वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की भक्ति सतगुरु संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर करने वाले साधक को सर्व सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है
पूर्ण गुरु की चरण में जाने से द्रोपदी की तरह हमारी रक्षा हो सकती है आज पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी है उनकी चरण में आकर देखो क्या क्या सुख मिलते है t.co/bSKan6h8Uj
पूर्ण परमात्मा कबीर साहब के रूप में धरती पर तत्वदर्शी जगतगुरु रामपाल जी महाराज अवतरित हुए हैं और शास्त्र अनुसार भक्ति बताते हैं आपका मनुष्य जीवन सत भक्ति में लगा दो और सतगुरु रामपाल जी महाराज की शरण में आओ और अपना कल्याण कराओ साधना चैनल पर 7:30 से 8:30 पर सत्संग आता है उनके मंगल प्रवचन सुनो
धरती पर एक बार में एक ही तत्वदर्शी संत होता है जो वेद और शास्त्रों के अनुसार ज्ञान बताते है वह संत रामपाल जी महाराज हैं देखिए साधना टीवी 7:30 से 8:30 बजे तक #SundayMotivation @imVkohli @LambaAlka @msdhoni t.co/wyAQ0DU0pv
ये तो होना ही है वो समय हमारी ओर बहुत ही तेजी से आ रहा है जब पूरा विश्व संत रामपाल जी महाराज का अनुशरण करेगा ! जब आएगा बिसवे बीसा, न रहेगा मूसा न रहेगा ईशा, राज करेगा जगदीशा!!
चलती चकी देख कर दिया कबीरा रोय । दो पाटन के बिच में साबुत बचा ना कोई । जै किले से लागारहै बाका नास ना होई । पृथ्वी पर किला पुर्ण परमात्मा सन्त रामपालजी महाराज।
" जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा । हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा हाड़ लहू और चाम से,सबका बना शरीर । सारा जगत चमार है, कह गए दास कबीर "
पूरण संत रामपाल जी महाराज की जय हो
सत गुरू रामपाल जी महाराज के अमृत ज्ञान से हो रहा है भारत दहेज मुक्त नशा मुक्त
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब ने अपने स्वरूप अर्थात मनुष्य रूप ही अनुरूप की मनुष्य बनाया इस प्रकार पूर्ण परमात्मा मनुष्य सदस्य एवं साकार हैं
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की भक्ति सतगुरु संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर करने वाले साधक को सर्व सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है
अनन्त कोटि ब्रहाण्ड का एक रति नही भार।
सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सृजनहार।।
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण परमात्मा के अवतार आए हुए हैं आप सभी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लो और भक्ति करो
Bandi chhod satguru rampal ji Saheb ki jai ho
कबीर, जोरी करि जबह करै, मुखसों कहै हलाल।
साहब लेखा मांगसी, तब होसी कौन हवाल।।
कबीर, वेद पढे पर भेद न जाने, ये बांचै पुराण अठारा ।
जड़ को अंधा पान खिलावै, ये भूलै सिरजनहारा ॥
बंदीछौड सतगुरु रामपालजी महाराज की जय हो
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द।
गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत।।
कबीर राम बुलावा भेजिया,दिया कबीरा रोय।
जो सुख है सत्संग में,वो बैकुंठ में ना होय।।
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम फिरता दाने-दाने नू।
सर्व कला सतगुरु साहिब की हरी आए हरियाणा ।।
कबीर, गुण तीनों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की भक्ति में ये भूल पड़ा संसार। कहे कबीर निज नाम बिना कैसे उतरों पार।।
कबीर,राम रटत निर्धन भलो, टूटी घर की छान।
वो सुंदर महल किस काम के, जहाँ भक्ति नही भगवान।।
पूर्ण परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के चरणो में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम
राम राम सब जगत बखाने।
आदि राम कोई बिरला जाने।।
PurnParmatma prampita purnbhram bandichor jagatguru tatvdarshi sant rampal ji maharaj ki jai ho 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🙇🏻🙇🏻🙇🏻🌹🙇♂️🙇♂️🙇♂️🌹🙏🙏🙏🌹🌹🌹
सतयुग में सत्यसुकृत कह टेरा त्रेता नाम मुनीन्द्र मेरा।
द्वापर में करुणामय कहाया कलयुग नाम कबीर धराया।।
लोक लाज मर्याद जगत की तरण जयो तोड़बगाववै तब कोई राम भगत गति पावे🌼👏🌼
कबीर, दिनको रोजा रहत हैं, रात हनत हैं गाय।
यह खून वह बंदगी, कहुं क्यों खुशी खुदाय।।
और ज्ञान सब ज्ञानडी,कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोप का ,करता चले मैदान।।
बन्दी छोड़ सतगुरु रामपालजी महाराज के चरणों में कोटी कोटी दण्डवत प्रणाम
कबीर नौ मन सूत उल्झीया ऋषि रहे झक मार सत्गुरु ऐसा सुल्झादे उलझे ना दुझी बार।।
सतगुरु के दरबार मे,कमी काय की ना।
हंसा मोज नही पावता,कमी सुक-साकरी माय।।
कबीर दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे ना कोई!
