कबीर जी गोरख नाथ जी से प्रभावित थे कबीर ने गोरख नाथ जी की वाणियो को माध्यम बनाकर उनको नया रूप देने का काम किया है आज जो भी कबीर वाणी भजन हे सब गोरख वाणियो का ही नया रूप है गोरख नाथ जी की वाणियो को हर कोई समझ नही सकता गोरखवानी उल्टी वाणी हे इन वाणियो को कबीर जेसे महान संत ही नया रूप दे सकते हे कबीर ने गोरख नाथ जी की साधना को माध्यम बनाया
@@sachkitahनहीं कबीर जी गोरख नाथ जी के बाद हुए कबीर जी ने नाथ योग की नादानुस्धान विधि का को अपनाया था जो योगियों की पहली सीढ़ी होती है। गोरख नाथ जी कबीर जी से पहले हुए सरकारी बुक अनुसार
@@sachkitah गोरख जी लयाया रे संता री अमरबेल यानी गोरख नाथ जी ने ही संत परंपरा को चालू किया था लोकदेवता रामदेव जी पाबूजी हडबुजी जशनाथ जी गोगा जी संत ज्ञानेश्वर भरथरीजी रूपनाथ जी कबीर जी आदि संत और लोकदेवता गोरख नाथ जी की ही देन है
Kabira Swami koi nahi Swami sirjanhar Swami Bankar Jo phire ghani padegi mar mar Bhai kabir ajanma hai or ajanma hi rahega kabir ke Age gorakhnath ki koi haisiyat nahi hai
@@Satya-sangam-arvindpalतू साबित कर सकता है, कि कबीर दास जी अजन्मे और अविनाशी है, ?? और गोरक्ष नाथ की कबीर दास के आगे कोई हैसियत नहीं थी, इसका तेरा पास क्या प्रमाण है,??
भैय्या आपका ज्ञान भी दुरूस्त करे राजा भर्तृहरि के गुरु कोन थे महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी राजा भर्तृहरि राजा विक्रमादित्य के बड़े भाई थे विक्रम संवत विक्रमादित्य से चालू हुई है फिर क्या भर्तृहरि को दीक्षा देने कोई भुत प्रेत आये थे क्या ,ओर रही बात राजा विक्रमादित्य प्रथम सत्ताब्दि के राजा हुए हैं आप शास्त्र उठाकर ज्ञान को दुरूस्त करे, महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी अयोनिज योगी हे चारों ही युगों में विघमान रहते हैं, उनकी आज तक कोई भी जन्म मृत्यु को नहीं खोज पाए अनेक संम्प्रदायो ने झुठी कहानियां बनाकर उनको साथ जोड़ा गया है ध्यान रहे गोरक्षनाथ जी महाराज अयोनिज है जन्म मरण से परे है,उनको सत्ताब्दियो में बांधना मुर्खता के अलावा कुछ भी नहीं है। शिव ही गोरक्ष हे,गोरक्ष ही शिव है।।
भैय्या 121देश के इतिहासकार लेखक इस विषय पर खोज कर कर के मर चुके हैं आज तक गोरक्षनाथ जी के माता पिता जन्म मरण की तारीख नहीं खोज पाए हैं। शिव ही गोरक्ष हे, गोरक्ष ही शिव है
@@sachkitah सभी युगों में विघमान अयोनिज महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज भक्तों के भाव के अनुसार अनन्त युगों में प्रकट हुए हैं और आगे भी होते रहेंगे जब जब होत धर्म की हानी तब अवतार लेते ब्रह्म ज्ञानी वैसे तो गोरख नाथ नाम के बहुत हुए हैं आज भी कई गोरख नाथ नाम के मिल जाएगे आप को नाथ सम्प्रदाय के इष्ट जो हूं वह अलग है ईडं नहीं था पिंड नहीं था धरा गगन कोई बीज नहीं था नाथ वाणी कोई बिरला जाणी गोरख रमे तहां पवन न पाणी।। यह बेस बाजी का विषय नहीं है,
गुरु गोरखनाथ जी महाराज और संत कबीर दास जी दोनों ही परमात्मा को मानने वाले थे लेकिन रामपाल जैसे चेले जिस गुरु के होंगे वो ना तो अपने गुरु को सम्मानित रहने देते हैं और ना ही किसी दूसरे गुरु की गरिमा को बनाए रखने में सहायक होते हैं कोई गुरु नहीं सिखाता दूसरे पंथ की निन्दा करो
