आज न्यायपालिका में बहुत सारे सुधारों की आवश्यकता है, क्योंकि सर्वोच्च से निम्नतम पद तक कोई भी, जो सरकार से वेतन प्राप्त करता है, वह देश के कानूनों और जवाबदेही से बंधा हुआ है। जितना ऊंचा पद, उतनी बड़ी जिम्मेदारी और जवाबदेही। आज ऊंचे पदों पर बैठे लोग चाहते हैं कि उन्हें मोटी तनख्वाह, ढेर सारी सुविधाएँ व ढेर सारी छुट्टियां आदि मिलें, लेकिन उनकी कोई जिम्मेदारी और जवाबदेही नहीं है। क्या न्यायपालिका ने कभी सोचा है कि फ़ैसलों में इतना समय क्यों लगता है, छोटे-छोटे मामलों में भी, सभी फैसले समयबद्ध होने चाहिए। निर्णय लेते समय देश और जनता के हितों को भी ध्यान में रखना चाहिए। भ्रष्टाचार के फैसलों में पैसे की वसूली भी होनी चाहिए। जमानत देना भी न्यायोचित होना चाहिए, तभी अपराधियों में कानून का भय होगा और अपराध कम होंगे। अंत में, न्यायपालिका में फैले भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाना ही होगा, नहीं तो "दीपक तले अंधेरा" मुहावरा यहाँ चिरतार्थ होगा । न्यायाधीश का पद बहुत पवित्र और निष्पक्ष होता है, इसलिए उन की नियुक्ति भी पवित्र और निष्पक्ष होनी चाहिए, क्योंकि उनके पवित्र और निष्पक्ष निर्णयों से ही देश में राम राज्य की स्थापना हो सकेगी । हरी शर्मा😊
फैसलों में देरी के कई कारण होता है. अधिकतर मामलों में सरकार पार्टी होती है और समय से सरकार अदालतों में अपने पक्ष ही नहीं रखती जज भी जनसंख्या के अनुपात में कम है सरकारी वकील भी नहीं आदि आदि
जस्टिस सोढ़ी साहब ने अपनी स्पष्टवदिता से सिद्ध कर दिया कि वर्तमान कोलेजियम व्यवस्था ठीक, अउ पारदर्शी नहीं है सुप्रीम कोर्ट को अपनी औकात मे ही रहना चाहिए... 👍
Justice (Ex) Sodhi ji , thank you for giving us your true and fair views about the current Conflict between Supreme Court and Indian Elected Parliament …… Supreme Court is supreme among all the Courts of India …… this is what Justice Sodhi clarified the meaning of the world **supreme** … they are all emloyees of Govt. of India . SC can not make LAWs and Appointments of Judges ❤ ……Jagtar Singh
He is very bold judge. He asks who is the appointing authority i.e. the President of India. Hence Parliament is supreme in a democracy. SC can not make laws only parliament can do, he correctly says. Collegium system should therefore be changed in the interest of country.
पूरा न्याय तंत्र सड़ चूका हैं औऱ इसमें बहुत सुधार क़ी जरूरत हैं. गरीब आदमी हताश निराश हैं हर कदम पर पैसा लगता हैं दोनों पक्ष के वकील मिल कर मामले कों सालों लटका कर रखते हैँ
न्यायाधीश सोढ़ी महोदय आपके एक एक शब्द स्पष्ट और सत्य है।मेरा इतना सौभाग्य नहीं था कि गुरु नानक या गुरु गोविन्द सिंह को सुन सकूं लेकिन आपको सुनकर ऐसा आभास हो रहा है कि सीधे सिख गुरुओं को सुन रहा हूं। आपको मेरा नमन!
सबसे प्रथम तो चुनाव आयुक्त सही आदमी हो जो पूरी छान बीन के बाद ही किसी को चुनाव लड़ने दे । दूसरे न्यायिक आयोग का गठन कर परीक्षा के माध्यम से हीं उपयुक्त व्यक्ति को हर कोर्ट में नियुक्ति दी जाय । तिसरे ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि किसी भी व्यक्ति के परिवार अथवा रिश्तेदार की अनदेखी करते हुए मात्र उसकी योग्यता और दक्षता की परीक्षा करके हीं नियुक्ति दी जाय । और चौथा उन आयोगों और चुनाव/नियुक्ति समीतियों में भी निष्पक्ष और नायायप्रिय लोगों को रखा जाय । आज के हालात देख ऐसा लगता है कि भारत में एकाध को छोड़ बाकी लोग उसी समय तक इमानदार दिखते हैं जबतक उन्हें बेइमानी करने का थोडा़ भी मौका हीं मिल रहा है । ऐसी परिस्थिति में हर जगह नार्को टेस्ट के बाद ही लोगों को जिम्म्दारी भरा पद दिया जाय ।
What Justice Sodhi says is relevant in the present context. Present system should be changed. It promotes nepotism. A few families only produce judges which indicates that system needs change.
