चलती चकी देख कर दिया कबीरा रोय । दो पाटन के बिच में साबुत बचा ना कोई । जै किले से लागारहै बाका नास ना होई । पृथ्वी पर किला पुर्ण परमात्मा सन्त रामपालजी महाराज।
चली जो पुतली लौन की, थाह सिंधु का लेन । आपहू गली पानी भई, उलटी काहे को बैन ॥ जब नमक सागर की गहराई मापने गया, तो खुद ही उस खारे पानी मे मिल गया । इस उदाहरण से कबीर भगवान् की विशालता को दर्शाते हैं । जब कोई सच्ची आस्था से भगवान् खोजता है, तो वह खुद ही उसमे समा जाता है ।
सतगुरु जो चाहे सो करहीं चौदह कोटि दूत जम डरहीं। सतगुरु पूर्ण बृहम है सत आप अलेख सतगुरु रमता राम है या में मीन न मेंख।। सत गुरु के ढिंग जाय के सन जाय के सन्मुख खाबे चोट। चकमक लगि पथरी जरै सकल मिटाबै खोंट। ।आए हैंसो जायेंगे राजा रंक
आज 21बृमांड में पूर्ण बृहम संत शिरोमणी संत रामपाल जी महाराज जी असंभव कार्य को संभव बनांने के लिए सक्षम हैंऔर बर्तमांन में रामपाल महाराज जी के रूपमें साहेब कबीर परमेश्वर ही हैं उतर। ।बंदी छोड सत्य गुरू पूर्ण बृहम परमेश्वर संत रामपाल जी महाराज जी जय। ।
मनुष्य जन्म पाए कर जो नहीं रटे हरि नाम जैसे कुआं जल बिना बनवाया क्या काम साधना टीवी 7:40pm सेमनुष्य जन्म पाए कर जो नहीं रटे हरि नाम जैसे कुआं जल बिना बनवाया क्या काम साधना टीवी 7:40pm से
आछे दिन पाछे गए, हरि से किया न हेत । अब पछताए होत क्या, चिड़िया चुग गयी खेत ॥ अर्थ : सुख के समय में भगवान् का स्मरण नहीं किया, तो अब पछताने का क्या फ़ायदा। जब खेत पर ध्यान देना चाहिए था, तब तो दिया नहीं, अब अगर चिड़िया सारे बीज खा चुकी हैं, तो खेद से क्या होगा।
पूर्ण परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म सतगुरू श्री कबीर साहेब जी के चरणों में बारम्बार प्रणामं। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 सतगुरू मिले इच्छा मेटे, पद मद मिले समाना। चल हंसा उस लोक पठाऊं, आदि अमर स्थाना। ============
भगती बिगाड़ी कामियाँ, इन्द्री करे सवादी । हीरा खोया हाथ थाई, जनम गंवाया बाड़ी ॥ इच्छाओं और आकाँक्षाओं में डूबे लोगों ने भक्ति को बिगाड़ कर केवल इन्द्रियों की संतुष्टि को लक्ष्य मान लिया है । इन लोगों ने इस मनुष्य जीवन का दुरूपयोग किया है, जैसे कोई हीरा खो दे ।
नानक साहिबजी कहते है ना जाने ये काल की कर डारे, किस विधि ढल जा पासा वे। जिन्होने सिर दे मौत खुडगदी,उन्हानू केडा हांसा वे। #सतभक्ति_से_आईं_खुशियाँ देखिए साधना TV 7:30 PM
कबीर नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊं गली गली लूटने वाले लूटेंगे मैं शोर मचाऊं गली गली जिसने ये मोती लूटे बो सब मालामाल हुए धन दौलत के बने पुजारी आखिर वो कंगाल हुए
गरीब, जम जौरा जासे डरैं, मिटें कर्म के लेख। अदली असल कबीर है, कुल के सतगुरु एक।। बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो।।देखिये ईश्वर टीवी पर रात के समय में 8.30 से सत्संग प्रवचन संत रामपाल जी महाराज जी की जय हो
नाै मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झक मार |
सतगुरु ऐसा सुलझा दे, उलझे न दूजी बार ||
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Sat sahib ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏👏👏👏👏👏
