कवि 'गंग' और समस्यापूर्ति तथा आधुनिक कविता में समस्यापूर्ति।
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- เผยแพร่เมื่อ 10 ก.พ. 2025
- अकबर के दरबारी कवि गंग और उनकी समस्यापूर्ति बहुत प्रसिद्ध है।गंग से संबंधित कविताओं को भी प्रस्तुत किया गया है, साथ ही आधुनिक कवियों जैसे भारतेंदु, प्रेमघन, प्रतापनारायण मिश्र, और अंबिकादत्त व्यास जैसे कवियों को भी सम्मिलित किया गया है।
बहुत बढ़िया लगा। बहुत धन्यवाद आपका भाईजी।
धन्यवाद।
कोटि कोटि नमन आपको. पहली कथ्य का मुझे 1976 से इंतेजार था. मैंने इसे संस्कृत क्लास में सुना- पढ़ा था. कोटि कोटि नमन
धन्यवाद।
Ati sundar hav bhav k sath prstuti
धन्यवाद।
राम राम गुरु जी 🙏🙏
बहुत सुंदर प्रस्तुति,
शुभकामनाएं ❤❤
धन्यवाद।
सुन्दर विश्लेषण 🙏
आपका आभार।
अद्भुत!
धन्यवाद।
अतिसुन्दर व्याख्या👌👌
डॉ साहब! धन्यवाद।
अति सुंदर....
धन्यवाद।
कवी गंग राजपुताना के राव भाट समाज से थे आज उनके वंशज बिराज मान हे जय हिन्द वन्देमातरम
आपका आभार।
Rao भाट समाज के थे की भट्ट समाज के थे
गंग के वंशज के बारे में अधिक जानकारी मिल सकती है?
बहुत ही सरल भाषा में समझा दिया अपने बहुत ही अच्छा गुरुदेव❤️🙏
प्रणाम सर जी आपने इतनी अच्छी व्याख्या की जैसे आंखों के सामने दृश्य दिखाई दिया
👌
Salam kavi gangjiko
कहो रहीम कही काज हित, शर धूरी धरत गजराज.
जो रज मुनि पत्नी तरी, सो ढूंढत gajraj
धूरि धरत निज शीश पर, कह रहीम केहि काज।
जेहि रज मुनि पत्नी तरी, सोइ ढूढ़त गजराज।।
Namsate Guru ji , bade dino bad darshan huye!!
Badiya h😊
Rao the Kavi Gang..
Acchi h 😊
Very nice
गंग कवि को अकबर ने मरवा दिया था। जहांगीर के समय कैसे हो सकता है
@@sitaramnirban3406 महोदय! कवि 'गंग' को अकबर ने नहीं मरवाया था। अकबर के दरबार मे उनका बहुत सम्मान होता था। अकबर के बाद दिल्ली-दरबार की किसी बेगम ने उन्हें मरवाया था। इसका स्रोत डॉ बच्चन सिंह का इतिहास है। 'गंग' पर लघु-शोध-प्रबंध लिखने वाले एक विद्वान ने इस बात का उल्लेख किया है कि संभवतः वह बेगम नूरजहाँ थी। यद्यपि इसका कोई ऐतिहासिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। वीडियो पर प्रतिक्रिया-हेतु आपके प्रति आभार प्रकट करता हूँ।
फिर महाकवि ने यह छंद लिखा जिसकी अंतिम पंक्ति थी " लेंन को मोहि गणेश पठायो "
अकबर ने कवि गंगे को हाथी से कुचलबा दिया
सर, गंग पर लघु शोध प्रबंध किसने लिखा है उसकी जानकारी मिल सकती हैं?@@hindibhasha8659
कवि गैंग को अकबर ने मरवाने के बाद जहांगीर के दरबार में कैसे पेश हो गया
महोदय! कवि 'गंग' को अकबर ने नहीं मरवाया था। डॉ बच्चन सिंह के अनुसार अकबर के बाद दिल्ली-दरबार के राजा की बेगम ने हाथी के पैरों-तले कुचलवा दिया था। 'गंग' पर लघु-शोध-प्रबंध लिखने वाले एक विद्वान ने अपना निष्कर्ष दिया है कि वह बेगम नूरजहाँ थी। इस संबंध मे कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं मिलता। प्रतिक्रिया-हेतु आपके प्रति आभार।
जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
गंगा कवि को अकबर ने नहीं, उसके पुत्र ने नूरजहां के कहने पर हाथी से कुचलवा दिया था@@YogeshSaini-vl7lh
Kavi gang ko 1625 me noorjahan mear waya
धन्यवाद।
बहुत अच्छा विश्लेषण किया बहुत-बहुत बधाई
गंग कविता वली या कोई भी पुस्तक गंग की कैसे मिलेगी कृपया बताने का कष्ट करें मैंने बहुत ढूढा लेकिन मिली नहीं
किसी पुरानी लाइब्रेरी मे मिल सकती है। हिंदी बुक सेंटर दिल्ली मे भी नहीं है। मैंने भी खोज की थी। यदि कुछ मिला तो आपको बताएंगे। प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद।
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प्रोफेसर साहब पूरी जानकारी दीजिए यह दुर्मिल छंद हैं और उच्चारण में दुर्मिल की तरह ही उच्चारण कीजिए धन्यवाद
आपका आभारी हूँ।सुझाव-हेतु धन्यवाद।
Ye akbar ke Navratn the .enkki saja me akbar tha.
प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद।
गौर हंसी मुख यूं करके ।।।।
सर प्लीज यह समस्या पूर्ति पूर्ण कीजिए।।।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
11:15
सर अकबर के दरबारी कवि थे गंग सुनने में आया है अकबर ने हाथी के आगे फिंकवा दिया था।
अकबर के बाद गंग की दुर्दशा हुई थी, ऐसा मैने पढ़ा है। प्रतिक्रिया-हेतु आपका आभार।