क्या केजरीवाल मामले में ट्रायल कोर्ट पर किसी का दबाव था?
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- เผยแพร่เมื่อ 24 มิ.ย. 2024
- Was there any pressure on the trial court in the Kejriwal case?
क्या केजरीवाल मामले में ट्रायल कोर्ट पर किसी का दबाव था?
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About Vijay Sardana:
➢Advocate, Supreme Court of India, Delhi High Court, National Green Tribunal and Tribunals
➢Independent Director on Corporate Boards & on Expert Committees Techno-legal, Techno-commercial & Techno-Economic Policy Expert
➢Agribusinesses Value Chain Investment Strategy & Trade Advisor
➢Research & Innovation Management Advisor
Alumni of PGDM (IIM, Ahmedabad), LLB, M.Sc. (Food Tech) (CFTRI), B.Sc. (Dairy Tech), IPR (WIPO); PGD in Arbitration, Intl. Trade Laws & Alt. Dispute Resolution (ILI, New Delhi), ESG (CFI, US); Intl. Trade Laws (UNCITRAL, Vienna), Contract Law (Yale, USA); Justice (Harvard), International Environmental Laws; Negotiation Strategy (Michigan), Bankruptcy Law (Moscow), Ph.D (Circular Bio-economy) (in progress) (JGU)
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अगर सभी वकीलों की फीस केजरीवाल को देनी पड़े तो सारे केस बंद हो जाएंगे
Kejaruddin के कई बाप है....पैसा मिल जायेगा
@@sanjaygupta7842
इसकी अम्मा को भी पता नहीं होगा कि इसका असली बाप कौन है
Isi liye to vo CM ki post se resign nahi karta ki fees ghar se deni padegi aur khujliwal shishmahal Wale ko shishmahal Khali karna padega.
@@rpsoni1088 बिलकुल सही कहा है आपने!
सूत्रों के अनुसार भारत विरोधी बाहरी और भितरी शक्तियों के दबाव में कुछ जज काम कर रहे हैं 🙊🙈🙉
बिलकुल सही ये केजरीवाल CIA एजेंट है
Bahri bhi nahi bhitri bhi nahi, sirf paise ka khel ho Raha hai, mehnat ki kamai to hai nahi, ye dono keju our Mamta ne jitna kamai court ke chakkar me kharch kia,utna ajtak ek Congress ko chorkar koi nahi kiya.
पिछले कई फैसलों में भारत की न्याय प्रकिया को जिसमे ट्रायल कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक से जनता के भरोसे को भारी ठेस पहुंचाई है।
Yes .
ऐसे जजों को तुरंत प्रभाव से हटाना चाहिए,
भारतीय न्याय व्यवस्था पर भृष्ट जजों की वजह से भरोसा उठ चुका है कमजोर और सामान्य जनता के लिए कोई समय नहीं है
जो जजमेंट न्याय बिंदु जी ने दिया है। उसका डा्फ्ट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा किया गया है।
आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं. यही हुआ है. इस बेवकूफ़ औरत को इतनी भी अक्ल नहीं है कि वो सुप्रीम कोर्ट द्वारा नौकरी से निकाली जा सकती है 😅😅😅
Sabko pocket mein rakha hai.
पॉकेट पर नही गोद में बिठाते है...ये उसका की स्टेटमेंट है..SC को जज बनना है तो सिंघवी की गोद में बैठना जरूरी था
कई मामलों में निर्णय का मसौदा अधिवक्ताओं के कार्यालय में तैयार और टाइप किया जाता है
@@dhirajpatel9648Therefore he is called CD baba. 😂😂
न्यायालय न्यायिक प्रक्रिया बड़े वकीलों ने बंधक बनाकर रखा है। माननीय न्यायाधीश न्याय नहीं वकीलों को महत्व देते हैं। देश की जनता अब न्यायालय की न्यायिक प्रक्रिया से विस्वास उठ गया है। शर्मनाक चेहरा है।
जज साहब पर कार्रवाई होनी चाहिए।
सभी न्यायालयों में श्री केजरीवाल की इतनी जल्दी जल्दी सुनवाई कैसे हो जाती है, ये समझ से परे है।
क्योंकि अमूमन न्यायालयों में ऐसा होता नहीं है।
सुधीर जी,
अमूमन नहीं, कभी भी नहीं होता है!
