- 36
- 10 055
The Sanatana Stories
India
เข้าร่วมเมื่อ 31 ธ.ค. 2024
Welcome to The Sanatana Stories!
Dive into the timeless wisdom and profound teachings of Hindu scriptures, where ancient tales come to life. On this channel, we bring you the epic stories from the Mahabharata, Ramayana, the Vedas, Upanishads, and more. Journey with us through the rich tapestry of Hindu history, philosophy, and spirituality, as we explore the stories that have shaped millennia of thought and culture.
Whether you're seeking inspiration, knowledge, or simply the magic of these ancient tales, The Sanatana Stories offers a gateway to the eternal truths of the Sanatana Dharma.
Subscribe and embark on a journey of discovery, learning, and enlightenment.
Dive into the timeless wisdom and profound teachings of Hindu scriptures, where ancient tales come to life. On this channel, we bring you the epic stories from the Mahabharata, Ramayana, the Vedas, Upanishads, and more. Journey with us through the rich tapestry of Hindu history, philosophy, and spirituality, as we explore the stories that have shaped millennia of thought and culture.
Whether you're seeking inspiration, knowledge, or simply the magic of these ancient tales, The Sanatana Stories offers a gateway to the eternal truths of the Sanatana Dharma.
Subscribe and embark on a journey of discovery, learning, and enlightenment.
रामायण: एक कल्पना या सच? - Ramayan: Ekk kalpana ya sach?
क्या आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें लगता है कि रामायण सिर्फ एक काल्पनिक घटना है? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पढ़े-लिखे हिंदू अपनी संस्कृति और धार्मिक ग्रंथों को काल्पनिक मानकर अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं। परंतु क्या रामायण सच में काल्पनिक है, या इसके पीछे वैज्ञानिक और खगोलिक प्रमाण छिपे हैं? आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही प्रमाणों के बारे में।
वाल्मीकि रामायण में भगवान श्रीराम के जन्म का सटीक विवरण मिलता है। रामायण में बताई गई ग्रहों की स्थिति के अनुसार खगोलशास्त्रियों ने पाया कि भगवान श्रीराम का जन्म 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व को हुआ था, जो कि लगभग 7000 वर्ष पहले की बात है।
वाल्मीकि रामायण के अयोध्याकांड में उस दिन की ग्रहों की स्थिति का भी वर्णन मिलता है, जिस दिन भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष के वनवास के लिए प्रस्थान किया था। ग्रहों की इस स्थिति के आधार पर खगोलशास्त्रियों ने यह निष्कर्ष निकाला कि यह घटना 5 जनवरी, 5089 ईसा पूर्व की है। भगवान श्रीराम की जन्मतिथि के अनुसार, उस समय उनकी आयु लगभग 25 वर्ष रही होगी। वाल्मीकि रामायण में कई श्लोक ऐसे हैं जो इस बात का संकेत देते हैं कि भगवान राम 25 वर्ष के ही थे जब उन्होंने वनवास के लिए प्रस्थान किया, जैसा कि हमें ग्रहों की स्थिति से ज्ञात होता है।
रामायण में एक और महत्वपूर्ण खगोलीय घटना का उल्लेख है - श्रीराम और खर-दूषण के बीच का युद्ध। यह युद्ध लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा का नाक काटे जाने के बाद हुआ था। वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि यह युद्ध अमावस्या के दिन हुआ था, और उस समय मंगल ग्रह बीच में था। एक तरफ बुध, शुक्र और बृहस्पति थे, और दूसरी तरफ सूर्य, चंद्रमा और शनि। खगोल विज्ञान के अनुसार, यह घटना 7 अक्टूबर 5077 ईसा पूर्व को पंचवटी में हुई। उस दिन वास्तव में अमावस्या और सूर्य ग्रहण था।
अब बात करते हैं रामसेतु की। यह पुल आज भी भारत और श्रीलंका के बीच स्थित है और सैटेलाइट तस्वीरों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यह पुल लगभग 30 किलोमीटर लंबा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, रामसेतु की आयु 5000 से 7000 वर्ष के बीच है, जो रामायण में बताए गए समय से पूरी तरह मेल खाता है।
