KUPIT YAGYASAINI | MAHABHARAT | VAISHNAVI SHARMA | SATISH SRIJAN | QUPIT YAGYASAINI | KRISHNA
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- เผยแพร่เมื่อ 10 ก.พ. 2025
- KUPIT YAGYASAINI | MAHABHARAT | VAISHNAVI SHARMA | SATISH SRIJAN | QUPIT YAGYASAINI | KRISHNA
Poet : Satish Srijan
Recitation By : Vaishnavi Sharma
Special Thanks to @LNiteshKumar
Video & Music Production : 9Frequencies Studios
#Mahabharat #vaishnavisharma #krishna
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©️®️ Raag Vaishnavi
Goosebumps in every line😱❤
"Mere Krishn akele kaafi hai"
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
Yes just 🔥
Madhusudan humare bhai hai also goosebumps moment
😂कोलकाता में क्यों नही आए 😂😂
सुबह के 7 बजे सुन रहा, आज का दिन बन गया। आपके चेहरे के भाव के लिए निशब्द हूं। ऐसा लग रहा की आप ही द्रौपदी हैं और सबसे प्रश्न पूछ रही हैं। ❤
I agree
I agree toooo
😂😂😂
@@siddharthyashvardhanchaube6618 what's so funny? Chumtiya h kya?
अद्भुत
दीदी जी आपको देखकर लगता है की साक्षात् माँ द्रोपती ही बोल रही है आपके चरणो मे कोटि कोटि नमन दीदी| आप पर श्रीकृष्ण की कृपा हमेशा बनी रहे 🙏🙏
श्री कृष्ण भाव के भूखे है ,
भक्तो की श्रद्धा प्यारी है ।
ऋण चुकता करते ब्याज सहित माधव की लीला न्यारी है......।❤
जितनी सुंदर यह कविता है, उतनी ही सुंदर तरीक़े से इसे अपना स्वर दिया है।
Made my day
यकीन मानो कल से पहले मैं इन मोहतरमा को जानता ही नहीं था और कल ही इनका एक कविता देखा तब से उनके सारे गाने कविता सारे दिल में उतर गए हैं कितनी खूबसूरत यह कला है इनकी आवाज से लगता है कि इनका आध्यात्मिक बहुत मजबूत है प्रभु श्री कृष्णा को लेकर.....
वैष्णवी जी आपके माता पिता धन्य है कि आपको इतने अच्छे संस्कार और परवरिश दिया...
भगवान आपको बहुत खुश रखे
Mohtarma ni devi ji
@@Aarpita108 जी देवी जी हम ख्याल रखेंगे अब की मोहतरमा नहीं देवी जी कहकर संबोधित करेंगे पर कृपया आप यह बताने का कष्ट करेंगे की देवी जी और मोहतरमा क्या फर्क है मुझे इस चीज का ज्ञान नहीं है कृपया मुझे शिक्षित करें 😊
श्री कृष्ण भाव के भूखे है
भक्तो की श्रद्धा प्यारी है
ऋण चूकता करते ब्याज सहित
माधव की लीला न्यारी है 🧡
जय श्री कृष्ण 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai shree krishna
राधे राधे जी
🎉
Hey Devi, Sat Sat Pranam apko 🙏
यह कविता सुन मैं इतना रोमांचित हुए कि शब्दों में नही कह सकता।इस कविता की रचना कर अपनी आवाज में प्रस्तुत करनेवाली बहन को मेरा प्रणाम है।
"यदि आए भईया सभा मध्य।" इन पंक्तियों पर आपके चेहरे के भावों ने रोगटें खड़े कर दिए। इतनी सुन्दर प्रस्तुति सच में पहली बार सुन रही। आपके चेहरे की आभा आपके वाणी की पूरक जान पड़ रही। बेहद खूबसूरत। ❤️
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
Aap ki antim pankti
आपके चेहरे की आभा आपके वाणी के पूरक जान पड़ रही है
क्या खूब उकेर दिया आपने इन्हे 🙏
Same feeling bhai emotions pls goosebumps
अच्छा कटाक्ष कर लेती हैं आप।
😊😊😊😊😊
Felt like mata draupadi herself said this lines 🙇🏻♀️
Radhe Radhe
💝
Mata Draupadi ko paanch pati hone par koi apatti nahi thi. Hoti toh wah Mahabharat mein ullekh hota
Radhe radhe Krishnam Jagatguru
Sach m kisi ke dil ki gahraie ko samajhna bahut mushkil h jo apne iss line m kaha h.
