दूसरों को हराना हो तो खुद को हराना सीखो || आचार्य प्रशांत (2024)
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- เผยแพร่เมื่อ 8 ก.ค. 2024
- 🧔🏻♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:
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वीडियो जानकारी: 25.01.24, वेदांत संहिता, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ कैसे जानें कि ज़िन्दगी बेहतर हुई कि नहीं?
~ क्या ज़िन्दगी ही प्रमाण होती है?
~ ज़िन्दगी बेहतर कैसे बनाएँ?
~ कैसे जानें कि साधना से लाभ हो रहा है या नहीं?
~ साधना से जीवन कैसे बदलता है?
संगीत: मिलिंद दाते
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"आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
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Bsr 🌨️🌳🙏
Good Sir
❤❤❤😊
Ok
अपने डर के सामने, क्रोध के सामने, लालच के सामने जो डट के अंगद की तरह पांव गढ़ा के खड़ा होना सीख जाता है वही भावनाओं की सुनामी का मुख मोड़ देता है तथा जब भावनाएं नहीं रहती तो उसे ही सच्चा प्रेम अनुभव होता है -आचार्य श्री
खुद को तोड़ना मतलब अपने भावना के विरुद्ध जाने का संकल्प 🙏
सत सत नमन आचार्य जी
दर्द सहते हुए, कुछ ना कहते हुए, आंसू बहते हुए भी वही करना जो आत्मिक तौर पर सही हो -आचार्य श्री
ईमानदार वही है
जो करता सही है
ना कि वह जो
लग रहा सही है ! आचार्य श्री
खुद को तोड़ना माने अपनी भावना के विरुद्ध जाने का संकल्प माने एक युद्ध अपने विरुद्ध- आचार्य श्री
नमस्ते मेरा नाम अनुराग है और मैं सर को 9th क्लास से सुन रहा हु और आज मैं 12th क्लास में हुं 3 साल से भी जादा हो रहे है सुनते हुए मैं एक गांव से हु यह पर बहुत जादा अंधविश्वास जो की मैं पढ़ाई के साथ साथ लोगो के बीच मैं बैठकर लोगो तक सर की बोली हुई बात पहुंचता हु...और वो लोग मेरी बात सुनकर आचार्य सर की वीडियो देखने लगे है 😊...और मैं आज देखता ही मैं 12th का लड़का आज इतने लोगो को नसे से बाहर निकल रहा है ....ये सब आपके वजह से हुआ सर इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर ❤.... सर ने मेरे सोचने का वो तरीका बदल दिया और मैं कहा भी बोलता ही लोग मुझे सुनते है 🥹...🙏🏻🙏🏻🙇🏻
Same me bhi 12th class me hu aur 2year ho gaye acharya ji ko sun rahi hu🙏vichro me boht badlav hua hai🙏
@@TamannahkeskarKeep learning like this and keep improving people 🙂🙏🏻
Thanks bhai 🙏❤️👌
सुंदर❤
इसे जारी रखे, समझ को और बढ़ाये जिज्ञासा बना ये रखे वही तुम्हें आगे ले जायेगी ✊👏👍🏽
Bhut accha lga jaanke bhai🙌. Listening him from past 8 years. I too start from 9 and today I am in Master💞. Rukna mt bss yhi bolna hai
श्रम करना है जी तोड़ श्रम करना है भरपूर श्रम करना है लेकिन बाहर की तरफ नहीं भीतर की तरफ -आचार्य श्री
सच्चा नायक आत्मा की सुनता है भावना की नहीं- आचार्य श्री
जो अपनी भावना के आगे घुटने टेकना बंद कर देता है उसके विचार अपने आप बिल्कुल सीधे हो जाते हैं..