गोरखनाथ को भी दीक्षा कबीर ने दी थी। सच है संत रामपाल जी को उनके चेलों ने जेल में डलवाया और उनके नाम से बहुत आश्रम बनाकर पैसे लूट रहे हैं भक्तों को गुमराह करके।
@@madansinghhansrajpunjabipunjabगुरु गोरखनाथ जी शिव अवतारी है उन्हें कोई क्या ज्ञान देगा कबीर जी महान संत थे उनकी महानता पर कोई शक नहीं लेकिन गुरू गोरखनाथ जी को लेकर उटपटांग बातें करना ठीक नहीं
जो बूझे सोई बावरा, क्या है उम्र हमारी। असंख युग प्रलय गई, तब का ब्रह्मचारी।।टेक।। कोटि निरंजन हो गए, परलोक सिधारी। हम तो सदा महबूब हैं, स्वयं ब्रह्मचारी।। अरबों तो ब्रह्मा गए, उनन्चास कोटि कन्हैया। सात कोटि शम्भू गए, मोर एक नहीं पलैया।। कोटिन नारद हो गए, मुहम्मद से चारी। देवतन की गिनती नहीं है, क्या सृष्टि विचारी।। नहीं बुढ़ा नहीं बालक, नाहीं कोई भाट भिखारी। कहैं कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी।।
गुरु गोरखनाथ जी और कबीर जी की ज्ञान चर्चा हुई है कबीर सागर संत गरीब दास जी महाराज के ग्रंथ साहिब में वर्णित है अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी यूट्यूब वीडियो प्रमाण सहित देखें
गोरखनाथ वाली आत्मा सिद्धि भक्तियुक्त थी गोरखनाथ चारों युगों मे आये थे एक समय नाथ पंथ के घटते प्रभाव के देखकर गोरखनाथ धरती पर प्रकट हो गये जैसे सुखदेव ऋषि राजा परीक्षित को कथा सुनाने स्वर्ग से आये थे तो गोरखनाथ जैसा सिद्ध क्यों नही आ सकता गोरख नाथ तथा कबीर जी की ज्ञान चर्चा नाथ साहित्य तथा कबीर सागर दोनों मे वर्णित है आजकल के तथाकथित नाथों को इतना भी विश्वास नही कि धरती को कोख से प्रकट होने वाला गोरख नाथ शरीर त्यागने के बाद भी प्रकट हो सकता है तो क्यों डले ढो रहे है
Hlo bai kuch soch smaj ke sath bolna chahiye hmare kabir sahib ji ke bare me bura nhi bol skte app kabir sahib ko pura world manta hai kabir sahib ji ka asthan pehle hai pure World me sat sahib ji Jammu se 🥰🙏🙏🙏hum rampal ke chale nhi kabir sahib ji ke hai 🙏
कहा गोरख और कहा कबीर गोरकानाथ वो है जो मुर्दे मे प्राण डाल दे किसी की तुलना गोरख से ना करो गोरख एक हिरा है जबकि कबीर महावीर का छोटा सा अंश प्रतीत होते है
Goshti he banai kisane itna puratan pandulipi Kho nhi sabut nhi abhi dharm shastr dudh ne pani milane jesa he koi sar nhi jisne jesa smja likh diya aur bhakti ko bhagwan bana diya khud ko bhul gya Alakh
आपको पता है कि संत गरीब दास जी महाराज ने दो बार शरीर त्यागा था कबीर परमेश्वर जी सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग में हजारों बार पृथ्वी पर आए हैं रुप बदल कर और वैसे गोरखनाथ जी और कबीर जी की ज्ञान चर्चा के कई सबूत हैं
जब कबीर साहिब जी कि उनसे वार्ता हुई थी उससे पहले गोरखनाथ जी पित्तर लोक में थे धरती पर नहीं थे,, वैष्णव साधुओं को ज्ञान गोष्टी में हराने के लिए गोरखनाथ जी पितर लोग से धरती पर आए और कबीर साहिब जी से ज्ञान गोष्टी की, क्योंकि कबीर जी वैष्णव संत रामानंद जी के शिष्य थे,, सत्यकथा को जानने के लिए कृपया संत रामपाल जी के सत्संग सुने,, सत साहेब
