिये,,,,,
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था। अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया। इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
I am a devotee of swaminarayan and read Bhagvat Guita, Ramarayan, garun Puran, Mahabharat, etc Please recommend reading vachnamrut Bhagvan swaminarayan ne vanri ,shikshapatri, hari sharithram saghar katha , Gopaland swami, explore your knowledge before going into debate 200 years have evidence of scriptures in varthal . Be humble and educate yourself to have a good knowledge e.g. Gopaland swami Hanuman Bhagvan me Murti pratistra kariu in Saranpur since then the tilak is there why all this controversy. now. That is enough
@@CRI7T did I say any word out there?? ..don't preach me about knowledge gaining...rather than educating your sadhu first for quoting fake and malicious stuffs about god/goddess....mahadev
Our Sadhus always respect all you must misinterpret ir misunderstood read the scriptures of swaminarayan so you will understand clearly . Hanuman is reincarnation if Mahadev I am also devotee of Hanuman. Stop all non sense rubbish talk.
@@CRI7TIf your sect respects all people then why did you ban animal sacrifice and cremation ground worship in Hindu temples and cremation grounds in Gujarat? Your sect is intolerant and bigoted
🙏 संकराचार्य महाराज की जय आप जैसे स्पष्ट वादी ही धर्म की रक्षा कर सकते है अब समय आ गया है हमें सब को छोड़ कर फिर चारों संकराचार्य के दिशा निर्देश पर चल कर ही धर्म की रक्षा कर सकते है बाकि सब तो अपनी झोली भरने मे लगे है 🙏
@swadhyay भारत खंड मे अंदर ही अंदर राजा- महाराजा झगड़ रहे थे और उनकी प्रजा को भी हद से ज्यादा बहुत ही हैरान किया जा रहा था। चारो तरफ अधर्म बढ़ रहा था। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है की जब अधर्म हद से ज्यादा बढ़ने लगेगा तब वो ख़ुद या फिर किसी के द्वारा धर्म की स्थापना करेंगे। और फिर कई सालो बाद अंग्रेजों ने भी जुल्म शुरू किए तो freedom fighters के रुपमें अंग्रेजो को भी भगवन ने भगाया। और रही बात स्वामिनारायण भगवान की तो उन्होंने उस समय के जो अच्छे अफसर थे सिर्फ उनसे ही मुलाकात की है और शिक्षापत्री दी है क्योंकी स्वामिनारायण भगवान भी धर्म की स्थापना करने हेतु ही पृथ्वी पर आए थे। किसी को कुछभी बोलने से पहले एक बार उनका इतिहास, उनका हेतु अच्छी तरह पढ़ो और समझो।
@swadhyay why Krishna allowed killed thousands of people on war?? How he is God?? How Ram allowed Sitta ma to Canvas and hard life?? Why Ram didn't stop Ravan of Sitaharan? How he is God? You don't know about swaminarayan so better keep quiet and read shastra of swaminarayan... British government don't return sixapatri even offer million $$$ by samprday??? They know what is value of sixapatri
❤❤😮 परब्रम्ह नारायण सब जीवो के स्वामी है परब्रह्म नारायण सभी ईश्वरो के स्वामी है परब्रह्म नारायण महामाया के स्वामी है परब्रह्म नारायण ब्रह्म - अक्षरब्रह्म के स्वामी है परब्रह्म ही सर्वोपरि है इसीलिए सबका स्वामी है है इसीलिए उन परब्रह्म नारायण को सबका स्वामीनारायण कहा गया है जय स्वामीनारायण जो परब्रह्म नारायण सबके स्वामी है उन्ह्र इसी लिए स्वामीनारायण नाम से पुकारते है
परब्रह्म का कोई आकार नही होता, लेकिन आप लोग तो मूर्ति पूजा कम्पलसरी मानते हो, बिना मूर्ति के भगवान को मानना आप पाप मानते हो, ये सनातन के सिद्धांतों के विपरीत है। और स्वामी शब्द मतलब पति, ऑनर, या मालिक होता है लेकिन ये शब्द इंसानो के लिए उपयोग होता है, भगवान के लिए नही।
Swami Shree is the most appealing ; not because of his deep and vivacious style but because of his most accurate grip on Hindu shastras and Pooja padhti. He symbolises and gives vocal style to eternal truth whenever and whreesoever it is needed
Eternal truth embodied in Hindu sanatan Dharma needs manifestation and manifestation should not be in wrong direction. It is his staunch appeal and every sanatan dharmi accepts is whole heartedly.
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था। अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया। इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है । हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग 200 सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
मैने जब पेहली बार दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर अपने माता पिता के साथ देखा तो मैं प्रसन्न था लेकीन जैसेही मैंने मंदिर के गर्भगृह मे देखा तो मुझे भी बोहोत बुरा लगा की सारे देव देवता पीछे और भगवान विष्णू या भगवान कृष्ण की नही स्वामीनारायण की मूर्ति मध्य मे थी....मैने वहा के management से पूछने पर भी कोई जवाब नही मिला. काफी वेदनापूर्वक था ये सारा दृश्य. सनातन धर्म सत्य है...सत्य हि सनातन है फिर ऐसे विकृत विचारधारा को कैसे खत्म् करे इसपर ध्यान देना चाहिये.
मंदिर यदि हनुमानजी का हो तो बीच में भगवान कृष्ण या शिव की मूर्ति बीच में नहीं होती है । तो जिसका मुख्य मंदिर हो उनकी ही मूर्ति बीचमे होती है इतनी बुद्धि आप में होनी ही चाहिए आपको मैनेजमेंट से पूछने का कोई अर्थ ही नहीं है। जैसे विवाह में वर-कन्या बीचमे और अनवर उनके बाजू में होते है बिलकुल वेसे ही। अपेक्षा है कि आप समजदारी की बात करे और समझे।🙏🏻
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था। अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया। इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है । हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग 200 सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
Per shankRacharay ji aap sab sanatani jab itana pani sipper se gujar gaya tab ab ye sab bolte ho...jab Loha garam tha tab hathoda kyo nahi mara ...to itana failta hi nahi na sawami narayan ka ugane hi nahi dena tha na kyo soye rahe sab log
@@malinisaboo6414 हम दक्षिण भारत महाराष्ट्र मे रहते है हमारे यहा स्वामीनारायण संप्रदाय नही है ऊस संप्रदाय का हमारी यहा प्रचार नही हुआ और नही हमने होने दिया हमारे यहा वारकरी संप्रदाय है
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था। अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया। इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
नमन शंकराचार्य जी आज काल ये गुजरात मे कूच गुजराती समुदाय baps aur जैन धर्मगुरू की दादागिरी बहोत बड रही है शिवलीलामृत मे जैन धर्मगुरू को आदि शंकराचार्य जी ने वादविवाद सपर्धा मे कैसे परास्त किया था इस्का विस्तृत वर्णन हे आज इन घरभेदी धर्म की वजह से सनातन क्षतिग्रस्त हो रहा है यही लोग सरकार चला रहे है
@@mangalswami9378 Hanuman ji Sahajanand ji ke bhakt nhi Ram ji ke bhakt the . Ye sab shastra viruddh karya band kijiye. Nhi toh Hanuman ji hi aap log ko swayam dand denge
True...aaj swaminarayan dharm ka galat bol key usko aur auske followers JAN se marne ki baat kar rahe hey...kal muslim ko bolenge aur parso aur kisi dusare ko ...kya Hindu dharm kisi ko mar ne ki Baat karta hey??? YE MAHASAY TO SWAMINARAYAN SHant aur UNKE follower ko bhi marne ki baat kar rahe hey
@@mangalswami9378 Yes. No one has copy right on our devatas. So no one should try to impose their sectarian symbols on our devatas. Only Tilaks that are mentioned in Puranas must be used, not anything that they wish.
