१ जय जय राम कृष्ण हरी २ जय जय राम कृष्ण हरी ३ जय जय राम कृष्ण हरी ४ जय जय राम कृष्ण हरी ५ जय जय राम कृष्ण हरी ६ जय जय राम कृष्ण हरी ७ जय जय राम कृष्ण हरी ८ जय जय राम कृष्ण हरी ९ जय जय राम कृष्ण हरी १० जय जय राम कृष्ण हरी ११ जय जय राम कृष्ण हरी १२ जय जय राम कृष्ण हरी १३ जय जय राम कृष्ण हरी १४ जय जय राम कृष्ण हरी १५ जय जय राम कृष्ण हरी १६ जय जय राम कृष्ण हरी १७ जय जय राम कृष्ण हरी १८ जय जय राम कृष्ण हरी १९ जय जय राम कृष्ण हरी २० जय जय राम कृष्ण हरी २१ जय जय राम कृष्ण हरी २२ जय जय राम कृष्ण हरी २३ जय जय राम कृष्ण हरी २४ जय जय राम कृष्ण हरी २५ जय जय राम कृष्ण हरी २६ जय जय राम कृष्ण हरी २७ जय जय राम कृष्ण हरी २८ जय जय राम कृष्ण हरी २९ जय जय राम कृष्ण हरी ३० जय जय राम कृष्ण हरी ३१ जय जय राम कृष्ण हरी ३२ जय जय राम कृष्ण हरी ३३ जय जय राम कृष्ण हरी ३४ जय जय राम कृष्ण हरी ३५ जय जय राम कृष्ण हरी ३६ जय जय राम कृष्ण हरी ३७ जय जय राम कृष्ण हरी ३८ जय जय राम कृष्ण हरी ३९ जय जय राम कृष्ण हरी ४० जय जय राम कृष्ण हरी ४१ जय जय राम कृष्ण हरी ४२ जय जय राम कृष्ण हरी ४३ जय जय राम कृष्ण हरी ४४ जय जय राम कृष्ण हरी ४५ जय जय राम कृष्ण हरी ४६ जय जय राम कृष्ण हरी ४७ जय जय राम कृष्ण हरी ४८ जय जय राम कृष्ण हरी ४९ जय जय राम कृष्ण हरी ५० जय जय राम कृष्ण हरी ५१ जय जय राम कृष्ण हरी ५२ जय जय राम कृष्ण हरी ५३ जय जय राम कृष्ण हरी ५४ जय जय राम कृष्ण हरी ५५ जय जय राम कृष्ण हरी ५६ जय जय राम कृष्ण हरी ५७ जय जय राम कृष्ण हरी ५८ जय जय राम कृष्ण हरी ५९ जय जय राम कृष्ण हरी ६० जय जय राम कृष्ण हरी ६१ जय जय राम कृष्ण हरी ६२ जय जय राम कृष्ण हरी ६३ जय जय राम कृष्ण हरी ६४ जय जय राम कृष्ण हरी ६५ जय जय राम कृष्ण हरी ६६ जय जय राम कृष्ण हरी ६७ जय जय राम कृष्ण हरी ६८ जय जय राम कृष्ण हरी ६९ जय जय राम कृष्ण हरी ७० जय जय राम कृष्ण हरी ७१ जय जय राम कृष्ण हरी ७२ जय जय राम कृष्ण हरी ७३ जय जय राम कृष्ण हरी ७४ जय जय राम कृष्ण हरी ७५ जय जय राम कृष्ण हरी ७६ जय जय राम कृष्ण हरी ७७ जय जय राम कृष्ण हरी ७८ जय जय राम कृष्ण हरी ७९ जय जय राम कृष्ण हरी ८० जय जय राम कृष्ण हरी ८१ जय जय राम कृष्ण हरी ८२ जय जय राम कृष्ण हरी ८३ जय जय राम कृष्ण हरी ८४ जय जय राम कृष्ण हरी ८५ जय जय राम कृष्ण हरी ८६ जय जय राम कृष्ण हरी ८७ जय जय राम कृष्ण हरी ८८ जय जय राम कृष्ण हरी ८९ जय जय राम कृष्ण हरी ९० जय जय राम कृष्ण हरी ९१ जय जय राम कृष्ण हरी ९२ जय जय राम कृष्ण हरी ९३ जय जय राम कृष्ण हरी ९४ जय जय राम कृष्ण हरी ९५ जय जय राम कृष्ण हरी ९६ जय जय राम कृष्ण हरी ९७ जय जय राम कृष्ण हरी ९८ जय जय राम कृष्ण हरी ९९ जय जय राम कृष्ण हरी १०० जय जय राम कृष्ण हरी १०१ जय जय राम कृष्ण हरी १०२ जय जय राम कृष्ण हरी १०३ जय जय राम कृष्ण हरी १०४ जय जय राम कृष्ण हरी १०५ जय जय राम कृष्ण हरी १०६ जय जय राम कृष्ण हरी १०७ जय जय राम कृष्ण हरी१०८ जय जय राम कृष्ण हरी
