संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य सभी प्रकार के नशे को समाप्त करना करके लोगो का जीवन सुखमय बनाना है। पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख।। सुमरन करे सतनाम का ,अर्पण कर शरीर।। आठ पहर रक्षा करें ,सतगुरु सत कबीर ।। 🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज जी एक ऐसे महान संत हैं जिनका यथार्थ तत्वज्ञान इतना प्रबल है कि इसके समक्ष अन्य संतों व ऋषियों का ज्ञान टिक नहीं पाएगा। जैसे तोप का गोला जहां भी गिरता है वहां पर मैदान साफ कर देता है।
संत रामपाल जी महाराज ने ही ऋग्वेद मंडल नंबर 10 सूक्त 161 मंत्र नंबर 2 में प्रमाण सहित बताया है कि पूर्ण परमात्मा अपने साधक के असाध्य रोग को नाश करके स्वस्थ कर देता है, उसकी 100 वर्ष की आयु बढ़ा देता है।
रक्तदान महादान संत रामपाल जी के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने बोध दिवस व निर्वाण दिवस पर हजारों यूनिट रक्त दान किया ताकि जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध हो सके।
संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। इन्हीं के अध्यात्मिक ज्ञान से पूरे विश्व में शांति होगी। 17 फरवरी 1988 को उनको नाम उपदेश प्राप्त हुआ था। तब से लेकर अब तक उन्होंने करोड़ों लोगों को विकारों से मुक्त कर मोक्ष की राह दिखाई।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाण दिखा कर बताया कि यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 व ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 82 मंत्र 1, 2 और 3 में प्रमाण है, परमेश्वर हमारे पापों का नाश कर देता है।
💰दहेज न देने पर जहां समाज में बेटी को प्रताड़ित किया जाता है। वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से सादगी से हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह। सास-ससुर द्वारा बहू को घर में दिया जाता है बेटी के समान दर्जा।
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
सन् 1518 वि. स. 1575, महीना माघ, शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी को कबीर साहेब जी मगहर से सशरीर सतलोक गये थे। परमात्मा कबीर जी चार दाग से न्यारे हैं। चदरि फूल बिछाये सतगुरु, देखे सकल जिहाना हो। Sant Rampal Ji Maharaj
परमेश्वर कबीर साहिब जी सन 1398 में सशरीर प्रकट हुए थे और सन 1518 में सशरीर सतलोक गए थे। न कबीर परमात्मा का जन्म होता न ही मृत्यु। कबीर परमात्मा अविनाशी हैं। चारों युगों में सशरीर आते हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj कबीर परमेश्वर मगहर से सशरीर सतलोक गए थे। उनके शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल पाए गए जो कबीर परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार दोनों धर्मों ने आपस में लेकर मगहर में 100 फुट के अंतर से एक-एक यादगार बनाई जो आज भी विद्यमान है। Sant Rampal Ji Maharaj
परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।
मगहर से सशरीर सतलोक गमन आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज ने कबीर साहेब द्वारा माघ माह शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी विक्रमी संवत 1575 (सन 1518) को मगहर से हजारों लोगों के सामने से सशरीर अमरलोक (सतलोक) जाने का वर्णन करते हुए कहा है कि:- देख्या मगहर जहूरा सतगुरु, देख्या मगहर जहूरा हो। काशी में कीर्ति कर चाले, झिलमिल देही नूरा हो।
🛸परमेश्वर कबीर साहिब जी सन 1398 में सशरीर प्रकट हुए थे और सन 1518 में सशरीर सतलोक गए थे। न कबीर परमात्मा का जन्म होता न ही मृत्यु। कबीर परमात्मा अविनाशी हैं। चारों युगों में सशरीर आते हैं।
