असली रण अपने विरुद्ध है || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)
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- เผยแพร่เมื่อ 4 ต.ค. 2024
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वीडियो जानकारी: शब्दयोग संवाद, 16.11.14, अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा, भारत
प्रसंग:
~ "जूझे सदा हुजूर" से क्या आशय है?
~ रण का क्या अर्थ है?
~ शांति कहाँ है?
संगीत: मिलिंद दाते
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दोहा:
कबीर रण में आइ के, पीछे रहे न सूर|
साईं के सन्मुख रहे, जूझे सदा हुजूर||
~ गुरु कबीर
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दुनिया कुछ नहीं है, दुनिया कुरुक्षेत्र ही है। धर्मक्षेत्र, कुरुक्षेत्र! बस इतना ही है कि कुछ कृष्ण की तरफ खड़े है, और कुछ कृष्ण के विरुद्ध।
विश्राम और शांति तक पहुंचने में हजारों बाधाएं हैं, जिनमें से केंद्रीय बाधा तुम खुद हो, रण का अर्थ ही है:- अपने विरुद्ध खड़ा हो जाना
~आचार्य प्रशांत👏
लड़ने से बचने का कोई उपाय नही है। अशांति मेरे अंदर है। तब भागकर कैसे शांत हो जायेंगे।
कबीर का सूरमा वो है जिसने सच्ची लडा़ई लड़नी सीख ली हैं!!
लड़ना तो पड़ेगा तुम लड़ो पर देख के लड़ो की वास्तव मे किसके विरुद्ध खड़े हो..
कबीर का सूरमा जब लड़ने जाता है तो वह अपना सर काट के जाता है
तुम अपने लिए लड़ते हो पर कबीर का सूरमा अजीब हैं पता नही किसके लिये लड़ने जाता है!!
*‘विश्राम’ और ‘शांति’ सिर्फ़ बात करने के लिए नहीं हैं, उन तक पहुँचना होता है, उनकी चर्चा नहीं करनी होती। और उन तक पहुँचने के मार्ग में हज़ारों बाधाएं हैं, जिन में केंद्रीय बाधा तुम स्वयं हो।*
-आचार्य जी
कबीर का सूरमा अपने विरुद्ध लड़ता हैं अपने को मिटाता है तभी तो राम को पाता हैं खेल सारा मिटाने का हैं
*जब लड़ना है ही, तो क्यों न कोई सार्थक लड़ाई लड़ें?*
*अरे जूझ तो तुम भी रहे हो, जूझ तुम्हारा पड़ोसी भी रहा है, जूझ तो सकल संसार रहा है। जब जूझना है ही तो क्यों न कोई सार्थक लड़ाई लड़ें?*
-आचार्य जी
"रण का अर्थ ही है अपने विरुद्ध खड़े हो जाना"
जब लड़ना ही है तो कृष्ण के पक्ष होकर लड़ें।
अध्यात्म में तो परम संग्राम है।
🙏🙏सत्य सूरमाओं के लिये है।परम पलायन से नहीं मिलता।
*दुनिया कुछ नहीं है, दुनिया कुरुक्षेत्र ही है। धर्मक्षेत्र, कुरुक्षेत्र! बस इतना ही है कि कुछ कृष्ण की तरफ खड़े है, और कुछ कृष्ण के विरुद्ध।*
-आचार्य जी
तुम्हारे और संती के बीच में सिर्फ तुम खड़े हो ❤️❤️🙏🙏🙏
आपको सुनने के बाद एक अलग ही ऊर्जा उठती है 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
असली रण अपने विरुद्ध है।
~ आचार्य जी।
🌼🌼
दुसरा है ही कहां? जो कुछ दुसरा दिखाई पड़ता है वो मेरे भीतर कि छाया हि तो है। कोई छाया से लडता है भला? कबीर का सुरमा खुद को मिटाता है।
प्रणाम आचार्य जी 🙏
कबीर का सूरमा✨❤
धन्यवाद आचार्य जी
THANKS A MILLION.....
Right 👍 acharya ji 🚩🙏❤
AP❣️🔥
आभार आचार्य जी 💕🙏❤
Charan Sparsh Gurudev bahut hi acchi baat kahi ladna,,To Hai hi Chahe Duniya Se Lado chai Khud Se Lado
नमन, आचार्य जी🙏😇🙏
खेल सारा मिटाने का है...🔥
नमन आचार्य जी 🙏🌷🙏
Always great
आचार्य जी❤🌟🙏
आचार्य जी को प्रणाम
आपको कोटि कोटि प्रणाम कृष्ण जी 🙏🙏🌈
11:00
बात समझ आती है कि हमें अपनी गलत दृष्टिकणों से लड़ना ही है चाहते हुए या अनचाहे क्यों ना अपने को अपनी सही दृष्टिकोण के साथ रह कर खुद को सही और गलत से बाहर निकाल सके।।
Love you acharya ji ❤
Play through pain
Sant kabir ji ke charno me sat sat naman ❤❤
Riya 🙏🙏🙏💐
धन्यवाद आचार्य जी। ❣️❣️🙏🙏
NAMAN...NAMAN...NAMAN...
