Sir sach batau m 36 saal ka hu 4 saal se tratak kr rha tha dimag kharab ho gya tha jab se jkrishnmurti ji ko suna h jeevan ka maaza aane laga ab chidiya ki aawaz sunta hu bahut anand aata h....
Sir mukesh gupta ji hum logo ke liye video banane ke liye aapka bhahut bahut dhanyawad sir ji from old delhi sadar bazar se bittoo Dabla uraf Nanak chand
Ekdam sahi sir main bhi nehi sunta jada bolta hu... Mera bp high hain our jitna admi ka bp hain jadatar bolta hain.. mera bhi sajakta kam hain... Thanks...
मैं हर क्षण सुन भी रहा हूँ और उसे देख भी रहा हूँ मेंरा कोई एजेंडा नहीं , जो मेंरे जन्मों जन्मों के कर्मों से आ रहा है बस वही देख रहा हूँ आपको लिख रहा हूँ वह भी
Badia. Guru Kripa say and Guru Tatva Kay Kripa say Aapkay Video sunnay ko mila. Thank you so much. ( Un limited time Sampoorna Visarjan to Amma and Guru Dev ( Shiv Kripa Yog Kalyan Guruji) + Guru Tatva.
कृष्णमूर्ति की शिक्षाएं बौद्धिक रूप से तो समझ में आ रही हैं लगता है सब सही कह रहे हैं लेकिन अनुभव में नहीं उतर पा रहीं! जितनी कोशिश करता हूं उतने ही विचार और अधिक मस्तिष्क में आ रहे हैं! उनके विचार मस्तिष्क पटल पर छाए रहते हैं पर सजग नहीं रह पा रहा हूं एकाकी होने लगा हूँ बड़ा कंफ्यूजन हो रहा है कृपया सलाह दें🙏
Now you are my friend ,,,, I will listen 👂 you ,,, it's interesting 🤔 I will explore & investigat on listening 🎧. How I listen ,,, I find in your talk that my mind continueessly go somewhere,, listen little bit ,,, and thinking 🤔 about something. Not listen acutely,, accurately,,,,, with complete being ness But sir ?? Is it not from of concentration n will ,,,, to listen foucus ,,, with complete attantion,,,,,
प्रणाम. बहुत ही सहजता और सुन्दरता से स्पष्ट करते हैं आप. बस एक बात है कि अगर हम स्नेह के साथ सुनेंगे तो क्या सुनाने वाले के प्रति पक्षपाती तो नहीं हो जायेंगे? हमें इस बात के प्रति भी सजग रहना होगा
देखिए मनुष्य में एक ऐसी शक्ति है जब ज्ञानेन्द्रिया और शरीर हट जाते हैं।तो मनुष्य दृष्टा या बहुत कुछ अलग देखना शुरू होता है।जो कुछ भी उस समय में देखा गया हो। उसमें सहायक न ज्ञानेन्द्रिया हैं न कर्मेंद्रियां।कुछ समझ में आया फिर विचार, कल्पना, सपना इनका तो महत्व कहां रहा जाता।
सर बिना अपेक्षा के सुनने का end result क्या होगा.... आपने कहा कि फिर तब हम खुद को व्यवस्थित कर सकेंगे ... क्या ये उद्देश्य नहीं है? ये हमने goal बना रखखा है तो ये भी तो विचारों का ही काम है... इस पर प्रतिक्रिया दें 🙏
हे ऋषिवर! सजगता किसी को भी या तौ आस्तिक बनाएगी या नास्तिक बनाएगी। अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप क्या बनना चाहते हैं। नास्तिक बहुत से प्रयोग करते आए हैं। वोह अतीत में भी थे और वर्तमान में भी हैं और भविष्य में भी होंगे। इस से बहुत कन्फ्यूजन होता है।
Sir sach batau m 36 saal ka hu 4 saal se tratak kr rha tha dimag kharab ho gya tha jab se jkrishnmurti ji ko suna h jeevan ka maaza aane laga ab chidiya ki aawaz sunta hu bahut anand aata h....
Sir mukesh gupta ji hum logo ke liye video banane ke liye aapka bhahut bahut dhanyawad sir ji from old delhi sadar bazar se bittoo Dabla uraf Nanak chand
Thanks you Sar ji make this unique knowledge
Dhanyawad sir
Ekdam sahi sir main bhi nehi sunta jada bolta hu... Mera bp high hain our jitna admi ka bp hain jadatar bolta hain.. mera bhi sajakta kam hain... Thanks...
सजकता के बारे मे गहरे से समझाने के लिए
sir Mukesh Ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम सर, आपने बहुत ही सरल शब्दों में इतनी गहरी बात समझाई। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
मैं हर क्षण सुन भी रहा हूँ और उसे देख भी रहा हूँ मेंरा कोई एजेंडा नहीं , जो मेंरे जन्मों जन्मों के कर्मों से आ रहा है बस वही देख रहा हूँ आपको लिख रहा हूँ वह भी
बहुत सुन्दर और सरल ढंग से आपने सारी बात रखी ,सुनते-सुनते ही मैं स्वयं एक सजगता को अनुभव करने लगा था। 😊
Very valuable information.Thank you so much.aapko koti koti pranam.🙏🙏🙏
Badia. Guru Kripa say and Guru Tatva Kay Kripa say Aapkay Video sunnay ko mila. Thank you so much. ( Un limited time Sampoorna Visarjan to Amma and Guru Dev ( Shiv Kripa Yog Kalyan Guruji) + Guru Tatva.
