विश्व प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं के अनुसार 21वी सदी के शुरुआत में हिंदुस्तान में एक संत के नेतृत्व में महान परिवर्तन होगा वह सन्त हिन्दुस्थान की धरती पर स्वर्ण युग लायेगा। वह महान संत रामपाल जी महाराज हैं
अनन्त कोटि ब्रहाण्ड का एक रति नही भार। सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सृजन हार।। हम सुल्तानी नानक तारे,दादू को उपदेश दिया। जात जुलाहा भेद नही पाया,काशी मे कबीर हुआ। sadhna channel 7:40pm
जबही नाम हिरदे घरा, भया पाप का नाश । मानो चिंगरी आग की, परी पुरानी घास ॥ अर्थ : शुद्ध हृदय के साथ भगवान् को याद करने से सारे पाप ऐसे नष्ट हो जाते हैं, जैसे कि सूखी घास पर आग की चिंगारी पड़ी हो।
#अंधश्रद्धाभक्ति_खतरा_ए_जान होती है इसको छोड़ो और उस परमेश्वर का ज्ञान जानने के लिए गीता अध्याय 4 श्लोक 32, 34 में कहा है की उस तत्वज्ञान को जो स्वयं परमेश्वर ने अपने मुख कमल से बोलकर अपनी वाणी द्वारा बताया है वह ज्ञान तत्वदर्शी सन्तो के पास जाकर समझो , रहस्य 👇 bit.ly/Andh_Shradha
#धरती_पर_अवतार The Great Chyren will be chief of the world, Loved,feared and unchallenged Even at the death, His name and praise will reach beyond the skies. And he will be content to be known only as Victor. About whom this prediction is???साधना Tv 07:40 PM
पूर्ण परमात्मा चाहे जो कर सकते हैं वही काम आज संत रामपाल जी महाराज जी कर रहे हैं दहेज बंद करवा रहे हैं आज सरकार कई सालों से बंद कर पाए संत रामपाल जी महाराज जी ने कराया जय हो बंदी छोड की
कर जोरू विनती करू, धरु चरण पर शीश।
गुरुजी रामपाल जी महाराज ने दियो नाम बकसीस।।
अनंत कोटि ब्रह्मण्ड का,एक रति नहीं भार।
सतगुरु पुरुष कबीर हैं,कुल के सृजनहार।।
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान हैं वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है सत साहेब
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है गीता में प्रमाण है बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज भगवान है सत साहेब
dass ankit
पूर्ण गुरु इस विश्व मे केवल सन्त रामपाल जी महाराज है
अनंत कोटि ब्रह्मांड का एक रत्ती नहीं भार सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सिरजनहार
कबीर,दण्डवतं गोविन्द गुरु बन्दु अविजन सोय।
पहले भये प्रणाम तिन नमो जो आगे होय।।
कबीर, काल जो पीसै पीसणा, जोरा है पनिहार ।
ये दो असल मजदूर हैं, मेरे सतगुरु के दरबार ॥
कबीर मात-पिता मिल जाएंगे लक चौरासी माही सतगुरु सेवा बंदगी फिर मिलन की नाही
सतगुरु देव की जय
पवित्र कुरान शरीफ सूरत फुरकान 25 आयत नंबर 52 से 59 में प्रमाण है काशी वाले संत कबीर जी की अल्लाह कबीर हैं
विश्व प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं के अनुसार 21वी सदी के शुरुआत में हिंदुस्तान में एक संत के नेतृत्व में महान परिवर्तन होगा वह सन्त हिन्दुस्थान की धरती पर स्वर्ण युग लायेगा।
वह महान संत रामपाल जी महाराज हैं
कबीर नौ मन सूत उलझिया यह ऋषि लहे झख मार।
साच्चा सतगुरु सुलझा दै उलझे ना दुजीबार।
कबीर,जिव्हा तो वो ही भली, जो रटे हरी नाम।
नहीं तो काट के फेंक दियो, मुख में भलो ना चाम।
Sat sahebji
Bandi chord satguru rampalji maharaj ji ki jai hob
सतगुरु देव जी के अमृतमय वाणी मे ही चमत्कार/शक्ति है वाणी के सम्पर्क मे आते है उसके कुछ पाप कर्मो नाश होना शुरू हो जाता है
गुरुजी तुम ना भूलियो, चाहे लाख लोग मिल जाये।
हमसे तुमको बहुत है, तुमसे हमको नाही।।
अनन्त कोटि ब्रहाण्ड का एक रति नही भार।
सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सृजन हार।।
हम सुल्तानी नानक तारे,दादू को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद नही पाया,काशी मे कबीर हुआ। sadhna channel 7:40pm
तीन देव की भक्ति मे ए भूल पडो संसार ।
कहे कबीर निज नाम बिना, कैसे उतरौ पार ।।
भक्ति भाव भादों नदी सभी चले गहराय सरिता सोई जानयो जो जेष्ठ मास ठहराय
कबीर,झूठे सुख को सुख कहे, मान रहा मन मोद।
सकल चबैना काल का,कुछ मुख में कुछ गोंद।।
गीता के अनुसार तत्वदर्शी संत वही होता है जो उल्टे लटके हुए संसाररूपी पेड़ की जड से लेकर पत्तो का भेद जानता हो वो संत रामपाल जी महाराज है
कबीर-राम कृष्ण अवतार हैं, इनका नांही संसार।
जिन साहेब संसार किया, सो किन्हूं न जन्म्या नार।।
कबीर, दर्शन संत का, मुख पर बसे सुहाग !
