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स्वस्थ भारत परिवार
เข้าร่วมเมื่อ 28 มิ.ย. 2012
स्वास्थ्य पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की अवस्था है, न कि केवल बीमारी या दुर्बलता की अनुपस्थिति।
Health is a state of complete physical, mental and social well-being, not simply the absence of illness or debility.
भारतीय संस्कृति ने विश्व के लिए प्रार्थना की है- सर्वे संतु सुखिनः (सभी सुखी हों), सर्वे संतु निरामयः (सभी निरोगी हों), सर्वे भद्राणि पश्यन्तु (सब मंगलमय घटना के साक्षी बनें), मा कश्चिद दुख भाग भवेत (कोई भी दुख का भागी न बने)।
इस चैनल का मकसद शारीरिक, मानसिक और वैचारिक रूप से स्वस्थ भारत की चर्चा का है। प्रकृति, कृषि, समाज और विश्व कल्याण की बातें हम इस ग्रुप के माध्यम से करते रहेंगे।
3 वर्ष पूर्व एक छोटे से प्रयत्न से "स्वस्थ भारत ग्रुप" नामक व्हाटसअप ग्रुप बनाया। उसपर आप लोगों ने हमारे प्रयास को सराहा। हमें भी प्रेरणा मिली कि क्यूँ न इसे आगे बढ़ाएं। ये मिशन व्हाटसअप से फेसबुक और फेसबुक से यूट्यूब तक पहुँचा।
स्वस्थ भारत मिशन- का लक्ष्य समाज के हर एक व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रुप से सद्चित्त और कर्म से कल्याणकारी बनने हेतु प्रेरित करना है।
Health is a state of complete physical, mental and social well-being, not simply the absence of illness or debility.
भारतीय संस्कृति ने विश्व के लिए प्रार्थना की है- सर्वे संतु सुखिनः (सभी सुखी हों), सर्वे संतु निरामयः (सभी निरोगी हों), सर्वे भद्राणि पश्यन्तु (सब मंगलमय घटना के साक्षी बनें), मा कश्चिद दुख भाग भवेत (कोई भी दुख का भागी न बने)।
इस चैनल का मकसद शारीरिक, मानसिक और वैचारिक रूप से स्वस्थ भारत की चर्चा का है। प्रकृति, कृषि, समाज और विश्व कल्याण की बातें हम इस ग्रुप के माध्यम से करते रहेंगे।
3 वर्ष पूर्व एक छोटे से प्रयत्न से "स्वस्थ भारत ग्रुप" नामक व्हाटसअप ग्रुप बनाया। उसपर आप लोगों ने हमारे प्रयास को सराहा। हमें भी प्रेरणा मिली कि क्यूँ न इसे आगे बढ़ाएं। ये मिशन व्हाटसअप से फेसबुक और फेसबुक से यूट्यूब तक पहुँचा।
स्वस्थ भारत मिशन- का लक्ष्य समाज के हर एक व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रुप से सद्चित्त और कर्म से कल्याणकारी बनने हेतु प्रेरित करना है।
पीपरखूटा (बोडला–कबीरधाम) में गौ ग्राम स्वावलंबन योजना का परिचय... Piparkhuta kabirdham
पीपरखुटा-कबीरधाम (छत्तीसगढ़) में गौ ग्राम स्वावलंबन की योजना बन चुकी है। इसपर कार्य शुरू हो चुका है, आगे जो भी प्रगति होगी उसपर हम इस चैनल के माध्यम से आप सभी को सूचित करते रहेंगे।
यह कार्य "महाकाल-महाकाली कान्हा कुटीर आश्रम" के भूमि में शुरू की जा रही है जिसके संस्थापक श्री उग्रेश यादव जी हैं। उग्रेश जी मां काली के भक्त हैं, और संस्कृति के रक्षार्थ प्रयत्नशील हैं।
मैं, उग्रेश जी और मयंक पींचा जी इनकी भूमि से इस योजना की शुरआत कर रहे हैं जिसके अंतर्गत निम्लिखित उद्देश्य रखें गए हैं-
१. प्राकृतिक गौ आधारित कृषि को गांव में स्थापित करना
२. प्राकृतिक आयुर्वेद आधारित चिकित्सा पद्धति की स्थापना
३. भारतीय ज्ञान परंपरा और कौशल पर आधारित स्वरोजगारमुखी शिक्षा
४. गौ, कृषि, आयुर्वेद, चिकित्सा, शिक्षा, वनोपज, ग्राम एवम कुटीर आधारित स्वालंबन
