करोड़ों में भी बिक गए, तो कौड़ी के नहीं रहोगे || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2024)
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- เผยแพร่เมื่อ 16 ก.ย. 2024
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वीडियो जानकारी: 23.06.24, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ खरा जीवन जीने की पूरी प्रक्रिया नकार की है क्योंकि हम वृत्तियां विकार लेकर ही पैदा होते हैं, अब चूंकि वृत्तियां पहले ही है इसलिए रास्ते में धूल हम और सोखते जाते हैं।
~ हम भ्रम और दोष को लेकर न सिर्फ जन्मे हैं बल्कि हमारा एक-एक अनुभव अपना दोष और कुप्रभाव भी छोड़ता चलता है।
~ जैसे हमें जन्मगत दोष मेले हैं वैसे ही हमें जन्मगत बल भी मिला है “चुनाव करने का अधिकार”। और इसी चेतना का चुनाव करके : नेति-नेति करके हम सही दिशा की ओर जा सकते हैं।
~ हंसा पाये मान सरोवर, ताल तलैया क्यों डोले ⇒ माने गंदगी अब धीरे धीरे छूटने लगी है, जैसे जैसे अध्यात्म जीवन में आ रहा है।
~ बैलगाड़ी पर बैठ कर फ्लाइट की कल्पना करोगे तो वो बात बहुत डरावनी लगेगी।
~ ताल तलैया को छोड़ने में ही मानसरोवर मिल जाता है। आपको जो आपके तल पर सुविधाएं मिल रही हैं वो महज कंपेंसेशंस (मुआवजा) हैं जो असली चीज के ना मिलने पर आपने इकठ्ठी कर रखी हैं। That is compensation for not having the real thing!
~ अगर सबकुछ गवा कर भी एक खरा जीवन मिल जाए तो ऐसा सौदा बहुत शुभ है। और अगर खरे जीवन को गवा कर अथाह दौलत भी मिल जाए तो भी नुकसान ही है।
संगीत: मिलिंद दाते
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Thank you
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*सारी हमारी सुख सुविधा, "मुआवजा" है,*
*“असली” हमसे छीन जाने का।*
पिछले दो दशकों के मेरे अनुभव में जो सबसे बड़ा चैलेंज मैंने फेस किया है वह यह है कि लोग बैलगाड़ी की मानसिक स्थिति में रहते हुए ही फ्लाइट की स्वनिर्मित डरावनी, व्यर्थ कल्पनाएं करते रहे हैं जो उनके विकास में बाधा बनी है !!- आचार्य श्री
अगर सब कुछ गंवा कर भी एक खरा जीवन मिल जाए तो सौदा सिर्फ लाभ का नहीं, अनंत मुनाफे का हो गया- आचार्य श्री
जब पुराना कुछ छूटने लगता है तो हमारी तरफ से दो तरह की प्रतिक्रिया सम्भव है-
पुराना जैसा भी था सड़ा-गला, दूषित वो था तो अपना था, मेरा था, हाथ में था।
-आचार्य प्रशांत
मनुष्य बहुत अद्भुत प्राणी है हमारी कल्पना का कोई अंत नहीं है।
-आचार्य प्रशांत
आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰
वो सुख सुविधा नहीं थी, बल्कि बैसाखी थी, वाह क्या उपनिषद का वचन है
"सबकुछ बेच के भी यदि खरा जीवन मिल जाए तो बात ही क्या।"❤ प्रणाम आचार्य श्री।
अगर सब कुछ गवा कर भी एक खरा जीवन मिल जाए,तो सौदा सिर्फ लाभ का नहीं,अनंत मुनाफे का हो गया।👍👍👍
रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय।हीरा जन्म अमोल था, कौड़ी बदले जाय। -संत कबीर
रात नींद में नष्ट कर दी, दिन में भोजन से फुर्सत नहीं मिली यह मनुष्य जन्म हीरे के सामान बहुमूल्य था कौड़ी के भाव गंवा दिया!
