(गीता-43) श्रीकृष्ण की वो बात, जिसके बाद जीत निश्चित है || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
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- เผยแพร่เมื่อ 27 มิ.ย. 2024
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वीडियो जानकारी: 09.05.24, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
- जो उच्चतम है, जो हृदय है, उसकी कल्पना ही नहीं करी जा सकती । और हम फस गए।
- इस समस्या के 3 तरीके निकाले गए :
1.ऊंचाई से बचने का तरीका। कह देना की वो निराकार है न ,और हम तो साकार हैं। तो उससे तो रिश्ता बन ही नहीं सकता। वो ऊंचे है, हम तो नीचे के हैं। पहले ही घोषित कर देना की हम तो ऊंचाई के है ही नहीं। न उठेंगे, न ज़िम्मेदारी उठाएंगे।
2.आसमान को ही जमीन पर उतार दूंगा। ऊपर उठ के क्या करेंगे।
श्रीमद्भगवद्गीता
अध्याय 4, श्लोक 24
ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्ग्रौ ब्रह्मणा हुतम् ।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना ।।
अर्थ (आचार्य प्रशांत भाष्य पुस्तक):
यज्ञ में अर्पण करने वाली सामग्री ब्रह्म है, आहुति हेतु इस्तेमाल करे जाने वाले द्रव्य ब्रह्म है, अग्नि भी ब्रह्म है, और इस ब्रह्मरूप अग्नि में ब्रह्म-ही-रूप हवनकर्ता द्वारा जो होम किया जाता है वह भी ब्रह्म है। जो इस प्रकार समझते हैं, वो ब्रह्मरूप कर्म में संयतचित्त व्यक्ति ब्रह्म को ही प्राप्त होते हैं।
काव्यात्मक अर्थ
ऊंचे प्यारे लक्ष्य की
सेवा में तल्लीन है
करण ब्रह्म करम ब्रह्म
कर्ता भी ब्रह्मलीन है
संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~
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"प्रेम के रास्ते में संसार की नहीं सुनी जाती ,हृदय से पूछा जाता है" ।
आपकी दृष्टि में प्रेम क्या है।
जो भी थोड़ा समाज से अलग चलने लगता है उसे ये समाज जीने ही नहीं देता, पर हमे वो करना है जो सही है जो करने के लिए हम पैदा हुए हैं 🙏🙏
धनिया और झुनू से निवेदन वीडियो हर रोज लाइक किया करे
कृष्ण जी कहते हैं - इसी जीवन में , इसी जमीन पर उच्चतम सम्भव है बस क़ीमत चुका दो ।
अर्पण और हवी ब्रह्म है, अग्नि ब्रह्म है,
वेदी भी ब्रह्म है, हवन कर्ता भी ब्रह्म है,
और जो ये बात समझ गया वो स्वयँ भी ब्रह्म है ।🙏🏻🙏🏻♥️
🌻"तीरथ गए सो एक फल,सन्त मिले फल चार।
सद्गुरु मिले अनेक फल, कहत कबीर विचार।।
जिस तरह अर्जुन को सद्गुरु के रूप में श्री कृष्ण मिले उसी तरह आप भी मेरे सत्य सारथी हैं। 🙏🙏💐💐
ऊंचा उठना तो बाद की बात है जो ऊंचा उठा हुआ है उसका हाथ थामने के लिए भी जिगर चाहिए साधो --आचार्य श्री