Kyon इतनी जल्दी सुनवाई होती है? ये भी कोई पूछने की बात है? क्यों सिंघवी जी हर वक्त केजरी जी के लिए ही उपलब्ध हैं, ऐसा ही है। समझ गए होंगे।
Bade vakeel hire Kar raha hai .durable fees sarkari khajane se ja rahi hai
दिल्ली की अदालतों में ऐसा होना कोई आश्चर्य नहीं है। ये एक प्रकार की हेरा फेरी है जो कोर्ट ने इसलिए की क्योंकि ईडी के पास समय ही नहीं होता अपील करने का। जब कोर्ट सरकार की एजेंसी ED के साथ ये गेम खेल सकती हैं तो आम इंसान के साथ ये क्या करते है बताना मुश्किल नहीं है। कितने ही मामलों में लोग चुनौती नहीं देते क्योंकि उनके पास पैसा नहीं है। बहुत शर्मनाक स्थिति है आज न्यायतंत्र की।
बिलकुल सही कहा है आपने!
तो फिर छोटे लोगों का तो रब्ब ही रखवाला⚘️🚩🙏
ये जज मोहतरमा नौकरी से बर्खास्त होने योग्य हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट को जज साहब की गलतियों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए । उन्हें सजा देना चाहिए ।
इस न्यायधीश को तुरंत बर्खास्त किया जाए। न्याय करने लायक नहीं है।
श्रीमान जी
युवा महिला जज साहिबा है कोर्ट फिक्सरों का दवाब सह नहीं पाई जी क्योंकि एक इंसान हैं और आगे पूरा जीवन पड़ा है जी कोई मूर्ख ही अपने भविष्य को अंधकार में डालेगा जी धन्यवाद जी वो भी तब जब भारतीय न्याय व्यवस्था में चुनावों के लिए उनपर सुप्रीम कोर्ट अपनी दयालुता और कृपा बनाएं चुनाव प्रचार अभियान चलाने में उनको अपने विवेक पर जमानत दे देता है जी यूएन , जर्मनी , अमरीका , ब्रिटेन , फ्रांस का मीडिया अखबार एवम कई सरकारों के प्रमुख उनकी पैरवी करते है जी धन्यवाद जी
इन्हें समाप्त नहीं किया जा सकता क्योंकि इन लोगों को जो विशेषाधिकार प्राप्त हैं वे अंग्रेजों के जमाने के हैं। आजादी से पहले न्यायपालिका के पदों पर केवल अंग्रेज ही काबिज थे। ब्रिटिश प्रणाली अभी भी चल रही है और उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालाँकि बाद में अपने देश में अंग्रेजों ने अपनी न्याय व्यवस्था में बदलाव/बहुत सुधार किया है।
ट
At least strictures should be passed, so that such like orders are delivered by others
@@trehansanjiv8705 Can not be done, Our judiciary system is totally independent, (collegium system) .which is very dangerous.
CJI जी को इस पर जरूर कार्यवाही करनी चाहिए
लेकिन उम्मीद बहुत कम है गलती करने बालो को सजा मिलने लगी तो देश सुधर जायेगा
आप सबसे बड़े भृष्ट से उम्मीद कर रहे हैं ?
Ye sab mile hue hein money honey trapped hein , kon kiski inquiry kerega
ये तो केजरीवाल से उम्मीद करे की भीबव पर कारवाई करे जैसा है।🙊🙉🙈
CJI khud bhi kejriwal ko support kor ta hai to kaise trial court ke judge saheba ke against action lenge..yeh sab ek hi script ka kirdar hai
जज साहिबा के सम्पत्ति की जांच होनी चाहिए।
इन वकीलों का पेमेन्ट क्या दिल्ली सरकार कर रही???
JAI SHREE RAMJI
HA ESILIYE TO VH PD NHI CHHOD RHA.
गवर्नमेंट के वकील सिटिंग चीफ मिनिस्टर के लिए।तभी तो इस्तीफा नहीं हो रहा।
मेरे विचार मे अरविंद केजरीवाल के लिये एक खास कोर्ट होणा चाहिये, इस कोर्ट मे सिर्फ अरविंद केजरीवाल से संबंध वाले केस चले बाकी कुछ भी नही.