चलती चकी देख कर दिया कबीरा रोय ।
दो पाटन के बिच में साबुत बचा ना कोई ।
जै किले से लागारहै बाका नास ना होई ।
पृथ्वी पर किला पुर्ण परमात्मा सन्त रामपालजी महाराज।
मात पिता मिल जाएगे लख चौरासी माहि पर गुरू सेवा और बन्दगी फिर मिलन कि नाहि
चली जो पुतली लौन की, थाह सिंधु का लेन
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आपहू गली पानी भई, उलटी काहे को बैन ॥
जब नमक सागर की गहराई मापने गया, तो खुद ही उस खारे पानी मे मिल गया
। इस उदाहरण से कबीर भगवान् की विशालता को दर्शाते हैं
। जब कोई सच्ची आस्था से भगवान् खोजता है, तो वह खुद ही उसमे समा जाता है
।
सतगुरु जो चाहे सो करहीं चौदह कोटि दूत जम डरहीं।
सतगुरु पूर्ण बृहम है सत आप अलेख सतगुरु रमता राम है या में मीन न मेंख।।
सत गुरु के ढिंग जाय के सन जाय के सन्मुख खाबे चोट।
चकमक लगि पथरी जरै सकल मिटाबै खोंट। ।आए हैंसो जायेंगे राजा रंक
बिंन सत्य गुरू पाबै नहीं खालिक खोज बिचार चौरासी जग जात है चिन्हित नाहीं सार। ।
आज 21बृमांड में पूर्ण बृहम संत शिरोमणी संत रामपाल जी महाराज जी असंभव कार्य को संभव बनांने के लिए सक्षम हैंऔर बर्तमांन में रामपाल महाराज जी के रूपमें साहेब कबीर परमेश्वर ही हैं उतर। ।बंदी छोड सत्य गुरू पूर्ण बृहम परमेश्वर संत रामपाल जी महाराज जी जय। ।
काया तेरी है नहीं, माया कहाँ से हाेय | भक्ति कर दिल पाक से, जीवन है दिन दाेय ||
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Sat sahib ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏👏👏👏👏👏
प्रेमभाव एक चाहिए , भेष अनेक बनाय | चाहे घर में वास कर , चाहे बन को जाए ||- Saint Kabir
सतगुरु पुरष कबीर है, चारों युग प्रमाण ।
झूठे गुरूवा मर गए, हो गए भूत मसाण।। Www.jagatgururampalji.org
सतयुग में सतसुकृत कह टेरा,त्रेता नाम मुनींद्र मेरा ।द्वापर में करुणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया।।
अनंत कोटि ब्रहमांड में बंदी छोड़ कहां है सो तो एक कबीर है जननी जने नाम आए
कबीरा यह तन जात है , सके तो ठौर लगा | कई सेवा कर साधू की , कई गोविन्द गुण गा ||- Saint Kabir
क्या मागु कुछ थिर ना रहाई,देखत नेन चला जग जाई।
एक लख पूत सवा लख नाती,उस रावण के दीवा न बाती।।
एक लेवा एक देवा दूतम, कोई किसी का पिता न पुत्रं।
ऋण संबध जुडया एक ठाठा, अन्त समय सब बारह बाटा।।
जग में बैरी कोई नहीं , जो मन शीतल होय | यह आपा तो डाल दे , दया करे सब कोए ||- Saint Kabir
बाहर क्या दिखलाये , अंतर जपिए राम | कहा काज संसार से , तुझे धानी से काम ||- Saint Kabir
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है
मनुष्य जन्म पाए कर जो नहीं रटे हरि नाम जैसे कुआं जल बिना बनवाया क्या काम
साधना टीवी 7:40pm सेमनुष्य जन्म पाए कर जो नहीं रटे हरि नाम जैसे कुआं जल बिना बनवाया क्या काम
साधना टीवी 7:40pm से
परमात्मा कबीर साहेब जी कहते है
*गिरीवर जोर बडे़र है,ये माया के धनवंत*
*रावण की ज्यो लुट्टगें,जहां पाव गड़े नहीं संत*
कबीर, धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौं घड़ा, समय. आए फल होय ।।
पाँच पहर धन्धे गया, तीन पहर गया सोय ।
एक पहर हरि नाम बिन, मुक्ति कैसे होय ॥
