bhai vo judge hai gaudi mein lekr case solve nhi hota ye real life hai court justice ke liye hai na ki idhar udhar baat ke liye ye movies ne aap logo ka dimag bhirast kr rakha hai every judge should be strict
Madam court ka time kharab kar raha tha wo buddha. Koi vakil karna chahiye tha. Koi 0adda likha banda bhi khud case nahi lad sakta usse kaise sujhi khud case ladni ki. Ye to nahi wo budga aur gareeb hai to kuchh bhi karega. Koi ameer bhi hota to court aise hi react karti
जज साहब इस बुजुर्ग से आप जिस तरह से बात कर रहें हैं सच में आज हमारा कानून से भरोसा उठ गया है लगता है न्याय की उम्मीद अब न्यायालय से नहीं है बुजुर्गों का सम्मान करें वो भी एक मजदूर वर्ग
Sab chiz karne ka ek proper channel hota hain aap muh se khate he muh se sun nai sakte to aapko agar court me jana he to aapko puri jaankari honi chahiye ya fir jinko jankari hain unko chalane dena chahiye
@@pankajsumbha956 there is free legal aid services in any count within india and their advocates are aslo helpful to them even i am an advocate and enrolled to a legal aid service in Ahmedabad court so pls dont teach me that free services are not available and all that blah blah blah
Brother wo court h And judge have to pressure both the lawyers Emotional game har jaga nei chalta Unke pash lawyer nei tha isliye judge sir ne bohot zada rokhe apne ap ko control kiye Mera dost law ki taiyari kar ra h and this type of behaviour is of every judge so that koi judge pe havi na ho sake Pahele thora parhai karo brother
Judge ban jao ek baar..am sure behaviour n misbehaviour n insult kya hota hai tab pata chal jaega... I dnt think judge ne kuch galat Kiya hai...rather sahi rasta dikhaya..
Kitna satana, us dusri pass insan ko. Achcha padhata to wah bhi JUDGE aur INSAF karta. Lanat is Judicial System ko. TAXPAYERS' money khub looto. Waise bhi is admi ko samay nhi dekar achcha kia, suna hai bharat me bahut hi kam cases pending hai? 😂😂😂ya, rich aur famous k liye jaise Bageshwar dham me bahut samay dena tha??? . Jald hi governer bn sakte hai. Is admi se behavior bahut Shameful hai. Government vakil to karva deta?
गरीबी रेखा से नीचे का यह निरक्षर व्यक्ति बहुत मक्कार है। वह मुफ्त कानूनी सहायता प्रकोष्ठ से मदद मांग सकता था, जो उसे मुफ्त वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है, जिससे उसने मुकदमा तैयार करवाया था। लेकिन वह अपनी गरीबी और निरक्षरता के पीछे आश्रय चाहता था। ऐसे ऐसे छत्तीस घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले। उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का उपयोग केवल दूसरी संपत्ति के लिए करना चाहता था। न्यायाधीश ने अपनी पूरी कोशिश की है कि व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है। न्यायाधीश ने लागत के साथ याचिका खारिज करने से खुद को रोक लिया है, और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
अगर हाल में इतने सारे वकील बैठे हैं तो जज किसी को खडा करके पडवा सकते हैं, कुछ मजबुरी रही होगी जो पढ नहीं पाए । केवल दूसरी तक पढ पाऐ । वैसे भी न्याय पाने का हक सभी को है । 😮
मुकदमे बाजी का शौक एक बुढे गरीब इंसान को कैसे हो सकता है....... जज एक इंसान होता है भगवान नही , जनता सर्वोच्च है, बुढे इंसान के साथ असभ्य व्यवहार करने के लिये जज को भी सजा मिलनी चाहिए , न्याय सबके लिये समान होना चाहिए
Court mae unhe bhagwan ka hi darja diya jata hai.... Judge ka faisla faansi tak bhi pahucha sakta hai. Janta kuchh bhi nahi. Janta unke aage haath jod kar khadi rah sakti hai bas.
गरीबी रेखा से नीचे का यह निरक्षर व्यक्ति बहुत मक्कार है। वह मुफ्त कानूनी सहायता प्रकोष्ठ से मदद मांग सकता था, जो उसे मुफ्त वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है, जिससे उसने मुकदमा तैयार करवाया था। लेकिन वह अपनी गरीबी और निरक्षरता के पीछे आश्रय चाहता था। ऐसे ऐसे छत्तीस घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले। उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का उपयोग केवल दूसरी संपत्ति के लिए करना चाहता था। न्यायाधीश ने अपनी पूरी कोशिश की है कि व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है। न्यायाधीश ने लागत के साथ याचिका खारिज करने से खुद को रोक लिया है, और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
यह गरीब अनपढ़ आदमी बहुत ही कुटिल है और उतना सरल नहीं है जितना वह दिखावा करता है वह फ्री लीगल एड सेल से मदद मांग सकता था जो उसे फ्री वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है जिससे उसने ड्राफ्टिंग करवाई थी। लेकिन उसने अपनी गरीबी और अशिक्षा के पीछे छिपने की कोशिश की। ऐसे ऐसे छोटे घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले। उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का इस्तेमाल दूसरी संपत्ति के लिए ही करना चाहता था। जज ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि वह व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है। जज ने खुद को लागत के साथ याचिका खारिज करने से रोक लिया है और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
गरीबी रेखा से नीचे का यह निरक्षर व्यक्ति बहुत मक्कार है। वह मुफ्त कानूनी सहायता प्रकोष्ठ से मदद मांग सकता था, जो उसे मुफ्त वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है, जिससे उसने मुकदमा तैयार करवाया था। लेकिन वह अपनी गरीबी और निरक्षरता के पीछे आश्रय चाहता था। ऐसे ऐसे छत्तीस घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले। उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का उपयोग केवल दूसरी संपत्ति के लिए करना चाहता था। न्यायाधीश ने अपनी पूरी कोशिश की है कि व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है। न्यायाधीश ने लागत के साथ याचिका खारिज करने से खुद को रोक लिया है, और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
जब जज साहब बूढ़ा होकर रिटर हो जायेंगे, और बूढ़े उम्र में उसका कोई बेईजत करेंगे, तब उस गरीब मजदूर दादा जी का दिल की दर्द का एहसास होगा, ऐसा एक दिन जरूर आए जज के जिन्दगी में, भगवान से यही दुआ रहेगा मेरे।
कक्षा 2 का पड़ा हुआगरीब मजदूरकोई वकील अगर खड़ा होकर उसकी बात पढ़ लेता तो क्या दिक्कत थीजज साहब उसी का पूरा टेस्ट लेयह जज भी काम नहीं होते तभी तो न्याय आजबातों कोयह पजल केमिस्ट्री
यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। वह उम्मीद कर रहा था कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक मदद करेगा। सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था। ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया जाना चाहिए था।
हमे जिस जगह सपोर्ट दिखानी चाहिए वहाँ हम गूंगे बहरे हो जाते है । बस इसी वजह से हमारा न्याय प्रणाली सिस्टम लचर होता जा रहा है 😢😢😢😢😢😢 हमे इस वृद्ध आदमी के आत्मविश्वास का सम्मान करना चाहिए 👌👌🙏🙏🙏
