सत साहेब भगत जी ! हम तो पहले से ही नाम दीक्षा ले लिए हैं । मलिक ने कृपा की तो सब नाम दीक्षा ले सकते हैं। इसीलिए हम कहते हैं संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुनो और नाम दीक्षा ले लो मनुष्य लंबा नहींमिलता सत साहेब
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
संत रामपाल जी ने अपना पूरा जीवन मानव समाज तक सतभक्ति और सत्यज्ञान पहुँचने के लिए न्योछावर कर दिया। इसी कड़ी में उन्होंने सर्वप्रथम अपनी नौकरी से त्यागपत्र दिया व उसके बाद दिन-रात संघर्ष कर घर-घर जाकर सत्यज्ञान की अलख जगाई। वास्तव में संत रामपाल जी महाराज का जीवन मानव कल्याण के लिए संघर्ष का पर्याय बन गया।
वर्तमान में पूरे विश्व में केवल एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं। जिन्होंने सभी धर्म ग्रंथों को खोलकर यह प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
कबीर परमात्मा के दर्शन गरुड़ जी को हुए थे, कबीर सागर में 11वां अध्याय ‘‘गरूड़ बोध‘‘ पृष्ठ 65 (625) पर प्रमाण है कि परमेश्वर कबीर जी ने धर्मदास जी को बताया कि मैंने विष्णु जी के वाहन पक्षीराज गरूड़ जी को उपदेश दिया, उनको सृष्टि रचना सुनाई। परमेश्वर कबीर जी ने गरुड़ जी को भी सत्य ज्ञान का उपदेश देकर शरण में लिया था।
वेद में प्रमाण है कि परमात्मा अपने भक्त के संकट निवारण करता है। यदि मृत्यु भी आ जाए तो भी उसको टालकर जीवित करके सौ वर्ष जीवन प्रदान कर देता है। (ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 में प्रमाण है।)
संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं जो शास्त्रों के बताए अनुसार तीन समय की भक्ति एवं तीन प्रकार के मंत्र जाप अपने साधकों को देते हैं जिससे उन्हें सर्व सुख मिलता है तथा उनका मोक्ष का मार्ग भी आसान हो जाता है।
श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 8 का श्लोक 3 में गीता ज्ञान दाता ब्रह्म भगवान ने कहा है कि वह परम अक्षर ‘ब्रह्म‘ है जो जीवात्मा के साथ सदा रहने वाला है। वह परम अक्षर ब्रह्म गीता ज्ञान दाता से अन्य है, वह कबीर परमात्मा हैं।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जयहो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की धरती पर विराजमान है यह दुनिया अनजान है कबीर साहेब भगवान है वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है 🙏🙏🙏🙏
शास्त्रों के अनुसार भक्ति करने से मोक्ष प्राप्त होता है और सर्व सुख भी मिलते हैं। शास्त्र अनुकुल भक्ति ओनली संत रामपाल जी महाराज ही बताते हैं। समय रहते पहचान लो शिक्षित समाज है। मनुष्य शरीर बार बार नहीं मिलता।
🌬️संत गरीबदास जी अपनी वाणी में कहते है- सुरापान मद्य मांसाहारी, गवन करे भोगे पर नारी। सत्तर जन्म कटत हैं शीशम, साक्षी साहिब हैं जगदीशम।। सुरापान व मांस आदि खाने का अंजाम जब इतना बुरा है तो इससे त्यागने में ही भलाई है।
कबीर परमात्मा हर युग में आते हैं ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर प्रभु) ही है। Sant Rampal Ji Maharaj
गरीब, नामा के बीठ्ठल भये, और कलंदर रूप। गउ जिवाई जगतगुरु, पादसाह जहां भूप।। महाराष्ट्र के पुंडरपुर के महान संत नामदेव जी जिन्हें कबीर जी कलंदर नामक संत रूप में मिले थे उन्हें दीक्षा दी थी। कबीर जी ने ही बिठ्ठल रूप में चमत्कार दिखाया। और जब दिल्ली सम्राट मोहम्मद बिन तुगलक ने संत नामदेव की परीक्षा लेनी चाही तो मरी हुई गाय को भी जीवित करके नामदेव की रक्षा की थी। कबीर जी अपने भक्तों के साथ ऐसे ही चमत्कार करते हैं।
