हे मेरे मालिक दयालू परमात्मा आपकी जय हो ।हम।पापी आत्माओं के लिए कितना कष्ट सहन कर रहे हो ।मेरे मालिकआपके श्री चरण कमलों में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम ।
सतगुरु की महिमा अनँत, अनँत किया उपगार । लोचन अनँत उघारिया, अनँत दिखावनहार ।। अर्थ : सद्गुरु की महिमा अनन्त है और उनके उपकार भी अनन्त हैं। उन्होंने मेरी अनन्त दृष्टि खोल दी जिससे मुझे उस अनन्त प्रभु का दर्शन प्राप्त हो गए।
गरीब,ऐसा सतगुरु हम मिल्या, मगन किए मुस्ताक। प्याला प्याया प्रेम का, गगन मण्डल गर गाप।। आदरणीय गरीबदास साहेब जी की अमृतवाणी में गुरुदेव के अंग से 🌻🌻🌻🙏🌻🌻🌻
संत रामपाल जी महाराज सत्य तत्वदर्शी संत है क्योंकि इनकी बताई गई भक्ति विधि शास्त्रों द्वारा प्रमाणित हैं सच्चे सतगुरु के यही लक्षण होते हैं सत साहिब जी
. God Kabir says that - कबीर, तीन लोक पिंजरा भया, पाप पुण्य दो जाल। सभी जीव भोजन भये, एक खाने वाला काल।। गरीब, एक पापी एक पुन्यी आया, एक है सूम दलेल रे। बिना भजन कोई काम नहीं आवै, सब है जम की जेल रे।।.
कबीर गुर सो ज्ञान लीजिये शीश दीजिये दान बहुतक भोंदू बहे राखि जीव अभिमान । मैं रोऊँ इस सृष्टि को, ये सृष्टि रॉय मोहे। कह कबीर इस वियोग को, समझ नही सकता कोय।। جیون تو تہوڑا ھی بلا جے ست سمرن ھو لاکھ ورش کا جیونا لی
अगर भगवान से होने वाले सच्चे लाभ को प्राप्त करना है तो पूर्ण संत तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आकर उनका ज्ञान समझें और अपना कल्याण करवाएं। सत्संग सुने साधना TV पर 07:40 PM से
पूर्ण परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म सतगुरू श्री कबीर साहेब जी के चरणों में बारम्बार प्रणामं। 🙏🙏🙏🙏🙏 सौ बरस सतगुरू की पूजा, एक दिन आन उपासी। वो अपराधी आत्मा, फिर पड़े काळ की फांसी। ============
मात-पिता मिल जाएंगे, लख चौरासी माय। सतगुरु सेवा और बन्दगी, फिर मिलेगी नाय।। مات پتا مل جائینگے.لکھ چوراسی مانھیں ست گرو سیوا اور بندگی پھر ملن کی ناھیں
गरीब अजब नगर में लें गया हमको सतगुरु आन झिलके बिम्ब अगाद गति सुते चादर तान अनंत कौटि बरमणड का एक रति नही भार सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सिरजन हार 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏😍 🌹 😍 😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍🥰🥰🥰🥰🙏🌹🌹🌹🌹🌹
ना कुछ साथ आया ना कुछ् साथ जायेगा, सुमरन कर प्यारे बस यही काम आयेगा..!! माटी का शरीर तेरा एक दिन माटी में ही मिल जायेगा, ले शरण सतगुरू देव की तेरा जीवन सफ़ल हो जायेगा..
