कलेक्टर टाईमकीपर बनकर गेट पर बैठे रहें, क्या यह शर्मनाक नहीं?

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  • เผยแพร่เมื่อ 29 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 37

  • @anilkumarthakur1029
    @anilkumarthakur1029 9 วันที่ผ่านมา

    आप का कहना सही है, कर्मचारियों कि ऐसी मानसिकता के लिए कौन-कौन जिम्मेदारहै, ठेकेदारी प्रथा,कि ओर हमारा सिस्टम जा रहा है,

  • @shrikantsaroj2584
    @shrikantsaroj2584 10 วันที่ผ่านมา

    सुनील साहब बिल्कुल सही बोल रहे है।

  • @gulshanvishwakarma6730
    @gulshanvishwakarma6730 10 วันที่ผ่านมา

    Bahut hi shandar vivechana sir ji

  • @Mithalesh-rt7qc
    @Mithalesh-rt7qc 5 วันที่ผ่านมา

    Bahut sundar vichar ❤

  • @hemantmadhukartanksale374
    @hemantmadhukartanksale374 10 วันที่ผ่านมา +3

    आदरणीय महोदय जी, सादर प्रणाम, आपका कहना बिल्कुल सही है , सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधि भी केवल कामचोरी को ही बढ़ावा देते हैं। किसी भी कार्यालय में जाओ तो शुक्रवार को दोपहर के बाद से लेकर सोमवार को दोपहर बाद तक कोई भी अधिकारी अपनी कुर्सी पर मिलते ही नहीं । भूपेश बघेल जी का 5 दिनों का सप्ताह वाला निर्णय केवल वाहवाही लूटने का तरीका था , आज छत्तीसगढ़ या भारत इतना समृद्ध या विकसित नहीं हुआ है कि यहां 5 दिनों का सप्ताह लागू किया जावे। विकसित देशों में भारत जितनी छुटियां मिलती है उससे तीन चार गुना छुटिया भारत में मिलती हैं उसके बावजूद 5 दिनों का सप्ताह लागू करना प्रदेश के हित में बिल्कुल भी नहीं है। छत्तीसगढ़ की उम्र अभी केवल 24 वर्ष है , विकास की अपार संभावनाएं हैं आम जनता और कर्मचारियों को आलसी और कामचोर बनाना उचित नहीं।

  • @Prashant-o4x
    @Prashant-o4x 11 วันที่ผ่านมา +8

    कलेक्टर का काम सिर्फ उगाही कर के मंत्री तक पहुंचाना ही है??

    • @chandrikasahu5550
      @chandrikasahu5550 10 วันที่ผ่านมา +1

      Sahmt

    • @sudhirsinha9263
      @sudhirsinha9263 10 วันที่ผ่านมา +1

      भ्रष्टाचार का मुख्य कारण यही है🙃

  • @RAJRAJESHWAR23
    @RAJRAJESHWAR23 10 วันที่ผ่านมา +2

    आपकी बातें , और बातों को बोलने का तरीका एकदम शानदार है सुनील सर , अगर मेरे पास समय की पाबंदी न होती तो मैं दिनभर आपको सुन देता...........मेरे को इतना बढ़िया लगता है आपका बोलना और बोलने का तरीका......................

  • @nandkumaryadav7058
    @nandkumaryadav7058 10 วันที่ผ่านมา

    जाँच सिर्फ दिखावा सभी विभाग को प्राईवेटकरण कर दिया जाना चाहिए क्योंकि हर विभाग में कामचोर एवं घूसखोरी भरे है

  • @RAJRAJESHWAR23
    @RAJRAJESHWAR23 10 วันที่ผ่านมา

    ईमानदारी आ जाए किसी तरह , सभी राजनीतिक लोगों में , शासकीय कर्मचारियों , अधिकारियों में...............देश बहुत आगे निकल जाएगा , पर ईमानदारी होनी ही चाहिए सभी में

  • @dilesidar366
    @dilesidar366 10 วันที่ผ่านมา +1

    ये बातें पत्रकारों पर भी लागू होता है,
    लोकतंत्र के चौथे स्तंभ होते है , स्वतंत्रता आंदोलन में इनकी अहम योगदान था
    पर वर्तमान में सरकार के दल्ले,पैसा उगाही का माध्यम हो गए है रोड देश के खराब , गढ़ों पर पत्रकारिता नहीं, शिक्षा, अस्पताल व्यस्था ठप्प इस तरह सभी विभागों का हाल है इन पर न्यूज नहीं हफ्ते में एक नहीं तो महीने में एक बार तो एक बार दिखाते
    बस सरकार के चमचे हो गए है,जिसको लोग देखेंगे वो उसको दिखाना है ऊंचे लोगों के लिए है पत्रकारिता करना
    जमीन स्तर कब राज्य स्तर का न्यूज बनेगा
    सच्ची पत्रकारिता कब होगी
    स्थिति बहुत दुखद है

  • @JavedKhan-yo6ig
    @JavedKhan-yo6ig 10 วันที่ผ่านมา

    बहुत बढ़िया सर जी अधिकांश टीचर्स तो लेट आते हैं जल्दी भागने के प्रयास भी रहते हैं

  • @HemantMaraar
    @HemantMaraar 11 วันที่ผ่านมา +3

    150 करोड़ जनसंख्या के हिसाब से बहुत कम सरकारी नौकर है,इतना लोड संभालना मुश्किल है,कामचोरी होगी ही।।
    अमेरिका में 1000 लोगों के पीछे 92 सरकारी कर्मचारी है और भारत में सिर्फ 3।।।।