कबीर कुत्ता राम का, मोतिया मेरा नाम।
गले राम की जेबरी, जित खिंचे तित जाऊं।। ❤❤ संत कबीर जी
एक बार जान लिया कि सही क्या है
अब किसी और दिशा में मत चल देना।
न डर के मारे, न लोभ-लालच-स्वार्थ के मारे।
आचार्य जी ❤❤❤
सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद
सत्य से दूर होकर करोड़ो भी कमाये ,वो करोड़ो भी दो कौड़ी के समान हैं और सत्य के पास रहकर सब गवा दिया वो अनमोल (हीरा) के समान है 🙏🙏
सच को गवाकर कुछ भी मिले, ओ बहुत दो कौड़ी की चीज़ होती है , जो ऊंचा है ओ चाहीए , नहीं तो कुछ भी नहीं चाहीए , तब हमे असली चीज मिलेगी
वहाँ चाहे कितना भी सुख हो,
जहां सच्चाई नहीं ,
वहां रहना नहीं l
~आचार्य प्रशांत
No one in the world at present time like you acharya ji 🌹🙅🏻♂️@Raje0397🧎🏻♂️🧎🏻♂️🧎🏻♂️
दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करै न कोय।
जो सुख में सुमिरन करे, दुःख काहे को होय॥ 🙏
अपना तो कोई नहीं, देखा ठोक बजाय।
अपना अपना क्या करे, मोह भरम लपटाय।।
- संत कबीर
Book kha se milega
*राम नाम कड़वा लगे, मीठे लागे दाम।*
*दुविधा में दोनों गए, माया मिली ना राम।।*
~ *कबीर साहब*
जो कुछ भी आपको अपने जीवन में आवश्यक लगता है एक बार अपने दिल पर हाथ रखकर अपने आप से पूछिए कि क्या वह सचमुच में ही आवश्यक है या फिर किसी खालीपन की भरपाई की झूठी कोशिश !!- आचार्य श्री
जीवन की अस्थायित्व और इच्छाओं की अस्थिरता के बावजूद, व्यक्ति को अपने आंतरिक सत्य और शांति की खोज करनी हैं और नेति नेति का मार्ग अपनाना है।मूल्य और अर्थ व्यक्तिपरक होते हैं और व्यक्तिगत या सामाजिक दृष्टिकोण के आधार पर बदल या कम हो सकते हैं।☮️🛐
ज़िन्दगी में कोई कितना भी मुआवजा दे सत्य को त्यागने के लिए हमें सत्य नहीं त्यागना चाहिए।❤
ताल तलैय्या तो बोहोत सुंदर शब्द है, हम नाले गटर छोड़ने को भी तयार नही होते
सही जीवन, सच्चा जीवन।
Thanks
Sir ap kitne baar ❤ jeetenge
Day
Day by day
Hum logo ka saubhagya hai ki hum logo ka janam apke sath hua hai .
U r Unbeatable sir
God bless all
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आचार्य जी की वजह से बोहोत परिवर्तन आया है जीवन मे। वेगन बन गयी, बात इतनी सरल थी के डेरी मे इतनी हिंसा है पर आचार्य जी से पता चला तभी क्लिक हुआ।और कोई धर्मगुरु जानवरो के लिए बात नही कर रहा
😮
गुरु जी आप की चरणो में कोटि कोटि नमन 🙏❤️🕉️🚩
आचार्य जी भारत व विश्व के लिए एक वरदान है, मानव जीवन का सही अर्थ जानने का सही समय आ गया है, अब नहीं तो कब नही. हमारा वास्तविक जीवन "श्री मद भागवत गीता " है ,यहीं सच्चा ज्ञान हम अपना जीवन बनाकर इस कलयुग में जो हमारी पशु समान वृत्ति है उसको त्याग कर चेतना को जाग्रत कर ऊंची स्थिति पर ले जा सकते है... अंततः ऊंची चेतना के आधार पर हमारी वृत्ति ही बाहर की संस्कृति बन जाती है..