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है । हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग २०० सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
@@kobibataka8634पापड़ तो तुमने सेक रखें हैं धूर्तों, हमारे हनुमान जी महाराज को तुम्हारे तथाकथित लोगों के समक्ष शीश झुकाया हुए प्रदर्शित कर। और बेटा उसे ऐश्वर्य नहीं प्रताप कहते हैं।
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था। अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया। इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
जिस तरह से स्वामी नारायण संस्था ने स्मार्ट प्राचीन भगवा वस्त्र पहनकर लोगों को बेवकूफ बनाया है, लोगों को पता चल जाएगा कि यह हमारी मूल सनातन धारा के विपरीत अपना एजेंडा चला रहा है, उनके सभी मंदिर हमारी आस्था को चोट पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। लोग ऐसा ही सोचेंगे लेकिन यह सच है कि उन्होंने अनंत निर्जीव भगवान शिव को अपना स्वामी दिखाने की कोशिश की है, उनका एक भक्त कलियुग के प्रभाव के कारण किस तरह से अपनी बुद्धि खो चुका है, उनके उल्टे बयान भी इस बात को साबित करते हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि भविष्य में यह लुप्त हो जाये। उन जैसे लोगों के लिए ही बाबा गोस्वामी तुलसी दास ने 500 साल पहले राम चरित मानस में ये लिखा था..की. दंभी ने अपनी मृत्यु के बाद ऐसे पंथ का निर्माण करना शुरू कर दिया है, यानी दंभी लोग अपनी कल्पना के माध्यम से अपना धर्म स्थापित करने के लिए ऐसे पंथ का निर्माण करेंगे.. अब हिन्दू जागो इन कालनेमि से जय गौमाता सनातन की शरण में आए सभी लोगों के लिए एक प्रार्थना, चूँकि हम ही एकमात्र भक्त हैं, हमने अपने शास्त्रों का दैनिक मार्ग सीखा है और अपने बच्चों को भी राम चरित मानस गीता श्रीमद्भागवत या उपनिषद की प्रेरणा दी है, यह हमारी शांति और भक्ति है. या फिर आप अधिक पैसा कमाएंगे और आपको सत्य और असत्य में बेहतर समाज मिलेगा, सभी को मेरा प्यार जय सियाराम राधे-राधे हर हर महादेव
सभी हिंदुओं को सनातन वैदिक धर्म में उल्लेखित परमब्रह्म परमात्मा शिव, विष्णु, दुर्गा, गणेश, सूर्य कोई छोड़कर किसी अन्य की पूजा करनी ही नहीं चाहिए और नहि किसी को ईश्वर मानना चाहिए।
😂😡 *સ્વામિનારાયણ ની કુંડળી* *જુની આખી શિક્ષા પત્રીમા ક્યાંય સ્વામિનારાયણ નો કે સંપ્રદાયનો કોઈ ઉલ્લેખ નથી આ બધુ તુત ગઢડાથી ઉભુ કર્યુ છે ઘનશ્યામભાઈ (એટલે સ્વામી) અને જેતપુર વાળા નારણભાઈ મોચી (એટલે નારણભાઈ જે ઘનશ્યામભાઈ નો જોળીયો ઉપાડનાર જે ધનશ્યામના ઉતરેલા કપડા પહેરતા ટુકમા રોટલા માટે સાથે રખડતો વ્યક્તિ જે નારાયણ બની ગ્યો) આ બન્ને ગુજરી ગયા ત્યારે બન્ને રખડતા સાધુ સમજીને લોકોએ સમાધી આપી એ જગ્યાનું નામ છે સ્વામિનારાયણની સમાધી પછી પછળથી આ તુત ઉભુ કર્યુ આયોજન પુર્વક લોકોને છેતરવાનુ બ્રેન વૉશ કરવાનુ શરુ કર્યુ સંપ્રદાયની જમાવટ જોઈ છપય્યા ખબર પડી એટલે ઘનશ્યામભાઈ ના દીકરાઓ ગુજરાતમા આવ્યા અને વારસદાર તરીકે દાવો મુક્યો ગુજરાત હાઇકોર્ટ મા વર્ષો સુધી કેસ ચાલ્યો (આ વાતમા શંકા હોય તો ખાતરી કરવાની છુટ છે)છેલ્લે ચુકાદો વારસદારના તરફેણમા આવ્યો ગાદીએ તેજેન્દ્ર બેસી ગયો પીતરાઈ ભાઈ અજેન્દ્ર હજી ગાદીમાટે લડે છે ત્યારે આ બાજુ યોગી હતો એ ગુજરી ગયો હતો પણ એના બે અંગૂઠાછાપ ચેલા હતા ચંદુભાઈ ઉર્ફ નારાયણ સ્વરૂપ એજ પરમમુર્ખ પ્રમુખ અને હરિભાઈ (સોડા હરિપ્રસાદ) બન્નેને કોર્ટે હુકમ કર્યો તમે કોઈ પણ જગ્યાએ સ્વામિનારાયણ મંદિર કે ટ્રસ્ટ નામ નહી આપીશકૉ એટલે આ બન્નેએ baps બોચાસણ વાસી અક્ષર પુરુષોત્તમ સંસ્થાન ના નામે ભગવા પહેરોને નવી દુકાન (ફ્રેન્ચાઈઝી) શરુ કરી જમાવટ જોઈ થોડાજ સમયમા ગુંડા ચંદુભાઈ એ હરિભાઈને લાતમારી ને કાઢી મોક્યો એની સામે સોખડા બનાવ્યુ અને એકે સ્ત્રીઓનુ મોઢુ ના જવુ તો બીજાએ સ્ત્રીઓ ને એન્ટ્રી આપી અને ધતિંગ ચાલે છે આ બધો પૈસાનો જ ખેલ છે ધર્મ ક્યાંય નથી ટુકમા અત્યારે સંપ્રદાય ના આઠ ફાટા છે એક્યેયને એક બીજાને જયશ્રીકૃષ્ણ કરવાનો પણ સબંધ નથી આસત્ય હકિકત છે તપાસ કરવાની છુટ છે જય સનાતન જય ભોલેનાથ હરહર મહાદેવ*
स्वामीनारायण संप्रदाय के लोगों का कहना है कि हम सनातन धर्म का हिस्सा हैं इसलिए हमें सनातन धर्म के ग्रंथों के आधार पर शांतिपूर्ण बातचीत करके इस प्रश्न का समाधान करना चाहिए।जय सनातन जय सियाराम जय शिव शक्ति जय राधे कृष्ण
और एक संप्रदाय है, वो भी कहता है कि खुद सनातन उससे निकला है। उनके भी अपने देवी देवता हैँ जो उनकी मूर्तीयोँ मेँ भगवान श्री हरि विष्णू, शिव, माता पार्वती और गणेश को अपने पैरोँ के नीचे कुचलते हुये दिखाये जाते हैँ। ऐसा ही मिलता जुलता दावा BAPS वाले अपनी किताबोँ मेँ करते है फिर ये भी कहते हैँ हन सनातन का हिस्सा हैँ? दरअसल वो ये कहते हैँ कि सनातन उनका दास है।
@@merchantofsurat जय स्वामीनारायण BAPS सिखाता है कि सबसे प्राचीन एवं सर्वसंतोषजनक सेवा धर्म सनातन धर्म है। BAPS सिखाता है कि हम भगवान के सेवक हैं और भगवान के भक्त के भी सेवक है . इसलिए दुनिया भर के लोग इसे पसंद करते हैं
Skanda Purana, Part 2 - Vasudev Mahatmya, Chapter 18, Verses 42-44: Maya Krushnen nihataaha Saarjunen raneshu ye| Pravartyishyantya suraanste tva-dharm yadaa kshitau |42| Dharmadevaat tadaa murtau Nar-Narayanaatmana| Pravruttepi kalau brahman bhutvaaham saamago dwijah |43| Munisha-paanrutam praptam sarshim janakmatmanaham| Tato-vitaa gurubhyo-aham saddharmam sthaapayannaj |44| Arjun and I (Krishna) have defeated evil demons, and I have gifted them moksha if they have died seeing Me or at My hands. Those, who died with evil intent in their hearts will be born in Kali yuga and wreak havoc. At that time, after the curse of Durvasa to Nar Narayan, I will be born in Kali yuga as a Samvedi brahmin. I will vanquish all evil and establish righteousness, while protecting all the rishis, my mother Bhakti, and my father Dharma.