It was pleasant to see Justice R S Sodhi speaking frankly & rightly. He admits that he was a beneficiary of the collegium system. Still he says that appointment of judges must be done by Parliament as was authorized by the Constitution.
माननीय न्यायाधीश R.S.Sodhi जी को शत शत नमन। आपने बहुत अच्छी बातेँ कही। एक विशेष बात बहुत सुन्दर कहा उन्होंने की संसद तथा विधानसभा में हम लोगों अपराधियों को चुन कर नहीं भेजना चाहिए।
Sodi ji ne sahi kaha hy ji .Supreme Court ke bare me ji .ab manniye Supreme Court ke judgeo cji ko tho des me rehne wale sc.st.or Dalton ke liye those faisla le lena chahiye ji .....??
जज साहब संसद देश की सुप्रीम है आपका कहना बिलकुल सही है सुप्रीम कोर्ट को अपनी हैसियत में आना होगा देश की जनता सब समझ रही है और मनमानी नहीं चलेगी कोलेजियम को खत्म कर नया कानून मानना होगा।।वंदेमातरम।।
कालेजियम सिस्टम में जमकर भाई भतीजावाद हुआ है तो एन जे ए सी द्वारा जजों की नियुक्ति में जो दल सत्ता में रहेगा वह अपने दल की विचारधारा के व्यक्ति को जज बनाएगा।क्यों न भारतीय न्यायिक सेवा का गठन हो और उससे जजों की नियुक्ति हो जिससे समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो सके जो अब तक नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के कार्यकलाप की गहराई में जा कर, आप ने जनता को सत्य तथ्यों से उजागर किया । आपने तो गागर में सागर भर दिया । क्या अभी कुछ कहने को बचा है जनता को जानने के लिए ।
Canparliament abolish the constitution can parliament change parliament Ary system to presidential system if not than for independence of judiciary can not be amended for that govt intrference in appoint ment of judgeswill affect the independence of judiciary justice sodi is not acceptable
अगर न्याय पाना और निष्पक्ष चुनाव करना है तो जजों की नियुक्ति के लिए एक प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली का होना ही चाहिए! उन्हीं प्रतियोगी परीक्षा पास अभ्यर्थियों में से ही न्यायालय के योग्यतम जज और संसद मिलकर नियुक्ति की जाय!
हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका को हाईजैक कर लिया है अब देश की संसद जो देश की सुप्रीम संस्था है इस कोलेजियम सिस्टम को खत्म कर के इनके निरॅकुशता पर अंकुश लगाना चाहिए ।
भारत के न्यायपालिका में सुधार की जरूरत है लेकिन न्यायपालिका को स्वतंत्र होना भी जरूरी है. Suprim na to sarkar hai aur na hi Suprim कोर्ट, bharat ka sambidhan Suprim है
Sodhi Sir, Thanks a lot for your crystal clear opinion regarding supremacy of parliament and Supreme Court in democracy. If all our Supreme Court Judges and parliamentarians respect the views of Honourable Sodhi Sir , there should be no chance of any type of conflict in the country.
न्याय सौ दिन के अंदर मिलना चाहिए। और दीवानी मामलों में जो दसकों लगता है समझ के परे है जबकि दीवानी मामलों में जज साहब चाहें तो सारे सबूत के कागजात एक दो तारीख में सममीत करा के फिर फैसला समय पर कर सकते हैं
Mr Justice Sodhi has very rightly pointed out the the shortcomings of the judiciary in appointment of Judges for which Judiciary itself is to be blamed.
@@pradeepkumardas2824 Nothing humorous about it.Their selection among theselves without well laid procedure to such august posts is quite opaque so it should be made transparent with some people outside it as well over see selection of judges.
