डैडी कमरे में बीमार पड़े जीवन के अंतिम दिन गिन रहे हैं और घर में सबको क्रिकेट का खुमार चढ़ा है 🏏😳😳😳😳
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- เผยแพร่เมื่อ 29 ก.ย. 2024
- डॉ मनोज मोक्षेन्द्र की कहानी-डिस्पोजल आइटम
Story by Dr Manoj Mokshendra
Hindi AudioStory
हिन्दी कहानी
स्वर सीमा सिंह
डॉ. मनोज मोक्षेंद्र
गाज़ियाबाद, उ०प्र०, भारत.
वास्तविक नाम (जो अभिलेखों में है): डॉ. मनोज श्रीवास्तव
जन्म-स्थान: वाराणसी, (उ.प्र.)
शिक्षा: जौनपुर, बलिया और वाराणसी से (कतिपय अपरिहार्य कारणों से प्रारम्भिक शिक्षा से वंचित रहे)
मिडिल हाई स्कूल जौनपुर से
हाई स्कूल, इंटर मीडिएट और स्नातक बलिया से
स्नातकोत्तर और पीएच.डी. (अंग्रेज़ी साहित्य में) काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से
अनुवाद में डिप्लोमा केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो से
पीएच.डी. का विषय: यूजीन ओ' नील्स प्लेज़: अ स्टडी इन दि ओरिएंटल स्ट्रेन
वेब पत्रिकाओं एंव प्रिंट पत्र, पत्रिकाओं में: वेब पत्रिकाओं में प्रचुरता से प्रकाशित
●●●●सम्मान: अनेक साहित्यिक सम्मानों से अलंकृत
●भगवतप्रसाद कथा सम्मान--2002' (प्रथम स्थान);
●रंग-अभियान रजत जयंती सम्मान--2012';
●ब्लिज़ द्वारा कई बार 'बेस्ट पोएट आफ़ दि वीक' घोषित;
●'गगन स्वर' संस्था द्वारा 'ऋतुराज सम्मान-2014'
●राजभाषा संस्थान सम्मान; कर्नाटक हिंदी संस्था, बेलगाम-कर्णाटक द्वारा 'साहित्य-भूषण सम्मान';
●भारतीय वांग्मय पीठ, कोलकाता द्वारा ‘साहित्यशिरोमणि सारस्वत सम्मान’ (मानद उपाधि);
●प्रतिलिपि कथा सम्मान-2017 (समीक्षकों की पसंद);
●प्रेरणा दर्पण संस्था द्वारा ‘साहित्य-रत्न सम्मान’ आदि
सम्प्रति: भारतीय संसद में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत
बहुत भावुक कर देने वाली कहानी। रिश्ते तथा संबंध कितने व्यावहारिक हो गए हैं।
ला इलाज बीमारी है यह सोचकर घर के लोग भी अपने आप को मानसिक रुप से इस कदर तयार रखते हैं। की सच्चाई सामने आने पर भी उन्हें कोई विशेष फरक नहीं पड़ता।
आपके स्वर में कहानी को कितना सार्थक और संवेदनशील बना दिया।😢💔😴
यही सच्चाई है आजकल की
व्यंग्यात्मक शैली में एक संवेदनशील रचना,बहुत अच्छा लिखा मनोज जी ने
🙏🏻
Itene swarthy.vishwas.nahi hota
Namumkin si kahani bakwaas
Veri good sawedana purna
Very tragedy of a husband as well as a father is now a days is a fact.
So pathetic
🙏