रामपाल जी महाराज का सत्संग आयोजन पूरे विश्व में हो रहा है जगह-जगह पुण्यात्मा सत्य ज्ञान को समझकर सतगुरु रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण कर रहे हैं
Mujhe Param sadguru sant Rampal Maharaj ki Gyan Ganga pustak chahie,
पूर्ण संत सदगुरुदेव रामपाल जी महाराज की जय हो
जगत गुरू तत्वदर्सी संत रामपाल जी महाराज की जय हो
Jai ho❤
कबीर,तीन गुणन की भक्ति में,भूलि परयौ संसार।कहै कबीर निज नाम बिन,कैसे उतरै पार।।
कबीर
साधक के लक्षण कहूँ,रहै ज्यो पति व्रता नारी।
कह कबीर परमात्मा को, लगे आत्मा प्यारी।
कबीर, सन्त मिलन को चालिये, तज माया अभिमान।
ज्यों ज्यों कदम आगे रखे, वो है यज्ञ समान।।
भक्ति मुक्ति के दाता सतगुरु,भटकत प्राण फिरंदा।
उस साहिब की रजा बिना, न तरुवर पात हिलंदा।।
हे मेरे मालिक दयालू परमात्मा आपकी जय हो ।हम।पापी आत्माओं के लिए कितना कष्ट सहन कर रहे हो ।मेरे मालिकआपके श्री चरण कमलों में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम ।
Bandi chhod satguru Shri Rampal Bhagwan ki Jay, sat Saheb,,,,,,,
Sat saheb ji
सतगुरु की महिमा अनँत, अनँत किया उपगार ।
लोचन अनँत उघारिया, अनँत दिखावनहार ।।
अर्थ : सद्गुरु की महिमा अनन्त है और उनके उपकार भी अनन्त हैं। उन्होंने मेरी अनन्त दृष्टि खोल दी जिससे मुझे उस अनन्त प्रभु का दर्शन प्राप्त हो गए।
*कबीर जी , बंजारे के बैल ज्यों, भरमि फिरयो बहु देश। खाण्ड लाद भुस खात है, बिन सतगुरु।।*
Sat saheb ji
गरीब,ऐसा सतगुरु हम मिल्या, मगन किए मुस्ताक। प्याला प्याया प्रेम का, गगन मण्डल गर गाप।।
आदरणीय गरीबदास साहेब जी की अमृतवाणी में गुरुदेव के अंग से 🌻🌻🌻🙏🌻🌻🌻
सतगुरु देव जी के श्री चरणो में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
संत मिलन को चालिए तज माया अभिमान जो जो पग आगे रखो कोटि यज्ञ समान
God is rampal ji maharaj
गरीब सर्व सोने की लंका थी रावण से रणधीर एक पलक में राज गया जम कै पडै जंजीरम्
हंस गमन करते नहीं मानसरोवर छाड़।
कोवे उड़ उड़ जात हैं करते मांसाहार।।
कबीर गुरु की भक्ति बिन, राजा रासभ होय
।
माटी लादे कुम्हार की, घास न डाले कोय ॥
माया मरी ना मन मरा, मर मर गया शरीर l
आसा तृष्ना ना मरी, कह रहे साहेब कबीर l।
संत रामपाल जी केवल एक तत्वदर्शी संत ही नहीं बल्कि एक समाज सुधारक , समाज सेवी भी है उनके जुड़ने के बाद कोई नशे को हाथ तक नहीं लगाता
एक लेवा एक देवा दूतम, कोई किसी का पिता न पुत्रं।
ऋण संबध जुडया एक ठाठा, अन्त समय सब बारह बाटा।।
संत रामपाल जी महाराज सत्य तत्वदर्शी संत है क्योंकि इनकी बताई गई भक्ति विधि शास्त्रों द्वारा प्रमाणित हैं सच्चे सतगुरु के यही लक्षण होते हैं सत साहिब जी
कबीर अक्षर पुरुष एक पेड़ है निरंजन वाकी डार तीनों देवा शाखा है पात रूप संसार
पूर्णब्रह्म जगत गुरु तत्वदर्शी संत बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणों में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम सभी भक्तों को सत साहेब
हम सुल्तानी नानक तारे, दादू कूं उपदेश दिया। जात जुलाहा भेद नहीं पाया, काशी माहे कबीर हुआ।।
कबीर,तारा मंडल बैठकर, ये चाँद बड़ाई खाए।
उदय हूआ जब सूर्य का,स्यों तारों छूप जाए।।
कबीर, गुरू समान दाता नही, याचक शिष्य समान।
तीन लोक की सम्पदा गुरू पल मे दीन्हि दान
दास गरीब अब बेर हमारी, तुम सुनियो अलख अलाह ।।
तुम बिन कौन छुटावै, गज पकरे हैं गिराह ।।
सुख के माथे पत्थर पड़े जो नाम हृदय से जाय।
बलिहारी उस दुख की जो पल पल नाम रटाय।।
. God Kabir says that -
कबीर, तीन लोक पिंजरा भया, पाप पुण्य दो जाल।
सभी जीव भोजन भये, एक खाने वाला काल।।
गरीब, एक पापी एक पुन्यी आया, एक है सूम दलेल रे।
बिना भजन कोई काम नहीं आवै, सब है जम की जेल रे।।.