Even I thought so
😂
और उसमे जज न्याय बिंदु जी को पदस्थ कर दिया जाये . ऐसी मांग माननीय श्री अरविन्द केजरीवाल जी करेंगे। न्याय हित में अभियुक्त के अधिकार भी हैं ।
किसकी सिफ़ारिश पर यें दो दिन की लिए जज बनी जाँच तो करनी ही चाहिए किसकी साज़िश थी।
जजों ने कोर्ट को कोठा बना दिया।
कोर्ट में सारे केस खत्म हो गए सिर्फ एक ही कैसे बचा हुआ है वह भी केजरीवाल का बहुत जल्दी तरक्की कर रहा है हमारा न्यायालय
लगता हे कि मैडम की ड्यूटी ही बेल के लिए लगाई गई थी।
ये घटना भारत के अव्यवस्थित न्याय व्यवस्था की पूरी तरह से पोल खोल रही है। प्रश्न यह है कि सुप्रीम कोर्ट इन अव्यवस्थाओं को ठीक करने की कोई मंशा रखता है क्या या फिर अंदर अंदर यही सब चाहता है?
राम राम जय साई राम जी राधे राधे हरे कृष्णा जी
सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम सिस्टम के जज साहिब को सिर्फ सरकार के कार्य क्षेत्र में विधायिका कार्यपालिका के कार्य क्षेत्र में टीका टिप्पणी और भ्रष्ट आचरण दिखता है न्यायिक क्षेत्र में हस्तक्षेप और सफाई उन्हें पसन्द नहीं जी धन्यवाद जी
यही सब चाहता है! क्योंकि वो तो Collegium सिस्टम से पूरा आनंद ले रहे हैं!
वो चाहता है कि नीचे भी सब खाते रहें और उसी में आनंदित रहें! ताकि उनको उपर वालों को देखकर कोई जलन, द्वेष न हों!
ट्रायल कोर्ट का ऑर्डर पूर्वाग्रह से ग्रसित और स्वार्थपूर्ण प्रतीत होता है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के बहुत बड़े वकील साहब का दबाव होगा और आम आदमी पार्टी का प्रलोभन होगा | न्याय बिन्दु अच्छा नाम है .|
एकदम सही कहा विजय जी, केजरीवाल आम आदमी नहीं, सुप्रीम कोर्ट के चाहिदा हे
ट्रायल कोर्ट पे वजनी गांधी जी का दबाव था ।
ऑर्डर सुनाने के लिये रात 8 बजे का समय क्यों चुना जबकी कोर्ट 6 बजे बन्द हो जाते हैं। ऐसी कौन सी जल्दबाजी थी। क्या जज की मंशा में खोट थी? "समय" पर सवाल केजरिवाल ने भी उठाया है। ऑर्डर मे KEJARIWAL को कानून से परे जज द्वारा दिया गया अवांछित सहयोग साफ़ दिखाई दे रहा है। 😮
येसे जज को तुरंत हटाना चाहिए
विजय जी पैसे का खेल है sc, hc सब केजरीवाल के केस में ब्यस्त है खुजलीवाल जनता का पैसा लुटा रहा है केस को बगेर पडे बेल मिल रहा है तो कुछ न कुछ झोल है
श्री विजय सरदाना जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद, बधाई। निचले न्यायालयों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लगता है कि जज , मजिस्ट्रेट सभी किसी के दबाव में न्याय और फैसले करने केलिए बाध्य किए जाते हैं।
विजय जी,
लोअर कोर्ट की जाज साहिबा ने बिल्कुल इम्मेचर वर्किंग का प्रमाण दिया है। ऐसे जजों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही होनी चाहिए ताकी भविष्य मै रिपीट न हो।🙏🏼
खासमखास की भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं होती हैं लेकिन केजरीवाल की हो रही है तो न्यायपालिका से सवाल पूछने बनते हैं।
मानना पड़ेगा कि बन्दे में इतना दम है कि सारी अदालतों को अपने ठेंगे पर नचाकर रखा है। यह भी कि अपनी बेइज्जती के साथ साथ जजों की इज्जत को भी तार तार कर रखा है।
ईस ट्रायल कोर्टमें 2 दिनकेलिये आये जजने केसके पुरे पेपर बिना पढे बेल दे दिया. यह बहोत बडा गुनाह हो सकता है.