Bas Ye aise hi Chutya Banate hai, inke kai chelo ko janata hu jo bahar to baate karate hain leki inake ghar me Non veg Khate hai, Rampal Pakhandi Tha hai , tabhi jel main hai , agar bhagwan ka awatar hota to ab tak bahar hota
आज के बहुत से कबीर पन्धी आत्म सम्मोहन में भटके हुये हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक विषय है और आत्म सम्मोहित लोग अपनी ही हांकते फिरते हैं। आज बहुत से कबीर पन्धी उटपटांग बकते फिर रहे हैं! वाराणसी में कबीर का कमल के पते पर जन्म लेना एक भटकन है,
तत्वदर्शी संत को ही गुरु बनाना चाहिए ,,, और आज इस पूरी पृथ्वी में ही नहीं बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड में एकमात्र संत रामपाल जी महाराज जी तत्वदर्शी संत है । बंदी छोड़ सतगुरु देव संत रामपाल जी महाराज की जय । 🙏🙏
गोरख नानक दत कबीरा इन चारों का एक शरीरा आज भी कबीर और गोरख आपस मै बात करते है न तो लोगों को कबीर का ज्ञान और न ही गोरख का ज्ञान सब भ्रर्म के सिवाय कुछ नही जिसको ज्ञान है उसने सब पता है कोन क्या है आज जितने यूट्यूब पर संत प्रवचन कर रहे है वे सब अपने आपको प्रमात्मा समझते है पता नही कहां जाएगें ये और इनके साथ लगने वाले गलत लिखा है तो क्षमा चाहूंगा सबसे 🌹🌹🙏🏻🙏🏻
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान हैं , "हम ही अलख अल्ला, कुतब गौंस और पीर , गरीब दास खालिक धनी हमरा नाम कबीर " "पानी से पैदा नहीं, सु आसा नहीं सरीर ,अन्न आहार कर्ता नहीं ताका नाम कबीर " "हाड चाम लहू नहीं मेरे , ना मेरे धर दासी , सतिपुरष साहिब हूं , मैं कबीर अविनाशी " कबीर सागर पडो भा ई पहले , अधूरा ग्यान है तुमहारा
वर्तमान में पूरे विश्व में केवल एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं। जिन्होंने सभी धर्म ग्रंथों को खोलकर यह प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं।
इस पर गोरखनाथ जी ने कहा, "हे बालक कबीर जी, आप कब से योगी हो गए? कल ही जन्मे अर्थात् छोटे बच्चे और मुझसे (गोरखनाथ से) चर्चा करना चाहते हो! आपकी आयु क्या है? और आप वैरागी कब हुए?" कबीर जी कब वैरागी बने, कब वैरागी बने? नाथ जी, जब से मैं वैरागी हुआ हूँ, मुझे आदि और अंत याद आ गया है। मेले को धुन्धुकार आदि कोई गुरु शिष्य नहीं। जब हम योग का व्रत करते हैं तो हम फिर अकेले हो जाते हैं। धरती जद की टोपी नहीं, ब्रह्मा जद का टीका नहीं। शिव शंकर से योगी, ना द जडका झोली शिखा। हम द्वापर फावड़ा चलाते हैं, हम त्रोता चिपकाते हैं। सतयुग मेरी फिरि दुहाई, कलियुग फिरो नो खंडा। गुरु के वचन, संत की संगति, मिल गया अमर घर। कबीर कहते हैं सुनो गोरख, मैंने सबको तत्व बता दिया है।
भा ई साब गोरखनाथ जी पितरलोक से आऐ थे और गोरख जी अपनी मरजी से अपनी उमर लंबी कर लेते थे , उन दोनो की चरचा हु ई थी , जैसे कि नानक साहिब जब लंका ग ऐ थे तो हनुमान से मिले थे ,, हनुमान राम के समय भी और भीम से मिले थे और नानक साहिब से भी मिले थे , तो भा ई साब गोरखनाथ पितरलोक से आकर कबीर साहिब को मिले थे तब कबीर साहिब बच्चे की उमर के थे
,,, गोरखनाथ जी ने जब देखा कि वेषों पंथ का प्रचार रामानंद जी के द्वारा किया जा रहा है तब गोरखनाथ जी पित्र लोक से आए। और। कबीर साहेब जी से ज्ञान चर्चा किए
