nice lines and answer to it: nahi khoyega.....kyuki hum shree ram shree krishna ke vanshaj hain.....ye sharir chala jayega par hindi yhi rhegi hamesha hamesha ke liye🙏
मैं तामिल भाषी हूँ और मुझे गर्व है कि मैंने हिंदी में एम.ए व साहित्यरत्न किया है । मैं आपके विचारों से पूर्णतः सहमत हूँ । काश आप ही तरह अन्य हिंदीभाषी दक्षिण भारतीय भाषाओं को सीखने का प्रयास करते अन्य भाषाओं को इज्जत देते तो यह दूरी जरूर पट जाएगी व
प्रिय मैम मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि दक्षिण भारत में हिंदी को बहुत कम ही जगह सम्मिलित किया जाता है ...... और वहां के बहुत से लोगों का विचार भी यही होता है की हिंदी गवार लोगों की... कम पढ़े अनपढ़ लोगों की कौन भाषा है... और यह इस बात का प्रभाव काफी गहराई तक है.... अगर आप तमिल की बात कर रही हैं तो कितने प्रतिशत पूरे दक्षिण भारत की बात करते हुए मैं पूछना चाहूंगा अवधी ब्रज आती है दक्षिण भारतीयों को..... शायद उंगलियों पर गिन सकती है, तो उंगली उठाने से पहले पहले अपने अंदर गिरेबान में झांकना सिर्फ भोजपुरी नहीं बोली जाती... एक बहुत छोटे से अंश में बोली जाने वाली भाषा पर इतनी भी जानकारी दक्षिण भारत के लोगों को नहीं है.... तो ज्ञान देना कम करें समझना ज्यादा 🙏🙏🙏 यह सिर्फ सुझाव था बाकी ईश्वर आपको राह और ज्ञान दे 😎त
"तुमच्या श्रीमुखातून माझी मातृभाषा मराठीचा ऐकून आज तुमचा मनःपूर्वक सार्थ अभिमान वाटतो मनोजजी."हिंदी भाषांतर:-आपकें श्रीमुखारबिंंदसे मेरी मातृभाषा मराठी का सम्मान सुनकर मेरा आपके प्रति सम्मान और बढ गया मनोज जी।#मनोज_मुंतशिर_शुक्ला!🙏🙇
साहब ! मनोज मुंतशिर महोदय ने सही ही कहा है कि अगर आप दूसरे की माँ का सम्मान करोगे तो वो भी आपकी माँ का सम्मान करेगा ! यही उदाहरण यहाँ दिखाई दे रहा है और हम भाषा के आधार पर अलग नहीं हैं क्योकि हम हिन्दुस्तानी हैं ! हमारे लिए तो सिर्फ यही बात गर्व करने वाली है कि हम भारतीय हैं !! जय हिंद 🇮🇳🇮🇳🙏🏻
क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा कौनसी है ?? अंग्रेजी में 'THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG' एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है। अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।- *क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।* *तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।* अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं। श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है! पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल *एक अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है- *न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।* *नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥* अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्! एक और उदहारण है। *दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः* *दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः* अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया। है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल *2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये - *भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे* *भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।* अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है। एक और उदाहरण - *क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।* *कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥* अर्थात - क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]। पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है! उदहारण - जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
किसी की भाषा छोटी या बड़ी नही होती ।मुझे आज तक हिंदी बोलने मै कभी शर्म नही आई ।और कभी आयेगी भी नही क्युकी बचपन से पहली भाषा मैंने हिंदी ही सीखी थी ।हमे सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए।आपका बहुत धन्यवाद सर ।हमे तेलगु ,तमिल भाषा नही आती लेकिन हिंदी सबको आती है फिर वो किसी भी स्टेट का हो ।आप हमारे लिए बहुत बड़ी प्रेणना है
मैं मराठी भाषी हूं, और मुझे मेरी भाषा से बेहद प्रेम हैं। तथापि, मैं इस तथ्य को समझता हूं की हिंदी ही ऐसी एकमात्र भाषा हैं जो लगभग पूरे भारत में सबसे ज्यादा बोली जाती हैं l हिन्दी भाषा समझने में और बोलने में भी सभी भाषाओं में बहुत ही सरल एवम् आसान भाषा हैं। इन तथ्यों के आधार पर मेरा मानना हैं की हिन्दी भाषा ही सही मायने में राष्ट्रभाषा होने की हकदार हैं। आओ इस प्यारी और जानदार भाषा का स्वागत करें, तथा इसे अपनी राष्ट्रभाषा होने का उचित स्थान भी ससम्मान दें। धन्यवाद... 🙏🏻
आपके विचार एकदम स्पष्ट व देशहित में हैं।मेरी मातृभाषा हिन्दी है लेकिन मैं अपने देश की कुछ दूसरी भाषाएँ भी सीखना चाहती थी लेकिन अब लगता है कि यह आसान नही है क्योंकि वर्णमाला सीख लेने पर भी शब्दों के अर्थ तो एकदम अलग होते हैं
@@pushplataagarwal7926 मराठी बेहद आसान भाषा हैं और आप चाहे तो इसे अवश्य सीख सकती हैं... वह भी ऑनलाईन... गुजराती, भोजपुरी, पंजाबी, सिंधी आदी भाषायें हिंदी के समकक्ष हैं तो इन भाषाओं को भी आप आसानी से सीख सकती हैं... Try किजिए ... अच्छा लगेगा...
भाई जी, मैं सीखने का प्रयास कर रही हूँ। गुरमुखी और गुजराती सीखी जा सकती हैं।मराठी भी शायद अभ्यास से आ सकती है पर बंगाली उड़िया आदि भाषाओं की वर्णमाला सीखने पर भी उसे समझा नहीं जा सकता जब तक बोलनी न आती हो ।
सादर प्रणाम मनोज जी। आप मेरे और हमारे पूरे घर के लिए एक बहुत बड़े आदर्श हैं। हम आपकी ही वजह से अपनी संस्कृति अपने धर्म की सही जानकारी और गलत आलोचनाओं को पता कर पाए। आपसे एक विनम्र विनती है की आप संदीप महेश्वरी के साथ उनके चैनल के एक एपिसोड आएं और हमे प्रेरित करें। यह सुविधा उन्होंने कल से ही प्रदान की है। प्रणाम🙏 यदि आपने इसे पढ़ा तो जवाब अवश्य दीजिएगा
आज के युवाओं के लिऐ एक प्रेरणा है आप के ये अनमोल रत्न , ऐसे ही युवाओं का मार्गदर्शन करते रहो बेटा मनोज , रास्ता कठिन है पर अस्मभव नहीं आयुषमान भव, विजयी भव 😊
सर नमस्कार आप जब हिन्दी भाषा पर लगातार विडियो बनाते है तब ऐसा लगता है सर कि हिन्दी कभी भी लुप्त नहीं होगी ये वापस आना चाहिए कयोकि . ये हमारी माता है सर हमे गर्व है कि हम हिन्दू है हिन्दू संस्कृति हमे आगे कि पिढी को देना है सर और हमे जड से जुड़े रहना है
@@Dipankarpaul6578 why you left other important language like .... Rajasthani and kokborok...or bhojpuri..... While it has been demanding for a very long time to add ...not in Constitution.... reason politics .... cheap politics......
