Order 39 cpc code of civil procedure 1908 temporary injunction and interlocutory order

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 8 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 30

  • @meenalgahlot590
    @meenalgahlot590 4 ปีที่แล้ว +2

    You are pro 👍🏻 you explained it very well

  • @adv.jitendradanarha2010
    @adv.jitendradanarha2010 5 ปีที่แล้ว +3

    Sir section ki main headline ko samajh kar aaje chale, thank you again

  • @MeraiRam
    @MeraiRam 2 ปีที่แล้ว +1

    Your explanation is too good

  • @mj.20001
    @mj.20001 2 ปีที่แล้ว

    Thank you❤❤ very useful

  • @deepshikhaverma2739
    @deepshikhaverma2739 5 ปีที่แล้ว +2

    Yes kindly lower down the speed. Otherwise the lecture was fine. Thanks

  • @aliahammedarafin1695
    @aliahammedarafin1695 4 ปีที่แล้ว +1

    Your statute translatation procedure is good for a law student

  • @sambhajipawar836
    @sambhajipawar836 4 ปีที่แล้ว +1

    मी मुळ मालका कडून 10/2/2004 रोजी कुलमुखत्यारपत्र व डेव्ह लपमेंट आग्रिमेंट करुन बिल्डिंग्ची परवानगी घेवुन बांधकाम चालू केले दोन मजल्याचे स्लाब झालेनंतर पैसे कमी पडल्यानंतर समोरिल व्यक्तीबरोबर दुय्यमनिबंधक रजिस्टर भागिदारी 2/9/2004 रोजी केली दस्त नं 4041/2009 त्यामध्ये मी नगरपालिका बांधकाम परवानगी घेणार व समोरील व्यक्तीचे नावे खरेदी करण्याचे ठरले होते परंतु समोरच्याने एकून मुळ तीन मालकापैकी दोघांचे 12/10/2004 रोजी खरेदी करताना कुलमुख्त्यारपत्र व डेव्हलपआग्रिमेंट रद्द केले त्याच दिवशी मुळ मालक यानी 100रु स्टाम्पवर सहमतीपत्र तहसीलदार समोर आपिड़ूट 12/10/2004 रोजी करुन दिले की बिल्डर व आमचे कुलमुख्त्यार व डेवलपमेंट अग्रिमेंट आहे त्याबदल आम्हास 1,75000 रु रोख मिळाले त्यानंतर दुसरे एका मालकाचे 20/10/2004 खरेदी करताना भागिदारीपत्र व कुलमुख्त्यारपत्र रद्द केले त्यानंतर माझ्यात व समोरच्यात वाद झालेमुळे समोरच्याने 30/10/2004 रोजी 100रु स्टाम्पवरती सहमतीपत्र लिहुन दिले की खरेदी करताना पवार यांना मी भुल थापा व फ़सवून सही घेतली आहे त्यांचे आसणारे सर्व निमा हिस्सा व आर्दे भाडे देणार आसे कबुल केले म्हणून त्यानंतरच मी सन 2005 ला जोत्यावरील परवानगी व ड्रेनेज परवानगी घेतल्या परंतु त्यानंतर मी बांधकाम आपुर्ण आसलेमुळे बिल्डिंग पुर्नत्वाची परवानगी घेतली नव्ह्वती तरी सुधा सुद्धा समोरच्याने माझ्या नावावरची जोत्यावरील परवानगी घेऊन घोषणापत्र केले आणि स्वतच्या नावावर नोंद केली त्याला मी पुणे येथे भुमिआभिलेख मद्धे आपिल केलेनंतर त्यानी आसा निकाल दिला की सदर बाब ही दिवानी स्वरापाची आसुन ही बाब आमचे आख्त्यारखाली येत नाही तरी दिवानी न्यायालयात जाऊन दाद मागा म्हणून मी दिवानी न्यायालयात मध्हे आलो तरी मला टेम्पोररी इंजेक्षण मिळेल का व न्याय मिळेल का तरी कृपया मला योग्य सल्ला दया मी आपले आभारी आहोत
    Pawar S K
    श्री स्वामी समर्थ

  • @SunilKumar-lu4gi
    @SunilKumar-lu4gi 4 ปีที่แล้ว +3

    Best explained@@@

  • @BDOBABBAR
    @BDOBABBAR 4 ปีที่แล้ว +2

    Geo sahab

  • @200vaibhav1
    @200vaibhav1 5 ปีที่แล้ว +6

    thank you brother, nice lecture but speed is too fast, you speak well, but if you little slow & elaborate a little further, it would be nice. Thank you

