हमारा भारत आगे बड़े सुंदर बने, सभी लोग शिक्षा ग्रहण करे, मिलजुल कर रहें, काम कोई छोटा नही होता बल्की हर काम से देश चलता है ये समझे। सभी करप्ट लोग ईमानदारी से पैसा कमाए क्योंकि मेहनत का पैसा ही फलता है। हमारा देश और ज़्यादा डिजिटल बने यही कामना है ताकी काम आसान हो। लोग पेड़ पौधों का महत्व समझे और ज़्यादा से ज़्यादा वृक्ष लगाए, सभी लोग बड़ों की इज्ज़त करे, पैसे का सुंदरता का घमंड ना करे यही संदेश है गोपाल जी सभी को
Sir जो ये हर साल अप्पर शिमला में तापमान बड़ता जा रहा है, ना बारिश सही से होती है ना बर्फ़, बेवक्त मौसम बरसता है, सेब बागवानी को भी खतरा है इस पर आपके क्या विचार है लोगों को क्या करना चाहिए, और सरकार और न्यायलय को क्या करना चाहिए। बाकी गणतंत्र दिवस की आपको और आपके परिवार को बधाई आशा है हमारा देश आगे बड़े और डिजिटल हो नई नई टेक्नोलॉजी आए हर फील्ड में, करप्शन खत्म हो, आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण सही रहें यही कामना है
नेचर के साथ छेड़छाड़ के परिणाम कभी न कभी भुगतने पड़ते हैं। एक वक्त था जब अप्पर शिमला के हर जंगल में बेरोकटोक कुल्हाड़ी और आरी चलाई गई। पेड़ कटुए धन्ना सेठ होते गए। उन में से अधिकांश जंगल लुटेरे तो इस दुनिया से अलविदा हो चुके हैं। मगर कुछ अभी जीवित है। इन्होंने अंधाधुंध पेड़ कटान कर खूब रोकड़ा कूटा है। परिणामस्वरूप पर्यावरण संतुलन बिगड़ता गया। जिन इलाकों में वनों की अत्यधिक संघनता के कारण बेशुमार नमी रहती थी और बिन बादल भी वर्षा की बूंदें टपकती थी। आज वनों में पेड़ों की कमी होने से आर्द्रता नहीं बन पा रही हैं। यही तो वजह है कि बादल बिन बरसे चले जाते हैं। इंक्रोचमेंट भी वनों के कटान का एक मुख्य कारण रहा है। इस न्यायालय संज्ञान तो ठीक ले रहा है लेकिन इंक्रोचमेंट वेकेट करने के मापदण्ड सही नहीं है। बढ़ती आबादी और बढ़ती बेरोजगारी के चलते हर किसान को पांच बीघा भूमि मलकीत के साथ कनेक्ट भूमि को रेगुलर कर किसानों के नाम कर देना चाहिए। शेष बची हुई हजारों बीघा भूमि सरकार को वापस लौटा देने की मुहिम तेज करनी चाहिए। अभी तो गरीबों और कम इंक्रोचमेंट वालों पर ही लाठी चलाई जा रही है। जो असली कटुए है न्यायालय उन तक अभी अपनी पहुंच नहीं बना पाया है। इस काम को अमलीजामा पहनाने के लिए रेवेन्यू विभाग और वन विभाग को मौका पर फैसला करने की शक्ति दी जानी चाहिए। अगर करप्शन का मामला सामने आया तो उसे सीधा सलाखों के पीछे भेजा जाना चाहिए। कड़े कदम उठाने से ही कुछ फलसफा हाथ लग सकता है। आप द्वारा संप्रेषित सराहनीय कमेंट करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद 😊😊
@@gopaldilaik3744 Very true आने वाली पीढ़ियों के लिए नर्क ना बने इसके लिए जंगलों को बचाना बहुत ज़रूरी है, वरना शिमला जिसे लोग स्वर्ग कहते हैं वहां भी गर्मी से दम घुटने लगेगा, सभी को ज़्यादा से ज़्यादा जंगली वृक्ष लगाने चाहिए, रोड़ों के इर्द गिर्द भी वृक्ष लगने चाहिए पीडब्ल्यूडी विभाग को ये काम भी करने चाहिए, पहाड़ो में तो इसे एक्सीडेंट भी प्रोटेक्ट होंगे।