आदरणीय धर्मदास साहेब जी को मिले परमेश्वर कबीर तहां वहां रोवत है धर्मनी नागर, कहां गए मेरे सुख के सागर | अति वियोग हुआ हम सेती, जैसे निर्धन की लुट जाय खेती | हम तो जाने तुम देह स्वरूपा, हमारी बुद्धि अंध गहर कूपा | कल्प मारे और मन में रोवै, दशों दिशा कूं वो मगह जोहै | बेग मिलो करहूं अपघाता, मैं ना जीवूं सुनो विधाता
💠जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा आदरणीय गरीबदास जी को कबीर परमात्मा मिले थे उन्होंने अपनी वाणियो में अनेको प्रमाण दिए हैं। कि कबीर जी ही पूर्ण परमात्मा है जिसने सर्व सृष्टि की रचना की गरीब जल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक। पूर्ण ब्रह्म कबीर है अवगत पुरुष अलेख ।।
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में सच्चिदानंद घन ब्रह्म (परम अक्षर ब्रह्म) अर्थात पूर्ण परमात्मा की भक्ति के लिए "ओम् तत् सत्" इस तीन मंत्र के जाप (सुमिरन) का निर्देश किया गया है। जिसके सुमिरन की तीन प्रकार की विधि बताई गई है। जिसे पूर्ण संत यानि तत्वदर्शी संत ही बता सकता है और वे तत्वदर्शी संत ही सत्यनाम और सारनाम के जाप करने की विधि बताते हैं। इन नामों के जाप करने से साधक
सर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर" पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
सच्ची भक्ति करनी चाहिए और पूर्ण गुरु तत्व दर्शी संत रामपाल जी महाराज सेनाम दीक्षा लेकर हीं मोक्ष प्राप्त हो सकता है, और चौरासी लाख योनियों से छुटकारा मिल सकता है, नहीं तो फिर आने जाने का क्रम जारी रहेगा।
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है) यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
Supreme God Kabir is the destroyer of sins. He removes all the miseries of His true devotee. He is the creator of all the infinite universes. He id the ocean of happiness and peace. - Spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj
शेख फरीद को मिले परमात्मा हठ योग करते हुए कुएं में उल्टे लटके हुए शेख फरीद को कबीर परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले और उन्हें वास्तविक ज्ञान से परीचित करवाया।
पूर्ण परमात्मा जब मानव शरीर धारण कर पृथ्वी लोक पर आता है उस समय अन्य वृद्ध रूप धारण करके पूर्व जन्म के भक्ति युक्त भक्तों के पास तथा नए मनुष्यों को नए भक्ति संस्कार उत्पन्न करने के लिए विद्युत जैसी तीव्रता से जाता है अर्थात् जब चाहे जहाँ प्रकट हो जाता है। उन्हें सत्य भक्ति प्रदान करके मोक्ष प्राप्त कराता है।
🔅सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3 -
कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं "धाणक रूप रहा करतार" राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ 24 नानक देव जी कहते हैं :- मुझे धाणक रूपी भगवान ने आकर सतमार्ग बताया तथा काल से छुटवाया।
Sant Rampal Ji Maharaj ne Aaj pure Vishva Mein aadhyatmik Gyan ka danka Baja kar rakha hai jo purn parmatma Ki sab bhakti de rahe hain jisse sab sangat ko sukh prapt ho raha hai aur jo antim swasthya bhakti karega uska moksh nishchay hai
संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया कि एक ऐसा अविनाशी लोक है जहाँ जाने के बाद जीव कभी जन्मता-मरता नहीं, सदा अमर रहता है। वहाँ कोई राग-द्वेष नहीं होता है। सदा शांति रहती है। वह लोक सतलोक है। गीता अध्याय 18, श्लोक 62
परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है। ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।
और ज्ञान सब ज्ञानणी कबीर ज्ञान सो ज्ञान। जैसे गोला तोब का अब करता चले मैदान।। ये ऐसा ज्ञान है जिसके आगे सभी का ज्ञान तुच्छ है। इस ज्ञान को पा लेने के बाद और कुछ भी प्राप्त करने को शेष नहीं रहता।
आज पूरी दुनिया में केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही ऐसे सच्चे संत है जो वेदों और शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान बताते हैं और अपने साधक को संपूर्ण सुख व पूर्ण मोक्ष देने का वादा करते है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
पवित्र कुरान शरीफ में प्रभु सशरीर है तथा उसका नाम कबीर है सुरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर परमात्मा ने छः दिन में सृष्टी की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा।
आदरणीय गरीबदास जी को पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) स्वयं सत्यभक्ति प्रदान करके सत्यलोक लेकर गए थे, तब अपनी अमृतवाणी में आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने आँखों देखकर कहाः- गरीब, अजब नगर में ले गए, हमकुँ सतगुरु आन। झिलके बिम्ब अगाध गति, सुते चादर तान।।
कबीर, सतयुग में सतसुकृत कह टेरा, त्रेता नाम मुनींद्र मेरा। द्वापर में करुणामय कहाये, कलियुग नाम कबीर धराय। Sant Rampal Ji Maharaj विशेष हेतु: इंस्टाले Sant Rampal Ji Maharaj एप प्ले स्टोर से।
गीता अध्याय 15 के श्लोक 17 में कहा है कि उत्तम पुरुष अर्थात पुरुषोत्तम तो अन्य ही है जिसे परमात्मा कहा जाता है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण-पोषण करता है। वह अविनाशी परमेश्वर कबीर साहेब हैं। कबीर परमेश्वर की सतभक्ति करके ही हम मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं।
पीछे लाग्या जाऊ था में, लोकवेद के साथ। रास्ते में सतगुरु मिले, दीपक दे दिया हाथ।। ज्ञानगंगा हा सतगुरुंनी दिलेला दिवा आहे. या अध्यात्मिक ज्ञानाच्या प्रकशात अवश्य लाभ होतात.
परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं। कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं "धाणक रूप रहा करतार" राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ 24 नानक देव जी कहते हैं :- मुझे धाणक रूपी भगवान ने आकर सतमार्ग बताया तथा काल से छुटवाया।
कविर्देव अपने पुत्र योगजीत का रूप बनाकर वहाँ प्रकट हुए तथा कन्या को ब्रह्म के उदर से बाहर निकाला तथा कहा कि ज्योति निरंजन आज से तेरा नाम ‘काल‘ होगा। तेरे जन्म-मृत्यु होते रहेंगे और तू एक लाख मानव शरीर धारी प्राणियों को प्रतिदिन खाया करेगा व सवा लाख उत्पन्न किया करेगा।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