यह गरीब अनपढ़ आदमी बहुत ही कुटिल है और उतना सरल नहीं है जितना वह दिखावा करता है वह फ्री लीगल एड सेल से मदद मांग सकता था जो उसे फ्री वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है जिससे उसने ड्राफ्टिंग करवाई थी। लेकिन उसने अपनी गरीबी और अशिक्षा के पीछे छिपने की कोशिश की। ऐसे ऐसे छोटे घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले। उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का इस्तेमाल दूसरी संपत्ति के लिए ही करना चाहता था। जज ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि वह व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है। जज ने खुद को लागत के साथ याचिका खारिज करने से रोक लिया है और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
बिल्कुल सही कहा गया है न्याय गरीबो को नही मिलती है जिस प्रकार हमारे माननीय न्यायाधीश महोदय जी न्याय करने वेठे हुए है लेकिन जिस प्रकार से प्रश्न कर रहे है उससे सामने वाला डरके भी अपनी बात पुरी तरह से रख नही पायेंगे इसलिए निशुल्क बकील मिलना चाहिए
Very rude judge, a poor man never gets justice in this country. Instead of helping this man judge taunts and misbehaves, such a pathetic condition of Indian judiciary.
Bhai uske paas itna paisa nahi hai ki advocate ki fees de. Hon. Judge ko chahiye tha ki use free ki legal help available karwate. Na ki uski tauheen karke use bhagate.
यह व्यक्ति गरीब है इसीलिए वकील नहीं कर सकता है इस पर वकील करने के लिए दबाव बनाया गया, और अपने केस को लड़ने के लिए अगली तारीख भी नहीं दी गई, साक्षय प्रस्तुत करने के लिए समय भी नहीं दिया गया, और याचिका वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया, तो यह व्यक्ति न्याय कैसे प्राप्त कर सकता है।
भाई फिर भी वो जज से तो अच्छा ही है जो २ पास होने के बावजूद भी उच्च न्यालय मे गए सलाम ऐसे हिम्मती लोगो को भगवान ऐसी नौबत किसी गरीब को न करे की इस जगह जाना पड़े 😢
यह गरीब अनपढ़ आदमी बहुत ही कुटिल है और उतना सरल नहीं है जितना वह दिखावा करता है वह फ्री लीगल एड सेल से मदद मांग सकता था जो उसे फ्री वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है जिससे उसने ड्राफ्टिंग करवाई थी। लेकिन उसने अपनी गरीबी और अशिक्षा के पीछे छिपने की कोशिश की। ऐसे ऐसे छोटे घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले। उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का इस्तेमाल दूसरी संपत्ति के लिए ही करना चाहता था। जज ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि वह व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है। जज ने खुद को लागत के साथ याचिका खारिज करने से रोक लिया है और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
This reminded me of judge in Kolkata high court who even after knowing that the person standing before him is mentally unstable and couldn't deliver his grievance properly, still gave him much time and chance to make his point. He showed empathy towards the aggrieved person and also told others not to mock him as he is standing in the court of law. The attitude of a judge shows whether he's truly capable of being a judge.
ऐसे जज को तो तुरंत निकाल देना चाहिए ये लोग कभी गरीब इंसान के बारे में नहीं सोचते हैं ये गरीब इंसान इससे 1 दिन का ही तो समय मांग रहे हैं लेकिन इसको कुछ सुनना ही नई हैं।
गरीबी रेखा से नीचे का यह निरक्षर व्यक्ति बहुत मक्कार है। वह मुफ्त कानूनी सहायता प्रकोष्ठ से मदद मांग सकता था, जो उसे मुफ्त वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है, जिससे उसने मुकदमा तैयार करवाया था। लेकिन वह अपनी गरीबी और निरक्षरता के पीछे आश्रय चाहता था। ऐसे ऐसे छत्तीस घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले। उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का उपयोग केवल दूसरी संपत्ति के लिए करना चाहता था। न्यायाधीश ने अपनी पूरी कोशिश की है कि व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है। न्यायाधीश ने लागत के साथ याचिका खारिज करने से खुद को रोक लिया है, और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
@@hvsgamex9782murder karega kya bhai eshe to baat karne ka bhi ek tarika hota hain ye nhi ki apne ap ko powerful sabit karne ke liye gun lekar firing karo our dikhao ki i am power full 😏😡
यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। वह उम्मीद कर रहा था कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक मदद करेगा। सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था। ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया जाना चाहिए था।
मैंने बहुत सारी कमेंट पढ़ी और सबने एक ही बात बोले कि इस गरीब आदमी को न्याय नही मिला । तो जज नेचुरल जस्टिस देने में अक्षम है, परंतु जज बनकर क्यों बैठे हैं।
तुम्हारा उपरवालाही लापरवाह है पैसेवालोंको ताकतवार बनाया है गरीबोंको मजबूर सब उपरवालेकी गलती है गलत लोगोंको वहीपर उसी क्षण तकलीफ देनी थी जैसै हार्ट एटैक हैजा पॅरालीसीस अस्थमा उपरवालेमें ही खोट है
Mukdama dalne ka shauk kis ka hota hai majboori le aati hai. Court mai, waise uncle ki daath Deni chaiye ye 2nd class pass ho kr aap ne itha padh liya or court mai bhi apne liye khade huey without vakil, hats off uncle ji aisey he aagey badtey rahiye 😊
यह गरीब अनपढ़ आदमी बहुत ही कुटिल है और उतना सरल नहीं है जितना वह दिखावा करता है वह फ्री लीगल एड सेल से मदद मांग सकता था जो उसे फ्री वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है जिससे उसने ड्राफ्टिंग करवाई थी। लेकिन उसने अपनी गरीबी और अशिक्षा के पीछे छिपने की कोशिश की। ऐसे ऐसे छोटे घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले। उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का इस्तेमाल दूसरी संपत्ति के लिए ही करना चाहता था। जज ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि वह व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है। जज ने खुद को लागत के साथ याचिका खारिज करने से रोक लिया है और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
mam there is a value of the precious time of the court, the petitioner needs to understand what is the judge asking and what is he answering, the judge asked a simple question that if the petitioner has hold over the the land mentioned in the decree then what is the problem, just because his naksha shows more land alloted to him is not a concrete proof of his ownership over the disputed land, its as simple as that, if the naksha is accepted then everyone will file their own land nakshas in the court and fight for the land which doesnt even belong to them, we dont know if the petitioner is right or wrong but to support your arguments you have to attach concrete proofs with your petition.