Thanks to honorable Sri Sodhiji,retired high court judge, has clarity on constitution, Parliamentary democracy and law of of the land.. Thank him for speaking truth .. Government and judicial system have to work together in Nation interest to safe guard the interest of common citizens with Nation first approach,.. If democracy has to survive.
किरण रिजूजी जी, को अपना और अपनी और सरकार का पक्ष रखने का पूरा अधिकार है। लेकिन हमने कभी नहीं सुना कि,उनका क़ानून और न्याय के क्षेत्र में कोई बड़ा छोड़ कोई छोटा भी कारनामा अंजाम दिया हो? ख़िलाफ़ उम्मीद आज जस्टिस सोढ़ी साहब, बिना तैयारी के अपनी बात रख रहे हैं। कोलिजियम अपने आप में पूर्ण नहीं,यह माना जा सकता है। सुधार की गुंजाइश हो सकती है। लेकिन सरकार की दख़लअंदाज़ी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है?इसी दिल्ली में देश ने आधी रात को सी.बी.आई. जैसी संस्था के आफिस को घेरे जाते देखा। इसी दिल्ली में सी.बी.आई. के (एक निश्चित व्यवस्था के तहत निर्वाचित) डायरेक्टर को हटते देखा? जस्टिस अक़ील अहमद सारी योग्यताओं के बावजूद सुप्रीम कोर्ट में जाने से रोकते देखा? उत्तराखंड हाईकोर्ट के जज रहते शानदार फ़ैसलों के लिए जाने जाने वाले एक ",सिटिंग जस्टिस", की राह में रोड़े अटकाए जाते देखा? दुख और अचम्भे का मुक़ाम है सोढ़ी साहब की आजकी बातचीत में न लोजिक है नसार और दिशा?
सर अभी बीस दिन के जाड़े की छुट्टी के बाद दो जनवरी को फिर भी पर नहीं बैठे जबकि वो आधिकारिक तौर पर वो छुट्टी नहीं लिए थे ऐसे में हम कहां शिकायत दर्ज कराएं
Thanks. & congratulations to justice Sodhi . This type of justice should be in the courts .collegium should be banned . So many defects are there . implimate NJAC immediately Modi Jim. We r with u .
RS sodhi ji कर्मठ ईमानदार और सम्माननीय जज हैं। उनको सादर नमन 🙏 जिस सिस्टम की संविधान में कहीं भी व्यवस्था नहीं है उस सिस्टम को तुरंत कानून बनाकर निष्क्रिय करना चाहिए। देश को जलाने वाले देश के सुप्रीम नहीं हो सकते
Justice Sir, your goodself is a great personality who dare to speaking trurth Judicery me aap jaisi sakshiat honi chahiye tabi logon ko justce mil sakta hai. Aap ko abhinandan.
संविधान मानने पर सबसे बड़ा है, परन्तु सांसद सदन में संविधान की रचना करता है तो बड़ा कौन कोई भी बता देगा। ये जज तो संविधान के अनुसार काम करने वाला जनता का नौकर है। जज को अपनी सीमा में रहनी चाहिए। जनता के चुने प्रतिनिधियों से बड़ा देश में कोई भी नहीं हो सकता।
Good discussion At present time who Will believe the parliament. In federal system what the governor in states and leftinent governor in union territory and in the state of Dehli whether they are honestly doing their constitutional duties. Justince Sodhi has truly emphasis the need to send honest and educated representatives in parliament. But now the present system has highjecked the Democratic system. This is the bad luck of indian For improvement of system education is must to each every citizens of india so that they must differnciat between good and honest representatives and send them legislative bodies.
As per the Constitution of India, it's a constitutional duty of judiciary to interpret and to protect the Constitution of India. To protect and to interpret the Constitution means to save the life and future of the people of India.
Thanks for presenting the crisp n clear constitutional position in appointment of the HC and SC judges. The Collegium system of SC by the SC usurps the authority of the HCs and the Parliament. Rampant nepotism in judiciary must be brought down by the Parliament. NJAC is the way.
NJAC को डिसकार्ड करना ठीक नही था। इसमे समय समय पर, जरूरत के हिसाब से, तबदीलियाँ की जा सकती थीँ। कालेजियम सिस्टम एक क्लोस्ड-डोर व्यवस्था है। इसमै आबजेक्टिविटी और ट्राँसपेरेन्सी का अहम मुद्दा है।
Truth is supreme, if institutions fail or are delayed, to establish truth, and become a serious cause of anarchy in the nation, and people lose faith in honesty and truthfulness.Then it is people's elected government body to take initiative to repair it to a functional level .