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे को होय! !
संत रामपाल जी महाराज विश्व मे एकमात्र पूर्ण संत है जो समाज को शास्त्रानुकूल भक्ति बता रहे है
उनके ग्यान के आधार पर विश्व में शांति होगी
एक साधे सब साधे,सब साधे सब जाए।
माली सीचें मूल को,फूले फलें अघाए।।
कबीर, काल जो पीसै पीसणा, जोरा है पनिहार ।
ये दो असल मजदूर हैं, मेरे सतगुरु के दरबार ॥
कोई कहे हमारा राम बड़ा है कोई कहे कहे खुदाई रे कोई कहे ईसा मसीह बड़ा ये बाटा रहे लगाई रे
सिमरन ऐसा हो, जिन्दगी नुर हो जाए,
सेवा ऐसी हो,सब मुश्किल दुर हो जाए ।
फरियाद ऐसी कि सदगुरू,दर्शन देने जरूर आये ।।
सतयुग में सत सुकृत कह टेरा त्रेता नाम मनिंदर मेरा द्वापर में करुणामय कहाया कलयुग नाम कबीर धराया
हम सुल्तानी नानक तारे,दादू को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद नही पाया,काशी मे कबीर हुआ
दिल का मरहम ना मिला, जो मिला सो गर्जी
।
कह कबीर आसमान फटा, क्योंकर सीवे दर्जी ॥
Satguru ki jai
कबीर,
नौ मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झख मार,
सतगुरु ऐसा सुलझा दे, न उलझे दूजी बार!
कलियुग मध्य सतयुग लाउ
ताते बंधिछोङ कहाउ
कबीर इस जग में आकर दो काम कर ले एक साहेब की बंदगी और भूखों को कुछ दे
राम नाम रटते रहो जबतक घट में प्रणाकभुतो दिन दयालके बनक पडेगी कान
सन्त रामपाल जी ने वो ज्ञान दिया है जो सभी वेद शास्त्रों से पूर्णतः प्रमाणित है और मोक्ष का सत्य मार्ग भी है।
पूर्ण गुरु की चरण में जाने से द्रोपदी की तरह हमारी रक्षा हो सकती है आज पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी है उनकी चरण में आकर देखो क्या क्या सुख मिलते है t.co/bSKan6h8Uj
साचा सतगुरु पुरुष कबीर हे चारों युग प्रमाण
यह झूठे गुरुवा मर गये हो गये भुत मसान
सोई गुरु पूरा कहावे, दो आखर का भेद बतावै।
एक छुड़ावै एक लखावै, तो प्राणी निज घर को जावे।।
कबीर, झ्ष्ट मिलै और मन मिलै, मिलै सकल रस रीति।
कहै कबीर तहाँ जाइये, रह सन्तन की प्रीति।।
कबीर कलयुग कठिन है सद्गुरु मान्य नहीं कोई कामी क्रोधी लालची इन को पूछे तो
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।
ज्ञान के सागर आपकी जय हो बंदी छोड़ आपकी जय हो जगतगुरु आपकी जय हो शत शत संत रामपाल जी महाराज आपकी जय हो सत साहेब जी
बंदी छोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज की जय हो
मौत बिसारी बावरा अचरज किया न कौन ।
यह तन मिट्टी मै मिल जायगा ज्यो आटे मे लोंण ।।
kavita dasi
