सुनील जी मैं आपकी वीडियो आपका विश्लेषण प्रतिदिन सुनता हूं मुझे आपका विश्लेषण का तरीका बहुत अच्छा लगता है पर इस मामले में मैं सहमत नहीं हो पा रहा हूं मैं कुछ लिंक भेजे हैं उन लिंक को खोल कर देख लीजिएगा
यदि हिन्दुत्व की आस्था व भावना इतनी प्रबल है तो ऐसे लोगों को दैनिक जीवन में प्रत्येक काम के लिए तहकीकात कर लेना चाहिए कि वे जिस काम को करवाने आएं तो उसका क्या धर्म है। यदि ऐसा हो तो आस्थावानों को अपने वाहन को ठीक करवाने के लिए दर दर भटकना पड़ेगा। प्रायः वाहन मैकेनिक मुस्लिम ही रहते हैं। ऐसे आस्थावानों को देखा है जब उन्हें अलसेट मिलती है तो यही लोग सबसे पहले मस्जिदों, मज़ार, पीर व बाबाओं के पास भागते हैं। भागवत बाबा यहां चुप हैं। देश व संविधान के लिए ऐसे निर्णय सबसे बड़े खतरे हैं।
आज हिन्दू धर्म जागरूक हुआ है, जो लोग आपके हाथो से बना खाना नहीं खा सकते, हम इतने मजबूर नहीं की उनके पास जाकर खाये, वैसे जिसकी जो मर्ज़ी वो करे पर जो धार्मिक आस्था है उसके पालन मे इससे आसानी है तो निर्णय बहुत अच्छा है।
बहुत सही निर्णय है, रेलवे स्टेशन पर जो दुकान रहती है,उन पर मलिक का नाम लिखनाअनिवार्य रहता है, ठीक इसी प्रकार पूरे देश में हर दुकान पर, चाहे वह जिस चीज की, जिसकी भी दुकानहो, अपना नामलिखना चाहिए, ग्राहक को जहां से लेना होगा लेगा, किसी को कोई मनही थोड़ी है, इसे प्रददर्शिता होगी,
Railway stalls mein malik ka naam number likhna compulsory hota hai Auto aur buses mein bhi ye niyam hai Gst ka bhi niyam hai Dukan ke bahar gst number proprietor ka naam address likha hona chahiye Is adesh se pet me dard kyu ho raha hai samajh se pare hai
सटीक विश्लेषण
Excellent videotorial. शायद किसी भी शब्दकोश में इस संदेश की तारीफ करने के लिए कोई एक शब्द उपलब्ध हो
मुस्लिम देशों, खाड़ी देशों से जो तेल आयात करते हैं, उसे भी बंद करना चाहिए।
सिर्फ तेल के लिए सारे हिंदू अपने पैसे उन देशों में भेज रहे हैं।
Sir बहुत सही कहा आपने।
Sunil ji your hard hitting sarcasm is a force to reckon with!! 👌👍
सुनील जी मैं आपकी वीडियो आपका विश्लेषण प्रतिदिन सुनता हूं मुझे आपका विश्लेषण का तरीका बहुत अच्छा लगता है पर इस मामले में मैं सहमत नहीं हो पा रहा हूं मैं कुछ लिंक भेजे हैं उन लिंक को खोल कर देख लीजिएगा
यदि हिन्दुत्व की आस्था व भावना इतनी प्रबल है तो ऐसे लोगों को दैनिक जीवन में प्रत्येक काम के लिए तहकीकात कर लेना चाहिए कि वे जिस काम को करवाने आएं तो उसका क्या धर्म है। यदि ऐसा हो तो आस्थावानों को अपने वाहन को ठीक करवाने के लिए दर दर भटकना पड़ेगा। प्रायः वाहन मैकेनिक मुस्लिम ही रहते हैं। ऐसे आस्थावानों को देखा है जब उन्हें अलसेट मिलती है तो यही लोग सबसे पहले मस्जिदों, मज़ार, पीर व बाबाओं के पास भागते हैं। भागवत बाबा यहां चुप हैं। देश व संविधान के लिए ऐसे निर्णय सबसे बड़े खतरे हैं।
आज हिन्दू धर्म जागरूक हुआ है, जो लोग आपके हाथो से बना खाना नहीं खा सकते, हम इतने मजबूर नहीं की उनके पास जाकर खाये, वैसे जिसकी जो मर्ज़ी वो करे पर जो धार्मिक आस्था है उसके पालन मे इससे आसानी है तो निर्णय बहुत अच्छा है।
मनुस्मृति के जातिवादी व्यवस्था लागू कर रहे हैं, ये तो मुस्लिम भाई,व दलित भाई को टारगेट कर रहे है,बहुत ही घटिया सोच है
पहचान बताकर अपने कारोबार चलाने मे कोई नहीं रोक रहा जिसकी मर्जी जहाँ से अपना लेन देन करें।
Had ho gyi hai
आप के नजरिये से पहचान छुपाना अच्छा काम है।
Ab cg ka number hai
बहुत सही निर्णय है, रेलवे स्टेशन पर जो दुकान रहती है,उन पर मलिक का नाम लिखनाअनिवार्य रहता है, ठीक इसी प्रकार पूरे देश में हर दुकान पर, चाहे वह जिस चीज की, जिसकी भी दुकानहो, अपना नामलिखना चाहिए, ग्राहक को जहां से लेना होगा लेगा, किसी को कोई मनही थोड़ी है, इसे प्रददर्शिता होगी,
बिलकुल हो लेकिन किसी एक धर्म के लिए क्यों ?करना है तो सबके लिए करें ?हिंदू मलिक से मुस्लिम नौकरों को हटाने के लिए प्रशासन ने कहा ।
Mudda to enke pass kuch nahi hai sivaye hindu muslim karne ke
आप जबरन न्यूज़ को लंबा खींच रहे हैं
S c verg ko sadiyo se achhut banaya gaya iske pichhe bhi koi sajish hogi research hona chahiye
Itna najuk mat ho jaye ki kaju samjh ke kha jaye koi.apni pehchan chupana galat bat hai, koi galat kam kar ne me log chupate hai
यह फरमान सभी केलिए है आपको कहां पर भेदभाव दिख रहा है
Railway stalls mein malik ka naam number likhna compulsory hota hai
Auto aur buses mein bhi ye niyam hai
Gst ka bhi niyam hai
Dukan ke bahar gst number proprietor ka naam address likha hona chahiye
Is adesh se pet me dard kyu ho raha hai samajh se pare hai