♦️नानकदेव जी को कबीर साहेब सुल्तानपुर (वर्तमान पाकिस्तान) में बेई नदी पर जिंदा महात्मा के वेश में आकर मिले थे। उन्हें सचखंड यानी सत्यलोक के दर्शन कराए थे उन्होंने कबीर साहेब की महिमा गाते हुए कहा है :- फाही सुरत मलूकी वेस, उह ठगवाड़ा ठगी देस।। खरा सिआणां बहुता भार, धाणक रूप रहा करतार।। (गुरु ग्रन्थ साहिब राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29)
अविनाशी_परमात्मा_कबीर ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है। Sant Rampal Ji Maharaj
পরমাত্মার বাণী হয়: কবীর, জবহী সত্যনাম হৃদয় ধরয়ো, ভয়ো পাপ কো নাশ | মানৌ চিনগী অগ্নি কী, পরী পুরানে ঘাস || সতনামের জপ করার ফলে আমাদের সমস্ত পূর্বের পাপ কর্ম কেটে যায় | परमात्मा की वाणी है: कबीर, जबही सत्यनाम हृदय धरयो, भयो पाप को नास। मानौं चिनगी अग्नि की, परी पुराने घास।। सतनाम का जाप करने से हमारे सभी प्रारब्ध के पाप
विश्व में एकमात्र जगत उद्धारक संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिन्होंने अपने अनुयायियों को सदैव परमार्थी होने की शिक्षा दी हैं जिसके चलते वे सभी निस्वार्थ सेवा, देहदान, रक्तदान आदि करने से भी पीछे नहीं हटते। इसके अलावा दहेज़ लेन देन, शादियों में लोक दिखावा, चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार आदि जैसी बुराइयों से भी दूर रहते है।
श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 15 श्लोक 16, 17 के अनुसार क्षर पुरुष, अक्षर पुरुष और उत्तम पुरुष (परम अक्षर पुरुष) कौन हैं? अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा प्राप्त करने के लिए या अपने नजदीकी नामदीक्षा केंद्र का पता करने के लिए हमे +91 82228 80541 नंबर पर कॉल करें |
Satsaheb g parmatma g universe ka diameter 94 million light year h kya
True Worship by Supreme Sant Rampal Ji Maharaj
सत साहेब भगत जी ! हम तो पहले से ही नाम दीक्षा ले लिए हैं । मलिक ने कृपा की तो सब नाम दीक्षा ले सकते हैं। इसीलिए हम कहते हैं संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुनो और नाम दीक्षा ले लो मनुष्य लंबा नहींमिलता सत साहेब
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
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बहुत सुन्दर और अद्भुत ज्ञान।
जय हो सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की
Wजगत उद्धारक संत रामपाल जी महाराज जी सभी कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या, चोरी, भ्रष्टाचार आदि को जड़ से खत्म कर रहे हैं।
संत रामपाल जी ने अपना पूरा जीवन मानव समाज तक सतभक्ति और सत्यज्ञान पहुँचने के लिए न्योछावर कर दिया। इसी कड़ी में उन्होंने सर्वप्रथम अपनी नौकरी से त्यागपत्र दिया व उसके बाद दिन-रात संघर्ष कर घर-घर जाकर सत्यज्ञान की अलख जगाई। वास्तव में संत रामपाल जी महाराज का जीवन मानव कल्याण के लिए संघर्ष का पर्याय बन गया।
कबीर राम बुलावा भेजिया. दिया कबीरा रोए ।
जो सुख है सत्संग में. बैकुंठ में ना होय ।।
वर्तमान में पूरे विश्व में केवल एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं। जिन्होंने सभी धर्म ग्रंथों को खोलकर यह प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं।
अति उत्तम ज्ञान बहुत ही अनमोल सत्संग
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
सौ छल छिद्र में करू अपने जन के काज कहे कबीर में ढूंढता फिरू अपने हिरे मोती लाल
Sant Rampal Ji Maharaj ji Keval shastron ke anusar bhakti batate Hain.
