राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन 2023 प्रथम सत्र

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  • เผยแพร่เมื่อ 26 ส.ค. 2024
  • 14वां राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन
    झीलों की नगरी उदयपुर की विश्वविख्यात धरा पर ‘संस्कार निर्माण की पौधशाला है बाल साहित्य’ विषय को लेकर एक दिवसीय 14वां राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन का आगाज़ 10 दिसंबर, 2023 को राजस्थान कृषि महाविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय सभागार में किया गया। सलिला संस्था ने सम्मेलन को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत, नई दिल्ली और महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कर ऐतिहासिक बना दिया। प्रथम सत्र का प्रातः 9:30 बजे से पंजीकरण के साथ ही 10:30 बजे से शुभारंभ हुआ, जिसमें उद्घाटन, लोकार्पण, पुरस्कार, सम्मान एवं पुस्तक समीक्षा जैसी गतिविधियों को समाहित किया गया।
    प्रथम सत्र
    समारोह का आगाज़
    संचालक डॉ. इंदु गुप्ता के आवाहन पर सभी अतिथियों ने मंच पर आसन ग्रहण किया। अध्यक्षता ‘बच्चों का देश’ पत्रिका के मुख्य संपादक संचय जैन ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं इंडिया नेटबुक्स प्रा.लि., नोएडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ. संजीव कुमार थे। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के पूर्व कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा, विशिष्ट अतिथि कृषि वैज्ञानिक डॉ. के. एल. कोठारी का सान्निध्य मिला। पं. जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी, जयपुर राजस्थान के सचिव राजेन्द्र मोहन शर्मा, युगधारा के संस्थापक डाॅ.ज्योतिपुंज एवं बाल साहित्यकार डाॅ. शील कौशिक थीं। मंचस्थ अतिथियों ने मां शारदे को माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। अतिथियों का तिलक, माला, उपरना और बैज द्वारा स्वागत किया गया। डॉ. संजीव कुमार का सम्मान मुख्य संपादक डॉ. विमला भंडारी, संपादक प्रकाश तातेड़, प्रबंध संपादक जगदीश भंडारी एवं सदस्य मनीला पोरवाल द्वारा मेवाड़ी पगड़ी, शॉल एवं उपरना ओढ़ाकर किया। गीतकार शकुंतला सरूपरिया ने सुमधुर कंठ से मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की। गीतकार गंगाधर शर्मा ने हाड़ीरानी के बलिदान पर स्वरचित कविता का वीर रस से ओज़स्वी रसास्वादन कराया। प्रमिला व्यास शरद ने सलिला संस्था का गीत ‘बहती रहे सलिला, साहित्य और सृजन की’ प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।

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