Shri Satya Dev Pathak Sr. DSTE /LJN is being awarded with 'Ati Vishisht Rail Seva Puraskar' - 2023

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  • เผยแพร่เมื่อ 9 ม.ค. 2025
  • श्री सत्यदेव पाठक ,वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने अपने नवोन्वेषी तरीकों से रेल राजस्व में बचत कराई। इन्होंने मेंटेनेंस के उच्च कोटि के पद्धति को अपनाकर ट्रेन संचालन में संरक्षा को सुदृढ़ किया ।इन्होंने नान इंटरलॉकिंग कार्यों के समय संरक्षा के उच्च कोटि के मानकों क पालन करते हुए अधिक से अधिक सिगनलिंग व्यवस्था सुनिश्चित की ,जिससे कि नॉन इंटरलॉकिंग कार्यों के दौरान भी ट्रेन परिचालन न्यूनतम प्रभावित हुआ। श्री सत्यदेव पाठक सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग में अपने नवोन्वेशी तरीकों को अपनाने के लिए जाने जाते हैं, और उनके इस दृष्टिकोण से ट्रेन परिचालन , संरक्षा और राजस्व बचत सभी क्षेत्रों में उत्तरोत्तर प्रगति हुआ है। श्री सत्यदेव पाठक, बेहद मृदुभाषी और मिलनसार व्यक्तित्व के उत्कृष्ट रेलवे कर्मी हैं और श्री पाठक उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के मूल निवासी हैं।
    श्री सत्यदेव पाठक का संक्षिप्त परिचय
    (1)वर्तमान पद- वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर लखनऊ मंडल पूर्वोत्तर रेलवे
    (2)बैच -भारतीय इंजीनियरिंग सेवा 2009( ऑल इंडिया 3rd रैंक)
    (3)रेल सेवा में आने का वर्ष-दिसंबर 2010
    (4)रेलवे में उनके द्वारा धारित विभिन्न पद-
    सहायक मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर वाराणसी,
    मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर लखनऊ,
    वरिष्ठ मंडल सिग्नल दूरसंचार इंजीनियर लखनऊ,
    वरिष्ठ मंडल सिग्नल दूरसंचार इंजीनियर गति शक्ति लखनऊ।
    (5)रेल सेवा में आने से पूर्व अन्य विभागों में किए गए कार्य-
    इसके पूर्व इन्होंने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड में जूनियर मैनेजर के रूप में तथा भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा 2007 में 17वीं रैंक पाकर इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्री सर्विस में नागपुर में कार्य किया।
    (6)रेलवे में रहते हुए इनके द्वारा अन्य क्षेत्रों में किए गए सराहनीय कार्य-
    (a)श्री सत्यदेव पाठक बहुत ही अच्छे लेखक, कवि और गीतकार हैं। इन्होंने पिछले दो साल में बहुत सारी प्रेरणादाई, विभिन्न विषयों पर कविताएं लिखी।
    (b)इनके द्वारा 2022 में पूर्वोत्तर रेलवे की गाथा और उसके विभिन्न स्टेशनों, विभिन्न ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के स्टेशनों और स्थान की उपयोगिता बताने वाला और पूर्वोत्तर रेलवे पर गर्व करने वाला "पूर्वोत्तर रेलवे गीत" लिखा गया ,जिसको मंडल की कला समिति ने गाया और जिसका तत्कालीन मंडल रेल प्रबंधक महोदया द्वारा उदघाटन किया गया था ।
    (c)इनके द्वारा प्रथम संरक्षा महासम्मेलन में रेल संरक्षा गीत, ट्रैक मेंटेनर गीत ,स्टेशन मास्टर संरक्षा गीत ,,सिग्नल संरक्षा गीत , सी आर ओ रोकथाम गीत, यात्री जागरूकता गीत जैसे रेलवे के तकनीकी विषयों पर गीत लिखे गए और मंडल कला समिति द्वारा उसको गाया गया ।
    श्री सत्यदेव पाठक को अपने कार्यकाल में चार बार महाप्रबंधक पुरस्कार से, तीन बार पी सी एस टी ई पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।तथा बहुत सारे प्रशंसा पत्र इनको अपने रेल सेवा में कार्य करते हुए अपने उत्कृष्ट और निष्ठावान सेवा के लिए दिए गए ।इनकी सोच हमेशा रेल राजस्व के बचत की ,संरक्षा को बढ़ाने की , कर्मचारी कल्याण की और सिगनलिंग के क्षेत्र में लेटेस्ट तकनीक के प्रयोग पर रही ।श्री पाठक विभागीय कर्मियों के बीच ,अन्य विभागों के कर्मचारियों के बीच बहुत ही लोकप्रिय हैं और वह अपने कुशल कार्य प्रणाली अपने सौम्य स्वभाव मृदु भाषा के लिए जाने जाते हैं।

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