यस्तोदेखायेर।।बूझा।।उदापनीमानीसले।।कीननबूझेकोहोजी।।
सतसाहेब।।।।
रांमपालजीकीजैजैहो।।
कबीरकीदयाहोरहीहैजी।।
कोटीकोटीपरनाम।।
मदासहूजी।।
8:14 8:14 8:14 8:14
True worship given by sant Rampalji maharaj ji 🙏🏻
तत्वदर्शीसंत रामपाल जी महाराजकी जय
कबीर परमात्मा के दर्शन गरुड़ जी को हुए थे, कबीर सागर में 11वां अध्याय ‘‘गरूड़ बोध‘‘ पृष्ठ 65 (625) पर प्रमाण है कि परमेश्वर कबीर जी ने धर्मदास जी को बताया कि मैंने विष्णु जी के वाहन पक्षीराज गरूड़ जी को उपदेश दिया, उनको सृष्टि रचना सुनाई।
परमेश्वर कबीर जी ने गरुड़ जी को भी सत्य ज्ञान का उपदेश देकर शरण में लिया था।
Kabir ,Jal Thal Prithvi Gagan mein Bahar bhitar Ek ,Satya Purush Kabir hai kul ke Satguru Ek, 🙏sat Saheb🙏
वेद में प्रमाण है कि परमात्मा अपने भक्त के संकट निवारण करता है। यदि मृत्यु भी आ जाए तो भी उसको टालकर जीवित करके सौ वर्ष जीवन प्रदान कर देता है। (ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 में प्रमाण है।)
संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं जो शास्त्रों के बताए अनुसार तीन समय की भक्ति एवं तीन प्रकार के मंत्र जाप अपने साधकों को देते हैं जिससे उन्हें सर्व सुख मिलता है तथा उनका मोक्ष का मार्ग भी आसान हो जाता है।
श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 8 का श्लोक 3 में
गीता ज्ञान दाता ब्रह्म भगवान ने कहा है कि वह परम अक्षर ‘ब्रह्म‘ है जो जीवात्मा के साथ सदा रहने वाला है।
वह परम अक्षर ब्रह्म गीता ज्ञान दाता से अन्य है, वह कबीर परमात्मा हैं।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जयहो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की धरती पर विराजमान है यह दुनिया अनजान है कबीर साहेब भगवान है वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है 🙏🙏🙏🙏
शास्त्रों के अनुसार भक्ति करने से मोक्ष प्राप्त होता है और सर्व सुख भी मिलते हैं। शास्त्र अनुकुल भक्ति ओनली संत रामपाल जी महाराज ही बताते हैं। समय रहते पहचान लो शिक्षित समाज है। मनुष्य शरीर बार बार नहीं मिलता।
.सात समुद्र की मसि करूँ लेखनी करूं बनराय ।
धरती का कागज करूं गुरु गुण लिखा न जाय ॥
🌬️संत गरीबदास जी अपनी वाणी में कहते है-
सुरापान मद्य मांसाहारी, गवन करे भोगे पर नारी।
सत्तर जन्म कटत हैं शीशम, साक्षी साहिब हैं जगदीशम।।
सुरापान व मांस आदि खाने का अंजाम जब इतना बुरा है तो इससे त्यागने में ही भलाई है।
💠कबीर परमात्मा पाप का शत्रु है, पाप विनाशक हैं।
कबीर परमात्मा सम्पूर्ण शांति दायक है - यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32
कबीर ,* गुरु बिन काहू ना पाया ज्ञाना,
ज्यों थोथा भुस छड़े मूढ़ किसाना।
गुरु बिन वेद पढ़े जो प्राणी समझें ना सार रहे अज्ञानी*।।🙏🙏♥️🙏🙏
बहुत अच्छा सत्संगहै
कबीर परमात्मा हर युग में आते हैं
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18
कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर प्रभु) ही है।
Sant Rampal Ji Maharaj
Sant rampal ji mahraj ji ke charno me dasi ke dandwat padnam h🙇🙏🙏🙏🙏🙏
Purn Guru Sant Shiromani Jagatguru Tavtdarshi Sant Rampal Ji Bhagavan Ji Ki Jay Ho 🙏🌹
Kabir is supreme God 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गरीब, नामा के बीठ्ठल भये, और कलंदर रूप।
गउ जिवाई जगतगुरु, पादसाह जहां भूप।।