सुख मे सुमिरन ना किया, दु:ख में करते याद ।
कह कबीर ता दास की, कौन सुने फरियाद ॥
सुख के माथे सिला परौ, हरि हिरदे सो जाय।बलिहारी वा दुःख की, पल पल राम कहाय।
जगत के तारणहार सदगुरुदेव रामपाल जी महाराज के चरणो में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम
Jai ho puran parmeshwar avinashi satpurush puran brahma satguru dev kabir saheb ji ki jai ho❤️❤️🙇🏻🙏🏻
कबीर, सात समूद्र की मसि करूं, लेखनी करूं बनराय ।
धरती का कागज करुं, गुरु गुण लिखा न जाए ॥
कबीर, जान बूझ सच्ची तजै ,करै झूठ से नेह।
जाकी संगत हे प्रभु, स्वपन में भी ना देह।।
कबीर,पिछले पाप से,हरि चर्चा ना सुहावे जैसे ज्वर के वेग से,भूख विदा हो जावे ।।
बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो।
अबही तेरी सब मिटे, जन्म मरण की पीर।
स्वांस उस्वांस सुमिरले, दादू नाम कबीर।।
मात-पिता मिल जाएंगे, लख चौरासी माय।सतगुरु सेवा और बन्दगी, फिर मिलेगी नाय।।
सतगुरु जो चाहे सो करही, चौदह कोटि दूत जम डरहीं।
ऊत भूत जम त्रास निवारे, चित्र गुप्त के कागज फारै।
सत् साहेब जी !!!
मैंने कहीं कलम की लिखी हमने कहीं आंखों की देखी
सतगुरु रामपाल जी महाराज का ज्ञान सच्चा ज्ञान सच्चा ज्ञान
सतगुरु रामपाल जी महाराज आये,पूर्ण ब्रह्म अवतार
विश्वमैत्री पूर्ण मोक्ष,होगा समाज सुधार
कंण्ठी माला सुमरणी, पहरे से क्या होय!ऊपर डूंडा साध का, अन्तर राखा खोय!!
कबीर बेटा जाया खुशी हुई बहुत बजाए थाल आना-जाना लग रहा जो कीड़ी का नाल।
पूरे विश्व में सिर्फ संत रामपालजी महाराज जी की ही भक्ति सही हैं।
बंदी छोड़ परमेश्वर सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय
आए हैं सो जायेंगे राजा रंक फ़कीर ।
एक सिंघासन चढ़ चले एक बांधा जाए जंजीर।।
*सुरती समावे राम में, जग से रहे उदास।*
*कहैं कबीर गुरु चरण में, दृढ राखो विश्वास।।")*🙏
सदगुरुदेव जी के चरणो में कोटि कोटि प्रणाम
सुख के माथे पत्थर पडाे जो नाम हृदय से जावे बलिहारी बा दुःख की जो पल पल नाम रटावे।
बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो।।
आजा बंदे शरण राम की फिर पीछे पछतायेगा काल बली तेरा लेखा लेगा वहां क्या बात बनाएगा लाल खंभ से बांधेगा बिन सतगुरु कौन छुड़ाएगा
राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण कब हो तो दीनदयाल के भनक पड़ेगी कान
कबीर मात-पिता मिल जाएंगे लख चौरासी माही सतगुरु सेवा बंदगी फिर मिलन की नाही
हम ही अलख अल्लाह हैं, कुतुम गोस और पीर।
गरीबदास खालिक धनी,हमरा नाम ...कबीर।।
ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय औरन को शीतल करे आपहु शीतल होय बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो
कबीर गुर सो ज्ञान लीजिये शीश दीजिये दान बहुतक भोंदू बहे राखि जीव अभिमान ।
मैं रोऊँ इस सृष्टि को, ये सृष्टि रॉय मोहे।
कह कबीर इस वियोग को, समझ नही सकता कोय।।
جیون تو تہوڑا ھی بلا جے ست سمرن ھو
لاکھ ورش کا جیونا لی
सब धरती कारज करूँ, लेखनी सब बनराय ।