आपकी आवाज बहुत आकर्षित हैं सुनने पर मजबूर कर देती है चाहे जितने व्यस्त हो सुन कर ह्रदय भर आया ऐसी वाणी जैसे मां सरस्वती सुना रही हो 🙏❤️❤️
I'm literally crying because this is how my mother felt helpless but kanha ji always saved her ❤
Same to same
You have to agree that everyone got goosebumps when she started talking bout' SHREE KRISHNA🛐❤
याग्यसैनी की उचित टिप्पणी..आपकी ओजस्वी वाणी सुनकर मन मोहित हो गया।सादर साधुवाद।।🎉
मेरे कृष्ण अकेले काफ़ी हैं।💖🙌🏻
Sahi me
बहुत सुंदर मेने मेरे जीवन इतनी अच्छी कविता नहीं सुनी जितनी भी तारीफ़ करू उतनी कम है और कोई कल्पना भी नहीं कर सकता आज मैं 5 बजे उठा तब मैंने फेसबुक खोला और आपकी कविता सुने का मुझे सौभाग्य मिला अद्भुत ❤❤❤❤❤🙏🙏🙏👌👌👌
But aap comment tho TH-cam pr kr rhe ho 😅
Link se *redirect* huee honge brother...
कृष्ण सदा सहयते। राधे राधे 🙏🦚
कितनी बेहतरीन रचना और उससे भी सुंदर अभिव्यक्ति, आज के आधुनिक समाज के कला के लिए इतना समर्पण, भगवान आपको आध्यात्मिक तरक्की के रास्ते पर बहुत आगे ले जाए😊
है भीष्म पितामाह कुछ बोलो
है भीष्म पितामाह कुछ बोलो
कुलवधु है तुम्हें पुकार रही
दुर्योधन जो व्यवहार किया
ये तुम सबको क्या लगा सही
मेरा केश पकड़कर लाया है
करता दुशासन दुर्व्यवहार
आर्यों की सब माताओं ने
क्या नहीं दिया कोई संस्कार
मैंने तो दांव नही खेला
चौसर की शाही क्रीड़ा मे
है दोष नहीं जब कहीं मेरा
तो क्यों मैं ऐसी पीड़ा मे
संपत्ति ना मैं किसी राजा की
जो हारे मुझको खेल जुआ
दादा तुम तो नीति प्रिय हो
तब तू क्यूं यू लाचार हुआ
जब गंगा सूत कुछ कह ना सका
कृष्णय ने राजा से पूछा
दुर्योधन इतना दृष्ट है तो
सम्राट दंड है क्यू सूजा
द्रौपदी ने बारी बारी से
प्रश्नों का ढेर लगा डाला
धृतराष्ट्र , विदुर और द्रोणा के
मानो मोह पर हो ताला
आखिर में बरसी पांडव पर
आखिर में बरसी पांडव पर
किस बूते पर हो मेरे पिया
कुछ कहो भतारो क्या सूजा
मुझको बाजी में लगा दिया
मछली की आँख भेदना था
वो करके ब्याह के लाए हो
अर्जुन गांडीव कहाँ गुम है
क्यूं ऐसे शीश झुकाए हो
जब मीन चक्षु संधान किया
तब हृदय मेरा हर्षाया था
मन ही मन मे एएहलादित थी मै
मन चहा वर जो पाया था
माँ कुंती ने मुझे बाँट दिया
बन गए पति पांचों भाई
दुर्दशा देख ऐसे मेरी
तुम सबको लाज नहीं आई
मैं समझी थी बड़भागन हू
रणवीरो की मे सबला हू
पर अब ऐसा लगता मुझको
डरपोको की मे अबला हू
है गदा कहाँ गांडीव कहाँ
है गदा कहाँ गांडीव कहाँ
क्या जंग लगी तलवारों को
सौ सौ धिक्कार तुम्हे मेरा
धिक्कार तेरे हथियारों को
अरे घुंघरू बांधो चूड़ी पहनो
गालियों में नाचो छम छम छम
नहीं बेचारी मुझको समझो
नैय्यहर से भाई बुलाए हम
हुआ पांचों का बल क्षीण तो क्या
हुआ पांचों का बल क्षीण तो क्या
मेरे कृष्ण अकेले काफ़ी है
उद्दंड नीच आताताई
को कभी ना देते माफी है
जो पता लगा मेरे विरन को
जो पता लगा मेरे विरन को
