जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। वर्तमान में परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं।
संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा मानव समाज तैयार कर रहे हैं, जो किसी भी क्षेत्र में ईमानदारी से कार्य करके सबको न्याय दिलाएगा। छोटा बड़ा, अमीर-गरीब की खाई को मिटायेगा। आध्यात्मिक तत्वज्ञान के आधार से भारत विश्व का एक महान राष्ट्र होगा। अन्य सर्व राष्ट्र भारत वर्ष का अनुसरण करेंगे।
कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास जी को कहा कि मेरे नाम से काल कलियुग में 12 पंथ चलाएगा। 12 पंथ वाले सब मेरी महिमा गाएंगे परंतु सतलोक नहीं जा पाएंगे क्योंकि उनके पास में सत मंत्र नहीं होंगे। सत मंत्र देने के लिए कलियुग 5505 वर्ष बीतेगा तब मैं आऊंगा धर्मदास, इन सब पंथों को मिटाकर एक यथार्थ पंथ चलाऊंगा जो मेरे भेजे संत से मेरा नाम लेगा उसका जन्म मरण छुड़ाऊंगा। वर्तमान में 13वें पंथ को चलाने वाले अधिकारी संत रामपाल जी महाराज हैं जो मूल ज्ञान और सत मंत्र प्रदान कर रहे हैं।
कबीर सागर के अध्याय कबीर वाणी में पृष्ठ- 136 पर परमेश्वर कबीर साहेब जी ने 12 पंथों की जानकारी दी है- साखी हमारी लै जीव समुझावै। असंख्य जन्म में ठौर ना पावै।। बारवै पन्थ प्रगट होवै बानी। शब्द हमारे की निर्णय ठानी।। अस्थिर घर का मरम न पावैं। ये बारह पंथ हमही को ध्यावैं।। बारहवें पन्थ हम ही चलि आवै। सब पंथ मिटा एक ही पंथ चलावै।। संत गरीबदास जी के 12वें पंथ में ही आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हुए हैं और इनके द्वारा ही सभी पंथ समाप्त होकर एक यथार्थ तेरहवां पंथ चलेगा।
कबीर सागर, कबीर चरित्र बोध (बोध सागर) पृष्ठ नं. 1870 पर बताया गया है कि बारहवां पंथ गरीबदास का होगा। यहीं विवरण कबीर सागर, कबीर वाणी पृष्ठ 136-137 पर है, संवत सत्रसै पचहत्तर होई । ता दिन प्रेम प्रकटें जग सोई ।। 1 Day Left For Bodh Diwas
संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है। संत गरीबदास जी महाराज जी का 12वां पंथ है जिसके विषय में कबीर साहिब जी ने कहा है कि 12वें पंथ के अनुयायी मेरी महिमा का गुणगान करेंगे परंतु वास्तविक मंत्रों से परिचित न होने के कारण असंख्य युगों तक सतलोक नहीं जा सकेंगे बारहवें पंथ में आगे चलकर मैं स्वयं यानी कि कबीर प्रभु जी स्वयं आएंगे और सब पंथो को मिटा कर एक पंथ चलाएंगे वह पंथ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित है।
फाल्गुन शुद्धि द्वादसी जिस दिन गरीबदास जी को (कविर्देव) कबीर परमेश्वर स्वयं सत्यलोक से आकर नाम उपदेश देकर गए थे। उसी पावन दिवस (बोध दिवस) के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय सतसंग तथा अमृत वाणी का पाठ करते हैं।
मुल्ला से पण्डित भये, पण्डित से भले मुल्ला। गरीबदास तज बैर भाव, कीजे सुल्लमसुल्ल।। कौम छतीसं है जगदीशं, ब्रह्मबीज एक बाडी। जो हिन्दवानी सो मुसलमानी, पहरे एकै साड़ी।।
🧩कबीर वाणी अध्याय के पृष्ठ 136 पर अंतिम पंक्ति से 12 वें पंथ का वर्णन प्रारंभ होता है। संवत् सत्रह तो पचत्तर होई, ता दिन प्रेम प्रकट जग सोई। विक्रमी संवत 1774 में संत गरीबदास जी का जन्म हुआ था। यहां पर गलती से 1775 लिखा गया है। फिर पृष्ठ 137 पर वाणी लिखी है- बारहवें पंथ प्रगट होय बानी, शब्द हमारे की निर्णय ठानी॥ गरीब दास जी महाराज का 12 वां पंथ है जिसमें आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हैं जो नाम देने के वास्तविक अधिकारी संत हैं बाकी सभी नकली गुरु हैं।
