ईश्वर कौन है | ईश्वर के पास क्या हैं | असली गुरु कौन हैं | ishwar koun hai | Guru Kaise chune

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  • เผยแพร่เมื่อ 29 ก.พ. 2024
  • ईश्वर कौन है | ईश्वर के पास क्या हैं | असली गुरु कौन हैं |
    पतञ्जलि के योगसूत्र औऱ हठयोग प्रदीपिका से प्रेरित होकर आसान शब्दों मे अष्टांगयोग को आपके सामने रखा हैं |
    अपने साधना अनुभवोंसे जो भी ज्ञान अर्जित किया वो यथावत देने का प्रामाणिक प्रयत्न हैं | ज्ञान की अनुभूति एस्ट्रल वर्ड मे हुई हैं |
    उसे मैंने अनुभव किया हैं | जिन्हे प्रमाण चाहिए वो साधना का मार्ग स्वीकार करे |
    ज्ञान ईश्वर की कृपा से मिला हैं , अतः इसपर सबका बराबर हक्क हैं |
    अभ्यास के लिए कोई भी विद्यार्थी इसका रिफरेन्स देकर इस्तेमाल कर सकता हैं |
    जो क्लेश , कर्म , विपाक (कर्मफले ) और आशय ( कर्मोका संचय ) इन सबसे अलिप्त हो और जो विशेष है वही ईश्वर है |
    क्लेश मतलब शारीरिक और मानसिक दुःख वेदना | कर्म मतलब शारीरिक और मानसिक की गयी कृति क्रिया | विपाक मतलब शारीरिक और मानसिक रूप में मिलने वाला कर्मफल | कर्म के अच्छे और बुरे फल | आशय मतलब कर्मोका संचय | विशेष का मतलब उसके जैसा कोई नहीं हैं | ईश्वर ही परब्रह्म हैं |
    ईश्वर के पास निरतिशय सर्वज्ञता बीज होते है | असली गुरु एकमात्र ईश्वर ही हैं |
    ॐ नमः शिवाय | ॐ नमो परब्रह्म परमात्माय परमशिवाय नमो नमः |
    @ सचिन गाड़े
    2/03 /2024
    Part 1 :- • || अष्टांगयोग - भाग १ ...
    Part 2 :- • || अष्टांगयोग - भाग २ ...
    Part 3 :- • || अष्टांगयोग - भाग ३ ...
    Part 4 :- • || अष्टांगयोग - भाग ४ ...
    Part 5 :- • || अष्टांगयोग - भाग ५ ...
    Part 6 :- • ईश्वर प्रणिधान क्या है...
    Part 7 :- • ईश्वर कौन है | ईश्वर ...

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