महाराष्ट्र के पुंडरपुर के महान संत नामदेव जी जिन्हें कबीर जी कलंदर नामक संत रूप में मिले थे उन्हें दीक्षा दी थी। कबीर जी ने ही बिठ्ठल रूप में चमत्कार दिखाया। और जब दिल्ली सम्राट मोहम्मद बिन तुगलक ने संत नामदेव की परीक्षा लेनी चाही तो मरी हुई गाय को भी जीवित करके नामदेव की रक्षा की थी। कबीर जी अपने भक्तों के साथ ऐसे ही चमत्कार करते हैं।
बहुत अच्छा ही सत्संग है 🙏🙏
बिन उपदेश अचंभ है,क्यों जिवत हैं प्राण।
भक्ति बिना कहां ठौर है,ये नर नाहिं पाषाण।।💐💐💐
🙏🙏🙏🙏Bandi chhor sadguru Rampal jee bhagwan ji ki Jai ho 🙏 sat saheb saheb 🙏 sat saheb
Sat guru sant rampal mharaj ji ki chrn me koti koti
आदरणीय धर्मदास साहेब जी को मिले परमेश्वर कबीर
तहां वहां रोवत है धर्मनी नागर, कहां गए मेरे सुख के सागर |
अति वियोग हुआ हम सेती, जैसे निर्धन की लुट जाय खेती |
हम तो जाने तुम देह स्वरूपा, हमारी बुद्धि अंध गहर कूपा |
कल्प मारे और मन में रोवै, दशों दिशा कूं वो मगह जोहै |
बेग मिलो करहूं अपघाता, मैं ना जीवूं सुनो विधाता
💠जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
Koti-koti dandwat pranam Malik charno me rakhiyo data
सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा आदरणीय गरीबदास जी को कबीर परमात्मा मिले थे उन्होंने अपनी वाणियो में अनेको प्रमाण दिए हैं। कि कबीर जी ही पूर्ण परमात्मा है जिसने सर्व सृष्टि की रचना की गरीब जल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक। पूर्ण ब्रह्म कबीर है अवगत पुरुष अलेख ।।
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
সন্ত রামপাল জী মহারাজের খুব সুন্দর জ্ঞান 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ऐसा निर्मल ज्ञान है जो निर्मल करे शरीर।
और ज्ञान मंडलीक है, चकवे ज्ञान कबीर।।
श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में सच्चिदानंद घन ब्रह्म (परम अक्षर ब्रह्म) अर्थात पूर्ण परमात्मा की भक्ति के लिए "ओम् तत् सत्" इस तीन मंत्र के जाप (सुमिरन) का निर्देश किया गया है। जिसके सुमिरन की तीन प्रकार की विधि बताई गई है। जिसे पूर्ण संत यानि तत्वदर्शी संत ही बता सकता है और वे तत्वदर्शी संत ही सत्यनाम और सारनाम के जाप करने की विधि बताते हैं। इन नामों के जाप करने से साधक
पूरण परमात्मा बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान जी की जय हो जय हो जय हो🙏🙏🙏❤❤❤🙏🙏🙏
अनमोल विचार सतसंग 🎉🎉🎉
सर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर"
पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
Kabir is god sant rampal ji Maharaj he samaj sudarak hai or sary nakli gyan baty h
नौ मन सुत उलझयाँ, ऋषि रहे झकमार।
सतगुरु ऐसा सुलझा दे उलझे न दुजी बार।।
अमरापुर से आया बन्दे , फेर अमरापुर जाणा रे।
कहे कबीर सुणो भाई साधो , ऐसी लगन लगाना रे।।
सच्ची भक्ति करनी चाहिए और पूर्ण गुरु तत्व दर्शी संत रामपाल जी महाराज सेनाम दीक्षा लेकर हीं मोक्ष प्राप्त हो सकता है, और चौरासी लाख योनियों से छुटकारा मिल सकता है, नहीं तो फिर आने जाने का क्रम जारी रहेगा।
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
इतना निर्मल ज्ञान कहीं देखा न सुना।
Kvir guruji tum na bhulio chain lakh log miljahin humse tumko bhut h tumse humko nahi❤❤❤❤❤
Sat saheb ji
Supreme God Kabir is the destroyer of sins. He removes all the miseries of His true devotee. He is the creator of all the infinite universes. He id the ocean of happiness and peace.
- Spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj
शेख फरीद को मिले परमात्मा
हठ योग करते हुए कुएं में उल्टे लटके हुए शेख फरीद को कबीर परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले और उन्हें वास्तविक ज्ञान से परीचित करवाया।
❤❤es pruthvi pe sirf Saint Rampal Ji Maharaj hi hai Jo purn Gyan bata rhe hai ❤❤
पूर्ण परमात्मा जब मानव शरीर धारण कर पृथ्वी लोक पर आता है उस समय अन्य वृद्ध रूप धारण करके पूर्व जन्म के भक्ति युक्त भक्तों के पास तथा नए मनुष्यों को नए भक्ति संस्कार उत्पन्न करने के लिए विद्युत जैसी तीव्रता से जाता है अर्थात् जब चाहे जहाँ प्रकट हो जाता है। उन्हें सत्य भक्ति प्रदान करके मोक्ष प्राप्त कराता है।
True knowledge about creation of universe with proof in holy scriptures of all religions has been told by Tatvadarshi Saint Rampal Ji Maharaj Ji only
Bandi chhod satguru parmatama ki jai ho ❤the
Puran parmatma satguru rampal ji maharaj ji ke charno me koti koti pranaam koti koti dandvat jai ho bandi chodd ki 🙏☝️
🔅सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है।
- ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
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कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं
"धाणक रूप रहा करतार"
राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ 24
नानक देव जी कहते हैं :-
मुझे धाणक रूपी भगवान ने आकर सतमार्ग बताया तथा काल से छुटवाया।
Koti Koti Dandwat Pranaam Parmatma 🙏🙇🏼♀️
Sant Rampal Ji Maharaj ne Aaj pure Vishva Mein aadhyatmik Gyan ka danka Baja kar rakha hai jo purn parmatma Ki sab bhakti de rahe hain jisse sab sangat ko sukh prapt ho raha hai aur jo antim swasthya bhakti karega uska moksh nishchay hai
संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया कि एक ऐसा अविनाशी लोक है जहाँ जाने के बाद जीव कभी जन्मता-मरता नहीं, सदा अमर रहता है। वहाँ कोई राग-द्वेष नहीं होता है। सदा शांति रहती है। वह लोक सतलोक है। गीता अध्याय 18, श्लोक 62
संत रामपाल जी महाराज जी से गुरुजी चले का😊
बंदी छोड़ सद्गुरु रामपाल जी महाराज की चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मलिक के चरणों में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है।
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।
और ज्ञान सब ज्ञानणी कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का अब करता चले मैदान।।
ये ऐसा ज्ञान है जिसके आगे सभी का ज्ञान तुच्छ है। इस ज्ञान को पा लेने के बाद और कुछ भी प्राप्त करने को शेष नहीं रहता।
गरीब
जल थल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक।
पूर्ण ब्रह्म कबीर है अविगत पुरुष अलेख।।
आज पूरी दुनिया में केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही ऐसे सच्चे संत है जो वेदों और शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान बताते हैं और अपने साधक को संपूर्ण सुख व पूर्ण मोक्ष देने का वादा करते है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं जो गीता चारों वेद और 18 पूरान से प्रमाणित ज्ञान बताते हैं
पवित्र कुरान शरीफ में प्रभु सशरीर है तथा उसका नाम कबीर है सुरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर परमात्मा ने छः दिन में सृष्टी की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा।
महाप्रलय में काल के 21 ब्रह्माण्ड नष्ट हो जाते है लेकिन सतलोक नष्ट नही होता है।
गरीब अजब नगर में लेगये हमको सत गुरु आन झिलके बिम्ब अघात गति सुते चादर तान
पवित्र वेद,गीता,कुराण, बायबल आणि गुरुग्रंथ साहेब हे प्रमाणित करतात की,
Kabir is GOD
आदरणीय गरीबदास जी को पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) स्वयं सत्यभक्ति प्रदान करके सत्यलोक लेकर गए थे, तब अपनी अमृतवाणी में आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने आँखों देखकर कहाः-
गरीब, अजब नगर में ले गए, हमकुँ सतगुरु आन। झिलके बिम्ब अगाध गति, सुते चादर तान।।
कबीर, सतयुग में सतसुकृत कह टेरा, त्रेता नाम मुनींद्र मेरा।
द्वापर में करुणामय कहाये, कलियुग नाम कबीर धराय।
Sant Rampal Ji Maharaj
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गीता अध्याय 15 के श्लोक 17 में कहा है कि उत्तम पुरुष अर्थात पुरुषोत्तम तो अन्य ही है जिसे परमात्मा कहा जाता है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण-पोषण करता है। वह अविनाशी परमेश्वर कबीर साहेब हैं।
कबीर परमेश्वर की सतभक्ति करके ही हम मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं।
पीछे लाग्या जाऊ था में, लोकवेद के साथ।
रास्ते में सतगुरु मिले, दीपक दे दिया हाथ।।
ज्ञानगंगा हा सतगुरुंनी दिलेला दिवा आहे. या अध्यात्मिक ज्ञानाच्या प्रकशात अवश्य लाभ होतात.