आप सही कह रहे हैं। व्यवस्था ठीक नहीं है। ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माने के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए था। लेकिन न्यायाधीश ने उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। उसे उम्मीद थी कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक काम आएगा सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था।
यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। वह उम्मीद कर रहा था कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक मदद करेगा। सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था। ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया जाना चाहिए था।
एक गरीब की मजबूरी हे की उनके पास वकीलों की फीस का पैसा नहीं होता हे ।रही बात सरकारी वकील तो वो कभी न्याय नही दिला सकते उनको भी तगड़ी वाली घुस की जरूरत होती । ऐसे जजों और न्याय व्यवस्था के कारण लॉरेंश विश्नोई जैसे गैंगस्टर बनते हे
भारत में गरीब के लिए न्याय असंभव है बड़ी शर्मशार करने वाली बात है की भारत एक गणतांत्रिक देश होने के बावजूद न्यायालय में अभिजात्य वर्ग का प्रभुत्व कायम है।
जज साहब अपना जहर उबल रहें। न्याय देने की वजह मजदूर बूढ़े आदमी को हड़का रहे हैं। मजदूर बूढ़े आदमी के होंसले बुलन्द हैं। जय बाबा की बाबा का आत्मविश्वास जिंदाबाद
😀😀😀😀, कैसे सुनने में मजा आया और उसका फैसला करने का भी आनंद आया, क्या करें बेचारा गरीब आदमी है, कहां से रोटी खाई और कहां से केस के लिए वकील साहब को लेकर आए,😭😭😭😭😭
यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। वह उम्मीद कर रहा था कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक मदद करेगा। सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था। ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया जाना चाहिए था।
आप सही कह रहे हैं। व्यवस्था ठीक नहीं है। ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माने के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए था। लेकिन न्यायाधीश ने उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। उसे उम्मीद थी कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक काम आएगा सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था।
In my opinion this poor senior citizen labour is been ill treated. Not his mistake, he thought it is his own people in the court as his grampanchayat but the judge proved it wrong thinking his intelligence is right. May god be courteous on everyone
Bhai court ko bhi case khatam karne hai tumko pata hai per judge ke piche kitne cases hai and judge usko advice kia hai ki vakeel hire kro kyuki wo nhi lad parha khud ka case
After watching the complete video. I must say you should at least help him. We respect your powers and decisions but as a human you should be polite to him. And kudos to that person who give your answers at this age with this much of knowledge.
मैं इन बूढ़े व्यक्ति के आत्मविश्वास का सम्मान करता हूं❤❤
Same pinch
Moppp
❤🙏🙏
Judge samman se hi baat kiye hai.
Exactly Bilkul
जज साहब फैसला और इंसाफ देने की जगह हड़काना चालू कर देते हैं।इतना रूखा व्यवहार श्रीमान जी को शोभा तो कतई नहीं देता।
Absolutely right
ऐसी बात किसी न्यायमूर्ति को शोभा नहीं देती
Dusri pass admi, nhi to judge bn jata na? 😂😂😂😂. Shame less behavior.
bhai vo judge hai gaudi mein lekr case solve nhi hota ye real life hai court justice ke liye hai na ki idhar udhar baat ke liye ye movies ne aap logo ka dimag bhirast kr rakha hai every judge should be strict
Madam court ka time kharab kar raha tha wo buddha. Koi vakil karna chahiye tha. Koi 0adda likha banda bhi khud case nahi lad sakta usse kaise sujhi khud case ladni ki. Ye to nahi wo budga aur gareeb hai to kuchh bhi karega. Koi ameer bhi hota to court aise hi react karti
जो देश के इतने बड़े पद पर बैठा है उसके अंदर सहनशीलता होनी जरूरी है
Right 👍👍👍
Bhai sahen silta hogi to koi bhi chutiya bana dega aap kaise keh sakte hy ki ye dada ka case dada ke fevour majn hy
हमारे देश जब ऐसे जज हो जाएंगे तो बेचारा गरीब मज़दूर कहाँ जाएगा
जज साहब का व्यवहार बहुत असंतोस्जनक है निंदनीय है
जज साहब इस बुजुर्ग से आप जिस तरह से बात कर रहें हैं सच में आज हमारा कानून से भरोसा उठ गया है
लगता है न्याय की उम्मीद अब न्यायालय से नहीं है
बुजुर्गों का सम्मान करें वो भी एक मजदूर वर्ग
जज का काम करने से मन भर गया, बेचारे बुजुर्ग से जज की तरह नही बल्कि विपक्षी वकील की तरह व्यवहार किया जा रहा हैं 😢😢
न्याय व्यस्था गरीब के लिए नहीं है
nyay wywastha garib ke liye hi hai lekin jab aap aur hum us kurshi pe kisi ayogya wykti ko bithate hain tab aisa hi hota hai
Sab chiz karne ka ek proper channel hota hain aap muh se khate he muh se sun nai sakte to aapko agar court me jana he to aapko puri jaankari honi chahiye ya fir jinko jankari hain unko chalane dena chahiye
@@Ridhamthehinduto yah vyavstha tum ya court Dusri Pass admi ko nhi bata paye? Vyavstha kisko pata hai? Free legal advice koun dega? Government? Judge? Tum? Ya mai? Tumhara kahna sahi hai, advocate bahut Bahut 100 times BAHUT jyada imaandar hai? Sorry, muze full stop karna tha.