राम कृष्ण हरी सद्गुरू तत्व अपार आहे. अनिर्वचनिय आहे.सर्व सामान्य लोकांसाठी हे स्तवन व्यक्त करणारी अदभुत दिव्य भाषा नसते त्यामुळे.त्या अव्यक्त प्रेमाची पुर्ती संत वचनानी होते. परंतु संत वचनाचा आशय समजण्या साठी आपणा सारख्या अधिकारी सत्पुरुष आणि सद्गुरू तत्वाच्या महनीय व्यक्ती आवश्यक असते केवळ अदभुत, अप्रतिम आणि वंदनीय निरूपण. माऊली आदरपूर्वक नमस्कार. अरविंद कुलकर्णी सोयगाव
वारकरी सांप्रदायला आज आशा महात्माची गरज आहे
अत्यंत सुंदर विचारांची मांडणी शब्दाची पेरणी.अती सुंदर हृदयाला भिडणारी आहे
वाचा बोलो वेदनीती ।करु संती केले ते।
असे असणारे गुरुवर्य चैतन्य महाराज
🙏 रामकृष्ण हरी माऊली 🙏
राम कृष्ण हरी माऊली
१ जय जय राम कृष्ण हरी २ जय जय राम कृष्ण हरी ३ जय जय राम कृष्ण हरी ४ जय जय राम कृष्ण हरी ५ जय जय राम कृष्ण हरी ६ जय जय राम कृष्ण हरी ७ जय जय राम कृष्ण हरी ८ जय जय राम कृष्ण हरी ९ जय जय राम कृष्ण हरी १० जय जय राम कृष्ण हरी ११ जय जय राम कृष्ण हरी १२ जय जय राम कृष्ण हरी १३ जय जय राम कृष्ण हरी १४ जय जय राम कृष्ण हरी १५ जय जय राम कृष्ण हरी १६ जय जय राम कृष्ण हरी १७ जय जय राम कृष्ण हरी १८ जय जय राम कृष्ण हरी १९ जय जय राम कृष्ण हरी २० जय जय राम कृष्ण हरी २१ जय जय राम कृष्ण हरी २२ जय जय राम कृष्ण हरी २३ जय जय राम कृष्ण हरी २४ जय जय राम कृष्ण हरी २५ जय जय राम कृष्ण हरी २६ जय जय राम कृष्ण हरी २७ जय जय राम कृष्ण हरी २८ जय जय राम कृष्ण हरी २९ जय जय राम कृष्ण हरी ३० जय जय राम कृष्ण हरी ३१ जय जय राम कृष्ण हरी ३२ जय जय राम कृष्ण हरी ३३ जय जय राम कृष्ण हरी ३४ जय जय राम कृष्ण हरी ३५ जय जय राम कृष्ण हरी ३६ जय जय राम कृष्ण हरी ३७ जय जय राम कृष्ण हरी ३८ जय जय राम कृष्ण हरी ३९ जय जय राम कृष्ण हरी ४० जय जय राम कृष्ण हरी ४१ जय जय राम कृष्ण हरी ४२ जय जय राम कृष्ण हरी ४३ जय जय राम कृष्ण हरी ४४ जय जय राम कृष्ण हरी ४५ जय जय राम कृष्ण हरी ४६ जय जय राम कृष्ण हरी ४७ जय जय राम कृष्ण हरी ४८ जय जय राम कृष्ण हरी ४९ जय जय राम कृष्ण हरी ५० जय जय राम कृष्ण हरी ५१ जय जय राम कृष्ण हरी ५२ जय जय राम कृष्ण हरी ५३ जय जय राम कृष्ण हरी ५४ जय जय राम कृष्ण हरी ५५ जय जय राम कृष्ण हरी ५६ जय जय राम कृष्ण हरी ५७ जय जय राम कृष्ण हरी ५८ जय जय राम कृष्ण हरी ५९ जय जय राम कृष्ण हरी ६० जय जय राम कृष्ण