५. ग्रामसभा आधारित स्वशासन व्यवस्था
इन पांच मूल्यों और मापदंडों पर आधारित ग्राम विकास हमें खड़ा करना है, ताकि आने वाले नवीन भारत हेतु यह ग्राम एक उदाहरण बन सके।
यह कार्य "महाकाल-महाकाली कान्हा कुटीर आश्रम" के भूमि में शुरू की जा रही है जिसके संस्थापक श्री उग्रेश यादव जी हैं। उग्रेश जी मां काली के भक्त हैं, और संस्कृति के रक्षार्थ प्रयत्नशील हैं।
मैं, उग्रेश जी और मयंक पींचा जी इनकी भूमि से इस योजना की शुरआत कर रहे हैं जिसके अंतर्गत निम्लिखित उद्देश्य रखें गए हैं-
१. प्राकृतिक गौ आधारित कृषि को गांव में स्थापित करना
२. प्राकृतिक आयुर्वेद आधारित चिकित्सा पद्धति की स्थापना
३. भारतीय ज्ञान परंपरा और कौशल पर आधारित स्वरोजगारमुखी शिक्षा
४. गौ, कृषि, आयुर्वेद, चिकित्सा, शिक्षा, वनोपज, ग्राम एवम कुटीर आधारित स्वालंबन
५. ग्रामसभा आधारित स्वशासन व्यवस्था
इन पांच मूल्यों और मापदंडों पर आधारित ग्राम विकास हमें खड़ा करना है, ताकि आने वाले नवीन भारत हेतु यह ग्राम एक उदाहरण बन सके।
มุมมอง: 130
วีดีโอ
शारीरिक गर्मी बाहर निकालने का परंपरागत तरीका
มุมมอง 10หลายเดือนก่อน
वर्षों से आदिवासी जनजातीय शरीर की गर्मी बाहर करने के लिए यह उपाय करती हैं। यह उपाय पीलिया में भी कारगर है।
महाकाली-महाकाल कान्हा कुटी आश्रम, पीपरखुंटा। बोडला विकासखंड, जिला-कबीरधाम।
มุมมอง 662 หลายเดือนก่อน
कान्हा कुटी आश्रम, यह आश्रम श्री उग्रेश यादव जी द्वारा निर्मित है। उग्रेश जी भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा का संरक्षण करने के उद्देश्य हेतु अपने ग्राम पीपरखुंटा और आसपास के क्षेत्र में जनजागरण का कार्य कर रहे हैं। पीपरखुंटा, बोडला विकासखंड में स्थित है। छत्तीसगढ़ से आने वाले दलदली से और मध्यप्रदेश से आने वाले मवई से आ सकते हैं। जबलपुर से मंडला, मंडला से मवई बस के माध्यम से आ सकते हैं।
तपोभूमि बूटीगढ़, सिंगपुर (मगरलोड, जिला धमतरी) Tapobhumi Butigadh Magarlod, District Dhamtari
มุมมอง 762 หลายเดือนก่อน
बूटीगड़ एक तपोभूमि है, यह स्थल छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला के मगरलोड विकासखंड में सिंगपुर ग्रामपंचायत छेत्र अंतर्गत मुख्य 4 किलोमीटर अंदर वन में स्थित है। बूटीगढ़ धाम, मान्यता अनुसार एक तपोवन है जिसकी स्थापना संतों द्वारा प्राचीनकाल से है, यह भी की भगवान अपने वनवास काल में यहां से गुजरे थे। जड़ी बूटी औषधियों से भरे इस वन की सुंदरता देखते ही बनती है। कुछ वनवासी परिवार इस वन में बसे हुवे हैं जिनका जी...
Madhav Ashram- उष्णकटिबंधीय सेब की खेती की जानकारी- Sub tropical variety apple information
มุมมอง 54ปีที่แล้ว
Madhav Ashram- उष्णकटिबंधीय सेब की खेती की जानकारी- Sub tropical variety apple information
D01-प्राकृतिक वन-पतझड़ में केशाकर्षन की घटना\n(Natural Forest-Capillary action in autumn)
มุมมอง 4513 ปีที่แล้ว
बसंत ऋतु में पतझड़ का मौसम पृथ्वी में महत्वपूर्ण घटना घटित होने का समय: १. पेड़ों का पत्ते झड़ाना, भूमि को आच्छादित करना और सुप्त अवस्था मे जाना। २. केशाकर्षण के द्वारा भूमिगत जल का वाष्प में बदलना और पेड़ों द्वारा उसे प्राप्त करना। ३. पेड़-पौधों द्वारा वाष्पीकृत जल (नमी) के अवशोषण द्वारा भूमि से खनिज उठाना। नवीन पत्तों को उत्पन्न करना। Autumn season in spring, important event Occurrence time on ear...