जितना धर्म बचाने के लिए प्रयास किया है पर थोङा सा भाषाओ का रोमनीकरण होने से बचाने के लिए देवनागरी लिपि का प्रचार प्रसार जरूर करें ।संस्कृत, हिंदी भाषा मराठी भाषा जैसी 120 से अधिक भारतीय भाषा देवनागरी लिपि मे लिखते है। अमित शाह इनको राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए आभार कुछ रचनात्मक नयापन लायें ताकी देवनागरी लिपि डिजिटलीकरण ओर ज्यादा हो सकें ।इस अमृत काल मे एक देश एक लिपि का प्रचार प्रसार जनता करें । माँग मजबूत होगी तो नेताओं को मजबूर होना पडेगा । जब सभी भारतीय भाषा देवनागरी लिपि मे लिख सकते है तभी अन्ग्रेजी व्यवस्था के रोमनीकरण होने से बचा सकती है ।🇮🇳♥️💯✅ DEVNAGARI SCRIPT🇮🇳 🆚️ ROMAN SCRIPT 🏴 th-cam.com/users/shorts1vHG4kP36fg?feature=share
मैं हिंदी भाषी हूं लेकिन सभी भाषाओं का सम्मान करता हूं।भारत की सभी भाषाएं मराठी, गुजराती,तमिल, तेलुगू, कन्नड़ ,पंजाबी, बंगाली, मलयालम,उड़िया, हिंदी और अन्य सभी भाषाएं एक समान सम्माननीय हैं।
क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा कौनसी है ?? अंग्रेजी में 'THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG' एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है। अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।- *क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।* *तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।* अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं। श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है! पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल *एक अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है- *न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।* *नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥* अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्! एक और उदहारण है। *दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः* *दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः* अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया। है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल *2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये - *भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे* *भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।* अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है। एक और उदाहरण - *क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।* *कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥* अर्थात - क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]। पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है! उदहारण - जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
Agar ye sach he ki sari bhashaye sanskrit se ayi he to ye acha paryay hoga rashtrabhasha ke rupme, aur hindi bolne walonko Sanskrit sikhni chahiye, kyo ki hindi sanskrit se aayi he.
@@JaydeepPatil-d5p किसी भी राष्ट्र का भाषा उसकी प्राचीन भाषा के आधारित नही होती अपितु वहाँ के बहुसंख्यक लोग तथा उस भाषा के सरलता पर आधारित होती है। आज संस्कृत बहुत ही कम लोगों को पता है तथा संस्कृत भाषा अत्यंत जटिल है वही दूसरी तरफ़ हिंदी भाषा अत्यंत सरल तथा भारत के कई भाषाओं को अपने अंदर आसानी से समा लेती है। यदी प्राचीन भाषा का महत्व होता तो आज इंग्लैंड में अंग्रेजी राष्ट्र भाषा न होकर Ingvaeonic भाषा होता.
प्रिय मनोज जी प्रणाम ये विडंबना है हमारे देश की । पता नहीं ये कुरूति कब दूर होगी । आप इसको दूर करने में जो योगदान दे रहे इसके लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही सुंदर बात कही आपने… यदि प्रत्येक व्यक्ति इसी प्रकार स्वभाषा तथा स्वदेशी भाषा का सम्मान करना सीख जाए, तो भिन्नताएँ तो घटेंगीं ही, भाषा ज्ञान में भी अभिवृद्धि अवश्य होगी .. बहुत बहुत आभार आपका 🙏🙏
मनोज जी आपके विचार उचित है, परंतु हमें अधिक से अधिक उर्दू शब्दों के स्थान पर शुद्ध हिंदी शब्दों का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि कि वर्तमान समय में बालीवुड की फिल्मों के चलते आज की पीढ़ी के मुख पर उर्दू शब्द और उर्दू संगीत ही रहते हैं। उनको बस वही इश्क, मोहब्बत, इंतजार,दिल,रिश्ता आदि और भी अनेक शब्द ही ज्ञात हैं। मेरा विचार है कि आप जो दक्षिण भारतीय फिल्मों को अनुवादित कर लिख रहे हो तो उनमें अधिकांश हिंदी शब्दों का प्रयोग किया जाये न कि उर्दू 🙏🙏🙏
bht bht dhanyabad...Manoj sir......hindi ke samman ko uthane ke liye..... apke video se karan johar ko muhtod jawab milega,,,jisko hindi bolne wale anpadh lagte hai....jai hind,,,,jai hindi....
Never give up:- बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको इतनी दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दुरी तय करने पर आप अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सभी भाषाओं का सम्मान करना ही चाहिए, जेसे में बुन्देलखण्ड से हूं तो बुन्देली बुन्देलखण्ड में बोलता , और हिंदी बुंदेलखंड के बाहर, और रहा सवाल साउथ की भाषाओं का तो कभी अवसर मिला तो अवश्य ही कोइ भाषा सीखूंगा 🙏🙏🙏
Manoj ji jaise log ham jaise aam logo ko jagaa sakte hain lekin kai bhrashtachaari sarkari karmchari, adhikari aur netaaon ko jagaana aur bhi jyada jaruri hai.. vo bhi koi kare..
क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा कौनसी है ?? अंग्रेजी में 'THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG' एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है। अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।- *क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।* *तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।* अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं। श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है! पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल *एक अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है- *न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।* *नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥* अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्! एक और उदहारण है। *दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः* *दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः* अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया। है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल *2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये - *भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे* *भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।* अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है। एक और उदाहरण - *क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।* *कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥* अर्थात - क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]। पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है! उदहारण - जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
महोदय ! आपके विचारो का मैं बहुत बड़ा समर्थक हूँ क्योकि आप हमेशा सच ही बताते हैं तथा सत्य जानना बहुत जरुरी है !! आपका हृदय की गहराइयों से सादर धन्यवाद् ! आप के कारण मैंने अपने भारत देश की गौरवान्वित संस्कृति को कुछ पग तक जाना है ! 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 जय हिंद 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जिंदगी एक रगमच है जहाँ किरदार को नहीं मालूम कि मेरा अगला दृश्य कया है सबको अपना रोल करना है और चले जाना है लोग जल जाते हैं मेरे मुसकान पर कयोकि मैंने कभी दर्द की नुमाईश नहीं कि जिंदगी से जो मिला कुबूल किया किसी चीज की फरमाइश नही की मुश्किल है समझ पाना मुझे कयोकि जीने के अलग है अदाज मेरे जब जहाँ जो मिला अपना लिया जो न मिला उसकी खवाहिश नही की
I am learning English speaking but along with When I speak Hindi, feel proud to myself because Hindi is my mother tongue , my emotions are connected with it so I love Hindi language and I am at Unnao in Uttar Pradesh.
देवनागरी लिपि में प्रत्येक वर्ण के लिए निश्चित उच्चारण है परंतु रोमन लिपि में एक ही वर्ण अलग-अलग शब्दों के साथ अलग-अलग उच्चारण देता है; जैसे Call - कॉल में C 'क' का उच्चारण देती है। City - सिटी में C 'स' का उच्चारण देती है। => देवनागरी लिपि में साइलेंट लेटर जैसे समस्या नहीं है परंतु रोमन लिपि में ऐसी समस्या है। रोमन लिपि में शब्द कुछ और लिखते हैं तथा उच्चारित कुछ और होते हैं; जैसे Knowledge में K साइलेंट लेटर W व D भी साइलेंट लेटर है Knife में K साइलेंट है। => देवनागरी लिपि के सभी वर्णों को लिखना आसान है। देवनागरी लिपि के वर्णों को लिखने के लिए एक पड़ी रेखा, एक खड़ी रेखा और एक अर्धवृत्त का सहारा ही काफी होता है। =>देवनागरी लिपि एक वैज्ञानिक लिपि है शिरोरेखा के कारण भी देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता स्पष्ट होती है क्योंकि इसके कारण वर्ण व शब्दों के बीच अंतर किया जा सकता है।
आजकल लोग हिंदी बोलना और लिखना पसंद नहीं करते बल्कि इंग्लिश बोलते और लिखते है, हिंदी का अपमान करते है, विवाद करते है। हिंदी भाषा का परचार तुलसीदास जी ने किया था, जब ये विलुप्त होने वाली थी, उस समय उर्दू का बोलबाला था। जब तुलसीदास जी ने राम चरित मानस के द्वारा हिंदी का परचार किया था।
इस प्रस्तुति के लिए कोटि कोटि नमन 🙏🙇🏽♂️बस यूँ ही अति महत्वपूर्ण जानकारियों से हमें अवगत करवाने का सिलसिला जारी रखें 🙏🙇🏽♂️ जय हिंद 🔱 जय माँ भारती 🚩 आदरणीय श्री "मनोज मुंतशिर" की जय 👏🏽🙌🏽👏🏽🙌🏽
Sir ji, आपको मै जिस दिन से सुन रही हूं उस दिन से बहुत आदर और सम्मान है। आज मराठी मेरी मातृभाषा का सम्मान आपके पवित्र वाणी से सुनकर मेरा सम्मान प्रेम और आदर चार गुना बढ़ गया है। मी आपली नेहमीचं सन्मान आणि आदर करते आज मराठीचाप्रती तुमचं आदर पाहूनआपल्याप्रती जास्तच आदर, प्रेम आणि सन्मान वाटतो! आपला.
