निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
है भीष्म पितामाह कुछ बोलो है भीष्म पितामाह कुछ बोलो कुलवधु है तुम्हें पुकार रही दुर्योधन जो व्यवहार किया ये तुम सबको क्या लगा सही मेरा केश पकड़कर लाया है करता दुशासन दुर्व्यवहार आर्यों की सब माताओं ने क्या नहीं दिया कोई संस्कार मैंने तो दांव नही खेला चौसर की शाही क्रीड़ा मे है दोष नहीं जब कहीं मेरा तो क्यों मैं ऐसी पीड़ा मे संपत्ति ना मैं किसी राजा की जो हारे मुझको खेल जुआ दादा तुम तो नीति प्रिय हो तब तू क्यूं यू लाचार हुआ जब गंगा सूत कुछ कह ना सका कृष्णय ने राजा से पूछा दुर्योधन इतना दृष्ट है तो सम्राट दंड है क्यू सूजा द्रौपदी ने बारी बारी से प्रश्नों का ढेर लगा डाला धृतराष्ट्र , विदुर और द्रोणा के मानो मोह पर हो ताला आखिर में बरसी पांडव पर आखिर में बरसी पांडव पर किस बूते पर हो मेरे पिया कुछ कहो भतारो क्या सूजा मुझको बाजी में लगा दिया मछली की आँख भेदना था वो करके ब्याह के लाए हो अर्जुन गांडीव कहाँ गुम है क्यूं ऐसे शीश झुकाए हो जब मीन चक्षु संधान किया तब हृदय मेरा हर्षाया था मन ही मन मे एएहलादित थी मै मन चहा वर जो पाया था माँ कुंती ने मुझे बाँट दिया बन गए पति पांचों भाई दुर्दशा देख ऐसे मेरी तुम सबको लाज नहीं आई मैं समझी थी बड़भागन हू रणवीरो की मे सबला हू पर अब ऐसा लगता मुझको डरपोको की मे अबला हू है गदा कहाँ गांडीव कहाँ है गदा कहाँ गांडीव कहाँ क्या जंग लगी तलवारों को सौ सौ धिक्कार तुम्हे मेरा धिक्कार तेरे हथियारों को अरे घुंघरू बांधो चूड़ी पहनो गालियों में नाचो छम छम छम नहीं बेचारी मुझको समझो नैय्यहर से भाई बुलाए हम हुआ पांचों का बल क्षीण तो क्या हुआ पांचों का बल क्षीण तो क्या मेरे कृष्ण अकेले काफ़ी है उद्दंड नीच आताताई को कभी ना देते माफी है जो पता लगा मेरे विरन को जो पता लगा मेरे विरन को क्षण भर ना देर लगाएंगे नंगे पैरों हिरणागति से मेरे वीर कन्हैया आयेंगे नहीं भगिनी मैं लचारो की मधुसूदन मेरा भाई हैं लगता दुशासन दुर्योधन तेरी मौत शीश पर आई हैं होती है भ्रुक्ति वक्र जहां कोहराम वही मच जाता है केशव हथियार उठाले तो फिर काल भी ना बच पाता है जो आए भैया सभा मध्य यदि आए भैया सभा मध्य तो कोई नहीं बच पाएगा जब चक्र सुदर्शन घूमेगा सब मूली सा कट जायेगा ना बने निपुती माँ तेरी ना बने निपुती माँ तेरी कौरव सूत गण कुछ गौर करो अतिशय अक्षम्य अपराध किया ना सिर मृत्यु का मोर धरो इतना सुन गरजा दुर्योधन इतना सुन गरजा दुर्योधन दुशासन देर लगाओ ना निर्वस्त्र करो पांचाली को जंघा पर मेरी बिठाओ ना अग्रज की आज्ञा पाकर के दुशासन पट को रहा खींच द्रौपदी अधीर हुई मन मे साड़ी हाथों से रही भींच कुछ ना सुजा तब तैर भरी कुछ ना सुजा तब तैर भरी बोली सुनिए मेरे गिरधारी अब कोई नहीं अतिरिक्त तेरे प्रभु लाज रखो है लाचारी कान्हा की शान निराली है कान्हा की शान निराली है वो दौड़े दौड़े आते है जब कोई अर्ध पुकार करे निर्बल का बल बन जाते है था चक्र सुदर्शन चला दिया जब गज ने टेर लगाई थी एक सेन्यनाई के खातिर बस अपनी ठाकुरई बिसराई थी मुट्ठी भर तंदूर के बदले दो लोक सुदामा पाया था एक बार पुरिंद्र के कारण ऊंगली पर अचल उठाया था अब की द्रौपदी की बारी थी अब की द्रौपदी की बारी थी रो रो कर कृष्ण पुकारी थी हो गए रास्ते बंद सभी अब अंतिम राह मुरारी थी हुए कृष्ण कृपालु कृष्णा पर हुए कृष्ण कृपालु कृष्णा पर माधव जो करुण पुकार सुनी जहाँ देखो साड़ी ही साड़ी धरती अम्बर तक चीर बुनी अनव्रत खींचता रहा चीर पर छोर दूसरा पा ना सका हो गया चूर थक कर लेकिन साड़ी की थहा ना लगा सका था बहुत अचंभित दुशासन था बहुत अचंभित दुशासन ये नारी है या साड़ी है द्रौपदी मे हार्ड मांस भी है की सारी नारी साड़ी है मूर्छित होकर गिरा दुशासन मूर्छित होकर गिरा दुशासन निर्वस्त्र द्रौपदी कर ना सका दस सहस्र हस्त का बलशाली शर्मिंदा था बस मर ना सका कभी यज्ञसेनी ने नटवर को साड़ी का टुकड़ा बांधा था कभी यज्ञसेनी ने नटवर को साड़ी का टुकड़ा बांधा था बदले में आज मुरारी ने साड़ी में साड़ी बांधा था श्री कृष्ण भाव के भूखे है श्री कृष्ण भाव के भूखे है भक्तो की श्रद्धा प्यारी है ऋण चूकता करते ब्याज सहित माधव की लीला न्यारी है
