'बड़े भाई साहब'कहानी (भाग-1)/Bade Bhai Sahab/Parenchand
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- เผยแพร่เมื่อ 13 ก.ย. 2024
- प्रेमचन्द सोद्देश्य लेखन में विश्वास करते थे। प्रस्तुत कहानी के माध्यम से कहानीकार ने बालकों की खेलकूद की स्वाभाविक प्रवृत्ति, बच्चों का पढ़ने का दिखावा करना, बड़ों द्वारा छोटों को नसीहत देना, भारत की शिक्षा व्यवस्था एवं बड़प्पन के लिए त्याग करना आदि अनेक तथ्यों का उद्घाटन किया है। आलोच्य कहानी उद्देश्यपूर्ण है और वह अपने उद्देश्य में पूर्णतया सफल सिद्ध हुई है।
मुंशी प्रेमचन्द हिन्दी के सफलतम कहानीकार हैं। बड़े भाई साहब' कहानी कथ्य की रोचकता, पात्र विधान की स्वाभाविकता, संवादों की रोचकता, भाषा-शैली की सहजता एवं उद्देश्य की सफलता आदि सभी दृष्टियों से एक श्रेष्ठ कहानी सिद्ध होती है।
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