Acharya Prashant shining as brightly as the sun in India's sky. Indian people, you are fortunate beyond measure. Embrace this invaluable opportunity to listen to the wisdom and guidance this gem offers. Let his words illuminate your path, inspire your soul, and guide you toward a life of profound meaning and fulfillment. Don't let this extraordinary chance slip away-embrace it with gratitude and openness, for it has the power to transform your existence
मनवा तो पंछी भया, उड़ के चला आकाश। ऊपर ही ते गिर पड़ा, मन माया के पास ॥
☝🏻संत कबीर
जिस तरह श्री कृष्णा को योद्धा के रूप में अर्जुन चाहिए थे इस तरह आचार्य जी को शस्त्र और शस्त्र चलाने वाला योद्धा चाहिए।
आपके इमोजी और सत सत नमन से काम नहीं चलेगा।
आप अपना सारा का सारा बल धन और मन तो लुटेरों को पाखंडीयों को दे आते हो आचार्य जी के हिस्से में सत सत नमनऔर इमोजी
जहा यज्ञ हो रहा हो वहां स्वयं भी आकर आहुति बन जाया करते हैं
इसी पृथ्वी पर मुक्ति है बस ढूंढो कि यज्ञ कहां हो रहा है। ✨️🙏🏻❤
निष्काम नहि निष्वर्त नहि,अंधे करमो मैं रमता मन/ करि गुलामी देह की, व्यर्थ हुआ सारा जीवन //
इस हफ्ते गुरुजी के 50 मिलियन सब्सक्राइबर हो जाएंगे शत शत नमन है आपको 🎉🎉
श्रीकृष्ण चौथे अध्याय के चौबीसवें श्लोक में कह रहे हैं-
इसी पृथ्वी पर जहाँ तुम उच्चतम निष्कामता का आयोजन देखो वहाँ ब्रह्म जितना ही सम्मान दे देना।
-आचार्य प्रशांत
कृष्ण : पृथ्वी पर ही ऊंचाई पा लो ब्रह्म समान हो जाओगे
मैं छोटा आदमी हुं,मेरी छोटी दुनिया है,मेरी छोटी दुनिया बर्बाद मत करिए,ये निष्कामता महापुरुषों की बातें है, एक तरीका यह है अपने आप को ऊंचाई से बचाने के लिए ,
पहले जब मैंने भगवत गीता को पढ़ा था,पता नहीं तब मुझे क्या समझा था 🤦
कुछ नहीं समझा था, बस्स पढ़ रखी थी।
आचार्य जी से पढ़ रही हूं तो समझ रही हु गीता जी को।
जो ब्रह्म की ओर ,आकाश की ओर ले जाएं वो ही ब्रह्म है। जो कुछ निष्काम यज्ञ के काम आ जाए वो ब्रह्म है। ❤❤❤
प्रणाम आचार्य जी 🙏🏾❤️
" मैं छोटा हूं, अधम हूं, तिनका हूं, तुच्छ हूं, पापी हूं, तीतर हूं, बटेर हूं, कौवा हूं.....परम हंसों वाली मेरी ऊंचाई नहीं हो सकती" ...यह सब कहना उस महान निष्कामता जैसी जिम्मेदारी से बचने का बहाना मात्र है, जो ज्ञान के साथ सहज आती है -आचार्य श्री
🙏❤️
चालाकी का जवाब ,चालाकी नहीं समझदारी है
प्रणाम आचार्य🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻
🙏🏻❤❤⭐
❤❤
सिर्फ सुने ही नही, जीवन मे भी उतारे तभी फायदा होगा, आचार्य जी को सुनने वालों की संख्या 49 करोड़ से भी ज्यादा हो गयी है, आचार्य जी की अमृत वाणी और लोगो तक पहुंचे इसके लिए यथासम्भव सहयोग करे, धन्यवाद।।
Ok.. comments karne keliye bahut bahut Dhanyabad..
Apne..galat likha he...apko..Sehi se..janleni chahiye.. kyoki..age se...Apko .. mistake na ho ....49 milion means 4 crore. And 90 Lakhs Hota he..🌼..
Bhai hosh mei aao 🫠🫠
लिखते लिखते आंकड़े देखना भूल गए क्या?