"यदि आए भईया सभा मध्य।" इन पंक्तियों पर आपके चेहरे के भावों ने रोगटें खड़े कर दिए। इतनी सुन्दर प्रस्तुति सच में पहली बार सुन रही। आपके चेहरे की आभा आपके वाणी की पूरक जान पड़ रही। बेहद खूबसूरत। ❤️
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
बहुत सुंदर मेने मेरे जीवन इतनी अच्छी कविता नहीं सुनी जितनी भी तारीफ़ करू उतनी कम है और कोई कल्पना भी नहीं कर सकता आज मैं 5 बजे उठा तब मैंने फेसबुक खोला और आपकी कविता सुने का मुझे सौभाग्य मिला अद्भुत ❤❤❤❤❤🙏🙏🙏👌👌👌
हर लड़कियों को तुम्हारी ही तरह वीर😠 बनना चाहिए, और सिर्फ कविता में ही नहीं वास्तव में शस्त्र उठा कर वीरता दिखानी चाहिए, लड़ना चाहिए 😊👍🏼 👍🏼Nice poem👏🏼👏🏼👍🏼
But desh kanoon se chalta hai or ek average aadmi Kai untrained females ko hand to hand combat me Hara Sakta hai. Aur wo hare ga bhi tab jab wo thak jayega na ki injury ke chalte . Only elite Mma female fighter can stand against an average man.
अदभुत रचना और अति उत्कृष्ट प्रस्तुति... चेहरे के भाव तथा वाणी का ओज पंक्तियो के साथ पूर्ण न्याय करते हुए... अंत तक आते आते कान्हा की महिमा सुन कर आंखों से अश्रु धारा सहज रूप से प्रस्फुटित हो चली... धन्य हैं आप दोनो जिन पर मां शारदा की ऐसी कृपा है... और सदा यूं ही बनी रहे। जय श्री कृष्ण 🙏
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
वाह राग वैष्णवी बहन! जब मैंने आपकी कविता सुननी शुरू की, मैं रोक न सका अपनी अश्रुधारा को। ऐसा लगने लगा कि 5000 वर्ष पुरानी पांचाली की उस घटना का मैं साक्षी बन विवश बैठा था, कुछ कर न सका क्योंकि मैं राजा न था, फिर भी विदुर जी की तरह मैं चुप न बैठा था। कहां से हो वैष्णवी बहन, मैं आपका भाई और आप जैसी बहन को मिलने जरूर कभी आऊंगा, बस मिलने के लिए अपना दरवाजा खुला रखना। बहन पुनः दिल से बहुत प्यार।
कितनी बेहतरीन रचना और उससे भी सुंदर अभिव्यक्ति, आज के आधुनिक समाज के कला के लिए इतना समर्पण, भगवान आपको आध्यात्मिक तरक्की के रास्ते पर बहुत आगे ले जाए😊
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
Adbhut ❤ ankho m anshu aa gye yrr sun k ur inki face k look amazing 😍 bht hi badiya reaction tha words ni h di mere pass apk liye sitaram 🙏🏿❤️ apko sitaram ji ap pe apni kripa bnaye rkhe sitaram 🙏🏿❤️ di 😊
अपनों से मीली क्रुरता और कहाँ खोजें वो दौर भी केसे सहा होगा किसी ने जिनके अपने ही पापी बने होंगे सहने वालों ने कल्पना भी नहीं कि होगी की हम मे से ही है दुष्प्रवृत्ति के जन.. अति सुन्दर प्रस्तुति आंखें खोलने वालीं
अद्भुत प्रस्तुति आजकल की स्मार्टफोन के समय में ऐसी लेखनी अविश्वसनीय है मेरे लिए और हम धन्य हैं जो अभी भी ऐसी प्रसूति हमें देखने को मिलती है और सुनने को आजकल वक्त बहुत बदल गया है हम पश्चिमी संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं और अपनी संस्कृति को भुलते जा रहे हैं धन्यवाद❤❤❤❤❤❤
बहोत सुंदर कविता मेरे रोंगटे खड़े थे नी:शब्द हूं आंख से आशु आ गए ऐसा लगा जैसे मैं खुद उस किरदार को जी रही हूं आप पर कान्हा जी की कृपा बनी रहे जय श्री कृष्ण जय माधव🙏🙏
I am definitely not the first one and not the last one who's is going to say this , your voice and the expression you have while expressing . It literally gave goosebumps JAI SHREE KRISHNA .