गोपाल जी शिमला में जो एनक्रोचमेंट का कार्य हो रहा है बेहद सराहनीय है लेकिन पहले डिमार्केशन होनी चाहिए लोगों को तीन महीने पहले नोटिस दिए जाए और शुरुआत बड़े कब्जाधारियों से की जाए। जिनके पास ज़मीन नही है सरकार उन्हे दो से तीन बीघा ज़मीन ज़रूर दे। सरकारी भूमी पर जंगली वृक्ष लगाए जाए और सरकारी भूमी भविष्य में कभी भी सरकारी काम के उपयोग में आ सकती हैं। आज पर्यावरण को लेकर शिमला वालों को ज़रूर सोचना होगा ये पर्यावरण से जुडा मुद्दा भी है। आपका क्या कहना है इस पर
आपका बुद्धिवादी चिंतन बहुत सराहनीय है। हम आपके विचारों से हूबहू सहमत हैं । मगर इंक्रोचमेंट वेकेट करने में न्याय नहीं हो रहा है। जिन्होंने सैकड़ों बीघा भूमि पर कब्जा किया हुआ है उनका कुछ नहीं हो रहा है। छोटे छोटे कब्जाधारियों पर मार पड़ रही है। जुडिशरी में भी बुद्धिजीवी न्यायाधीशों का होना जरूरी है जब इस मामले में जुडिशरी दखल दे ही रही है तो उसे भी कुछ मापदंड तय कर निर्देश जारी करने चाहिए। यह तो साफ होना चाहिए कि बढ़ती आबादी और बढ़ती बेरोजगारी के साथ पांच बीघा भूमि पर भूमि मालिकों के सरकारी भूमि पर कब्जा को यथावत रेगुलराइज कर लेना चाहिए । अगर सरकार या न्यायालय शेष बची भूमि से भी कब्जा उठा ले तो की हजारों बीघा भूमि सरकार को वापस लौट सकतीं हैं। आपके कॉमेंट सदैव सराहनीय और जनहित में रहते हैं। आपका हार्दिक धन्यवाद 😊😊
@gopaldilaik3744 बिल्कुल गोपाल जी कई एरिया ऐसे है जहां लोगों ने जंगल साफ कर दिए हजारों बीघा में खेती है जहां जंगलों की शुद्ध हवा होनी चाहिए वहां फंगिसाइड,पेस्टिसाइड उड़ रहा है। आज बारिश बर्फ वक्त से नही होती, तापमान हर साल बड़ता जा रहा है, अगर ऐसा ही रहा तो शिमला, ऊना कांगड़ा बन जाएगा और सेब देखने कश्मीर जाना पड़ेगा। स्टेप बाय स्टेप काम हो ओर शुरुआत बड़े कब्जाधारियों से हो। लोगों को नोटिस जारी किया जाए की सरकारी ज़मीन छोड़ दे वरना जेल होगी ताकी बड़े कब्जाधारी खुद छोड़ दे बाकी पांच बीघा ज़मीन मिलनी चाहिए ये बात आपकी बिल्कुल सही है
@gopaldilaik3744 माननीय न्यायलय का पैसा सराहनीय है लेकिन काम सही से नही हो रहा स्टेप बाय स्टेप काम होना चाहिए और शुरुआत बड़े कब्जाधारियों से होनी चाहिए।
Fantastic video 🎉
Thanks for the appreciation 😊😊
Apne is vlog ko bahut achha use kiya din ke liye❤❤❤
Really, thank you so much 😊😊
Jai hind
Happy Republic day
Jai Hind 🇮🇳 🇮🇳 ❤❤
जय हिन्द
🙏🙏jai hind
mera bharat mahaan
जय हिन्द
Jai Hind jai Bharat
जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳
Woww 🥰 aap ka beti rubina Didi ka big fan hu Nepal se 🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵
Wah!!