हनुमान जी द्वारा लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए हिमालय से संजीवनी बूटी लाने का उल्लेख भी रामायण में मिलता है। श्रीलंका के रामबोडा क्षेत्र में एक पर्वत है, जिसे रामायण काल का "संजीवनी पर्वत" माना जाता है। वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि इस पर्वत पर कुछ ऐसी जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जो केवल हिमालय में पाई जाती हैं। यह तथ्य भी रामायण की घटनाओं को प्रमाणित करता है।
अगर रामायण केवल एक काल्पनिक कहानी होती, तो क्या इतने सटीक वैज्ञानिक और खगोलिक प्रमाण संभव होते? ग्रहों की स्थितियों के अनुसार दी गई सभी तिथियां रामायण के घटनाक्रम से मेल खाती हैं।। ये सभी तथ्य रामायण को ऐतिहासिक और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित करते हैं।
#sanatandharma, #hindumythology #Ramayana, #LordRama, #RamSetu, #LordHanuman, #Laxman, #IndianHeritage, #SpiritualIndia, #Hinduism
वाल्मीकि रामायण में भगवान श्रीराम के जन्म का सटीक विवरण मिलता है। रामायण में बताई गई ग्रहों की स्थिति के अनुसार खगोलशास्त्रियों ने पाया कि भगवान श्रीराम का जन्म 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व को हुआ था, जो कि लगभग 7000 वर्ष पहले की बात है।
वाल्मीकि रामायण के अयोध्याकांड में उस दिन की ग्रहों की स्थिति का भी वर्णन मिलता है, जिस दिन भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष के वनवास के लिए प्रस्थान किया था। ग्रहों की इस स्थिति के आधार पर खगोलशास्त्रियों ने यह निष्कर्ष निकाला कि यह घटना 5 जनवरी, 5089 ईसा पूर्व की है। भगवान श्रीराम की जन्मतिथि के अनुसार, उस समय उनकी आयु लगभग 25 वर्ष रही होगी। वाल्मीकि रामायण में कई श्लोक ऐसे हैं जो इस बात का संकेत देते हैं कि भगवान राम 25 वर्ष के ही थे जब उन्होंने वनवास के लिए प्रस्थान किया, जैसा कि हमें ग्रहों की स्थिति से ज्ञात होता है।
रामायण में एक और महत्वपूर्ण खगोलीय घटना का उल्लेख है - श्रीराम और खर-दूषण के बीच का युद्ध। यह युद्ध लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा का नाक काटे जाने के बाद हुआ था। वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि यह युद्ध अमावस्या के दिन हुआ था, और उस समय मंगल ग्रह बीच में था। एक तरफ बुध, शुक्र और बृहस्पति थे, और दूसरी तरफ सूर्य, चंद्रमा और शनि। खगोल विज्ञान के अनुसार, यह घटना 7 अक्टूबर 5077 ईसा पूर्व को पंचवटी में हुई। उस दिन वास्तव में अमावस्या और सूर्य ग्रहण था।
अब बात करते हैं रामसेतु की। यह पुल आज भी भारत और श्रीलंका के बीच स्थित है और सैटेलाइट तस्वीरों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यह पुल लगभग 30 किलोमीटर लंबा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, रामसेतु की आयु 5000 से 7000 वर्ष के बीच है, जो रामायण में बताए गए समय से पूरी तरह मेल खाता है।
हनुमान जी द्वारा लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए हिमालय से संजीवनी बूटी लाने का उल्लेख भी रामायण में मिलता है। श्रीलंका के रामबोडा क्षेत्र में एक पर्वत है, जिसे रामायण काल का "संजीवनी पर्वत" माना जाता है। वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि इस पर्वत पर कुछ ऐसी जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जो केवल हिमालय में पाई जाती हैं। यह तथ्य भी रामायण की घटनाओं को प्रमाणित करता है।
अगर रामायण केवल एक काल्पनिक कहानी होती, तो क्या इतने सटीक वैज्ञानिक और खगोलिक प्रमाण संभव होते? ग्रहों की स्थितियों के अनुसार दी गई सभी तिथियां रामायण के घटनाक्रम से मेल खाती हैं।। ये सभी तथ्य रामायण को ऐतिहासिक और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित करते हैं।
#sanatandharma, #hindumythology #Ramayana, #LordRama, #RamSetu, #LordHanuman, #Laxman, #IndianHeritage, #SpiritualIndia, #Hinduism
มุมมอง: 17
วีดีโอ
शिव भक्त कन्नप्पा - Shiv Bhakt Kannappa
มุมมอง 335 วันที่ผ่านมา
बहुत समय पहले की बात है, दक्षिण भारत में एक वीर और महान शिव भक्त का जन्म हुआ, जिसका नाम था कन्नप्पा। कन्नप्पा एक शिकारी समुदाय से था और वह बचपन से ही साहसी और दृढ़ निश्चयी था। कन्नप्पा को शिकार करना और जंगलों में घूमना अत्यंत प्रिय था। एक दिन शिकार के दौरान, कन्नप्पा ने एक गुफा देखी। जब वह गुफा के अंदर गया, तो वहाँ उसने एक सुंदर शिवलिंग देखा। उस शिवलिंग के दर्शन करते ही उसके हृदय में एक अद्भुत ...