गोरखनाथ जी एक सिद्ध थे जब उन्हें तुम्हें लगा कि नाथ परंपरा कम होती जा रही है इसीलिए वह मृत्यु लोक यानी कि पृथ्वी परआए थे और स्वामी रामदेव जी महाराज वैष्णव में काफी प्रसिद्ध थे इसीलिए उन्होंने उनके साथ ज्ञान गोष्टी करना चाहती थी और यह शर्त रखी थी कि जो ज्ञान गोष्टी में हारेगा वह जीतने वाले का शिष्य बनेगा आम लोग सीढ़ियां से जल्दी प्रसन्न होते है। इसीलिए रामानंद जी को चिंता हुई फिर कबीर साहब ने उन्हें हौसला दिया और उनके साथ ज्ञान चर्चा मेंगए और गोरखनाथ जी से कहा कि आप पहले मेरे से ज्ञान गोष्टी करो फिर मेरे गुरुदेवसे करना और इस ज्ञान गोष्टी में गोरखनाथ जी हार गए थे। फिर वह कबीर साहेब केशिष्य बने थे ।
उस समय साहेब कबीर ने श्री रामानन्द जी जैसा वेश वैष्णो संतों जैसा धारण किया हुआ था। जैसे माथे पर चंदन का टीका, टोपी, थैला, सिक्का, फावड़ी (भजन करने के लिए अंग्रेजी के टी अक्षर जैसा डंडा) तथा साथ में डंडा (लकड़ी का डंडा) भी धारण किए हुए थे। उपरोक्त भजन में साहेब कबीर कहते हैं कि जब सृष्टि नहीं थी (काल की रचना) तब अनामी रूप में थे तथा अन्य कोई नहीं था। क्योंकि साहेब कबीर ने ही अपने वचन से सतलोक की रचना की थी तथा फिर सतपुरुष ने तप करके ज्योति निरंजन (ब्रह्म) द्वारा राज्य मांगने पर काल (ज्योति निरंजन/ब्रह्म) की भी रचना की। तब से साधना कर रहा हूँ। जब मैं अकेला रहता था, जब पृथ्वी भी नहीं थी, तब से मेरी टोपी विद्यमान जान। गोरख नाथ तथा उनके गुरु मच्छन्दर नाथ आदि तथा सर्व प्राणियों के शरीर बनाने वाले ब्रह्म का तो जन्म भी नहीं हुआ था। तब से यह चिन्ह मेरे माथे पर है अर्थात् तब से मैं (कबीर) सतपुरुष रूप में हूँ। सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, तथा कलियुग - ये चारों युग मेरे सामने से अनंत बीत चुके हैं। कबीर साहेब कहते हैं कि सतगुरू के वचनों पर चलकर मैंने अविनाशी धाम (सतलोक) को प्राप्त किया है। इसलिए मैंने सभी प्राणियों को तत्व (सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान) समझाया है कि पूर्ण गुरू से उपदेश लेकर जीवन भर उनके वचनों पर चलकर तथा पूर्ण परमात्मा का ध्यान व स्मरण करके उस अविनाशी सतलोक में जाकर जन्म-मरण के कष्टदायक संकट से बचा जा सकता है। यह सुनकर गोरखनाथ जी पूछते हैं, “आपकी आयु इतनी लंबी है, फिर भी आप बच्चे जैसे दिखते हैं।
यह सब कबीर अनुयायियों का पांखड है जो अपने आप मे महान बनने मै लगे है लेकिन वैश्या कभी सती नही होती है, गुरु गोरक्षनाथ जी व कबीर का मिलन भी नहीं हुआ गुरु गोरक्षनाथ जी तो आद अनादि योगी है,कबीर को तो छ सो वर्ष भी हुए हैं
Yahi sakht hai Guru Gorakhnath ji MHA Yogeshwar the dwapar mein bhi the yah sab logon ne apna Dharm badhane ke liye charchaen banaa Di Hain Jay Shiv Gorakhnath Jay
साहिब बंदगी सतनाम जय नितिन साहेब बिल्कुल सही कहा साहब आपने हाजी मलंग में मुंबई में इसीलिए मैंने यह ऑडियो बनाया था इसीलिए मैंने आध्यात्मिक के साथ जुड़ा हैगोरखनाथ और कबीर साहेब के बीच में 300 साल का अंतर है आपने बिल्कुल सही बोला इसका आध्यात्मिक अर्थ इसीलिए मैंने किया कोटि-कोटि नमन है आपको जो आपने मेरी बात को समर्थन दिया साहिब बंदगी सतनाम साहिब जी
