श्री कृष्ण जी महाराज के बारे मे सारी भरातियाँ खत्म हो जाएगी:- आचार्य चन्द्रेश आर्य जी
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- เผยแพร่เมื่อ 21 ส.ค. 2022
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दिलबाग आर्य (M.D) 9354867000
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जय श्री कृष्ण ये आर्य समाज नहीं होता तो हिन्दू धर्म नहीं होता जय हो महर्षि दयानन्द कोटि कोटि नमन
आचार्य चन्द्रेश्वर जी को बहुत बहुत बधाई जो हमारे समूख सच्चाई सत्य सनातन ईतहास श्री कृष्ण जी महाराज का रखा जो ईन भागवत वालों की आंखें खोलने वाला है आशा करते हैं ये भी अपनी कथाओं में श्री कृष्ण जी महाराज का सत्य चरित्र बताएंगे जिससे हिन्दू कौम को अपने पुर्वजों पर गर्व हो। नमस्ते ओ३म् ओ३म् जी
Very Nice 👍👍👍👍 RAMCHAND Goyal Ballabgarh
ओ३म नमस्ते आचार्य जी🙏
Om
महाराज जी जिसकी जितनी बुद्धि एवं ज्ञान है वो उतना ही बता सकता है।
Acharya ji bahut bahut dhanyawad bahut Gyan Diya
Very very much your history knowledge l am daily listion your throuth.
जय श्री कृष्ण 🙏🙏🌺🌺🚩
Om.Om. Om.Acharya.Jee.Koti.Koti.Dhanyawad
आचार्य जी को चरणबद्ध नमस्ते🙏
Very good pravachan
मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्री रामचन्द्र जी के पावन
नगरी अयोध्या धाम से आप सभी को मेरा...
🌷🙏🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🙏🌷
ये राधा कौन ह?? कर्ण की माँ??
आचार्य जी को नमस्ते ओ३म्
Jai sri narayan
बहुत अच्छा प्रवचन
प्रणाम गुरुजी
दंडवत प्रणाम गुरु जी
मेरा हृदय आचार्य जी के वाणी से उनके सत्संग से ओतप्रोत, गदगद हो गया।। ॐ ॐ ॐ 🙏🙏
ॐ नमस्ते आचार्य जी
ओउम् सादर नमस्ते आचार्य जी।🙏
Jai Sri Krishna
नमस्ते स्वामी जी 🌷🙏🙏🌷
Om namaste g 💯👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏
आचार्य जी का सत्य कथन है।
आचार्य जी का सत्य कथन है
Om om om om om 🔥🔥🔥🔥🔥
Aacharya jee namaste,aap bahut sundar pravachan dete hain, vah 🙏
Budhdhiman kab sudhrenge
नमस्ते आचार्य जी
नमस्ते , आचार्य चन्द्रेशजी आर्य
श्री कृष्ण महाराज पर आपने सत्य को उजागर किया , उसी प्रकार आप गणपति उत्सव पर गणपति/ गणेशजी की सच्चाई को उजागर करने वाला विडियो बनाईए।
सादर नमस्ते जी 🔥🚩💥☀️✅🌺🙏🏼
अद्भुत व्याख्यान आचार्य श्रेष्ठ
अद्भुत व्याख्यान
सादर प्रणाम
🙏🙏🙏सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏🙏🙏
परम महाशाँति सचँ करें आपको कोईभी सवाल का जवाब मिल जाएगा सूक्ष्म दुनिया का भी वहां परिवर्तन की शुरुआत होगयी है स्वपरिवतँन से ही बेहदका विष्वपरिवतँन होना है असँभवका कायँ सँभव होना है बेहदकी आतमाओ ही बेहदका ग्यान समजेगे परम महाशाँति 🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
Aapne bilkul sahi कहा
जय श्रीकृष्ण
आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप सनातन धर्म की किष्ण भगवान कि बदनामी कि चिंता नहीं करें अब परिवर्तन होना है अलमाइटि ओथोरिटि खुद धरती पर आकर गुप्तमे रहकर परिवर्तन का कायँ कररहे है समय समाप्ति की ओर जा रहा है भारत विष्वगुरु बनना है लाईटहाऊस पावरहाउस बनना है बेहदकी परम महाशाँति 👍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🙏
जय श्री कृष्ण
Jay Shree Krishna Radhe Radhe
Radha didn't Exist.... Brother...Sri Krishnaji Maharaj Had only One Spouse she was Mother Rukmini(May Paramatma Be Pleased with her)
Namaste ji namaste
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
ओ३म् का झण्डा ऊंचा रहे
वेद की ज्योति जलती रहे
गायत्री मंत्र सब पढ़ते रहे
🚩🚩
Om g
Namaste 🙏g
jai shri Ram Krishan g 🙏jai Arya 🙏
कोटी कोटी प्रणाम आचार्य श्री
🙏🙏
Omm namaste ji 🙏
Sadar Charan vandan adarniya shri
अद्भुत
वाह आचार्य जी 🙏🏼🚩🙏 वाह
👌💥🙏💥👍
उत्तम।
🙏🙏🙏
🙏🧘♂️🇮🇳
रुक्मणी को,,रुक्षमणि बोल रहे है आचार्य जी
आचार्य जी को सादर नमस्ते आपने क्या तर्क दिया है ना बबुद्धि वाले लोगों की आंखें खोल दी है
मनुस्मृति के बारे वीडियो अपलोड करने कि कृप्या करे
श्रीमद्भागवत में कुछ मिलावट है परन्तु भागवत को समझना आपके बस की बात नहीं।
आचार्य जी गाय पूरी 900000 ही थी इस बात में आपको संशय नहीं हुआ लेकिन भगवान कृष्ण ने बचपन में माखन चुराया इस बात में आपको संशय है क्यों ?