काल भैरव मंदिर, उज्जैन: आस्था, रहस्य और दिव्यता का संगम - Kaal Bhairav Mandir, Ujjain
มุมมอง 1077 วันที่ผ่านมา
उज्जैन, जिसे महाकाल की नगरी के रूप में जाना जाता है, अपने प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। शिप्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां स्थित काल भैरव मंदिर, जो लगभग 6000 वर्ष पुराना माना जाता है, महाकालेश्वर मंदिर से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आश्चर्यजनक रूप से, यह मंदिर एक हिंदू श्मशान भूमि के मध्य में स्थित है, जो इसकी रहस्यमयता ...
मृत्यु के बाद का रहस्य। #spiritualawakening #hindumythology #sanatandharma
มุมมอง 5649 วันที่ผ่านมา
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा सूक्ष्म शरीर में प्रवेश करती है और 13-14 दिनों तक अपने प्रियजनों के पास रहती है। इसके बाद यमदूत आत्मा को यमलोक ले जाते हैं, जहां कर्मों के आधार पर उसे स्वर्ग, नरक या पुनर्जन्म मिलता है। आत्मा स्वर्ग या नरक में स्थायी रूप से नहीं रहती, बल्कि वहां से पुनः जन्म लेने के लिए भेजी जाती है। मोक्ष सत्य, धर्म और भक्ति के माध्यम से मिलता है, जिससे आत्मा जन्म-मृत...
कैसे लिखी गई हनुमान चालीसा? - Kaise likhi gayi Hanuman Chalisa?
มุมมอง 1910 วันที่ผ่านมา
गोस्वामी तुलसीदास जी, जो मुगलकालीन भारत के महान कवि और संत थे, ने न केवल हिंदी साहित्य में रामचरितमानस जैसी कालजयी रचना की, बल्कि हनुमान चालीसा की भी रचना की। उनके समय में भारत पर अकबर का शासन था, जो धार्मिक संघर्ष और नैतिक पतन का दौर था। तुलसीदास जी ने हिंदू समाज को वैदिक ज्ञान से पुनः परिचित कराने का प्रयास किया। उन्होंने समाज के सभी वर्गों को एकत्रित करने और धर्म का प्रचार करने के लिए रामचरि...
जब नागा साधुओं ने औरंगज़ेब के छुड़ाए चक्के? - Jab Naga Sadhun ne Aurangzeb ke chhudaaye chakke?
มุมมอง 31111 วันที่ผ่านมา
सन् 1664 की बात है, जब भारत पर मुगल सम्राट औरंगज़ेब का शासन था। उसकी नीतियाँ हिन्दू धर्म और सनातन संस्कृति के विरुद्ध थीं। उसने कई मंदिरों को तोड़ने और जबरन धर्म परिवर्तन की नीति अपनाई थी। ऐसे कठिन समय में नागा संन्यासी, जो कि साधु होने के साथ-साथ योद्धा भी होते थे, सनातन धर्म की रक्षा के लिए आगे आए। उस समय काशी, मथुरा और हरिद्वार जैसे पवित्र तीर्थस्थानों पर औरंगज़ेब की सेना द्वारा हमले किए जा ...
क्या होता है मृत्यु के बाद? - Kya hota hai mrityu ke baad?
