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लोग ,अज्ञान वश, संप्रदायोंको ही ,धर्म समझ रहे है. संप्रदाय अनेक होते है मगर धर्म केवल एक होता है. धर्म की खोज करणीं पडती है. और यह खोज केवल बुध्द कर ते है.
कुछ भी अपने होने से नही है,स्वभावित नही है।जब मिट्टी एक खास रूप रंग ले लेती है तो अहंकार पैदा हो जाता है।तो अहंकार का स्वभाव क्या है? शून्यता। प्रणाम आचार्य जी 🙏🏻
गौतम बुद्ध वेदांत विरोधी नहीं थे,वो अंधविश्वास,कर्मकांड,पाखंड,पशु बलि,पूजा-पाठ और जातिवाद का विरोध किया था।बुद्ध कहते हैं-यदि सत्य को जानना है,तो स्वयं को बाहर मत ढ़ूंढ़ो,खुद के भीतर ढूंढ़ो।नमो बुद्धाय🙏🙏 धन्यवाद आचार्य जी🙏🙏
बुद्ध ईश्वर अवतार आत्मा परमात्मा सबका विरोध करते हैं वो धर्म की बेड़ी को ही नहीं मानते,वो तर्क विज्ञान मानवता प्रेम समानता का विचार देते हैं और इन विचारों और सारे धरम विरोधी विचारधारा है
Prashant ji puts across great sense in easy language. However, the average mindset, as is visible on most of the faces of the audience, doesn’t seem to be able to get the crux of what he is saying. Despite that his followers are growing rapidly. This is because he radiates a compelling aura of integrity, rigorous thought and open mindedness. He is indeed a much needed, genuine teacher!
आचार्य जी, सादर अभिवादन, स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा भी गौतमबुद्ध की तरह यही कहा गया था कि मैं कोई नया धर्म चलाने नहीं आया हूं बल्कि सत्य सनातन धर्म से भटके लोगों को पुनः जगाने आया हूं।
लोग अज्ञानता वश संप्रदाय को ही धर्म समझ लेते हैं परंतु संप्रदाय तो अनेक हो सकते हैं। किंतु धर्म केवल एक और एक ही हो सकता है। और धर्म की खोज तो स्वयं को ही करनी होती है। और यह खोज तो हर काल में मात्र बुद्धि ही किया करते हैं। तात्पर्य बुद्ध कोई व्यक्ति विशेष नहीं। बुद्ध एक प्रक्रिया है जो सतत ही चलने वाली है अनादि से अंत तक🙏
प्रणाम आचार्य जी आप सत्य कह रहे मेरे अंदर भी शिवोहँ हो जाने के बाद भी उसका अहकर हो गया था सुबह से ठीक नही चल रहा था दिमाग खराब हो रहा था। दुनिया अनंत है 🙏🙏🙏❤❤
Yugo Yugo se aaraha O Dhamm (not dharm) Prem, Bhaichara, Karuna ,jo sabhi pashu pakshi, ped poudhome ,kide makodome ,even HAR ATOM me MOUJUD hai O hi Sanatan Dhamm hai. Aacharyaji aapne BAHUT saral bhashame Vedant aor Buddha ko samzaya .Isakeliye BAHUT BAHUT dhanyawad.
अप्प द्विपो भव। अपने भीतर ही दिया है। वो ही सत्य का दीप है। उसे ही जान लो बाकी सब अपने आप समझ में आ जाता है। दुख ही संसार है। दुख है। और दुख का कारण भी है। उस कारण का इलाज भी है।
27:28... gita का कर्मयोग खुद को कर्ता मत समझौ, सब प्राकृतिक( इश्वर) देने हैं । हम सिर्फ़ निमित हैं, शून्य हैं । कर्ता भाव जब पूर्ण zero स्वीकार हो जाता है तब अहम zero। जैसा हमारा ज्ञान होता हैं वैसा जीवन...चलता है, जब आत्मज्ञान मिलता है तब शून्य ।
🕉श्रीराम 🕉 अहंकार को पकड़ा था तो वो नकली था अब आत्मा को पकड़े हो तो आत्मा भी नकली है। वाह इतने विद्वान होते हुए भी आत्मा को नकली बता रहे हैं आप। जो आत्मा अविनाशी है जिसमें सम्पूर्ण ब्रह्मांड समाया हुआ है जो चेतन है सर्वज्ञ है वह नकली कैसे हो सकती है ?
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Nahi
बुद्धम शरणम गच्छामि
प्रणाम आचार्य जी 🙏
Buddham sarnam gachchhami
हम जो जानते हैं वह हमारी कल्पना है, और सत्य कुछ और है।
बुद्ध सत्य है। बुधम्म सरनम गच्छआम।
जब सत रज तम से पार जाने की बात है तो बुद्ध कृष्ण अष्टावृक एक ही है आनन्द ही आनन्द है
लोग ,अज्ञान वश, संप्रदायोंको ही ,धर्म समझ रहे है. संप्रदाय अनेक होते है मगर धर्म केवल एक होता है. धर्म की खोज करणीं पडती है. और यह खोज केवल बुध्द कर ते है.
