प्रेमचंद ने अपने बीस वर्ष के काल में लगभग 300 कहानियां लिखी । माना जाता है की उन्होंने सिर्फ बीस वर्षों में हिंदी कहानी को परिपक्वता के उस स्तर पर पहुंचा दिया , जहां तक अन्यथा पहुंचने में सौ वर्ष लग जाते । हिंदी कहानी की दुनिया में उन्होंने कई बदलाव किए यथा - ★प्रेमचंद पूर्व हिंदी कहानी आदर्शो , उपदेशों और मनोरंजन के लटको झटको तक सीमित थी । उदाहरण के लिए "रानी केतकी की कहानी " जैसी रचनाएं मनोरंजन के लटके झटको से भरी थीं । " एक जमींदार का दृष्टांत " जैसी कहानियां उपदेशात्मकता से भरी थीं । प्रेमचंद ने इस कहानी परंपरा को सामाजिक यथार्थवाद से जोड़ा और देखते ही देखते हिंदी कहानी भारत के ग्रामीण , कृषक और वंचित समाज का प्रतिनिधित्व करने लगी । आरंभिक कहानियों जैसे" बड़े घर की बेटी" और "रानी सारंधा" में प्रेमचंद भी आदर्शवाद से मुक्त नहीं हो पाए हैं । किंतु अंतिम दौर तक आते आते उन्होंने ‘पूस की रात ’ , सद्गति और कफन जैसी कहानियां लिखकर हिंदी कहानी परंपरा को चरम यथार्थवाद तक पहुंचा दिया । ★ प्रेमचंद से पहले हिंदी कहानियों का विषय वैविध्य सीमित था । कुछ ही विषयों जैसे नारी सुधार , बाल सुधार तथा देश-प्रेम आदि पर कहानियां लिखी जा रहीं थीं । प्रेमचंद ने अपनी कहानियों में तत्कालीन भारतीय समाज की लगभग हर समस्या को उठाया और उनकी कहानियां भारतीय समाज का“ एलबम” बन गईं। उदाहरण के लिए 1. बूढ़ी काकी - वृद्धों की समस्या 2. ईदगाह - अभाव से ग्रस्त बच्चो को समस्या 3. पूस की रात - गरीब किसान की समस्या 4. कफ़न - गरीबी और भूख की समस्या 5. सद्गति - दलितों के शोषण की समस्या 6. अलग्योझा - संयुक्त परिवार के टूटने की समस्या 6. नया विवाह - बेमेल विवाह की समस्या 7. गुल्ली डंडा - सहजता छिन जाने की समस्या 8. शतरंज के खिलाड़ी - राजनीतिक जिम्मेदारियों से दूर भागने की समस्या
मैं बहुत दिनों से इसे ढूंढ रहा था जो आज जाकर मिला धन्यवाद। केवल एक पात्र के याद के कारण ढूंढ पाया (दुखी) बहुत पहले पढा़ था लेकिन याद नहीं था पाठ का नाम। केवल 'प्रेमचंद' एवं दुखी ही याद थे। सद्गति कहें या दुर्गति कहें ।
Dil ro deta hai aishe sacchai sun ke ab bhi yahi sochnewle wake ko sayad nark me bhi jagah naa mile .....Jaruri hai insab ka khatma ....Dhong hai ye sab .... Aishi soch ko ye sochna chahiye k kisi ka jnm god ke anushar hota hai hmlog ne ye ucchneech banayi hai ye hindu wo muslim. Etc e manav sudhar ja nhi toh vinash najdeek hai jai hind .....,🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Main bhi ek pandit he hu pr koi itna niradyi kaise ho sakta h rona aa gya ye story sune ke ye caste system q bnaya ye panditon ki he den h ye nhi hona chahiye the sbase bdi insaniyat hai
वाकई, पंडितों और ठाकुरों ने बहुत अत्याचार किया है। बस यही कारण है कि आरक्षण दलितों के लिए आवश्यक है।
ब्राह्मणों ने ऐसे ही छला है। तभी तो आज हम लोग इतना भुगत रहे है । अगर तभी ही एकता दिखा दी होती तो ऐसी दुर्गती ना होती भारत की ।
Aise pandit hone ka fayda Jo soch or Karmo se neech ho jisme insaniyat na ho.