क्षण भर ना देर लगाएंगे
नंगे पैरों हिरणागति से
मेरे वीर कन्हैया आयेंगे
नहीं भगिनी मैं लचारो की
मधुसूदन मेरा भाई हैं
लगता दुशासन दुर्योधन
तेरी मौत शीश पर आई हैं
होती है भ्रुक्ति वक्र जहां
कोहराम वही मच जाता है
केशव हथियार उठाले तो फिर
काल भी ना बच पाता है
जो आए भैया सभा मध्य
यदि आए भैया सभा मध्य
तो कोई नहीं बच पाएगा
जब चक्र सुदर्शन घूमेगा
सब मूली सा कट जायेगा
ना बने निपुती माँ तेरी
ना बने निपुती माँ तेरी
कौरव सूत गण कुछ गौर करो
अतिशय अक्षम्य अपराध किया
ना सिर मृत्यु का मोर धरो
इतना सुन गरजा दुर्योधन
इतना सुन गरजा दुर्योधन
दुशासन देर लगाओ ना
निर्वस्त्र करो पांचाली को
जंघा पर मेरी बिठाओ ना
अग्रज की आज्ञा पाकर के
दुशासन पट को रहा खींच
द्रौपदी अधीर हुई मन मे
साड़ी हाथों से रही भींच
कुछ ना सुजा तब तैर भरी
कुछ ना सुजा तब तैर भरी
बोली सुनिए मेरे गिरधारी
अब कोई नहीं अतिरिक्त तेरे
प्रभु लाज रखो है लाचारी
कान्हा की शान निराली है
कान्हा की शान निराली है
वो दौड़े दौड़े आते है
जब कोई अर्ध पुकार करे
निर्बल का बल बन जाते है
था चक्र सुदर्शन चला दिया
जब गज ने टेर लगाई थी
एक सेन्यनाई के खातिर बस
अपनी ठाकुरई बिसराई थी
मुट्ठी भर तंदूर के बदले
दो लोक सुदामा पाया था
एक बार पुरिंद्र के कारण
ऊंगली पर अचल उठाया था
अब की द्रौपदी की बारी थी
अब की द्रौपदी की बारी थी
रो रो कर कृष्ण पुकारी थी
हो गए रास्ते बंद सभी
अब अंतिम राह मुरारी थी
हुए कृष्ण कृपालु कृष्णा पर
हुए कृष्ण कृपालु कृष्णा पर
माधव जो करुण पुकार सुनी
जहाँ देखो साड़ी ही साड़ी
धरती अम्बर तक चीर बुनी
अनव्रत खींचता रहा चीर पर
छोर दूसरा पा ना सका
हो गया चूर थक कर लेकिन
साड़ी की थहा ना लगा सका
था बहुत अचंभित दुशासन
था बहुत अचंभित दुशासन
ये नारी है या साड़ी है
द्रौपदी मे हार्ड मांस भी है
की सारी नारी साड़ी है
मूर्छित होकर गिरा दुशासन
मूर्छित होकर गिरा दुशासन
निर्वस्त्र द्रौपदी कर ना सका
दस सहस्र हस्त का बलशाली
शर्मिंदा था बस मर ना सका
कभी यज्ञसेनी ने नटवर को
साड़ी का टुकड़ा बांधा था
कभी यज्ञसेनी ने नटवर को
साड़ी का टुकड़ा बांधा था
बदले में आज मुरारी ने
साड़ी में साड़ी बांधा था
श्री कृष्ण भाव के भूखे है
श्री कृष्ण भाव के भूखे है
भक्तो की श्रद्धा प्यारी है
ऋण चूकता करते ब्याज सहित
माधव की लीला न्यारी है
👏👏
Nice 👍👍
Bahut pyara
Bhut sundar hai
👏👏👏🔥🔥
मै जब जब इसकविता को सुनती हूँ मेरी आँखों से निरंतर ऑसू बहते है😢 इतनी भावुकता के साथ वाचन किया है बहन ने❤😊
Seems like draupadi literally herself is questioning. Soo beautiful literally 😍🥹
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
शुरू से अंत तक शरीर का रोंगटा खड़ा रहा 😢❤....इससे ज्यादा कुछ शब्द नहीं मेरे पास 😢 हरे कृष्ण❤️🚩❤
Mere bhai me to sirf roya ..gjb gjb
आपके चेहरे का भाव और आवाज में कितनी सकारात्मक ऊर्जा है 😊सुबह सुबह देख रहे