Satya buddh or prakruti ❤❤❤
कुछ भी अपने होने से नही है,स्वभावित नही है।जब मिट्टी एक खास रूप रंग ले लेती है तो अहंकार पैदा हो जाता है।तो अहंकार का स्वभाव क्या है? शून्यता।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🏻
सबसे सुंदर काम तब होते हैं जब तुम नहीं होते। सबसे सुंदर वचन तब बोले जाते हैं जब तुम नहीं बोलते।
Truth 🙏
Naman. Guru. Dev
अहं धर्मो राष्ट्र सर्वोपरि 🇮🇳
सबसे अच्छी बात लगती है आप शुद्ध हिंदी में बोलते हैं
Hum APK Saath hai acharya ji love you very much apne hume bahut takat d hai 😍😍😍😍😍😍😍
गौतम बुद्ध वेदांत विरोधी नहीं थे,वो अंधविश्वास,कर्मकांड,पाखंड,पशु बलि,पूजा-पाठ और जातिवाद का विरोध किया था।बुद्ध कहते हैं-यदि सत्य को जानना है,तो स्वयं को बाहर मत ढ़ूंढ़ो,खुद के भीतर ढूंढ़ो।नमो बुद्धाय🙏🙏 धन्यवाद आचार्य जी🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💚💗💚❤💚❤💚
दुःख आज्याय तो तुम दुःखी मत बनो ,धन आज्याय तुम धनी ना बनो
Acharya ji ko koti koti Naman
Koti koti koti koti pranam acharyaji apko sunana hamara saubhagya hai pyar bhara naman apko
बुद्ध तो वैदिक जगत के सबसे चमकते हुए सितारे हैं,
बुद्ध और वेदान्त एक हैं,
Right
अति सुंदर❤❤
I like both Vedanta and Buddhism. Both are interesting and true ❤
प्रणाम आचार्य जी
Great 👍
Pranam acharya ji 🙏🙏🙏
अहम् के होने में ही अहम् का बंधन है, उसे मिटना पड़ेगा,
Jai ho Aacharya ji Satyam Shivam Sundaram Yhi Param Satya h Parkarti ki Gadi Ko Parkarti hi Chala Rhi h AAP Beech m Bekar m Driver Mat Bano ❤❤❤❤❤❤❤❤
Naman sir ❤❤❤❤❤
आचार्य जी के सुन्दर चरण कमलो में कोटि कोटि प्रणाम इसी लिए नारायण को आराम करते दिखाया गया है
Trying my best to understand your lesson. I am beginner.
pranam guru ji
बुद्ध ईश्वर अवतार आत्मा परमात्मा सबका विरोध करते हैं वो धर्म की बेड़ी को ही नहीं मानते,वो तर्क विज्ञान मानवता प्रेम समानता का विचार देते हैं और इन विचारों और सारे धरम विरोधी विचारधारा है
🙏🙏धन्यवाद 🙏🙏
Prashant ji puts across great sense in easy language. However, the average mindset, as is visible on most of the faces of the audience, doesn’t seem to be able to get the crux of what he is saying. Despite that his followers are growing rapidly. This is because he radiates a compelling aura of integrity, rigorous thought and open mindedness. He is indeed a much needed, genuine teacher!
Yeah and he gave great examples. One needs to take a break once in a while cos there's so much to unravel.😅
आपकी बातें (और पॉजेसभी) बहुत अर्थपूर्ण है. 🙏🏻
आत्मज्ञान के प्रकाश में अंधे कर्म सब त्याग दो,
निराश हो निर्मम बनो ताप रहित बस युद्ध हो।
बुद्ध बोले, "अरे, भाई मेरे! जिसे तूम आत्मा समझ रहे हो, वह अनात्मन है!"
🙏
विलक्षण!❤🙏🙏🙏
❤😇😊👍💐🙏 great
Love
नमो बुद्ध
Satya sanatan dharm buddha ka hai vapas ajao buddha dil se ❤
sach bolne ka himmat hona chahiye, jhut ka diwar girega, sach bahar jarur aayega lakh parda dal lo.
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सब अपने-अपने विचारों को कह रहे हैं और यह कोई परफेक्ट जवाब नहीं है। क्या कोई जानता है, अंतिम सत्य क्या है?
अहम का विगलन ही पूर्णत्व है।
मृत्य हीं अंतिम सत्य है
Nothingness
Very nice explaination of sunyata
Jay shree Krishna
आचार्य जी, सादर अभिवादन, स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा भी गौतमबुद्ध की तरह यही कहा गया था कि मैं कोई नया धर्म चलाने नहीं आया हूं बल्कि सत्य सनातन धर्म से भटके लोगों को पुनः जगाने आया हूं।
🎉🎉
Budh hi satya hai
लोग अज्ञानता वश संप्रदाय को ही धर्म समझ लेते हैं परंतु संप्रदाय तो अनेक हो सकते हैं। किंतु धर्म केवल एक और एक ही हो सकता है। और धर्म की खोज तो स्वयं को ही करनी होती है। और यह खोज तो हर काल में मात्र बुद्धि ही किया करते हैं। तात्पर्य बुद्ध कोई व्यक्ति विशेष नहीं। बुद्ध एक प्रक्रिया है जो सतत ही चलने वाली है अनादि से अंत तक🙏
🕉️🙏
🎉🎉🎉❤❤❤
Wonderful
What an amazing example.. 🙏🏽
Pranaam achary ji❤❤❤
प्रणाम आचार्य जी आप सत्य कह रहे मेरे अंदर भी शिवोहँ हो जाने के बाद भी उसका अहकर हो गया था सुबह से ठीक नही चल रहा था दिमाग खराब हो रहा था। दुनिया अनंत है 🙏🙏🙏❤❤
Excellent lecture,pranaam sir.