Sahi kaha sir information aam aadmi ko available nahi hai
@@pankajsumbha956 there is free legal aid services in any count within india and their advocates are aslo helpful to them even i am an advocate and enrolled to a legal aid service in Ahmedabad court so pls dont teach me that free services are not available and all that blah blah blah
बूढ़े बाबा के जज्बे को सलाम 🙏और एक न्याय के देवता को इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए ये निंदनीय हैं 😔
जज साहेब जानबूझकर दुव्यवहार कर रहे है गरीब को गरीब ही समझ सकता है और कोई नही बूढ़े व्यक्ति की शक्ति को नमन करता हु
judge bhi buddha haye
शायद इसीलिए, एक गरीब आदमी न्याय मांगने की बजाय अन्याय को बर्दाश्त करना ज्यादा आसान समझता है।
जज साहब का रूखा व्यवहार इसी बात का जीता जागता उदाहरण है।
मजिस्ट्रेट महोदय बोलने का अधिकार हैया नहीं किसी बड़े बूढ़े को ऐसे परेशान किया जाता है क्या
Brother wo court h
And judge have to pressure both the lawyers
Emotional game har jaga nei chalta
Unke pash lawyer nei tha isliye judge sir ne bohot zada rokhe apne ap ko control kiye
Mera dost law ki taiyari kar ra h and this type of behaviour is of every judge so that koi judge pe havi na ho sake
Pahele thora parhai karo brother
Desh sawidhan se chalta hai aise emotional ho kar nhi aise to har dusri paas 5 paas pohanch jaayega vakeel kiya jhakh maarne k liye rakhe hai
@@SaNaTaNiHaQsEbro kaha tak study ki hain tumne kabhi court gaye ho kya tum ya koi case lada hain kya tumne ?
Khud ke aatm sammaan se badke kuch nhi hota ....yahi kaaran h ki Logg Bura hota sehh lete hain Kukii hamari nyaypranali esi h
जज साहब का बयवहार किसी गवार से कम नही ये लोग अपने आप को भगवान समझते है बुजुर्ग को तहे दिल से सलाम🙏
Judge ban jao ek baar..am sure behaviour n misbehaviour n insult kya hota hai tab pata chal jaega...
I dnt think judge ne kuch galat Kiya hai...rather sahi rasta dikhaya..
Insaniyat kya hai phir ye batao
@@25ajitmishraथ जथत्रूय ।छ
ईस दादा जी जेसे दो आदमी मेरे गांव मे है जो हर किसी पर एफआईआर दर्ज करा देते उने बहुत सोख हे
इस वीडियो से यह प्रतीत होता है। शिक्षा क्यू जरूरी है।
बूढा इंसान हैं गरीब आदमी इनको एक अच्छा वकील मिल जाए तो यह केस जीत जाएंगे मुझे विश्वास है इनके होंसले और वकील साहब के धैर्य को सलाम 🙏
Kitna satana, us dusri pass insan ko. Achcha padhata to wah bhi JUDGE aur INSAF karta. Lanat is Judicial System ko. TAXPAYERS' money khub looto. Waise bhi is admi ko samay nhi dekar achcha kia, suna hai bharat me bahut hi kam cases pending hai? 😂😂😂ya, rich aur famous k liye jaise Bageshwar dham me bahut samay dena tha??? . Jald hi governer bn sakte hai. Is admi se behavior bahut Shameful hai. Government vakil to karva deta?
Bhai court Mai bolna to padega na
Sahi baat hai
😅
गरीबी रेखा से नीचे का यह निरक्षर व्यक्ति बहुत मक्कार है।
वह मुफ्त कानूनी सहायता प्रकोष्ठ से मदद मांग सकता था, जो उसे मुफ्त वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है, जिससे उसने मुकदमा तैयार करवाया था।
लेकिन वह अपनी गरीबी और निरक्षरता के पीछे आश्रय चाहता था।
ऐसे ऐसे छत्तीस घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले।
उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का उपयोग केवल दूसरी संपत्ति के लिए करना चाहता था।
न्यायाधीश ने अपनी पूरी कोशिश की है कि व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है।
न्यायाधीश ने लागत के साथ याचिका खारिज करने से खुद को रोक लिया है, और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
अगर हाल में इतने सारे वकील बैठे हैं तो जज किसी को खडा करके पडवा सकते हैं, कुछ मजबुरी रही होगी जो पढ नहीं पाए । केवल दूसरी तक पढ पाऐ । वैसे भी न्याय पाने का हक सभी को है । 😮
जज साहब की भासा बहुत ही निंदनीय है।😢😢
मुकदमे बाजी का शौक एक बुढे गरीब इंसान को कैसे हो सकता है....... जज एक इंसान होता है भगवान नही , जनता सर्वोच्च है, बुढे इंसान के साथ असभ्य व्यवहार करने के लिये जज को भी सजा मिलनी चाहिए , न्याय सबके लिये समान होना चाहिए
Court mae unhe bhagwan ka hi darja diya jata hai.... Judge ka faisla faansi tak bhi pahucha sakta hai. Janta kuchh bhi nahi. Janta unke aage haath jod kar khadi rah sakti hai bas.
@@preitysethi गलत है पर यही सत्य हे, और इसे बदलने की जरुरत है
So sad ,,,, for a judge😢
@@rajendrakaur240 what about poor old man ?
Imagine you were at his place 😊
Objectionable behaviour by High court Judge.If lawyer not loyal with his clients then ordinary citizens having right to represent himself.
जज साहब का पूरा रवैया असहयोगात्मक है....
यह बहुत ही दुःख कि बात है.
जज साहब का व्यवहार उनकी पढ़ाई को जान के बाद पूरी तरह से दुर्व्यहार में बदल गया जो निंदनीय है
Right
मैने कोर्ट की प्रोसर्डिंग देखी हैं कुछ जज साहेब का व्यवहार देख कर किसी की भी हिम्मत नही होगी की कोर्ट की ओर देखे भी
Right
जजमेंट सही नही लगा
Bilkul right
जजों के रूप में शैतान इस धरती पर आ गया हैं।
जिनमें हमें भगवान नजर आ रहे थे वो शैतान निकले।
येसे बेकूप सोच जज एक को बिल्कुल सोभा नहीं देता, ये उसकी मदद करने के बजाय उस बुजुर्ग को हडका रहा है, और इस साहसी बुजुर्ग को दिल से शलाम है,
Judge साहिब का व्यवहार अच्छा नहीं इस बुढ़े व्यक्ती के आत्मविश्वास को नमन
गरीबी रेखा से नीचे का यह निरक्षर व्यक्ति बहुत मक्कार है।
वह मुफ्त कानूनी सहायता प्रकोष्ठ से मदद मांग सकता था, जो उसे मुफ्त वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है, जिससे उसने मुकदमा तैयार करवाया था।
लेकिन वह अपनी गरीबी और निरक्षरता के पीछे आश्रय चाहता था।
ऐसे ऐसे छत्तीस घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले।
उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का उपयोग केवल दूसरी संपत्ति के लिए करना चाहता था।
न्यायाधीश ने अपनी पूरी कोशिश की है कि व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है।
न्यायाधीश ने लागत के साथ याचिका खारिज करने से खुद को रोक लिया है, और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
Bro he treat same type person everyday
Bilkul sahi
This is how all govt officials treat normal people... Real face of India.
