राम की बहन कौन थीं और उनका ऋष्यशृंग से क्या सम्बन्ध था? वाल्मीकि रामायण, बालकाण्ड सर्ग 8-12
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- เผยแพร่เมื่อ 15 พ.ค. 2024
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Aacharya ji namaste ji aapki jankari bahut vishesh hoti hai apka bahut bahut hardik dhanyavad
हार्दिक धन्यवाद शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩 कृण्वनतो विश्वमार्यम । चरैवेति चरैवेति ... । जय आर्य जय आर्यव्रत भरतखण्ड । वन्देमातरम् वन्देमातरम् वन्देमातरम्...... 🇮🇳
🙏🙏
Pranam Acharya ji
Namasteji .... very beautiful message
Namaste Acharya ji❤🙏🙏🙏
ओम् , सादर प्रणाम आचार्य जी।
नमस्ते आचार्य जी। बहुत सुंदर जानकारी।
🕉🙏🕉
नमस्ते आचार्य जी
Namaste acharya ji
Ram. Ram. D
ओ३म् 🙏
Acharya ji namaste 🙏🕉️
आचार्य जी नमस्कार देवी शांत महाराज दशरथ और कौशल्या की पुत्री थी ऐसा कोई श्लोक वाल्मीकि रामायण में है क्या
आचार्य जी नमस्कार क्या शांत महाराज दशरथ और कौशल्या की औरसपुत्री थी
नमस्ते कृपया आप एक एक श्लोक बोलकर ही उसका अर्थ बताइए छठे और सातवे सर्ग में आपने कयी श्लोकों का अर्थ मात्र कर दिया है। शलोक बोलकर ही उसका अर्थ करें।
जिसके घर पुत्र न हो रहा हो, सिर्फ एक पुत्री जन्म के वाद । एसी अबस्था मे कैसे कोइ अपनी पुत्री को और किसी को दे सकता है ? सम्भव है ?
Aacharya ji kya Shri Krishna ki 16108 raniyan thi yah sahi hai
Mata Rukmani thi bs unki rani baki sb jhuth h
Rajadashrath ne eklauta putri ko Anya vyacti ke God Dena sahib nah I lagta Hai.
आचार्य जी धन्यवाद शांत दशरथ की पुत्री थोथी लेकिन कौशल्या से पैदा नहीं ऐसा हमने कहीं पढ़ा है एक बार दशरथ जंगल में किसी तालाब का पानी पीने से स्त्री हो गई थी और उसको रोम पद अपने साथ ले गई थी रूम पद और स्त्री बने दशरथ से जो कन्या पैदा हुई थी वह शांता थी इस संबंध में आपका क्या स्पष्टीकरण है
आचार्य जी दशरथ जी ने केवल पुत्र प्राप्ति के लिए वैदिक मर्यादा को छोड़कर दूसरा और तीसरा विवाह किया तो क्या वे वैदिक तरीके नियोग से संतान नहीं प्राप्त कर सकते थे या दायभाग से कन्या, दामाद या प्रजा से अन्य योग्य व्यक्ति को युवराज नहीं बना सकते थे, ये भी तो वैदिक मर्यादा ही हैं.
मिथ्याग्राह लगता है।
नमस्ते आचार्य जी
🙏🙏