जबकि दोनों बातें एक ही पुस्तक में लिखी हुई है इसका अर्थ यह हुआ की जो बात पुराण को पढ़कर आपकी समझ में आ गई या फिर आपको वह बात अच्छी लगी तो आपने मान ली जिस बात का लॉजिक आपकी समझ में नहीं आया और आपको अच्छी नहीं लगी तो आप उसे मानने से इंकार कर रहे हैं
अगर आप ने श्रीमद्भागवत महापुराण या फिर महाभारत को अच्छे तरीके से समझा होता तो आप माखन चुराने और रणछोड़ ने को गलत नहीं बताते इन दोनों बातों का लॉजिक क्या है-------
माखन क्यों चुराते थे इसके दो कारण हैं
1. नंद बाबा की गाय ही नहीं पूरे ब्रजमंडल की गायों पर कंस का अधिकार था सारा दूध दही और मक्खन गांव वाले खुद ही कंस के पास पहुंचा दिया करते थे घर में जो कुछ भी दूध दही माखन रखा जाता था वह कंस के लिए ही होता था भगवान कृष्ण दूध दही है माखन खाते कम थे लेकिन बिखेरते ज्यादा थे दूध दही की मटकी को तोड़ देते थे जिससे कि वह कंस के पास ना जा सके
दूसरा कारण-- वे तो स्वयं भगवान कृष्ण थे लेकिन आम आदमी के बचपन की भी कुछ ना कुछ कहानी होती है बचपन का जो नटखट पन होता है इसे उनके बड़े हंसी मजाक में उड़ा देते हैं लेकिन जैसे जैसे बच्चा बड़ा होते हुए वयस्क अवस्था को प्राप्त करता है और किसी ऊंचे पद पर पहुंच जाता है तो उसके परिवार वाले उसको बार-बार उसके बचपन की यादें सुना सुना कर चिढ़ाते रहते हैं कि तू तो बचपन में यह सब किया करता था और कोई आदमी उस बात का बुरा भी नहीं मानता
भगवान कृष्ण ने बचपन में अगर माखन चुराया है तो बड़े होकर कंस जैसे अनेक दुष्टों का वध भी किया है सुदर्शन चक्र भी चलाया है और महाभारत भी किया है हमारे धार्मिक ग्रंथों माखन चोर के साथ साथ यह सारी बातें भी लिखी हुई है
भगवान कृष्ण को खुद को रणछोड़ कहलाने पर भी आपत्ति क्यों नहीं हुई --
क्योंकि कालयवन मथुरा पर बार-बार आक्रमण करता रहता था और हमेशा पराजित होकर जाता था लेकिन उन युद्ध में भगवान कृष्ण बार-बार विजय तो हो जाते थे लेकिन उनकी प्रजा की बहुत ज्यादा क्षति हो जाती थी इसीलिए भगवान कृष्ण ने कालयवन को कहीं दूर ले जाकर मृत्युदंड दिया अगर कोई राजा अपनी प्रजा को भी बचा ले और विजय भी हासिल कर ले तो यह उसकी कूटनीति का हिस्सा है फिर भले ही कोई उसे रणछोड़ कहे या कुछ और कहे l
मैंने सभी तर्क धार्मिक ग्रंथों के आधार पर दिए हैं आप अगर कोई तर्क देना चाहे तो आपका स्वागत है🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Apne achhe se suno
Thanks for information
आचार्य जी का कथन भी सही है और आपका विश्लेषण भी सही है लेकिन आज के परिपेक्ष्य में भागवत कथाकारों ने कृष्ण के साथ राधा का नाम जोड़कर अश्लील गीतों के द्वारा उनको नीचा दिखाने का काम किया जा रहा है यह भी गलत है।
कृष्ण कि सही चरित्र महाभारत में है भागवत में नहीं।
आचार्य जी का पूरा प्रवचन सुनें आपके हर प्रश्न का उत्तर इसी में मिल जाएगा।
आप सच्चे बाकी सब झूठे। महाभारत के कपटी पात्र की प्रशंसा ठीक नहीं है।जो इसाई मदद कर रहे हैं वह कार्य आप क्यो नही करते औरौ को दोष देना उचित नहीं है बद्री नाथ में बेर का एक भी पेड़ नहीं है झूठ बोलना बंद करें।
ये बता बुध ने आगे से जन्म लिया या पीछे से??.. सुना ह जन्म लेते ही उन्होंने नए मार्ग की खोज करी थी