बहुत पुरानी और बेहतरीन कहानी, जो उस समय की हकीकत बयान करती है साथ ही गुरु गंभीर आवाज़ बहुत अच्छा वर्णन
आप की आवाज़ हम सब सुनने वालों के क़रीब है। इसके लिए आप का शुक्रिया।।
प्रेमचंद ने अपने बीस वर्ष के काल में लगभग 300 कहानियां लिखी । माना जाता है की उन्होंने सिर्फ बीस वर्षों में हिंदी कहानी को परिपक्वता के उस स्तर पर पहुंचा दिया , जहां तक अन्यथा पहुंचने में सौ वर्ष लग जाते ।
हिंदी कहानी की दुनिया में उन्होंने कई बदलाव किए यथा -
★प्रेमचंद पूर्व हिंदी कहानी आदर्शो , उपदेशों और मनोरंजन के लटको झटको तक सीमित थी । उदाहरण के लिए "रानी केतकी की कहानी " जैसी रचनाएं मनोरंजन के लटके झटको से भरी थीं । " एक जमींदार का दृष्टांत " जैसी कहानियां उपदेशात्मकता से भरी थीं । प्रेमचंद ने इस कहानी परंपरा को सामाजिक यथार्थवाद से जोड़ा और देखते ही देखते हिंदी कहानी भारत के ग्रामीण , कृषक और वंचित समाज का प्रतिनिधित्व करने लगी । आरंभिक कहानियों जैसे" बड़े घर की बेटी" और "रानी सारंधा" में प्रेमचंद भी आदर्शवाद से मुक्त नहीं हो पाए हैं । किंतु अंतिम दौर तक आते आते उन्होंने ‘पूस की रात ’ , सद्गति और कफन जैसी कहानियां लिखकर हिंदी कहानी परंपरा को चरम यथार्थवाद तक पहुंचा दिया ।
★ प्रेमचंद से पहले हिंदी कहानियों का विषय वैविध्य सीमित था । कुछ ही विषयों जैसे नारी सुधार , बाल सुधार तथा देश-प्रेम आदि पर कहानियां लिखी जा रहीं थीं । प्रेमचंद ने अपनी कहानियों में तत्कालीन भारतीय समाज की लगभग हर समस्या को उठाया और उनकी कहानियां भारतीय समाज का“ एलबम” बन गईं। उदाहरण के लिए
1. बूढ़ी काकी - वृद्धों की समस्या
2. ईदगाह - अभाव से ग्रस्त बच्चो को समस्या
3. पूस की रात - गरीब किसान की समस्या
4. कफ़न - गरीबी और भूख की समस्या
5. सद्गति - दलितों के शोषण की समस्या
6. अलग्योझा - संयुक्त परिवार के टूटने की समस्या
6. नया विवाह - बेमेल विवाह की समस्या
7. गुल्ली डंडा - सहजता छिन जाने की समस्या
8. शतरंज के खिलाड़ी - राजनीतिक जिम्मेदारियों से दूर भागने की समस्या
Ye explanation vikas sir ki hai.... 😐
@@harshitarya1604 hanji 😊. Aap upsc ki taiyari karti h ?
@@ConceptTalk3990 hanji
Vikash divyakirti sir ki class notes chep diye
@@gauravkumaryadav1909 तो कोई दिक्कत है ? जो सच है वो सच है ।
मैं बहुत दिनों से इसे ढूंढ रहा था जो आज जाकर मिला धन्यवाद। केवल एक पात्र के याद के कारण ढूंढ पाया (दुखी) बहुत पहले पढा़ था लेकिन याद नहीं था पाठ का नाम। केवल 'प्रेमचंद' एवं दुखी ही याद थे। सद्गति कहें या दुर्गति कहें ।
Dil ro deta hai aishe sacchai sun ke ab bhi yahi sochnewle wake ko sayad nark me bhi jagah naa mile .....Jaruri hai insab ka khatma ....Dhong hai ye sab .... Aishi soch ko ye sochna chahiye k kisi ka jnm god ke anushar hota hai hmlog ne ye ucchneech banayi hai ye hindu wo muslim. Etc e manav sudhar ja nhi toh vinash najdeek hai jai hind .....,🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
इसीलिए आरक्षण का विरोध करते हैं सब।
ये हकीकत हमेशा रहेगी
।
Ye kahani bramahno ki krurta par ek krara tamacha hai...jinhone ishwar pe adhiptya dikhakar.. har Jan me jatiwad dikha diya🙏
Karmo ja fal sab ko milta hai in ko bhi mil raha hai sahi hai .
