ओ मेरी मिठी दिदी आपका ये कितना सुख दे रहे हो अपने इन शब्दों द्वारा बाबा कमाल तो आपकी है हम सब समझते हैं लेकिन धमाल दिदी की भी सुकरिया बाबा आपका ओर मिठी दिदी का भी❤❤🎉🎉❤❤🎉🎉🎉❤❤❤🎉🎉🎉❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤
अपने सभी के बरमा(या ब्रह्मा)बाबा या लेखराज नीराकार आतमाभाइभाइ इस एक फरीसते के साकार में जनम- अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से--- बरमा(या ब्रह्मा)बाबा के साकार में दोबारा सरीर लेने के लीए- 18 जनवरी 1969 के अवयकत वानी के पहले संदेश के पहले पंकती में दीया ह--- साकार बरमा के आतमा में कलप सूरू से कलप अंत तक का अभीनय(या पारट) ह इसका अरथ ह--- एक सन भी यह नीराकार आतमाभाइभाइ एक फरीसते इस साकारसथान या वतन से अलग नहीं रह सकते--- 1969 के अवयकत वानीयों में--- यहां के बाद भी कइ सथानों पर सपसट रूप में--- साकार में पूनरजनम के लीए दीया ह--- एक बार के सपसट नीराकार आतमा आप पढ़ रहे हं--- यग(या यज्ञ)में- इस नीराकार आतमा के पूनरजनम के साकार अभीनय को बहूत से आतमाएं जानते हं--- लेकीन यग नीमीत से डरते हं--- व यदी हम यह बताते हं--- तब हमारे साथ जूड़े हूए या फॉलोअर्स हमसे दूर चले जाने हं--- यह डर लगता ह---
साकार सरीर का अरथ ह--- परकास का बदला हूआ- साकार रूप अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से--- जेसे- सूरय(या सूर्य)का साकार रूप परथवी(पृथ्वी) ह--- या सभी गरह(या गृह) सूरय का साकार रूप ह--- परकास के बदले हूए रूप हं--- जेसे पेड़ पोधे परकास का बदला हूआ- रूप ह--- साकार में--- पेड़ पोधे --का बना हूआ- यह परकास रूप साकार सरीर ह---
सूकसम सथान(या सूक्ष्म वतन)का अरथ ह---अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से--- नीराकार आतमाएं दूरभास के साधनों से व वीचार व संकलपों के माधयम से--- एक दूसरे से संपरक में आना ह--- असल में सूकसम सथान--- जेसे आप नीराकार आतमाभाइभाइ अपने बाबा के समझ परकास के कक्षा कराने का अचछा माधयम बन रहे हं यह ह--- सूकसम सथान या वतन इसके वीचार पहले संकलप के रूप में अपने बाबा ने दीया हूआ ह-- के आने वाले समय में ऐसे ऐसे होना ह--- अवयकत वानीयों में यह सब कूछ दीया हूआ ह--- अपने बाबा ने इस एक फरीसते के माधयम से -कीसी भी पंकती पर कोइ लाइन नहीं लगाइ ह- लगी लाइन अपने बाबा के नीराकार आतमा अपने बचचे जीसका अभीनय या पारट ह सायद उन्होंने लगाइ ह
बरमा(या ब्रह्मा)बाबा नाटक या ड्रामा से बाहर नहीं हं--- का अरथ यह ह--- अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से--- आप सभी के नीराकार आतमाभाइभाइ यह लेखराज या नीराकार आतमाभाइभाइ एक फरीसते जीसे आप बरमा बाबा कहते हो- आपके साथ ही इस साकार दूनीया में ह--- साकार में परकास के बदले हूए हद अधीनता के सरीर में रहते--- अपने बाबा ने 1969 के अवयकत वानी के पहले ही लाइन में यह सपसट कहा हूआ ह--- के नीराकार आतमा लेखराज या बरमा(या ब्रह्मा)बाबा साकार सथान पर ह--- नाटक के सूरू से नाटक के अंत तक---