D04-गौ आधारित प्राकृतिक कृषि- देशी बीज और महत्व (CBNF- Indegenous seeds and Importance)
มุมมอง 4393 ปีที่แล้ว
किसान मित्रों एवं मेरे प्यारे देश वासियों, आज देश की कृषि पर कमजोर बीजों का आतंक मंडरा रहा है। ये कमजोर बीज वे बीज हैं जिन्हें हम मानव ने अपनी बुद्धिमता साबित करने हेतु और अधिक उत्पादन की लालच के चलते छेड़-छाड़ कर बनाया है। किसी से भी आज यह बात छिपी नहीं कि रोगमुक्त कृषि करना लगभग असंभव हो चुका है। ये फसलों पर जो रोग आ रहे हैं या जो कीट आ रहे हैं ये इसलिए आ रहे हैं क्यूंकि प्रकृति में श्रेस्ट की ...
D05-गौ आधारित प्राकृतिक कृषि- काले धान की खेती (CBNF- Farming of Black Rice)
มุมมอง 2493 ปีที่แล้ว
लल्लू राम मेड़िया जी, जो कि प्रकृति जैविक उत्पादक समिति के एक सदस्य किसान हैं, छत्तीसगड़ के बालोद जिला में डोंडी ब्लॉक में स्थित ग्राम से हैं। मेड़िया जी विगत कुछ वर्षों से गौ आधारित कृषि अंतर्गत प्रयोग कर रहे हैं समिति द्वारा दी गई देशी बीज (काला चावल) से खेती कर रहे हैं। हमारी समिति के संपर्क में आने के पश्चात से ही वे घर मे अपनी देशी गौवंश से प्राप्त गोवर, गौमूत्र आधारित उत्पाद जैसे कीटनियंत्रक...
D03-गौ आधारित प्राकृतिक जीवनशैली- अग्निहोत्र के कंडे (Cow based natural lifestyle- Agnihotra Kande)
มุมมอง 1194 ปีที่แล้ว
अग्निहोत्र हेतु कंडे विशेष विधि से बनाने होते हैं, कुछ मुख्य शर्ते हैं- १. गोवर साफ सुथरा हो, बिल्कुल ताजा हो। २. बनाने हेतु साफ सुथरे जगह का चुनाव किया जाना चाहिए। ३. कंडे न बहुत पतले न बहुत मोटे होने चाहिए। ४. अच्छा होगा कंडे बनाने वक़्त उसमे उपरोक्त वीडियो में बताए अनुसार लकीरें खींच ली गईं हों। इससे कंडे सरलता से सम आकार में तोड़ने हेतु सुविधा हो जाती है। ५. बेहतर होगा यह गोवर जंगल चरने वाली ...
D02-जंगली खेती- उड़द की फसल (No till farming-Blackgram farming)
มุมมอง 35K5 ปีที่แล้ว
D02-जंगली खेती- उड़द की फसल (No till farming-Blackgram farming)
Kisi ko bhee unke query ka ans nahi mila it means youtuber was shooting video for his own information😀
Namaste Ancal ji is farm ki agli videos bhi upload kijiye
Sir Bahut hi informative vedio h ...aap KO Jo sar samjha rahe h wo bahut imandar Ur neck insan lag rahe h unko Dil SE salute Ur salam ... Sir mujhe nrcc8 nrcc7 Balaji saisharbati lemon Ka biju plant chahiye mai Bihar SE hu to Mai kaise lu samajh me Nahi araha h ..margdarsan kare
Poor audio.
What is the price for 1 plant ?
Nombar
Asha video 2024 sathi navin banva mast mahiti dili
Price?¿?¿
Lagaye kitne the plants?
Bhai raipur chhatisgarh se hoon kya nagpur jaake direct plant recieve kar sakte hai
छत्तीसगढ़❤
म
Chattishgadhiha sab l badiha
Number Kay ha I ar
Very nice video.
प्रेरणा स्रोत वीडियो
Supare
अति सुन्दर प्रस्तुति
बहुत बड़ियां जानकारी दी आपने 👍🙏
Unka nam tyagi ji he
Muzzz mare bambo bachna he koii ho to bato
नर्सरी वाले के नम्बर भेजो
market kaha ha iski sir
Bamboo bechna ho to batao ganne k bhaw me kharidonga
Konsi kism hai sir
कौनसी वैरायटी है
ये न्यूटन है, बहुत ही अच्छे बांस में इसकी गिनती होती है।
कोन सी किस्म है ??