कबीर,तीन लोक का राज है ब्रम्हा विष्णु महेश। ऊंचा धाम कबीर का, सतलोक प्रदेश ।।गरीब ,जल थल पृथ्वी गगन में,बाहर भीतर एक। पूर्ण ब्रह्म कबीर है, अविगत पुरुष अलेख।।
हिन्दू व मुसलमान में जो भाईचारे, धार्मिक सामंजस्य का बीज परमेश्वर कबीर जी बो गए थे, उसकी मिसाल मगहर में आज भी देखी जा सकती है। मगहर से परमेश्वर कबीर जी सशरीर सतलोक गए थे। उस स्थान पर हिन्दू व मुसलमानों ने मंदिर व मजार 100 - 100 फुट की दूरी में यादगार बना रखी है। कबीर, विहंसे कहयो तब तीनसै, मजार करो संभार। हिन्दू तुरक नहीं हो, ऐसा वचन हमार।।
कबीर,तीन लोक का राज है ब्रम्हा विष्णु महेश। ऊंचा धाम कबीर का, सतलोक प्रदेश ।।गरीब ,जल थल पृथ्वी गगन में,बाहर भीतर एक। पूर्ण ब्रह्म कबीर है, अविगत पुरुष अलेख 🙏🙏🙏
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है) यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
क़ुरान सूरह अल-फुरकान 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर परमात्मा ने छः दिन में सृष्टी की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा। जिस से परमात्मा साकार सिद्ध होता है।
🎧हमें आज तक यही बताया गया कि पाप कर्म से होने वाले दुःख को तो भोगना ही पड़ता है। यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 में संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि परमेश्वर कबीर जी (कविर्देव) घोर से घोर पाप को भी समाप्त कर देता है। जब पाप समाप्त तो दुःख भी समाप्त हो जायेगा।
Kabir Is Supreme God सर्व शक्तिमान कबीर परमात्मा पवित्र बाइबल में भगवान का नाम कबीर है - अय्यूब 36:5(और्थोडौक्स यहूदी बाइबल - OJB) यहां स्पष्ट है कि कबीर ही शक्तिशाली परमात्मा है। वही सर्व सृष्टि के रचनहार कुल मालिक हैं।
सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है ।
संत रामपाल जी महाराज ने ही यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15 तथा अध्याय 5 मंत्र 1 को प्रमाण के साथ बताया कि अग्ने: तनूर असि, विष्णवे त्वा सोमस्य तनूर असि इस मंत्र में दो बार वेद गवाही दे रहा है कि वह सर्वव्यापक, सर्व का पालनहार परमात्मा सशरीर है, साकार है। जबकि अन्य धर्मगुरुओं ने परमात्मा को आज तक निराकार ही बताया है।
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।तत्वदर्शी सन्त वह होता है जो वेदों के सांकेतिक शब्दों को पूर्ण विस्तार से वर्णन करता है जिससे पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति होती है वह वेद के जानने वाला कहा जाता है।
परमेश्वर कबीर जी माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी विक्रम संवत 1575 (सन 1518) को सशरीर सतलोक गए थे। कबीर साहेब अविनाशी हैं। सशरीर प्रकट होते हैं, सशरीर चले जाते हैं - प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2, मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 गरीब, पानी से पैदा नहीं, श्वासा नहीं शरीर | अन्न आहार करता नहीं, ताका नाम कबीर || Sant Rampal Ji Maharaj
वेदों में प्रमाण है कि परमेश्वर प्रत्येक युग में हल्के तेजपुंज का शरीर धारण करके अपने निजलोक से गति करके आता है एवं अच्छी आत्माओं को मिलता है। उन्हें तत्वज्ञान सुनाता है एवं यथार्थ भक्ति बताता है।कबीर परमात्मा चारों युगों में इस पृथ्वी पर सशरीर प्रकट होते हैं। अपनी जानकारी स्वयं ही देते है
हमें आज तक यही बताया गया कि पाप कर्म से होने वाले दुःख को तो भोगना ही पड़ता है। यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 में संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि परमेश्वर कबीर जी (कविर्देव) घोर से घोर पाप को भी समाप्त कर देता है। जब पाप समाप्त तो दुःख भी समाप्त हो जायेगा।