I am an odia, but I respect all indian languages and hindi also. Bkz I know Hindi is a attractive and easy language then others. Hindi also has a special attraction in my heart.
Vyakaran odia ho ya hindi ya english lagbhag same kuch alag bs ye samjhna wala kariye hai achhe se samjh gaye to koi bhi language ho vyakaran asan ho jata hai...meri matru bhasa odia hai par hindi meri shan he pehchan hai 🙏
मेरा मात्र भाषा असमीया है । फिर भी मैं हिन्दी साहित्य और संस्कृति का आदर करता हूं , लिखने का प्रयास करता हूं । हिंदी केवल एक भाषा नहीं है यह भाषा ही भारत है । भारत माता कि जय।
Ekdam sahi, main mera ek Marathi dost ko Jai Maharashtra bolta tha to we mujhe Jai Bengal bolte the. Bahot achchha lagta tha....If we respect others, they must respect us..it's really worked like bumerang. Bahot hi achchha laga apke kathan Manojji....
मेरी मातृभाषा बागङी/मारवाड़ी है लेकिन मैं हिंदी का उतना ही आदर सम्मान तथा बोल चाल में उपयोग प्रयोग करता हूं जितना अपनी मातृभाषा का मैं पहले भारतीय हुं और यही मेरी पहचान है 🙏
परम् वैभवम मे तूमे तत्व राष्ट्रम 🚩🚩 हिंदी, मराठी, गुजराती,राजिस्थानी, तमिल,मद्रासी, तेलगु, बंगाली, ये सभी भारत की भाषाएं हैं, 🚩🚩 गर्व से कहो हम हिन्दू हैं,🚩🚩हर हर महादेव शंभू 🚩🚩
क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा कौनसी है ?? अंग्रेजी में 'THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG' एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है। अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।- *क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।* *तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।* अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं। श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है! पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल *एक अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है- *न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।* *नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥* अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्! एक और उदहारण है। *दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः* *दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः* अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया। है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल *2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये - *भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे* *भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।* अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है। एक और उदाहरण - *क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।* *कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥* अर्थात - क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]। पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है! उदहारण - जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
सर शब्द में बहुत बड़ी शक्ति होती है वो शब्द जो अर्जुन को। हृदय परिवर्तन कर दिया आप आपने मुख से कृपया। गीता में उपदेशों को सुनाए सर जी मैं ये दावे से कह रहा हु आप में कृष्ण की। क्षवि दिखाई देगी और इसमें मुझे कोई शक नहीं क्योंकि हमारे में कृष्ण का अंश है हम। कृष्ण के अंश है। ये सदा सत्य है
मै कक्षा नवम की छात्रा हूं । मुझे सारी भाषाओं से प्रेम है , मुझे मेरे स्कूल में कई बार हिंदी भाषण के लिए पुरस्कृत किया गया है , और मुझे इसकी प्रेरणा आपसे से मिलती है , मै आपकी हर विडिओ देखती हूं और आपकी हर विडिओ से मुझे कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है जिसके लिए मैं आपकी सहृदय आभारी हूं।
भारत शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है । भा और रत । भा अर्थात् ज्ञान रूपी प्रकाश और रत अर्थात् लगा हुआ । अत: भारत का अर्थ हुआ : वह भूमि जिसके निवासी ज्ञान की खोज में लगे हुए हों ।
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल!!! अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन, निज भाषा ज्ञान बिनु, रहत हीन के हीन!!
क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा कौनसी है ?? अंग्रेजी में 'THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG' एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है। अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।- *क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।* *तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।* अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं। श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है! पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल *एक अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है- *न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।* *नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥* अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्! एक और उदहारण है। *दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः* *दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः* अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया। है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल *2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये - *भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे* *भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।* अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है। एक और उदाहरण - *क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।* *कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥* अर्थात - क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]। पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है! उदहारण - जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
@@सनातनहृदय जी बिलकुल आपने सही कहा है, यह दुर्भाग्य जनक है। लेकिन जब भारत की भाषा के बारे मैं चर्चा होती है या फिर मेरे मन में खयाल आता है, तो सब से पहले संस्कृत भाषा उसके बाद ओड़िआ और उसके बाद हिंदी और उसके बाद सभी २२ राष्ट्र भाषाएं आती है और इसके साथ ही हमारे देश में जितने भी सारे खेत्रीय भाषाए है, उनके बारे मैं जाने की जिज्ञासा भी रहती है। मुझे संस्कृत से विशेष रूप से इसलिए लगाव है की, सबसे पहले बात आज विश्व में जितनी भी सारी भाषाएं है उनकी जननी संस्कृत है, अर्थात संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। दूसरी बात ओड़िआ भाषा भी संस्कृत के साथ १०० प्रतिसत मेल खाता है, अगर आप थोड़ा सा साहित्य इतिहास में खोजेंगे तो आपको पता चलेगा कि जिसदिन संस्कृत भाषा का उदय हुआ था उसी दिन ओड़िआ भाषा का भी उदय हुआ था, दूसरे शब्द में कहे तो ओड़िआ भाषा संस्कृत का छोटा भाई है। तीसरी बात संस्कृत भाषा से ही हिंदी का जन्म हुआ है, और बहुत मेल भी खाता है, और हिंदी भाषा हमारे देश के सभी वर्ग के लोगों को संस्कृत भाषा को समझना में सहज भूमिका निभाता है। आखिर महुत्वपूर्ण बात है शायद कोई व्यक्ति संस्कृत बोल नही पाता हो, शायद उसे संस्कृत बोल ने में कुछ कठिनाई होती है, लेकिन संस्कृत सुन ने से ,संस्कृत को श्रवण करने से उसका मन शान्त हो जाता है और आत्म तृप्त हो जाती है और संपूर्ण व्यक्ति पवित्र हो जाता है और मन प्रसन्न रहता है। इसी कारण से संस्कृत मेरे लिए विशेष है। मेरे लिए भरता की मातृभाषा और राष्ट्र भाषा सबसे पहले संस्कृत है,उसके बाद ओड़िआ ,उसके बाद हिंदी, उसके बाद संभिधान में लिखित सभी २२ भाषाएं और हमारे देश के सभी क्षेत्रीय भाषाएं है। आपने मुझे इतनी बेहतर और महत्वपूर्ण जानकारी दी इसलिए आपका बहुत बहुत आभार । धन्यवाद🙏🙂
Bhai 1 hazar saal phle Hindi thi bhi nhi😂 to hindi kabhi apna culture thaa hi nhi, 10 hazar saal phle Hindi ya hindu word exist hi nhi krta tha. Dono Greek word h. To kuch bhi na bola kroo.