गुरु श्री के चरणो में कोटि कोटि प्रणाम। प्रभु जी एक सवाल मुझे भी पूछना है कि केरल प्रदेश में होली दिवाली तथा और अन्य सनातन धर्म के त्योहार लोग उत्साह से क्यों नहीं मनाते?क्या शास्त्रों में इसका कोई विवरण है या फिर यह अंग्रेजो की कूटनीति की वजह से हुआ ? आपके श्री चरणों में मेरा दंडवत प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है । हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग 200 सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
@@kobibataka8634 भाई ना तो मैं बजरंगबली जी के विरुद्ध हूं। ना मैं स्वामी नारायण जी के विरुद्ध हूं। मैं तो स्वामी नारायण जी के नाम से जो कल्ट तैयार किया गया है उसके विरुद्ध हूं। उनके तथाकथित फोलोवर जय स्वामी नारायण जी को भगवान बना दिया है। और सनातन धर्म पर आघात किया है। मैं तो अपने धर्म के साथ हूं। और धर्म की लड़ाई लड़ने के लिए एक पार्टी का गठन हुआ है जिसका नाम है एकं सनातन भारत दल उसके साथ हूं।
आपको कोटि कोटि प्रणाम।जैन संप्रदाय मेें भी ऐसी बातें चलाई जाती है कि कृष्ण अभी नर्क में है और रामने जैन दीक्षा ग्रहण की थी ।वे रावणको हीरोके रुपमे पेश करते हैं।औरभी क ई उटपटान्ग बातें करते हैं।उन्हें भी चेतावनी देनेकी कृपा करें ।
🌺🙏🚩 पुज्य जी, हमें तो परेशान वो कर रहा है जो अपने को सनातनी कहते हुए सनातन धर्म पर कटाक्ष करते हैं। संभवतः विधर्मियों को लगने लगा है कि सनातन वंशजों में जागरूकता बढ़ रही है और अब उनका स्तित्व मिटने के कगार पर है 🙏 🙏राम-राम जी 🙏 🚩
आदरणीय शंकराचार्यजी, वासुदेव महात्म्य मे ऐसा स्पष्ट रुप मे लिखा है की स्वामिनारायण भगवान पृथ्वी पर प्रगट होगे । तो फीर आप ऐसा झूठ क्यु फेला रहे है की कही पे भी नहीं लिखा हुआ। क्या वासुदेव महात्म्य गलत है?????? असली बात तो यह है कि सनातन धर्म मे कम समयमें सबसे ज्यादा विकास किया हो ऐसा कोई संप्रदाय हो तो वो स्वामिनारायण संप्रदाय ने किया है और स्वामिनारायण संप्रदाय की प्रगति आप लोगो से देखी नहीं जा रहीं हैं। अभी कुछ दिनो पहले गुजरात की एक city मे मुसलमानो का ताजिया DJ लेके रात के 10:00 बजे निकला और उन लोगोने हमारे शिवजी भगवान के मंदिर के आगे खड़े होकर आधा घंटा DJ बजाया और उनके उर्दू भजन बजाए। तब वहापे तो कोई सनातनी उनको रोकने के लिए मंदिर मे से बहार नहीं आया। उस समय क्यू कोई सनातनी ने मंदिर से बहार आ कर के DJ बंध नहीं करवाया??? क्योंकि सनातनी मे मुसलमानो से लडने का दम ही नहीं हैं। सनातनी इतना कमजोर है की अपने ही मासूम सनातनी भाई को मारकर राजा बनना चाहता है। उसमे मुसलमानो से लडने की हिम्मत ही नहीं हैं। अगर निंदा करनी ही हो तो एक बार international level पे मुसलमानो की निंदा करके दिखाओ। आपके पिछवाड़े मे इतना दम ही नहीं हैं की आप मुसलमानो की निंदा international level पे कर सके। जीवनमे कम से कम एकबार इसपे सोचिएगा जरूर। 🙏🏻जय श्री राम🙏🏻
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था। अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया। इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
स्वामी नारायण या इस्कॉन जैसी कम्पनियो को भारत से भगाना होगा।शंकराचार्यो के सानिध्य मे संगठित होकर शंकराचार्यो को जन समर्थन देकर मजबूत कर सनातन धर्म की रक्षा करे।
स्वामी विवेकानंद का नाम तो बचपन से ही सुना है लेकिन,,, स्वामी 😂 नारायण,,, पहली बार सुना है,,,,, ठीक उसी तरह जैसे महाराष्ट्र वाले साईं 🧔बाबा साइ 🤑खान को ,, गठबंधन के भगवान साईं बाबा,,, अमर अकबर एंथोनी फिल्म की पैदाइश वाले,,,,
Vah shankracharayji vah sahi kaha shanti se kah diya badi baat hai aap ke prati samman badh gaya shree sankracharaya ji ke charano me anant koti dandvat pranam
वैदिक सनातन धर्म के रक्षक हमारें समस्त आचार्यगण एवं शंकराचार्य के पद पर बैठे महानुभावों को चाहिए कि - वह धर्म की शिक्षा उपनिषदीय ऋषि-मुनीजनों के ज्ञान गरिमा के आधार पर ही करें । जब सत्य अपनी पथ से विमुख हो जाए , तब असत्य का बहुत मार्ग निकल आता है । आज वही हो रहा है । असत्य के राह पर सभी चल पड़े हैं । अपनी अपनी ढफली , अपनी अपनी राग । जिस कारण से सनातन से धर्म-च्युत होकर क्रिश्चियनिटी का जन्म हुआ , इस्लाम का जन्म हुआ और सनातन भारत का भी विभाजन हुआ । क्योंकि सनातन धर्म के रक्षक ही भ्रष्ट हो चुके हैं । 😢😢
आप स्वामी अभिमुक्तेष्वरानंद जी शंकराचार्य सनातन धर्म की धर्म संसद के प्रधानमंत्री है। आप बातो का पूरी दुनिया अनुशरण करती है। आप पूजनीय है। प्रणाम करता हूं।
परब्रम्ह नारायण सब जीवो के स्वामी है परब्रह्म नारायण सभी ईश्वरो के स्वामी है परब्रह्म नारायण महामाया के स्वामी है परब्रह्म नारायण ब्रह्म - अक्षरब्रह्म के स्वामी है परब्रह्म ही सर्वोपरि है इसीलिए सबका स्वामी है है इसीलिए उन परब्रह्म नारायण को सबका स्वामीनारायण कहा गया है 🌹जय स्वामीनारायण🌹
सर्वा अवतारों के अवतारी ,सर्व कारण के कारण अक्षरधाम के अधीपति पूर्ण पुरूषोतम भगवान स्वामीनारायण ने खुद कहा हे जैसे जैसे हमारी महिमा बढे गी तब अति विरोध होगा इनसे घबराना नहीं ...
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी संस्था भी इस प्रकार देवी देवता के ऊपर शिवबाबा लेखराज जो संस्थापक ये संस्था के है इनको बताते है।गीता को भी अलग तरीके से बताते है।रामायण महाभारत एक ड्रामा बताते है वास्तविक में ऐसा कुछ हिस्ट्री नही है ऐसा बताते है इस बारे में विचार होना चाहिए।
ऐक से ऐक पंत आऐगे ईस कलिकाल मे। पर हमरा सनातन धर्म महान है। गुरू जी हम सभी सनातनी आप के साथ है। मै न्यूज़ीलैंड से। जय श्री सीताराम, जय सनातन।
सनातन और ये सब पंत अलग-अलग है क्या?
@@abhinavkumar9905 yes, swami narayan wale aur iskon wale sanatan se alag hai baki lagbhag sare panth sanatan ka hi part hai.
@@ykd0011 स्वामीनारायण फर्जी है क्या इस्लाम की तरह सनातन धर्म नही?
@@abhinavkumar9905 स्वामी नारायण फर्जी है। सनातन असली धर्म है।
श्री गुरु भगवान शंकराचार्य 1008 अविमुक्तेश्वरनन्द जी श्री ज्योतिर्मठ के चरणों मै कोटी कोटी नमन 🙇🙇
वो जिस बात का विरोध कर रहे हैं आप वही कर रहे हैं, वो भगवान नहीं हैं
Vo hanumanji ki murti Amadabad me nahi hai.
Sarangpur gav me hai
@@joyousatul 😂 बिल्कुल उसी तरह जैसे महाराष्ट्र वाले साईं बाबा 😂 हर प्रकार से दुकान और होटल में घुसेड़ दिया है ठीक उसी तरह जैसे बांग्लादेशी घुसपैठिये हर,,,,
श्री गुरुदेव के चरणों कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
ગુરુદેવ ને કોટી કોટી વંદન 🙏
स्वामीनारायण धर्म सनातन हे उसका पहले प्रमाण हो चुका हे. हितयास को पढ़ो. हमारे नंद संत ने शास्त्र को रख कर प्रमाण दे दिया हे. ए लोग जो अपने आप को सनातनी बुलाते हे उनको मनुष्य अवतार किस काम के लिए मिला अभी पता नही क्योंकि उनको स्वर्ग जाना वोही मोक्ष मान लिया हे. मोह माया और योग माया के जीव पूर्ण भ्रम पुरषोत्तम को अभी पहचाना नही. जय श्री स्वामीनारायण 🙏🙏🙏. देव देवी देवता ईश्वर में सब जुटे हुए है लेकिन अक्षरधाम क्या हे उसका किसी को पता नही!!!!