अरे भाई जी इतनी दिक्कत वाली तो भीड़ नज़र इस वीडियो में नहीं है सेवादारों और संगत को जोङकर केवल दो तीन सौ व्यक्ति और महिलाएं यहाँ पर टोटल नजर आ रहे हैं। । किसी जोङे की शादी बगैरा की कभी कोई वीडियो बगैरा नही दिखाई देती है। वैसे ही आप कहते हैं कि आप शादी कर रहें हैं। ।।।
जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। वर्तमान में परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं।
संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है। संत गरीबदास जी महाराज जी का 12वां पंथ है जिसके विषय में कबीर साहिब जी ने कहा है कि 12वें पंथ के अनुयायी मेरी महिमा का गुणगान करेंगे परंतु वास्तविक मंत्रों से परिचित न होने के कारण असंख्य युगों तक सतलोक नहीं जा सकेंगे बारहवें पंथ में आगे चलकर मैं स्वयं यानी कि कबीर प्रभु जी स्वयं आएंगे और सब पंथो को मिटा कर एक पंथ चलाएंगे वह पंथ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित है।
संत गरीब दास जी महाराज के बोध दिवस के अवसर पर महा समागम का सीधा प्रसारण।
जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। वर्तमान में परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं।
बंदी छोड़ परमात्मा रामपाल जी महाराज की जय हो।🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा मानव समाज तैयार कर रहे हैं, जो किसी भी क्षेत्र में ईमानदारी से कार्य करके सबको न्याय दिलाएगा।
छोटा बड़ा, अमीर-गरीब की खाई को मिटायेगा। आध्यात्मिक तत्वज्ञान के आधार से भारत विश्व का एक महान राष्ट्र होगा। अन्य सर्व राष्ट्र भारत वर्ष का अनुसरण करेंगे।
Bandi chhod satguru Rampal Ji Maharaj ki Jay 🙏🙏🙏🙏
चलो सतलोक
बंदी छोड़ सदगुरु रामपाल जी महाराज का अदभुत् ज्ञान है
कबीरा साधु दर्शन राम के, मुख पर बसे सुहाग।
दर्श उन्हीं के होते हैं, जिनके पूर्ण भाग।।
Jay ho Bandi chhod ki malik🙏🌷📿🌹🙏🌷🌷📿🌹🙏🇳🇵
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रत्ती नहीं भार!
सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सिरजनहार!
🧩संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है।
सतगुरु के दरबार में कमी काहे की ना। हंसा मोज़ न मारता कमी तेरी चूक चाकरी मां॥
Great 🤩
Right News 🙏
वर्तमान में इस धरती पर पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी आए हुए हैं जितना जल्दी हो सके नाम दीक्षा लेकर अपना जीवन सफल बनाएं ।
Great knowledge 🙏
True sant rampal ji Maharaj ji 🙏🏻🙏🏻
कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास जी को कहा कि मेरे नाम से काल कलियुग में 12 पंथ चलाएगा। 12 पंथ वाले सब मेरी महिमा गाएंगे परंतु सतलोक नहीं जा पाएंगे क्योंकि उनके पास में सत मंत्र नहीं होंगे। सत मंत्र देने के लिए कलियुग 5505 वर्ष बीतेगा तब मैं आऊंगा धर्मदास, इन सब पंथों को मिटाकर एक यथार्थ पंथ चलाऊंगा जो मेरे भेजे संत से मेरा नाम लेगा उसका जन्म मरण छुड़ाऊंगा। वर्तमान में 13वें पंथ को चलाने वाले अधिकारी संत रामपाल जी महाराज हैं जो मूल ज्ञान और सत मंत्र प्रदान कर रहे हैं।
सद्गुरु मिले तो इच्छा मिटै, पद में पदै समाना।
चल हंसा सतलोक पटाऊं, जो आदि अमर अस्थाना।।
Nice video
कबीर ये तन विष की बेलड़ी, गुरु अमृत की खान!
शीश दिया तो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान!!
Awesome
TRUE News
Greatest saint rampal ji maharaj
Jai bolo bandi xod k Jai bolo....