आपकी ये कविता सुन ऐसा लगता है मानो हम वही उपस्थित है एकदम हृदय तक छूता है आपकी कविता बहुत बार सुनता हु दिल नही भरता और नमस्कार है आप जैसी नारी को जो आज के कलयुग में भी अपने कविता से द्वापर युग तक एक क्षण के लिए सैर करा जाएं राधे कृष्णा ❤❤
I have been listening to this for a week, without missing a day and honestly it makes me cry every time. Today's youth will be more interested in knowing about their own religion if there were more content creators like you. It is inspirational, you father is an amazing poet and writer
अद्भुत प्रस्तुति आजकल के स्मार्टफोन के समय में ऐसी लेखनी अविश्वसनीय है मेरे लिए और हम धन्य हैं जो अभी भी ऐसी प्रस्तुति हमें देखने को मिलती है सुनने को मिलती है बहुत बहुत धन्यवाद आपका❤
कविता तो असामान्य रूपसे अतिउत्तम ही हैं पर जिस प्रकार आपने कविता पढी हैं मैं गदगद हो गया. मैं एक कथक नर्तक हूँ और आपका हर एक शब्द सूनकर मन में संचारी भाव जागृत हो गये. 🙏🙏
Yah prasann Aisa prashn maine kabhi apni life mein nahin suna dropati ki kahani to maine bahut suni hai Magar aap Jaisi kahani jo aap Suna rahe ho yah ati Sundar hai
दीदी जी आपको देखकर लगता है की साक्षात् माँ द्रोपती ही बोल रही है आपके चरणो मे कोटि कोटि नमन दीदी| आप पर श्रीकृष्ण की कृपा हमेशा बनी रहे 🙏🙏
सुबह के 7 बजे सुन रहा, आज का दिन बन गया। आपके चेहरे के भाव के लिए निशब्द हूं। ऐसा लग रहा की आप ही द्रौपदी हैं और सबसे प्रश्न पूछ रही हैं। ❤
I agree
I agree toooo
😂😂😂
@@siddharthyashvardhanchaube6618 what's so funny? Chumtiya h kya?
अद्भुत
श्री कृष्ण भाव के भूखे है
भक्तो की श्रद्धा प्यारी है
ऋण चूकता करते ब्याज सहित
माधव की लीला न्यारी है 🧡
जय श्री कृष्ण 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai shree krishna
राधे राधे जी
Goosebumps in every line😱❤
"Mere Krishn akele kaafi hai"
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
Yes just 🔥
Madhusudan humare bhai hai also goosebumps moment
😂कोलकाता में क्यों नही आए 😂😂
है भीष्म पितामाह कुछ बोलो
है भीष्म पितामाह कुछ बोलो
कुलवधु है तुम्हें पुकार रही
दुर्योधन जो व्यवहार किया
ये तुम सबको क्या लगा सही
मेरा केश पकड़कर लाया है
करता दुशासन दुर्व्यवहार
आर्यों की सब माताओं ने
क्या नहीं दिया कोई संस्कार
मैंने तो दांव नही खेला
चौसर की शाही क्रीड़ा मे
है दोष नहीं जब कहीं मेरा
तो क्यों मैं ऐसी पीड़ा मे
संपत्ति ना मैं किसी राजा की
जो हारे मुझको खेल जुआ
दादा तुम तो नीति प्रिय हो
तब तू क्यूं यू लाचार हुआ
जब गंगा सूत कुछ कह ना सका
कृष्णय ने राजा से पूछा
दुर्योधन इतना दृष्ट है तो
सम्राट दंड है क्यू सूजा
द्रौपदी ने बारी बारी से
प्रश्नों का ढेर लगा डाला
धृतराष्ट्र , विदुर और द्रोणा के
मानो मोह पर हो ताला
आखिर में बरसी पांडव पर
आखिर में बरसी पांडव पर
किस बूते पर हो मेरे पिया
कुछ कहो भतारो क्या सूजा
मुझको बाजी में लगा दिया
मछली की आँख भेदना था
वो करके ब्याह के लाए हो
अर्जुन गांडीव कहाँ गुम है
क्यूं ऐसे शीश झुकाए हो
जब मीन चक्षु संधान किया
तब हृदय मेरा हर्षाया था