स्वामी जीकलीयुगमेसिफभगवानसवामिनारायनसवोपरीहैईसतरहकीटीपणीआपकोशोभानहीदेतीजयसवामिनारायण
#गौमाँ_हत्या_बन्द_करे_सरकार
#Save_Gaumata #FreeTemples
*ओम हर हर महादेव।। जय माँ।।*
🙏🏽🔱⚔️🏹🚩🌞🌳🌷🌼🌻🌺🌴🌿☘🍀🍁
वर्तमान में सनातन धर्म को आपको जेसे धर्म गुरूओ की सख्त आवश्यकता है। जो प्रखर होकर अपने धर्म के लिए बोल सके। सनातन धर्म से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। हम आपके साथ है गुरदेव
आपके चरणों में सादर प्रणाम 👏
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है । हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग 200 सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है ।
हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग २०० सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
परमात्मा को कोई भी इंसान इस दुनिया में नहीं देख सकता, इस लिए वो निराकर हे, मरने के बाद उसके दर्शन होगे फिर वो साकार हे, मगर इस दुनिया में उसकी काल्पनिक मूर्ति बना कर नही पूज सकते , क्यों की उसको देखा ही नहीं , तो बनाया केसे, वो मूर्ति नही बोल सकती,नही चल सकती , अब दूसरी बात परमात्मा कण कण में नहीं बसता, क्या टॉयलेट में भी परमात्मा है? क्या शराब खाने में हे ? क्या गंदी जगह पर हे? अगर परमात्मा हर जगह हे , तो फिर आप पेसाब , टॉयलेट कहा करोगे? परमात्मा के उपर? परमात्मा हर जगह नहीं हे, । मगर उसकी ताकत, पावर, कंट्रोल, हर जगह पे हे। और वो कही भी जा सकता है,
जिस तरह से स्वामी नारायण संस्था ने स्मार्ट प्राचीन भगवा वस्त्र पहनकर लोगों को बेवकूफ बनाया है, लोगों को पता चल जाएगा कि यह हमारी मूल सनातन धारा के विपरीत अपना एजेंडा चला रहा है, उनके सभी मंदिर हमारी आस्था को चोट पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। लोग ऐसा ही सोचेंगे लेकिन यह सच है कि उन्होंने अनंत निर्जीव भगवान शिव को अपना स्वामी दिखाने की कोशिश की है, उनका एक भक्त कलियुग के प्रभाव के कारण किस तरह से अपनी बुद्धि खो चुका है, उनके उल्टे बयान भी इस बात को साबित करते हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि भविष्य में यह लुप्त हो जाये। उन जैसे लोगों के लिए ही बाबा गोस्वामी तुलसी दास ने 500 साल पहले राम चरित मानस में ये लिखा था..की. दंभी ने अपनी मृत्यु के बाद ऐसे पंथ का निर्माण करना शुरू कर दिया है, यानी दंभी लोग अपनी कल्पना के माध्यम से अपना धर्म स्थापित करने के लिए ऐसे पंथ का निर्माण करेंगे..
अब हिन्दू जागो इन कालनेमि से
जय गौमाता
सनातन की शरण में आए सभी लोगों के लिए एक प्रार्थना, चूँकि हम ही एकमात्र भक्त हैं, हमने अपने शास्त्रों का दैनिक मार्ग सीखा है और अपने बच्चों को भी राम चरित मानस गीता श्रीमद्भागवत या उपनिषद की प्रेरणा दी है, यह हमारी शांति और भक्ति है. या फिर आप अधिक पैसा कमाएंगे और आपको सत्य और असत्य में बेहतर समाज मिलेगा, सभी को मेरा प्यार जय सियाराम राधे-राधे हर हर महादेव
@@Face426 tu पागल है क्या ???
आकाश मे ना तो हवा है ना ही कं, तो क्या वहा परमात्मा नही है ????
अनांत्कोटी भ्रहमांड का जो सरुजन करता है जो उनको पालता है, जो उनका संहार करतआ है , वे वहां भी होंगे यहां तुम सोच बी नही सकते
गुरुदेव प्रणाम. बिलकुल सही कहा आपने. आपने अपने शब्दों से क्षत्रिय धर्म को झकझोर दिया. धन्यवाद. धर्म गुरु ऐसा ही होना चाहिए.
ગુરુજી.. મેરા પ્રણામ સ્વીકાર કરે મૈં આપ ચરણો મે કોટી કોટી પ્રણામ કરતાહું 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼જય હો ગુરુદેવ ભગવાનકી. જય સનાતન ઘર્મ કી
A religious teacher should be understandable, peace maker and servant of servant das no das .
He is pushing for trouble by challenging instead of advising the devotees of God to live in peace and Harmony.
Should be ashamed of himself considering A Guru should be a good example to his puppils.
Keeping all Hindus united as a parivar it is the duty of Guru.
We are all sampilo parivar Hindus united irrespective of theirs believes build a bridge.
There is no humiliation in Tilak, picture of Hanuman Bhagvan bow down to swaminarayan or vice versa if your thoughts are pure as divine.
Raji Rejo
@@CRI7T whosoever yu are... You have a lot of gyaan for personal welfare, i wonder if you hv any idea or connection with Sanatan.. Your knowledge is perhaps acquired via perceptions borrowed from "poorvaagrah"... I admire you for taking time and typing such an elaborate response. Its a free and freewheeling country and you, sir, have proved it well.
Goi to the point regarding the above video stop being ignorant this what your guru teaches anger does not suit a sadhu what can we expect from their pupils.
महाराष्ट्र शिर्डी वाले साईं बाबा को भी हर प्रकार से दुकान और होटल में घुसेड़ दिया है ठीक उसी तरह जैसे बांग्लादेशी घुसपैठिये हर राज्यों में,,,,,,😂
परमाराध्य जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज ज्योतिष पीठाधीश्वर महाराज की जय हो। आपके श्रीचरणों में सादर प्रणाम।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Swaminarayan Jai Swaminarayan
श्री गुरुदेव के चरणों में सत सत नमन
🙏🏻🚩
जय गुरुदेव
धार्मिक कुरीतियों के प्रति सावधान करना बहुत जरूरी है
सद्गुरु शरणम् 🙏
Same type like Maharashtra Shirdi Sai Baba 🤣,,,,
जय सियाराम यदि कोई धार्मिक गलतफहमी है तो उसे दूर करना चाहिए लेकिन सनातन धर्म के शांतिपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए
श्रीराम ,,,,✅
सियाराम,,,,,,✅
लेकिन अब तो ,,,,,,
साई बाबा🧔 को साईं राम🤣 कहने लगे हैं,,,,,
चांद मियां को भी हर प्रकार से दुकान और होटल में घुसेड़ दिया है ठीक उसी तरह जैसे बांग्लादेशी घुसपैठिये,,,,,
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था।
अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया।
इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
@@drketanlimbachiya784तेरा ज्ञान नपुंसकतावादियों वाला है
गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि नमन ❤❤
તારા. બાપ. ના. બાપે. ્હનુમાનજી. ને. બેસાડ્યા
તો. પછી. તું. ભગવાન. થયજા
સનાતન. વાડા. સનાતન. ના. ટાંટીયા. કાપે. છે
જય. સ્વામિનારાયણ
જય. સ્વામિનારાયણ. જય. સ્વામિનારાયણ જય. સ્વામિનારાયણ
It's eye opening and every Gujarati should listen this....vedo and શાસ્ત્રો વાચો
I am a devotee of swaminarayan and read Bhagvat Guita, Ramarayan, garun Puran, Mahabharat, etc
Please recommend reading vachnamrut Bhagvan swaminarayan ne vanri ,shikshapatri, hari sharithram saghar katha , Gopaland swami, explore your knowledge before going into debate 200 years have evidence of scriptures in varthal .
Be humble and educate yourself to have a good knowledge e.g.
Gopaland swami Hanuman Bhagvan me Murti pratistra kariu in Saranpur since then the tilak is there why all this controversy. now.
That is enough
@@CRI7T did I say any word out there?? ..don't preach me about knowledge gaining...rather than educating your sadhu first for quoting fake and malicious stuffs about god/goddess....mahadev
Our Sadhus always respect all you must misinterpret ir misunderstood read the scriptures of swaminarayan so you will understand clearly .
