Dombari Buru ghatna: A Tragic Tale of Betrayal and Bloodshed

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  • เผยแพร่เมื่อ 11 ก.พ. 2025
  • Dombari Buru ghatna: A Tragic Tale of Betrayal and Bloodshed
    #डोंबारी #बुरु की घटना
    #भारतकापहला #जालियांवालाबाग
    #भगवान बिरसा मुंडा
    जालियांबाला बाग की घटना से 20 वर्ष पूर्व घटी घटना में सैकड़ों आदिवासियों को अंग्रेज सिपाहियों ने चारों ओर से घेरकर भून दिया था। ये स्थान है खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड क्षेत्र का डोंबारी बुरु। आज से 125 साल पहले 9 जनवरी 1899 को अंग्रेजों ने डोंबारी बुरु में निर्दोष लोगों को चारों तरफ से घेर कर गोलियों से भून दिया था। डोंबारी बुरु में भगवान बिरसा मुंडा अपने 12 अनुयाइयों के साथ सभा कर रहे थे। सभा में आस-पास के दर्जनों गांव के लोग भी शामिल थे। इनमें महिलाएं और बच्चे भी थे। बिरसा मुंडा अंग्रेजों के खिलाफ लोगों में उलगुलान की बिगुल फूंक रहे थे। अंग्रेज को बिरसा की इस सभा की खबर हुई। इस संघर्ष में सैकड़ों आदिवासी लोग शहीद हो गए। हालांकि, बिरसा मुंडा अंग्रेजों को चकमा देकर वहां से निकलने में सफल रहे। उक्त स्थल पर किए गए पत्थलगड़ी में मात्र छह लोगों का ही नाम दर्ज है। इनमें गुटुहातु के हाथीराम मुंडा, हाड़ी मुंडा, बरटोली के सिगराय मुंडा, बंकन मुंडा की पत्नी, मझिया मुंडा की पत्नी और डुंडंग मुंडा की पत्नी शामिल हैं। लोग डोंबारी बुरु को झारखंड का जालियांबाला बाग भी कहा जाता है। इस घटना के बाद हर साल यहां 9 जनवरी को मारे गए आदिवासियों की याद में शहादत दिवस मनाया जाता है और यहां मेला का भी आयोजन किया जाता है|
    #mundatribe
    #डोंबारीबुरु
    #भगवान बिरसा मुंडा
    / @vikasmunda2092
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