बहोत ज्यादा मोटिवेट फील कर रहे हैं😊❤❤❤
हे देवी आप तो महान हो ।
क्या बोले निशब्द हू । मौन हू❤आप ही दुर्गा आप ही काली।
आँशु न रुक पा रहा है, ऐसा लग रहा हैं सदृश्य देख रहा हूं।
धन्य आपके पिता जो आपके जैसा पुत्री पाया। उनके कृति का शृंगार इससे बेहतरीन नही हो पाता।
Iss ladki ke bhav aur shaili iss kawita ko bahut hridayasparshi bna dete hain.. speechless ❤❤
अदभुत रचना और अति उत्कृष्ट प्रस्तुति... चेहरे के भाव तथा वाणी का ओज पंक्तियो के साथ पूर्ण न्याय करते हुए... अंत तक आते आते कान्हा की महिमा सुन कर आंखों से अश्रु धारा सहज रूप से प्रस्फुटित हो चली...
धन्य हैं आप दोनो जिन पर मां शारदा की ऐसी कृपा है... और सदा यूं ही बनी रहे।
जय श्री कृष्ण 🙏
वाह राग वैष्णवी बहन! जब मैंने आपकी कविता सुननी शुरू की, मैं रोक न सका अपनी अश्रुधारा को। ऐसा लगने लगा कि 5000 वर्ष पुरानी पांचाली की उस घटना का मैं साक्षी बन विवश बैठा था, कुछ कर न सका क्योंकि मैं राजा न था, फिर भी विदुर जी की तरह मैं चुप न बैठा था। कहां से हो वैष्णवी बहन, मैं आपका भाई और आप जैसी बहन को मिलने जरूर कभी आऊंगा, बस मिलने के लिए अपना दरवाजा खुला रखना। बहन पुनः दिल से बहुत प्यार।
Sir aap kahan se hain
@@PoojaSharma-oi1hb बाड़मेर राजस्थान से
अति सुन्दर भाव विभोर कविता वाचन
के साथ साक्षात पात्र के रूप में प्रदर्शित ।आप आह्लादित कर दिए।
2:20 मेरे कृष्ण अकेले काफी है उदंड, नीच,आताताई को कभी न देते माफी है Right ❤heart touching line 😢
Bilakul sahi
हर लड़कियों को तुम्हारी ही तरह वीर😠 बनना चाहिए, और सिर्फ कविता में ही नहीं वास्तव में शस्त्र उठा कर वीरता दिखानी चाहिए, लड़ना चाहिए 😊👍🏼
👍🏼Nice poem👏🏼👏🏼👍🏼
👍👍
Right
But desh kanoon se chalta hai or ek average aadmi Kai untrained females ko hand to hand combat me Hara Sakta hai. Aur wo hare ga bhi tab jab wo thak jayega na ki injury ke chalte . Only elite Mma female fighter can stand against an average man.
Kuch bhi 🤡 @@priyanshukhede9593
Sirf ladkiyoo ke veer banane se samaj badal sakta h , kya ladkko ko sahi मायने में purush ke gun sikaya nahi jayega , jis din vastvik purush ho ne ka gyan ho jaye us din wo kisi naari ka rap toh kya maa ki naam ki gaali bhi dena band kar denge
Sorry 😢 jinhe ye roo dene wala geet kavita lagi ho or beautiful laga ho mujhe sirf ek baltkari se pidit us naari ki gugaar lagi wo chunooti lagi jo puch rahi h, ki koi purush hai is puri duniya mai ya sab rapist भरे ho............................................kyu ladkiya kyu badle kyu.................. Dr. Momita bhi toh veer thi fir kyu hua , 3 saal ki bachii.... kaise 5-6 balatkario se ladegi........ batao........kaise......