असली बात यह नहीं होती कि आप चेतना के जिस तल पर हैं उस तल पर आपके पास कितना ज्यादा है असली बात यह होती है कि आप चेतना के किस तल पर है !!- आचार्य श्री
He should be our prime minister 🙏✅
आज के विवेकानंद जी को प्रणाम ❤ विवेकानंद को न देखने सुनने की कमी को भर दिया, गुरु जी ने...
*अगर सब कुछ गँवा कर भी एक खरा जीवन मिल जाए, तो सौदा सिर्फ लाभ का नहीं, अनंत मुनाफे का हो गया।*
अंधेरे में रहकर प्रकाश की कल्पना नाही की जा सकती।
और जगतपुर से अमरपुर का रास्ता नहीं दिखाई देता है।
पर मैं अमरपुर की कोई ऊंची मंजिल देखने की कोशिश में लगा हु।
जिनको कुछ नहीं चाहिए वो शाहन के शाह।
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏🏼
आचार्य जी के वजह आज संत कबीर के दोहे आम जन मानस मे प्रचलित हो रहे है, बोहोत सुंदर और गहन तम अर्थ रखते है ये दोहे, और गीता श्लोक के काव्यात्मक अर्थ भी बोहोत सुंदर तरीके के बनाये ये आचार्य जी ने। आचार्य जी का गीता कोर्स जॉइन करे और जीवन मे परिवर्तन ना हो ऐसा संभव नही
हम इतने बुरे पैदा नहीं होते जितने हम बन जाते हैं 🙏🙏
प्रणाम अचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
आप जो सुविधा भोग रहे हो वो सुविधा नही बल्कि मुजाफ़जा है, क्योकिं आप जिस तल पर जी रहे हो वहा आपके पास असली चीज नही है इसलिए आपने अपने आस पास १०० तरह ही सस्ती सुविधाएं खड़ी कर ली है, और ये सब मिलके भी उस असली चीज की कमी को पुरा नही कर सकती
राम नाम कड़वा लगे, मीठा लागे दाम।
दुविधा में दोनों गए, माया मिली न राम।।
- संत कबीर
याद रखिये कबीर जी का 'मानसरोवर' कोई ऐसा काल्पनिक स्थान नहीं है जहां जाकर आप तैरने की कोशिश कर रहे हैं या कूद फांद मचा रहे हैं - आचार्य श्री
असली की भरपाई मुवावजे का बहुत कुछ कभी नही कर सकता.
Grateful for your teachings sir🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आज आपको जीवन मे जो कुछ भी आवश्यक लग रहा है वो सच मे आवश्यक है या किसी और चीज की भरपाई की कोशिश है
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤
45:06👍👍
NAMAN ACHARYA JI ❤
Jay Shree Krishna ❤️ Dear Sir ❤️😊🪘🥁🪗🎸🎷🧶🧵🪡🖌️🏞️🏝️🏖️🌅🌄
आचार्य जी के इस mission में हम सब को तन मन और धन से संपूर्ण समर्पण के साथ आगे बढ़ना है..यह हम सब का सर्वप्रथम कर्त्तव्य है कि यह गीता ज्ञान संपूर्ण विश्व तक जल्द से जल्द पहुंचाना है. क्यों कि अब ज्यादा समय नही है..
हम सब को यह प्रतिज्ञा करना है हमारा जो भी अपने पास धन पूजीं है सब इसी विश्व कल्याण के कार्य मे लगाकर अपना धन सही अर्थ मे सफल करना है..घर परिवार रिश्तेदार अन्य मित्र संबंध में ईन अज्ञानी अधर्मी विकारी लोंगो पर अपना धन खर्च न करें....