@@rashidrazakhan9153 bhai ab kya bolu me tujhe 🙂 madrase me padh ke ihaan pe mat jhada kar gyaan.... Hamari sanskrit or hindi karodo saal purani hai or tu hazar saal ki baat kar raha hai 😂😂 balki tumhara islam us haazar saal pehle janma bhii nhii tha
@@Bharatiya12321 इज्जत और सम्मान दोनों शब्द समानांतर है, लेकिन इस को हम किस जगह प्रयोग कर रहे हैं, ये महत्वपूर्ण है, हिन्दी का इज्जत करना हमारी कर्तव्य है, और कोई मेहमान हमारे घर आतें हैं, और हम उनका स्वागत करते है, उनका आदर करते हैं, तो उनकों सम्मान देते है, हिन्दी कोई मेहमान नहीं है,
सम्मान जो खोया है इसने
हमें उसको वापस लौटाना है,
अस्तित्व न खो दे अपना ये
हिंदी को हमें बचाना है।
Plz meri poetry ko vi Moka de plz.Muje vi AP jese shrotau ki jrurt h
nice lines and answer to it: nahi khoyega.....kyuki hum shree ram shree krishna ke vanshaj hain.....ye sharir chala jayega par hindi yhi rhegi hamesha hamesha ke liye🙏
बिल्कुल ! यदि अब भी हमने हिंदी का सम्मान नहीं बचाया तो हम अपनी संस्कृति खो देंगे
@@surajthakurstudent3331 आमची संस्कृती मराठी सनातनी आहे,🚩
Hme nhi bachana hai hme hamare matru भाषा ko bachana hai
मैं तामिल भाषी हूँ और मुझे गर्व है कि मैंने हिंदी में एम.ए व साहित्यरत्न किया है । मैं आपके विचारों से पूर्णतः सहमत हूँ । काश आप ही तरह अन्य हिंदीभाषी दक्षिण भारतीय भाषाओं को सीखने का प्रयास करते अन्य भाषाओं को इज्जत देते तो यह दूरी जरूर पट जाएगी
व
🙏🙏🙏
learning telugu...will love to learn tamil..thankyou for respecting hindi🙏
प्रिय मैम मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि दक्षिण भारत में हिंदी को बहुत कम ही जगह सम्मिलित किया जाता है ...... और वहां के बहुत से लोगों का विचार भी यही होता है की हिंदी गवार लोगों की... कम पढ़े अनपढ़ लोगों की कौन भाषा है... और यह इस बात का प्रभाव काफी गहराई तक है.... अगर आप तमिल की बात कर रही हैं तो कितने प्रतिशत पूरे दक्षिण भारत की बात करते हुए मैं पूछना चाहूंगा अवधी ब्रज आती है दक्षिण भारतीयों को..... शायद उंगलियों पर गिन सकती है, तो उंगली उठाने से पहले पहले अपने अंदर गिरेबान में झांकना सिर्फ भोजपुरी नहीं बोली जाती... एक बहुत छोटे से अंश में बोली जाने वाली भाषा पर इतनी भी जानकारी दक्षिण भारत के लोगों को नहीं है.... तो ज्ञान देना कम करें समझना ज्यादा 🙏🙏🙏 यह सिर्फ सुझाव था बाकी ईश्वर आपको राह और ज्ञान दे 😎त
जानकी जी अगर तमिल सीखना हो तो कैसे सीख सकते हैं।
I never met any hindi bhasi who disrespect other bhartiya bhasha but I feel there is some problem in south that instigated by state politics
"तुमच्या श्रीमुखातून माझी मातृभाषा मराठीचा ऐकून आज तुमचा मनःपूर्वक सार्थ अभिमान वाटतो मनोजजी."हिंदी भाषांतर:-आपकें श्रीमुखारबिंंदसे मेरी मातृभाषा मराठी का सम्मान सुनकर मेरा आपके प्रति सम्मान और बढ गया मनोज जी।#मनोज_मुंतशिर_शुक्ला!🙏🙇
जय हिंद् जय महाराष्ट्र 🙏🤝
@@आनंदराव_गायकवाड03 jai bharat
Jai Hind Jai Maharashtra
@@आनंदराव_गायकवाड03 jai Bharat Bhau .
साहब ! मनोज मुंतशिर महोदय ने सही ही कहा है कि अगर आप दूसरे की माँ का सम्मान करोगे तो वो भी आपकी माँ का सम्मान करेगा ! यही उदाहरण यहाँ दिखाई दे रहा है और हम भाषा के आधार पर अलग नहीं हैं क्योकि हम हिन्दुस्तानी हैं ! हमारे लिए तो सिर्फ यही बात गर्व करने वाली है कि हम भारतीय हैं !!
जय हिंद 🇮🇳🇮🇳🙏🏻
मैं हिन्दी भाषी हूं, और सभी हिन्दी भाषाओं का सम्मान करतीं हूं। जय हिन्द वन्दे मातरम्।🙏
आप हर क्षेत्र में पीएचडी मालूम होते है सर आप को सुन कर दिल को सुकून मिलता है ❤️
में हिंदी भाषा का और बाकी सारी भाषाओं का बहुत सम्मान करती हूं। आपका ये वीडियो सुन कर दिल को बहुत सकून मिला। जय हिंदी❤️
हिंदी कोई भाषा नहीं वो हमारी मां हैं। और मां का सम्मान दिल से होना चाहिए। हम भी तेलुगु तमिल का दिल से सम्मान करते हैं। 🕉️🇮🇳❤️🙏
@हिंदु मराठा 🚩 हिंदीसोबतच मराठीही माझी आई आहे.
@हिंदु मराठा 🚩 म्हारी मा मारवाड़ी छ
@@sachinanand31 ❤
क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा कौनसी है ??
अंग्रेजी में 'THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG' एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है।
अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।-
*क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।*
*तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।*
अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।
श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है!
पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल *एक अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है-
*न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।*
*नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥*
अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्!
एक और उदहारण है।
*दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः*
*दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः*
अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया।
है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल *2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये -
*भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे*
*भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।*
अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है।
एक और उदाहरण -
*क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।*
*कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥*
अर्थात - क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]।
पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है!
उदहारण -
जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है
ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
Bilkul Bhai Garv se kaho hum Hindi bhashi hai 🥰🥰🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🕉
आपको मातृ भाषा और अपने महापुरुषों के प्रति प्रेम के लिए सादर नमन!
किसी की भाषा छोटी या बड़ी नही होती ।मुझे आज तक हिंदी बोलने मै कभी शर्म नही आई ।और कभी आयेगी भी नही क्युकी बचपन से पहली भाषा मैंने हिंदी ही सीखी थी ।हमे सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए।आपका बहुत धन्यवाद सर ।हमे तेलगु ,तमिल भाषा नही आती लेकिन हिंदी सबको आती है फिर वो किसी भी स्टेट का हो ।आप हमारे लिए बहुत बड़ी प्रेणना है
HINDI BHASHA KO SIRF SOUTH WALE HI NICHA DIKHATE HAI KHASKAR TAMILIANS
Shi baat hai...👌👌👌💐
@꧁ Mahendra ❤️ 😂😂😂🤣🤣
Use #standardhindi first. Most can't even speak a sentence without using a farsi word. Dil, shukriya,alvida....
@@chhinudeep7982 aisa nahi hai
मनोज जी ,आपने इतनी सरलता से इतनी खूबसूरती से इस मुद्दे को प्रस्तुत करके दिल को मोहित कर दिया। आपका बहुत आभार।🙏🏻
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आपको सुनकर हर बार कुछ नया सीखने और जानने की प्रेरणा मिलती है सर, सच में आप वर्तमान समय के सबसे श्रेष्ठ लेखक हैं।
अक्षरशः सत्य
मनोजजी हकीकत में आप अपनी वाणी में सारे दृश्य आंखो के सामने दिखाते है । आपकी वाणी को नमन है ।
I am south Indian kannadiga and I love the way you explain this
Sister i belong from odhisa i support Manoj sir.Christian missionary are using money ,pr to divert Conversion issue.