तीनो देवा कमल दल बसे ये ब्रह्मा विष्नु महेश।
पहले इनकी वंदना फिर सुन सतगुरु उपदेश।।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहब के रूप में धरती पर तत्वदर्शी जगतगुरु रामपाल जी महाराज अवतरित हुए हैं और शास्त्र अनुसार भक्ति बताते हैं आपका मनुष्य जीवन सत भक्ति में लगा दो और सतगुरु रामपाल जी महाराज की शरण में आओ और अपना कल्याण कराओ साधना चैनल पर 7:30 से 8:30 पर सत्संग आता है उनके मंगल प्रवचन सुनो
अनंत कोटि ब्रह्मांड का, एक रति नही भार |
सतगुरु पुरुष कबीर है, ये कुल के सिरजनहार ||
God is on Earth.
sat saheb ji
कबीर आठ पहर चौसठ घडी, लागी रहे अनुराग ।
हिरदै पलक न बिसरे, तब सांचा बैराग ।।
Pricious satsang
कबीर, तीन लोक पिंजरा भया, पाप पुण्य दो जाल।
सभी जीव भोजन भये, एक खाने वाला काल।।
धरती पर एक बार में एक ही तत्वदर्शी संत होता है जो वेद और शास्त्रों के अनुसार ज्ञान बताते है वह संत रामपाल जी महाराज हैं
देखिए साधना टीवी 7:30 से 8:30 बजे तक
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@LambaAlka
@msdhoni
t.co/wyAQ0DU0pv
कबीर बिन उपदेश अचम्भ है,क्यो जीवत हैं प्राण।
भक्ति बिना कहा ठौर है,ये नर नाहीं पाषाण।।
गरीब अंधे गूंगे गुरु घणे लंगड़े लोभी लाख साहिब से परचे नहीं काव बनावे साख
पूर्ण संत रामपाल जी महाराज अब इस दुनिया में आए हुए हैं
सच कहूं तो जग ना माने झूठ कही ना जाई। यह ब्रम्हा विष्णु शिव जी दुखिया जिन्हें यह राह चलाई ।।
पीछे लाग्या जाऊँ था, में लोकवेद के साथ।
रास्ते में सतगुरु मिल गए, दीपक दे दिया हाथ।।
कबीर, गुरुसो ज्ञान जो लीजिये, सीस दीजिये दान।
बहुतक भोंदू बहिगये, राखि जीव अभिमान
चार खानि मे भ्रमता कबहू ना लगता पार ।
सो फेरा सब मिट गया मेरे सतगुरु के उपकार ।।
सभी भक्तों आत्माओं को दास का इनवाइट है सदगुरुदेव कुल मालिक परमेश्वर बंदी छोड़ रामपाल भगवान जी के सत्संग का अमृतपान करें
प्रेम बिना धीरज नहीं, बिरह बिना बैराग ।
सतगुरु बिना मिटते नहीं, मन मनसा के दाग ॥
वेदो में प्रमाण है कबीर साहेब पूर्ण ब्रह्म कबीर परमात्मा है
जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराजजी की जय हो ।।
सतगुरु के उपदेश का लाया एक विचार ।
जै सतगुरु मिलते नही तो जाते यम द्वार ।।
Nastredamus ke anusar vo sant rampal ji hi he jinke gyan se pure vishv me shanti felegi
ये तो होना ही है वो समय हमारी ओर बहुत ही तेजी से आ रहा है जब पूरा विश्व संत रामपाल जी महाराज का अनुशरण करेगा !