Mujhe apani jeevan apne tarike se jini hai wo bhi khari iske liye acharya ji ko dhanyabad .😊😊❤❤
Love you aachariye ji ❤❤
🙏Pranam Acharya ji🙏हर रोज आपको सुनती हूँ क्योंकि बचपन से कंडीशनिंग की गई हर गलत बात को सही बताया गया... पर आपको सुनकर सत्य को समझ रही हूँ🙏👌❤️
कोडियों के भाव नहीं बेचेंगे जो जीवन बचा है इस वादे को निभाने की भरकस प्रयास करेंगे आचार्य जी को प्रणाम और धन्यवाद जो हमारी आंखे खोल दी
Main sir govt job court me kar rha hun, mujhe achi nhi lgti to min ab chondh rha hun teacher ki tyari krunga teaching mujhe pasand hai. Meri abhi sadi nahi huyi . Mtlb abhi ki nhi ghar wale roj kishi na kishi ko le aate hai. ❤️❤️🙏🙏😁😊
हम वो है जिन्हे बैलगाड़ी छोड़े बिना flight पे चलना है
The best samjhane ka tarika only Acharyaji knows.
शत शत नमन गुरुदेव ❤ ❤ ❤ ✨ 🙏🏼 🙏🏼 🙏🏼
U change my life completely. I watched 500 holly wood movies,read 200 novels, learning new skills, piano sikhana start Kiya, 1 hours exercise daily, next guitar sikhna ka plan h. Coffee pina chor diya , paneer choda, ab chai chorna hai.
सा ह्रदय आचार्य जी को शत शत नमन❤❤❤🎉🎉🎉 52:37 🙏🙏🙏
Parnaam acharya ji❤❤❤❤
Mere mere acharya ji ke charno me koti koti naman ❤❤
As long as man is limited to his physical body he can neither know the spiritual nor the truth.
आध्यात्म ही सभी समस्याओं का समाधान, प्रणाम आचार्य जी🙏🙏
१. वृत्ति - उम्र बढ़ने के साथ, हमपर अनुभवों के दोष और कुप्रभाव भी, बढ़ते जाते है। मल, बढ़ता ही जाता है।
२. हम पेंदा या रचे ही ऐसे गये है, कि हम गड़बड़ ही करेगे।
३. यहां(अहम्) बैठकर, वहा(सत्य) की कल्पना करोगे, तो वहा की बात डरावनी ही लगेगी।
४. जहा भी प्रश्न "अगर" से शुरू होता हो, वही प्रश्न अवैध हो जाता है।
५. बहुत कुछ हमारी जिंदगी मे इसलिए होता है, क्योंकि जो असली है, छिन गया है हमसे।
६. जो छूट रहा है उसे छूटने दे, क्योंकि अब हमें उसकी जरूरत नहीं है। 🙏🏻🪔
Pranam Acharya Ji ❤
सत्य ही है जो आपको आपके वास्तविक स्वास्थ्य में ला सकता है- आचार्य प्रशांत 🙏😘
Koti koti naman Acharya ji
❤❤❤❤❤
सिर्फ सुने ही नही, जीवन मे भी उतारे तभी फायदा होगा, आचार्य जी को सुनने वालों की संख्या 49 करोड़ से भी ज्यादा हो गयी है, आचार्य जी की अमृत वाणी और लोगो तक पहुंचे इसके लिए यथासम्भव सहयोग करे, धन्यवाद।।
49 cr nhi 4.98 cr mtlb approx 5 cr. 😅. 49 cr toh kisi ytber k subs nhi h. 😂
Are bhai ye 4.9 करोड़ है तू क्यों रोज गलत मैसेज करते हो nhi लिखना आता हो तो रहने दीजिए ❤ वैसे जल्दी ही 49 करोड़ भी होगी
49 M doesn’t mean 49 crore. First learn mathematics.
4 करोड़ 😊
He is manifesting @@MANISHKUMAR-fp8ok
पूछिए अपने आप से वो सबकुक जो आपको अपने जीवन में आज बहुत आवश्यक लगता है, वो सचमुच आवश्यक है?
या किसी और दूसरी चीज़ की कमी की भरपाई की कोशिश है?
अगर सचमुच जीवन में आनंद होता, पूर्णता होती तो वो सब बाहरी चीज़ें जो हमें बहुत आवश्यक लगने लगी हैं उन बाहरी चीजों से क्या हम इसी तरह चिपक कर रहते?