सात समुद्र की मसि करूँ गुरुगुन लिखा न जाय ॥
कबीर नहीं भरोसा देही का विनाश जाए चिनमाही श्वास प्रश्वास में नाम जपो और यत्न कुछ नहीं
धन धन सतगुरु सत कबीर, भगत की पीड़ मिटाने वाले।
राम नाम कड़वा लागे मीठे लागे दाम दुविधा में दोनों गए माया मिली ना राम
कबीर,व्रक्ष फल नही खात है, नदी न पीवे नीर।पल
परमार्थ के कारणे,साधू धरो शरीर।।
सदगुरुदेव के चरणों में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
चारो युग मेरे सन्त पुकारे,कूक कहा हम हेल रे।
हीरे मोती माणिक बरसे ये जग चुगता ढेल रे
बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल महाराज की जय हो।।
कबीर यह माया अटपटी सब घट आन अडी किस-किस को समझाऊं कुएं भांग में भाग पडी।
मानुष्य जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार | जैसे शाखा से पता टूट गिरे बहुरि न लगता डार ||
साथी हमारे चले गए हम भी चालन हार | काेई कागज में बाकी रह रही वाके लगी है तात ||
चिंता से चतुर घटे दुख से घटे शरीर ।
दान दिया धन ने घटे कहे गए साहब कबीर ।।
सुरत निरत मन पवन बियाना,शब्दै शब्द समाई।
दास गरीब गलतान महल में, मिले कबीर गुसाई।।
अपने-अपने साख की, सबही लीनी मान ।
हरि की बातें दुरन्तरा, पूरी ना कहूँ जान ॥
संत रामपाल जी महाराज जगत के तारणहार सदगुरुदेव हैं
Sat sahab ji
बंदी छोड़ सत गुरु रामपाल जी महाराज जी कि जय हो 🙏🌹💝❤️
तेही घर को घर कहै गंवाँरा। सो बैरी होय गले तुम्हारा।।
सो तन तुम आपन के जानी। बिखै स्वरूप भूलै अज्ञानी।।
सत साहेब
@@bhawarmaru6981ll
राम कहै मेरे साध को, दुःख ना दीजो कोए।
साध दुखाय मैं दुःखी, मेरा आपा भी दुःखी होय।।
साध मिले साढे सादी होंदी,बिछड़जा दिल गिरिवे।
अखदे नानक सुनो जिहाना, मुश्किल हाल फकीरी वे।।
अगर भगवान से होने वाले सच्चे लाभ को प्राप्त करना है तो पूर्ण संत तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आकर उनका ज्ञान समझें और अपना कल्याण करवाएं।
सत्संग सुने साधना TV पर 07:40 PM से
पूर्ण परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म सतगुरू श्री कबीर साहेब जी के चरणों में बारम्बार प्रणामं।
🙏🙏🙏🙏🙏
सौ बरस सतगुरू की पूजा, एक दिन आन उपासी।
वो अपराधी आत्मा, फिर पड़े काळ की फांसी।
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कबीरा तेरी झोपडी, गल कटीयन के पास ।
जैसी करनी वैसे भरनी, तू क्यों भया उदास ॥
भगति मुक्ति के दाता सतगुरु, भटकत प्राणी फिरन्दा । उस साहेब के हूकम बिना नहीं, तरवर पात हिलन्दा॥
कबीर राम नाम रटते रहो जब तक घट मे प्राण
कभी तो दीनदयाल के भनक पड़ेगी कान
sadhna Tv 07 :40 PM
सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणों में दंडवत प्रणाम
Great saint spiritual leader is saint Rampalji mhrjji complete saint complete way of worship
Bande chhod satguru Rampal Bhagwan ki Jay, sat Saheb,
15. विश्व को आध्यत्मिक ज्ञान मे निमंत्रण देने वाले संत रामपाल जी महाराज है.. जिनके challenge को आज तक किसी ने स्वीकार नही किया..
