D05-गौ आधारित प्राकृतिक कृषि- काले धान की खेती (CBNF- Farming of Black Rice)

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 ก.ย. 2024
  • लल्लू राम मेड़िया जी, जो कि प्रकृति जैविक उत्पादक समिति के एक सदस्य किसान हैं, छत्तीसगड़ के बालोद जिला में डोंडी ब्लॉक में स्थित ग्राम से हैं। मेड़िया जी विगत कुछ वर्षों से गौ आधारित कृषि अंतर्गत प्रयोग कर रहे हैं समिति द्वारा दी गई देशी बीज (काला चावल) से खेती कर रहे हैं। हमारी समिति के संपर्क में आने के पश्चात से ही वे घर मे अपनी देशी गौवंश से प्राप्त गोवर, गौमूत्र आधारित उत्पाद जैसे कीटनियंत्रक, घनजीवामृत एवं हवन की भस्म का प्रयोग अपने धान में करते हैं साथ ही धीरे धीरे रासायनिक उर्वरक का भी त्याग कर रहे हैं। उन्होंने इस धान पर किसी किस्म का जहरीला कीटनाशक नहीं डाला है। गौ आधारित कृषि के बारे में उनसे उनका अनुभव सुनें।

ความคิดเห็น • 1

  • @online-si3ge
    @online-si3ge 3 ปีที่แล้ว +1

    संगठन में शक्ति होती है