कई पैरां तो नंगे फिरदे, सर तै लभदे छावां।
मैनू दाता सब कुछ देता, तू क्यों न शुक्र मनावां ।।
यह संसार समझदा नाहि कहदा शाम दोपहर णु गरीब दास ये वक्त जात है रोवेगे इस पहरेणु
मासा घटे ना तिल बढ़े विधना लिखे जो लेख।
साँचा सतगुरु मेट कर ऊपर मारदे मैख।।
संत रामपाल जी महाराज संसार में एकमात्र तत्वदर्शी संत सदगुरुदेव हैं
सतगुरु मिले दया करी ऐसे दीन दयाल बंधी छोड़ बिरद तास का जठ रागिनी प्रति पाल।
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मारे सतगुरु दे रीया हेला रे
सतनाम सुमर मन मैला रे
bandi chhod satguru Rampal ji maharaj ki Jay
संत रामपाल जी महाराज विश्व मे एकमात्र पूर्ण संत है जो समाज को शास्त्रानुकूल भक्ति बता रहे है उनके ग्यान के आधार पर विश्व में शांति होगी
कबीर, सात समूद्र की मसि करूं, लेखनी करूं बनराय ।
धरती का कागज करुं, गुरु गुण लिखा न जाए ॥
कबीर यह माया अटपटी सब घट आन अडी किस-किस को समझाऊं कुएं भांग में भाग पडी।
सतगुरू के दरबार में जाइए बारम्बार।
भूली वस्तु बताय दे घणा करे उपकार।।
सुनियेसत्संग ईश्वरtv.8.30pmसे
कबीर कहा गरबियो, काल गहे कर केस।
ना जाने कहाँ मारिसी, कै घर कै परदेस।
मात-पिता मिल जाएंगे लख चौरासी माही सतगुरु सेवा बंदगी फिर मिलन की नाही
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण फिरता दाने-दाने न्यू सर्व कला सतगुरु साहिब की हरी आए हरियाणा न्यू
राम नाम कड़वा लगे मीठे लागे दाम दुविधा में दोनों गए माया मिली ना रा
गीता में कहा गया है कि उत्तम पुरुष तो अन्य जो तीनों लोकों में प्रवेश कर सबका भरण-पोषण करता है वह कबीर परमेश्वर है
कबीर,पिछले पाप से,हरि चर्चा ना सुहावे ,
जैसे ज्वर के वेग से,भूख विदा हो जावे
Jai ho mere malik sant Rampal ji Bhagavan ki jai ho sat saheb to all
कबीर गुरु बिन माला फेरते गुर बिन देते े दान गुरु बिन दोनों निष्फल है पूछो वेद और पूराण।
गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागू पाय
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दिया मिलाय।
bandi chod satgur Rampal Gii mharaj ki Jay Ho Gii sat sahib Giii Bhagat
संत रामपाल जी महाराज संसार में एकमात्र सच्चे तत्वदर्शी संत सतगुरु देव है क्योंकि इनके द्वारा बताई गई भक्ति विधि शास्त्रों से प्रमाणित है
जय हो बंदी छोङ सद्गुरु रामपाल जी भगवान जी की जय हो 🙏
सतगुरु के लक्षण कह हूं मधु रे बेन विनोद चार वेद छह शास्त्र कह अठारह बोध।
भक्ति दान गुरु दीजिए देवन के देवा हो, जन्म पाया भूलूं नहीं करूं पद सेवा हो।।
🙏 कबीर सतगुरू आये दया करि ऐसे दिन दयाल, बन्दी छोड़ विरतास का जठराग्नि प्रति पाल।।🙏
कबीर राम बुलावा भेजीया , दिया कबीरा रोय।
जो सुख है सतसंग में , वो बेकुंट मे ना होय।।
हम ही अलख अल्लाह है कुतुब गोस और पीर।
गरीब दास खालिख धणी, हमरा नाम कबीर।।
कबिर साधु दर्शन राम का परमात्मा आवे याद लेखे मे वही घड़ी बाकी समय बर्बाद
सतगुरु रामपाल जी महाराज काे काेटी काेटी प्रणाम कोटि कोटि नमन सत् साहेब जी
सतगुरु के उपदेश का लाया एक विचार जो सतगुरु मिलते नहीं जाते नर्क-द्वार
कबीर आये है सो जायेगे, राजा रंक फकीर।
एक सिंहासन चढ चला, एक बंदे जात जंजीर।।
धरती पर अवतार सन्त रामपाल जी महाराज ह