अपने बाबानूसार इस एक फरीसते के माधयम से--- यह अपने एक सीव(या शिव)बाबा ने नहीं कहा के--- सासतरों (या शास्त्रों)में- सार या इसेंस ह--- एक भी वाकय या सबद के समझ सतय ह--- या सासतरों में सार या इसेंस ह--- यह अपने एक सीव बाबा के सबद या वाकय नहीं ह--- इस नीराकार आतमा एक फरीसते के दवारा पीछले लेखराज सरीर के समय कहा गया- सतय का उचीत समझ न होने से--- हद अधीनता के वीचारों का नीराकार आतमा में- बोझ होने से--- जीसे दूनीया में वीकार कहा गया ह--- के भरे होने के कारण हद अधीनता के वसीभूत होने के कारन--- इस नीराकार आतमा ने यह गलती से कह दीया--- सासत्र पढ़ने के आदत पकके होने से---व यह आदत नहीं छूटने से--- यह कह दीया के सासतरों में सार या इसेंस भरा हूआ ह---यह अपने सीव बाबा के सबद या पंकती नहीं हं--- यदी 1% भी सतय सासतरों में हो तब उपर के तरफ उठते हं--- नीचे की ओर नहीं आते हं--- समझ मीलने के बाद--- यह अपने बाबा ने अवयकत मूरली पतर में- समझाया ह यदी साकार व अवयकत मूरली पतर धयान से एकरस होकर पढ़ते हं--- 8 घंटे से अधीक तब--- यह लीखा हूआ- सपसट समझ में आ जाता ह--- अपने बाबा के नीराकार आतमा अपने बचचे कोइ के यह समझ में आया ह या नहीं यह अलग ह--- अपने बाबा ने इस एक फरीसते के माधयम से कीसी भी सबद या पंकती पर लाइन नहीं लगाइ ह- पंकती पर लगी लाइन जीसका अभीनय या पारट ह--- सायद--- अपने बाबा के नीराकार आतमा अपने बचचे उनहोंने लगाइ ह---
ओ मेरी मिठी दिदी आपका ये कितना सुख दे रहे हो अपने इन शब्दों द्वारा बाबा कमाल तो आपकी है हम सब समझते हैं लेकिन धमाल दिदी की भी सुकरिया बाबा आपका ओर मिठी दिदी का भी❤❤🎉🎉❤❤🎉🎉🎉❤❤❤🎉🎉🎉❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤
धमाका करने कि समय आया है । सब बच्चे धमाका करेगि 🎉
Om Shanti Didi ji
Om shanti thank you didi ji n baba ❤❤🎉🎉
Om shanti shiv baba & Rini didi 🙏🙏🌻🌻
Om Shanti 🙏🙏🙏
Thankyou didi i love your Hindi as well as English explanation ❤❤ thankyou BaapDada
Thanks🙏 baba❤
Shukriya baba shukriya sister
Sister Payal is really an angel ❤
Om Shanti ❤
Beautiful and amazing.
Om shanti
Sukria baba sukria didi
Kab karenge 😢😢😢😢😢
Om Shanti didi
Didi om shanti, thanks to Baba ,ab samaj aa raha hai,jo baba samjhana chah rahe hai,didi kya aap ka no mil sakta hai,aap se baat kerne ki dil hoti hai
How can I join your class
Thanks for everything ❤️
अपने सभी के बरमा(या ब्रह्मा)बाबा या लेखराज नीराकार आतमाभाइभाइ इस एक फरीसते के साकार में जनम- अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से---
बरमा(या ब्रह्मा)बाबा के साकार में दोबारा सरीर लेने के लीए- 18 जनवरी 1969 के अवयकत वानी के पहले संदेश के पहले पंकती में दीया ह---
साकार बरमा के आतमा में कलप सूरू से कलप अंत तक का अभीनय(या पारट) ह इसका अरथ ह--- एक सन भी यह नीराकार आतमाभाइभाइ एक फरीसते इस साकारसथान या वतन से अलग नहीं रह सकते---
1969 के अवयकत वानीयों में--- यहां के बाद भी कइ सथानों पर सपसट रूप में--- साकार में पूनरजनम के लीए दीया ह---
एक बार के सपसट नीराकार आतमा आप पढ़ रहे हं---
यग(या यज्ञ)में- इस नीराकार आतमा के पूनरजनम के साकार अभीनय को बहूत से आतमाएं जानते हं--- लेकीन यग नीमीत से डरते हं--- व यदी हम यह बताते हं--- तब हमारे साथ जूड़े हूए या फॉलोअर्स हमसे दूर चले जाने हं--- यह डर लगता ह---
Thanks Baba Thanks didi
❤❤❤❤❤
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साकार सरीर का अरथ ह--- परकास का बदला हूआ- साकार रूप अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से---