300नही 1400बोल सकते हो विक्रम संवत प्रथम सत्ताब्दि विक्रमादित्य के राज में चालु किया गया है भर्तृहरि के छोटे भाई थे राजा विक्रमादित्य, भर्तृहरि व विक्रमादित्य के गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज ही हे,ओर कोई नहीं
आप बिल्कुल सही कह रहे हैं इनकी आपस में ज्ञान चर्चा नहींहुई है। पार्क कबीरपंथी इनको नहींमानेंगे उसके लिए एक उदाहरण है कबीर ने भगवान चोला पावड़ी चिमटा आदि लिए थे इसका मतलब यह हुआ कि गुरु गोरखनाथ ने कबीर को ज्ञान में हरा दिया था और अपना शिष्य बना लिया था यह बात प्रूफ है कि कवि ने योगियों जैसा देश क्यों बनाया था वह गुरु गोरखनाथ से हार गए थे
मरो है जोगी मरो मरण है रस मीठा इस मरनी मरण मरो जिस मरनी गोरख रस ये मीठा, जो भीतर मरता है वही उसी का कमल खिलता है बार तो बेहोसी मे हर कोई किसी को ढूढ़ने और ख़ुश करने के लिये निकलता है
भाई जी!आप की जो कथा है वह एक कल्पना पर ज्यादा आधारित है क्योंकि जो भी गोरख नाथ की गद्दी पर बैठता था उनको गोरख नाथ कहा जाता था।जैसे अभी भी यू पी के मुख्य मंत्री का वास्तविक नाम कुछ और है लेकिन उनको योगी करके जाना जाता है जैसे गुरु ग्रंथ साहिब में जितने भी गुरु की वाणी है सबके साथ कहो नानक ,कहि नानक करके सम्बोधित किया गया है ।धन्यवाद
आप झूठ बोल रहे हो. कबीर जी और गोरखनाथ का ज्ञान गोष्ठी हुआ है। आपको ये बात पता नही है, तो आप महा मूर्ख हो। अहंकार छोड़ कर, विनम्रता पूर्वक शांत मन से जानकर लो। ये सभी वाणी में लिखित है।
Kyon ki jis paise ka प्रयोग भगत नशे के लिए करते थे, वो पैसे अब रामपाल की घुलक में डाल देते हैं। तो नशा कहां से करें ये । और उसी पैसे से रामपाल अरबपति हो रहा है । सच है ना
गोरख को कोई नहीँ तोड़ सकता भेड़े एक के बाद एक कुवे मे गिर जाती है गोरख नहीँ गिरता है गोरख वो है जो tumhe सीधे चेतना की सीकरता पर लेके जा सकता है जबकि ना कबीर ऐसा कर सकता ना कोई और. जिसे तुम अहम् कहते हो वो केवल मन का भाव है तुम्हे लगता पास वाली भिड़ जिससे प्रसन्न हो जाये वो अहम् नहीँ तो वो जो भीतर बेटा है उसे पता है तुम्हारा रंगमंच ही अहम् से चलता है और किसी से नहीँ
गुरु गोरखनाथ और परमेश्वर के बीच गोष्ठी हुई थी यह सत्य है क्योंकि यह लिखित है। कबीर साहेब जी कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है वे परमात्मा हैं कबीर साहेब जी कहीं भी किसी समय प्रकट हो सकते हैं रही बात गुरु गोरखनाथ की तो वे बहुत ही उच्च स्तर के सिद्ध पुरुष थे। जब कोई सिद्ध पुरुष पृथ्वी से जा चुके होते हैं तो ऐसा नहीं की वे फिर पृथ्वी पर नहीं आ सकते। उनका आना जाना लंबे समय तक होता है। गोरख नाथ जी नाथ संप्रदाय के पतन को रोकने के लिए कबीर साहेब जी से ज्ञान चर्चा हुई थी जिसमे वे हार गए थे।
Sach ki Tah वाले भाई साहब, आपकी ज्ञानचक्षु खुला नहीं है । इसलिए संत रामपाल जी द्वारा सत ज्ञान को समझ नहीं सकते । उनका ज्ञान आपके हृदय मे जाकर सीधा लग रहा है इसलिए भी आपको उनसे जलन पैदा हो रही है। लेकिन उनका ज्ञान व कही बातें 100% सच है। आपको यदि परमात्मा पाना है तो वे स्वयं धरती पर मौजूद है । उनसे मिलकर बातें करके अपनी शंका का समाधान पा सकते हो लेकिन आपको परमात्मा से कोई लेना देना नहीं है केवल जनता को भड़काने का ठेकेदार बन रहे हो ।
