मेरा मानना है असल मे मुद्दा एमएसपी का है ही नहीं, इससे कुछ बदलने बाला नहीं है चाहे गारंटी ही क्यों न कर दे सरकार, क्योंकि एमएसपी के दाम भी 2500₹ से कम है भारत की जनसंख्या का 60% किसान मजदूरो की है जो खेती पर आश्रित है, जबकी इस 60% जनसंख्या क़ो सिर्फ 3% वजट देती है और उसे भी पूरा खर्च नहीं करते कर्मचारी, जबकी 60%जनसंख्या के लिए कम से कम 50%वजट होना चाहिए, और ज़ब तक 50% वजट नहीं होता इस बड़ी जनसंख्या क़ो कुछ नहीं बदलना है, ये हकीकत है, असल मे 40% जनसंख्या जो बचती है चाहे कर्मचारी हो, व्यापारी हो, दुकानदार हो, नेता हो, या कारपोरेट बाले लोग, वो चाहते ही नहीं 😂 किसान की आय बढ़े उसकी तरक्की हो, उसका कारण है उन्हें खुद क़ो किसान से ज्यादा सूखी दिखाना, पैसे बाला दिखाना, और मानसिकता भी ऐसी ही हो चुकी है, किसान क़ो नीची नजर से देखा जा सकता है, कारपोरेट वर्ग, लाला लोग, कुटीर उद्योग, मतलब खेती से दूसरे लोगो क़ो चाहिए कम पैसे का मजदूर, और मजदूर कैसे मिलेगा, ज़ब किसान की आय कम होगी, तभी तो किसान या किसान का वेटा लाला की नौकरी करेगा मिल या फैक्ट्री मे, ये बड़ी सुनुयोजित तरीके से काम चल रहा है, किसान का वेटा इसी लिए अपनी खेती छोड़कर लाला की नौकरी कर रहा है 400₹ मे बारह घंटे, क्योंकि उसे दिख रहा है 400₹ मिलेंगे तो 12 घंटे बाद, खेती का कुछ पता ही नहीं पैदा होगी या नहीं पैदा होगी, और हो भी गयी तो दाम मिलेंगे या नहीं मिलेंगे, ये तरीके से 40% जनसंख्या काम कर रही है, उसमे नेता, कर्मचारी, सरकार, लाला कारपोरेट बाले सभी शामिल है,
KISHAN ANDOLAN Govt ko MSP (C2 + 50%) ka legal Garantee kanun laghu korna Chahiye... 1) Chota kishan ( upto 5 acre ) a)Chota Kishan (Above 0.5 acre to 5 acre) ka upto 2.5 acre ka Kharif season ka fasal (Rice etc) & Rabi season ka fasal (Wheat etc) ko MSP pa Govt. ko Kharid karna Chahiye ... b)Chota Kishan (Below 0.5 acre) ka Kharif season ka fasal (Rice etc) & Rabi season ka fasal (Wheat etc) ko MSP pa Govt. kharid nahi karna poraga que ka yea kishan khud ka consumption ka liya fasal product karta ha ... 2) Bora Kishan (> 5 acre) a) 2.5 acre ka Kharif season ka fasal (Rice etc) & Rabi season ka fasal (Wheat etc) ko MSP pa Govt. ko Kharid karna Chahiye ... b) Rest fasal MSP sa nicha koi bhi Private player na kharid kar paya uska legal kanun bana na chahiye... 3) Agar Govt Kishan ko Kishan Samman Nidhi dena chata ha to serf Chota Kishan (Upto 5 Acres) dena chahiye...