श्राद्ध क्रिया कर्म मनमाना आचरण है यह शास्त्रों में अविद्या कहा गया है बल्कि गीता अध्याय 16 श्लोज 23 और 24 में कहा है कि जो शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनकी ना तो गति होती है न ही उन्हें किसी प्रकार का आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है इसलिए शास्त्र ही प्रमाण है।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है। Supreme God Kabir
श्री मद्देवी भागवत पुराण पृष्ट 123 पर भगवान विष्णु व्दारा की गई माता दुर्गा की स्तुति के वर्णन से साबित होताहै की भगवान ब्रहम्मा जी तथा विष्णु जी समेत भगवान शंकर भी जन्म मुत्यु मे है
संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य
सभी प्रकार के नशे को समाप्त करना करके लोगो का जीवन सुखमय बनाना है।
पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख।।
सुमरन करे सतनाम का ,अर्पण कर शरीर।।
आठ पहर रक्षा करें ,सतगुरु सत कबीर ।।
🙏🙏
Anmol Gyan sant Rampal Ji Maharaj ji ka
चारो वेद और वेदों का सारांश गीता जी में पूर्ण परमात्मा कबीर जी को ही बताया है। जो सतलोक रितधाम , शास्वत स्थान सतलोक में रहता है।
संत रामपाल जी महाराज जी एक ऐसे महान संत हैं जिनका यथार्थ तत्वज्ञान इतना प्रबल है कि इसके समक्ष अन्य संतों व ऋषियों का ज्ञान टिक नहीं पाएगा। जैसे तोप का गोला जहां भी गिरता है वहां पर मैदान साफ कर देता है।
तीनों देवों कमल दल बसे, ब्रम्हा विष्णु महेश।
पहले इनकी वंदना, फिर सून सतगुरु उपदेश।।
संत रामपाल जी महाराज ने सभी सदग्रंथो से प्रमाणित ज्ञान दिया है।
दिल की धड़कन का क्या है,जनाब एक दिन रुक ही जानी है,अब तो सच्चे सतगुरु का नाम जपना है,और फिर कभी भी इस का लोक में लौटकर नहीं आना है
Yahin giroge tum
कबीर,नौ मण सूत उलझिया ऋषि रहे झकमार सतगुरु ऐसा सुलझादे उलझे ना दूजी बार
बंदी छोड़ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी भगवान जी के चरणों में दासी का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
संत रामपाल जी महाराज ने ही ऋग्वेद मंडल नंबर 10 सूक्त 161 मंत्र नंबर 2 में प्रमाण सहित बताया है कि पूर्ण परमात्मा अपने साधक के असाध्य रोग को नाश करके स्वस्थ कर देता है, उसकी 100 वर्ष की आयु बढ़ा देता है।
पूर्ण गुरु से नाम उपदेश लेकर मर्यादा में रहते हुए आजीवन सद्भक्ति करने से ही सर्व सुख पूर्ण मोक्ष प्राप्त हो जाता है
Very Very Anmol Spiritual Gyan Satsang
purn prmatma ka prmanit saccha gyan
❤Anmol gyan ❤😊
रियल गुरु इज गाँड संत रामपाल जी महाराज जी ही पूर्ण गुरु है आज वर्तमान समय में पूर्ण तारणहार है
True spiritual satsang
कबीर, यह मन मलीन हैं, धोये ना छूटे रंग I
कै छूटे हरि भक्ति से, कै साधु सत्संग ll
रक्तदान महादान संत रामपाल जी के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने बोध दिवस व निर्वाण दिवस पर हजारों यूनिट रक्त दान किया ताकि जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध हो सके।
संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। इन्हीं के अध्यात्मिक ज्ञान से पूरे विश्व में शांति होगी।
17 फरवरी 1988 को उनको नाम उपदेश प्राप्त हुआ था। तब से लेकर अब तक उन्होंने करोड़ों लोगों को विकारों से मुक्त कर मोक्ष की राह दिखाई।
धन्य जननी धन,भूमि धन्य,धन्य नगरी धन्य देश।
धन्य करणी, धन्य कुल धन्य, जहाँ साधु प्रवेश।।
🌹!!वाणी साखी सब संतों की!!🌹
🌹!!देती ये प्रमाणा हो!!🌹
🌹🌴!!!!🌴🌹
🌹!!सत्यपुरुष सतलोक से चलकर!!🌹
🌹!!प्रकटे गांव धनाणा हो!!🌹
🌹!!प्रकटे गांव धनाणा हो!!🌹
Kabir is Supreme God ❤❤