We must END Collegium System. Judges appointing their children as Judges must END. END NEPOTISM IN JUDICIARY. न्यायपालिका से परिवारवादी collegium व्यवस्था बंद हो।
आज न्यायपालिका में बहुत सारे सुधारों की आवश्यकता है, क्योंकि सर्वोच्च से निम्नतम पद तक कोई भी, जो सरकार से वेतन प्राप्त करता है, वह देश के कानूनों और जवाबदेही से बंधा हुआ है। जितना ऊंचा पद, उतनी बड़ी जिम्मेदारी और जवाबदेही। आज ऊंचे पदों पर बैठे लोग चाहते हैं कि उन्हें मोटी तनख्वाह, ढेर सारी सुविधाएँ व ढेर सारी छुट्टियां आदि मिलें, लेकिन उनकी कोई जिम्मेदारी और जवाबदेही नहीं है। क्या न्यायपालिका ने कभी सोचा है कि फ़ैसलों में इतना समय क्यों लगता है, छोटे-छोटे मामलों में भी, सभी फैसले समयबद्ध होने चाहिए। निर्णय लेते समय देश और जनता के हितों को भी ध्यान में रखना चाहिए। भ्रष्टाचार के फैसलों में पैसे की वसूली भी होनी चाहिए। जमानत देना भी न्यायोचित होना चाहिए, तभी अपराधियों में कानून का भय होगा और अपराध कम होंगे। अंत में, न्यायपालिका में फैले भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाना ही होगा, नहीं तो "दीपक तले अंधेरा" मुहावरा यहाँ चिरतार्थ होगा । न्यायाधीश का पद बहुत पवित्र और निष्पक्ष होता है, इसलिए उन की नियुक्ति भी पवित्र और निष्पक्ष होनी चाहिए, क्योंकि उनके पवित्र और निष्पक्ष निर्णयों से ही देश में राम राज्य की स्थापना हो सकेगी ।
हरी शर्मा😊
फैसलों में देरी के कई कारण होता है. अधिकतर मामलों में सरकार पार्टी होती है और समय से सरकार अदालतों में अपने पक्ष ही नहीं रखती
जज भी जनसंख्या के अनुपात में कम है
सरकारी वकील भी नहीं आदि आदि
43% मुकदमे सरकार के हैं, 10,00,000 जनसंख्या पर कैसे कम 60 जजों की आवश्यकता है, यहां 17-18 जज हैं, ।अमेरिका मे 110, कनाडा मे 99 ,ब्रिटेनमे 86 हैं ।
जस्टिस सोढ़ी साहब ने अपनी स्पष्टवदिता से सिद्ध कर दिया कि वर्तमान कोलेजियम व्यवस्था ठीक, अउ पारदर्शी नहीं है सुप्रीम कोर्ट को अपनी औकात मे ही रहना चाहिए... 👍
kha se aaye ho bhai
जस्टिस सोढ़ीजी की हिम्मत और ईमानदारी के लिए बहुत बहुत साधुवाद....
Justice (Ex) Sodhi ji , thank you for giving us your true and fair views about the current Conflict between Supreme Court and Indian Elected Parliament …… Supreme Court is supreme among all the Courts of India …… this is what Justice Sodhi clarified the meaning of the world **supreme** … they are all emloyees of Govt. of India .
SC can not make LAWs and Appointments of Judges ❤ ……Jagtar Singh
Thanks to Justice Sodhi for his independent views regarding powers of Judiciary and Parliament.
Salutes to Hon'ble Sodhi ji for his courage and forthright views.We all feel Collegium system is. Corrupt and full of nepotism
He is very bold judge. He asks who is the appointing authority i.e. the President of India. Hence Parliament is supreme in a democracy. SC can not make laws only parliament can do, he correctly says. Collegium system should therefore be changed in the interest of country.
पूरा न्याय तंत्र सड़ चूका हैं औऱ इसमें बहुत सुधार क़ी जरूरत हैं. गरीब आदमी हताश निराश हैं हर कदम पर पैसा लगता हैं दोनों पक्ष के वकील मिल कर मामले कों सालों लटका कर रखते हैँ
Sath mai judges v. Isko lataka kar rakhte h. Sunwai late karna. Chutti par rehna.