Thanks being big fan of
princess Rubina 😊😊
भारत तो सोने की चिड़िया है मेरा भारत महान 76वे गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई सभी देशवासियों को🙏🙏🙏
आपने सही कहा, शुभकामनाएं संप्रेषित करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद 😊😊
Very nice information uncle ji👌
Happy republic day 🇨🇮
Thank you for your appreciation😊😊
जय हिन्द सर
जय हिन्द
Jai Bharat 🙏
Jai jai
Aapne bahut achhi speech k sath ye video post Kiya hai.. Thankyou so much uncle ji 🙏🙏🙏 Happy Republic Day 🇮🇳🫡
शानदार मूल्यांकन के साथ सराहनीय कमेंट करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद 😊😊
Nice
Thanks
nice
Thanks
Uncle ji please sunday sure Bachoo ke birthday vlog upload kardijiye na
हमारा भारत आगे बड़े सुंदर बने, सभी लोग शिक्षा ग्रहण करे, मिलजुल कर रहें, काम कोई छोटा नही होता बल्की हर काम से देश चलता है ये समझे। सभी करप्ट लोग ईमानदारी से पैसा कमाए क्योंकि मेहनत का पैसा ही फलता है। हमारा देश और ज़्यादा डिजिटल बने यही कामना है ताकी काम आसान हो। लोग पेड़ पौधों का महत्व समझे और ज़्यादा से ज़्यादा वृक्ष लगाए, सभी लोग बड़ों की इज्ज़त करे, पैसे का सुंदरता का घमंड ना करे यही संदेश है गोपाल जी सभी को
बहुत शानदार सुझाव और संदेश संप्रेषित करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद 😊😊
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳❤❤🎉🎉🎉
🇮🇳😊😊😊🇮🇳
Sir जो ये हर साल अप्पर शिमला में तापमान बड़ता जा रहा है, ना बारिश सही से होती है ना बर्फ़, बेवक्त मौसम बरसता है, सेब बागवानी को भी खतरा है इस पर आपके क्या विचार है लोगों को क्या करना चाहिए, और सरकार और न्यायलय को क्या करना चाहिए। बाकी गणतंत्र दिवस की आपको और आपके परिवार को बधाई आशा है हमारा देश आगे बड़े और डिजिटल हो नई नई टेक्नोलॉजी आए हर फील्ड में, करप्शन खत्म हो, आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण सही रहें यही कामना है
नेचर के साथ छेड़छाड़ के परिणाम कभी न कभी भुगतने पड़ते हैं। एक वक्त था जब अप्पर शिमला के हर जंगल में बेरोकटोक कुल्हाड़ी और आरी चलाई गई। पेड़ कटुए धन्ना सेठ होते गए। उन में से अधिकांश जंगल लुटेरे तो इस दुनिया से अलविदा हो चुके हैं। मगर कुछ अभी जीवित है। इन्होंने अंधाधुंध पेड़ कटान कर खूब रोकड़ा कूटा है। परिणामस्वरूप पर्यावरण संतुलन बिगड़ता गया। जिन इलाकों में वनों की अत्यधिक संघनता के कारण बेशुमार नमी रहती थी और बिन बादल भी वर्षा की बूंदें टपकती थी। आज वनों में पेड़ों की कमी होने से आर्द्रता नहीं बन पा रही हैं। यही तो वजह है कि बादल बिन बरसे चले जाते हैं।
इंक्रोचमेंट भी वनों के कटान का एक मुख्य कारण रहा है। इस न्यायालय संज्ञान तो ठीक ले रहा है लेकिन इंक्रोचमेंट वेकेट करने के मापदण्ड सही नहीं है। बढ़ती आबादी और बढ़ती बेरोजगारी के चलते हर किसान को पांच बीघा भूमि मलकीत के साथ कनेक्ट भूमि को रेगुलर कर किसानों के नाम कर देना चाहिए।
शेष बची हुई हजारों बीघा भूमि सरकार को वापस लौटा देने की मुहिम तेज करनी चाहिए। अभी तो गरीबों और कम इंक्रोचमेंट वालों पर ही लाठी चलाई जा रही है। जो असली कटुए है न्यायालय उन तक अभी अपनी पहुंच नहीं बना पाया है। इस काम को अमलीजामा पहनाने के लिए रेवेन्यू विभाग और वन विभाग को मौका पर फैसला करने की शक्ति दी जानी चाहिए। अगर करप्शन का मामला सामने आया तो उसे सीधा सलाखों के पीछे भेजा जाना चाहिए।