मन ही मन मे एएहलादित थी मै
मन चहा वर जो पाया था
माँ कुंती ने मुझे बाँट दिया
बन गए पति पांचों भाई
दुर्दशा देख ऐसे मेरी
तुम सबको लाज नहीं आई
मैं समझी थी बड़भागन हू
रणवीरो की मे सबला हू
पर अब ऐसा लगता मुझको
डरपोको की मे अबला हू
है गदा कहाँ गांडीव कहाँ
है गदा कहाँ गांडीव कहाँ
क्या जंग लगी तलवारों को
सौ सौ धिक्कार तुम्हे मेरा
धिक्कार तेरे हथियारों को
अरे घुंघरू बांधो चूड़ी पहनो
गालियों में नाचो छम छम छम
नहीं बेचारी मुझको समझो
नैय्यहर से भाई बुलाए हम
हुआ पांचों का बल क्षीण तो क्या
हुआ पांचों का बल क्षीण तो क्या
मेरे कृष्ण अकेले काफ़ी है
उद्दंड नीच आताताई
को कभी ना देते माफी है
जो पता लगा मेरे विरन को
जो पता लगा मेरे विरन को
क्षण भर ना देर लगाएंगे
नंगे पैरों हिरणागति से
मेरे वीर कन्हैया आयेंगे
नहीं भगिनी मैं लचारो की
मधुसूदन मेरा भाई हैं
लगता दुशासन दुर्योधन
तेरी मौत शीश पर आई हैं
होती है भ्रुक्ति वक्र जहां
कोहराम वही मच जाता है
केशव हथियार उठाले तो फिर
काल भी ना बच पाता है
जो आए भैया सभा मध्य
यदि आए भैया सभा मध्य
तो कोई नहीं बच पाएगा
जब चक्र सुदर्शन घूमेगा
सब मूली सा कट जायेगा
ना बने निपुती माँ तेरी
ना बने निपुती माँ तेरी
कौरव सूत गण कुछ गौर करो
अतिशय अक्षम्य अपराध किया
ना सिर मृत्यु का मोर धरो
इतना सुन गरजा दुर्योधन
इतना सुन गरजा दुर्योधन
दुशासन देर लगाओ ना
निर्वस्त्र करो पांचाली को
जंघा पर मेरी बिठाओ ना
अग्रज की आज्ञा पाकर के
दुशासन पट को रहा खींच
द्रौपदी अधीर हुई मन मे
साड़ी हाथों से रही भींच
कुछ ना सुजा तब तैर भरी
कुछ ना सुजा तब तैर भरी
बोली सुनिए मेरे गिरधारी
अब कोई नहीं अतिरिक्त तेरे
प्रभु लाज रखो है लाचारी
कान्हा की शान निराली है
कान्हा की शान निराली है
वो दौड़े दौड़े आते है
जब कोई अर्ध पुकार करे
निर्बल का बल बन जाते है
था चक्र सुदर्शन चला दिया
जब गज ने टेर लगाई थी
एक सेन्यनाई के खातिर बस
अपनी ठाकुरई बिसराई थी
मुट्ठी भर तंदूर के बदले
दो लोक सुदामा पाया था
एक बार पुरिंद्र के कारण
ऊंगली पर अचल उठाया था
अब की द्रौपदी की बारी थी
अब की द्रौपदी की बारी थी
रो रो कर कृष्ण पुकारी थी
हो गए रास्ते बंद सभी
अब अंतिम राह मुरारी थी
हुए कृष्ण कृपालु कृष्णा पर
हुए कृष्ण कृपालु कृष्णा पर
माधव जो करुण पुकार सुनी
जहाँ देखो साड़ी ही साड़ी
धरती अम्बर तक चीर बुनी
अनव्रत खींचता रहा चीर पर
छोर दूसरा पा ना सका
हो गया चूर थक कर लेकिन
साड़ी की थहा ना लगा सका
था बहुत अचंभित दुशासन
था बहुत अचंभित दुशासन
ये नारी है या साड़ी है
द्रौपदी मे हार्ड मांस भी है
की सारी नारी साड़ी है
मूर्छित होकर गिरा दुशासन
मूर्छित होकर गिरा दुशासन
निर्वस्त्र द्रौपदी कर ना सका
दस सहस्र हस्त का बलशाली
शर्मिंदा था बस मर ना सका
कभी यज्ञसेनी ने नटवर को
साड़ी का टुकड़ा बांधा था
कभी यज्ञसेनी ने नटवर को
साड़ी का टुकड़ा बांधा था
बदले में आज मुरारी ने
साड़ी में साड़ी बांधा था
श्री कृष्ण भाव के भूखे है
श्री कृष्ण भाव के भूखे है
भक्तो की श्रद्धा प्यारी है
ऋण चूकता करते ब्याज सहित
माधव की लीला न्यारी है
👏👏
Nice 👍👍
Bahut pyara
Bhut sundar hai
👏👏👏🔥🔥
मेरे कृष्ण अकेले काफ़ी हैं।💖🙌🏻
Sahi me
श्री कृष्ण भाव के भूखे है ,
भक्तो की श्रद्धा प्यारी है ।