अनमीलसतसगहसतगूरूरामपालजीमहाराजका🙏🙏🙏
परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं
यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।
कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं
"धाणक रूप रहा करतार"
राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ 24
नानक देव जी कहते हैं :-
मुझे धाणक रूपी भगवान ने आकर सतमार्ग बताया तथा काल से छुटवाया।
कविर्देव अपने पुत्र योगजीत का रूप बनाकर वहाँ प्रकट हुए तथा कन्या को ब्रह्म के उदर से बाहर निकाला तथा कहा कि ज्योति निरंजन आज से तेरा नाम ‘काल‘ होगा। तेरे जन्म-मृत्यु होते रहेंगे और तू एक लाख मानव शरीर धारी प्राणियों को प्रतिदिन खाया करेगा व सवा लाख उत्पन्न किया करेगा।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
अनमोल वचन है
♦️नानकदेव जी को कबीर साहेब सुल्तानपुर (वर्तमान पाकिस्तान) में बेई नदी पर जिंदा महात्मा के वेश में आकर मिले थे। उन्हें सचखंड यानी सत्यलोक के दर्शन कराए थे उन्होंने कबीर साहेब की महिमा गाते हुए कहा है :-
फाही सुरत मलूकी वेस, उह ठगवाड़ा ठगी देस।।
खरा सिआणां बहुता भार, धाणक रूप रहा करतार।।
(गुरु ग्रन्थ साहिब राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29)
Supar
super
अविनाशी_परमात्मा_कबीर
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
Sant Rampal Ji Maharaj
পরমাত্মার বাণী হয়:
কবীর, জবহী সত্যনাম হৃদয় ধরয়ো, ভয়ো পাপ কো নাশ |
মানৌ চিনগী অগ্নি কী, পরী পুরানে ঘাস ||
সতনামের জপ করার ফলে আমাদের সমস্ত পূর্বের পাপ কর্ম কেটে যায় |
परमात्मा की वाणी है:
कबीर, जबही सत्यनाम हृदय धरयो, भयो पाप को नास।
मानौं चिनगी अग्नि की, परी पुराने घास।।
सतनाम का जाप करने से हमारे सभी प्रारब्ध के पाप
विश्व में एकमात्र जगत उद्धारक संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिन्होंने अपने अनुयायियों को सदैव परमार्थी होने की शिक्षा दी हैं जिसके चलते वे सभी निस्वार्थ सेवा, देहदान, रक्तदान आदि करने से भी पीछे नहीं हटते। इसके अलावा दहेज़ लेन देन, शादियों में लोक दिखावा, चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार आदि जैसी बुराइयों से भी दूर रहते है।
संत साहेब जी ❤❤❤
Sat sahib ji
Sat guru dev ki jai ho 🎉🎉🎉😂😂
श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 15 श्लोक 16, 17 के अनुसार क्षर पुरुष, अक्षर पुरुष और उत्तम पुरुष (परम अक्षर पुरुष) कौन हैं?
अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
🙏🏻 Bandi ❤️ chhod 🙏🏻 Saint ❤️ Rampal 🙏🏻 ji ❤️ Maharaj 🙏🏻 ji ❤️ ki 🙏🏻 jai ❤️ hoooo 🙏🏻❤️
Heart touching post ❣️✨🌴
Satsaheb ❤❤🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤
सबका मालिक एक परमात्मा कबीर साहेब जी
Sat 💞 saheb ji 💞 🙏 parmatma 💞 malik ke charno mein koti koti dandwat paranam 💞 🙏 🙇♂️