सतसाहेब।।
राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट अंत समय पचताओगे प्राण जाएगे छूट
कबीर, तारामंडल बैठकर, चांद बढ़ाई खाए ।
उदय हुआ जब सूर्य का, सौ तारो छिप जाए ।।
नो मण सुत उलझीया,ये रिषी रहे झकमार । सतगुरू ऐसा सुलझा दे,उलझे ना दुजी बार ।।
राम रटत निर्धन भला टूटी घर की छान
वो सुंदर महल किस काम का जहाँ भक्ति नही भगवान ।
सोई गुरु पूरा कहावे, दो आखर का भेद बतावै।
एक छुड़ावै एक लखावै, तो प्राणी निज घर को जावे।।
मात-पिता मिल जाएंगे, लख चौरासी माय।
सतगुरु सेवा और बन्दगी, फिर मिलेगी नाय।।
مات پتا مل جائینگے.لکھ چوراسی مانھیں
ست گرو سیوا اور بندگی پھر ملن کی ناھیں
If one prays to God kabir, crying with pain, all the works will be successful
Pitfalls of action and worldly nets can never trap a devotee
सोई गुरु पूरा कहावे जो दो अक्षर का भेद बतावे एक छुड़ावै एक लखावे तो प्राणी निज घर को जावे
कबीर, तीन देव की भक्ति मे भूल पड्यो संसार ।
कहे कबीर निज नाम बिन कैसे उतरे पार।।
गरीब अजब नगर में लें गया हमको सतगुरु आन झिलके बिम्ब अगाद गति सुते चादर तान अनंत कौटि बरमणड का एक रति नही भार सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सिरजन हार 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏😍 🌹 😍 😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍🥰🥰🥰🥰🙏🌹🌹🌹🌹🌹
Very nice Satsang
कबीर साहेब का ज्ञान ही पूर्ण है।
ना कुछ साथ आया ना कुछ् साथ जायेगा,
सुमरन कर प्यारे बस यही काम आयेगा..!!
माटी का शरीर तेरा एक दिन माटी में ही मिल जायेगा,
ले शरण सतगुरू देव की तेरा जीवन सफ़ल हो जायेगा..
Very nice satsang
लूट सके तो लूट ले,
राम नाम की लूट ।
पाछे फिर पछताएगा,
प्राण जाहि जब छुट ।।
कबीर वेद पढ़े परभेद ना जाणे वासे पुराण अठारा पथर कि पुजा करे भूल गये सिरजन हारा
सात समंदर की मसि करूं लेखनी करूं बनिराय धरती का कागज करूं गुरु गुण लिखा न जाय
Amazing satsang🙏
सदगुरुदेव रामपाल जी महाराज की जय हो
वेद पढ़ें पर भेद ना जानें, बांचे पुराण अठारा|
पत्थर की पूजा करें, भूले सिरजनहारा ||
L
Guru govind Dono Khade kiske Lagu Paye balihari Guru Aapne Govind diyo mila hai
Very nice satsang 🙏
पूर्णब्रह्म तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की दया से मानव समाज दहेज मुक्त नशा मुक्त और अनेक कुरीतियों से मुक्त होकर सुखी हो रहा है
राम नाम रटते रहो जब लग घट में प्राण कबू भनक पड़ेगी उस दिन दयाल के कान