श्रद्धाहीन ज्ञान सिर्फ़ तड़प है || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 ต.ค. 2024
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    वीडियो जानकारी: संवाद सत्र, 7 मई 2014, अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
    प्रसंग:
    ~ जीवन में श्रद्धा कैसे पैदा हो?
    ~ ज्ञान तड़प बन जाए तो क्या करें?
    ~ ज्ञान के साथ साथ श्रद्धा का जन्म कैसे हो?
    पाहन लै देवल रचा, मोटी मूरत माहिं
    पिंड फूटि परबश रहै, सो लै तारे काहिं
    पाहन पूजि के, होन चलत भव पार
    भीजि पानी भेदै नदी, बूड़े जिन सिर भार
    संगीत: मिलिंद दाते
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