बंदी छोड़ दयाल जी तुम लग हमरी दौड़।
जैसे काग जहाज का सुझत और न ठौड़।
Nice
Jai BandiChhor ki
कबीर सागर के अध्याय कबीर वाणी में पृष्ठ- 136 पर परमेश्वर कबीर साहेब जी ने 12 पंथों की जानकारी दी है-
साखी हमारी लै जीव समुझावै। असंख्य जन्म में ठौर ना पावै।।
बारवै पन्थ प्रगट होवै बानी।
शब्द हमारे की निर्णय ठानी।।
अस्थिर घर का मरम न पावैं।
ये बारह पंथ हमही को ध्यावैं।।
बारहवें पन्थ हम ही चलि आवै।
सब पंथ मिटा एक ही पंथ चलावै।।
संत गरीबदास जी के 12वें पंथ में ही आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हुए हैं और इनके द्वारा ही सभी पंथ समाप्त होकर एक यथार्थ तेरहवां पंथ चलेगा।
कबीर सागर, कबीर चरित्र बोध (बोध सागर)
पृष्ठ नं. 1870 पर बताया गया है कि बारहवां पंथ गरीबदास का होगा। यहीं विवरण कबीर सागर, कबीर वाणी पृष्ठ 136-137 पर है,
संवत सत्रसै पचहत्तर होई ।
ता दिन प्रेम प्रकटें जग सोई ।।
1 Day Left For Bodh Diwas
संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है। संत गरीबदास जी महाराज जी का 12वां पंथ है जिसके विषय में कबीर साहिब जी ने कहा है कि 12वें पंथ के अनुयायी मेरी महिमा का गुणगान करेंगे परंतु वास्तविक मंत्रों से परिचित न होने के कारण असंख्य युगों तक सतलोक नहीं जा सकेंगे बारहवें पंथ में आगे चलकर मैं स्वयं यानी कि कबीर प्रभु जी स्वयं आएंगे और सब पंथो को मिटा कर एक पंथ चलाएंगे वह पंथ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित है।
फाल्गुन शुद्धि द्वादसी जिस दिन गरीबदास जी को (कविर्देव) कबीर परमेश्वर स्वयं सत्यलोक से आकर नाम उपदेश देकर गए थे।
उसी पावन दिवस (बोध दिवस) के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय सतसंग तथा अमृत वाणी का पाठ करते हैं।
मुल्ला से पण्डित भये, पण्डित से भले मुल्ला।
गरीबदास तज बैर भाव, कीजे सुल्लमसुल्ल।।
कौम छतीसं है जगदीशं, ब्रह्मबीज एक बाडी।
जो हिन्दवानी सो मुसलमानी, पहरे एकै साड़ी।।
Kabir is God
🧩कबीर वाणी अध्याय के पृष्ठ 136 पर अंतिम पंक्ति से 12 वें पंथ का वर्णन प्रारंभ होता है।
संवत् सत्रह तो पचत्तर होई, ता दिन प्रेम प्रकट जग सोई।
विक्रमी संवत 1774 में संत गरीबदास जी का जन्म हुआ था। यहां पर गलती से 1775 लिखा गया है। फिर पृष्ठ 137 पर वाणी लिखी है-
बारहवें पंथ प्रगट होय बानी, शब्द हमारे की निर्णय ठानी॥
गरीब दास जी महाराज का 12 वां पंथ है जिसमें आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हैं जो नाम देने के वास्तविक अधिकारी संत हैं बाकी सभी नकली गुरु हैं।
अरे भाई जी इतनी दिक्कत वाली तो भीड़ नज़र इस वीडियो में नहीं है सेवादारों और संगत को जोङकर केवल दो तीन सौ व्यक्ति और महिलाएं यहाँ पर टोटल नजर आ रहे हैं। ।
किसी जोङे की शादी बगैरा की कभी कोई वीडियो बगैरा नही दिखाई देती है। वैसे ही आप कहते हैं कि आप शादी कर रहें हैं। ।।।
Nice video
जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। वर्तमान में परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं।
संत गरीबदास जी महाराज
छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है।
संत गरीबदास जी महाराज जी का 12वां पंथ है जिसके विषय में कबीर साहिब जी ने कहा है कि 12वें पंथ के अनुयायी मेरी महिमा का गुणगान करेंगे परंतु वास्तविक मंत्रों से परिचित न होने के कारण असंख्य युगों तक सतलोक नहीं जा सकेंगे बारहवें पंथ में आगे चलकर मैं स्वयं यानी कि कबीर प्रभु जी स्वयं आएंगे और सब पंथो को मिटा कर एक पंथ चलाएंगे वह पंथ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित है।