जब आएगा बिसवे बीसा, न रहेगा मूसा न रहेगा ईशा, राज करेगा जगदीशा!!
“दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त, अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत।”
कबीर, तारामंडल बैठकर, चांद बढ़ाई खाए ।
उदय हुआ जब सूर्य का, यों तारो छिप जाए ।।
अनंत कोटि ब्रह्मांड का, एक रत्ती नहीं भार है, सतगुरु संत कबीर है, कुल के सिरजनहार ।
कबीर वेद पढे पर भेद ना जानें, बांचे पुराण अठारा।
पत्थर की पूजा करें, भूल सिरजनहारा।।
कबीर, गला काटि कलमा भरै, कीया कहै हलाल।
साहब लेखा मांगसी, तब होसी कौन हवाल।।
स्वासा ही में सार पद, पद में स्वासा सार, दम देही का खोज कर आवागमन निवार
मात-पिता सुत स्त्री, आलस बन्धु काण।
सन्त मिलन को जब चलै, ये अटकावै आण।।
इनका अटकाया अटके नहीं, संत मिलन को जाय।
कहै कबीर सो संत है, आवागमन नशाय।।
Satguru rampal ji maharaj ki Jai Ho 🙏🏻🙏
जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज की जय हो
आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर हिंदू निके तुम देव कहाये मुसलमान के पीर
गारी ही सों ऊपजे ,कलह, कष्ट और मींच ।
हरि चले सो साधु है, लागी चले तो नीच ॥
सतयुग में सतसुकृत कह टेरा,त्रेता नाम मुनींद्र मेरा ।द्वापर में करुणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया।।
चलती चकी देख कर दिया कबीरा रोय ।
दो पाटन के बिच में साबुत बचा ना कोई ।
जै किले से लागारहै बाका नास ना होई ।
पृथ्वी पर किला पुर्ण परमात्मा सन्त रामपालजी महाराज।
तीनों देवा कमल दल बसे ब्रह्म विष्णु महेश।प्रथम इनकी वन्दना फिर सुन सतगुरु उपदेश।।
चारों युगो में मेरे संत पुकारे कुक गया हम हेल रे हीरे माणिक मोती बरसे ये जग चुगता डेल रे
Kabir saheb is supreme god according of all religious books.
कबीर ,संत ना छाडै संतई, जो कोटिक मिले असंत ।
चन्दन भुवंगा बैठिया, तऊ सीतलता न तजंत ॥
सन्त मिलन को चलिए तज माया अभिमान।
ज्यो ही पग आगे धरे त्यों ही यग समान।।
सत्संग की आधी घड़ी, तप के बरस हजार।
तोभी बराबर है नहीं,कहे कबीर विचार।।
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम फिरता दाने-दाने नू सर्व कला सतगुरु साहिब की हरि आये हरियाने नू
सतगुरु जो चाहे सो कर दे भरम पड़ो मत कोई शेऊ धड़ पर शीश चढ़ाया पीछे करी रसोई।।
" जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा । हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा
हाड़ लहू और चाम से,सबका बना शरीर । सारा जगत चमार है, कह गए दास कबीर "
लख लख योजन उड़त है सुरनर मुनिजन सन्त।
ऊँचा धाम कबीर का कोई ना पावे अंत।
सतगुरु हो तो संतरामपालजीमहाराज जैसा जो लाखों जीवो का जीवन आनंदमय बना रहे हैं
ले बालक तुरंत ही आए।सतगुरु से दीक्षा पाए। आशीर्वाद दिया सतगुरू स्वामी।दया करि प्रभु अंतर्यामी ।।
”हिन्दू कहें मोहि राम पियारा,
तुर्क कहें रहमाना,
आपस में दोउ लड़ी-लड़ी मुए,
मरम न कोउ जाना।”
- कबीर
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है
अरबों तो ब्रह्मा गए, उनन्चास कोटि कन्हैया।
सात कोटि शम्भू गए, मोर एक नहीं पलैया।।
जय हो बंदी छोङ सद्गुरु रामपाल जी भगवान जी की जय हो 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