सोधी साहब के विचार सही और बहुत महत्वपूर्ण है, इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसारण होना चाहिए, ___
There had been very few judges of his calibre and character. It is good to hear his frank and honest views after a long time.
जज साहेब को नमन,इनकी साफगोई को नमन,उच्चतम न्यायालय में भी वंशवाद चल रहा है ।
Public opinion with in favour of constitution not with collegium system moreover parliament is supreme Bcz we adopt parliamentary democracy
Excellent interview, Judge Sodhi is crystal clear
न्यायाधीश सोढ़ी महोदय आपके एक एक शब्द स्पष्ट और सत्य है।मेरा इतना सौभाग्य नहीं था कि गुरु नानक या गुरु गोविन्द सिंह को सुन सकूं लेकिन आपको सुनकर ऐसा आभास हो रहा है कि सीधे सिख गुरुओं को सुन रहा हूं। आपको मेरा नमन!
सबसे प्रथम तो चुनाव आयुक्त सही आदमी हो जो पूरी छान बीन के बाद ही किसी को चुनाव लड़ने दे ।
दूसरे न्यायिक आयोग का गठन कर परीक्षा के माध्यम से हीं उपयुक्त व्यक्ति को हर कोर्ट में नियुक्ति दी जाय ।
तिसरे ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि किसी भी व्यक्ति के परिवार अथवा रिश्तेदार की अनदेखी करते हुए मात्र उसकी योग्यता और दक्षता की परीक्षा करके हीं नियुक्ति दी जाय ।
और चौथा उन आयोगों और चुनाव/नियुक्ति समीतियों में भी निष्पक्ष और नायायप्रिय लोगों को रखा जाय ।
आज के हालात देख ऐसा लगता है कि भारत में एकाध को छोड़ बाकी लोग उसी समय तक इमानदार दिखते हैं जबतक उन्हें बेइमानी करने का थोडा़ भी मौका हीं मिल रहा है । ऐसी परिस्थिति में हर जगह नार्को टेस्ट के बाद ही लोगों को जिम्म्दारी भरा पद दिया जाय ।
Very great opinion by the retired judge. Convey my respect and thanks to him, please.
What Justice Sodhi says is relevant in the present context. Present system should be changed. It promotes nepotism. A few families only produce judges which indicates that system needs change.
It was pleasant to see Justice R S Sodhi speaking frankly & rightly. He admits that he was a beneficiary of the collegium system. Still he says that appointment of judges must be done by Parliament as was authorized by the Constitution.
What an honest human being. Kudos to you sir.
बात सुनकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि एक दिन सुप्रीम कोर्ट देश कि सरकार को चला ने लगेंगे।
माननीय न्यायाधीश R.S.Sodhi जी को शत शत नमन।
आपने बहुत अच्छी बातेँ कही।
एक विशेष बात बहुत सुन्दर कहा उन्होंने की संसद तथा विधानसभा में हम लोगों अपराधियों को चुन कर नहीं भेजना चाहिए।
Honourable Justice Sodhi Sahab ki jai ho
for his valued and judicious comments
गजब और सही फरमाया सोढी सर ने कि फिर तो नालिया नूलिया ही साफ करनी ही रह जायेगी।
Sodhi ji ki बेबाक स्पीच को सादर नमन 🙏
Sodi ji ne sahi kaha hy ji .Supreme Court ke bare me ji .ab manniye Supreme Court ke judgeo cji ko tho des me rehne wale sc.st.or Dalton ke liye those faisla le lena chahiye ji .....??
जज साहब संसद देश की सुप्रीम है आपका कहना बिलकुल सही है सुप्रीम कोर्ट को अपनी हैसियत में आना होगा देश की जनता सब समझ रही है और मनमानी नहीं चलेगी कोलेजियम को खत्म कर नया कानून मानना होगा।।वंदेमातरम।।
मा० सोढ़ी पूर्व जज साहब के विचारों को नमन।
कालेजियम सिस्टम में जमकर भाई भतीजावाद हुआ है तो एन जे ए सी द्वारा जजों की नियुक्ति में जो दल सत्ता में रहेगा वह अपने दल की विचारधारा के व्यक्ति को जज बनाएगा।क्यों न भारतीय न्यायिक सेवा का गठन हो और उससे जजों की नियुक्ति हो जिससे समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो सके जो अब तक नहीं हुआ है।
Thank you sir u dare to speak truth
Justice Sodhi really a wonderful person
Honourable Sodhi Sahab I greatefully thank you for your Frank comments
Thanks. A very good programme about the present crisis in the country and justice Sodhi Ji explained his views very diligently.