ऋण चुकता करते ब्याज सहित माधव की लीला न्यारी है......।❤
Felt like mata draupadi herself said this lines 🙇🏻♀️
Radhe Radhe
💝
Mata Draupadi ko paanch pati hone par koi apatti nahi thi. Hoti toh wah Mahabharat mein ullekh hota
Radhe radhe Krishnam Jagatguru
Sach m kisi ke dil ki gahraie ko samajhna bahut mushkil h jo apne iss line m kaha h.
You have to agree that everyone got goosebumps when she started talking bout' SHREE KRISHNA🛐❤
"यदि आए भईया सभा मध्य।" इन पंक्तियों पर आपके चेहरे के भावों ने रोगटें खड़े कर दिए। इतनी सुन्दर प्रस्तुति सच में पहली बार सुन रही। आपके चेहरे की आभा आपके वाणी की पूरक जान पड़ रही। बेहद खूबसूरत। ❤️
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
Aap ki antim pankti
आपके चेहरे की आभा आपके वाणी के पूरक जान पड़ रही है
क्या खूब उकेर दिया आपने इन्हे 🙏
Same feeling bhai emotions pls goosebumps
अच्छा कटाक्ष कर लेती हैं आप।
😊😊😊😊😊
बहुत सुंदर मेने मेरे जीवन इतनी अच्छी कविता नहीं सुनी जितनी भी तारीफ़ करू उतनी कम है और कोई कल्पना भी नहीं कर सकता आज मैं 5 बजे उठा तब मैंने फेसबुक खोला और आपकी कविता सुने का मुझे सौभाग्य मिला अद्भुत ❤❤❤❤❤🙏🙏🙏👌👌👌
But aap comment tho TH-cam pr kr rhe ho 😅
Link se *redirect* huee honge brother...
यह कविता सुन मैं इतना रोमांचित हुए कि शब्दों में नही कह सकता।इस कविता की रचना कर अपनी आवाज में प्रस्तुत करनेवाली बहन को मेरा प्रणाम है।
हर लड़कियों को तुम्हारी ही तरह वीर😠 बनना चाहिए, और सिर्फ कविता में ही नहीं वास्तव में शस्त्र उठा कर वीरता दिखानी चाहिए, लड़ना चाहिए 😊👍🏼
👍🏼Nice poem👏🏼👏🏼👍🏼
👍👍
Right
But desh kanoon se chalta hai or ek average aadmi Kai untrained females ko hand to hand combat me Hara Sakta hai. Aur wo hare ga bhi tab jab wo thak jayega na ki injury ke chalte . Only elite Mma female fighter can stand against an average man.
I'm literally crying because this is how my mother felt helpless but kanha ji always saved her ❤
Same to same
आपकी आवाज बहुत आकर्षित हैं सुनने पर मजबूर कर देती है चाहे जितने व्यस्त हो सुन कर ह्रदय भर आया ऐसी वाणी जैसे मां सरस्वती सुना रही हो 🙏❤️❤️
अदभुत रचना और अति उत्कृष्ट प्रस्तुति... चेहरे के भाव तथा वाणी का ओज पंक्तियो के साथ पूर्ण न्याय करते हुए... अंत तक आते आते कान्हा की महिमा सुन कर आंखों से अश्रु धारा सहज रूप से प्रस्फुटित हो चली...
धन्य हैं आप दोनो जिन पर मां शारदा की ऐसी कृपा है... और सदा यूं ही बनी रहे।
जय श्री कृष्ण 🙏
Seems like draupadi literally herself is questioning. Soo beautiful literally 😍🥹
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
अति सुन्दर भाव विभोर कविता वाचन
के साथ साक्षात पात्र के रूप में प्रदर्शित ।आप आह्लादित कर दिए।
शुरू से अंत तक शरीर का रोंगटा खड़ा रहा 😢❤....इससे ज्यादा कुछ शब्द नहीं मेरे पास 😢 हरे कृष्ण❤️🚩❤
Mere bhai me to sirf roya ..gjb gjb
Couldn’t stop shedding my tears. So well written and well delivered. It seemed like Draupadi herself was saying all these.