Final result kya milaaa h? Vo bhi share kre
परिणाम हमें बहुत अच्छे प्राप्त हुवे, क्यूंकि प्राकृतिक तरीके से बगैर जुताई से लगे फसलों में अधिक बीमारी नहीं आती, ये फसल मजबूत होते हैं। मात्रा पर ध्यान न हो कर गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित रहे, इस विधा में गुणवत्ता बहुत ही अच्छी प्राप्त होती है स्वाद बहुत अच्छा प्राप्त होता है और फसल सेहतमंद होता है।
सर ये तंत्र(आच्छादन) केवल पतझड़ वन में होता है न ,,,
सभी वनों में ये एक प्राकृतिक घटना है, पेड़ का जीवनकाल खत्म होने पर वे खुद मर कर दूसरों के लिए खाद बनते हैं। पेड़ के पत्ते, तना, मरे हुवे पौधे आदि ये सभी आच्छादन बनते हैं।
Bahut badhiya
दीपक भाई आपका नंबर मिल सकता है कृपया देवे 👏👏
8743013319
@@deepaksarwa03 deepakbhài jangli kheti
बहुत सुंदर भैय्या जी मैं भी जैविक कृषि करना चाहता हु आपसे संपर्क करना चाहता हु
आप कभी भी संपर्क कर सकते हैं 8743013319
I like this l am durgesh dattatraya Joshi gopalak farming in this way from today
Great information for farmers,
अरहर कुदरत 3 गेहूं उर्दू की फसल का वीडियो भेजना है आप अपना व्हाट्सएप नंबर बताइए श्री प्रकाश सिंह रघुवंशी मेरा व्हाट्सएप नंबर है 9839253974
8743013319
गेँहू के ऊपर उडद कैसे बोया जाएगा
Very economic and good nitrogen fixatation
Sir last week of February. Main buvai ho sakti hai
जी बिल्कुल हो सकती है। आप निम्लिखित कार्य करें। १. बीजों को बीज गोली (सीड बॉल) बना लें, अर्थात ५०% मिट्टी, ५०% कम्पोस्ट और बीज की गोलियां। २. इसे भूमि में छिड़क दें। न बहुत घना न बहुत कम। ३. इसे पुराने फसलीय अवशेष से इस तरह ढक दें की भूमि न पूर्ण तरह से ढके न खुली रह जाएं। अर्थात बीज अंकुरण पश्चात पौधा अवशेष में से ऊपर निकल सके। ४. स्प्रिंकलर आदि के मदद से इसपर कृत्रिम वर्षा करवाएं। ५. स्प्रिंकलर की व्यवस्था न हो तो आप भूमि में पानी छोड़ें। ताकि पुवाल आदि भीग जाएं। इसी नमी से बीज अंकुरित होंगे।
कोन से महिने मे बोया गया बताने की कृपा करें।
Have Some Trees There
kab bubai karen
संगठन में शक्ति होती है
Jai ho
और यह फसल किस महीने में पकती है आपको यह बताने में शर्म आ गयी थी
Hi
उड़द की फसल साधारणतः 70-90 दिनों अर्थात ढाई से तीन माह की होती है। जिसकी मुख्यतः बुवाई खरीफ और रवि सीजन में होती है। खरीफ में जुलाई-अगस्त में और रवि में जनवरी-फरवरी में की जाती है।
@@deepaksarwa03 जी कितने तापमान मे बुआई की शुरूआत कर सकते है फरवरी-मार्च मे
आपका no दें।। मेरा whatup no 9893720070 जे
अब कितना पानी इसमें दिया है एक बार या दो बार
गजेंद्र जी, पानी तो आवश्यकता अनुसार ही दिया जाना चाहिए। जभी भी हमें पानी देने की आवश्यकता होगी हमारी भूमि और पौधे स्वयं बताएंगे। चूंकि अलग अलग भूमि की जल धारण क्षमता अलग अलग होती है इसलिए तय टाईमटेबल नहीं बांधा जाना चाहिए। सबसे सरल सूत्र है जमीन के मल्च को उठा कर देखना की कितना खुष्क हो गया है यदि लग रहा है कि खुष्क हुआ है तो इसका असर पौधों के हरियाली पर भी नजर आएगा, बस ऐसा प्रतीत होने से पानी दे दिया जाना चाहिए।
बहुत बढ़िया दीपक जी साधुवाद
बहुत बढ़िया दीपक जी आप अपने क्षेत्र में किसानों को उत्थान के लिए बहुत कुछ कर रहे है ईश्वर आपको इस नेक कार्य मे और मदद करे।
किसानों के संग मुझे जीवन की पूर्णता समझ आती है, वे दिल के बड़े धनी, स्वभाव से सरल लोग हैं यही कारण है कि मैं इनके बीच गया और इनका ही हो गया। इनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।