भावना तो प्रेम का दुश्मन होता है 🙏🏻🙏🏻♥️
खुद को तोड़ना माने अपने भावना के विरुद्ध जाने का संकल्प।
सिर्फ सुने ही नही, जीवन मे भी उतारे तभी फायदा होगा, आचार्य जी को सुनने वालों की संख्या 50करोड़ से भी ज्यादा हो गयी है, आचार्य जी की अमृत वाणी और लोगो तक पहुंचे इसके लिए यथासम्भव सहयोग करे, धन्यवाद।।
Yar bhai 50 करोड़ ❌
5 करोड़ ✅
Phle maths 😂pdho Usk baad adhyatm
Phle maths pdho
5 caror
भाई जी को गणित पता होगा पर उनकी आचार्य श्री के प्रति और उनके चेनल के प्रति अति श्रृद्धा है जो 50 करोड़ होते ही अपना गणित सही मानेंगे और हमको भी मानना पड़ेगा वो अडिग है। धन्यवाद
"जिस दिन से इंसान चैतन्य हुआ है, उस दिन से उसने सत्य के बारे में बोलना शुरू कर दिया है।"
~ आचार्य प्रशांत, गीता सत्र पर , ०४ जनवरी
आचार्य जी की बातें सुन के अलग ऊर्जा का अहसास होता है। ❤❤
भारत का ये एक बड़ा दुर्भाग्य रहा है कि हमने भक्ति मार्ग को भाव मार्ग बना दिया।
-आचार्य प्रशांत
हमें अपने आप के खिलाप लड़ना होगा खुद को ही तोड़ना है, लडाई बाहर की और नहीं खुद के खिलाप लड़नी है, और ओ आवलोकन् से देखना चाहिए तो ham सही काम कर सकेंगे, 🙏🙏🍁🍁🍁🍁
जब भावना नही होती तो फिर प्रेम प्रकट होता है।जब तक भावना है तब तक प्रेम के लिए कोई स्थान नहीं।❤❤
तुम प्राप्ति की आकांक्षा ही छोड़ दो, तुम कह दो कि जिस रास्ते में चल रही हूं उस रास्ते में ही आनंद है ❤❤❤❤😇😇🕊
प्रणाम आचार्य जी 🙏🏾❤️
करना वो जो सही है, ना कि वो जो हमें सही लग रहा है।
विचार में चेतना का थोड़ा प्रकाश होता है, भावना में तो एकदम नहीं!~आचार्य श्री 💐🙏
हम इतने बेहोश लोग हैं जो बाहर तो भरपूर श्रम करते है और अपनी सारी ऊर्जा ,समय सब उस बाहरी श्रम में लगा देते हैं ,भीतर देखने की अब हमारे अंदर ना ताकत बची है और ना ही समय ,इसलिए हम चेतना से हम जैसे पैदा होते हैं वैसे ही मर जाते हैं
ईमानदार वो है जो वो करता है जो सही है,वो नहीं जो लग रहा सही है।👍
इंसान आप भावना से नहीं चेतना से बनते हो।
वो चीज़ होती है जो जानवरों के पास नहीं होती- बोध, समझ, understanding, realization.
-आचार्य प्रशांत
भावना में बहना छोड़ते जाना ही खुद पर जीत के लक्षण हैं जिनसे भावनाओ पे काबू पा लिया उसने स्वयं को जीत लिया और जिसने भी खुद को जीत लिया उसने संसार को जीत लिया समझो
ऐसा मनुष्य दूसरो की भावनाओ से बचने की समझ रखता है जिससे संसार भर के प्रपंच से खुद को व लोगो को बचा ले जाता है जो उसके संपर्क में होते हैं ऐसे लोगो को ही गीता समझ आने लगती है और जिसे गीता का ज्ञान सही सही होने लगता है वो संसार में विरला बन जाता है उसे हराना अब मुस्कील ही नहीं ना मुमकिन है
मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत सच्चाई होती है, और सच्चाई में जीने को ही धर्म कहते हैं।❤
🎉❤💯 ❤🎉
सब धरती कागज़ करूँ, लेखनी सब बनराय। सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय ॥
☝🏻संत कबीर
यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान।
शीश दिए जो गुरु मिले , तो भी सस्ता जान।।
~ संत कबीर
समझ और अहसास के बीच, मैं हमेशा समझ को चुनूंगा।✨👆🏻