Exactly if there were a rich man stood infront of him his attitude would be totally different
The judge should respect the ordinary elderly but he has no respect. Where r we reaching in doing Justice to this man.very disappointing.
The judge should respect the ordinary elderly but he has no respect. Where r we reaching in doing Justice to this man.very disappointing.
The judge should respect the ordinary elderly but he has no respect. Where r we reaching in doing Justice to this man.very disappointing.
Exactly
एक गरीब आम आदमी इसी लिए इन पेचीदा कानूनी चीजों में फंस कर न्याय नहीं प्राप्त कर पाता
Isiliye kanoon aur judgement compromise hai. 😂😂😂
Wo bhai ko kabja wala jameen chahiye jitna registration ka he wo to mil Raha he fir bhi aage wala kabja me he wo bhi chahiye
Ye court ka process hai aur ye kisi ke liye change nahi hota aur judge ne kha ki vo koi advocate ko leke aye
yai desh grebo k liyai nahi hai, unhai kisi na kisi roop mai yaha jhelna hee prega 😢
यह गरीब अनपढ़ आदमी बहुत ही कुटिल है और उतना सरल नहीं है जितना वह दिखावा करता है
वह
फ्री लीगल एड सेल से मदद मांग सकता था जो उसे फ्री वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है जिससे उसने ड्राफ्टिंग करवाई थी।
लेकिन उसने अपनी गरीबी और अशिक्षा के पीछे छिपने की कोशिश की।
ऐसे ऐसे छोटे घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले।
उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का इस्तेमाल दूसरी संपत्ति के लिए ही करना चाहता था।
जज ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि वह व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है।
जज ने खुद को लागत के साथ याचिका खारिज करने से रोक लिया है और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
इन महोदय का व्यबहार सभी के साथ ऐसा ही होता हैं। ये अपने आप को सबसे ऊपर समझते हैं।
जज को बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि दूसरी पास बुजर्ग मुकदमा लड़ रहा है
जजों के लिए कानून क्यों नहीं बनाया दूसरा पास आदमी पूछ रहे हैं पढ़िए क्या पढ़ेंगे कोर्ट को वकील देना चाहिए था गरीब आदमी को वाह रे मेरा देश महान
bro he can also take govt lawer but he dont take then it is his duty to read
गरीबी रेखा से नीचे का यह निरक्षर व्यक्ति बहुत मक्कार है।
वह मुफ्त कानूनी सहायता प्रकोष्ठ से मदद मांग सकता था, जो उसे मुफ्त वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है, जिससे उसने मुकदमा तैयार करवाया था।
लेकिन वह अपनी गरीबी और निरक्षरता के पीछे आश्रय चाहता था।
ऐसे ऐसे छत्तीस घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले।
उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का उपयोग केवल दूसरी संपत्ति के लिए करना चाहता था।
न्यायाधीश ने अपनी पूरी कोशिश की है कि व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है।
न्यायाधीश ने लागत के साथ याचिका खारिज करने से खुद को रोक लिया है, और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
Judge Sahab बुजुर्गो की हेल्प करना चाहिए,, उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए
एक आम आदमी अपने हक की लड़ाई के लिए किसी भी अधिकारी से अपनी बात करने में डर नहीं लगता है सच्चाई हमेशा विजय प्राप्त करतीं हैं
इस जज पर करवाई की जाए । जो एक बुजग की तकलीफ को नही समझ सकता । सुपरीम कोर्ट इस जज पर कडी कारवाई करे ।
अमीरों की सरकार ,अमीरों की अदालतें, अब भारत से गरीबी नहीं गरीबो को मिटाने वाले हैं ये लोग
कानून अंधा है और जज साहब भी अंधे हैं क्योंकि एक लाचार व्यक्ति की मदद करने के बजाय उसे भटका रहे हैं
Right
Law aise work nahi karta
Lachari dekh kar nahi dalil se court chalta hai...
Without vakil itna aasan nahi hai
Yehi to greebo ki haar hoti h
देश का कानून गरीबों और कमजोर के लिए नही है,गरीबों को परेशान और पैसा लूटने में अमीर लोग कोई कसर नही छोड़ता है
Us vakeel ne uncle ki help karne ki kosis ki thi bechare ne😢
Lekin Judge sahab ka to apna hi swag he.
जज साहब ने बहुत रिस्पेक्ट की उम्र का लिहाज रखा।यह मानवीय भाव,जय हिन्द ऊ
जब जज साहब बूढ़ा होकर रिटर हो जायेंगे, और बूढ़े उम्र में उसका कोई बेईजत करेंगे, तब उस गरीब मजदूर दादा जी का दिल की दर्द का एहसास होगा, ऐसा एक दिन जरूर आए जज के जिन्दगी में, भगवान से यही दुआ रहेगा मेरे।
इससे तो अच्छा मेरा गांव का मुखिया न्याय करता है, संस्कार नाम की चीज ही नहीं है इसमें जज बनकर बैठे है
इतने वाहियात होते है तथाकथित न्यायमूर्ति
Sahi baat hai 👍👍👍👍👍👍
बेचारा बुजुर्ग पहले से ही पारेषण है उस्को रुला रहा है अंग्रेजी जाज
ये जज साहब जिस प्रकार से कम पढ़े लिखे व्यक्ति को खुमा रहा है जिस प्रकार से परेशान कर रहे हैं तो उस प्रकार से तो कोई अनपढ़ को न्याय ही नहीं मिलेगी
😂😂😂😂
थुक से जज को आपत्ती है........
लेकीन संपूर्ण न्यायव्यवस्था मे क्या चल रहा है यह सबको अवगत है.