U guys are just indian.. Pls don't say north and south.. Our all languages are important and should be respected by every indian citizen🇮🇳❤️
We are first Indian don't say bluh bluh 🇮🇳
Halanki Aapke nam se Bengali ki khushboo aa rhi
मैं मराठी भाषी हूं, और मुझे मेरी भाषा से बेहद प्रेम हैं। तथापि, मैं इस तथ्य को समझता हूं की हिंदी ही ऐसी एकमात्र भाषा हैं जो लगभग पूरे भारत में सबसे ज्यादा बोली जाती हैं l हिन्दी भाषा समझने में और बोलने में भी सभी भाषाओं में बहुत ही सरल एवम् आसान भाषा हैं। इन तथ्यों के आधार पर मेरा मानना हैं की हिन्दी भाषा ही सही मायने में राष्ट्रभाषा होने की हकदार हैं। आओ इस प्यारी और जानदार भाषा का स्वागत करें, तथा इसे अपनी राष्ट्रभाषा होने का उचित स्थान भी ससम्मान दें। धन्यवाद... 🙏🏻
Namaste 🙏🏿🙏🏿we all learn one day alland respect all languages and cultures 🙏🏿
Hindi language is 💩💩
आपके विचार एकदम स्पष्ट व देशहित में हैं।मेरी मातृभाषा हिन्दी है लेकिन मैं अपने देश की कुछ दूसरी भाषाएँ भी सीखना चाहती थी लेकिन अब लगता है कि यह आसान नही है क्योंकि वर्णमाला सीख लेने पर भी शब्दों के अर्थ तो एकदम अलग होते हैं
@@pushplataagarwal7926 मराठी बेहद आसान भाषा हैं और आप चाहे तो इसे अवश्य सीख सकती हैं... वह भी ऑनलाईन... गुजराती, भोजपुरी, पंजाबी, सिंधी आदी भाषायें हिंदी के समकक्ष हैं तो इन भाषाओं को भी आप आसानी से सीख सकती हैं... Try किजिए ... अच्छा लगेगा...
भाई जी, मैं सीखने का प्रयास कर रही हूँ। गुरमुखी और गुजराती सीखी जा सकती हैं।मराठी भी शायद अभ्यास से आ सकती है पर बंगाली उड़िया आदि भाषाओं की वर्णमाला सीखने पर भी उसे समझा नहीं जा सकता जब तक बोलनी न आती हो ।
हिंदी हृदय की भाषा हैं, जिसकी वजह से हमारे शब्द हृदय से निकलते हैं और हृदय तक पहुँचते हैं। -♥️
Plz meri poetry ko vi Moka de plz.Muje vi AP jese shrotau ki jrurt h
और सारी भाषा कही और से निकलती है
Bahut sundar kaha aapne. Mera bhi yahi maananaa hai.
@@Nehachautala ok🙏🏻
Yes...pta nhi kyu log hindi se jalte hai
बहुत शोचनीय विषय है कि आजादी के 75 वर्षों उपरांत भी हमारे देश में एक विदेशी भाषा का प्रादुर्भाव है
हिन्द जय हिन्दी
सादर प्रणाम मनोज जी। आप मेरे और हमारे पूरे घर के लिए एक बहुत बड़े आदर्श हैं। हम आपकी ही वजह से अपनी संस्कृति अपने धर्म की सही जानकारी और गलत आलोचनाओं को पता कर पाए। आपसे एक विनम्र विनती है की आप संदीप महेश्वरी के साथ उनके चैनल के एक एपिसोड आएं और हमे प्रेरित करें। यह सुविधा उन्होंने कल से ही प्रदान की है।
प्रणाम🙏
यदि आपने इसे पढ़ा तो जवाब अवश्य दीजिएगा
Mere liye idle h mnojmuntashir ji
Ek bar meri poetry ko vi Moka de plz.Muje vi AP jese shrotau ki jrurt h
Bhut aacha vichar h apkaa
आज के युवाओं के लिऐ एक प्रेरणा है आप के ये अनमोल रत्न , ऐसे ही युवाओं का मार्गदर्शन करते रहो बेटा मनोज , रास्ता कठिन है पर अस्मभव नहीं आयुषमान भव, विजयी भव 😊
हिन्दी से प्यार करो
अपनी मां से प्यार करो
भाषा के नाम पर हमे विखंडित नही होना चाहिये शुरुआत 1953 मे हुई,देश भाषा के नाम पर बँटता जा रहा है ✍
सर
नमस्कार
आप जब हिन्दी भाषा पर लगातार विडियो बनाते है तब ऐसा लगता है सर कि हिन्दी कभी भी लुप्त नहीं
होगी ये वापस आना चाहिए कयोकि . ये हमारी माता है सर हमे गर्व है कि हम हिन्दू है हिन्दू संस्कृति हमे आगे कि पिढी को देना है सर और हमे जड से जुड़े रहना है
আমি গর্বিত আমি বাঙালি But I love all of 22 language
@@surendra201263 22 लंग्वेज है
@@Dipankarpaul6578 why you left other important language like .... Rajasthani and kokborok...or bhojpuri..... While it has been demanding for a very long time to add ...not in Constitution.... reason politics .... cheap politics......
All Bharatiya language is our culture not only those 22.. And all language is beautiful of this world.. And Bengali is my মা
जितना धर्म बचाने के लिए प्रयास किया है पर थोङा सा भाषाओ का रोमनीकरण होने से बचाने के लिए देवनागरी लिपि का प्रचार प्रसार जरूर करें ।संस्कृत, हिंदी भाषा मराठी भाषा जैसी 120 से अधिक भारतीय भाषा देवनागरी लिपि मे लिखते है। अमित शाह इनको राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए आभार कुछ रचनात्मक नयापन लायें ताकी देवनागरी लिपि डिजिटलीकरण ओर ज्यादा हो सकें ।इस अमृत काल मे एक देश एक लिपि का प्रचार प्रसार जनता करें । माँग मजबूत होगी तो नेताओं को मजबूर होना पडेगा ।
जब सभी भारतीय भाषा देवनागरी लिपि मे लिख सकते है तभी अन्ग्रेजी व्यवस्था के रोमनीकरण होने से बचा सकती है ।🇮🇳♥️💯✅
DEVNAGARI SCRIPT🇮🇳 🆚️ ROMAN SCRIPT 🏴
th-cam.com/users/shorts1vHG4kP36fg?feature=share
@@surendra201263 राजस्थानी तथा भोजपुरी हिंदी की उपबोली है।
जय हिन्द 👏👏👏🔥🔥🔥 हिंदी हम है वतन हिंदू स्त हमारा 🔥🔥🔥
मैं भी आपका आभार 🙏🙏आपने बहुत अच्छे से समझाया।
परमशान्ति 🙏
Jai bharat 🇮🇳🚩🇮🇳🚩
I'm Telugu guy . my second Language is hindi..
my first language is gondi and second is hindi 🇮🇳
Mai Bihar se hu meri matribhasa bajika hai. Mai Hindi ko samma karta hu
हिंदी है हम वतन है
हिंदोस्तान हमारा🙏🥰
अमेठी की शान हैं भैया आप.... ऐसे ही निरन्तर प्रेरणा देते रहिए
अपनी हिन्दी को प्रमाण और सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान
जय सनातन जय भारत
aap bhut sahi vishay par bhut sahi bate karte ho, bhut badhiya 👍👍👍
हिंदी है हम वतन है हिंदोस्तां हमारा 🙏🙏
Jay hind Jay hindi 🇮🇳🇮🇳
हिन्दी, विश्वपटल पर हमारी पहचान और संस्कृति को इंगित करती है।
हिन्दी बिना हिन्दुस्तान की कल्पना निराधार है।
।।जय भारत-जय भारती।।🇮🇳🙏
भाषाएं और माएं छोटी बड़ी नही होती।🤗🙏🙏🙏🙏✊✊✊✊✊love u sir
निज भाषा उन्नति, यह सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिए को शूल।।
भारत को आप जैसे लोगों की आवश्यकता है ❤️
मैं हिंदी भाषी हूं लेकिन सभी भाषाओं का सम्मान करता हूं।भारत की सभी भाषाएं मराठी, गुजराती,तमिल, तेलुगू, कन्नड़ ,पंजाबी, बंगाली, मलयालम,उड़िया, हिंदी और अन्य सभी भाषाएं एक समान सम्माननीय हैं।
क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा कौनसी है ??