Yugo Yugo se aaraha O Dhamm (not dharm) Prem, Bhaichara, Karuna ,jo sabhi pashu pakshi, ped poudhome ,kide makodome ,even HAR ATOM me MOUJUD hai O hi Sanatan Dhamm hai.
Aacharyaji aapne BAHUT saral bhashame Vedant aor Buddha ko samzaya .Isakeliye BAHUT BAHUT dhanyawad.
प्यार आचार्य श्री को नमन🙏🙏🙏😂❤❤❤🎉🎉🎉
10000000000000%%%% Right, True....
🙏 parshant sir ji
Sabhi dharm inshano per ashrit hain pakhand ko bhahar karna hi manavt hogi.
अप्प द्विपो भव।
अपने भीतर ही दिया है।
वो ही सत्य का दीप है।
उसे ही जान लो बाकी सब अपने आप समझ में आ जाता है।
दुख ही संसार है।
दुख है।
और दुख का कारण भी है।
उस कारण का इलाज भी है।
स्वभाव यानी स्वयं या खुद या अपने आप यानी अपनी आत्मा का भाव यानी इच्छा
Jay hind sirji
Laakhom moortiyaam bhii bana hai.
Worldwide Shaanti ka paath bhii padha raha hai.
Followers bhii hai.
Buddh Gaya aur famius aur prosperous banem.
❤1111❤
27:28... gita का कर्मयोग खुद को कर्ता मत समझौ, सब प्राकृतिक( इश्वर) देने हैं । हम सिर्फ़ निमित हैं, शून्य हैं । कर्ता भाव जब पूर्ण zero स्वीकार हो जाता है तब अहम zero।
जैसा हमारा ज्ञान होता हैं वैसा जीवन...चलता है, जब आत्मज्ञान मिलता है तब शून्य ।
22:09
कृष्ण बहुत अच्छा समज्याया है, प्रकृति के गुणों का खेल चलता है और अहंकार व्यर्थ मैं ही उसमें बेगानी शादी मैं अब्दुल्ला दीवाना
🪔🙏🪔
जिसने बुद्ध नही समझा वो वेदांत भी नही समझ सकते....बुद्ध ही वेदांत हैं
budha is Truth
Try to prove your statement with scientific facts and you will be amazed to see the outcome
Wow yes budha is reality
😂😂
बुद्ध के पहले वेदांत था।।
बुद्ध ने भी वेदांत ही कहा है थोड़ा सुधार कर। बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग पूरी तरह गीता से लिया गया है।।
Buddh hamesha nastikta ka marg darshan karte hai buddh ko samjhne ke liye nastik banna hoga 😊
6:48,13:55
कृप्या कोई बताए कि आचार्य जी ने 9:15 पर कौन सी लाइन बोली है।
एषो धम्मो सनातन:।अर्थात यही सनातन धर्म है।
मुझे 2006 मे बोद्धित्व प्राप्त हुआ 🙏
Jai bhim sathiyon....❤❤❤❤
आपके विचार भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांत से विपरीत है
Buddhas theory of dependent co-arising or emptyness contradicts the very idea god or the concept of generator, organiser and destroyer
बुद्ध पहले आए की वेदांत पहले लिखा गया है ?
Vedant pehle likha gaya
11:15😂
भाव बिना मानवता भी नही आती इसलिए बिना भाव का ज्ञान बेकार है
Dharam grantmai budhko charkai soman dandoniya likha hai sir kiyun ?
बुद्ध को कृष्ण का गीत ही जानो
प्रकृती रहे अहंम का उत्पाद न हो
🕉श्रीराम 🕉
अहंकार को पकड़ा था तो वो नकली था अब आत्मा को पकड़े हो तो आत्मा भी नकली है। वाह इतने विद्वान होते हुए भी आत्मा को नकली बता रहे हैं आप। जो आत्मा अविनाशी है जिसमें सम्पूर्ण ब्रह्मांड समाया हुआ है जो चेतन है सर्वज्ञ है वह नकली कैसे हो सकती है ?
Tum hi chala rahe ho gadi ..lekin soch me nahi aana chahiye ki Me chala raha hun....?
😂
प्रणाम गुरु आचार्य 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐
Pranam Acharya ji
प्रणाम आचार्य जी
Thq gurujo...bhot sara gian mliny ke liy❤🎉
🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹
Bahut sunder 🙏🙏
Beautiful
🕯️Namo🙏🏼Buddhay🪔
22:09
Pranam Acharya ji🙏🙏
🙏❤️❤️