@@sachkitah आप की बुद्धि कहा है गुरु नानक को बेई नदी पर गरीब दास को छुड़ानी में धर्मदास को बंदवगड में घीसादास को मिले दादूदास को रविदास को मीराबाई को मिले वेदों में उसका नाम कविर्देव है
Kis granth mein likha hai....... Kya pransangli jo guru nanak ji ka granth hai usme likha hai, kya sakhi balewali mein likha hai...... Bs lgta hai rampal ki gpod ganga aur Sagar mein hoga
@naveenkhatkar4875 🤗🤗🤗 अरे भाई,,, कवि एक हिंदी शब्द है और कबीर एक अरबी का ,,,, तो वेदों में कवि का मतलब कबीर नहीं है, कवि ऋषि की उपाधि होती है जब वह जब वह अपने शब्दों को कविता में डालता है
@@sachkitahसंस्कृत मे कविरदेव शब्द है लेकिन उसका अर्थ आहे.... सर्वव्यापक परमात्मा.... इन कबीर पंथी लोगो ने संत कबीर जी से नाम जोड दिया 😂🤣😂..... बहुत हसी आती है ऐसे अनपढ लोगो कि बातो पर...... वो लोग तो भगवान शिव को भी कम समझने लगे है..... अरे भाई हद हो गयी...... भगवान श्री कृष्ण और राम को भी कबीर जी से कम समझने लगे है..... भाई ये लोग जान बुझकर हमारे सनातन धर्म को बदनाम कर रहे है.......
गुरु गोरखनाथ तो राम रामेश्वरम में पुल बना रहे थे जब भी मौजूद थे और उन्होंने प्रिया राज्य में हनुमान जी को बंदी बनाया था यह बात कहां तक सही है इस पर अलग वीडियो बानाओ
संत कबीर ओर गुरु गोरख नाथ जी की चर्चा कब kha हुई कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता चर्चा का विषय क्या हे उसका जानना ज़रूरी हे नाथों में योग ही सर्वोपरी हे सन्त कबीर सहज सुमिरन सर्वोपरी हे योग से त्रिकुटी तक पहुँचा जा सकता हे सुमिरन से सुरता तक
@@sachkitah किस कारण से जेल में हैं और कब बाहर आयेगे अपना कार्य करने गये है जब कार्य समाप्त होगा अपने आप सारी दुनिया को बताकर आयेंगे तुम्हारे जैसे हाथ मलते रह जायेंगे।
भाई साहेब ये 100%सत्य है कि गोरखनाथ और कबीर साहेब जी की ज्ञान चर्चा हुई थी यह कबीर सागर में प्रमाण है और कबीर सागर कोई झूठा नहीं है मान बड़ाई के कारण सत्य से मुंह ना मोड़ो सत्य सत्य ही होता है कड़वा होता है लेकिन सच्चा होता है
Gorkh naath ji sidh jogi c jo apni umer nu sidhi naal rok sakde c itehaas gwaah sidh jo kai staabdia tak apni umer rok k rakh sakde c dhyaan Smadhi naal
Gorakhnath ke samay pr Hanuman ji bhi kaha se aa gaye kyunki kahani me dekhne ko milta hai ki Gorakhnath Hanuman ji ko bhi pajit kr diye thhe jaha hnuman ji pehra diya krte thhe akash me to ye bhakti marg hai yaha kuchh bhi kissi bhi samay ho sakta hai
Kya gorakh nath guru nanak sant kabir guru ravidash ek hi samay me huye he or kya ye sab aapas me kbhi mile he ek dusre se koi gyan charcha huye he inke bich