  • @sudhirsinha9263
    @sudhirsinha9263 10 วันที่ผ่านมา

    औपचारिक रूप से भले ही सरकारी कार्यालयों में पांच दिन का सप्ताह हो मगर कमाऊ विभाग के
    कर्मचारी /अधिकारी ‌ यूँ भी..सप्ताह में 90 घंटे काम करते हैं😊😊

  • @jivansahu6232
    @jivansahu6232 11 วันที่ผ่านมา +3

    शानदार रिपोर्ट

  • @thakurn11
    @thakurn11 10 วันที่ผ่านมา +1

    बहुत उचित बात कही है आपने सर मै भी प्राइवेट जॉब करता हु पच्चीस वर्किंग डे में सिर्फ दस मिनट लेट माफ किया जाता है सोलह मिनट होने पर हॉफ डे सैलरी काट ली जाती है ।
    ऐसा नियम सरकार लागू कर दे तो सरकारी कर्मियों को आधी वेतन भी नहीं मिलेगी।

  • @jagdishhoskere1545
    @jagdishhoskere1545 10 วันที่ผ่านมา

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति .सरकारी कर्मचारी तो ऑफिस आने के लिए वेतन कमाते हैं लेकिन रिश्वत देना पड़ेगा

  • @ANGADCHCG
    @ANGADCHCG 10 วันที่ผ่านมา

    बायोमेट्रिक अनिवार्य करे

  • @HackingzoneAman
    @HackingzoneAman 11 วันที่ผ่านมา +2

    Cgpsc ghotale pr v ek detailed video bnaye again.
    Demanding cancellation of all psc recruitment by sonwani by proper inquiry

  • @sammesahu4375
    @sammesahu4375 9 วันที่ผ่านมา

    Sir koi portal hai kya jisme time pr n aane ki shikayat ki jaa sake

  • @dinkarrao8923
    @dinkarrao8923 11 วันที่ผ่านมา +1

    शानदार और जोरदार

  • @digrilalbhoi8055
    @digrilalbhoi8055 9 วันที่ผ่านมา

    Samay per koi nahi pahuch payenge officer apne office me

  • @bhupendraverma4345
    @bhupendraverma4345 11 วันที่ผ่านมา

    प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी कर्मचारि कम बंधुआ मजदूर ज्यादा है

  • @niranjannayak3886
    @niranjannayak3886 10 วันที่ผ่านมา

    pahle ki vyavastha thik thi.Mahine me do shainiwar ki chhutti .jo log samay se nahi aane ke aadi hai we hafte me tin din ki chhutti hone par bhi samay par nahi aayenge.I think so

  • @santoshdiwan9459
    @santoshdiwan9459 11 วันที่ผ่านมา +1

    Office office achha seriyal hai

  • @surendraprasadmarkam4392
    @surendraprasadmarkam4392 10 วันที่ผ่านมา

    हर कोई नही होते इस टाइप के

    • @khileshwarsahu7512
      @khileshwarsahu7512 10 วันที่ผ่านมา

      Hr kisi ke liye thodi bola jo baiman hai uske liye hai

  • @kalasahu4883
    @kalasahu4883 11 วันที่ผ่านมา +2

    Sunil ji aapka title bilkul stik hai

  • @hemubhai221988
    @hemubhai221988 11 วันที่ผ่านมา +1

    Sunil ji sadar pranam
    Naukari hai kaha sir ji

  • @kalasahu4883
    @kalasahu4883 11 วันที่ผ่านมา +1

    BJP valo se sagrah kriye ki dhnivar ki chhuttiya rdd kr de ye log bhut kamchor ho gye hai

  • @mukeshkothre8275
    @mukeshkothre8275 9 วันที่ผ่านมา

    Ye log chor hote hai

  • @RajeshYadav-ko2vj
    @RajeshYadav-ko2vj 10 วันที่ผ่านมา

    Tumari patrakarita ki pole koun khole ga godi midia ka nam suns hai? Paisa kha ker pure desh ko galat khane dikha rha hai. Inko jar sudar.inka photo bheju kya.

  • @yogeshdewangan7746
    @yogeshdewangan7746 10 วันที่ผ่านมา

    Vetan ghatao naya rojgar banao

  • @kalasahu4883
    @kalasahu4883 11 วันที่ผ่านมา

    BJP valo se sagrah kriye ki dhnivar ki chhuttiya rdd kr de ye log bhut kamchor ho gye hairajsv vibhag me ptwari croro ke malik hote hai adhikariyo ki bat to puchho mt

  • @haramipandey6965
    @haramipandey6965 11 วันที่ผ่านมา +2

    सुनील जी आपके सारे सवालों के जवाब जायज़ हैं । पर आपको यह सवाल करना चाहिये की जैसे ऑफिस आने का समय निर्धारित है वैसे ही ऑफिस से जाने का समय भी निर्धारित है । आप पता करियेगा कि इंद्रावती भवन के कई विभाग के कई employee शाम तो छोड़िए रात को कितने बजे तक बैठकर काम करने को लाचार हैं । सरकार को ऑफिस ने निकालने के समय पर कड़ाई करनी चाहिये । कोई भी शाम को पाँच बजकर एककत्तीस मिनट पर ऑफिस में निकलता बने इसकी भी तो व्यवस्था करनी चाहिये । और आप जो यह कह रहे हैं ना की लोग बारह बजे ऑफिस आते हैं तो अफसरों से यह भी पूछिये की वे चार लाइन के लेटर के व्याकरण में कितनी पर संशोधन करवाते हैं । मेरे ख्याल से जितने समय एक लेटर को संशोधित करने में समय लगता है उससे के बहुत कम समय के लिए कोई ऐसा होगा जो एक घंटे विलंब से ऑफिस पहुंचता है ।