सुप्रीम कोर्ट के कार्यकलाप की गहराई में जा कर, आप ने जनता को सत्य तथ्यों से उजागर किया । आपने तो गागर में सागर भर दिया ।
क्या अभी कुछ कहने को बचा है जनता को जानने के लिए ।
जजो का चुनाव सेना के मतो के परामर्श और राष्ट्रपति के अन्तिम निर्णय से हो तो विश्वनीयता आयेगी
किसी भी मुकदमे के निस्तारण की अधिकतम समय सीमा होनी ही चाहिए।
Canparliament abolish the constitution can parliament change parliament Ary system to presidential system if not than for independence of judiciary can not be amended for that govt intrference in appoint ment of judgeswill affect the independence of judiciary justice sodi is not acceptable
अगर न्याय पाना और निष्पक्ष चुनाव करना है तो जजों की नियुक्ति के लिए एक प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली का होना ही चाहिए! उन्हीं प्रतियोगी परीक्षा पास अभ्यर्थियों में से ही न्यायालय के योग्यतम जज और संसद मिलकर नियुक्ति की जाय!
हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका को हाईजैक कर लिया है अब देश की संसद जो देश की सुप्रीम संस्था है इस कोलेजियम सिस्टम को खत्म कर के इनके निरॅकुशता पर अंकुश लगाना चाहिए ।
Thanks to justice R.S.sodhi for his honest justified comment on judiciary system. Hat's off to sodhi Saab.
सोढी साहब को कोटि कोटि नमन। सत्य बोलने की हिम्मत होनी चाहिए। चंद्रचूड़ जैसा झूठा आदमी जज नहीं बनना चाहिए। 🚩🚩🚩
Judiciary me bap bete ka raj khat hona cahiye, bharat sabse bada loktantra he. So desh basiyon bichar kare.
माननीय श्री सोढ़ी साहब बहुत ईमानदार, साहसी, और बहुत निश्पक्ष न्यायाधीश हैं।
Great interview 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
गाय को जानवर नहीं मां मानो
(जज साहब गुजरात हाईकोर्ट)
संघी सरकार ऐसे जज बनवाना चाहती है
भारत के न्यायपालिका में सुधार की जरूरत है लेकिन न्यायपालिका को स्वतंत्र होना भी जरूरी है. Suprim na to sarkar hai aur na hi Suprim कोर्ट, bharat ka sambidhan Suprim है
सोढ़ी साहब बिलकुल खरे और ईमानदार इंसान हैं
Sodhi Sir,
Thanks a lot for your crystal clear opinion regarding supremacy of parliament and Supreme Court in democracy.
If all our Supreme Court Judges and parliamentarians respect the views of Honourable Sodhi Sir , there should be no chance of any type of conflict in the country.
Very good and very nice explain👌👍🤔
न्याय सौ दिन के अंदर मिलना चाहिए। और दीवानी मामलों में जो दसकों लगता है समझ के परे है जबकि दीवानी मामलों में जज साहब चाहें तो सारे सबूत के कागजात एक दो तारीख में सममीत करा के फिर फैसला समय पर कर सकते हैं
सोढ़ी सहाब की सौ बात की एक बात "अगर आप चोर bhejoge तो चोर ही मिलेगा न"
Scrap Collegium System.
Why Modi Govt isn't Scraping Collegium System??
Mr Justice Sodhi has very rightly pointed out the the shortcomings of the judiciary in appointment of Judges for which Judiciary itself is to be blamed.
Closed circle whose function is dubious without fixed procedure of selection and appointment.
Sir, your comments are not only humorous but also thought provoking.
@@pradeepkumardas2824 Nothing humorous about it.Their selection among theselves without well laid procedure to such august posts is quite opaque so it should be made transparent with some people outside it as well over see selection of judges.
Sach to akhir sach hi hota hai sodi sir ne bahut sahi baat kahi desh ki janta ko sochna chahiye ki aakhir sach ko kyu nahi samjhey Janta
संसद ही संप्रभु है । सर्वोच्च है।
Thanks to honorable
Sri Sodhiji,retired high court judge, has clarity on constitution, Parliamentary democracy and law of of the land.. Thank him for speaking truth .. Government and judicial system have to work together in Nation interest to safe guard the interest of common citizens with Nation first approach,.. If democracy has to survive.