अंग्रेजी में 'THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG' एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है।
अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।-
*क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।*
*तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।*
अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।
श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है!
पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल *एक अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है-
*न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।*
*नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥*
अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्!
एक और उदहारण है।
*दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः*
*दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः*
अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया।
है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल *2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये -
*भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे*
*भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।*
अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है।
एक और उदाहरण -
*क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।*
*कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥*
अर्थात - क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]।
पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है!
उदहारण -
जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है
ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
Agar ye sach he ki sari bhashaye sanskrit se ayi he to ye acha paryay hoga rashtrabhasha ke rupme, aur hindi bolne walonko Sanskrit sikhni chahiye, kyo ki hindi sanskrit se aayi he.
@@JaydeepPatil-d5p किसी भी राष्ट्र का भाषा उसकी प्राचीन भाषा के आधारित नही होती अपितु वहाँ के बहुसंख्यक लोग तथा उस भाषा के सरलता पर आधारित होती है। आज संस्कृत बहुत ही कम लोगों को पता है तथा संस्कृत भाषा अत्यंत जटिल है वही दूसरी तरफ़ हिंदी भाषा अत्यंत सरल तथा भारत के कई भाषाओं को अपने अंदर आसानी से समा लेती है। यदी प्राचीन भाषा का महत्व होता तो आज इंग्लैंड में अंग्रेजी राष्ट्र भाषा न होकर Ingvaeonic भाषा होता.
प्रिय मनोज जी प्रणाम ये विडंबना है हमारे देश की । पता नहीं ये कुरूति कब दूर होगी । आप इसको दूर करने में जो योगदान दे रहे इसके लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही सुंदर बात कही आपने… यदि प्रत्येक व्यक्ति इसी प्रकार स्वभाषा तथा स्वदेशी भाषा का सम्मान करना सीख जाए, तो भिन्नताएँ तो घटेंगीं ही, भाषा ज्ञान में भी अभिवृद्धि अवश्य होगी .. बहुत बहुत आभार आपका 🙏🙏
Ek bar meri poetry ko vi Moka de plz.Muje vi AP jese shrotau ki jrurt h
🙏🫡
सभी भारतीय लोगों को भारत के सभी भाषा/ बोली का सामान रूप से सम्मान बहुत आवश्यक है ।
जय हिन्द जय भारत
Jai hind jai hindi jai hindustan💞💞
जय भारत, जयस्तु मराठी 🚩
मनोज जी आपके विचार उचित है, परंतु हमें अधिक से अधिक उर्दू शब्दों के स्थान पर शुद्ध हिंदी शब्दों का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि कि वर्तमान समय में बालीवुड की फिल्मों के चलते आज की पीढ़ी के मुख पर उर्दू शब्द और उर्दू संगीत ही रहते हैं। उनको बस वही इश्क, मोहब्बत, इंतजार,दिल,रिश्ता आदि और भी अनेक शब्द ही ज्ञात हैं।
मेरा विचार है कि आप जो दक्षिण भारतीय फिल्मों को अनुवादित कर लिख रहे हो तो उनमें अधिकांश हिंदी शब्दों का प्रयोग किया जाये न कि उर्दू 🙏🙏🙏
मनोज जी आपकी बात सुनकर हम आत्मविभोर हो गए आप को मेरा शत-शत नमन
Hindi is common n simple
Chandra shekhar 'Tiwari' Aajad.....Bahut Khub..Manoj 'Shukla' Muntashir sir...
बहुत स्पष्ट वर्णन है गुरुदेव । आपके बोलने का अंदाज़ भी निराला है ।
bht bht dhanyabad...Manoj sir......hindi ke samman ko uthane ke liye.....
apke video se karan johar ko muhtod jawab milega,,,jisko hindi bolne wale anpadh lagte hai....jai hind,,,,jai hindi....
Never give up:- बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको इतनी दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दुरी तय करने पर आप अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ek bar meri poetry ko vi Moka de plz.Muje vi AP jese shrotau ki jrurt h
सभी भाषाओं का सम्मान करना ही चाहिए, जेसे में बुन्देलखण्ड से हूं तो बुन्देली बुन्देलखण्ड में बोलता , और हिंदी बुंदेलखंड के बाहर, और रहा सवाल साउथ की भाषाओं का तो कभी अवसर मिला तो अवश्य ही कोइ भाषा सीखूंगा 🙏🙏🙏
जब तक हमारे देश में आप जैसे विचारक हैं, तब तक भारत देश उन्नति के पथ पर अग्रसर रहेगा । 🙏🙏🙏धन्यवाद मुंतशिर
महोदय !
Manoj ji jaise log ham jaise aam logo ko jagaa sakte hain lekin kai bhrashtachaari sarkari karmchari, adhikari aur netaaon ko jagaana aur bhi jyada jaruri hai.. vo bhi koi kare..
जय हिन्द🙏🇮🇳😊♥️
क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा कौनसी है ??
अंग्रेजी में 'THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG' एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है।
अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।-
*क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।*
*तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।*
अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।
श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है!
पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल *एक अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है-
*न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।*
*नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥*
अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्!
एक और उदहारण है।
*दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः*
*दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः*
अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया।
है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल *2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये -
*भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे*
*भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।*
अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है।
एक और उदाहरण -
*क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।*
*कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥*
अर्थात - क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]।
पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है!
उदहारण -
जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है
ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
महोदय ! आपके विचारो का मैं बहुत बड़ा समर्थक हूँ क्योकि आप हमेशा सच ही बताते हैं तथा सत्य जानना बहुत जरुरी है !! आपका हृदय की गहराइयों से सादर धन्यवाद् ! आप के कारण मैंने अपने भारत देश की गौरवान्वित संस्कृति को कुछ पग तक जाना है ! 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय हिंद 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
We ❤️ all indian languages equally 🙏🇮🇳🚩🚩🚩
ATI Sundar prastuti Jay Hind in
मेरी पहली भाषा संथाली है, भोजपुरी दूसरी और तीसरी हिन्दी है
मुझे गर्व है अपने भारतीय भाषाओं पर🇮🇳
संथाली अलग भाषा है परन्तु भोजपुरी हिंदी की उपबोली है।
नमन आपको। जय हिन्द जय हिंदी
जिंदगी एक रगमच है
जहाँ किरदार को नहीं
मालूम कि मेरा अगला
दृश्य कया है
सबको अपना रोल करना है
और चले जाना है
लोग जल जाते हैं मेरे मुसकान पर
कयोकि मैंने कभी दर्द की नुमाईश नहीं कि
जिंदगी से जो मिला कुबूल किया
किसी चीज की फरमाइश नही की
मुश्किल है समझ पाना मुझे कयोकि
जीने के अलग है अदाज मेरे
जब जहाँ जो मिला अपना लिया
जो न मिला उसकी खवाहिश नही की
I am learning English speaking but along with When I speak Hindi, feel proud to myself because Hindi is my mother tongue , my emotions are connected with it so I love Hindi language and I am at Unnao in Uttar Pradesh.
Chutiye ko Eng lish mai kya bolenge....!!