कहै कबीर पुकारिके, दोय बात लखिलेय एक साहबकी बंदगी, व भूखों को कछु देय
झूठे सुख को सुख कहे, मानत है मन मोद।
खलक चबैना काल का, कुछ मुंह में कुछ गोद।
अन्नत कोटि अवतार है माया के गोविन्द कर्ता हो हो अवतरे बहुत पडे जग फंद
आछे दिन पाछे गए, हरि से किया न हेत ।
अब पछताए होत क्या, चिड़िया चुग गयी खेत ॥
अर्थ :
सुख के समय में भगवान् का स्मरण नहीं किया, तो अब पछताने का क्या फ़ायदा। जब खेत पर ध्यान देना चाहिए था, तब तो दिया नहीं, अब अगर चिड़िया सारे बीज खा चुकी हैं, तो खेद से क्या होगा।
Bandi chhod satguru Rampal Ji Maharaj ki Jai Ho sat sahib ji
गरीब,ऐसा सतगुरु सेइये, जो बेग उतारे पार |
चौरासी भ्रम मेट कर, करे आवागवन निवार
कबीर, गुरू बड़े गोविंद ते, मन में देखि विचार ।
हरि सिरजे ते वार है, गुरू सिरजे ते पार ।।
जीवन तो थोड़ा भला जो सत सुमरण होय लाख बरस का जीवना लेखे धरे ना कोय।।
#कबीर_करतार_के_विचार
कबीर, गुरुको कीजे दण्डवत, कोटि कोटि परनाम।
कीट न जानै भृंगको, यों गुरुकरि आप समान।।
पूर्ण गुरु पूरे विश्व में सिर्फ संत रामपाल जी महाराज जी ही है जो कि सभी धर्मों के शास्त्रों से प्रमाणित सत्य ज्ञान भक्ति विधि बताते हैं।
कबीर या तन विष की बेलड़ी, गुरु अमृत की खान।
शीश दिए जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान।
सतसंग की आधी घड़ी तप के वर्ष हजार तो भी बराबर है नहीं कहे कबीर विचार
Sant Rampal Ji Maharaj Is Giving True Spritual Path.
इक दिन ऐसा होइगा, सब सूं पड़े बिछोह।
राजा राणा छत्रपति, सावधान किन होय॥
भक्ति दान गुरु दीजिओ,देवगन के देवा हो।
जन्म पाय भूलू नहीं,करहूं पद सेवा हो।।
चार मुक्ति जहाँ चम्पी करती माया होरी दासी
दास गरीब अधर बसु मै अविगत सत कबीर ।
काटे बंधन विपत में कठिनाइयों संग्राम सुनो रे नर प्राणियों गरुड़ बडो के राम
संसार के एकमात्र सच्चे सतगुरु देव संत रामपाल जी महाराज के चरणो में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम
कबीर,काल जो पीसे पीसना, जोरा है पनिहार।ये दो असल मजूर हैं, सतगुरु के दरबार।।
सतगुरु मिलै तो इच्छा मेटै, पद मिल पदे समाना।
चल हंसा उस लोक पठाऊ, जो आदि अमर अस्थाना।।जय बन्दी छोड़ की।।
ज्यो तिल माही तेल है ज्यो चकमक मे आग तेरा साई तुजमे है जाग सके तो जाग
परमात्मा के चरणों में कोटी कोटी दंडवत प्रणाम
अनन्त कोटि ब्रह्मांड का,एक रति नही भार।
सतगुरु पुरुष कबीर है,कुल के सृजनहार।।
anu vaishnav sat saheb
KABIR IS GOD 🌱🌱
कबीर मैं अपराधी जन्म का, नख शिख भरा विकार।
तुम दाता दुःख भंजना, मेरी करो संभार॥
बंदी छोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज जी की जय
तीन लोक का राज जीव को जे कोई दे।
लाख भदाई क्या करे जो नहीँ नाम से नेह।।
पूर्ण परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म सतगुरू श्री कबीर साहेब जी के चरणों में बारम्बार प्रणामं।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सतगुरू मिले इच्छा मेटे, पद मद मिले समाना।
चल हंसा उस लोक पठाऊं, आदि अमर स्थाना।
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कबीर ,,साँच कहूं तो जग ना माने झूठ कही ना जाई हो।