कड़े कदम उठाने से ही कुछ फलसफा हाथ लग सकता है।
आप द्वारा संप्रेषित सराहनीय कमेंट करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद 😊😊
@@gopaldilaik3744 Very true आने वाली पीढ़ियों के लिए नर्क ना बने इसके लिए जंगलों को बचाना बहुत ज़रूरी है, वरना शिमला जिसे लोग स्वर्ग कहते हैं वहां भी गर्मी से दम घुटने लगेगा, सभी को ज़्यादा से ज़्यादा जंगली वृक्ष लगाने चाहिए, रोड़ों के इर्द गिर्द भी वृक्ष लगने चाहिए पीडब्ल्यूडी विभाग को ये काम भी करने चाहिए, पहाड़ो में तो इसे एक्सीडेंट भी प्रोटेक्ट होंगे।
Jai Hind ❤❤
जय हिन्द
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🎉🎉🎉🫡🙏🏿🙏🏿
🇮🇳🇮🇳😊😊
2.30 wrong information sir...Sir pakistan k stadium me b full josh aur jazba hota h
अच्छा जी
गोपाल जी शिमला में जो एनक्रोचमेंट का कार्य हो रहा है बेहद सराहनीय है लेकिन पहले डिमार्केशन होनी चाहिए लोगों को तीन महीने पहले नोटिस दिए जाए और शुरुआत बड़े कब्जाधारियों से की जाए। जिनके पास ज़मीन नही है सरकार उन्हे दो से तीन बीघा ज़मीन ज़रूर दे। सरकारी भूमी पर जंगली वृक्ष लगाए जाए और सरकारी भूमी भविष्य में कभी भी सरकारी काम के उपयोग में आ सकती हैं। आज पर्यावरण को लेकर शिमला वालों को ज़रूर सोचना होगा ये पर्यावरण से जुडा मुद्दा भी है। आपका क्या कहना है इस पर
आपका बुद्धिवादी चिंतन बहुत सराहनीय है। हम आपके विचारों से हूबहू सहमत हैं ।
मगर इंक्रोचमेंट वेकेट करने में न्याय नहीं हो रहा है। जिन्होंने सैकड़ों बीघा भूमि पर कब्जा किया हुआ है उनका कुछ नहीं हो रहा है। छोटे छोटे कब्जाधारियों पर मार पड़ रही है।
जुडिशरी में भी बुद्धिजीवी न्यायाधीशों का होना जरूरी है जब इस मामले में जुडिशरी दखल दे ही रही है तो उसे भी कुछ मापदंड तय कर निर्देश जारी करने चाहिए।
यह तो साफ होना चाहिए कि बढ़ती आबादी और बढ़ती बेरोजगारी के साथ पांच बीघा भूमि पर भूमि मालिकों के सरकारी भूमि पर कब्जा को यथावत रेगुलराइज कर लेना चाहिए । अगर सरकार या न्यायालय शेष बची भूमि से भी कब्जा उठा ले तो की हजारों बीघा भूमि सरकार को वापस लौट सकतीं हैं।
आपके कॉमेंट सदैव सराहनीय और जनहित में रहते हैं। आपका हार्दिक धन्यवाद 😊😊
@gopaldilaik3744 बिल्कुल गोपाल जी कई एरिया ऐसे है जहां लोगों ने जंगल साफ कर दिए हजारों बीघा में खेती है जहां जंगलों की शुद्ध हवा होनी चाहिए वहां फंगिसाइड,पेस्टिसाइड उड़ रहा है। आज बारिश बर्फ वक्त से नही होती, तापमान हर साल बड़ता जा रहा है, अगर ऐसा ही रहा तो शिमला, ऊना कांगड़ा बन जाएगा और सेब देखने कश्मीर जाना पड़ेगा। स्टेप बाय स्टेप काम हो ओर शुरुआत बड़े कब्जाधारियों से हो। लोगों को नोटिस जारी किया जाए की सरकारी ज़मीन छोड़ दे वरना जेल होगी ताकी बड़े कब्जाधारी खुद छोड़ दे बाकी पांच बीघा ज़मीन मिलनी चाहिए ये बात आपकी बिल्कुल सही है
@gopaldilaik3744 माननीय न्यायलय का पैसा सराहनीय है लेकिन काम सही से नही हो रहा स्टेप बाय स्टेप काम होना चाहिए और शुरुआत बड़े कब्जाधारियों से होनी चाहिए।
Jai Hind
जय हिन्द 🇮🇳