जितनी सुंदर यह कविता है, उतनी ही सुंदर तरीक़े से इसे अपना स्वर दिया है।
Made my day
एक एक शब्द ह्रदय चीर गया🥺🥺🥺
मानो स्वयं मां द्रौपदी प्रश्न कर रहीं हैं🙇🙇🙇🙇
आपकी इस रचना में मानो स्वयं मां द्रौपदी प्रश्न कर रही हो 🙏🙏🙏🙏
Bilkul,
नारीशक्ति🙏
पति से ज्यादा भाई से साथ ज्यादा सुरक्षित मानती है!
देवी द्रोपदी जी ने दृष्टिकोण से बतलाया दिया!!!!🙏🇮🇳🚩
सम्बन्धों की व्याख्याएँ तो समय तय करता है - एक भाई कृष्ण था द्रौपदी के लिए , तो एक भाई कंस भी था देवकी के लिए.
इतने सुंदर भाव, शब्द सुनते ही महाभारत प्रकट हो रहा है। साक्षात द्रौपदी माता दिख रहा आपके शब्द में
आँशु न रुक पा रहा है, ऐसा लग रहा हैं सदृश्य देख रहा हूं।
धन्य आपके पिता जो आपके जैसा पुत्री पाया। उनके कृति का शृंगार इससे बेहतरीन नही हो पाता।
वेदना .. शायद यही द्रौपदी के हृदय में भी रही होगी। अद्भुत पाठ।
वाह राग वैष्णवी बहन! जब मैंने आपकी कविता सुननी शुरू की, मैं रोक न सका अपनी अश्रुधारा को। ऐसा लगने लगा कि 5000 वर्ष पुरानी पांचाली की उस घटना का मैं साक्षी बन विवश बैठा था, कुछ कर न सका क्योंकि मैं राजा न था, फिर भी विदुर जी की तरह मैं चुप न बैठा था। कहां से हो वैष्णवी बहन, मैं आपका भाई और आप जैसी बहन को मिलने जरूर कभी आऊंगा, बस मिलने के लिए अपना दरवाजा खुला रखना। बहन पुनः दिल से बहुत प्यार।
Sir aap kahan se hain
@@PoojaSharma-oi1hb बाड़मेर राजस्थान से
कितनी बेहतरीन रचना और उससे भी सुंदर अभिव्यक्ति, आज के आधुनिक समाज के कला के लिए इतना समर्पण, भगवान आपको आध्यात्मिक तरक्की के रास्ते पर बहुत आगे ले जाए😊
हे देवी आप तो महान हो ।
क्या बोले निशब्द हू । मौन हू❤आप ही दुर्गा आप ही काली।
Waw ise sun ke rongate khade ho jate hai...kun kun Bhagwat Geeta padh rha hai 👇👇👇👇👇..........ye sari poetry bhut axe se bolti h 😊😊😊😊😊❤
❤😢दुखद कि आज हर स्त्री द्रौपदी है, पर कृष्ण बहुत कम। पर इस कविता से उस अदृश्य पर उम्मीद हुई
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
मैं बहुत पहले से महाभारत का सारा वीरों का गाथा और कविता बहुत बार सुना हु
लेकिन आज ये सुन दिल गदगद हो गया😊😊😊😊😊❤❤❤
Mera bhi yahi haal hai
इतकी सुंदर रचना कदाचित कोणालाच जमलेली नसावी ❤ अप्रतीम आहे ❤
Adbhut ❤ ankho m anshu aa gye yrr sun k ur inki face k look amazing 😍 bht hi badiya reaction tha words ni h di mere pass apk liye sitaram 🙏🏿❤️ apko sitaram ji ap pe apni kripa bnaye rkhe sitaram 🙏🏿❤️ di 😊
अपनों से मीली क्रुरता और कहाँ खोजें
वो दौर भी केसे सहा होगा किसी ने जिनके अपने ही पापी बने होंगे
सहने वालों ने कल्पना भी नहीं कि होगी की हम मे से ही है दुष्प्रवृत्ति के जन..
अति सुन्दर प्रस्तुति आंखें खोलने वालीं
Jay श्री krishna
अद्धभुत कोई शब्द नहीं.... अति सुन्दर मन मोह लिया...
