झुक-झुककर सीधा खड़ा हुआ

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  • เผยแพร่เมื่อ 29 ม.ค. 2024
  • झुक-झुककर सीधा खड़ा हुआ, अब फिर झुकने का शौक नहीं..
    अपने ही हाथों रचा स्वयं.. तुमसे मिटने का खौफ़ नहीं…
    तुम हालातों की भट्टी में… जब-जब भी मुझको झोंकोगे…
    तुम हालातों की भट्टी में… जब-जब भी मुझको झोंकोगे…
    तब तपकर सोना बनूंगा मैं…
    तुम मुझको कब तक रोकोगे…
    तुम मुझको कब तक रोक़ोगे…।।
  • บันเทิง

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