Hanuman is reincarnation if Mahadev I am also devotee of Hanuman.
Stop all non sense rubbish talk.
@@CRI7TIf your sect respects all people then why did you ban animal sacrifice and cremation ground worship in Hindu temples and cremation grounds in Gujarat? Your sect is intolerant and bigoted
@@CRI7TWhich version of Bhagvad Gita, Garud Purana etc did you read? The Swaminarayan version?
Swaminarayan bhagwan the, hai aur rahenge....
🙏 संकराचार्य महाराज की जय आप जैसे स्पष्ट वादी ही धर्म की रक्षा कर सकते है
अब समय आ गया है हमें सब को छोड़ कर फिर चारों संकराचार्य के दिशा निर्देश पर चल कर ही धर्म की रक्षा कर सकते है बाकि सब तो अपनी झोली भरने मे लगे है 🙏
सनातनी ही सनातन के विरोधी क्यों है,और क्यों हुए ..... इस पर सनातनियों को अवश्य संज्ञान लेना चाहिए।
महाराज जी की जय 🌼🌺💐🙏🙏🙏
अपने स्वार्थ के लिए। सब अपने अपने मठों में मठाधीश बनने के लिए 🙏🙏🇮🇳🇮🇳
महाराष्ट्र शिर्डी साईं बाबा 😂,,,,
गठबंधन की कमजोर सरकार,,,, और गठबंधन के भगवान,,, साईं बाबा 😂 साई ख़ान
@swadhyay भारत खंड मे अंदर ही अंदर राजा- महाराजा झगड़ रहे थे और उनकी प्रजा को भी हद से ज्यादा बहुत ही हैरान किया जा रहा था।
चारो तरफ अधर्म बढ़ रहा था।
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है की जब अधर्म हद से ज्यादा बढ़ने लगेगा तब वो ख़ुद या फिर किसी के द्वारा धर्म की स्थापना करेंगे।
और फिर कई सालो बाद अंग्रेजों ने भी जुल्म शुरू किए तो freedom fighters के रुपमें अंग्रेजो को भी भगवन ने भगाया।
और रही बात स्वामिनारायण भगवान की तो उन्होंने उस समय के जो अच्छे अफसर थे सिर्फ उनसे ही मुलाकात की है और शिक्षापत्री दी है क्योंकी स्वामिनारायण भगवान भी धर्म की स्थापना करने हेतु ही पृथ्वी पर आए थे।
किसी को कुछभी बोलने से पहले एक बार उनका इतिहास, उनका हेतु अच्छी तरह पढ़ो और समझो।
@@AkashPatel-z9k Jai shree Swami narayan
@swadhyay why Krishna allowed killed thousands of people on war?? How he is God?? How Ram allowed Sitta ma to Canvas and hard life?? Why Ram didn't stop Ravan of Sitaharan? How he is God?
You don't know about swaminarayan so better keep quiet and read shastra of swaminarayan... British government don't return sixapatri even offer million $$$ by samprday??? They know what is value of sixapatri
प्रणाम गुरुदेवजी सनातन धर्म की जय आपने बिलकुल सही कहा है हम आपके साथ हैं
❤❤😮
परब्रम्ह नारायण सब जीवो के स्वामी है
परब्रह्म नारायण सभी ईश्वरो के स्वामी है
परब्रह्म नारायण महामाया के स्वामी है
परब्रह्म नारायण ब्रह्म - अक्षरब्रह्म के स्वामी है
परब्रह्म ही सर्वोपरि है इसीलिए सबका स्वामी है है इसीलिए उन परब्रह्म नारायण को सबका स्वामीनारायण कहा गया है
जय स्वामीनारायण
जो परब्रह्म नारायण सबके स्वामी है उन्ह्र इसी लिए स्वामीनारायण नाम से पुकारते है
दंभीहि निज मत कल्पी करी प्रगट किन्ह बहु पंथ ॥
परब्रह्म का कोई आकार नही होता, लेकिन आप लोग तो मूर्ति पूजा कम्पलसरी मानते हो, बिना मूर्ति के भगवान को मानना आप पाप मानते हो, ये सनातन के सिद्धांतों के विपरीत है। और स्वामी शब्द मतलब पति, ऑनर, या मालिक होता है लेकिन ये शब्द इंसानो के लिए उपयोग होता है, भगवान के लिए नही।
Har har Mahadev
Swami Shree is the most appealing ; not because of his deep and vivacious style but because of his most accurate grip on Hindu shastras and Pooja padhti. He symbolises and gives vocal style to eternal truth whenever and whreesoever it is needed
Eternal truth embodied in Hindu sanatan Dharma needs manifestation and manifestation should not be in wrong direction. It is his staunch appeal and every sanatan dharmi accepts is whole heartedly.
Swami Shree is Shankaracharya and not ordinary speaker or ordinary welfare ridden personality
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था।
अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया।
इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
शास्त्रार्थ कीजिए
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श्री सदगुरु चरणारविन्दो जयति। अनन्त कोटि नमन।
धन्यवाद आभार अभिनन्दन कृतज्ञता वंदन सम्मान व्यक्त करते हैं आपका।
Very true I want M No of Mr Prashant Pandya in favour of Sanatan Dharma K J Tank
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है । हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग 200 सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
जय जगननाथ। जय कल्कि भगवान। जय समस्त ऋषि मुनियों की। जय सनातन धर्म। जय आदिगुरु शंकराचार्य जी की
मैने जब पेहली बार दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर अपने माता पिता के साथ देखा तो मैं प्रसन्न था लेकीन जैसेही मैंने मंदिर के गर्भगृह मे देखा तो मुझे भी बोहोत बुरा लगा की सारे देव देवता पीछे और भगवान विष्णू या भगवान कृष्ण की नही स्वामीनारायण की मूर्ति मध्य मे थी....मैने वहा के management से पूछने पर भी कोई जवाब नही मिला. काफी वेदनापूर्वक था ये सारा दृश्य. सनातन धर्म सत्य है...सत्य हि सनातन है फिर ऐसे विकृत विचारधारा को कैसे खत्म् करे इसपर ध्यान देना चाहिये.
जिसका मंदिर हो उसकी मूर्ति मध्य में स्थापित की जाती है।
मंदिर यदि हनुमानजी का हो तो बीच में भगवान कृष्ण या शिव की मूर्ति बीच में नहीं होती है । तो जिसका मुख्य मंदिर हो उनकी ही मूर्ति बीचमे होती है इतनी बुद्धि आप में होनी ही चाहिए आपको मैनेजमेंट से पूछने का कोई अर्थ ही नहीं है। जैसे विवाह में वर-कन्या बीचमे और अनवर उनके बाजू में होते है बिलकुल वेसे ही। अपेक्षा है कि आप समजदारी की बात करे और समझे।🙏🏻
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था।
अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया।
इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
सत्य कहा। बेकार है यह कल्ट स्वामीनारायन। बेकार
@@jyotivyas9286 अंजली की बहन जली.....
कीसीने अपमान नही कीया है स्वामीनारायण एक पंथ है इसका डंका मूसलीम देशो मे बजता है आपस मे लडाने का काम नही करना चाहिए
Muslim desh jaye tel lene, hame kya. Sanatan me adharm nahi chalega
To musalmaan sathe chale am hase
@@ykd0011 gandu adhrm ka Matlab bhi malum hai....? 😄
@@ykd0011 right
जय हो जगतगुरु शंकराचार्य जी को दंडवत प्रणाम
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है । हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग 200 सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
परम पूज्य श्री महाराज जी के श्री चरणों में सादर दंडवत प्रणाम है 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Jai Swaminarayan
सर्व मानव कल्याण के लिए अत्यावश्यक मानवता को बढ़ावा देनेवाले महान निष्पक्ष विचारो और मार्गदर्शन के अखंड सात्विक प्रवाह को कोटी कोटी प्रणाम!🙏🌹
महाराज जी हम सब हिंदू आपके साथ है जय श्रीराम🚩
Per shankRacharay ji aap sab sanatani jab itana pani sipper se gujar gaya tab ab ye sab bolte ho...jab Loha garam tha tab hathoda kyo nahi mara ...to itana failta hi nahi na sawami narayan ka ugane hi nahi dena tha na kyo soye rahe sab log
@@malinisaboo6414 हम दक्षिण भारत महाराष्ट्र मे रहते है हमारे यहा स्वामीनारायण संप्रदाय नही है ऊस संप्रदाय का हमारी यहा प्रचार नही हुआ और नही हमने होने दिया हमारे यहा वारकरी संप्रदाय है
गुरुजी दण्डवत प्रणाम ये लोग गुरुजी को ही भगवान समझ लेते हैं। गुरु की अपनी महत्ता है और भगवान की महत्ता अलग है।🙏🙏
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था।
अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया।
इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
महात्मा जी हिंदू संप्रदाय को आपस में मत लड़ाइये जयश्रीराम।
महात्मा जी पहले चांद मियां को मंदिर से बाहर करिए फिर हिंदू मठों को कोसना।जय श्रीराम
Aur aap ese politics me jude hue maharaj ko hi Guruji samaj lete hai.