जरूर होंगे एक दिन 🙏
4 crore 90 lakh , jis din 49 crore ho jayenge us din bharat no 1 par pahunch jayega
आकाश के प्रति सम्मान ऐसे व्यक्त किया जाता है कि तू आकाश है मैं तुझे कभी छू तो न पाऊंगा किंतु तुझसे प्रेरणा लेकर मैं ऊँचा ऊँचा और ऊँचा उठता जाऊँगा।
-आचार्य प्रशांत
❤
❤
मे ताे छाेटा हु ये सब बडी बाते हमारे लिए नहीं है, ये अहंकार कि चालाकी हाेती है उचाइ,सच्चाइ से बच्ने का🙏🙏🙏
सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण
गीता जी के दर्शन को समझने के लिए आचार्य प्रशांत को मौका दे के देखिए
श्रीकृष्ण कह रहे- पृथ्वी पर ही ऊंचाईयां पा लो तो ब्रह्म समान हो गए।
-आचार्य प्रशांत
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤❤❤
*नमन, सम्मान का वास्तविक अर्थ है कि, तुम्हें मैं ऊँचा देखते देखते, मैं भी ऊँचा और ऊँचा होता गया।*
ज्ञान उन लोगों के लिए है जो ज्ञान की प्यास मे है
Pranam aacharya ji 😊
जाे आशमान से मिला सके उसे आशमान जितना ही इज्जत दे देना।❤❤❤
कोन कोन आचार्य प्रशांत जी को, देश का प्रधानमंत्री देखना चाहता है ❤
Kya bacho jesi baten likhte ho , primary school may ho kya
Koti Koti Pranam Acharya Shri Ji🙏
😘
Ic channel ko sare log milkr jldi jldi 100 millions kroo ❤❤❤❤
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बृहम कौन है?
बृहम वो सब है जो उच्च से उच्चतम है ।
प्रणाम आचार्य जी 🙏
Pranam Aacharya ji
जो आसमान से मिला सके उसको आसमान इतनी ही इज़्ज़त दे देना।
-आचार्य प्रशांत
वाह वाह❤
"जो मुझे ऊपर उठने के लिए हाथ दे वही आसमान है "❤ प्रणाम आचार्य श्री।
आचार्य जी आपको सुनने के बाद बहुत सारे सवाल में अपने आप से पूछता हूं... जीवन में एक ठहराव सा आ रहा है। बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
जो अपने बंधन को काटने को आतुर हो
प्रेम तो सिर्फ़ उच्चतम से हो सकता है और प्रेम में समाज की नहीं ह्रदय की सुनी जाती हैं 🙏🙏
उच्चतम को पाना इस जीवन में सम्भव हे, किन्तु इसके लिए ग़लत का त्याग करना पड़ेगा, इसलिए हम ब्रह्म को ऊँचा बता कर अपने पहुच से दूर बता कर हाथ जोड़ दिया बस. ❤
जय श्री कृष्णा
Acharya ji ko dil ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ se like karne vale like karo.
जहाँ तुम हो वहीं पर खोजो कि ऊँचे से ऊँचा क्या है?
अपने ही तल पर जो सचमुच उच्चतम हो, उसको तलाशो और फिर उसी को तुम ब्रह्म समान जानो।
ब्रह्म अप्राप्य नहीं है।
तुम्हारे लिये तो ब्रह्म वही जो तुम्हें ब्रह्म की ओर ले जाता हो।
ब्रह्म माने अहं का आभाव।
अहं का आभाव माने निष्कामना।
उसी निष्कामना के लिए गीता में शब्द है- यज्ञ।
-आचार्य प्रशांत
❤ वाह जी ।
आपको अनंत बर कोटि कोटि नमस्कार आचार्य जी धन्यवाद 🙏🙏🌈
प्रभु जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Good morning acharya ji
Mein v itna pratibhasali nahi hun bachpan se toh mujhe hamesha yeh baat satati thi ki mein acharya ji ke raste pe chal paunga ki nahi .
Par Aaj acharyaji se saare prasno ke uttar mil gaye. Thank you...
Love you aachariye ji ❤❤
❤
Jay shree Krishna sabko ji
Mai Nisabd hu aapko sunkar .....Pranam Acharyaji....❤
नमस्कार 🙏 🙏आचार्य जी ❤❤
sir bahut Thanks you apka 🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤😊😊😊😊😊
❤🙏
ताप रहित बस युद्ध हो ❤❤ प्रणाम आचार्य जी
श्री कृष्ण चौबीस वे श्लोक✨
इसी पृथ्वी पर जहाँ तुम उचतम निष्कामता क आयोजन देखो वहां भरम जितना ही सम्मान देदे न🙏🏻
❤🙏🙏🙏🙏
❤❤🎉🎉🎉
Pranaam Achrya ji 🙏
गुरु गोविंद दोउ खड़े,काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाय।।❤ संत कबीर जी
आज आचार्य जी को सबसे ज्यादा प्रचार की जरूरत है इसलिए जिस भी माध्यम से आप लोग कर कर सके प्रयास करें
Prikrti ki currently best gift to India and to the world, ACHARYAJI PRASHANT.