इतने सुंदर भाव, शब्द सुनते ही महाभारत प्रकट हो रहा है। साक्षात द्रौपदी माता दिख रहा आपके शब्द में
Couldn’t stop shedding my tears. So well written and well delivered. It seemed like Draupadi herself was saying all these.
मैं बहुत पहले से महाभारत का सारा वीरों का गाथा और कविता बहुत बार सुना हु
लेकिन आज ये सुन दिल गदगद हो गया😊😊😊😊😊❤❤❤
Mera bhi yahi haal hai
समय बीत गया आज 1 साल हो चुका है 2025 आने को है लेकिन नित्य दिनचर्या का कविता यही है😊
Kavita anant ptari or us par buland awaz or ye expressionse waao ma'am 👏👏👏👏🙏👌👌👌👌👌
वेदना .. शायद यही द्रौपदी के हृदय में भी रही होगी। अद्भुत पाठ।
हे तेजस्विनी आपको नमन 🙏 साक्षात् कृष्णे के भाव , जय श्री राधेश्याम
कोई फायदा नहीं वो पहले से सेट है चमचागिरी से कुछ नहीं मिलने वाला 😂
I have heard this almost 10 times but still want to listen once more .......❤
नारीशक्ति🙏
पति से ज्यादा भाई से साथ ज्यादा सुरक्षित मानती है!
देवी द्रोपदी जी ने दृष्टिकोण से बतलाया दिया!!!!🙏🇮🇳🚩
सम्बन्धों की व्याख्याएँ तो समय तय करता है - एक भाई कृष्ण था द्रौपदी के लिए , तो एक भाई कंस भी था देवकी के लिए.
अध्भुत, अचंभित, कोटि कोटि नमन आपके पिता को और आपको I विस्मय विभूत कर दिया अपने I
कृष्णा सदा सहायते 🙏
अपनों से मीली क्रुरता और कहाँ खोजें
वो दौर भी केसे सहा होगा किसी ने जिनके अपने ही पापी बने होंगे
सहने वालों ने कल्पना भी नहीं कि होगी की हम मे से ही है दुष्प्रवृत्ति के जन..
अति सुन्दर प्रस्तुति आंखें खोलने वालीं
बहोत सुंदर कविता मेरे रोंगटे खड़े थे
नी:शब्द हूं आंख से आशु आ गए ऐसा लगा जैसे मैं खुद उस किरदार को जी रही हूं आप पर कान्हा जी की कृपा बनी रहे
जय श्री कृष्ण जय माधव🙏🙏
कुछ न सूझा तब टेर भरी,
सुनिए मेरे गिरधारी।।
ये पंक्ति सुनते ही नैनो से अश्रूधारा का उद्गम हो गया ।।
आपके भाव को कोटि कोटि नमन वैष्णवी👏
❤😢दुखद कि आज हर स्त्री द्रौपदी है, पर कृष्ण बहुत कम। पर इस कविता से उस अदृश्य पर उम्मीद हुई
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
एक एक शब्द ह्रदय चीर गया🥺🥺🥺
मानो स्वयं मां द्रौपदी प्रश्न कर रहीं हैं🙇🙇🙇🙇
आपकी इस रचना में मानो स्वयं मां द्रौपदी प्रश्न कर रही हो 🙏🙏🙏🙏
Bilkul,
मानों पूरा दृश्य सामने चल रहा और आँख भर गयी, मन गुस्से और शर्म से भर गया 😢😢
बहुत सुंदर व्याख्यान किया आपने 👍
मन भर गया और आंख से आसूं निकल आए 🙏आपकी आवाज से ही ऐसे लगा की ये सारा खेल मेरी आखों के सामने चले रहा हो जैसे 🙏 सलाम है आपकी बुलंद आवाज को 🙏
Sahi kaha yaar
अद्भुत प्रस्तुति आजकल की स्मार्टफोन के समय में ऐसी लेखनी अविश्वसनीय है मेरे लिए और हम धन्य हैं जो अभी भी ऐसी प्रसूति हमें देखने को मिलती है और सुनने को आजकल वक्त बहुत बदल गया है हम पश्चिमी संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं और अपनी संस्कृति को भुलते जा रहे हैं धन्यवाद❤❤❤❤❤❤
कवि और गायक दोनोें के प्रयास को प्रणाम है ।। 🙏🙏
वाणी है या युद्ध की ललकार जो खून ना खौला उसे है धिक्कार ।