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके शिष्यों ने बोध दिवस व निर्वाण दिवस के मौके पर सतलोक आश्रमों में हज़ारों यूनिट हुआ रक्तदान।
Great True Spiritual Knowledge in the world 🌍
कबीर इज रियल गॉड
PARAM PITA PARMATMA BANDI CHHOD SATGURU RANPAL JI BHAGWAAN JI KI JAI HO 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कबीर,और ज्ञान सब ज्ञानडी़, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का,करता चले मैदान।।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाण दिखा कर बताया कि यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 व ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 82 मंत्र 1, 2 और 3 में प्रमाण है, परमेश्वर हमारे पापों का नाश कर देता है।
साचा शब्द कबीर का , सुन सुन लागे आग ।
अज्ञानी सौ जल जल मरे , ज्ञानी जाय जाग ।।
Great spiritual knowledge
कबीर, इस संसार को, समझाऊँ कै बार।
पूँछ जो पकड़ै भेढ की, उतरा चाहै पार।।
हे भगवन आपकी श्री चरणों से कभी दूर नहीं करना दाता।।🙇👩👧👧
Very nice satsang
Sastro se pramanit bhakti se sarv sukh de rahe sant rampalji Maharaj.
जागो लोगो मत सोवो, ना करो नींद से प्यार ! जैसा सपना रैन का,ऐसा यह संसार !!
संत सगा और गुरु सगा, अंत सगा निज नाम! कहे कबीर इस जीव के तीन ठौर विश्राम !!
गुरू बिनु वेद पढ़े जो प्राणी, समझे ना सार रहे अज्ञानी। गुरु बिन काहू ना पाया ज्ञाना ,जो थोथा भुस चढ़े मूढ किसाना ।।
Purn Permeshwar Kabir Saheb Ji Ki Jay Ho Ho 🙏🌹
💰दहेज न देने पर जहां समाज में बेटी को प्रताड़ित किया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से सादगी से हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह। सास-ससुर द्वारा बहू को घर में दिया जाता है बेटी के समान दर्जा।
परमात्मा प्रथम बार मिले और अपने ग्यान से परिचित कराए।
पहले लोग मरते थे और आत्मा भटकती थी,
अब आत्मा मर गई है और लोग भटक रहे है..
ये भटकना बंद करना है तो आ जाओ संत रामपाल जी की शरण में
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
सन् 1518 वि. स. 1575, महीना माघ, शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी को कबीर साहेब जी मगहर से सशरीर सतलोक गये थे।
परमात्मा कबीर जी चार दाग से न्यारे हैं।
चदरि फूल बिछाये सतगुरु, देखे सकल जिहाना हो।
Sant Rampal Ji Maharaj
परमेश्वर कबीर साहिब जी सन 1398 में सशरीर प्रकट हुए थे और सन 1518 में सशरीर सतलोक गए थे।
न कबीर परमात्मा का जन्म होता न ही मृत्यु। कबीर परमात्मा अविनाशी हैं। चारों युगों में सशरीर आते हैं।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो
Sant Rampal Ji Maharaj
कबीर परमेश्वर मगहर से सशरीर सतलोक गए थे।
उनके शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल पाए गए जो कबीर परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार दोनों धर्मों ने आपस में लेकर मगहर में 100 फुट के अंतर से एक-एक यादगार बनाई जो आज भी विद्यमान है।
Sant Rampal Ji Maharaj
परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं
यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।
मगहर से सशरीर सतलोक गमन
आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज ने कबीर साहेब द्वारा माघ माह शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी विक्रमी संवत 1575 (सन 1518) को मगहर से हजारों लोगों के सामने से सशरीर अमरलोक (सतलोक) जाने का वर्णन करते हुए कहा है कि:-
देख्या मगहर जहूरा सतगुरु,
देख्या मगहर जहूरा हो।
काशी में कीर्ति कर चाले,
झिलमिल देही नूरा हो।
Kabir Saheb is the Supreme Almighty and all the holy scriptures prove it.