नमन शंकराचार्य जी आज काल ये गुजरात मे कूच गुजराती समुदाय baps aur जैन धर्मगुरू की दादागिरी बहोत बड रही है शिवलीलामृत मे जैन धर्मगुरू को आदि शंकराचार्य जी ने वादविवाद सपर्धा मे कैसे परास्त किया था इस्का विस्तृत वर्णन हे आज इन घरभेदी धर्म की वजह से सनातन क्षतिग्रस्त हो रहा है यही लोग सरकार चला रहे है
गुरुजी... शंकर आचार्य आपके जैसेही स्ट्रॉंग होने चाहिये.
Vides ma pan sanatan dharm jay ho jay shree swaminarayan
परमपूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम ।
Sanatan dharm me Devi devatao par kisi ka koi kopy right to hai nahi. ....
@@mangalswami9378
Hanuman ji Sahajanand ji ke bhakt nhi Ram ji ke bhakt the . Ye sab shastra viruddh karya band kijiye. Nhi toh Hanuman ji hi aap log ko swayam dand denge
True...aaj swaminarayan dharm ka galat bol key usko aur auske followers JAN se marne ki baat kar rahe hey...kal muslim ko bolenge aur parso aur kisi dusare ko ...kya Hindu dharm kisi ko mar ne ki Baat karta hey??? YE MAHASAY TO SWAMINARAYAN SHant aur UNKE follower ko bhi marne ki baat kar rahe hey
Esa hindu sanatan ke GURU ho hi nai sakte jo dusare ko marne ki baat kare....
@@mangalswami9378 Yes. No one has copy right on our devatas. So no one should try to impose their sectarian symbols on our devatas. Only Tilaks that are mentioned in Puranas must be used, not anything that they wish.
WE ARE BLESSED SHANKRACHARYAJI . TRUTH CAN'T BE CHANGED
जय सनातन सही बात है सनातन सत्य कभी बदल नहीं सकता
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है ।
हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग २०० सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है। अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
@@kobibataka8634पापड़ तो तुमने सेक रखें हैं धूर्तों, हमारे हनुमान जी महाराज को तुम्हारे तथाकथित लोगों के समक्ष शीश झुकाया हुए प्रदर्शित कर। और बेटा उसे ऐश्वर्य नहीं प्रताप कहते हैं।
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था।
अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया।
इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
जिस तरह से स्वामी नारायण संस्था ने स्मार्ट प्राचीन भगवा वस्त्र पहनकर लोगों को बेवकूफ बनाया है, लोगों को पता चल जाएगा कि यह हमारी मूल सनातन धारा के विपरीत अपना एजेंडा चला रहा है, उनके सभी मंदिर हमारी आस्था को चोट पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। लोग ऐसा ही सोचेंगे लेकिन यह सच है कि उन्होंने अनंत निर्जीव भगवान शिव को अपना स्वामी दिखाने की कोशिश की है, उनका एक भक्त कलियुग के प्रभाव के कारण किस तरह से अपनी बुद्धि खो चुका है, उनके उल्टे बयान भी इस बात को साबित करते हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि भविष्य में यह लुप्त हो जाये। उन जैसे लोगों के लिए ही बाबा गोस्वामी तुलसी दास ने 500 साल पहले राम चरित मानस में ये लिखा था..की. दंभी ने अपनी मृत्यु के बाद ऐसे पंथ का निर्माण करना शुरू कर दिया है, यानी दंभी लोग अपनी कल्पना के माध्यम से अपना धर्म स्थापित करने के लिए ऐसे पंथ का निर्माण करेंगे..
अब हिन्दू जागो इन कालनेमि से
जय गौमाता
सनातन की शरण में आए सभी लोगों के लिए एक प्रार्थना, चूँकि हम ही एकमात्र भक्त हैं, हमने अपने शास्त्रों का दैनिक मार्ग सीखा है और अपने बच्चों को भी राम चरित मानस गीता श्रीमद्भागवत या उपनिषद की प्रेरणा दी है, यह हमारी शांति और भक्ति है. या फिर आप अधिक पैसा कमाएंगे और आपको सत्य और असत्य में बेहतर समाज मिलेगा, सभी को मेरा प्यार जय सियाराम राधे-राधे हर हर महादेव
भगवान हमारे पूर्ण है। यहस्वामी एक शंख था तो उसको बड़ा बना दिया। पैसों का खेल है सारा
सभी हिंदुओं को सनातन वैदिक धर्म में उल्लेखित परमब्रह्म परमात्मा शिव, विष्णु, दुर्गा, गणेश, सूर्य कोई छोड़कर किसी अन्य की पूजा करनी ही नहीं चाहिए और नहि किसी को ईश्वर मानना चाहिए।
Aap mahan hai guruji
कोटि कोटि प्रणाम 🙏
जय श्री राम , हर हर महादेव 🕉️🚩
परमात्मा ब्रह्मा , परमात्मा विष्णु , परमात्मा शिव है परमात्मा त्रिदेव और परमात्मा त्रिदेवी है 🕉️🚩🙏
જય શ્રી કૃષ્ણ,
જય શ્રી રામ,
જય ભોલેનાથ,
જય માતાજી
સત્ય સનાતન ધર્મ કી જય હો
😂😡 *સ્વામિનારાયણ ની કુંડળી*
*જુની આખી શિક્ષા પત્રીમા ક્યાંય સ્વામિનારાયણ નો કે સંપ્રદાયનો કોઈ ઉલ્લેખ નથી આ બધુ તુત ગઢડાથી ઉભુ કર્યુ છે ઘનશ્યામભાઈ (એટલે સ્વામી) અને જેતપુર વાળા નારણભાઈ મોચી (એટલે નારણભાઈ જે ઘનશ્યામભાઈ નો જોળીયો ઉપાડનાર જે ધનશ્યામના ઉતરેલા કપડા પહેરતા ટુકમા રોટલા માટે સાથે રખડતો વ્યક્તિ જે નારાયણ બની ગ્યો) આ બન્ને ગુજરી ગયા ત્યારે બન્ને રખડતા સાધુ સમજીને લોકોએ સમાધી આપી એ જગ્યાનું નામ છે સ્વામિનારાયણની સમાધી પછી પછળથી આ તુત ઉભુ કર્યુ આયોજન પુર્વક લોકોને છેતરવાનુ બ્રેન વૉશ કરવાનુ શરુ કર્યુ સંપ્રદાયની જમાવટ જોઈ છપય્યા ખબર પડી એટલે ઘનશ્યામભાઈ ના દીકરાઓ ગુજરાતમા આવ્યા અને વારસદાર તરીકે દાવો મુક્યો ગુજરાત હાઇકોર્ટ મા વર્ષો સુધી કેસ ચાલ્યો (આ વાતમા શંકા હોય તો ખાતરી કરવાની છુટ છે)છેલ્લે ચુકાદો વારસદારના તરફેણમા આવ્યો ગાદીએ તેજેન્દ્ર બેસી ગયો પીતરાઈ ભાઈ અજેન્દ્ર હજી ગાદીમાટે લડે છે ત્યારે આ બાજુ યોગી હતો એ ગુજરી ગયો હતો પણ એના બે અંગૂઠાછાપ ચેલા હતા ચંદુભાઈ ઉર્ફ નારાયણ સ્વરૂપ એજ પરમમુર્ખ પ્રમુખ અને હરિભાઈ (સોડા હરિપ્રસાદ) બન્નેને કોર્ટે હુકમ કર્યો તમે કોઈ પણ જગ્યાએ સ્વામિનારાયણ મંદિર કે ટ્રસ્ટ નામ નહી આપીશકૉ એટલે આ બન્નેએ baps બોચાસણ વાસી અક્ષર પુરુષોત્તમ સંસ્થાન ના નામે ભગવા પહેરોને નવી દુકાન (ફ્રેન્ચાઈઝી) શરુ કરી જમાવટ જોઈ થોડાજ સમયમા ગુંડા ચંદુભાઈ એ હરિભાઈને લાતમારી ને કાઢી મોક્યો એની સામે સોખડા બનાવ્યુ અને એકે સ્ત્રીઓનુ મોઢુ ના જવુ તો બીજાએ સ્ત્રીઓ ને એન્ટ્રી આપી અને ધતિંગ ચાલે છે આ બધો પૈસાનો જ ખેલ છે ધર્મ ક્યાંય નથી ટુકમા અત્યારે સંપ્રદાય ના આઠ ફાટા છે એક્યેયને એક બીજાને જયશ્રીકૃષ્ણ કરવાનો પણ સબંધ નથી આસત્ય હકિકત છે તપાસ કરવાની છુટ છે જય સનાતન જય ભોલેનાથ હરહર મહાદેવ*
ભાઈ, ગુજરાત માં આ સ્વામિનારાયણ ના લોકો નો ભાંડો ફોડવો પડશે.