ऐसे जजको खुर्चीपर बैठनेका अधिकार छिन लेना चाहिए, या फिर Suspend कर देना चाहिए, ऐसे बहोत लोग बोल रहे है.
जज न्याय बिन्दु ने साबित किया कि उनके पास सामन्य समझ नहीं है। इन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
बिल्कुल सही विश्लेषण किया है ।केजरीवाल को सभी न्यायालय में इतना जल्द-से-जल्द सुनवाई किया जा रहा है ।आम जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय है ।केजरीवाल को कतई बेल नही मिलना चाहिए।
मनमर्जी करने वाली के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि न्याय की जगह अन्याय न हो।
हमारे मिलोर्ड्स को केजरीवाल के लिये भरपूर समय हैं. ट्रायल हाय supreme सारे कोर्ट एक आदमी के लिये सुनवाई मे लगे हैं.
न्याय का खरीद दार होना चाहिए समय अपने आप मिल जायेगा
अगर दबाव है ये माना तो निश्चित तौर पर वह देश हित में नहीं होगा.
सरदाना जी आप का विष्लेषण 100 % सही होता है।अभी भी सिस्टम कांग्रेस पार्टी का ही चल रहा है।
केजरीवाल जी को शराब घोटाला मामले में दो दिन के judge bench Mrs Justice न्याय बिंदु द्वारा बैल देने का निर्णय उचित नहीं है। समय के कमी के कारण कोर्ट के रेगुलर बेंच भेजना चाहिए।
क्या जस्टिस बिंदु जी के सगे संबंधी AAP से संबंध रखते हैं?
कोर्ट प्रभावित थी तो बेल देकर बहबाही लेना चाहती थी, फस गई, करवाई होनी चाहिए जज पर, सद्बुद्धि हो, शुभ कामनाएं
श्रीमान जी
युवा महिला जज साहिबा है कोर्ट फिक्सरों का दवाब सह नहीं पाई जी क्योंकि एक इंसान हैं और आगे पूरा जीवन पड़ा है जी कोई मूर्ख ही अपने भविष्य को अंधकार में डालेगा जी धन्यवाद जी वो भी तब जब भारतीय न्याय व्यवस्था में चुनावों के लिए उनपर सुप्रीम कोर्ट अपनी दयालुता और कृपा बनाएं चुनाव प्रचार अभियान चलाने में उनको अपने विवेक पर जमानत दे देता है जी यूएन , जर्मनी , अमरीका , ब्रिटेन , फ्रांस का मीडिया अखबार एवम कई सरकारों के प्रमुख उनकी पैरवी करते है जी धन्यवाद जी
सद्बुद्धि शायद पढ़ाई के तन्त्र में ही नहीं है।
यह सीधे-सीधे दबाव में रहकर न्यायिक भ्रष्टाचार का मामला है जिसमें उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।
,कानून मे यह एक प्रावधान जरूर शामिल करना चाहिए की जब प्रमुख अपराधी जांच मे सहयोग नही कर्ता है ऐसे लोग का नार्को टेस्ट न्यायालय के द्वारा अनिवार्य करना चाहिए।
All higher courts are giving full time for AAP Party and Arvind Kejriwal hampering the judiciary for common people. Very Sad
सरदाना सर, कृपया हमारे केजरी के लिए अलग से एक एक सुप्रीम,हाई कोर्ट
खुलनी चाहिए जिससे उनको कोई परेशानी न हो। यह मामला संसद से पास होना चाहिए।
यही कह सकते है की देश का दुर्भाग्य है
जमानत के स्पेशलिस्ट वकील ही कोर्ट
अपनी मर्जी से चला रहे है लेकिन गलती करने बालो को सजा कब मिलेगी ???
Hon’ble CM Sarabi gutalwise accused AAP Chore Tihari Jail Delhi ke marji sa Trial Court, Hon’ble & Hon’ble suprema Court Judges Mi lord post hona chie ji. Hindustan jaye phad ma ji.