Nice satsang about moksha..sat saheb ji Jay bandichhod ji ki.
🛸परमेश्वर कबीर साहिब जी सन 1398 में सशरीर प्रकट हुए थे और सन 1518 में सशरीर सतलोक गए थे।
न कबीर परमात्मा का जन्म होता न ही मृत्यु। कबीर परमात्मा अविनाशी हैं। चारों युगों में सशरीर आते हैं।
कबीर,तीन लोक का राज है ब्रम्हा विष्णु महेश।
ऊंचा धाम कबीर का, सतलोक प्रदेश ।।गरीब ,जल थल पृथ्वी गगन में,बाहर भीतर एक।
पूर्ण ब्रह्म कबीर है, अविगत पुरुष अलेख।।
Jai Jai satguru mere ki 😊😊😊❤❤❤
हिन्दू व मुसलमान में जो भाईचारे, धार्मिक सामंजस्य का बीज परमेश्वर कबीर जी बो गए थे, उसकी मिसाल मगहर में आज भी देखी जा सकती है। मगहर से परमेश्वर कबीर जी सशरीर सतलोक गए थे। उस स्थान पर हिन्दू व मुसलमानों ने मंदिर व मजार 100 - 100 फुट की दूरी में यादगार बना रखी है।
कबीर, विहंसे कहयो तब तीनसै, मजार करो संभार।
हिन्दू तुरक नहीं हो, ऐसा वचन हमार।।
सबका मालिक एक परमात्मा कबीर साहेब जी
सतगुरू के बिना ज्ञान नहीं।
ज्ञान के बिना भक्ति नहीं।।
और भक्ति के बिना मुक्ति नहीं।।।
कबीर,तीन लोक का राज है ब्रम्हा विष्णु महेश।
ऊंचा धाम कबीर का, सतलोक प्रदेश ।।गरीब ,जल थल पृथ्वी गगन में,बाहर भीतर एक।
पूर्ण ब्रह्म कबीर है, अविगत पुरुष अलेख 🙏🙏🙏
Sat saheb
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
❤❤❤,,,,,,,,,,,sat saheb ji,,,,,,,,,,❤❤❤
अद्भुत सत्संग
कबीर सर्वोच्च भगवान हैं
Kabir saheb is supreme God, 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Joy ho paramatam 🙏🙏🙏🙏
Sahi gyan hai
क़ुरान सूरह अल-फुरकान 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर परमात्मा ने छः दिन में सृष्टी की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा। जिस से परमात्मा साकार सिद्ध होता है।
Sat sahab guru dev ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Supreme power of the all world 🌍🌍🌍
Sat saheb ji
अनमोल ज्ञान
🎧हमें आज तक यही बताया गया कि पाप कर्म से होने वाले दुःख को तो भोगना ही पड़ता है।
यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 में संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि परमेश्वर कबीर जी (कविर्देव) घोर से घोर पाप को भी समाप्त कर देता है। जब पाप समाप्त तो दुःख भी समाप्त हो जायेगा।
Sat guru dev ji ki charan ko koti koti dandabat pranam guru dev ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Supreme god kabir
Kabir Is Supreme God
सर्व शक्तिमान कबीर परमात्मा
पवित्र बाइबल में भगवान का नाम कबीर है - अय्यूब 36:5(और्थोडौक्स यहूदी बाइबल - OJB)
यहां स्पष्ट है कि कबीर ही शक्तिशाली परमात्मा है।
वही सर्व सृष्टि के रचनहार कुल मालिक हैं।
Stya vani he
Jai shree ram 🚩🚩🚩
He malik satnaam do
Amrit gyaan❤❤
Bhot he adhbhut gyan
सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा है।
ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार
परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है ।