स्वामीनारायण संप्रदाय के लोगों का कहना है कि हम सनातन धर्म का हिस्सा हैं इसलिए हमें सनातन धर्म के ग्रंथों के आधार पर शांतिपूर्ण बातचीत करके इस प्रश्न का समाधान करना चाहिए।जय सनातन जय सियाराम जय शिव शक्ति जय राधे कृष्ण
और एक संप्रदाय है, वो भी कहता है कि खुद सनातन उससे निकला है। उनके भी अपने देवी देवता हैँ जो उनकी मूर्तीयोँ मेँ भगवान श्री हरि विष्णू, शिव, माता पार्वती और गणेश को अपने पैरोँ के नीचे कुचलते हुये दिखाये जाते हैँ।
ऐसा ही मिलता जुलता दावा BAPS वाले अपनी किताबोँ मेँ करते है फिर ये भी कहते हैँ हन सनातन का हिस्सा हैँ? दरअसल वो ये कहते हैँ कि सनातन उनका दास है।
Kab bola
@@merchantofsurat जय स्वामीनारायण
BAPS सिखाता है कि
सबसे प्राचीन एवं सर्वसंतोषजनक सेवा धर्म सनातन धर्म है।
BAPS सिखाता है कि हम भगवान के सेवक हैं और भगवान के भक्त के भी सेवक है .
इसलिए दुनिया भर के लोग इसे पसंद करते हैं
@@drketanlimbachiya784lekin Swami Narayan koi bhagvan nahi hai
ham bas voh Sri Krsna ek chote se bhakta hai
Skanda Purana, Part 2 - Vasudev Mahatmya, Chapter 18, Verses 42-44:
Maya Krushnen nihataaha Saarjunen raneshu ye|
Pravartyishyantya suraanste tva-dharm yadaa kshitau |42|
Dharmadevaat tadaa murtau Nar-Narayanaatmana|
Pravruttepi kalau brahman bhutvaaham saamago dwijah |43|
Munisha-paanrutam praptam sarshim janakmatmanaham|
Tato-vitaa gurubhyo-aham saddharmam sthaapayannaj |44|
Arjun and I (Krishna) have defeated evil demons, and I have gifted them moksha if they have died seeing Me or at My hands. Those, who died with evil intent in their hearts will be born in Kali yuga and wreak havoc. At that time, after the curse of Durvasa to Nar Narayan, I will be born in Kali yuga as a Samvedi brahmin. I will vanquish all evil and establish righteousness, while protecting all the rishis, my mother Bhakti, and my father Dharma.
સનાતન ધર્મની જય હો ગુરૂ દેવ માતાજી નેં સ્વામીનારાયણ વાળા સાધુઓ ગાળો આપે છે
Gurudev aap ko pranam 🙏 aap hamare hridaya ki bat bol diya jai shree ram 🙏🛕
अति उत्तम
पूज्यनीय गुरुदेव के श्री चरणो मे सादर प्रणाम
गुरु श्री के चरणो में कोटि कोटि प्रणाम।
प्रभु जी एक सवाल मुझे भी पूछना है कि केरल प्रदेश में होली दिवाली तथा और अन्य सनातन धर्म के त्योहार लोग उत्साह से क्यों नहीं मनाते?क्या शास्त्रों में इसका कोई विवरण है या फिर यह अंग्रेजो की कूटनीति की वजह से हुआ ?
आपके श्री चरणों में मेरा दंडवत प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐
हर हर महादेव 🙏
परमपूज्य गुरुदेव भगवान को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🌹🌹🙏
પરમ પૂજ્ય સંત કે ચરણો મે કોટી કોટી વંદન જય શનાતન ધર્મ
🙏🙏 धन्यवाद शंकराचार्य जी 🙏🙏
ऐसी सभी समस्याओं का एक। मात्र हल एकं सनातन भारत दल।। मेरा वोट इस बार एकं सनातन भारत दल को ही जायेगा।।
Mera bhi
सारंगपुरके उस स्वामीनारायण मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह भगवान स्वामीनारायण के संत पूज्य गोपालानंद स्वामीने प्रतिष्ठित कि है ।
हनुमानजी की इस मूर्ति में ऐसा ऐश्वर्या है कि पिछले लगभग 200 सालसे संसार में जो लोग भूत प्रेत पिशाच आदि के दुखों से पीड़ित होते हैं वह वहां जाकर उन दुखों से मुक्ति पाते है।
अब जब हनुमानजी खुद अपना दिव्य-ईश्वर्य वापस नहीं खिंच रहे हैं, जब हनुमान जी को खुद को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप क्यों हनुमानजी के नाम पर अपना पापड़ सेक रहे हो ?
@@kobibataka8634 भाई ना तो मैं बजरंगबली जी के विरुद्ध हूं। ना मैं स्वामी नारायण जी के विरुद्ध हूं। मैं तो स्वामी नारायण जी के नाम से जो कल्ट तैयार किया गया है उसके विरुद्ध हूं। उनके तथाकथित फोलोवर जय स्वामी नारायण जी को भगवान बना दिया है। और सनातन धर्म पर आघात किया है। मैं तो अपने धर्म के साथ हूं। और धर्म की लड़ाई लड़ने के लिए एक पार्टी का गठन हुआ है जिसका नाम है एकं सनातन भारत दल उसके साथ हूं।
Bhai very true , Jay SHREE SWAMINARAYAN ❤️ @@kobibataka8634
@@kobibataka8634random brain washed guy😂
जय सद्गुरू 🌹🙏
जय सनातन 🌹🙏
सनातन धर्म की जय सत्य की जय हो असत्य का नाश हो धर्म में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो।
आपको कोटि कोटि प्रणाम।जैन संप्रदाय मेें भी ऐसी बातें चलाई जाती है कि कृष्ण अभी नर्क में है और रामने जैन दीक्षा ग्रहण की थी ।वे रावणको हीरोके रुपमे पेश करते हैं।औरभी क ई उटपटान्ग बातें करते हैं।उन्हें भी चेतावनी देनेकी कृपा करें ।
Om name Narayan koti Koti vanadan Jay gurudev
Om namo Narayan
Gurudev ke charno me koti koti pranam
🌷🌷👏👏 स्वामी जी महाराज की जय हो
સનાતનધર્મ છે. સ્વામી નારાયણ સંપૃદાય છે 🎉🎉🎉જય સનાતની.
🌺🙏🚩
पुज्य जी,
हमें तो परेशान वो कर रहा है जो अपने को सनातनी कहते हुए सनातन धर्म पर कटाक्ष करते हैं।
संभवतः विधर्मियों को लगने लगा है कि सनातन वंशजों में जागरूकता बढ़ रही है और अब उनका स्तित्व मिटने के कगार पर है 🙏
🙏राम-राम जी 🙏 🚩
आदरणीय शंकराचार्यजी,
वासुदेव महात्म्य मे ऐसा स्पष्ट रुप मे लिखा है की स्वामिनारायण भगवान पृथ्वी पर प्रगट होगे ।
तो फीर आप ऐसा झूठ क्यु फेला रहे है की कही पे भी नहीं लिखा हुआ।
क्या वासुदेव महात्म्य गलत है??????