हर आदमी जो राजनीति में है वो ये समझता है मुझे हर तरह से छूट मिल गई है। लूटने की ये सब बंद होना चाहिए। मगर अफसोस कि ये लोग कुछ इस प्रकार के लोगो को साथ रखते हैं जिनकी कोई इज्जत नही होती वे लोग कुछ लालच के कारण इन लोगो का काम करते हैं।
Supreme Court must take action against trial Court judge if Supreme Court really wants to maintain sanctity of the Judiciary.
The lower court's bail order for Kejriwal was a clear cut conspiracy hatched by Kejriwal's legal team. There must be an internal inquiry initiated by the S.C.against the judge & she should be punished as per the laws. 🙏
इस जज के आज तक दिये गये सब फ़ैसलो की समीक्षा होनी चाहिए ।
आश्चर्य है कि माननीय उच्च न्यायालय ने इतनी कमियां पाई पर अधीनस्थ न्यायालय के विरुद्ध जांच की बात नहीं कही।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय को बिना विलम्ब इस पर कार्यवाही करना ही चाहिए न्यायालयो को यह स्पष्ट संकेत देना चाहिए कि वह करें और न्याय करते हुए दिखे भी।उन्हें न्याय करना है स्वेच्छा चारिता नहीं। यदि इतनी गम्भीर स्वेच्छा चारिता में भी कोई कार्यवाही नहीं होती तो यह यह न्याय पालिका के सम्बंध में बहुत गलत संदेश देने वाला होगा।
ट्रायल कोर्ट के जजसाहिबा की भी जांच होनी चाहिए और कानून का गलत इस्तेमाल किया गया है तो उनको भी सजा होनी चाहिए.
ट्रायल कोर्ट को शाय़द म्यानेज किया गया हो सकता है।
इस न्याय(बिंदु) के न्याय की(अ _न्याय) जांच होनी चाहिए और साथ क्षमता की भी__
न्यापालिका को अपनी विश्वासनीयता जनता को दिखानी होंगी. इसमें सुधार की बहुत जरुरत है. न्याय विन्दु जी का केजरीवाल को बेल देना सही दिख रहा है?
न्यायपालिका मे हजारों केस पेंडिंग है लेकिन केजरीवाल को हर दिन हर कोर्ट मे मनमाना समय मिलता है. क्यूँ???
कुछ खेला होबे ला का हो भईया??
👌👌👌👌👌
She should be suspended with immediate effect.
ऐसे judges के कारण ही जनता का कोर्ट se विश्वास उठ गया है
मुझे लगता हैं कि भारत को विचलित करने कुछ लोगों को अंतरराष्ट्रीय लेवल पर लगाया है ।
ट्रायल के जज ने रिश्वत लेकर केजरी को ज़मानत दिया होगा।
Clear proof that intention of trial court judge is biased and doubtful. Must be questioned by high court and supreme court and action to be taken against her
ट्रायल कोर्ट पर इंटरनेशनल दबाव है ..
जज साहब न्याय विंदु जी की बैक ग्राउंड और फैमिली का सीबीआई जांच होनी चाहिए ये क्या 1दिन के जज साहब ने कैसे केजरीवाल को जमानत क्यूं दिया सुप्रीम कोर्ट को समय रहते जांच करनी चाहिए।
बहुत ही तार्किक और निष्पक्ष विश्लेषण हृदय से धन्यवाद एवं आभार महोदय🙏🙏👍👍
न्याय व्यवस्था का मजाक उड़ाने वाले जज तुरंत बर्खास्त हों।
रिश्वत की बेहद मोटी रकम खाकर लेडी जज़ ने फटाफट निर्णय दे दिया। छुट्टियों के समय सिर्फ दो दिनों के लिए, जो जज़ रहना था!! देश और समाज के भविष्य की किसको पड़ी है? 🤨😠😡
केजरीवाल मामले में ट्रायल कोर्ट पर भारत विरोधी डीप स्टेट का दबाव था।
वंदे मातरम्, जय भारत, जय श्री राम। आपको नमन ।।
ट्रायल कोर्ट की जज साहिबा कोलिजियम सिस्टम के द्वारा तुरंत पिकअप करके सुप्रीम मीलॉड बनाये जाने के लिए परफेक्ट मैटेरियल है !