-आचार्य प्रशांत
इंसान की पैदाइशी त्रुटियों को ही चुनौती देनी होगी बाहर- बाहर की लीपापोती से काम नहीं चलेगा -आचार्य श्री
खरा जीवन जीने की पूरी प्रक्रिया नकार की है।
कारण साफ है हम वृत्तियां विकार साथ लेकर ही पैदा होते हैं।
और चूंकि वृत्ति है इसलिए धूल हम और सोखते जाते हैं।
ऐसा नहीं है कि हम बस कुछ भ्रम-दोष लेकर बस जन्मेभर हैं।
वृत्ति का मतलब होता है कि जितनी तुम्हारी उम्र बढ़ेगी और उस दरमियान जो एक-एक अनुभव होता चलेगा वो अनुभव अपना दोष, अपना कुप्रभाव भी छोड़ता चलेगा तो जितना मल आप लेकर पैदा हुए उसको बढ़ते ही जाना है।
इतना तो निश्चित है उसकी सफाई अपने आप उम्र के साथ नहीं हो जानी प्राकृतिक तरीके से।
यही कारण है अध्यात्म की प्रक्रिया,
सही, खरे, सच्चे, साफ-सुथरे, सरल जीवन की प्रक्रिया हुमेशा नकार की होगी ही।
-आचार्य प्रशांत
Dhanyawad Acharyaji...aap duniya mein jo galat h usse galat keh rahe hai...warna to log bas yahi keh dete hai ki Aisa hi hota hai...duniya aise hi chalti hai...or galat krte rehte hai....
Pranam acharya jii🙏
"COMPENSATION for not having the REAL thing."
Aacharya ji parnam
Pranam achrya ji Charan sparsh achrya ji good morning achrya ji 🎉
Pranam gurudev 🙏💐🙏🕊️😔😔🙏
❤प्रणाम आचार्य जी।
त्ताल तलैया नाले गटर को छोड़ना ही मान सरोवर है,
धार्मिकता आध्यात्मिकता द्वैत अद्वैत वेदांत साक्षी भाव मुक्त चेतना चैतन्य मनोभाव मानवता नैतिकता के सतत अभ्यास से खुद को मांजते रहना ही सत्यनिष्ठा है
Danyawad Acharya ji........🎉🎉❤❤
Acharya prashant me bahut bahut shukriya ada karta hun
नमन गुरुवर 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sukhiya sab sansar khaye uar shoye dukhiya sant kabir hai jage uar roye ❤
Jai Ho 🙏🙏
Agar sb kuch gawa ke bhi ek khara jeevan mile toh munaafa fayda ka hua
Guru jii🙏🙏
खरा जीवन जीने की पुरी प्रक्रिया नकार की है❤
🍁हंसा पायो मानसरोवर,
ताल तलैया क्यों डाले।
🍁 ज्यादातर हमारी ज़िंदगी में जो कुछ भी आता है मुआवजे जैसा आता है...
🍁सबसे ज्यादा कीमती चीज होती है आत्मा, अनंत,सत्य उसकी कोई कीमत नहीं होती वो आंखों से दिखाई नहीं देती...जिसकी कीमत नहीं मानोगे उसको तो सस्ता बेच दोगे न।
🍁अगर सब कुछ गंवा कर भी एक खरा जीवन मिल जाए, तो सौदा सिर्फ लाभ का नहीं, अनंत मुनाफे का हो गया।
Namaste
आचार्य जी यदि इस संसार को वास्तव मे एक शक्ति ने बनाया है तो निश्चित ही उसे इस संसार का ज्ञान होगा
जब उन्हें पता था कि इस सांसारिक जीवन मे इतने दुख है तो उन्होंने इस सांसारिक जीवन को क्यू बनाया ।
🙏 कृपा मार्ग दर्शन कीजिए
ये मेरे साथ साथ ओर जन का भी प्रश्न है
❤❤
🌹🌹🌹
Thanks acharya ji 🙏🏾🙏🏾🙏🏾
🙏
Acharya ji pranam🌹🌻🌺🌷
मन मस्त हुआ तब क्यों बोले... ❤
Jai guru
Good
Sat sat naman aacharya ji
Good morning Acharya ji