भीतर के अचेतन तहखाने से आती हैं भावना, जब जान गए क्या सही है वही करना है ,चाहे उसमें कितना भी कष्ट उठाना पड़े, जो भावना से मुक्त हो गया अब उसके लिए आजादी सम्भव है 🙏
ईमानदार वो है जो वो करता है जो सही है, वो नहीं जो लग रहा सही है।
हमे अपने विचारो को , भावनाओ को,अपने कर्मो को देखना होता है ये वही है जिसे तोड़ना होता है।📖📚👉 (संघर्ष अपने विरुद्ध)☮️🛐
भावना का केंद्र एक होता है, मनुष्य और पशु दोनो में
वेदांत बोध ❤❤
भक्ति मार्ग माने प्रेम मार्ग, भाव मार्ग नहीं। भारत का ये एक बड़ा दुर्भाग्य रहा, हमने भक्ति मार्ग को भाव मार्ग बना दिया।
सच्चा नायक आत्मा की सुनता है भावना की नहीं - प्रणाम आचार्य जी 🙏
श्रम भरपूर करना है अपनी आंतरिक स्थिति को बदलने के लिए ,मैं जैसा हूँ ऐसे नहीं जीना है, अपनी भावनाओं, कामनाओं, विचार को देखना है और उन्हें तोड़ना है 🙏🙏
आप सब से अनुरोध है कि सिर्फ सुने नहीं जीवन में अपनाये भी❤
आचार्य जी आप की हर एक बात मुझे सच्चे अर्थ को समझाती है और दूरदृष्टी प्रदान करती है, आपकी प्रतिदिन वीडियो से मुझे बहुत अच्छा जीवन जीने का अर्थ समझ आया,
आचार्य जी के चरणों में मेरा प्रणाम, धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भावना मुझसे कुछ और कराना चाहती हैं,पर में फिर भी वो करूंगा जो सही है।❤❤
सावधान ! भावना मन के निहायती अंधियारे तहखानों से आती है विचार में तो फिर भी चेतना का थोड़ा बहुत प्रकाश होता है भावना में बिल्कुल भी नहीं होता -आचार्य श्री
"इंसान आप भावना से नहीं चेतना से बनते हो। भावना सुनामी की तरह आती है - चाहे वो क्रोध, ममता, आकर्षण, ईर्ष्या, मोह, वासना, भय हो - पता ही नहीं चलता कहाँ उठा के पटक दिया, उसके सामने खड़ा होना सीखो। यह है स्वयं को तोड़ना।"
Jb bhawna nahi hoti tab Prem ❤ prakat hota hai ❤🙏🙏🙏🙏🙏
Love you acharya prashant ji
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
आग आंच सहना सुगम, सुगम खड़ग की धार।
नेह निबाहन एक रस, महाकठिन व्यवहार।।
~ संत कबीर
Between understanding and feeling, I will always choose understanding.
*असली संघर्ष है, अपनी भावनाओं के खिलाफ।*
जब भावना नहीं होती तो फिर प्रेम प्रकट होता है। जब तक भावना है तब तक प्रेम के लिए कोई स्थान नहीं। प्रेम का संबंध चेतना की ऊंचाई से है , जब प्रेम होता है, मन समझने की ओर अग्रसर होता है।
जो सही है वो करो चाहे कितना भी कष्ट सहना पड़े आप को आंसू आ रहे हो लेकिन भावना में नहीं रहना, अपनी चेतना के माध्यम से चलो, अगर आप भावना में वह गए तो आप और पशु में कोई फर्क नहीं रह गया।
प्रणाम आचार्य जी ❤🙏
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤❤❤
चरण स्पर्श आचार्य जी 🌹💐
चरण स्पर्श, आचार्य जी। 🙇🏻🪔
Ap k jaisa guru mil jay na to koi b student asfal na ho apka sandesh jivan m parivartan lata h
शुभ प्रभात आचार्य जी ❤️💐
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤❤
No one in the world at present time like you acharya ji 🌹🙅🏻♂️@Raje0397🧎🏻♂️🧎🏻♂️🧎🏻♂️