Very nice 👍👍👍👍
💦 चिंता खागई जगत को चिंता जग की पीर जो चिंता को मेट दे वाका नाम कबीर 💕💕🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज ने ही यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15 तथा अध्याय 5 मंत्र 1 को प्रमाण के साथ बताया कि
अग्ने: तनूर असि, विष्णवे त्वा सोमस्य तनूर असि
इस मंत्र में दो बार वेद गवाही दे रहा है कि वह सर्वव्यापक, सर्व का पालनहार परमात्मा सशरीर है, साकार है। जबकि अन्य धर्मगुरुओं ने परमात्मा को आज तक निराकार ही बताया है।
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।तत्वदर्शी सन्त वह होता है जो वेदों के सांकेतिक शब्दों को पूर्ण विस्तार से वर्णन करता है जिससे पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति होती है वह वेद के जानने वाला कहा जाता है।
परमेश्वर कबीर जी माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी विक्रम संवत 1575 (सन 1518) को सशरीर सतलोक गए थे। कबीर साहेब अविनाशी हैं। सशरीर प्रकट होते हैं, सशरीर चले जाते हैं - प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2, मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3
गरीब, पानी से पैदा नहीं, श्वासा नहीं शरीर |
अन्न आहार करता नहीं, ताका नाम कबीर ||
Sant Rampal Ji Maharaj
Kabir is Superme God.
Kabir is good
sat she b❤❤❤❤❤
वेदों में प्रमाण है कि परमेश्वर प्रत्येक युग में हल्के तेजपुंज का शरीर धारण करके अपने निजलोक से गति करके आता है एवं अच्छी आत्माओं को मिलता है। उन्हें तत्वज्ञान सुनाता है एवं यथार्थ भक्ति बताता है।कबीर परमात्मा चारों युगों में इस पृथ्वी पर सशरीर प्रकट होते हैं। अपनी जानकारी स्वयं ही देते है
हमें आज तक यही बताया गया कि पाप कर्म से होने वाले दुःख को तो भोगना ही पड़ता है।
यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 में संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि परमेश्वर कबीर जी (कविर्देव) घोर से घोर पाप को भी समाप्त कर देता है। जब पाप समाप्त तो दुःख भी समाप्त हो जायेगा।
कबीर, पौ फाटी पगड़ा भया, जागी जीया जून।
सब काहू को देत है, (कबीर भगवान्) चोंच समाना चून।।
बंदी छोड़ सदगुरु रामपाल जी भगवान् जी की जय हो🙏🙂
श्राद्ध क्रिया कर्म मनमाना आचरण है यह शास्त्रों में अविद्या कहा गया है बल्कि गीता अध्याय 16 श्लोज 23 और 24 में कहा है कि जो शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनकी ना तो गति होती है न ही उन्हें किसी प्रकार का आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है इसलिए शास्त्र ही प्रमाण है।
🎉🎉🎉
Kabir is God
Kabir is real God 🙏🙏🙏
Very good
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
Supreme God Kabir
Very nice video
श्री मद्देवी भागवत पुराण पृष्ट 123 पर भगवान विष्णु व्दारा की गई माता दुर्गा की स्तुति के वर्णन से साबित होताहै की भगवान ब्रहम्मा जी तथा विष्णु जी समेत भगवान शंकर भी जन्म मुत्यु मे है
Kabir is real God