Achrya ji is the great ❤
13:53 same mere sath bhi aisa hota h
Lekin ab mujhe inke bate sunke hasi aati h because I always with acharya prasant 🙏
ऊंचे प्यारे लक्ष्य की, सेवा में तल्लीन है करण ब्रह्म, करम ब्रह्म, कर्ता भी ब्रह्मलीन हैं (आचार्य प्रशांत द्वारा काव्यात्मक अर्थ)
भगवद् गीता - 4.24
ब्रह्म = अहम् का अभाव = निष्कामना (यज्ञ)
जहां तुम हो वहीं पर
खोजो कि ऊंचे से ऊंचा क्या है अपने ही तल पर जो सचमुच उच्चतम
हो उसको तलाश लो और फिर उसी को तुम ब्रह्म समान
जानो ब्रह्म अप्राप्य नहीं है
तुम्हारे लिए तो ब्रह्म
वही जो तुम्हें ब्रह्म की ओर ले जाता
हो❤❤❤❤
जय श्री कृष्ण आचार्य जी। 🙏
प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
🙏🙏
❤❤❤
गुरु जी आप की चरणों मे कोटि कोटि प्रणाम 🙏🚩🕉️❤️
No one in the world at present time like you acharya ji 🌹🙅🏻♂️@Raje0397🧎🏻♂️🧎🏻♂️🧎🏻♂️
Sir aap bahut aache ho
जहां पर निष्काम कर्म हो रहा है वहां पर यज्ञ में लग जाओ करता बनो या कम बनो या उसे वस्तु बानो तुम ब्रह्म स्वरूप हो जाओगे
अगर आप चाहे तो गीता को पूरा पढ़ सकते है आचार्य प्रशांत के साथ❤
❤❤❤❤❤
Pranam Acharya ji pranam. Aap Uchchatom Kam korte ho.Aap ko bar bar nomon.😊😊😊 I am Jayashree Dey from Jalpaiguri.
Pawor full speech sir
Acharya prashant use reverse ageing kon kon chat ahai acharya prashant dobara jawan ho jaya 🎯🔻🗿🗿🗿🗿🗿🗿🗿🗿🗿🗿🗿🗿🗿🗿🗿🗿
गीता सत्र से जुड़े 🙏🙏🙏🙏🥰🥰🥰🥰
Pranam Acharya Ji ❤
Sabhi acharya ji k premi chahte Hain ki wo pm ho jayein
You are mahatma buddha sir
वो तो अनन्त है, आकाश है, अचिंत्य है, अज्ञेय है,वह अपरिमेय है, वह निराधार और निरालम है,जब इतनी बातें बोल दी जाती है तो झुन्नू को और बहाना और सबूत मिल जाते हैं कि मेरे तो पहुंच से वो बाहर का है, कहा वो कहां मैं यही कहकर झुन्नू बच जाता है अपनी जिम्मेदारी से,
Maya mri n mn mara, mr mr gaya saris,, aasha tisna n mari, kh gaye das kbir❤
Acharya ji example bahut badhiyan dete hain❤❤❤❤
Please Donate ❤
Radhe radhe
salute sir
🙏❤
जय श्री कृष्णा आचार्य जी 👌👍🙏
I'm confused, ucchatam Kiya hai ,day to day life me ? Or kaise pehchane ki wo wahi bram hai jiski baat krishan ne ki hai ? Or kis tarah se uppar uthe uss ucchatam ko sahara bana ke ?
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
🙏🏻
आचार्य जी आपके चरणों मे कोटि कोटि प्रणाम
Sir aap ka speech su kar himmat milta hai
@@user-kb6kg2os1t right bro💜
❤❤❤❤❤❤❤❤
Pranam acharya ji 🙏😔