Reservation is necessary .
Wrong
5000 saal ka zulm kiya
5000 saal v.i.p. reservation ka maza liya ,
Brahmino ne,
साहित्य समाज का आईना
कहानी सुनते ही मेरी आंखें डबडबा गई....क्यों की अतीत में लिखी हुई कहानी वर्तमान समय में मैं महसूस किया..🥲🥲
Best.. 😥❤ Itna acha Narration 🌟Bhut hi acha
Manuvaad and brahmin destroy humanity and India,
Prem chand identify this in 1920's
In some way this problem still on
UPSC walo attendance lagao 😊
Nahut hi harday sparshi kahani.. ❤❤
Please don't dislike..... Agar koi kami hai toa dislike ke badle comment kyo nhi Krte
ओशो जैसी स्वर गूंज है आपकी 🙏
इसलिए पढ़ाई बहुत जरूरी है, जिसका हक संविधान ने सबको दिया है, ये देश अब पंडितों की मनमानी नहीं कानून से चलेगा l 😡😡
Loved it
I started listening stories of premchand
Nice narration
He bhagwan yese pandito ko to corona le jaye
यह कहानी हृदय को तृप्त कर दिया ❤️🥰🤗
BJP aisa hi time wapas lana chahti h
Awesome narration sir ❤👍
Great narration sir...🙏🙏
Bhai.. Kya to wachan h.. Lgta h aankho ke samne poora drishya dikh rha ho.. Hat's off. Sir.
Awesome narration 👌
I just love listening to your voice its magical
I really listen this total story it is very helpful to me because tomorrow is my exam tq sir
Grt narration sir
मैं एक ब्राह्मण हूं लेकिन मेरे साथ भेदभाव होता है क्योंकि मैं समलैंगिक हूं।
Awsm sir😍😍❣️💯
Ye sachchai hai is desh ki
😢😢😢😢 rona aa gya 😢😢😢
Very good so nice I am deeply engaged in this story. Very good
Dukh ki baat toh yeh hai ki.. Casteism continues to exist in India.. Specially in rural India..
Superb sir 😄👌👌👌
Kahni suna bahut pasand hai I like story
Kal itna exam h college me thanks for this
बहुत बढ़िया
👌
Superb voice sir ji😍
Main bhi ek pandit he hu pr koi itna niradyi kaise ho sakta h rona aa gya ye story sune ke ye caste system q bnaya ye panditon ki he den h ye nhi hona chahiye the sbase bdi insaniyat hai
बहुत सुंदर 👍
Bhut khub....
Superb sir!
Sir bohot achchi kahaani sunai Aapne
Well done Sirji..
👍👍👍👍
Superb ...
oh god !!!!!
🙏🙏💂👌👌👌👌👌👌👌
to wonderfull narration sir
🥺🥺
👌👌👌👌
Thank you sir
Very excellent narration
So nice of you
Bhut acha narration
Your work is nice 👏 sir
Good story sameer jee
😥😥😥😥😥😥😥😥😥nice story
निशब्द हूँ !
Sir कोई भी कहानी डिलीट मत कीजिये मुझे सुनना बाकी है
रुला दिया यार
Nyc story
😢😢😭😭😠😠😠🤕
kaise kaise log hote the pahle...oh...
@@kumarimadhu9105 ab bhi hai bhai😭😭😭😭
Very nice sir ji
Nice
🙏
🥺Tq
Aapki awaj oso jaisi hai😊😊
I'm most like
Nice voice
Thanks sir
Super
धन्यवाद् 🖤
Very nice bro
Kab
Very nice
This is so sad
वाह पवित्र पंडित और पडंताइन की गुफ्तगू।
आजकल तो ऊंची कुर्सी हो तो ये पंडित पांव छूते हैं
Samajik vidrupta,aur panditji ke dammbh ki shresth khani,,,
I liked
N byo
😡😡😡
2 maro my xm about this...
I hate castsim
Ye kaisi kahani. Na sar na pair. Bkwas..
समझने का फेर है , ऐ कहानी प्रेमचंद जी के बेहतरीन कहानियों में से एक है
Kyun bakwaas lg raha hai ??
Jitna dimaag hai utna hi to aayega
Ye hutiya brahman hoga ... tbhi eske smjh nahi aayi
Nice
Nice