Poori vyavastha thook waali hai uska koi problem nahi hai unko😂
@AjayVerma-wk2pw 9:30 par khud thook lagaya
Sahi kha😅
Collegium system se bna hua judge
बढे बड़े नेता थूक कर चले जाते हैं. तब इन्हे आपत्ति नहीं होती. गरीब मर जाये... 😭😭u
कक्षा 2 का पड़ा हुआगरीब मजदूरकोई वकील अगर खड़ा होकर उसकी बात पढ़ लेता तो क्या दिक्कत थीजज साहब उसी का पूरा टेस्ट लेयह जज भी काम नहीं होते तभी तो न्याय आजबातों कोयह पजल केमिस्ट्री
जिसके पास वकील के पैसे देने की हैसियत नहीं हो तो उसको न्याय नहीं मिलेगा क्या कानून बनना चाहिए❤❤❤❤
जज साहब को बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं। कि आपने काफी सहनशीलता का परिचय दिया।
जिस देश का न्याय ऐसा होगा,
तो कैसे कोई विश्वास करे की उसके साथ न्याय होगा
निंदनीय अति निंदनी😢
इस वीडियो को देखकर तो हमारा भी आत्मविश्वास कम हो गया है... लगता है न्याय हमें भी नहीं मिलेगा इसलिए बच के रहो और जिंदगी काट लो😮😮
Right sir g
Are bewkuf ye nyay k liye nahi aaya hai...farzi kabza k liye aaya hai....
Petition lagane se wo aadmi har waqt sahi nahi ho jata
गरीब ,बेबश की जज भी नहीं सुनते।
Bilkul sahi
पंचतंत्र की कहानी 😂😂
समझ आया देर मैं,
जज साहब को धन्यवाद🙏♥️
ये जज तो अपने को भगवान समझ रहा है इस बूढ़े व्यक्ति को मैं अपना आदर्शसम्मान करता हूं कानून और बड़े व्यक्तियों के लिए ही होता है
यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। वह उम्मीद कर रहा था कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक मदद करेगा। सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था। ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया जाना चाहिए था।
हमे जिस जगह सपोर्ट दिखानी चाहिए वहाँ हम गूंगे बहरे हो जाते है । बस इसी वजह से हमारा न्याय प्रणाली सिस्टम लचर होता जा रहा है 😢😢😢😢😢😢
हमे इस वृद्ध आदमी के आत्मविश्वास का सम्मान करना चाहिए 👌👌🙏🙏🙏
न्याय गरीब के लिए नहीं है चाचा, ज्यादा उम्मीद मत रखिए.! एक बार वकील कर लिया तो उस वकील से बचना ही मुश्किल हो जाएगा. ये काले कोट काट खाएंगे आपको. 😅
Apka hr shabd sateek hai
Wa,,bhai,,mare,,akdam,,right,,baat
😂😂😂😂
बिलकुल सही है।
यह गरीब अनपढ़ आदमी बहुत ही कुटिल है और उतना सरल नहीं है जितना वह दिखावा करता है
वह
फ्री लीगल एड सेल से मदद मांग सकता था जो उसे फ्री वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है जिससे उसने ड्राफ्टिंग करवाई थी।
लेकिन उसने अपनी गरीबी और अशिक्षा के पीछे छिपने की कोशिश की।
ऐसे ऐसे छोटे घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले।
उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का इस्तेमाल दूसरी संपत्ति के लिए ही करना चाहता था।
जज ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि वह व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है।
जज ने खुद को लागत के साथ याचिका खारिज करने से रोक लिया है और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
कानून आम जनता के लिए था और आज कानूनी प्रक्रिया में आम जनता(गरीब) ही परेशान है।
Jaj saeb ko bahut bahut dhanyawad
Aap bahut achhe
बाबासाहेब ने बहुत अधिकार दिए हैं हम पर लेकिन न्यायपालिका पैसे वालों के लिए है उनका ताला लगे हैं और चाबी किसी और के हाथ में है
जब किसी बूढ़े व्यक्ति ने अपने लड़ाई को स्वयं लड़ रहे थे तब जज ने अपनी जाजगिरी दिखाई जो शर्म नाक है ऐसे जजों को शर्म आनी चाहिए
याचिका वापिस लेने का दबाव इस जज के द्वारा बनाया गया।
न्याय नही अन्याय है ये।
Very good man 👍 I admire him that he is fighting for him
बिल्कुल सही कहा गया है न्याय गरीबो को नही मिलती है जिस प्रकार हमारे माननीय न्यायाधीश महोदय जी न्याय करने वेठे हुए है लेकिन जिस प्रकार से प्रश्न कर रहे है उससे सामने वाला डरके भी अपनी बात पुरी तरह से रख नही पायेंगे इसलिए निशुल्क बकील मिलना चाहिए
Old men has full confidence my sympathy with him
Very rude judge, a poor man never gets justice in this country. Instead of helping this man judge taunts and misbehaves, such a pathetic condition of Indian judiciary.
Ri8 aise judge jo padh ke v bujurg se kaise baat karni chahiye inko pata nhi h bar bar unko bol rhe h padhne wo yaha tk aaye itna hi badi baat h
Maybe his tone is rude be he tried to teach him manners and the false litigations
Unko ek wakil k sath maswera kr k aana caheya thaa proof ki hee court me value hay
Bhai uske paas itna paisa nahi hai ki advocate ki fees de. Hon. Judge ko chahiye tha ki use free ki legal help available karwate. Na ki uski tauheen karke use bhagate.
Justice system is seems only for rich
एक अनपढ़ व्यक्ति के होशले को सैल्यूट करते हैं। जज साहब मजदूर गरीब को सोक नहीं होता मजबूरी में आया है क्योंकि बड़े बड़े वकीलओ की फीस नहीं दे सकते हैं।
सही कहा अपने शर्म करो जज साहब...