खुद को तोड़ना मतलब ,अपने भावना के विरुद्ध जाने का संकल्प।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
सब धरती कागज करूं, लेखनी सब बनराय।
सात समुद्र की मसि करूं, गुरु गुण लिखा न जाय।।
~ संत कबीर
आवत गारी एक है, उलटत होय अनेक।
कह कबीर नही उलटिए, वही एक की एक।।
~ संत कबीर
भावना का केंद्र एक होता है मनुष्य में और पशु में। भीतर की जो पशुता है वही भावना बन कर प्रकट होती है।
jaygi❤❤❤❤❤❤❤❤❤
आचार्य जी ही देश को बचा सकते हैं
धन्यवाद आभार आचार्य जी 🙏🙏🌈
Sat sat pranam Sir 🙏🙏
भावनाएं हमारी पशुओ के केंद्र से पैदा होती हैं।
भाव के होते हुए भी हम वो करेंगे जो सही है आ जाये भाव की लहर हम बहेंगे नहीं विरोध करेंगे जान लगा कर स्वयं का🔥🔥🔥
सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद
आचार्य जी जिन स्त्रियों के बारे में इतना सोचते है आज वहीं उनकी सबसे बड़ी दुश्मन बनीं हुई है ।
Isliye he atmagyan jaruri hai
सादर प्रणाम आचार्य जी 🙏❤️
"जो सही है वो करना है न कि मुझे जो सही लग रहा है वो "
प्रणाम आचार्य श्री ❤।
नमन गुरुवर 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
उस इंसान से बचना जो अपनी भावनाओं पर चलता हो, अगर वो इंसान आप हो तो अपने आप से बचना। इंसान आप चेतना से बनते हो, भावना से नहीं।
ओम स्वामी जी 🙏
ॐ गुरुभ्यो नमः 🙏🙏🌈
Day 7 Namaste Acharya ji❤
Acharya jee pranam.aap mere liye bhagwan ho.
👉प्रेम प्रेम सब कोई कहे , प्रेम न चीन्हे कोय ।
जा मारग साहब मिले , प्रेम कहावे सोय ।।👉 ।।संत कबीर ।।
आपके भितर जाे पशुता हाेती है वहीं भावना बनके प्रकट हाेता है।
आचार्य जि 🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🇳🇵
भावना आपके भीतर की पवित्रता से नही, पाश्विकता से आती है।~आचार्य श्री 💐🙏
Thanks for this video ❤
सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण
ये हमारी परवरिश, हमारी शिक्षा और हमारी संस्कृति की बड़ी खोट है कि उसने हमें भावना और प्रेम में भेद करना नहीं सिखाया। ज़्यादातर लोग भावना को ही प्रेम समझ लेते हैं।
प्रेम बिल्कुल अलग बात है।
प्रेम का सम्बंध चेतना की ऊंचाई से है।
जब प्रेम होता है तो मन समझने की ओर अग्रसर होता है।
-आचार्य प्रशांत
🙏 आचार्य श्री 🙏
सादर प्रणाम आचार्य जी। 🙏
Dhanyvad parbhu❤
लोगों के सच्चे प्रतिनिधि आचार्य जी प्रणाम
🪔 गीता एक आग है जो अगर आपको एक बार पकड़ ले तो आपकी सारी कमज़ोरियों को राख कर देती है! ~AP❤
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प्रणाम आचार्य जी
প্ৰণাম আচাৰ্য 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भावना आपको गुलाम बनाती हैं
Aacharya ji aaj mai bahut बड़ी समस्या से निकल गई, aapke इन बातों को सुन कर
दिल से धन्यवाद आचार्या जी ❤🙏🏻🙏🏻🙏
Prnam Aacharya ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Safar khoobsurat hai manzil se bhi ❤
प्रणाम आचार्य जी 🙏
Love you Acharya ji 🙏🙏
Pranaam acharyaji 🙏
Jai Hind acharya ji
Absolutely right ❤
सच्चा नायक आत्मा की सुनता है भावना की नहीं ~ आचार्य प्रशांत जी ❤️🙏
Jay ho 🙏🧘🧘