दर्श उन्हीं को होत हैं, जिनके पूर्ण भाग !!
सत गुरू आये दया करी ऐसे दीन दयाल ।
बंधीछोड बिरतास का जठराग्नि प्रतिपाल।।
और ज्ञान सब ज्ञानडी कबीर ज्ञान सो ज्ञान
जैसे गोला तोप का करता चले मैदान
संत रामपाल जी महाराज एक सच्चे संत और सच्चे समाज सुधारक है जो शास्त्र अनुकुल साधना देकर जीव की मुक्ति के लिए आये हुए है।
सिर सोपा गुरुदेव को,सफल हुआ यह शीश।
नित्यानंद इस शीश पर,आप बसै जगदीश।।
100% सत्य,प्रमाणित, शास्त्रानुकूल साधना है। संत रामपालजी महाराज का ज्ञान अनमोल ज्ञान व भक्ति साधना
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साधना tv पर 7:40 से
Rajendra Das
अमर करू सतलोक पठाऊ ताते बन्दीछोड कहाऊ ।
जिव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण क्यू फिरता दाने-दाने नू सर्व कला सतगुरु साहेब की हरी आए हरियाणे नू
कबीर सतगुरु के लक्षण कहु मधुरे बैन बिनोद
चार बैद छह शास्त्र वो कहे अठारह बोध
जे सदगुरू की संगत करते सकल कर्म कटी जाई अमर पूरी पर आशन होते जहा दूप ना छाई
चार मक्ति जहाँ चंम्पी करती, माया हो रही दासी। दास गरीब अभय पद परसे, वो मिले राम अविनाशी।
kabir saheb is suprim god
भक्ति बिना क्या होत है, ये भरम रहा संसार।
रति कंचन पाया नहीं, रावण चलती बार।।
करनी तज कथनी कथे अग्यानी दिन रात कुकर जो भोकत फिरे सुनी सुनाई बात
अगम निगम को खोज ले, बुद्धि विवेक विचार। उदय _अस्त का राज मिले, तो भी नाम बेगार।।
माया का रस पीय कर ,फुट गये दो नैन ।
ऐसा सतगुरु हम मिल्या ,बक्श दिया सुख चैन॥
सांचा शब्द कबीर का सुनकर लागे आग अज्ञानी सो जल मरे ज्ञानी जाए जाग
Bhagchand Das
सत् साहेब जी
कूता हू गूरूदेव का मोतिया मेरा नाम
तू तू करे तो बावड़ू दूर दूर करे तो जाऊ
साधू दर्शन राम का मुख पर बसह सुहाग
धर्स उसी को होत है जिनके पूर्ण भाग
सतगुरु आये दया करि, ऐसे दीन दयाल।
बंदी छोड़ बिरद तास का, जठराग्नि प्रतिपाल।।
सतगुरु के सिजदा करु, जिन कर्म छुटाए कोट
जो ऐसे सतगुरु की निंदा करे, उसके जम तोड़ेंगे होंठ।
राम रटत कोडी भलो, चूं चूं पड़े जो शाम
सुन्दर शरीर किस काम का, जिस मूख नाही नाम
sat sahib ji
सूरत निरत मन पवन पयाना, शब्दे शब्द समाइ।गरीब दास गलतान महल में ,मिले कबीर गोसाईं।।
सत साहेब जी
तीनों देवा विस्तार चलाए इनमें ये जग धोखा खाये।
तीन देव की जो करते भक्ति उनकी कदे ना होवें मुक्ति।
सतगुरु देव जी की जय हो।
सत् साहेब जी।
नौ मन सूत उलझिया, ये ऋषि रहे जख मार।।
सतगुरु ऐसा सुलझा दे, उलझे न दूजी बार।।
मूँड़ मुड़ाये हरि मिले, सब कोई लेय मुड़ाय ।
बार-बार के मुड़ते, भेड़ न बैकुण्ठ जाय ॥