I have been listening to this for a week, without missing a day and honestly it makes me cry every time. Today's youth will be more interested in knowing about their own religion if there were more content creators like you. It is inspirational, you father is an amazing poet and writer
चेहरे का भाव वर्णन को और भी ह्रदय स्पर्शी बनाता है बहुत अच्छा व्याख्यान है
आवाज, शब्दो का चयन, भाव, :- रोंगटे खड़े हो गये ।
निशब्द हो गया: वास्तविक याग्यसैनी, पांचाली जैसे लगे आप ।
🙏🏽🔱🚩
आपकी ये कविता सुन ऐसा लगता है मानो हम वही उपस्थित है एकदम हृदय तक छूता है आपकी कविता बहुत बार सुनता हु दिल नही भरता और नमस्कार है आप जैसी नारी को जो आज के कलयुग में भी अपने कविता से द्वापर युग तक एक क्षण के लिए सैर करा जाएं राधे कृष्णा ❤❤
अद्भुत, रोमांचकारी, भवबिभोर कर देने वाली कविता एवम्ं काव्य प्रस्तुति अत्यंत प्रशंसनीय है।
All the women of India should listen to this and make their sovereignty understood
. आपकी आवाज ने अंदर तक भेद दिया 😢😢😢
I am definitely not the first one and not the last one who's is going to say this , your voice and the expression you have while expressing . It literally gave goosebumps
JAI SHREE KRISHNA .
अतिउत्तम हृदय मन एक दम प्रफुल्लित हो गया आप जैसी वीरांगनाओं आवश्यकता हैं इस देश को आपको मेरा सहृदय सम्मान सहित प्रणाम 🙏🙏
क्या बात है आंख भर आई, गला रुग्ध गया । आपको सुनकर भी जो न जागे ओ इन्सान नहीं पत्थर है ।❤🙏
अति सुन्दर प्रस्तुति और हृदय को छू लेने वाली लेखनी। आपका प्रस्तुतीकरण अदभुत रहता है।
Madhusudan mera bhai hai...mere kanha ...❤
Lady, U are so powerful and ur words are too🔥✨
.... dhany hai aapki mata ji jo aap jaise beti ko janm diya🙏🙏🙏😊😊
जितना सुन्दर लिखा हुआ है, उतना ही सुन्दर आपने वाचन किया। हिवड़े में रच बस गयी है ये रचना ❤
अद्धभुत कोई शब्द नहीं.... अति सुन्दर मन मोह लिया...
Waw ise sun ke rongate khade ho jate hai...kun kun Bhagwat Geeta padh rha hai 👇👇👇👇👇..........ye sari poetry bhut axe se bolti h 😊😊😊😊😊❤
एक एक शब्द वान के जैसे हृदय को भेदती चली गई,, बहुत ही उत्तेजित कर देने वाली कविता है,,,,, माधव की लीला न्यारी है ❤🙌🏻🙏🏻
Poem is Embodiment of divine.Just WOW.may u be always blessed.
Vaishnavi Sharma ji kamal h,You are really blessed with whatever you have.Thank You very much to your team for bringing this marvellous peace.
अद्भुत प्रस्तुति आजकल के स्मार्टफोन के समय में ऐसी लेखनी अविश्वसनीय है मेरे लिए और हम धन्य हैं जो अभी भी ऐसी प्रस्तुति हमें देखने को मिलती है सुनने को मिलती है बहुत बहुत धन्यवाद आपका❤
Bahut hi sundar panktiyan Hain...
Jai shree Krishna🙇🙇🙇
Satish Srijanji deserves all respect. He wrote so beautifully. And tge daughter read it so well. Capturing all emotions that he must have felt while writing.
