“Safar …. Jindagi ka “ chapter 10, Parihas” and friends speaking about women empowerment
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- เผยแพร่เมื่อ 30 ม.ค. 2025
- १० ) परिहास
साथीयों ! जब हम युवा पीढी कहते हैं, उसमें लडकीयां भी तो शामिल हैं. लडकीयोंको लडकोंसे कम न समझो ! हर field में उन्होने लडकोंसे सिर्फ बराबरी ही नही की,बल्की लडकोंसे आगे भी निकल गई. दुनिया में मिसाल भी कायम करी. बहोत पहले के जमाने में, लडकीयोंका field अलग होता था. आज वैसा नही है. उन्हें जरा भी हल्के में ना लें. एक समारोह में चल रहा students का ये परिहास सुनिये तो सही ! लडकोंने लडकीयोंको जब inferior कहा,तो लडकीयां क्या जवाब दे रही है ! सुनीये और आनंद उठाईये ! ध्यान रहे, ये सिर्फ और सिर्फ एक परिहास है.
लडके कर रहे थे छेडखानी
मजाक उडा रहे थे लडकियों की
बोले, विधाता ने जब अकल बाँटी
वहां पहूंच पाये सिर्फ पुरुष ही
लडकीयां तो खुद में ही व्यस्त रहीं
पहूंच ना पाईं जहां अकल बंटी
जोश में आ गई अब लाडकीयां भी
छोरों का पुरजोर विरोध करने लगी
खुदको बडा बलवान समझता है !
इतना घमंड तुझे किस बात का है ?
दौडकर गया तू प्रभुके दरबारमें
महज विधाता से अकल बटोरने
बिना किसी भी कोशिशों से
नारी को दिये इसी विधाताने
तीन वर ! हँसी,रोना,और नखरे के
नारी के नखरे से तो ब्रह्मा भी पिघले
पुरुष कि मर्दानगी एक तरफ
और नारीकी चतुराई दूसरी तरफ
बोलो इसमें होगी जीत किसकी ?
सोचने पर मजबूर विधाता भी
बडा ही खुश लग रहा है तू
के सबसे अकलमंद है तू
पर याद रहे एक बात की
किसीसे कम नहीं छोरी भी
ये खेतोंमें काम करे
युवा पीढी को शिक्षित करे
रिश्ते - नाते यही संभाले
पूरे घरको ये बांध रखे
बडी बडी पोस्ट पर काम करे ये
बँक क्या, finance ministry संभाले ये
Helicopter, Aeroplane, train भी चलाये ये
कुश्ती में भी मैदान जीत ले ये
राजनीती में ये अव्वल रही
देश की प्रधान मंत्री भी ये रही
और तो और भारतवर्ष की
राष्ट्रपति आज भी है एक नारी ही
Scientist बनकर नाम कमाये
गौर से सुनो ! अंतरिक्ष यात्रा के लिये
इसका selection भी हो जाये
हर परिस्थिती का सामना करे ये
Aids पीडित बच्चोका
अनाथाश्रम ये चलाये
कभी नर्स या डॉक्टर बनके
मरीजोंकी सेवा भी खुशीसे करे
पुरुष का कार्यक्षेत्र तो है सीमित
पर, नारी को हैं सारे क्षेत्र खुले
विधाताने भी किया सम्मान नारीका
देकरके खास वर प्रजननका
शक्ती का रूप है नारी
इसके बिना जिंदगी अधूरी
भले इन्सान हो या भगवान
शक्ती बिना कैसे हो काम ?
व्यर्थ अभिमान मत कर कभी
सुन ले, सौ बातोंकी बात एक ही
एक दूजे बिना, नर-नारी अधूरी
किसी भी स्तर पे inferior नही है छोरी
उसे नीचा दिखाना भूलसे भी
पड जायेगा बहोत ही भारी
सज्जनों ! परिहास है,पर सच है ये
जिंदगी की मिठास बढाये परिहास ये
जिंदगी की मिठास बढाये परिहास ये