ek acre ki Kheti karate hua Punjab ka kisan sarkar ko ek sal me rs 6000 indirect tex de deta h eh tex (insecticide,harbicide,khad,diesl,machinery te lagga indirect tex h) iss tran 10 acre te kheti karan wala kisan sarkar nu rs 60000 tex de deta h iss 10 acre kheti se kisan ko rs 500000 kmai nahi hoti per jinki amden sarker ke tex se tankha me rs 500000 se 700000 hoti h usse tex nahi dena hota eh sarkar di galat policy da natija h
ताज्जुब की बात है, आठवां वेतन आयोग कितनी आसानी से बन गया। वित्तीय बोझ का सवाल ही नहीं उठा
किसानों के मुद्दों पर सरकार द्वारा अत्यंत गम्भीरता पूर्वक फैसले लिए जाने की आवश्यकता है।
मेरा मानना है असल मे मुद्दा एमएसपी का है ही नहीं, इससे कुछ बदलने बाला नहीं है चाहे गारंटी ही क्यों न कर दे सरकार, क्योंकि एमएसपी के दाम भी 2500₹ से कम है भारत की जनसंख्या का 60% किसान मजदूरो की है जो खेती पर आश्रित है, जबकी इस 60% जनसंख्या क़ो सिर्फ 3% वजट देती है और उसे भी पूरा खर्च नहीं करते कर्मचारी, जबकी 60%जनसंख्या के लिए कम से कम 50%वजट होना चाहिए, और ज़ब तक 50% वजट नहीं होता इस बड़ी जनसंख्या क़ो कुछ नहीं बदलना है, ये हकीकत है, असल मे 40% जनसंख्या जो बचती है चाहे कर्मचारी हो, व्यापारी हो, दुकानदार हो, नेता हो, या कारपोरेट बाले लोग, वो चाहते ही नहीं 😂 किसान की आय बढ़े उसकी तरक्की हो, उसका कारण है उन्हें खुद क़ो किसान से ज्यादा सूखी दिखाना, पैसे बाला दिखाना, और मानसिकता भी ऐसी ही हो चुकी है, किसान क़ो नीची नजर से देखा जा सकता है, कारपोरेट वर्ग, लाला लोग, कुटीर उद्योग, मतलब खेती से दूसरे लोगो क़ो चाहिए कम पैसे का मजदूर, और मजदूर कैसे मिलेगा, ज़ब किसान की आय कम होगी, तभी तो किसान या किसान का वेटा लाला की नौकरी करेगा मिल या फैक्ट्री मे, ये बड़ी सुनुयोजित तरीके से काम चल रहा है, किसान का वेटा इसी लिए अपनी खेती छोड़कर लाला की नौकरी कर रहा है 400₹ मे बारह घंटे, क्योंकि उसे दिख रहा है 400₹ मिलेंगे तो 12 घंटे बाद, खेती का कुछ पता ही नहीं पैदा होगी या नहीं पैदा होगी, और हो भी गयी तो दाम मिलेंगे या नहीं मिलेंगे, ये तरीके से 40% जनसंख्या काम कर रही है, उसमे नेता, कर्मचारी, सरकार, लाला कारपोरेट बाले सभी शामिल है,
bilkul sahi kha
सरकार की प्राथमिकता फसल उगाने के बजाय फाइल उगाने की ज्यादा लगती है।
Bilkul sahi kaha sa
KISHAN ANDOLAN
Govt ko MSP (C2 + 50%) ka legal Garantee kanun laghu korna Chahiye...
1) Chota kishan ( upto 5 acre )
a)Chota Kishan (Above 0.5 acre to 5 acre) ka upto 2.5 acre ka Kharif season ka fasal (Rice etc) & Rabi season ka fasal (Wheat etc) ko MSP pa Govt. ko Kharid karna Chahiye ...
b)Chota Kishan (Below 0.5 acre) ka Kharif season ka fasal (Rice etc) & Rabi season ka fasal (Wheat etc) ko MSP pa Govt. kharid nahi karna poraga que ka yea kishan khud ka consumption ka liya fasal product karta ha ...
2) Bora Kishan (> 5 acre)
a) 2.5 acre ka Kharif season ka fasal (Rice etc) & Rabi season ka fasal (Wheat etc) ko MSP pa Govt. ko Kharid karna Chahiye ...
b) Rest fasal MSP sa nicha koi bhi Private player na kharid kar paya uska legal kanun bana na chahiye...
3) Agar Govt Kishan ko Kishan Samman Nidhi dena chata ha to serf Chota Kishan (Upto 5 Acres) dena chahiye...
Ye bat shi khi aapne
Very good
good
ऍम पी मे कितना सोयाबीन ख़रीदा सरकार ने बिलकुल नहीं जानकारी गलत ना दे
G❤
Ye vetan lgane se sukar hai koi alag bojh nhi pda varna muskil ho jati 🙏🙏🙏🙏
Faslon ke Damon per bhi Har Sal bhi mulya vriddhi aur vetan Aayog Lagaya Jaaye
WTO se alg hone ka time india ke liye a chuke hai
ek acre ki Kheti karate hua Punjab ka kisan sarkar ko ek sal me rs 6000 indirect tex de deta h eh tex (insecticide,harbicide,khad,diesl,machinery te lagga indirect tex h) iss tran 10 acre te kheti karan wala kisan sarkar nu rs 60000 tex de deta h iss 10 acre kheti se kisan ko rs 500000 kmai nahi hoti per jinki amden sarker ke tex se tankha me rs 500000 se 700000 hoti h usse tex nahi dena hota eh sarkar di galat policy da natija h
Jay Jawan Jay Kisan Jay Modi Sarkar murdabad