एकदम अलग प्रकार की कहानी। समाज में निरंतर बढ़ती जा रही है ऐसी विकृतियों पर अंकुश लगाना नितांत कठिन। अतृप्त महिलाओं को रात में चलती देख उन्हें चुड़ैल कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं। मधुर तथा पूरे भाव से पढ़ी थी आपकी कहानी हमेशा प्रभावित करती है😮👍😉❣️
श्री पंकज सुबीर द्वारा लिखित कहानी को सीमा जी ने बहुत अच्छे ढंग से सुनाया। हमारे किशोर होते बच्चों को शरीर में होने वाले हार्मोंस परिवर्तन के बारे में बताना और उचित यौन शिक्षा देना अनिवार्य है। विडम्बना यह है कि नित्य क्रियाओं में खाना,पीना,रहना सब नैतिक है पर सेक्स भी स्वाभाविक आवश्यकता है,और इसे समय पर माता पिता या शिक्षा के माध्यम से वैज्ञानिक जानकारी दी जानी चाहिए। लेखक ने प्रत्येक परिवार कि समस्या कि बात की है,इस गंभीर विषय पर समाज में बातचीत करना अति आवश्यक है,अन्यथा आने वाले समय में हमारी संस्कृति भी कथा में वर्णित प्राचीन हवेली जैसी हो जाएगी
@@HindiSahityaSeemaSinghसीमा जी, मेरे कॉमेंट पर आपके द्वारा निजी जवाब पा कर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। मुझे जैसे अवकाश मिलता है,अक्सर सोते सोते कहानियां सुनता रहता हूं,आपके द्वारा कही गई भावपूर्ण आवाज में कहानी और भी मज़ेदार बन जाती है। मोबाइल स्क्रीन देखने से आंखे थक जाती है,और ज्यादा देर नहीं देख सकते।पर आप कि स्पष्ट सुनाई देने वाली आवाज़ सुनकर बहुत अच्छा लगता है। आपका स्नेहसफर निरंतर जारी रहे😊
@@kishoresharma9919 मुझे भी आपका कमेन्ट पढ़ कर आत्मीयता का बोध हुआ। अपने श्रोताओं से आत्मीय स्नेह सबंध होना मैं ईश्वरीय वरदान मानती हूँ सर। सप्रेम आभार।
एकदम अलग प्रकार की कहानी। समाज में निरंतर बढ़ती जा रही है ऐसी विकृतियों पर अंकुश लगाना नितांत कठिन।
अतृप्त महिलाओं को रात में चलती देख उन्हें चुड़ैल कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं।
मधुर तथा पूरे भाव से पढ़ी थी आपकी कहानी हमेशा प्रभावित करती है😮👍😉❣️
समाज के हर स्तर पर पहुंच बनाती विकृतियों को लेखा जोखा प्रस्तुत करती कहानी🎉
उम्दा कहानी👌👌 आपकी प्रस्तुति सुंदर दीदी🙏🙏
Thank you dear Vidya ❤️ 😘
श्री पंकज सुबीर द्वारा लिखित कहानी को सीमा जी ने बहुत अच्छे ढंग से सुनाया।
हमारे किशोर होते बच्चों को शरीर में होने वाले हार्मोंस परिवर्तन के बारे में बताना और उचित यौन शिक्षा देना अनिवार्य है। विडम्बना यह है कि नित्य क्रियाओं में खाना,पीना,रहना सब नैतिक है पर सेक्स भी स्वाभाविक आवश्यकता है,और इसे समय पर माता पिता या शिक्षा के माध्यम से वैज्ञानिक जानकारी दी जानी चाहिए। लेखक ने प्रत्येक परिवार कि समस्या कि बात की है,इस गंभीर विषय पर समाज में बातचीत करना अति आवश्यक है,अन्यथा आने वाले समय में हमारी संस्कृति भी कथा में वर्णित प्राचीन हवेली जैसी हो जाएगी
जी सही...कहानी शिक्षा प्रद है
@@HindiSahityaSeemaSinghसीमा जी,
मेरे कॉमेंट पर आपके द्वारा निजी जवाब पा कर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं।
मुझे जैसे अवकाश मिलता है,अक्सर सोते सोते कहानियां सुनता रहता हूं,आपके द्वारा कही गई भावपूर्ण आवाज में कहानी और भी मज़ेदार बन जाती है।
मोबाइल स्क्रीन देखने से आंखे थक जाती है,और ज्यादा देर नहीं देख सकते।पर आप कि स्पष्ट सुनाई देने वाली आवाज़ सुनकर बहुत अच्छा लगता है।
आपका स्नेहसफर निरंतर जारी रहे😊
@@kishoresharma9919 मुझे भी आपका कमेन्ट पढ़ कर आत्मीयता का बोध हुआ। अपने श्रोताओं से आत्मीय स्नेह सबंध होना मैं ईश्वरीय वरदान मानती हूँ सर। सप्रेम आभार।
आपकी आत्मीयता एवम् स्नेहशील स्वभाव वाकई कबीले तारीफ है,आपकी आवाज का श्रोता बनना मेरा भी सौभाग्य है चित्रा जी @@HindiSahityaSeemaSingh
sahitya samaj ka darpan hai realy❤
🙏🏻
Real fishing, great writing skill, parents should be careful
❤❤😊
❤❤
Yeh kitni dardnaak kahani hai. Samaaj itna neeche gir gaya hai😢
✅️
व्यंग्यात्मक शैली की समाज की एक विकृति को उभारती उम्दा रचना