इडा पिंगला सुषुम्ना नाड़ी ज्ञान। Sushumna nadi kaise jagrit kare। सुषुम्ना नाड़ी का रहस्य। Nadi yog।
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- เผยแพร่เมื่อ 11 ก.ย. 2024
- Sushumna kriya meditation। इडा पिंगला सुषुम्ना नाड़ी ज्ञान। Sushumna nadi kaise jagrit kare। सुषुम्ना नाड़ी का रहस्य। Nadi yog।
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Dhanyawad 🙏🙏🙏🙏
Thank you 😊 💓 ☺ 💗 💛 💖 😊 ❤❤🎉🎉🎉
Ravi ji apki video ke liy bahut wait karna parta hai..plz jadi video dala kariy it's humble request 😊
Pranam aapki video bahut acchi Lagti Hai sunane Mein Kafi Achcha samjhate Ho
प्रणाम गुरुजी
Pranam guru ji
Very useful informative programmes
Dhanyawad guruji❤
You are great sir
Namaskar from
Kathmandu, Nepal
Very good and great information to activate sushmnanadi
Subscribed and liked😂
Pranam
left taraf sone se right or right taraf sone se left nadi jagar hoti hai kya ye sahi hai ??? yaa fir iske ulte karse se sahi hoga....
💐🙏
🙏🙏
🙏👏❤️💐
Meri to hamesha shushuma nadi chalti hai to use kaise badle guruji kripya upay bataye 🙏🇮🇳🙏
Devi devta ki sawari isko direct khol deti hai
Guru ji kamjori ko kaise dooor ker sakte hai
प्राणायाम के अभ्यास के द्वारा।
Mera Namaskar sweekar karen, aap ke jaankari mujhe hamesha meri madat kerti hai, mujhe aapse ek sawal hai ki mein jab bhi dhyan mein baithti hoon tou 95+ percentage meri gardan right side ko hi jhukti hai aisa kyun hai aur ise thik kis tarah se karen , please mera margdarshan karen, dhanyawad 🙏
Guru ji energetic kaise rahe ya kaise rakkhe khud ko jab family members hi Narcissist peoples hai hamare ird gird log,, apne aap ko kaise aise logo se family ya society me defence karein jo self esteem ko gidh ki tarah khokla kerte rehte hai
अगर आपके आसपास आपके किसी पारिवारिक सदस्य से आपको नकरात्मक ऊर्जा मिल रहीं हैं तो इसके लिए बेहतर तो यही है की आप उनकी नकारात्मकता को अपने प्रेम से जितने की कोशिश करे और उनका हृदय परिवर्तन कर दे ताकि उनकी नकरात्मक ऊर्जा आपके प्रति सकरात्मक हो जाये।
अथवा यदि स्थिति ज्यादा ही मुश्किल हो और आप केवल अपने आप को किसी से भी यदि बच के रहना चाहते हैं तो कुछ उपाय करे।
जब भी आप ध्यान का आरंभ या समापन करे तब थोड़ी देर के लिये अपने ईष्ट से प्राथ्ना करे की आपके चारों और एक सुरक्षात्मक आभामंडल बन जाये जो हमेशा आपकी बाहरी नकरात्मक्ताओ से आपकी रक्षा करे । आप जब भी ऐसे प्राथन करे तब अपनी भावशक्ती से ऐसा ही चित्रण अपने मन की आँखो से अपने चारों और एक चमकीले सफेद वलय के रूप मे देखे भी । आपकी श्रदा से, आपके विश्वास से, आपके तप बल से आपका सुरक्षा चक्र ऐसे आकर ले लेगा व हमेशा आपकी रक्षा करता करेगा ।
Apk vidio ka hamesa intajar rahata h
Mai bahut samay se Jaap kr rahi hun pr mujhe anubhav hi nahi ho raha mai sahi disha me hun ya nahi?