Unnao me Kaha rehte ho Bhai
जो सहजता खुद की भाषा बोलने में महसूस होती है विश्व के अन्य किसी भाषा में नहीं होती है
देवनागरी लिपि में प्रत्येक वर्ण के लिए निश्चित उच्चारण है परंतु रोमन लिपि में एक ही वर्ण अलग-अलग शब्दों के साथ अलग-अलग उच्चारण देता है;
जैसे Call - कॉल में C 'क' का उच्चारण देती है।
City - सिटी में C 'स' का उच्चारण देती है।
=> देवनागरी लिपि में साइलेंट लेटर जैसे समस्या नहीं है परंतु रोमन लिपि में ऐसी समस्या है। रोमन लिपि में शब्द कुछ और लिखते हैं तथा उच्चारित कुछ और होते हैं;
जैसे Knowledge में K साइलेंट लेटर W व D भी साइलेंट लेटर है
Knife में K साइलेंट है।
=> देवनागरी लिपि के सभी वर्णों को लिखना आसान है। देवनागरी लिपि के वर्णों को लिखने के लिए एक पड़ी रेखा, एक खड़ी रेखा और एक अर्धवृत्त का सहारा ही काफी होता है।
=>देवनागरी लिपि एक वैज्ञानिक लिपि है शिरोरेखा के कारण भी देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता स्पष्ट होती है क्योंकि इसके कारण वर्ण व शब्दों के बीच अंतर किया जा सकता है।
बेहतरीन, सटीक और ओजपूर्ण विश्लेषण 🙏🙏🙏
आजकल लोग हिंदी बोलना और लिखना पसंद नहीं करते बल्कि इंग्लिश बोलते और लिखते है, हिंदी का अपमान करते है, विवाद करते है। हिंदी भाषा का परचार तुलसीदास जी ने किया था, जब ये विलुप्त होने वाली थी, उस समय उर्दू का बोलबाला था। जब तुलसीदास जी ने राम चरित मानस के द्वारा हिंदी का परचार किया था।
🇮🇳हिंदी भारत की शान है,अभिमान है, स्वाभिमान है, हिंदी भाषा भारत की पहचान है भारत का सम्मान है ꫰꫰🇮🇳
इस प्रस्तुति के लिए कोटि कोटि नमन
🙏🙇🏽♂️बस यूँ ही अति महत्वपूर्ण जानकारियों से हमें अवगत करवाने का सिलसिला जारी रखें 🙏🙇🏽♂️
जय हिंद 🔱
जय माँ भारती 🚩
आदरणीय श्री "मनोज मुंतशिर" की जय 👏🏽🙌🏽👏🏽🙌🏽
🙏सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए पर अपनी मातृभाषा को कभी न भूलें।
निज भाषा उन्नति आहे, सब उन्नति को भूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हि ए के सूल ।।🙏🙏
Sir ji, आपको मै जिस दिन से सुन रही हूं उस दिन से बहुत आदर और सम्मान है। आज मराठी मेरी मातृभाषा का सम्मान आपके पवित्र वाणी से सुनकर मेरा सम्मान प्रेम और आदर चार गुना बढ़ गया है। मी आपली नेहमीचं सन्मान आणि आदर करते आज मराठीचाप्रती तुमचं आदर पाहूनआपल्याप्रती जास्तच आदर, प्रेम आणि सन्मान वाटतो! आपला.
Bharat Mata Ki Jai 🙏🇮🇳🙏🇮🇳🙏🇮🇳
हिंदीसे तिरस्कार क्यों ऐसा पूछिये!😊आपकी हिंदी तथा विचार उत्तम है.
आम्हाला तुमच्या भाषेचा तिरस्कार नाही आहे,पण तुम्ही तुमची भाषा आमच्यावर थोपवू शकत नाही.
I am an odia, but I respect all indian languages and hindi also. Bkz I know Hindi is a attractive and easy language then others. Hindi also has a special attraction in my heart.
Kintu Suddha Hindi tough mo pain.aau Hindi byakarana b
Every language equal rights equal respect bande Utkal janani
Vyakaran odia ho ya hindi ya english lagbhag same kuch alag bs ye samjhna wala kariye hai achhe se samjh gaye to koi bhi language ho vyakaran asan ho jata hai...meri matru bhasa odia hai par hindi meri shan he pehchan hai 🙏
बहुत महत्वपूर्ण विषय बहुत ही ख़ूबसूरती से बताया ।यही साहित्यकार की विशेषता है 🇮🇳
राजीव दीक्षित के बारे में भी एक वीडियो बनाना मनोज मुंतशिर शुक्ला जी।
बिल्कुल सही सर हमे सभी भारतीय भाषा का सम्मान करना चाहिए और हमारी भाषा एक है राष्ट्र भाषा 🙏🇮🇳 जय हिंद जय भारत
हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏🙏
th-cam.com/video/-7Z48LRDM_o/w-d-xo.html
मेरा मात्र भाषा असमीया है । फिर भी मैं हिन्दी साहित्य और संस्कृति का आदर करता हूं , लिखने का प्रयास करता हूं । हिंदी केवल एक भाषा नहीं है यह भाषा ही भारत है । भारत माता कि जय।
मनोज भाई आपके हर वीडियो का एक-एक शब्द दिल और दिमाग में उतर जाता है।
आपको दिल से नमन 🇮🇳🚩🙏🏻
Ekdam sahi, main mera ek Marathi dost ko Jai Maharashtra bolta tha to we mujhe Jai Bengal bolte the. Bahot achchha lagta tha....If we respect others, they must respect us..it's really worked like bumerang. Bahot hi achchha laga apke kathan Manojji....
जय हिंद जय हिंदी 🙏
हिन्दी हमारी शान है।
अपनी भाषा पर हमें अभिमान है।
जय हिन्द
वन्दे मातरम् 🚩🚩🇮🇳🇮🇳
निज भाषा उन्नति अहे,सब भाषा को मूल।
बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिय को शूल।।
हमर छत्तीसगढ़ के तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान जी
इतनी सुंदर व्याख्या सुनकर मन प्रसन्न हो गया।😊
Joy bangla
मेरी मातृभाषा बागङी/मारवाड़ी है
लेकिन मैं हिंदी का उतना ही आदर सम्मान तथा बोल चाल में उपयोग प्रयोग करता हूं जितना अपनी मातृभाषा का
मैं पहले भारतीय हुं और यही मेरी पहचान है 🙏
🔥😇बहुत ही बढ़िया विश्लेषण किया आपने, आपका आभार ✨❣️🇮🇳🚩
Ek bar meri poetry ko vi Moka de plz.Muje vi AP jese shrotau ki jrurt h
@@Nehachautala Neha ji aapki kavita hum kha se pad sakte h ...
@@sandhya6379 mera channel h youtube pr #nehachautala
@@Nehachautala बिलकुल मौका देंगे क्यों नहीं, हम आपकी कविता का अवलोकन किस माध्यम से कर सकते हैं.??
परम् वैभवम मे तूमे तत्व राष्ट्रम 🚩🚩
हिंदी, मराठी, गुजराती,राजिस्थानी, तमिल,मद्रासी, तेलगु, बंगाली, ये सभी भारत की भाषाएं हैं, 🚩🚩 गर्व से कहो हम हिन्दू हैं,🚩🚩हर हर महादेव शंभू 🚩🚩
आज बहुत कुछ नया सीखने को अवश्य मिलेगा आपको शत शत नमन सर। इस वीडियो को बनाने के लिए।
Shi kha ji
Ek bar meri poetry ko vi Moka de plz.Muje vi AP jese darshko ki jrurt h
क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा कौनसी है ??
अंग्रेजी में 'THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG' एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है।
अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।-
*क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।*
*तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।*
अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।
श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है!
पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल *एक अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है-
*न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।*
*नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥*
अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्!
एक और उदहारण है।
*दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः*
*दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः*
अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया।
है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल *2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये -
*भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे*
*भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।*
अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है।
एक और उदाहरण -
*क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।*
*कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥*
अर्थात - क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]।
पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है!