  • @payaljagdishlakhani2519
    @payaljagdishlakhani2519 ปีที่แล้ว

    best👍

  • @adv.kulwindersran5163
    @adv.kulwindersran5163 5 ปีที่แล้ว +2

    Thanks sirrr....sir order 9 or order 21 ka lecture find nhi ho rha...plzz send the links

  • @anantshivani999
    @anantshivani999 5 ปีที่แล้ว +2

    Well explained

  • @200vaibhav1
    @200vaibhav1 5 ปีที่แล้ว +2

    please upload order 40 & remaining parts of order 38

  • @deepanshukumar4784
    @deepanshukumar4784 3 ปีที่แล้ว

    Good

  • @rajeshbhati3319
    @rajeshbhati3319 5 ปีที่แล้ว +3

    Nice information but your speed is too much fast

  • @kapilkumarsingh8236
    @kapilkumarsingh8236 4 ปีที่แล้ว +1

    Sir ji🙏
    किसी सिविल केस में temporary injunction होने के वावजूद property को प्रतिवादी उपयोग ( जैस-property में आना जाना,अपना सामान रखना, रखी वस्तुओं को ईधर उधर करना) कर सकता हैं क्या

  • @geetanjalidas2673
    @geetanjalidas2673 3 ปีที่แล้ว

    Very much thank you....

  • @adv.jitendradanarha2010
    @adv.jitendradanarha2010 5 ปีที่แล้ว +2

    Sir please paryatak words ka matalb batate hue or example dete hue bar act ki bhasha ko aasan kare kyo ki jayada log hindi vale hai par hindi ke world bar act me samajh me nahi aate. Thnx for help

  • @abhay3667
    @abhay3667 3 ปีที่แล้ว

    Hello sir please suggest which book I buy related civil case civil procedure including section 39 and order 7

  • @sambhajipawar836
    @sambhajipawar836 4 ปีที่แล้ว +1

    मैंने भवन की अनुमति के साथ 10/2/2004 को मूल स्वामी से अटॉर्नी और डेव लैपमेंट समझौते की शक्ति के साथ निर्माण शुरू किया। अनुमति लेने और सामने वाले व्यक्ति के नाम खरीदने का फैसला किया गया था लेकिन मूल तीन मालिकों के सामने 12/10/2004 को दोनों को खरीदते समय, पावर ऑफ अटॉर्नी और डेवलपमेंट एग्रीमेंट रद्द कर दिया गया था। 20/10/2004 प्राप्त करने के बाद, दूसरे मालिक से खरीदते समय, साझेदारी पत्र और पावर ऑफ अटॉर्नी रद्द कर दी गई थी। दोनों पक्षों के बीच विवाद के कारण, 30/10/2004 को, 100 रुपये के स्टांप पर सहमति पत्र लिखा गया था, जिसमें कहा गया था कि मैंने गलती से और धोखे से हस्ताक्षर करते समय पवार को खरीद लिया था। अनुमति मिल गई थी लेकिन उसके बाद मुझे भवन के नवीनीकरण की अनुमति नहीं मिली क्योंकि निर्माण अधूरा था मेरे सामने वाले व्यक्ति ने जोता की अनुमति से मेरे नाम की घोषणा भी की और उसे अपने नाम से पंजीकृत करवाया। क्या मुझे अस्थायी इंजेक्शन मिलेगा और न्याय मिलेगा? कृपया मुझ पर दया, और मैं आपकी सलाह के लिए धन्यवाद फिर से
    पवार एस के
    श्री स्वामी समर्थ

    • @KushankMittal
      @KushankMittal  4 ปีที่แล้ว

      Sir message me on Instagram@kushankm

  • @rakeshgaikwad3244
    @rakeshgaikwad3244 4 ปีที่แล้ว +1

    Case law on status quo.

  • @falguniroy3075
    @falguniroy3075 4 ปีที่แล้ว +2

    😘😘

  • @simrankeshri6783
    @simrankeshri6783 3 ปีที่แล้ว

    Sir, You speak so fast, please try to explain in such a manner that student get satisfied completely from your reaching style.... Bare act reading is ok but not so fast.. I'm unable to understand rule 9 and 10. Sorry to say this.... Thankyou

  • @javedshaikh7635
    @javedshaikh7635 4 ปีที่แล้ว +1

    Bhai hindi bolo

  • @Advocate92
    @Advocate92 ปีที่แล้ว

    Can't understand anything
    Worst teaching 😢