आपको जितना धन्यवाद् दें, उतना ही कम है। 🙏
बहुत ही सार्थक और सुंदर व्याख्यान।
Very nice explanation and thanks for the expression
Thanks Sir ❤
जीवन जीने के लिए सजकता जरूरी है
V.nice
कृष्णमूर्ति की शिक्षाएं बौद्धिक रूप से तो समझ में आ रही हैं लगता है सब सही कह रहे हैं लेकिन अनुभव में नहीं उतर पा रहीं! जितनी कोशिश करता हूं उतने ही विचार और अधिक मस्तिष्क में आ रहे हैं! उनके विचार मस्तिष्क पटल पर छाए रहते हैं पर सजग नहीं रह पा रहा हूं एकाकी होने लगा हूँ बड़ा कंफ्यूजन हो रहा है कृपया सलाह दें🙏
👌👌👌👍👍👍
excellent prastuti bahut sunder,phle kabhi suna nhi,many thanks.
अदभुत मिशाल गुरु जी 🙏
वाह... बहोत ही सुंदर. सर जी, आपका बहोत बहोत धन्यवाद🙏
Very true, wisdom is the lamp of love, if has no love, someone will not listen.
Sir ye bahut important topic hai... 👍👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Now you are my friend ,,,, I will listen 👂 you ,,, it's interesting 🤔
I will explore & investigat on listening 🎧. How I listen ,,,
I find in your talk that my mind continueessly go somewhere,, listen little bit ,,, and thinking 🤔 about something. Not listen acutely,, accurately,,,,, with complete being ness
But sir ?? Is it not from of concentration n will ,,,, to listen foucus ,,, with complete attantion,,,,,
नमस्ते अंकल🙏
Bhut hi khubsurat Mukesh bhai.
मुकेश जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद लेकिन एक घर के व्यक्ति को कैसे देखें उसका सामने होना आवश्यक हैक्या?
प्रणाम. बहुत ही सहजता और सुन्दरता से स्पष्ट करते हैं आप. बस एक बात है कि अगर हम स्नेह के साथ सुनेंगे तो क्या सुनाने वाले के प्रति पक्षपाती तो नहीं हो जायेंगे? हमें इस बात के प्रति भी सजग रहना होगा
Dear brother, you very very beautifully explained about one sense that is listening. I will request you to pl explained about other senses also ❤
Waah dhanyawad sir
Sir very 👍 nice vdo. Thanks for uploading.
Very truly explained 👌 👏 🙌
आभार
Nice work mukesh ji
Your lecture help to awenken different kind of energy
By seeing the thoughts putting "I" a side.
सत्य वचन जी।।
The ending of time ka hindi version banaye plz sir...
❤
I was waiting for this
Thanks for your lecture
धन्यवाद 🙏
❤🙇🙇🙏
धन्यवाद
Good. Very few people can explain Krishnamurti clearly.
🙏
spr
देखिए मनुष्य में एक ऐसी शक्ति है जब ज्ञानेन्द्रिया और शरीर हट जाते हैं।तो मनुष्य दृष्टा या बहुत कुछ अलग देखना शुरू होता है।जो कुछ भी उस समय में देखा गया हो। उसमें सहायक न ज्ञानेन्द्रिया हैं न कर्मेंद्रियां।कुछ समझ में आया फिर विचार, कल्पना, सपना इनका तो महत्व कहां रहा जाता।
Continue..
🙏👏🌺
Grt
Nice
🙏
🙏🙏🙏
Sir mera ek question h jab humein kuch nhi chiye life M to sensation ho sakti h kya inside M. Ya fir boring life ho juegi?
❤🌹🙏🙏🙏
Sir, without ending whole trap of disorder is it possible to be fully aware?
सर बिना अपेक्षा के सुनने का end result क्या होगा.... आपने कहा कि फिर तब हम खुद को व्यवस्थित कर सकेंगे ... क्या ये उद्देश्य नहीं है?
ये हमने goal बना रखखा है तो ये भी तो विचारों का ही काम है... इस पर प्रतिक्रिया दें 🙏
नये टूल की खोजते खोजते उतनें जीव सजग हो रहे हैं यह सब देखते देखते “ जो ऑंखों से देख रहा वह सत्य ???? कहलायेगा
Agar judgment aata hai to use dekhiye.. Dekhana hi dharm hai
Mere kuch sawal hai
Sir aapse baat kaise hogi
हे ऋषिवर!
सजगता किसी को भी या तौ आस्तिक बनाएगी या नास्तिक बनाएगी। अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप क्या बनना चाहते हैं।
नास्तिक बहुत से प्रयोग करते आए हैं।
वोह अतीत में भी थे और वर्तमान में भी हैं और भविष्य में भी होंगे। इस से बहुत कन्फ्यूजन होता है।
Sir aapse baat krni h apka no. Mil sakta h i m so confused
www.schoolforselfinquiry.org/individual_meetings.html
Is not it conditioning of awareness
उसकी माया में संदेह करना ही नहीं ,।
🙏💝