जबही नाम हिरदे घरा, भया पाप का नाश ।
मानो चिंगरी आग की, परी पुरानी घास ॥
अर्थ : शुद्ध हृदय के साथ भगवान् को याद करने से सारे पाप ऐसे नष्ट हो जाते हैं, जैसे कि सूखी घास पर आग की चिंगारी पड़ी हो।
Sat saheb ji
चारों युगो में मेरे संत पुकारे कुक गया हम हेल रे हीरे माणिक मोती बरसे ये जग चुगता डेल रे
कोई कहे हमारा राम बड़ा है कोई कहे खुदाई रे कोई कहे ईसा मसीह बड़ा ये बाटा रहे लगाई रे
पूर्ण परमात्मा कबीर हा
नहीं भरोसा इस देह का, बिनस जावे छिन्न माही !
स्वांस उस्वांस में नाम जपो, ओर जतन कुछ नाहीं !!
कबिर, सत्संग की आदी घडी तप के वर्ष हजार फिर भी बराबर है नहीं कहे कबिर विचार।
संत मिलन को चालिए तज माया अभिमान । ज्यों ज्यों पग धरती पर रखे होवे सौ सौ यज्ञ समान ।। सत साहेब
सद्गुरु रामपाल जी महाराज के चरणो में दास का दंडवत प्रणाम
Kabir is suprim god
सोई गुरु पूरा कहावे, दो आखर का भेद बतावै।
एक छुड़ावै एक लखावै, तो प्राणी निज घर को जावे।।
Satguru Dev Ji Ki Jai ho
वेद पढ़े पर भेद ना जाने, बाचे पुराण अठारह।।
पत्थर की पूजा करें, भूले सिरजनहारा ।
कोटी जन्म तू राजा कीन्हा, मिटि न मन की आशा। भिक्षुक होकर दर _दर हांड्या मिला न निर्गुण रासा।।
आग लगी है आकाश में, झर-झर गिरे अंगार।
संत न होते जगत में, तो जल मरता संसार।।
🙏🏻😊
कबीर, उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम फिरता दने दने नू सर्व कला सतगुरु साहेब की हरी आए हरियाणा नू ।।
कबीर जिव्या तो वाही भली जो रटे हरि नाम नहीं तो काट कर फेंक दिया मुख में भलो ना चाम
#अंधश्रद्धाभक्ति_खतरा_ए_जान होती है इसको छोड़ो और उस परमेश्वर का ज्ञान जानने के लिए गीता अध्याय 4 श्लोक 32, 34 में कहा है की उस तत्वज्ञान को जो स्वयं परमेश्वर ने अपने मुख कमल से बोलकर अपनी वाणी द्वारा बताया है वह ज्ञान तत्वदर्शी सन्तो के पास जाकर समझो ,
रहस्य 👇
bit.ly/Andh_Shradha
कबीर जाति न पूछो साधु की पूँछ
hemlata jaluthariya वेदों में प्रमाण है कबीर साहब भगवान है
कबीर संत मिलन को चालिए तज माया अभिमान जो जो पग आगे रखें सो सो यक्ष समान
#धरती_पर_अवतार
The Great Chyren will be chief of the world,
Loved,feared and unchallenged Even at the death,
His name and praise will reach beyond the skies.
And he will be content to be known only as Victor.
About whom this prediction is???साधना Tv 07:40 PM
मन के हारे हार है मन के जीते जीत ।
कहे कबीर हरि पाइए मन ही की परतीत ॥
!! कबीर शरण पड़े को गुरू संभाले, जान बालक भोला रे,
कहें कबीर चरण चित राखो, ज्यों सूई में डोरा रे !!
!! सत् साहेब !!
