उलझी से इस कथानक को समझना बहुत सरल हो पाया इसमे भी आपकी ही योग्यता है। इतने कठिन विषय को सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत करना एक योग्य शिक्षक का गुण है जो आपके अंदर विद्यमान है। बहुत ही सुंदर तरीके से आपने व्यक्त किया और कथानक को सरल बना दिया।
बिल्कुल और चंद्रगुप्त को भी इस चीज का पूरी तरह से अनुमान नहीं था कि उसने अपने जिस श्रेष्ठ गुरु का अपमान किया है वह उनकी योजना का भाग है चाणक्य जब आयोजन करते हैं तो उनका मानना है कि अगर एक व्यक्ति के आयोजन से काम चल जाता है तो दूसरे को भी पता नहीं चलना चाहिए आयोजक के रूप में अगर दो व्यक्तियों की जरूरत है तो तीसरे को पता नहीं चलना चाहिए
@@Hariniwas धन्यवाद sir, आप अपना अमूल्य समय निकाल कर हमारे प्रश्नों के उत्तर देकर हमारी सारी शंकाएं मिटाते है। आप जैसे बहुत ही कम ऐसे व्यक्तित्व है जो अपना अमूल्य समय दूसरों के लिए निकालते हैं। एक बार पुनः धन्यवाद।
Sir, यदि आप बुरा ना माने तो आप से एक निवेदन करना चाहूँगा कि जिस प्रकार आपने चाणक्य नीति, विदुर नीति, नीति शतक जैसे दिव्य संस्कृत के मोती निकाल कर हमारे सामने रखे हैं उसी प्रकार आप कृपया संस्कृत सुभाषित से भी हमे अवगत कराये। हम जानते हैं कि आप अपना अमूल्य सेवा विद्या देवी की सेवा में देते हैं, भांति भांति के दिव्य ग्रंथो से हमारा परिचय करवाते हैं और बाकी विषयो के लिए अधिक समय नहीं निकाल पाते होंगे। यदि आप संस्कृत सुभाषित के लिए समय निकाल कर इस विषय पर भी हमारा मार्गदर्शन करे तो बड़ी सहायता होगी। यह केवल एक भावपूर्ण निवेदन है। धन्यवाद।
Chanak jaise Hoshiar log the toh 1000 gulam kyo hua desh Tin villain hai Manu Chanakya Tulsi Brahmin wad ne desh k 85 % logon ko nA padne diya nA ladne diya Iskerke gulam hua desh or Aaj b kuch chahte hai
मन में इस प्रकार की भावनाएं रखकर ही लोग दुखी होते रहते हैं आप चाणक्य को कितना जानते हैं? कुछ भी नहीं ; फिर भी मन में द्वेष भर रखा है यही दुखी होने का कारण है। मेरी बात पर विचार कीजिएगा
@@Hariniwas सर मेरे कहने का मकसद है कि एक का गुण गान दूसरे को नीच सर ये गलत है जिस टाइम धनानंद था राजनीति टकस पडाई कारोबार दूर दूर तक था अच्छा था फिर भी चाणक्य अच्छा सर अच्छी तरह पडे फिर कमन्ट करे आप का स्वागत है सर मे पहले हिन्दू हु
उलझी से इस कथानक को समझना बहुत सरल हो पाया इसमे भी आपकी ही योग्यता है। इतने कठिन विषय को सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत करना एक योग्य शिक्षक का गुण है जो आपके अंदर विद्यमान है।
बहुत ही सुंदर तरीके से आपने व्यक्त किया और कथानक को सरल बना दिया।
उतार चडाव से होती इस कहानी को आपने बहुत ही सुगमता से व्यक्त किया
पूरा नाटक अच्छे से समझ में आ गया। धन्यवाद सर।
Nice explained kathnak....Thanks to you sharing vedio.....
Sir you are awesome, kindly keep this work going on. Thank you sooo much for your efforts
Bahut hi sundar tareeke se samjhaya sir apne bahut bahut Dhnavayaad 🙏
bahot hi short story banakar bahot bada kathanak bataya hai... thank you
Very very interesting .... bahut Sundar vivran.....devichandraguptam bhi sun na chahte Hain sir .
बहुत ही अच्छा पढ़ाया है आपने 🙏मैं civil services aspirant हूं ।Really very useful
Sir aap great ho charan sparsh aapko 🙏
Ek bar m hi pura natak smhj aa gya,,tysm sir
Wahh gajab andaj bolne ka aapka sir..