तो आप जो कह रहे हैं वह कैसे सच हो सकता है कोई सबूत है लेकिन कबीर जी के साथ गोरखनाथ को ज्ञान चर्चा हुआ था यह सच है क्योंकि कबीर सागर में यह बात लिखा हुआ है जैसे पांडवों का पुत्र राजा परीक्षित का आकाश वाणी हुआ था कि तुम आठवें दिन एक सर्प को काटने से तुम्हें मृत्यु हो जाएगा तो इस लोक का सब मोह माया छोड़ कर के परमात्मा में ध्यान चित् बैठने के लिए अपने गुरुजी को बुलाए और भागवत कथा सुनाने के लिए आग्रह किया तो उस समय कोई ब्राह्मण भागवत कथा सुनने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ।। तो स्वर्ग लोक से सुखदेव जी आए थे और श्रीमद् भागवत कथा सुनाएं थे ठीक इसी प्रकार गोरखनाथ जी नाथ परंपरा को डूबते हुए सहन नहींकर पाए और रामानंद जी ज्ञान चर्चा में हारने के लिए स्वर्ग से आ गए उस समय कबीर परमात्मा रामानंद जी को शिष्य बनकर अपनी भूमिका निभा रहे थे।।।।।। सर जी अब आप ये नहीं बोलना कि यह सब झूठ है और एक बात और संत रामपाल जी महाराज के मुख्य मंडल से निकली हुई वाणी 100% सत्य है जय हो बंदी छोड़ की
अरबों तो ब्रह्मा गए, 49 कोटि कन्हैया। सात कोटि शंभु गए, मोर एक नहीं पलैया। कबीर साहिब कहते हैं कि करोड़ों ब्रह्मा मर गए और 49 करोड़ कृष्ण मर गए। सात करोड़ शंभु (शिव) गुजर गए, लेकिन मेरा एक क्षण भी नहीं बीता यहाँ देखें अविनाशी पुरुष कौन है? जब 343 करोड़ त्रिलोकिये ब्रह्मा मरेंगे, 49 करोड़ त्रिलोकिये विष्णु मरेंगे तथा 7 करोड़ त्रिलोकिये शिव मरेंगे तब एक ज्योति निरंजन (काल-ब्रह्म) मरेगा, जिसे गीता जी अध्याय 15 श्लोक 16 में क्षर प्रभु कहा है तथा इसी श्लोक में जिसे अक्षर अविनाशी कहा है, वह परब्रह्म है, जिसे अक्षर पुरुष भी कहते हैं। अक्षर पुरुष अर्थात् परब्रह्म का भी विनाश हो जाता है। इस काल के भी करोड़ों समाप्त हो जाएंगे। फिर सर्व अण्ड-ब्रह्माण्ड का विनाश हो जाएगा। केवल सतलोक ही शेष रहेगा। फिर अचिन्त सतगुरु की आज्ञा से सृष्टि रचना करेगा। फिर इस क्षर पुरुष तथा अक्षर पुरुष की प्रकृति पुनः प्रारम्भ होगी। फिर गीता जी अध्याय 15 श्लोक 17 में क्या कहा है कि वह पूर्ण पुरुष (पूर्ण परमात्मा) तो कोई और ही है जो अविनाशी परमात्मा के नाम से जाना जाता है। वह पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर सतपुरुष स्वयं कबीर साहेब ही हैं। केवल सतपुरुष ही अविनाशी-अमर परमात्मा है तथा केवल उसका सतलोक (सतधाम) ही अविनाशी है, जो अविनाशी धाम भी है। वहाँ की भक्ति करने से भक्त आत्मा पूर्ण मुक्त हो जाती है, फिर कभी मरती नहीं। कबीर साहेब ने कहा कि यह सोहम शब्द के जाप से प्राप्त होता है जो परम रहस्य के ज्ञाता गुरु से प्राप्त होता है, फिर सारनाम प्राप्त होता है। तब मनुष्य सतलोक में निवास कर सकता है तथा सतपुरुष को प्राप्त कर सकता है। नारद तथा मुहम्मद जैसे करोड़ों पुण्यात्मा भी आए (जन्म लिए) तथा गए (मर गए), देवताओं की तो कोई गिनती ही नहीं है। फिर साधारण मनुष्य तथा अन्य योनियों का क्या हिसाब लगाया जा सकता है? मैं (कबीर साहेब) न तो बूढ़ा हूँ, न ही बच्चा; मैं तो युवा रूप में रहता हूँ, जो ईश्वरीय शक्ति का प्रतीक है। यह मैं लीलामय शरीर में आपके सामने प्रकट हुआ हूँ। कबीर साहेब कहते हैं, "मेरी बात सुनो गोरख जी; यह मेरी आयु है जो मैंने आपको ऊपर बताई है।