जो लोग काबिल हो ऊनकी नियुक्ति एक्झाम के जरीये जजों के पद पर हो ।
किरण रिजूजी जी, को अपना और अपनी और सरकार का पक्ष रखने का पूरा अधिकार है। लेकिन हमने कभी नहीं सुना कि,उनका क़ानून और न्याय के क्षेत्र में कोई बड़ा छोड़ कोई छोटा भी कारनामा अंजाम दिया हो?
ख़िलाफ़ उम्मीद आज जस्टिस सोढ़ी साहब, बिना तैयारी के अपनी बात रख रहे हैं।
कोलिजियम अपने आप में पूर्ण नहीं,यह माना जा सकता है। सुधार की गुंजाइश हो सकती है।
लेकिन सरकार की दख़लअंदाज़ी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है?इसी दिल्ली में देश ने आधी रात को सी.बी.आई. जैसी संस्था के आफिस को घेरे जाते देखा। इसी दिल्ली में सी.बी.आई. के (एक निश्चित व्यवस्था के तहत निर्वाचित) डायरेक्टर को हटते देखा?
जस्टिस अक़ील अहमद सारी योग्यताओं के बावजूद सुप्रीम कोर्ट में जाने से रोकते देखा? उत्तराखंड हाईकोर्ट के जज रहते शानदार फ़ैसलों के लिए जाने जाने वाले एक ",सिटिंग जस्टिस", की राह में रोड़े अटकाए जाते देखा?
दुख और अचम्भे का मुक़ाम है सोढ़ी साहब की आजकी बातचीत में न लोजिक है नसार और दिशा?
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए एक्झाम होना चाहिए ।देश में लिपीक के लिए एक्झाम है तो जजों के लिए क्यों न हो ।
सांसद के लिए कयो नहीं ?
High time to change collegium system. Many thanks to justice Sodhi ji for being honest🙏
So honest opinion. 👌Bharat has such persons and that's why Bharat is great. 👍👍👍👌👋👋👋
सर अभी बीस दिन के जाड़े की छुट्टी के बाद दो जनवरी को फिर भी पर नहीं बैठे जबकि वो आधिकारिक तौर पर वो छुट्टी नहीं लिए थे ऐसे में हम कहां शिकायत दर्ज कराएं
फिर ऐसा होगा यदि S.c Justice नहीं माना तो बर्खास्त होना चाहिए cji or 5 most senior Justice ko.
Thanks. & congratulations to justice Sodhi . This type of justice should be in the courts .collegium should be banned . So many defects are there . implimate NJAC immediately Modi Jim. We r with u .
RS sodhi ji कर्मठ ईमानदार और सम्माननीय जज हैं। उनको सादर नमन 🙏
जिस सिस्टम की संविधान में कहीं भी व्यवस्था नहीं है उस सिस्टम को तुरंत कानून बनाकर निष्क्रिय करना चाहिए। देश को जलाने वाले देश के सुप्रीम नहीं हो सकते
NJAC को पूरी तरह ख़ारिज कर देना संविधान का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन था।
खुद ही दुकान लगायेंगे और खुद ही ग्राहक की तरह खरीदेंगे तो क्या व्यापार ऐसे चलेगा
Justice Sir, your goodself is a great personality who dare to speaking trurth Judicery me aap jaisi sakshiat honi chahiye tabi logon ko justce mil sakta hai. Aap ko abhinandan.
Every Authorities role and duty is defined in the constitution.Every Authority is supreme in their domain area.
Judiciary needs urgent reform. One of the most underperforming dept.
कॉलेजियम सिस्टम खत्म होना चाहिए क्योंकि इससे परिवारवाद पनप रहा है...
संविधान मानने पर सबसे बड़ा है, परन्तु सांसद सदन में संविधान की रचना करता है तो बड़ा कौन कोई भी बता देगा। ये जज तो संविधान के अनुसार काम करने वाला जनता का नौकर है। जज को अपनी सीमा में रहनी चाहिए। जनता के चुने प्रतिनिधियों से बड़ा देश में कोई भी नहीं हो सकता।
Wo kaise ?? SACHCHAI APKO PTA NHI HAI KYA? DANGE KRANE WALON KO BHI NYAY PALIKA DE DENGE?