मैं रोऊँ इस सृष्टि को, ये सृष्टि रॉय मोहे।
कह कबीर इस वियोग को, समझ नही सकता कोय।।
جیون تو تہوڑا ھی بلا جے ست سمرن ھو
لاکھ ورش کا جیونا لی🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कबीर, गुरू बड़े गोविंद से, मन में देख विचार।
हरि सुमरे सो वारि है, गुरू सुमरे होये पार।।
गरीब ,जूनी संतट मेटे है ओंधे मुख नही आय
ऐसा सतगुरु हम मिल्या जम से लेय छुङाय
पूर्ण परमात्मा चाहे जो कर सकते हैं वही काम आज संत रामपाल जी महाराज जी कर रहे हैं दहेज बंद करवा रहे हैं आज सरकार कई सालों से बंद कर पाए संत रामपाल जी महाराज जी ने कराया जय हो बंदी छोड की
सत साहेब जी
परम् परमेश्वर कबीर साहेब जी भगवान जय
bandi chod sat guru rampal ji mahraj ki jai
बोलो सतगुरुदेवजी की जय
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया
जात जुलाह भेद ना पाया वो काशी में कबीर हुआ
गरीब, ऐसा निर्मल ज्ञान है, निर्मल करे शरीर और ज्ञान मंडलीक हैं, चकवे ज्ञान कबीर
Bandi chhod satguru rampal Maharaj ji ki jay Ho sabhi bhakta atmaon ki jay Ho 🙏🙏🙏🙏🪔🪔🪔🪔🪔🪔🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🪔🌹🪔🪔🪔🌹🌹🪔🌹🪔🪔🪔🪔🙏🌹🪔🪔🪔🪔🪔
सतयुग में सत सुकृत का टेरा त्रेता नाम मनिंदर मेरा द्वापर में करुणामय कहाया कलयुग नाम कबीर धराया
अनंत कोटि ब्रह्मांड का, एक रत्ती नहीं भार!
सतगुरु पुरुष कबीर है, कुल के सिरजनहार!!
देखिए साधना टीवी प्रतिदिन रात्रि 7:30 से मंगल प्रवचन
कबीर, सात द्वीप नौ खण्ड में गुरू से बड़ा न कोय।
करता करै ना कर सकै, गुरू करै सो होय।।
परम् परमात्मा सन्त रामपाल जी भगवान की जय
सतगुरु बिना साहिब नहीं मिलसी भव जल गोता खाई।
रे मनवा राम सुमर मेरा भाई ।।
गुरु बिन माला फेरते गुरु बिन देते दान गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण
एक लाख को काल, नित खावै सीना ताण। ब्रह्मा बनावै विष्णु पालै, शिव कर दे कल्याण।।
सत युग में सत सुक्रत कह टेरा त्रेता नाम मुनिद्र मेरा द्वापर में करुणा मय कहाया कलियुग नाम कबीर धराया
कबीर,जिन हरी की चोरी करी, गए राम गुण भूल।ते विधना बगल किये, रहे उल्ट मुख झूल।।
गुरु बङे गोविंद से मन देख विचार हरि सुमरे सो रह गये गुरु भजै सो पार
🙏 जय हो बन्दी छोड़ तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो 🙏
सतसाहैब जी जय बंदी छोड सतगुरु संत रामपाल जीमाहराजकिजयहो बंदी छोड सतगुरु रामपाल जीमाहराजकिजयहो
मालिक के चरणों मे कोटि कोटि दडवत प्रणाम
पूर्णब्रह्म जगतगुरु तत्वदर्शी संत बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणो में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम सभी भक्तों को सत साहेब
कबीर राम नाम की लुट है लुट सके तो लुट पिछे फिर पछताएगा प्राण जाएगे छुट सत साहेब
Bandi Chhod Satguru Rampal Maharaj ki Jay👏👏👏
, संत रामपालजी महाराज का सच्चा ञान सुनकर आँखों से आँसू निकल आते हैं सारे विश्व को स्वीकार्य होगा यह ञान
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम फिरता दाने दाने नूँ। सर्व कला सतगुरु साहेब की हरि आये हरियाणे नूँ।।
बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो।
बंदी छोड़ परमेश्वर सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय
जय बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो सत साहेब जी
मात पिता मिल जाऐंगे, लख चौरासी माय ।
सत गुरू सेवा ओर बंदगी फेर मिलन की नाही ।।