Really heart touching 😶
I got tears in my eyes😥
Radhe radhe🙏
"Ma'am" Words are missing to describe such a Beautiful speech (VAANI),✨ TRULY RESPECTFUL FROM THE HEART ❣️✨💫 🙏🏻
एक इतिहास बनाने वाली कविता, और उसकी अभिव्यक्ति 🎉❤🎉
निःशब्द हूँ... समझने में पूर्णतः असमर्थ हूँ की आपके मुखभावों की प्रशंसा करूँ या शब्दों की....एक शब्द में कहूँ तो "अद्भुत"👍😊
I couldn't stop crying listening to it. Thanks for sharing your powerful art with us❤
Hi darling
सुन कविता आपकी आंखों में नीर भर आया है,
सुन पीर द्रोपदी की माधव ने उसका बढ़ाया है। अदभुत वचन 👍👌,
🙏🏻हरे कृष्ण 🙏🏻
Haye raam रोंगटे खड़े हो गए 😢😢😢❤ मेरे माधव ❤❤❤
सतीश सृजन जी को इतनी सुंदर कविता लिखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद साथ ही आपको कविता में जान डालने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
निःशब्द कर दिया आपकी प्रस्तुति ने
🙏🙏🙏
और मान्यवर कवि महोदय आपको बारंबार नमस्कार करते हैं,,गज़ब का सृजन किया आपने द्रौपदी चीर हरण के इस दृश्य का
🙏🙏🙏
कविता सुन रौंगटे खड़े हो गए
जय श्री राधे राधे🙏😭😭😭😭
सत् सत् नमन आदरणीया अग्रजा जी। अद्भुत, अद्वितीय,अनिर्वचनीय, अतुलनीय, अलौकिक 🙏🙏🙏
मैं क्या कहूं बस निशब्द हूं । बस इतना कहूंगा कि सतीश सृजन जी इस रचना के लिए उन्हें कोटि कोटि नमन 🙏🏻 और आप ने जैसे इस रचना का पाठ किया है यकीन मानिए मेरी आंखों में आंसू बस टपके नहीं लेकिन आंखें भर जरूर आई थी । सच में ऐसा लग रहा था कि द्रौपदी स्वयं अपनी पीड़ा सुना रही हैं । आपको शत शत नमन 🙏🏻
अद्भुत अप्रतिम महाभारत का दृश आंखों के सामने आ गया
I have no words to describe this masterpiece!💕
Your words and your expressions made me feel as if Draupadi herself is saying these ! The best explanation of 'cheer - haran' ! I just couldn't resist my tears !🙌🏻❤️😭
कविता तो असामान्य रूपसे अतिउत्तम ही हैं पर जिस प्रकार आपने कविता पढी हैं मैं गदगद हो गया. मैं एक कथक नर्तक हूँ और आपका हर एक शब्द सूनकर मन में संचारी भाव जागृत हो गये. 🙏🙏
श्लोगन जितना बोला दिल को चुभ गया
धन्य देवी
स्नेह-प्रेम-श्रद्धा स्वीकारें, देवी.
आपको सुन-देख सका.
ईश्वर का आभार.
Need more content like this in today's times.. Well done Vaishnavi ❤️
श्री कृष्ण भूखे हैं भाव के❤️❤️
बहुत बहुत आभार मैडम आप का बहुत अच्छे भाव और अदाईगी जय गोविंद
EXPRESSION ABOVE EXPECTATION
no grievances, no complaints EXCELLENT
अति सुन्दर! बहन, आपने अद्भुत कविता प्रस्तुत की है! माता द्रौपदी जी की भावनाओं को भी बहुत कुशलता से दर्शाया है! 🙏🙏💐।
No words to Praise the expressions and poetry...... juzzz outstanding
बहुत मुश्किल है द्रोपदी का चित्रण करना आपने बहुत बेहतरीन लिखा है मेने कई बार सुना हर लाईन अपनी ओर खिंचती है आपकी आवाज़ कि तरह❤
You bring me to tears every time , each and every time. You are Draupadi personified. May Lord Krishna bless you always.
आप जो बोलती है वो चेहरे के भावो से भी इतना match करता h🙏
इतकी सुंदर रचना कदाचित कोणालाच जमलेली नसावी ❤ अप्रतीम आहे ❤