हरी ६१ जय जय राम कृष्ण हरी ६२ जय जय राम कृष्ण हरी ६३ जय जय राम कृष्ण हरी ६४ जय जय राम कृष्ण हरी ६५ जय जय राम कृष्ण हरी ६६ जय जय राम कृष्ण हरी ६७ जय जय राम कृष्ण हरी ६८ जय जय राम कृष्ण हरी ६९ जय जय राम कृष्ण हरी ७० जय जय राम कृष्ण हरी ७१ जय जय राम कृष्ण हरी ७२ जय जय राम कृष्ण हरी ७३ जय जय राम कृष्ण हरी ७४ जय जय राम कृष्ण हरी ७५ जय जय राम कृष्ण हरी ७६ जय जय राम कृष्ण हरी ७७ जय जय राम कृष्ण हरी ७८ जय जय राम कृष्ण हरी ७९ जय जय राम कृष्ण हरी ८० जय जय राम कृष्ण हरी ८१ जय जय राम कृष्ण हरी ८२ जय जय राम कृष्ण हरी ८३ जय जय राम कृष्ण हरी ८४ जय जय राम कृष्ण हरी ८५ जय जय राम कृष्ण हरी ८६ जय जय राम कृष्ण हरी ८७ जय जय राम कृष्ण हरी ८८ जय जय राम कृष्ण हरी ८९ जय जय राम कृष्ण हरी ९० जय जय राम कृष्ण हरी ९१ जय जय राम कृष्ण हरी ९२ जय जय राम कृष्ण हरी ९३ जय जय राम कृष्ण हरी ९४ जय जय राम कृष्ण हरी ९५ जय जय राम कृष्ण हरी ९६ जय जय राम कृष्ण हरी ९७ जय जय राम कृष्ण हरी ९८ जय जय राम कृष्ण हरी ९९ जय जय राम कृष्ण हरी १०० जय जय राम कृष्ण हरी १०१ जय जय राम कृष्ण हरी १०२ जय जय राम कृष्ण हरी १०३ जय जय राम कृष्ण हरी १०४ जय जय राम कृष्ण हरी १०५ जय जय राम कृष्ण हरी १०६ जय जय राम कृष्ण हरी १०७ जय जय राम कृष्ण हरी१०८ जय जय राम कृष्ण हरी
Super pravchan I like it really it's too good I am so happy when I got this video. ..
अत्युत्तमं भवतः भावार्थदीपिकायाः
प्रवचनम् |
श्रुत्वा स्मॄत्वा चआनन्दितोऽस्म्यहम् ||
अतो भवतश्चरणेभ्यो नमो नमः ||
janardanshashtri hodgir
Ram
माऊली खरच खूप सुंद रमाऊली
माऊली खरच खूप सुंदर
अप्ंतीम
Maje Guru Dhunda Maharaj yacnche charani trivar Dandvat.
साक्षत ब्रम्ह....💐💐
जय हरी
श्रीगुरु चैतन्य महाराज देगलूरकर यांचे विचार सागर ग्रंथावरील चिंतन असल्यास प्रसिद्ध करावीत ही विनंती.
Milel paha yutube varti
@@sandeepnarayanpure9902 नाही आहेत
🙏🙏🌹🌹आत्मा मालिक🌹🌹🙏🙏
रामकृष्ण हारी.
माउली, जय हरि, अत्यंत ओघवत्या व रसाळ वाणीतील प्रवचनाने तृप्त झालो.
राम कृष्ण हरि
Rameshwar Datar प्रवचन फारच गले
Rameshwar Datar प्रवचन चागले आहे लोकांचा यांचा फारच फायदा zhala आहे
राम कृष्ण हरी
सद्गुरू तत्व अपार आहे. अनिर्वचनिय आहे.सर्व सामान्य लोकांसाठी हे स्तवन व्यक्त करणारी अदभुत दिव्य भाषा नसते त्यामुळे.त्या अव्यक्त प्रेमाची पुर्ती संत वचनानी होते. परंतु संत वचनाचा आशय समजण्या साठी आपणा सारख्या अधिकारी सत्पुरुष आणि सद्गुरू तत्वाच्या महनीय व्यक्ती आवश्यक असते
केवळ अदभुत, अप्रतिम आणि वंदनीय निरूपण.
माऊली आदरपूर्वक नमस्कार.
अरविंद कुलकर्णी सोयगाव