इसके कई कारण हो सकते है, पहला कारण ये हो सकता है की जाप या ध्यान के प्रभाव से जो प्राण ऊर्जा आपमे संग्रहित होती है वह कही लीक हो रहीं है या खो रहीं है, ऊर्जा के खोने के कई कारण हो सकते है जैसे जीवन मे कोई स्ट्रेस, तनाव, चिंता या कोई भी नकारात्मक विचार या भाव का प्रवेश कर जाना अथवा किसी नकारात्मक ऊर्जा युक्त व्यक्ति से ज्यादा नजदीक जाने के कारण उसकी नकारात्मकता को अपने मे ग्रहण कर लेना आदि।
एक अन्य कारण य़ह भी हो सकता है की आपके मन मे कामना आ गई है की मुझे अनुभव हो, और इच्छा या कामना आने का अर्थ है मन का आगे आ जाना जबकी ध्यान तब लगता है या कोई अनुभूति तब होती है जब हम मन से दूर निकल जाये, विचारों से दूर हो जाये, लेकीन इच्छा करने से मन सक्रिय हो जाता है और आगे बढ़ने मे रूकावट करता है । इसलिये सब से पहले तो ये दिमाग से ही निकल दे की कोई अनुभव हो ।
और इसका एक मतलब य़ह भी हो सकता है की आप ध्यान मे बिल्कुल सही जा रहे हैं, शुरू मे एक समय तक विभिन्न प्रकार के अनुभव होते हैं और वो इसलिए होते हैं क्युकी सूक्ष्म शरीर की नाड़ियों मे प्राण ऊर्जा प्रवाहित होती हैं और नए मार्ग खोलती है, लेकिन एक समय के बाद जब प्राण ऊर्जा के मार्ग खुल जाते हैं तो ऊर्जा समान्य रूप से आवागमन करने लगती है तब फिर वो अनुभव जो पहले हो रहे थे वे अनुभव होने कम हो जाते है या बिल्कुल बंद हो जाते है, लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं हैं की ध्यान गलत हो रहा है या कोई कमी आ गई है, इसके विपरीत आपको य़ह सोचना चाहिए की आप सेकंड स्टेज मे आगे बढ़ चुके हैं जहा पर शुरुआती अनुभवों का काम पूरा हो चुका है।
अब आपको दूसरे तरह के अनुभव या परिवर्तन आयेगे, जैसे कि आप पहले से ज्यादा शांत, सौम्य व प्रेम पूर्ण हो जायेगे, आपमे बुद्धिमता बढ़ेगी, आपमे अवेयरनेस बढ़ेगी आदि ।
ध्यान का जगत अपने आप मे बहुत व्याप्त है जो किसी एक विशेष प्रकार के अनुभव के होने या ना होने पर सीमित नहीं किया जा सकता।
ध्यान जगत मे हालांकि कुछ अनुभव सबके आपस मे मिलते जुलते व सामान्य होते है लेकिन बहुत से भिन्न भिन्न प्रकार के अनुभव ऐसे भी होते है जो एक को होते है और दूसरे को नहीं होते।
हमारा सूक्ष्म शरीर कभी कम्पन के द्वारा, कभी तरंगों के द्वारा, कभी झटकों के द्वारा, कभी शांति व आनंद के द्वारा तो कभी दिव्य प्रकाश के रूप मे अपनी अनुभूति कराता है, कभी कोई अनुभूति पहले होती है और कोई बाद मे और कोई अनुभूति अगर नहीं भी होतो तो भी इसकी कोई हानि या अनिवार्यता नहीं है।
अतः हमारा ध्येय जाप या ध्यान का अभ्यास है बस वो हम करते रहे। अनुभूतियां तो द्वितीय है ।
अतः अपनी साधना जारी रखे, उचित समय अनुसार आपको इसका लाभ अवश्य मिलेगा, बस कामना रहित होकर ध्यान करे ।
Thanks 🙏🙏
Kya aap classes lete hn? Please jawab jaroor de 🙏
Filhal online classes nahi le rahy hai
Thanks 🙏🙏
🙏🙏 kya aap offline cclasses lete hn please bataye. Thanks 🙏🙏
यही तो मेरा प्रॉब्लम है मेरी नाक की हड्डी टेढ़ी है मेरा एक नाक का छेद हमेशा बैंड रहता है बचपन मे एक्सीडेंट हुआ था इस नाक की वजह से मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई है एक बार ऑपरेशन करवाया था डॉक्टर ने सही से नही किया मेने घर वालो को बताया वो बोलते है तुम्हारा सब यही है अब दुबारा नही करवाएंगे ओर मुझे आजभी बहुत परेशानी होती हैं में रात भर सो नही पता इसकी वजह से ओर दिनभर सुस्ती रहती है 😢😢😢 मेरी जिंदगी बर्बाद हो गयी है
Jal neti karo anulom vilom karo nasya karm karo
Raw food ka sevan karne se thik ho jayega
Guruji maine ek kitab padi thi purpose of life and birth by tavaria ji kya apko iss bare main jaankari hai merko kuch baten samjh nhi ari aap hee help kar sakte hain, meri zindagi or koi yogi nhi hai please help kijiye 🙏🏽
सर् जी में आज्ञाचक्र का ध्यान करता हु अबी मुझे माथे में चक्रर आते है और उल्टी जसा लगता है जैसे कोई चीज पेट से माथे की तरफ जाती हे
कोई खतरा तो नही
अगर ध्यान या ध्यान के बाद आपको चक्कर जैसा महसूस होता है तो इसका एक कारण ये हो सकता है की आप अत्यधिक एकाग्रता व तनावपूर्ण होकर ध्यान करने का प्रयास कर रहे है । स्मरण रहे की जब हम ध्यान करते है उस समय हमारा शरीर विश्राम की मुद्रा मे होना चाहिए और चेहरे की सभी मास्पेशिया खासकर माथा ढीला रखना चाहिये, होठों व दाँत की पंक्तियों को व जीभ को भी शिथिल रखे, आँखो को कसकर बंद मत करे बस कमर भर सीधी रखे । जब आप तनावरहित होकर बैठेगे तो दबाव नही होगा और कोई अनावश्यक साइड इफेक्ट भी नही होगा ।
और कई बार मस्तिष्क मे ऊर्जा का प्रवाह एकदम से बढ़ जाने के कारण भी चक्कर आना या सिर दर्द हो जाता है जोकि थोड़ी देर मे ठीक भी हो जाता है।
तो आप ध्यान जारी रखे लेकिन ज्यादा जोर लगाकर नहीं करे।
Pranam guruji...
Mere ek saval ki muje sapne bahot hi aate hai agar 10 min ke liye bhi soti hu to sapne aate hai
To muje janna tha ki esa kyo hota hai, Ye accha hai ya bura
Dhaynyvad...
Sir mera hmesha baya swar hi chlta ... din me bhut bar check krti hu ... dahin aswar to bhut hi km mhsus hota h ... aisa q ...
I want to buy swar vignayan book
Can u advise me
Pranam guru ji