Om Shanti Didi. My question is : Should I stop receiving all happiness which I receive thru mind. For example, my mind likes swimming. As I see from Baba's mind, this is not a necessity, but at the same time this is a healthy exercise for body, but this action is also felt as happiness thru mind-body. Should I stop swimming, because action of swimming is also a kind of happiness for me. Thanks Baba
अपने बाबानूसार इस एक फरीसते के माधयम से--- अपने बाबा इस एक फरीसते के माधयम से- परकास के बने हूए आंखों से देखते हं--- तब जेसे हमें दीखाइ देता ह- वेसे ही दीखाइ देता ह- लेकीन अपने बाबा को समझ परकास के- एकरस सथीती होने से--- पांच ततव एक परकास ततव ह- यह समझ परकास होने से--- परकास का बदला हूआ--- ततव---अगनी ,जल , परथवी(या पृथ्वी),वायू ,आकास ह--- तब भोजन भी पर परकास का बदला हूआ रूप दीखाता ह---
भाग-1 इस साकार सथान का दूसरा नाम सूकसम (या सूक्ष्म )वतन ह--- अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से--- अभी आप मूरली पतर से समझ रहे हं या समझा रहे हं--- यह उचीत नहीं ह--- व वीकारी मत या बूदधी ह--- या सथापना अरथात बरमा(या ब्रह्मा) मत या इस नीराकार आतमाभाइभाइ लेखराज के- सवारथ बूदधी या मत ह- या दादीयों के मत ह--- सीव(या शिव)बाबा कभी भी नहीं कहते थे- के सूकसम वतन में ब्रह्मा कोइ ह- अपने बाबा अपने नीराकार आतमा बचचे इस लेखराज को रोकता या मना करता था--- लेकीन यह नीराकार आतमाभाइभाइ लेखराज या अब साकार में यह एक फरीसते उस समय 18 जनवरी 1969 तक--- नहीं मानता था- भगती के अधीनता के कारन--- भोग लगाना यह उचीत समझता था- बाबा मना करता था- तब न मानने पर बाबा हटाता नहीं था- इसलीए सूकसम वतन बना दीया सूकसम वतन के लीए अपने बाबा में अवयकत वानी पतर में यह समझाया ह--- के इस साकार सथान का ही दूसरा नाम सूकसम वतन ह--- मूरली पत्र में ऐसा आने पर आपने समझाया हूआ ह- अब आप भूल गए हं--- सूकसम वतन अगला भाग-2
Om shanti ❤❤
Neha sister is requested to put her quarry /question in short so as to let Sister Rini have time to give answer.
Thank you baba 😊
Thankyou master supreme teacher❤❤loved the class understood and listened repeatedly several times ❤❤
Pritishah ji kya aap muge bta skte ho ki kaise live classes join kar skte h
Aaj bhog lagana kya hota smjh aya😢 sukriya baba n didi mujhe aapse kuch puchna tha कैसे बात ho sakti h
Plz didi iska part 2 bi sunana abi or clarity chahiye food and purity pr
Om Shanti Didi. My question is : Should I stop receiving all happiness which I receive thru mind. For example, my mind likes swimming. As I see from Baba's mind, this is not a necessity, but at the same time this is a healthy exercise for body, but this action is also felt as happiness thru mind-body. Should I stop swimming, because action of swimming is also a kind of happiness for me.
Thanks Baba
Thank you didi
❤❤😊🙏🙏 Om Shanti
Om shanti
Om shanti ❤❤❤didi ji
100 % सत्य .
Om Shanti didi ji❤️
Aap bhog h to kese lgaati ho 🙏
Btaoge 🙏
Om shanti baba Or didi
Om Shanti didi
Good morning sister. It's a request to my baba's beloved daughter that please explain this picture. Thank you baba ❤🙏
Puri class suno didi ne clear Kiya hai
❤❤❤❤❤❤❤❤
Love you Baba ❤
Samajh se hi sambhav hai.
Thoughts ka bhi addiction hai...par thoughts k sahare hi toh iss par se uss par ja rahe hain na sis
Soooo Deep 🏆🏆🏆🏆🏆
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉 ओं मेरी प्यारी दीदी ओम् शांति
Samaj I am being vv nice Didijii ❤🙏🙏🙏
Raeat didi dukha banjan he khilane ki khane ki nahi
OM SANTI
🙏🙏🎉😊
ओम् शांति बाबा
❤🙏🙏🙏
DIDI Ye picture thora samjhaye
Channel par jao aur beyond sound is ........jahan likha hai us anusar reply karo
अपने बाबानूसार इस एक फरीसते के माधयम से--- अपने बाबा इस एक फरीसते के माधयम से- परकास के बने हूए आंखों से देखते हं---
तब जेसे हमें दीखाइ देता ह- वेसे ही दीखाइ देता ह- लेकीन अपने बाबा को समझ परकास के- एकरस सथीती होने से---
पांच ततव एक परकास ततव ह- यह समझ परकास होने से--- परकास का बदला हूआ--- ततव---अगनी ,जल , परथवी(या पृथ्वी),वायू ,आकास ह---
तब भोजन भी पर परकास का बदला हूआ रूप दीखाता ह---
भाग-1 इस साकार सथान का दूसरा नाम सूकसम (या सूक्ष्म )वतन ह---
अपने बाबानूसार एक फरीसते के माधयम से--- अभी आप मूरली पतर से समझ रहे हं या समझा रहे हं--- यह उचीत नहीं ह--- व वीकारी मत या बूदधी ह---
या सथापना अरथात बरमा(या ब्रह्मा) मत या इस नीराकार आतमाभाइभाइ लेखराज के- सवारथ बूदधी या मत ह- या दादीयों के मत ह---
सीव(या शिव)बाबा कभी भी नहीं कहते थे- के सूकसम वतन में ब्रह्मा कोइ ह- अपने बाबा अपने नीराकार आतमा बचचे इस लेखराज को रोकता या मना करता था---
लेकीन यह नीराकार आतमाभाइभाइ लेखराज या अब साकार में यह एक फरीसते उस समय 18 जनवरी 1969 तक--- नहीं मानता था- भगती के अधीनता के कारन---
भोग लगाना यह उचीत समझता था- बाबा मना करता था- तब न मानने पर बाबा हटाता नहीं था- इसलीए सूकसम वतन बना दीया सूकसम वतन के लीए अपने बाबा में अवयकत वानी पतर में यह समझाया ह--- के इस साकार सथान का ही दूसरा नाम सूकसम वतन ह---
मूरली पत्र में ऐसा आने पर आपने समझाया हूआ ह- अब आप भूल गए हं--- सूकसम वतन अगला भाग-2
Didi aap se contact karna hai kaise kare i am from india indore mp
Om Shanthi Didi ji Shukriya Baba Shukriya
Didi aap itni मुश्किल pic kese ढूंढते हो
...
Very very nice class
Om shanti didi ji❤❤❤meri bhut diliichha h ki m apke group m connect Hou.....agr aapko thik lge toh plz di add kr lijiye 😊😊
Om shanti