🌼 गुरु कबीर 🙏 आचार्य जी
vastvikta....bilkul...🙏🙏
Praman guru ji
माया से लड़ने वाला ही शूर है।
He sadhu bacha lo hame❤❤❤❤ लव यू
जब कुरुक्षेत्र है ही, तो क्यों न कृष्ण के पक्ष में खड़े होकर लड़ें? क्यों न धर्म युद्ध लड़ें?
Very very truthful and heart touching discourse,thanksto real master.
Special thanks guruji pranam
🙏🙏🌷🌹 धन्यवाद आचार्य जी
🙏🙏
नमन गुरुवर..
Pranaam Acharya ji
Dhanyavaad !
Sara khel mitne ka hai...🙏🙏
आपका, व्यक्तित्व अदभुत है, नमन! 🙏
- विश्राम और शांति तक पहुंचना होता है।
- बाधाए हम खुद होते है शांति और विश्राम तक न पहुंचने में।
- हम जैसे है वैसे नही पहुंच सकते शांति तक उसके लिए जुझान पड़ता है।
- रण का अर्थ है अपने विरुद्ध खड़े होना।
- संग्राम में हम होते ही है पर पता नही होता किसके विरुद्ध लड़ना है।
- संग्राम यानी खतरा है उससे लड़ना है।
- यहां हर कोई युद्धरत है।
- कबीर का सुरमा वो है जो कृष्ण के साथ खड़ा है।
- हमारी लड़ाई खुदको बचाने के लिए होता है।
हम अपना सर बचके लड़ते है अपने लिए।
- कबीर का सुरमा पहले अपना सर कटा लेता है फिर लड़ने जाता है। अपने विरूद्ध।
- संसार की लड़ाई संसार के विरुद्ध नहीं अपने विरुद्ध लड़ी जाती है क्योंकि संसार हममें होता है।
- धर्म युद्ध लड़ना है।
- जो अपने लिए लड़ता है वो खुदको सुरक्षा देता है।
- दुश्मन बाहर नही भीतर है।
- सुरमा वही है जो माया को माया जाने।
- जो अपने को मिटाता जाता है उसे ही महावीर माना जाता है।
- जो अपने को मिटाता है, अपने विरुद्ध लड़ता है वही राम को पाता है।
- जो युद्ध से भागता है वो शांति से भागता है।
- जहा संग्राम नही वहा राम नही।
- सत्य सुरमा के लिए है। परम पलायन से नही मिलता है।
सत्य सूरमा के लिये है परम पलायन से नही मिलता. न दैन्यं न पलायनम्
धन्यवाद
परम का भरोसा चाहिये इस लडा़ई में लड़ने के लिए
उसी के भरोसे उसी तक पहुँचने के लिए लडी जाती है उसी तक पहुँचना शांति है
Naman
Right
नमन आचार्य जी
Koti koti pranam hai apko acharay prashant ji
Naman🙏
Guru ji pranam
कोटि कोटि प्रणाम आपके श्रीचरणों मे ,आपNअपना व अपने का वास्तविक अर्थ समझ पाने पर ही वास्तविक राम में रमण होने लगता है।।आराम शब्द भी सच्ची विश्रांति सत्य में टिकने पर ही मिलती ही है।
माया छाया एक सी बिरला जाने कोई।
❤हार्दिक आभार आपका।
❤
श्री गुरुवे नमः
अपना होना ही युद्ध है । तुम तो लडो पर अपने काे मिटाने के लिए लडो।
Shorts: 04:15 -05:45
धन्यवाद!
तुम्हारे और शांति के बीच मे मात्र तुम खड़े हो ।
❤❤❤🙏🙏🙏
❤❤❤❤❤😊
प्रणाम आचार्य जी
Special thanks
Please share
😊
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
धन्यवाद💐
Naman Acharya ji
Aapke vachan Satya Vachan!
00:00
🙏🌸
❣️❣️❣️
Shorts 10 : 11 .
Ram ke liye kaise lade
सार्थक लडा़ई लड़े कृष्ण के पक्ष मे
Jo hai vah dikhai nahi deta gutgut ke mar rahe jal rahe meri bhi yahi aavastha hai Aachryaji mera khad ka Darm yudda hai bahut hi bechain hu Aandar ka yadda gayal kar raha aapake pravachan ka kucha ho joy mitti ke aandar man buddi ka galat niranay ki vajah se chal raha aahm bhi nahi rok patakya karu chamtkar to koi nahi hoga yah darm yadda hai
Soora so pehchanye jo lade DEEN ke hait yahan DEEN ka kya matlab hai ji 🙏🙏
राकेश जी ,
दीन का अर्थ है धर्म , सत्य । सूरमा वही है जो सत्य के लिए संघर्ष करता है।
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Bhagwan ka shukar hai ke jeevan ki koi niji samasaya nahi bachhi
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Dhan hoia mera charkha tuta mai katan to chhuti
शत् शत् नमन आचार्या जी ❤️❤️🙏🙏🙏
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Guru ji pranam
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🙏🌹
10:00
धन्यवाद आचार्या जी।
🙏🌼🙏
शत शत नमन आचार्य श्री 🙏
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