Bahut sunder
Hhut hi sunder
बहुत अच्छा
Incredible explanation sir... So so well explained 🙂..
🙏🙏 best explanation.
Chandraprakash Dwivedi's Chanakya TV serial was heavily inspired by Mudrarakshash of Vishakhdutta
Bahut hi sundar sr 🙏🙏🙏
प्ले लिस्ट में जाएं वहां आपको बहुत कुछ मिलेगा
Bahut bahut dhabyawaad ....🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Bahut sahyata mili sir ❤❤❤❤❤ dhanyawad sir🙏🙏
वीडियो की sound quality भी बहुत अच्छी है। और आपके व्यक्तवय तो है ही प्रसंसा के योग्य, माँ सरस्वती सदैव आप पर अपनी कृपा बनाए रखे।
धन्यवाद
चंद्र गुप्त मौर्य किस वर्ण का था।
गुरु जी
जाति कोई भी हो लेकिन जब उसको राजा बना दिया गया तो वर्ण से वह क्षत्रिय ही कहा जाएगा
@@Hariniwas तो फिर नंद वंश (महा पदमनंद) को शुद्र क्यू कहा गया
ओ भी तो सम्राट बन गए थे।
bahut achchhe se samjhaya sir thanks
बेहतरीन व्याख्या। 🙏🙏
Super explanation
प्रणाम गुरू जी
Vry nice n use full video sir
प्ले लिस् में जाइए यहां ऐसे हजारों वीडियो है आनंद लीजिए
बहुत ही सुन्दर
Techarship very good..
Nice
👌
nice bro
Bahut sundar
चन्द्र गुप्त मोर्या नंद का पुत्र था जिसको महापदमनंद कहते थे
Sir bahut achha explain.question -answer ki bhi video banao please ...
Very nice sir
नमस्ते आचार्य जी
Great 👍🙏🏻
Sir ji मैं यह नहीं समझ पाया कि मुद्राराक्षस नाम क्यों रखा मुद्रा नाम क्यों रखा गया इसकी कहानी क्या है
आप अगर वीडियो देखेंगे तो आपको मालूम पड़ जाएगा
Best explanation sir
Thank you sir prithvi raj raso par bhi video banaia
Thank you sir !!!
🎧👍 7 .
मुद्राराक्षस के अनुसार चंद्रगुप्त मौर्य महापदम नंद का पुत्र था. उसका वास्तविक नाम चंद्र नंद था. मोरासे उत्पन्न होने से वह मौर्य कहलाया.
🙏🙏
Sir , nanda bansam ka kanistha raja kon the.. .
Please sir give me the answer
Sir, What is the music at background? I loved it!
Great 😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🎊😊🆗😊🆗😊🆗🆗😊🆗🆗😊🆗😊🆗😃
साधुवाद
Nicely explained sir
क्या इस ग्रंथ में सम्राट अशोक के बारे में कोई चर्चा है?
Thank You sir...UPSC Sanskrit syllabus par bhi video banayei plz :)
प्ले लिस्ट चेक करें अधिकांश वीडियो उपलब्ध हैं
Sure sir . Thanks😊
Sir Darshan par bhi video bana dijiye
nice
सुन्दर..
🙏
Nipunak he ya shapanak
सर मुद्रा राक्षस नाटक तिलचट्टा की समीक्षा पर वीडियो बनाईए
आप कहां से हैं सर? आपका समझाने और पढ़ाने का तरीका अत्यंत सटीक, सरल और मनोरंजक भी है 🙂
Awesome
सर क्या ये पुरु (पोरस) की कहानी नही है ?
यह तो इतिहास वाले ही बता सकते हैं
बहूत्तमम्
Mai es book ko hindi me padhana chahta hu, main dudh rha hu par sanskrit me mil rhi hai...es book ko hindi me mai kaise padhu , kripya sujhao dijiye
डॉ. राकेश शास्त्री ji ki ap book le skte hai
Usmai sanskrit aur hindi dono hai
Sir, हमारा आपसे एक प्रश्न है कि वसंतोत्सव मे चाणक्य और चन्द्रगुप्त के बीच जो झगड़ा हो जाता है, क्या ये झगड़ा भी चाणक्य की योजना का एक अंग था?