उदहारण -
जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है
ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
@@सनातनहृदय अद्भुत
सर शब्द में बहुत बड़ी शक्ति होती है वो शब्द जो अर्जुन को। हृदय परिवर्तन कर दिया आप आपने मुख से कृपया। गीता में उपदेशों को सुनाए सर जी मैं ये दावे से कह रहा हु आप में कृष्ण की। क्षवि दिखाई देगी और इसमें मुझे कोई शक नहीं क्योंकि हमारे में कृष्ण का अंश है हम। कृष्ण के अंश है। ये सदा सत्य है
Jai Shri Ram
Jai shree ram
Ek bar meri poetry ko vi Moka de plz.Muje vi AP jese shrotau ki jrurt h
सर आपका बहुत बहुत आभार
हिंदी हैं हम 🙏🏻❤हिंदुस्ता हमारा,🇮🇳😇
मै कक्षा नवम की छात्रा हूं । मुझे सारी भाषाओं से प्रेम है , मुझे मेरे स्कूल में कई बार हिंदी भाषण के लिए पुरस्कृत किया गया है , और मुझे इसकी प्रेरणा आपसे से मिलती है , मै आपकी हर विडिओ देखती हूं और आपकी हर विडिओ से मुझे कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है जिसके लिए मैं आपकी सहृदय आभारी हूं।
हिन्दी ऐसी भाषा जिसमें हम सपने देखते हैं...... किसी भाषा से इसकी तुलना सही नहीं है
🙏🙏🇮🇳🇮🇳 भाषाएँ या माताएँ छोटी या बड़ी नहीं होती.......
बहुत सुंदर संतुलित व्याख्यान के लिये बधाई और धन्यवाद।
Mujhe hindi Bolna hi garv ki baat lgti h. 👍🙏
भारत शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है । भा और रत । भा अर्थात् ज्ञान रूपी प्रकाश और रत अर्थात् लगा हुआ । अत: भारत का अर्थ हुआ : वह भूमि जिसके निवासी ज्ञान की खोज में लगे हुए हों ।
Personally i feel very lucky to have a lyricist like manoj ji 🙏
निज भाषा उन्नति अहै,
सब उन्नति को मूल,
बिनु निज भाषा ज्ञान के,
मिटत न हिय को सूल!!!
अंग्रेजी पढ़ि के जदपि,
सब गुन होत प्रवीन,
निज भाषा ज्ञान बिनु,
रहत हीन के हीन!!
जय हिंद
जय संस्कृत
जय हिंदी
जय ओड़िआ
जय हो हमारे सभी २२ राष्ट्र भाषा और सभी खेत्रिय भाषा।
🙏🙂
'ଓଡ଼ିଆ' , ଉଡ଼ିୟା ନୁହେଁ
@@bandanapriyadarshinimishra38 ଧନ୍ୟବାଦ 🙏🙂
क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा कौनसी है ??
अंग्रेजी में 'THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG' एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है।
अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।-
*क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।*
*तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।*
अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।
श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है!
पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल *एक अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है-
*न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।*
*नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥*
अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्!
एक और उदहारण है।
*दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः*
*दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः*
अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया।
है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल *2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये -
*भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे*
*भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।*
अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है।
एक और उदाहरण -
*क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।*
*कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥*
अर्थात - क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]।
पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है!
उदहारण -
जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है
ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
@@सनातनहृदय जी बिलकुल आपने सही कहा है, यह दुर्भाग्य जनक है।
लेकिन जब भारत की भाषा के बारे मैं चर्चा होती है या फिर मेरे मन में खयाल आता है, तो सब से पहले संस्कृत भाषा उसके बाद ओड़िआ और उसके बाद हिंदी और उसके बाद सभी २२ राष्ट्र भाषाएं आती है और इसके साथ ही हमारे देश में जितने भी सारे खेत्रीय भाषाए है, उनके बारे मैं जाने की जिज्ञासा भी रहती है।
मुझे संस्कृत से विशेष रूप से इसलिए लगाव है की, सबसे पहले बात आज विश्व में जितनी भी सारी भाषाएं है उनकी जननी संस्कृत है, अर्थात संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है।
दूसरी बात ओड़िआ भाषा भी संस्कृत के साथ १०० प्रतिसत मेल खाता है, अगर आप थोड़ा सा साहित्य इतिहास में खोजेंगे तो आपको पता चलेगा कि जिसदिन संस्कृत भाषा का उदय हुआ था उसी दिन ओड़िआ भाषा का भी उदय हुआ था, दूसरे शब्द में कहे तो ओड़िआ भाषा संस्कृत का छोटा भाई है।
तीसरी बात संस्कृत भाषा से ही हिंदी का जन्म हुआ है, और बहुत मेल भी खाता है, और हिंदी भाषा हमारे देश के सभी वर्ग के लोगों को संस्कृत भाषा को समझना में सहज भूमिका निभाता है।
आखिर महुत्वपूर्ण बात है शायद कोई व्यक्ति संस्कृत बोल नही पाता हो, शायद उसे संस्कृत बोल ने में कुछ कठिनाई होती है, लेकिन संस्कृत सुन ने से ,संस्कृत को श्रवण करने से उसका मन शान्त हो जाता है और आत्म तृप्त हो जाती है और संपूर्ण व्यक्ति पवित्र हो जाता है और मन प्रसन्न रहता है।
इसी कारण से संस्कृत मेरे लिए विशेष है।
मेरे लिए भरता की मातृभाषा और राष्ट्र भाषा सबसे पहले संस्कृत है,उसके बाद ओड़िआ ,उसके बाद हिंदी, उसके बाद संभिधान में लिखित सभी २२ भाषाएं और हमारे देश के सभी क्षेत्रीय भाषाएं है।
आपने मुझे इतनी बेहतर और महत्वपूर्ण जानकारी दी इसलिए आपका बहुत बहुत आभार ।
धन्यवाद🙏🙂
Aap ne bahut sunder vishleshan Kiya. Aap ka koti koti dhanyawad
You are truly unique. A society that has forgotten its own culture and tradition is like death.
Ek bar meri poetry ko vi Moka de plz.Muje vi AP jese shrotau ki jrurt h
Bhai 1 hazar saal phle Hindi thi bhi nhi😂 to hindi kabhi apna culture thaa hi nhi, 10 hazar saal phle Hindi ya hindu word exist hi nhi krta tha. Dono Greek word h. To kuch bhi na bola kroo.
Where I have mentioned Hindi? Here I have spoken about our own culture and tradition.
@@rashidrazakhan9153 bhai ab kya bolu me tujhe 🙂 madrase me padh ke ihaan pe mat jhada kar gyaan.... Hamari sanskrit or hindi karodo saal purani hai or tu hazar saal ki baat kar raha hai 😂😂 balki tumhara islam us haazar saal pehle janma bhii nhii tha
There is no need to comment on anything without knowing it.
Great Sir. All languages are very good. Speak in your language. And Hindi is bridge and connecting language in all over India. Use it well.
Jay Hind
जय श्री सीताराम 🌷🚩
हम तक आपने ये जानकारी पहुंचाई बहुत बहुत धन्यवाद अब आगे का काम हम स्वयं करेंगे
हिंदी हमारी मातृभाषा है...❤️🇮🇳
हमे अपने भाषा पर गर्व है...❤️🇮🇳
जय हिंदी 🙏 जय हिंद...❤️🇮🇳
मैं हिन्दी साहित्य की छात्रा हूँ,
और हम अपनी भाषा माँ हिन्दी को दिल से इज्जत करतीं हूँ,
@@arexercise0001 इज्जत की स्थान पर अगर आप हिंदी शब्द जेड सम्मान बोले तो अवश्य ही आप अपनी मातृभाषा को हृदय से मानते है।
@@Bharatiya12321 इज्जत और सम्मान दोनों हमारी भाषा है , आप anusha Or anushka में कितना अंतर है, बोलिए
@@Bharatiya12321 इज्जत और सम्मान दोनों शब्द समानांतर है, लेकिन इस को हम किस जगह प्रयोग कर रहे हैं, ये महत्वपूर्ण है, हिन्दी का इज्जत करना हमारी कर्तव्य है, और कोई मेहमान हमारे घर आतें हैं, और हम उनका स्वागत करते है, उनका आदर करते हैं, तो उनकों सम्मान देते है, हिन्दी कोई मेहमान नहीं है,
@@arexercise0001 पर शायद इज्जत farsi है ? या उर्दू ?
और मैने किसी किताब में मतलब को हिंदी है pure Hindi usme इज्जत नहीं देखा सुना , ये शायद उर्दू है ?
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आपका यह प्रयास हमे जागृत कर गया