जेसे- सूरय(या सूर्य)का साकार रूप परथवी(पृथ्वी) ह--- या सभी गरह(या गृह) सूरय का साकार रूप ह--- परकास के बदले हूए रूप हं--- जेसे पेड़ पोधे परकास का बदला हूआ- रूप ह--- साकार में---
पेड़ पोधे --का बना हूआ- यह परकास रूप साकार सरीर ह---
upanishad deep study going on shiv baba is teaching
🎉🎉😊❤
Thanks Didi ❤❤❤❤
सूकसम सथान(या सूक्ष्म वतन)का अरथ ह---अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से--- नीराकार आतमाएं दूरभास के साधनों से व वीचार व संकलपों के माधयम से--- एक दूसरे से संपरक में आना ह--- असल में सूकसम सथान---
जेसे आप नीराकार आतमाभाइभाइ अपने बाबा के समझ परकास के कक्षा कराने का अचछा माधयम बन रहे हं यह ह--- सूकसम सथान या वतन इसके वीचार पहले संकलप के रूप में अपने बाबा ने दीया हूआ ह-- के आने वाले समय में ऐसे ऐसे होना ह--- अवयकत वानीयों में यह सब कूछ दीया हूआ ह---
अपने बाबा ने इस एक फरीसते के माधयम से -कीसी भी पंकती पर कोइ लाइन नहीं लगाइ ह- लगी लाइन अपने बाबा के नीराकार आतमा अपने बचचे जीसका अभीनय या पारट ह सायद उन्होंने लगाइ ह
बरमा(या ब्रह्मा)बाबा नाटक या ड्रामा से बाहर नहीं हं--- का अरथ यह ह--- अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से---
आप सभी के नीराकार आतमाभाइभाइ यह लेखराज या नीराकार आतमाभाइभाइ एक फरीसते जीसे आप बरमा बाबा कहते हो- आपके साथ ही इस साकार दूनीया में ह--- साकार में परकास के बदले हूए हद अधीनता के सरीर में रहते---
अपने बाबा ने 1969 के अवयकत वानी के पहले ही लाइन में यह सपसट कहा हूआ ह--- के नीराकार आतमा लेखराज या बरमा(या ब्रह्मा)बाबा साकार सथान पर ह--- नाटक के सूरू से नाटक के अंत तक---
Didi mujhe bhi aad kar lijiye group me😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
अपने बाबानूसार इस एक फरीसते के माधयम से--- यह अपने एक सीव(या शिव)बाबा ने नहीं कहा के--- सासतरों (या शास्त्रों)में- सार या इसेंस ह---
एक भी वाकय या सबद के समझ सतय ह--- या सासतरों में सार या इसेंस ह--- यह अपने एक सीव बाबा के सबद या वाकय नहीं ह---
इस नीराकार आतमा एक फरीसते के दवारा पीछले लेखराज सरीर के समय कहा गया- सतय का उचीत समझ न होने से--- हद अधीनता के वीचारों का नीराकार आतमा में- बोझ होने से---
जीसे दूनीया में वीकार कहा गया ह--- के भरे होने के कारण हद अधीनता के वसीभूत होने के कारन--- इस नीराकार आतमा ने यह गलती से कह दीया---
सासत्र पढ़ने के आदत पकके होने से---व यह आदत नहीं छूटने से--- यह कह दीया के सासतरों में सार या इसेंस भरा हूआ ह---यह अपने सीव बाबा के सबद या पंकती नहीं हं---
यदी 1% भी सतय सासतरों में हो तब उपर के तरफ उठते हं--- नीचे की ओर नहीं आते हं--- समझ मीलने के बाद---
यह अपने बाबा ने अवयकत मूरली पतर में- समझाया ह यदी साकार व अवयकत मूरली पतर धयान से एकरस होकर पढ़ते हं--- 8 घंटे से अधीक तब--- यह लीखा हूआ- सपसट समझ में आ जाता ह---
अपने बाबा के नीराकार आतमा अपने बचचे कोइ के यह समझ में आया ह या नहीं यह अलग ह---
अपने बाबा ने इस एक फरीसते के माधयम से कीसी भी सबद या पंकती पर लाइन नहीं लगाइ ह- पंकती पर लगी लाइन जीसका अभीनय या पारट ह--- सायद--- अपने बाबा के नीराकार आतमा अपने बचचे उनहोंने लगाइ ह---
Shukriya baba