अध्भुत, अचंभित, कोटि कोटि नमन आपके पिता को और आपको I विस्मय विभूत कर दिया अपने I
मानों पूरा दृश्य सामने चल रहा और आँख भर गयी, मन गुस्से और शर्म से भर गया 😢😢
बहुत सुंदर व्याख्यान किया आपने 👍
चेहरे का भाव वर्णन को और भी ह्रदय स्पर्शी बनाता है बहुत अच्छा व्याख्यान है
अद्भुत प्रस्तुति आजकल की स्मार्टफोन के समय में ऐसी लेखनी अविश्वसनीय है मेरे लिए और हम धन्य हैं जो अभी भी ऐसी प्रसूति हमें देखने को मिलती है और सुनने को आजकल वक्त बहुत बदल गया है हम पश्चिमी संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं और अपनी संस्कृति को भुलते जा रहे हैं धन्यवाद❤❤❤❤❤❤
Wow! Goosebumps
बहोत सुंदर कविता मेरे रोंगटे खड़े थे
नी:शब्द हूं आंख से आशु आ गए ऐसा लगा जैसे मैं खुद उस किरदार को जी रही हूं आप पर कान्हा जी की कृपा बनी रहे
जय श्री कृष्ण जय माधव🙏🙏
अद्भुत, रोमांचकारी, भवबिभोर कर देने वाली कविता एवम्ं काव्य प्रस्तुति अत्यंत प्रशंसनीय है।
Hey Devi, Sat Sat Pranam apko 🙏
जितना सुन्दर लिखा हुआ है, उतना ही सुन्दर आपने वाचन किया। हिवड़े में रच बस गयी है ये रचना ❤
2:20 मेरे कृष्ण अकेले काफी है उदंड, नीच,आताताई को कभी न देते माफी है Right ❤heart touching line 😢
Bilakul sahi
वाह बहन!! आपने बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी है, प्रशंसा करने के लिए मेरे पास कोई शब्द ही नहीं है 😮😮😮😮😊😊😊😊🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हे तेजस्विनी आपको नमन 🙏 साक्षात् कृष्णे के भाव , जय श्री राधेश्याम
कोई फायदा नहीं वो पहले से सेट है चमचागिरी से कुछ नहीं मिलने वाला 😂
अतिउत्तम हृदय मन एक दम प्रफुल्लित हो गया आप जैसी वीरांगनाओं आवश्यकता हैं इस देश को आपको मेरा सहृदय सम्मान सहित प्रणाम 🙏🙏
कुछ कहने को ना रहा। इन पंक्तियों से जो बल मिला मानो जैस स्वयं मुरारी जी कह रहे हो, की उठो सखी, मैं स्वयं तुम्हारे साथ हूँ। जय माधव मुरारी की ।।
Madhusudan mera bhai hai...mere kanha ...❤
Lady, U are so powerful and ur words are too🔥✨
अति सुन्दर प्रस्तुति और हृदय को छू लेने वाली लेखनी। आपका प्रस्तुतीकरण अदभुत रहता है।
मेरे कृष्ण अकेले काफी हैं।❤❤
Bahut hi sundar panktiyan Hain...
Jai shree Krishna🙇🙇🙇
Haye raam रोंगटे खड़े हो गए 😢😢😢❤ मेरे माधव ❤❤❤
Iss ladki ke bhav aur shaili iss kawita ko bahut hridayasparshi bna dete hain.. speechless ❤❤
EXPRESSION ABOVE EXPECTATION
no grievances, no complaints EXCELLENT
आपकी कविता सुनकर आंखें भर आई मैं लड्डू गोपाल की सेवा करती हूं लड्डू को अपना भाई माना है वो भी हमेशा मेरे साथ रहते है ।।🙏🙏
Kitne sundr bhav hain💐
एक एक शब्द वान के जैसे हृदय को भेदती चली गई,, बहुत ही उत्तेजित कर देने वाली कविता है,,,,, माधव की लीला न्यारी है ❤🙌🏻🙏🏻
I am definitely not the first one and not the last one who's is going to say this , your voice and the expression you have while expressing . It literally gave goosebumps
JAI SHREE KRISHNA .