असली बात तो यह है कि सनातन धर्म मे कम समयमें सबसे ज्यादा विकास किया हो ऐसा कोई संप्रदाय हो तो वो स्वामिनारायण संप्रदाय ने किया है और स्वामिनारायण संप्रदाय की प्रगति आप लोगो से देखी नहीं जा रहीं हैं।
अभी कुछ दिनो पहले गुजरात की एक city मे मुसलमानो का ताजिया DJ लेके रात के 10:00 बजे निकला और उन लोगोने हमारे शिवजी भगवान के मंदिर के आगे खड़े होकर आधा घंटा DJ बजाया और उनके उर्दू भजन बजाए। तब वहापे तो कोई सनातनी उनको रोकने के लिए मंदिर मे से बहार नहीं आया। उस समय क्यू कोई सनातनी ने मंदिर से बहार आ कर के DJ बंध नहीं करवाया???
क्योंकि सनातनी मे मुसलमानो से लडने का दम ही नहीं हैं। सनातनी इतना कमजोर है की अपने ही मासूम सनातनी भाई को मारकर राजा बनना चाहता है। उसमे मुसलमानो से लडने की हिम्मत ही नहीं हैं।
अगर निंदा करनी ही हो तो एक बार international level पे मुसलमानो की निंदा करके दिखाओ।
आपके पिछवाड़े मे इतना दम ही नहीं हैं की आप मुसलमानो की निंदा international level पे कर सके।
जीवनमे कम से कम एकबार इसपे सोचिएगा जरूर।
🙏🏻जय श्री राम🙏🏻
पूज्य गुरुजी के चरणों में बारंबार प्रणाम🙏
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था।
अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया।
इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
Gurudev ki jay
स्वामी नारायण या इस्कॉन जैसी कम्पनियो को भारत से भगाना होगा।शंकराचार्यो के सानिध्य मे संगठित होकर शंकराचार्यो को जन समर्थन देकर मजबूत कर सनातन धर्म की रक्षा करे।
Har Har Mahadev ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
सत्य का जय हो जाएगा
जय श्री स्वामिनारायण नमस्कार गुरू जी प्रणाम स्वीकार
स्वामी विवेकानंद का नाम तो बचपन से ही सुना है लेकिन,,, स्वामी 😂 नारायण,,,
पहली बार सुना है,,,,,
ठीक उसी तरह जैसे महाराष्ट्र वाले साईं 🧔बाबा साइ 🤑खान को ,,
गठबंधन के भगवान साईं बाबा,,,
अमर अकबर एंथोनी फिल्म की पैदाइश वाले,,,,
हर हर महेश्वरा 🙏🏻🌹
Vah shankracharayji vah sahi kaha shanti se kah diya badi baat hai aap ke prati samman badh gaya shree sankracharaya ji ke charano me anant koti dandvat pranam
JAGATGURU JI KO AADAR SAH PRNAAM🙏🏻
परम आदरणीय महाराज श्री,दंडवत प्रणाम ,,, जिस चित्रावली की बात हुई है वो अभी निकाल दी गई है,!!
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🔱🌻💐🌺🌷🏵️🕉️🥀🌼🪔🚩🌹 શિવ સ્વરૂપ જ્ઞાન સ્વરૂપ ભક્તિ સ્વરૂપ આદિ જગતગુરુ શંકરાચાર્ય સ્વરૂપ સદગુરુ ભગવાન દત્તાત્રે સ્વરૂપ શ્રી શ્રી 1008 પદ્મવિભૂષિત પરમહંસ ધર્મ સમ્રાટ સ્વામી અવિ મુક્તેશ્વર આનંદ સરસ્વતીજી મહારાજના ચરણ કમલમો કોટી કોટી દંડવત નમસ્કાર 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐🔱💐🔱🪔🌷🏵️ શિવ શિવ શંભુ હર હર મહાદેવ શ્રી રામ જય રામ જય જય રામ 🙏🏻💐
जय सर्वोपरि सत्य सनातन
जय संत श्री धनश्याम पांडे
😂 महाराष्ट्र शिर्डी वाले साईं बाबा को हर प्रकार से दुकान और होटल में घुसेड़ दिया है ठीक उसी तरह जैसे बांग्लादेशी घुसपैठिये हर राज्यों,,,,,😂
चांद मियां 😂 साईं बाबा
આદિ...
જગતગુરુ શંકરાચાર્યજી
કે...પાવન.ચરણો.મે....
કોટી કોટી પ્રણામ
Om Namo Narayana 🙏🙏
Jay swaminarayan
Hijda aavigya
Gujrati kutte 😂
वैदिक सनातन धर्म के रक्षक हमारें समस्त आचार्यगण एवं शंकराचार्य के पद पर बैठे महानुभावों को चाहिए कि - वह धर्म की शिक्षा उपनिषदीय ऋषि-मुनीजनों के ज्ञान गरिमा के आधार पर ही करें ।
जब सत्य अपनी पथ से विमुख हो जाए , तब असत्य का बहुत मार्ग निकल आता है । आज वही हो रहा है ।
असत्य के राह पर सभी चल पड़े हैं । अपनी अपनी ढफली , अपनी अपनी राग ।
जिस कारण से सनातन से धर्म-च्युत होकर क्रिश्चियनिटी का जन्म हुआ , इस्लाम का जन्म हुआ और सनातन भारत का भी विभाजन हुआ । क्योंकि सनातन धर्म के रक्षक ही भ्रष्ट हो चुके हैं । 😢😢
एक आध्यतिम व्यक्ति के चहेरे से जितना तेज उभरता हे उतना हे नाही आपके चहेरे पे
फेसवोश वोश रगड के चहेरा चमका ने वाले साधु नहीं है ये साक्षात शंकर भगवान है।
ધન્યવાદ ગુરુજી તમારી સચ્ચાઈ ને
Aap khul ke sach bolte he..naman apko
ॐ नमो नारायण।।🌹🙏
सत्य विश्लेषण किया है
प्रणाम
mai aise guru ji ko barmbar namaskaar karta hu.🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हर हर महादेव, जय गुरुदेव🚩🛕🙏
Swamiji apko hamara pranam
200 sal pahele jis murty ko gopalanand swamine pran pratishtha ki gayi hai
Ab Tilak ki bat AJ 200 sal ke bad kyu aayi
Kyun ki 200 saal pehle tera bap dekhne nhi gya tha lekin me aaj ki murti pe dekh sakta hu jo nhi bani hai
जय जय श्रीराम गुरुजी सनातन धर्म की जय हो ।
Koti koti Naman Gurudev
Jai sree mahakal
Jay mahadev🙏
आप स्वामी अभिमुक्तेष्वरानंद जी शंकराचार्य सनातन धर्म की धर्म संसद के प्रधानमंत्री है। आप बातो का पूरी दुनिया अनुशरण करती है। आप पूजनीय है। प्रणाम करता हूं।
जय माँ विंध्यवासिनी 🌸🌸🌸🙏
श्रीनाथे जानकीनाथे अभेद परमात्मने तथापि मम सर्वस्वं रामः कमल लोचनं ।
Ham aapke sath hai
Jay swaminarayan Jay swaminarayan Jay swaminarayan Jay swaminarayan Jay swaminarayan Jay swaminarayan
परब्रम्ह नारायण सब जीवो के स्वामी है
परब्रह्म नारायण सभी ईश्वरो के स्वामी है
परब्रह्म नारायण महामाया के स्वामी है
परब्रह्म नारायण ब्रह्म - अक्षरब्रह्म के स्वामी है
परब्रह्म ही सर्वोपरि है इसीलिए सबका स्वामी है है इसीलिए उन परब्रह्म नारायण को सबका स्वामीनारायण कहा गया है
🌹जय स्वामीनारायण🌹
સ્વામીનારાયણ તમારા મનનો “ભ્રમ” છે
(ભ્રમ એટલે ખોટીધારેલી) 😅
😂😂😂
Boliwood ni films no virodh karo aesi jijanse
Kyu nahi bole?
જય શ્રી રામ જય હનુમાન જય શ્રી કૃષ્ણ
🙏🕉🚩जय जय श्री सीताराम गुरुवर 🚩🕉🙏
ઘેર ચાલી આવ્યા બ્રહ્મમોલ વાસી રે જેને કહે છે અક્ષરાતિત અવિનાશી રે જુઓ જીવ મોહ નિંદ્રા માંથી જાગી રે વળી એને થાઓ અખંડ સોહાગી રે જોતા વાટ આવી મારે જાન રે પોતે વર પુરુષોત્તમ ભગવાન રે જય સ્વામિનારાયણ
😂😂😂