बिल्कुल और चंद्रगुप्त को भी इस चीज का पूरी तरह से अनुमान नहीं था कि उसने अपने जिस श्रेष्ठ गुरु का अपमान किया है वह उनकी योजना का भाग है
चाणक्य जब आयोजन करते हैं तो उनका मानना है कि अगर एक व्यक्ति के आयोजन से काम चल जाता है तो दूसरे को भी पता नहीं चलना चाहिए आयोजक के रूप में अगर दो व्यक्तियों की जरूरत है तो तीसरे को पता नहीं चलना चाहिए
@@Hariniwas धन्यवाद sir, आप अपना अमूल्य समय निकाल कर हमारे प्रश्नों के उत्तर देकर हमारी सारी शंकाएं मिटाते है। आप जैसे बहुत ही कम ऐसे व्यक्तित्व है जो अपना अमूल्य समय दूसरों के लिए निकालते हैं। एक बार पुनः धन्यवाद।
Sir, यदि आप बुरा ना माने तो आप से एक निवेदन करना चाहूँगा कि जिस प्रकार आपने चाणक्य नीति, विदुर नीति, नीति शतक जैसे दिव्य संस्कृत के मोती निकाल कर हमारे सामने रखे हैं उसी प्रकार आप कृपया संस्कृत सुभाषित से भी हमे अवगत कराये। हम जानते हैं कि आप अपना अमूल्य सेवा विद्या देवी की सेवा में देते हैं, भांति भांति के दिव्य ग्रंथो से हमारा परिचय करवाते हैं और बाकी विषयो के लिए अधिक समय नहीं निकाल पाते होंगे। यदि आप संस्कृत सुभाषित के लिए समय निकाल कर इस विषय पर भी हमारा मार्गदर्शन करे तो बड़ी सहायता होगी। यह केवल एक भावपूर्ण निवेदन है। धन्यवाद।
श्रृंगार शतक के बाद नित्य प्रति एक सुभाषित प्रस्तुत कर सकूंगा
आप जैसों के अनुरोध हमारी प्रेरणा बनते हैं
@@Hariniwas धन्यवाद, डाक्टर साहब
Sir ek baat samajh me nahi aati ki chankya ko Samrat Asok se joda jata jabki unke kisi bhi oscription me inka naam nahi aata😊
एक ही नाम से प्रत्येक काल और समय में अनेक व्यक्ति होते हैं इसलिए इस प्रकार के उल्लेख मिल जाते हैं
🙏 Thank you so much guruji 🙏
सर्बार्थ सिद्धि कैन है
Sir audio quality acchi nahi hai.
Thank you srr🎉
Thanks sir
Chanak jaise Hoshiar log the toh
1000 gulam kyo hua desh
Tin villain hai
Manu
Chanakya
Tulsi
Brahmin wad ne desh k 85 % logon ko nA padne diya nA ladne diya
Iskerke gulam hua desh or Aaj b kuch chahte hai
Aapka bahut bahut dhanyavad guruji
काल्पनिक चाणक्य की आड़ में ये सब बुध्दि की चतुराई दिखाती है।
सादरमभिवादये
Sir Banbhat ka janmsthan kaha h please reply sir
बाणभट्ट की जीवन से संबंधित वीडियो देखें उनके पिता पितामह का उल्लेख मिलता है उसके अनुसार जाने
Thanks sir today is my exam so very thanks
Thanku sir
Guru ji pura mudrarakshas padha dijiye plz
यह अभी संभव नहीं है
Thank you so much sir...
Thank you sir
Sir Arthasastra ke video
Thnkuu so much sir
फिर भी आप चाणक्य को अच्छा कहते है आप ये कयो नही पडाते शुद्र को पडाई की इजाजत नही थी
मन में इस प्रकार की भावनाएं रखकर ही लोग दुखी होते रहते हैं आप चाणक्य को कितना जानते हैं? कुछ भी नहीं ; फिर भी मन में द्वेष भर रखा है यही दुखी होने का कारण है। मेरी बात पर विचार कीजिएगा
@@Hariniwas सर मेरे कहने का मकसद है कि एक का गुण गान दूसरे को नीच सर ये गलत है जिस टाइम धनानंद था राजनीति टकस पडाई कारोबार दूर दूर तक था अच्छा था फिर भी चाणक्य अच्छा सर अच्छी तरह पडे फिर कमन्ट करे आप का स्वागत है सर मे पहले हिन्दू हु
महपद्म्नन्द् के पुत्र हि चन्द्रगुप्त मौर्या थे
Amata ko raksha nahi mantri khata ha
Aaj exam hai 😓
🙏🙏