ये ब्रह्मा विष्णु शिवजी दुखिया जिन ये राह चलाई हो।।
भगती बिगाड़ी कामियाँ, इन्द्री करे सवादी
।
हीरा खोया हाथ थाई, जनम गंवाया बाड़ी ॥
इच्छाओं और आकाँक्षाओं में डूबे लोगों ने भक्ति को बिगाड़ कर केवल इन्द्रियों की संतुष्टि को लक्ष्य मान लिया है
। इन लोगों ने इस मनुष्य जीवन का दुरूपयोग किया है, जैसे कोई हीरा खो दे
।
पूर्ण परमात्मा को जानने तथा उनके वास्तविक लाभ को प्राप्त करने के लिए कृप्या अवश्य सुनिए सत्संग SADHANA TV 7 :30 से 8 :30 pm
कबीर,हम वासी उस देश के,जहां आर पार का खेल।
दीपक वहां हरदम जले ,बिन बाती बिन तेल।।
कबीर साथी हमारे चले गये हम भी चालन हार है कोई कागज मे बाकी रह रही ता ते लागी वार
सं त रामपाल जी महाराज जी के चरणो मै कोटी कोटी दंडवत प्रणाम सत साहेब जी ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
बाइबिल में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है
मात पिता मिल जायेंगे लख चौराची माय
सतगुरु सेवा और बन्दगी फिर मिलन की नाहि
सब कहे भगवान कृपालु है कृपा करें दयाल।
जिसकी सब पूजा करें वह स्वयं कहै मैं काल।।
नानक साहिबजी कहते है
ना जाने ये काल की कर डारे, किस विधि ढल जा पासा वे।
जिन्होने सिर दे मौत खुडगदी,उन्हानू केडा हांसा वे।
#सतभक्ति_से_आईं_खुशियाँ
देखिए साधना TV 7:30 PM
कबीर परमात्मा को हम अन्तर आत्मा मे धारण करे परमात्मा हमारे बूदधी को सूभ कारीय में प्रेरीत करें जय सत परमात्मा
कबीर नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊं गली गली लूटने वाले लूटेंगे मैं शोर मचाऊं गली गली जिसने ये मोती लूटे बो सब मालामाल हुए धन दौलत के बने पुजारी आखिर वो कंगाल हुए
सतगुरु रामपाल जी महाराज की चरणों में दास का दंडवत प्रणाम सभी भक्तों को सत साहिब
पूर्णब्रह्म जगत गुरु तत्वदर्शी संत बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणों में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम सभी भक्तों को सत साहेब
भगति मुक्ति के दाता सतगुरु, भटकत प्राण फिरन्दा । उस साहेब के हूकम बिना नहीं, तरवर पात हिलन्दा॥
चलती चक्की देख कर, दिया कबीरा रोय ।
दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोय ।।
राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण कभी तो दीनदयाल के भनक पड़ेगी कान
जो जो शरण कबीर की तर गए अनन्त अपार।
दादू गुण किता कहे कहत ना आवे पार।
गरीब, जम जौरा जासे डरैं, मिटें कर्म के लेख।
अदली असल कबीर है, कुल के सतगुरु एक।।
बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो।।देखिये ईश्वर टीवी पर रात के समय में 8.30 से सत्संग प्रवचन संत रामपाल जी महाराज जी की जय हो
ये ज्योति स्वरूप कहे निरंजन मैं ही करता भाई ,फिर एक न करता दो न करता ,नो ठहराय भाई ,इसका दस्वा भी धुन्दर मैं मिल जा ।।
लूट सको तो लूट लो, राम नाम की लूट।
पाछे फिर पछताओगे, प्राण जाएंगे छूट।।
कबीर बिन गुरु भक्ति अति कठिन है, ज्यों खाँड़े की धार ।
बिना साच पहुँचै नहीं, महा कठिन ब्यौहार ।।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणो में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
Sant Milan ko chahiye taaj Maya abhimaam Ju ju paag aage badhe Koti yagy saman