มุมมอง 7612 วันที่ผ่านมา
गरुड़ पुराण, हिंदू धर्म के प्रमु और महत्वपूर्ण पुराणों में से एक है, जो मृत्यु के बाद की यात्रा और आत्मा के कर्मों का फल विस्तार से समझाता है। इसमें बताया गया है कि मृत्यु के समय शरीर का नाश हो जाता है, लेकिन आत्मा अमर रहती है। जब व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसकी आत्मा भौतिक शरीर को छोड़कर सूक्ष्म शरीर में प्रवेश करती है। इस समय आत्मा की यात्रा की शुरुआत उसके जीवन के कर्मों के आधार पर होती है...
नंदी और कलियुग का अंत। #kalki #hindumythology #sanatandharma
มุมมอง 9712 วันที่ผ่านมา
आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में स्थित यागंती उमा महेश्वर मंदिर भगवान शिव, माता पार्वती और पवित्र नंदी जी को समर्पित है। 15वीं शताब्दी में बने इस मंदिर की अनोखी विशेषता नंदी जी की मूर्ति है, जो हर 20 वर्षों में लगभग 1 इंच बढ़ती है। संत पोथुलुरी वीरब्रह्मेंद्र स्वामी की भविष्यवाणी के अनुसार, कलियुग के अंत में नंदी जी जीवित होकर जोर से गर्जना करेंगे, जो धर्म की पुनःस्थापना और भगवान विष्णु के कल्कि...
संभल का महत्व। #sambhal #hindumythology #sanatandharma
มุมมอง 52814 วันที่ผ่านมา
संभल को हिंदू शास्त्रों में भगवान विष्णु के अंतिम अवतार, कल्कि अवतार, की भविष्य जन्मस्थली माना जाता है। यहां कभी भव्य श्री हरिहर मंदिर था, जिसे मुस्लिम आक्रमणों के दौरान नष्ट कर दिया गया और अब वहां जामा मस्जिद स्थित है। पुरातत्व विभाग को यहां प्राचीन मूर्तियां के अवशेष मिले हैं। मान्यता है कि कल्कि अवतार यहीं जन्म लेकर कलियुग का अंत और सतयुग की शुरुआत करेंगे। #Sambhal, #KalkiAvatar, #CulturalHe...
जब नंदी करेंगे कलियुग के अंत की घोषणा - Jab Nandi karenge kalyug ke ant ki ghosna
มุมมอง 11015 วันที่ผ่านมา
आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में स्थित यागंती उमा महेश्वर मंदिर भारतीय संस्कृति, धर्म और अद्भुत चमत्कारों का संगम है। भगवान शिव, माता पार्वती और उनके वाहन नंदी को समर्पित यह मंदिर अपनी अनोखी विशेषताओं और प्राचीन भविष्यवाणियों के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह न केवल शिव भक्ति का केंद्र है, बल्कि भविष्य में होने वाले अद्भुत घटनाओं के लिए भी चर्चित है। यागंती मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में ...
संभल का ऐतिहासिक महत्व - Sambhal ka aitihasik mahatava
มุมมอง 5516 วันที่ผ่านมา
संभल, उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन और ऐतिहासिक नगर, अपनी सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक महत्त्व के लिए जाना जाता है। यह नगर न केवल अपने प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि भविष्य में भगवान विष्णु के अंतिम अवतार, कल्कि अवतार, की जन्मभूमि के रूप में भी मान्य है। आइए, संभल के गौरवशाली इतिहास, धार्मिक महत्व और वर्तमान में चल रहे पुरातात्विक उत्खनन पर एक दृष्टि डालते हैं। संभल ...
सुदर्शन चक्र की कहानी। #lordvishnu #sudarshanchakra #sanatandharma
มุมมอง 3017 วันที่ผ่านมา
सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु का दिव्य अस्त्र है। इसे विश्वकर्मा ने महर्षि दधीचि की अस्थियों से बनाया था और प्रारंभ में भगवान शिव को समर्पित किया था। भगवान विष्णु ने अधर्म का नाश करने के लिए भगवान शिव की तपस्या कर इसे प्राप्त किया। इस दिव्य चक्र ने समय-समय पर धर्म और सृष्टि की रक्षा की, जैसे कि शिशुपाल का वध करके और सती के त्याग को अमर शक्तिपीठों का पवित्र स्वरूप बनाकर। #LordVishnu #SudarshanChakra...