सर सोढ़ी जी का ओपेनियन शत प्रतिशत सही है। कलेजीयम सिस्टम को अपनी ज़िद छोड़नी चाहिए ताकि न्याय व्यवस्था मे सुधार हो सके।
True
Thanks for showing the powers of people Sodhi sahib
Again thanks
Sardar ji badi bat boli desh ke liye.
सभी वर्गों का हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व होना चाहिए
Hats off to Judge shri Sodhi Saheb's views and for excellent interview.
आदरणीय सोढी सर ने सही फरमाया
Salute to Honourable ( Rtd.) Judge Sodi sahab for valuable & clear opinion.
अगर अपन लोकशाही में है तो लोगोने चुने हूवे लोगों की संसद ही सुप्रीम है न की सुप्रीम कोर्ट या कोई भी संस्था ।
Excellent interview. Facts
असल बात यह है कि कॉलेजियम और NJAC दोनों में भाई भतीजावाद है। IJS से योग्य लोग पहुंचेंगे।यहां भाई भटिजबद भी नहीं होगा।
संसद, संसद संविधान को बदलने की शक्ति रखती है
He has hit the nail on its head , all high court judges have become subservient to Supreme Court which is not as per constitution .
जनता के टैक्स का खाकर जनता का अवेहलना यह बेईमानी है।
Supreme Court is DOGALA. It is stinking. Time has come when public to do justice to SC and raise voice for truth and justice. SC also need justice.
Very fair and honest expression by Hon'ble Justice.
Good discussion
At present time who Will believe the parliament. In federal system what the governor in states and leftinent governor in union territory and in the state of Dehli whether they are honestly doing their constitutional duties. Justince Sodhi has truly emphasis the need to send honest and educated representatives in parliament. But now the present system has highjecked the Democratic system. This is the bad luck of indian For improvement of system education is must to each every citizens of india so that they must differnciat between good and honest representatives and send them legislative bodies.
Judge sahb is absolutely brilliant in his comments,& analysis.
Excellent
As per the Constitution of India, it's a constitutional duty of judiciary to interpret and to protect the Constitution of India.
To protect and to interpret the Constitution means to save the life and future of the people of India.
Well said, regards to him
तो सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक तरीके से कोलेजियम लागू हुआ
भारत मैं न सबिधान हैं औऱ न ही संसद, सांसद सदन मैं गुंडागर्दी करते हैं औऱ सबिधान मैं अपनी सुभीधा से चेंज कर लेते हैं.
कोलेजियम सिस्टम में पति पत्नी,बाप बेटा, आपसी संबंधी आदि ही जज नियुक्त हो रहें। देश के कुछ ही परिवार के सदस्य ही जज बन रहें हैं।
Thanks for presenting the crisp n clear constitutional position in appointment of the HC and SC judges.
The Collegium system of SC by the SC usurps the authority of the HCs and the Parliament.
Rampant nepotism in judiciary must be brought down by the Parliament.
NJAC is the way.
Collegium system is self created, illogical, undemocratic way of selection of it's own people ( relatives and favourite people)
Salute to Sodhiji for his candour and honesty showing the mirror to the emperor who is naked.
AAPKO DIL SE SALLUTE G
SACH KO SACH SWEKARNA KA DUM RAKHTE HAI G
NJAC को डिसकार्ड करना ठीक नही था।
इसमे समय समय पर, जरूरत के हिसाब से, तबदीलियाँ की जा सकती थीँ।
कालेजियम सिस्टम एक क्लोस्ड-डोर व्यवस्था है।
इसमै आबजेक्टिविटी और ट्राँसपेरेन्सी का अहम मुद्दा है।
Real great judge. He spoke excellently
Truth is supreme, if institutions fail or are delayed, to establish truth, and become a serious cause of anarchy in the nation, and people lose faith in honesty and truthfulness.Then it is people's elected government body to take initiative to repair it to a functional level .
Condictory response. We stand with Government's view.
Thank you very much sister.
Great information thank you
We must END Collegium System. Judges appointing their children as Judges must END. END NEPOTISM IN JUDICIARY.
न्यायपालिका से परिवारवादी collegium व्यवस्था बंद हो।
Sir thanks sodi sb for your clear views now it is understood that president of India will take full power in his hand for judges appointments.