Supreme court ko District court ke judge par action Lena chahiye
श्रीमान जी
युवा महिला जज साहिबा है कोर्ट फिक्सरों का दवाब सह नहीं पाई जी क्योंकि एक इंसान हैं और आगे पूरा जीवन पड़ा है जी कोई मूर्ख ही अपने भविष्य को अंधकार में डालेगा जी धन्यवाद जी वो भी तब जब भारतीय न्याय व्यवस्था में चुनावों के लिए उनपर सुप्रीम कोर्ट अपनी दयालुता और कृपा बनाएं चुनाव प्रचार अभियान चलाने में उनको अपने विवेक पर जमानत दे देता है जी यूएन , जर्मनी , अमरीका , ब्रिटेन , फ्रांस का मीडिया अखबार एवम कई सरकारों के प्रमुख उनकी पैरवी करते है जी धन्यवाद जी
जज न्याय बिंदु ने केजरी को बेल देने में जिस तरह की योग्यता का प्रदर्शन किया है उस से ये एक दिन CJI ज़रूर बन जाएंगी।😊
मिलॉर्ड लोगों के अनेक रूप हैं। उनमे से एक रूप है स्नेह का, जो की वो केजरीवाल और उसके जैसे भ्रष्टाचारी, चोर-उच्चकों, देशद्रोहियों और आतंकवादियों के प्रति प्रदर्शित करते हैं। और दूसरा हैं मिलॉर्ड लोगों का रौद्र रूप जो साधारण मानव, देश के समर्थक और सनातनियों के प्रति समय समय पर मिलॉर्ड लोग प्रदर्शित करते रहते हैं।
1947 से आज तक कोर्ट मे सबसे ज्यादा बहस केजरी पर हो रही ऐसा लगता है ये आदमी सबसे खास हो.
विजय सर,
आखिर इस देश में अंग्रेजों के जमाने की न्यायिक प्रणाली में सुधार कब होंगें ?
इस देश में जजों की accountability कब तय होगी और कसूरवार पर दंडनीय होगी ??
रिश्वतखोरी और न्यायिक कदाचार का इससे घटिया उदाहरण शायद फिल्मों में ही मिले।
CJI should take cognizance of this conspiracy. Kejriwal is getting prompt hearings and reliefs.This must end.
अभिषेक मनु सिंघवी ने बहुत सारे वकीलों को judge बनवाया है. ट्रायल कोर्ट की mi Lord सम्भवतः उन्हीं में से एक होंगीं.
क्या न्यायालय में बैठे लोगों के पास अन्तर्रात्मा जैसा कोई विचार होता है?
कार्यपालिका के संदर्भ में सत्ता का दुरुपयोग जैसी बातें प्रायः सुनने को मिलती हैं,लेकिन यहाँ तो ऐसा लगता है कि जैसे प्रकृति का चक्र रुक गया है, सूर्य, चांद, तारे सभी अपना धर्म छोड़ चुके हैं, सामान्य परिस्थितियों में तो एक अपराधी के लिए विभिन्न स्तरों पर न्यायपालिका का ऐसा समर्पण सम्भव नहीं है!
हमारा सौभाग्य यह है कि संघात्मक व्यवस्था में यही संविधान के संरक्षक हैं!
इस प्रकरण की जांच होनी चाहिए
मेरी समझ में दो दिन के जज का तुरंत बेल दे दिया जाना और फिर उसी तत्परता से आर्डर का न लोड किया जाना जिससे उसके विरुद्ध कोइ कार्यवाही आगे की अदालतें न कर सकें, इससे स्पष्ट है कि इंसाबके पीछे बहुत बड़ी साजिश है जिसकी जांच होनी चाहिए ,जिस तरह से केजरीवाल भारतीय कानून की छोटी छोटी गलतियों का फायदा उठा रहे हैं इस के लिए कड़ा कानून बनाए जाने की जरूरत है ।
केजरुद्दीन वो बला है जिससे कोर्ट भी डरता है और वो जल्दी सुनवाई के लिए तैयार बैठा रहता है।धिक्कार है ऐसे सड़े गले न्याय तन्त्र पर।
लोवर कोर्ट की जज साहिबा पर SC को कार्यवाही करनी चाहिए।इसमें से कुछ गलत की बु आ रही हे।
श्रीमान जी
युवा महिला जज साहिबा है कोर्ट फिक्सरों का दवाब सह नहीं पाई जी क्योंकि एक इंसान हैं और आगे पूरा जीवन पड़ा है जी कोई मूर्ख ही अपने भविष्य को अंधकार में डालेगा जी धन्यवाद जी वो भी तब जब भारतीय न्याय व्यवस्था में चुनावों के लिए उनपर सुप्रीम कोर्ट अपनी दयालुता और कृपा बनाएं चुनाव प्रचार अभियान चलाने में उनको अपने विवेक पर जमानत दे देता है जी यूएन , जर्मनी , अमरीका , ब्रिटेन , फ्रांस का मीडिया अखबार एवम कई सरकारों के प्रमुख उनकी पैरवी करते है जी धन्यवाद जी
इस जज को तुरन्त supend करना चाहिए. जजमेंट करने का तरीका इसे मालूम नही, ऐसा तो लगता हैं. हायकोर्ट ने stay देते समय इसके बारेमे जो टिपणीया कि है, वह बहुत गंभीर है. क्या CJI इस बातको ध्यान देंगे?