मुझे तो विरोधी वकील मददगार लग रहे है ऐसे गंवार प्रवत्ति के न्यायाधीश जब तक अदालत में रहेंगे तब तक देश का कुछ नही हो सकता
Tum karoge desh ko acha har jagha galat hoga tum rokoge
Bhagwan kare is judge ke bache ak din apni zameen k liye aise hi roye
जज के प्रश्नों का जवाब देना जरूरी है, कोर्ट का समय नष्ट नहीं किया जा सकता।
यह व्यक्ति गरीब है इसीलिए वकील नहीं कर सकता है इस पर वकील करने के लिए दबाव बनाया गया, और अपने केस को लड़ने के लिए अगली तारीख भी नहीं दी गई, साक्षय प्रस्तुत करने के लिए समय भी नहीं दिया गया, और याचिका वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया, तो यह व्यक्ति न्याय कैसे प्राप्त कर सकता है।
Mc jude
भाई हमारे देश का कानून घटिया है
Andha knnon h dusri pass ko padhne k liy pressure bna rhe h
ye jaj mehanat karane ko tayar nahi je
Corrupt system
भाई फिर भी वो जज से तो अच्छा ही है जो २ पास होने के बावजूद भी उच्च न्यालय मे गए सलाम ऐसे हिम्मती लोगो को भगवान ऐसी नौबत किसी गरीब को न करे की इस जगह जाना पड़े 😢
इस वीडियो में देख कर लग रहा है क्यों बुरे व्यक्ति से ज्यादा ओल्ड का समय इस पगले जज ने खराब किया है जो मेरी बात से सहमत है
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यह गरीब अनपढ़ आदमी बहुत ही कुटिल है और उतना सरल नहीं है जितना वह दिखावा करता है
वह
फ्री लीगल एड सेल से मदद मांग सकता था जो उसे फ्री वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है जिससे उसने ड्राफ्टिंग करवाई थी।
लेकिन उसने अपनी गरीबी और अशिक्षा के पीछे छिपने की कोशिश की।
ऐसे ऐसे छोटे घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले।
उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का इस्तेमाल दूसरी संपत्ति के लिए ही करना चाहता था।
जज ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि वह व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है।
जज ने खुद को लागत के साथ याचिका खारिज करने से रोक लिया है और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
Judge साहब जानते हुए भी इस गरीब आदमी को दबाने की कोशिश करते हैं ये बूढ़े आदमी का होंसला उनके आत्मविश्वास का बहुत सम्मान करते हैं🙏
I salute this old man....please guide him correctly but in polite way ....he is so genuine person ......judge please be polite sir
This reminded me of judge in Kolkata high court who even after knowing that the person standing before him is mentally unstable and couldn't deliver his grievance properly, still gave him much time and chance to make his point. He showed empathy towards the aggrieved person and also told others not to mock him as he is standing in the court of law. The attitude of a judge shows whether he's truly capable of being a judge.
इस देश में गरीब बेबस आदमी को कभी न्याय की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
Isi liye bolte hain court mai emotions k liye koi zagah nhi ha but headsoff to the uncle jinmai itni himmat or confidence ha
देश के अंदर न्याय मांगना बहुत बड़ा अपराध है. लोकतंत्र की न्यायिक व्यवस्था देखकर लोकतंत्र से भरोसा उठ गया इससे बेहतर तो राजतंत्र था
Sirf paise ki kmi ki wajh se aaj ye din dekhna pda . Lekin ye insan apna hak lene k liye khud judge k samne aa gya . Salute h in great man ko😊
कानून सिर्फ बड़े लोगो के लिये बना है😡
Unke liye b nhi h bhyi sc st valo k liye h or unki b ye sunte nhi h ya fr ambani adani ya Bollywood actor
Sahi baat hai bro
Sahi baat hai
तेरे को क्या लगा की मजदूर नहीं lad sakta re banta
सही कहा है किसी ने गरीब के लिए न्याय नही है
देश की सेवा कितनी सही तरीके से कर रहें हे माननीय नमस्कार
The poor old man must feel so intimidated and discouraged. Why couldn't the judge show empathy and give him the same advice in an encouraging way?
they treat everyone equally there is no space for empathy in court , court works on practical and logic , that's how judge should be behave
@@cupcake2856 nope it's empathy... Else why are they biased toward women? Logic or empathy?
@@FreakGUY-007Hn tujhe sab pata hai aur judge murkh hai
ऐसे जज को तो तुरंत निकाल देना चाहिए ये लोग कभी गरीब इंसान के बारे में नहीं सोचते हैं ये गरीब इंसान इससे 1 दिन का ही तो समय मांग रहे हैं लेकिन इसको कुछ सुनना ही नई हैं।
Right
गरीबी रेखा से नीचे का यह निरक्षर व्यक्ति बहुत मक्कार है।
वह मुफ्त कानूनी सहायता प्रकोष्ठ से मदद मांग सकता था, जो उसे मुफ्त वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है, जिससे उसने मुकदमा तैयार करवाया था।
लेकिन वह अपनी गरीबी और निरक्षरता के पीछे आश्रय चाहता था।
ऐसे ऐसे छत्तीस घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले।
उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का उपयोग केवल दूसरी संपत्ति के लिए करना चाहता था।
न्यायाधीश ने अपनी पूरी कोशिश की है कि व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है।
न्यायाधीश ने लागत के साथ याचिका खारिज करने से खुद को रोक लिया है, और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
जज धमका रहे हैं, सहानुभूति प्रकट करना चाहिए।
Judge soft hoga to ijjat kon karega
@@hvsgamex9782murder karega kya bhai eshe to baat karne ka bhi ek tarika hota hain ye nhi ki apne ap ko powerful sabit karne ke liye gun lekar firing karo our dikhao ki i am power full 😏😡
यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। वह उम्मीद कर रहा था कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक मदद करेगा। सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था। ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया जाना चाहिए था।
मैंने बहुत सारी कमेंट पढ़ी और सबने एक ही बात बोले कि इस गरीब आदमी को न्याय नही मिला । तो जज नेचुरल जस्टिस देने में अक्षम है, परंतु जज बनकर क्यों बैठे हैं।
जज की भाषा एवं व्यवहार निंदनीय है 😢
किसी गरीब का मजाक उड़ाना अच्छी बात नही है जब आपको को पता है की वो पड़ नही सकता तो आप उसे परेशान क्यों कर रहे है
मरी नजर मे ऊपर वाले से बड़ा कोई जज नहीं। जो ना गरीब देखता हे ना अमिर ना छोटा ना बड़ा
Bhai shab upar wale ko kis ne dekha b ek parkarti h or dukhi aab h hum to kya kare kya khud k liye bol b nhi sakte
तुम्हारा उपरवालाही
लापरवाह है
पैसेवालोंको ताकतवार बनाया है
गरीबोंको मजबूर
सब उपरवालेकी गलती है
गलत लोगोंको वहीपर उसी क्षण तकलीफ देनी थी
जैसै हार्ट एटैक
हैजा पॅरालीसीस अस्थमा
उपरवालेमें ही खोट है
Mukdama dalne ka shauk kis ka hota hai majboori le aati hai. Court mai, waise uncle ki daath Deni chaiye ye 2nd class pass ho kr aap ne itha padh liya or court mai bhi apne liye khade huey without vakil, hats off uncle ji aisey he aagey badtey rahiye 😊
Aap kaha se hain ji apki Jeshi positive thinking and Sahi ko Sahi samjhne vali ladies and girls bahot kam bachi hain humhari country main
यह गरीब अनपढ़ आदमी बहुत ही कुटिल है और उतना सरल नहीं है जितना वह दिखावा करता है
वह
फ्री लीगल एड सेल से मदद मांग सकता था जो उसे फ्री वकील मुहैया करा सकता था। लेकिन वह सहानुभूति के आधार पर केस जीतना चाहता था। वह उस वकील का नाम भी नहीं बता रहा है जिससे उसने ड्राफ्टिंग करवाई थी।
लेकिन उसने अपनी गरीबी और अशिक्षा के पीछे छिपने की कोशिश की।
ऐसे ऐसे छोटे घूमते हैं जजों को मूर्ख समझने वाले।
उसके पास एक संपत्ति पर उसके पक्ष में डिक्री है और वह उसी में रहता है। वह उसी डिक्री का इस्तेमाल दूसरी संपत्ति के लिए ही करना चाहता था।
जज ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि वह व्यक्ति कम से कम अपनी शिकायत तो बता सके। वह इतना समझदार है कि उसकी कोई योग्यता नहीं है।
जज ने खुद को लागत के साथ याचिका खारिज करने से रोक लिया है और उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।
जज तो बहुत ही क्रूर जैसा व्यवहार कर रहा है, यह न्याय नहीं अन्याय हो रहा है। यह सजा के हकदार है।
जज साहब कह रहे हैं थूक मत लगाओ और ध्यान से देखो जज साहब खुद थूक लगा रहे हैं
Poor behaviour to senior citizen
When third passed can be P.M. then why not a second pass can argue for himself?