सुदर्शन चक्र की कहानी - Sudarshan chakra ki kahani
มุมมอง 2117 วันที่ผ่านมา
यह कथा है भगवान विष्णु के परम शस्त्र, सुदर्शन चक्र की। सुदर्शन चक्र की उत्पत्ति का रहस्य बहुत प्राचीन है। यह वह समय था जब असुरों के अत्याचारों ने देवताओं और ऋषियों को त्रस्त कर दिया था। अधर्म बढ़ता जा रहा था और धर्म की रक्षा के लिए कोई अत्यंत शक्तिशाली शस्त्र आवश्यक था। देवताओं ने देव शिल्पकार विश्वकर्मा से विनती की कि वे ऐसा शस्त्र तैयार करें जो समस्त अधर्मियों का नाश कर सके। विश्वकर्मा जी ने ...
वराह अवतार। #lordvishnu #hindumythology #sanatandharma
มุมมอง 46918 วันที่ผ่านมา
क्या आप जानते हैं कि भगवान विष्णु ने धरती माता को बचाने के लिए आधा मानव और आधा जंगली सूअर का दिव्य रूप क्यों धारण किया था? क्यों उन्हें वराह अवतार लेना पड़ा और किस दानव ने सृष्टि को संकट में डाल दिया था? आइए इस अद्भुत पौराणिक कथा के रहस्यों को जानिए। बहुत समय पहले, असुर हिरण्याक्ष के अहंकार और अधर्म ने संपूर्ण सृष्टि को संकट में डाल दिया था। उसने पृथ्वी माता को समुद्र के गहरे तल में छिपा दिया, ...
वराह अवतार - Varaha Avatar
มุมมอง 6818 วันที่ผ่านมา
काफी समय पहले की बात है, जब वैकुंठ लोक दिव्य शांति और तेज से परिपूर्ण था। वहां भगवान विष्णु स्वयं निवास करते थे। एक दिन ब्रह्मा जी के चार पुत्र - सनक, सनंदन, सनातन और सनत कुमार - भगवान विष्णु के दर्शन के लिए वहाँ पहुँचे। वे बालक रूप में थे, परंतु ज्ञान, तपस्या और दिव्यता में अद्वितीय माने जाते थे। उस समय भगवान विष्णु विश्राम कर रहे थे, और उनके द्वार पर उनके दो परम सेवक जय और विजय प्रहरी के रूप ...
What a nonsense. Akbar ke empire par Bandaro ka attack. Kon se history ke book me hai.. Fake narrative narrated by brahmins for making strong hold in economy as well as in society.😅
Saying that it is made up is fair to some extent because it’s a folklore but why unnecessarily drag brahmins into it. You might not believe in such tales, but many of us do. These stories serve as a source of strength and determination for us. Bolo Siyavar Ramchandra Ki Jai! Pawan Sut Hanuman Ki Jai! 🙏🙏🙏
@TheSanatanaStories It's our fundamental duty to develop a scientific temperament as mention in 51A in our constitution. But there is also a freedom of belief& faith in our constitution and this is a fundamental right of yours.So u can follow ur blind faith constitutionally. Bolo samvidhan ki jai. Chalo channel chamkane ke liye log krte hai creative liberty ke nam pr
U r spreading a fake story. There's no such war happened in history.
Though my channel is small at this time, spreading a fake story is the last thing I would do intentionally. Here is the link to an article from Times Now covering this: www.timesnownews.com/lifestyle/people/defenders-of-dharma-the-valour-of-naga-sadhus-who-fought-against-aurangzebs-army-to-protect-kashi-vishwanath-temple-article-116406376. Har Har Mahadev! 🙏🙏🙏
Very good information about Kumbh Mela.
!!
🎉🎉🎉
Kaalbhaiarav
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🎉🎉🎉🎉🎉❤
🎉🎉🎉🎉❤
Jai kaalbhairav🔱
Om bhairavaye Namah 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
❤❤❤❤
Jai Shree Ram!!
Jai sri ram
Jai mahakal
Jai Shree Ram !!!
Jay Shree Ram !!!