मा.जज सा.न्यायबिन्दु का नाम अगर न्यायसागर होता तो वे तत्काल केजरीवाल सा. को दोषमुक्त कर देती।इस प्रकरण का बढिया विष्लेषण किया है आपने।आपियों की ताकत और न्यायतंत्र मे उनकी घुसपैठ का अन्दाजा ही लगाया जा सकता है।इस प्रकरण से प्रेरणा लेकर भविष्य में कोई फिल्मकार जरूर फिल्म बनायेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय लेना चाहीये की दोषी कोर्ट के उपर क्या कार्यवाही करे
विजय जी प्रणाम
कोई दबाव नहीं था ट्रायल कोर्ट पर सारा खेल सूटकेस का है। गाना था दिल्ली का कुतुबमीनार देखो, घर बैठे सारा संसार देखो। पैसा फेंकों, तमाशा देखो।
This case should be got investigated.
अदालतों पर आम आदमी के मुकद्दमे सुनने का समय कहां है।
जवानी मे अपराध के मामले मे जेल मे जाता है और जेल मे ही बूढा हो जाता है परंतु मामले की सुनवायी नही होती। उसके लिए इस उम्र मे फैसले का कोई अर्थ नहीं।
Why the judiciary is so hell bent on favoring kejriwal !? What's in it for them !?
आदालत सिर्फ नेताओ के लिए ही सीमित है आम लोग के लिए तो सालो साल लग जाते है।
जज ने ऐसा क्यों किया ये सवाल ज्यादा महत्व पूर्ण है। अगर दबाव था तो कैसा और किसका?
ऐसे सेंसिटिव और हाई प्रोफाईल केसेस, लिए रिजर्व जज के सामने नहीं आने चाहिए। केसेस आबंटन करनेवाले विभाग को ये चीज ध्यानमे रखना चाइए।
न्यायपालिका का अधिकांश संवेदनशील मामलों में काम करने का तरीका संदेह के घेरे के बाहर नहीं रहा है ।
ट्रायल कोर्ट दबाव में था और जज साहब ने दर्शनशास्त्र की व्यख्या कर दी।और आये दिन सुप्रीम कोर्ट हाइकोर्ट सबके सब इनके केस की सुनवाई हो रही है कोर्ट सिर्फ और सिर्फ इनको समय दे रही है
बेल देने वाली जज साहब से गहन पूछताछ करनी चाहिए
Trial Court Judge Should Be Investigated
यह सब अंधेरे में तलवार बाजी के समान है ये सब फरेब है और न्याय गायब परंतु सब कुछ वेल मैनेज्ड ,इस लोकतंत्र में हर कोई को हर कुछ करने की पूरी आजादी है ये चक्र यूं ही चलता रहेगा और गाल बजाई भी होती रहेगी लोग चीजों को समझने की कोशिश करते रहेंगे मगर सीफर नतीजे के साथ😮
यही है इस देश की न्याय व्यवस्था का गरीब आदमी को महीनो की तारीख मिलते है न्याय होता दिखने की बात तो दूर न्याय बिकता है
अवकाश के दिनों में बैठे जज द्बारा केश को बिना पढ़े - सुने आरोपी को बरी करना, जज के पढ़े लिखे पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
लगता है की आज कल देश में एक ही मामला है आम आदमी अभी इंतजार करें