WHICH PM BRUH🤡
mam there is a value of the precious time of the court, the petitioner needs to understand what is the judge asking and what is he answering, the judge asked a simple question that if the petitioner has hold over the the land mentioned in the decree then what is the problem, just because his naksha shows more land alloted to him is not a concrete proof of his ownership over the disputed land, its as simple as that, if the naksha is accepted then everyone will file their own land nakshas in the court and fight for the land which doesnt even belong to them, we dont know if the petitioner is right or wrong but to support your arguments you have to attach concrete proofs with your petition.
Lehru ?
@@mpranav22 lol
He may argue there's no barrier, but he doesn't know how to.
मै ऐसे न्याय व्यवस्था से सहमत नही हुं।
आप सही कह रहे हैं। व्यवस्था ठीक नहीं है।
ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माने के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए था। लेकिन न्यायाधीश ने उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। उसे उम्मीद थी कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक काम आएगा
सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था।
ज ज साहब मे इनसानियत कम है 9:59
यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। वह उम्मीद कर रहा था कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक मदद करेगा। सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था। ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया जाना चाहिए था।
ग़ज़ब जज साहब को सलाम है कि इतने धीरज के साथ इस ग़रीब बूढ़े और अनपढ़ की याचिका के साथ समय सम्मान के साथ दे रहे हैं✍️🤔
जयहिंद 🇮🇳🙋♀️✌️
एक गरीब की मजबूरी हे की उनके पास वकीलों की फीस का पैसा नहीं होता हे ।रही बात सरकारी वकील तो वो कभी न्याय नही दिला सकते उनको भी तगड़ी वाली घुस की जरूरत होती । ऐसे जजों और न्याय व्यवस्था के कारण लॉरेंश विश्नोई जैसे गैंगस्टर बनते हे
भारत में गरीब के लिए न्याय असंभव है बड़ी शर्मशार करने वाली बात है की भारत एक गणतांत्रिक देश होने के बावजूद न्यायालय में अभिजात्य वर्ग का प्रभुत्व कायम है।
पीछे से वकील ने उठ कर इंसानियत के नाते मदद के लिए कोशिश की पर गरीब की समस्या ही गरीब होना है
भगवान आपका भला करे
जज साहब अपना जहर उबल रहें।
न्याय देने की वजह मजदूर बूढ़े आदमी को हड़का रहे हैं। मजदूर बूढ़े आदमी के
होंसले बुलन्द हैं।
जय बाबा की
बाबा का आत्मविश्वास जिंदाबाद
Duniya m ek nyayadhish h
Jo h hmare dwarkadhish ❤❤❤
Radhe radhe
😀😀😀😀, कैसे सुनने में मजा आया और उसका फैसला करने का भी आनंद आया, क्या करें बेचारा गरीब आदमी है, कहां से रोटी खाई और कहां से केस के लिए वकील साहब को लेकर आए,😭😭😭😭😭
यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। वह उम्मीद कर रहा था कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक मदद करेगा। सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था। ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया जाना चाहिए था।
ऐसे जज को उस बुढे इंसान की तकलीफ दिख ही नहीं रही! ये है न्याय पालिका! बार बार जज उस गरीब को तकलीफ दे रहा है!😢
आप सही कह रहे हैं। व्यवस्था ठीक नहीं है।
ऐसे कुटिल व्यक्ति की याचिका को जुर्माने के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए था। लेकिन न्यायाधीश ने उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
यह व्यक्ति एक भूमि के लिए अपने पक्ष में डिक्री के आधार पर दूसरी भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा था। उसे उम्मीद थी कि अशिक्षित होने के कारण उसका मूर्खतापूर्ण नाटक काम आएगा
सौभाग्य से न्यायाधीश अशिक्षित नहीं था।
In my opinion this poor senior citizen labour is been ill treated.
Not his mistake, he thought it is his own people in the court as his grampanchayat but the judge proved it wrong thinking his intelligence is right.
May god be courteous on everyone
Bhai court ko bhi case khatam karne hai tumko pata hai per judge ke piche kitne cases hai and judge usko advice kia hai ki vakeel hire kro kyuki wo nhi lad parha khud ka case
@@CheakMyViewsItsMoreThen33000ha vakeel hire karo aur pehle to jo hua so hua ab paise ka bhi nuksaan hoga.......
😂😂😂
@@digvijaysingh2305 ha
@@CheakMyViewsItsMoreThen330006
❤
Bhut achhe jj sahb taiem bhi de re h 🙏grib ko 🙏🙏🙏🙏
Great jadg Saib
वकील की फीस भरेंगे की केस लड़ेंगे😢
After watching the complete video. I must say you should at least help him. We respect your powers and decisions but as a human you should be polite to him. And kudos to that person who give your answers at this age with this much of knowledge.