वाह वाह क्या अद्भुत रचना है 🥰🥹🥹 नेत्र अश्रु से भर गये।
आपकी ये कविता सुन ऐसा लगता है मानो हम वही उपस्थित है एकदम हृदय तक छूता है आपकी कविता बहुत बार सुनता हु दिल नही भरता और नमस्कार है आप जैसी नारी को जो आज के कलयुग में भी अपने कविता से द्वापर युग तक एक क्षण के लिए सैर करा जाएं राधे कृष्णा ❤❤
सुन्दर प्रस्तुति ❤❤
द्रौपति की पीर आवाज में सुनाई दे रही है ।।
KEEP IT ON 👍 WELL DONE ❤
क्या बात है आंख भर आई, गला रुग्ध गया । आपको सुनकर भी जो न जागे ओ इन्सान नहीं पत्थर है ।❤🙏
कविता सुन रौंगटे खड़े हो गए
बहुत बहुत आभार मैडम आप का बहुत अच्छे भाव और अदाईगी जय गोविंद
I have been listening to this for a week, without missing a day and honestly it makes me cry every time. Today's youth will be more interested in knowing about their own religion if there were more content creators like you. It is inspirational, you father is an amazing poet and writer
आप जो बोलती है वो चेहरे के भावो से भी इतना match करता h🙏
आवाज, शब्दो का चयन, भाव, :- रोंगटे खड़े हो गये ।
निशब्द हो गया: वास्तविक याग्यसैनी, पांचाली जैसे लगे आप ।
🙏🏽🔱🚩
मन भर गया और आंख से आसूं निकल आए 🙏आपकी आवाज से ही ऐसे लगा की ये सारा खेल मेरी आखों के सामने चले रहा हो जैसे 🙏 सलाम है आपकी बुलंद आवाज को 🙏
Sahi kaha yaar
अद्भुत प्रस्तुति आजकल के स्मार्टफोन के समय में ऐसी लेखनी अविश्वसनीय है मेरे लिए और हम धन्य हैं जो अभी भी ऐसी प्रस्तुति हमें देखने को मिलती है सुनने को मिलती है बहुत बहुत धन्यवाद आपका❤
You nailed it diii💫🧿
With your voice and face expression ❤
Bahut sundar lekhani, bahut sundar prastuti.।।।। Keep it up.।।
Jai shree Krishna ❤
एक इतिहास बनाने वाली कविता, और उसकी अभिव्यक्ति 🎉❤🎉
निःशब्द हूँ... समझने में पूर्णतः असमर्थ हूँ की आपके मुखभावों की प्रशंसा करूँ या शब्दों की....एक शब्द में कहूँ तो "अद्भुत"👍😊
अति सुन्दर कविता और उतनी ही सुंदर अभिव्यक्ति! आप और आपके पिता दोनों को बधाई 👏
A beautiful presentation ❤
सतीश सृजन जी को इतनी सुंदर कविता लिखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद साथ ही आपको कविता में जान डालने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
वाव दीदी क्या वाणी हैं आपकी 🙏🙏💘💘
अद्भुत,अद्वितीय वर्णन
वैष्णवी जी बहुत बहुत बधाई
जय श्री कृष्ण 🙏❤️
स्नेह-प्रेम-श्रद्धा स्वीकारें, देवी.
आपको सुन-देख सका.
ईश्वर का आभार.
Shorts मे देखकर youtube पर आये....
बहुत ही सुंदर वर्णन किया है आपने.....👍👍
कविता तो असामान्य रूपसे अतिउत्तम ही हैं पर जिस प्रकार आपने कविता पढी हैं मैं गदगद हो गया. मैं एक कथक नर्तक हूँ और आपका हर एक शब्द सूनकर मन में संचारी भाव जागृत हो गये. 🙏🙏
बहुत मुश्किल है द्रोपदी का चित्रण करना आपने बहुत बेहतरीन लिखा है मेने कई बार सुना हर लाईन अपनी ओर खिंचती है आपकी आवाज़ कि तरह❤
MIND-BLOWING ❤ WITH VOICE AND EXPRESSION NICE...... KEEP IT UP ...😊TC
Poem is Embodiment of divine.Just WOW.may u be always blessed.
No words to Praise the expressions and poetry...... juzzz outstanding
Bhut khoobsurat... Kya baat
ऑखे भर आई। 😊😊❤❤ निःशब्द हू❤❤❤
Hare Krishna hare Krishna man prassanna ho gaya ...
Yah prasann Aisa prashn maine kabhi apni life mein nahin suna dropati ki kahani to maine bahut suni hai Magar aap Jaisi kahani jo aap Suna rahe ho yah ati Sundar hai
Poetry + Face expression= Goosebumps
Nailed it Dii♥️😘
जय हो कृष्ण की और जय हो कृष्णा की ❤❤
Bahot khubsurat kavita hai aapki kabhi nahi suni thi aajtak 👌👌👌👌👑
सत् सत् नमन आदरणीया अग्रजा जी। अद्भुत, अद्वितीय,अनिर्वचनीय, अतुलनीय, अलौकिक 🙏🙏🙏
शानदार! आँखों के सामने चित्र तैरता है.👌👌(और भी प्रस्तुतियाँ अपेक्षित हैं.)
Aabhaar 🙏🏻😊 krupya baki kavitaye bhi channel pe uplabdh hain 😊🙏🏻
You are amazing mam❤❤❤❤
Ruh ko chhu gye शब्द ❤