भाई साहब कबीर जी ने अपनी वाणी में जो लिखा है कि जब वैष्णव परंपरा का प्रचार हो रहा था और नाथ नाथ परंपरा का प्रचार कम हो रहा था तो गोरखनाथ जी को पितृलोक से दोबारा धरती पर भेजा गया था जब रामानंद जी आए हुए थे उसे दौरान कबीर साहब और गोरखनाथ की ज्ञान गोष्टी हुई थी अब ऐसे तो गोरखनाथ की जीवनी में यह भी लिखा हुआ है कि गोरखनाथ जी ने हनुमान जी को एक राजा की नगरी में प्रवेश करने नहीं दिया था तो मुझे यह बताएं कि हनुमान जी कहां से आ गए यह आध्यात्मिक पावर होती है ।
कबीर जी गोरख नाथ जी से प्रभावित थे
कबीर ने गोरख नाथ जी की वाणियो को माध्यम बनाकर उनको नया रूप देने का काम किया है आज जो भी कबीर वाणी भजन हे सब गोरख वाणियो का ही नया रूप है
गोरख नाथ जी की वाणियो को हर कोई समझ नही सकता गोरखवानी उल्टी वाणी हे
इन वाणियो को कबीर जेसे महान संत ही नया रूप दे सकते हे
कबीर ने गोरख नाथ जी की साधना को माध्यम बनाया
Kya gorakh nath tab the jab Kabir tha
@@sachkitahनहीं
कबीर जी गोरख नाथ जी के बाद हुए कबीर जी ने नाथ योग की नादानुस्धान विधि का
को अपनाया था जो योगियों की पहली सीढ़ी होती है।
गोरख नाथ जी कबीर जी से पहले हुए
सरकारी बुक अनुसार
@@sachkitah गोरख जी लयाया रे संता री अमरबेल यानी गोरख नाथ जी ने ही संत परंपरा को चालू किया था लोकदेवता रामदेव जी पाबूजी हडबुजी
जशनाथ जी गोगा जी संत ज्ञानेश्वर भरथरीजी रूपनाथ जी कबीर जी आदि संत और लोकदेवता गोरख नाथ जी की ही देन है
Kabira Swami koi nahi Swami sirjanhar Swami Bankar Jo phire ghani padegi mar mar
Bhai kabir ajanma hai or ajanma hi rahega kabir ke
Age gorakhnath ki koi haisiyat nahi hai
@@Satya-sangam-arvindpalतू साबित कर सकता है, कि कबीर दास जी अजन्मे और अविनाशी है, ?? और गोरक्ष नाथ की कबीर दास के आगे कोई हैसियत नहीं थी, इसका तेरा पास क्या प्रमाण है,??
भैय्या आपका ज्ञान भी दुरूस्त करे राजा भर्तृहरि के गुरु कोन थे महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी राजा भर्तृहरि राजा विक्रमादित्य के बड़े भाई थे विक्रम संवत विक्रमादित्य से चालू हुई है फिर क्या भर्तृहरि को दीक्षा देने कोई भुत प्रेत आये थे क्या ,ओर रही बात राजा विक्रमादित्य प्रथम सत्ताब्दि के राजा हुए हैं आप शास्त्र उठाकर ज्ञान को दुरूस्त करे, महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी अयोनिज योगी हे चारों ही युगों में विघमान रहते हैं, उनकी आज तक कोई भी जन्म मृत्यु को नहीं खोज पाए अनेक संम्प्रदायो ने झुठी कहानियां बनाकर उनको साथ जोड़ा गया है ध्यान रहे गोरक्षनाथ जी महाराज अयोनिज है जन्म मरण से परे है,उनको सत्ताब्दियो में बांधना मुर्खता के अलावा कुछ भी नहीं है।
शिव ही गोरक्ष हे,गोरक्ष ही शिव है।।
हमने ये कहा है कि कबीर और नानक के समय गोरखनाथ नहीं था ।
अगर था तो जन्म और मरण का तारीख क्या थी ?
भैय्या 121देश के इतिहासकार लेखक इस विषय पर खोज कर कर के मर चुके हैं आज तक गोरक्षनाथ जी के माता पिता जन्म मरण की तारीख नहीं खोज पाए हैं।
शिव ही गोरक्ष हे,
गोरक्ष ही शिव है
@@sachkitah सभी युगों में विघमान अयोनिज महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज भक्तों के भाव के अनुसार अनन्त युगों में प्रकट हुए हैं और आगे भी होते रहेंगे जब जब होत धर्म की हानी तब अवतार लेते ब्रह्म ज्ञानी वैसे तो गोरख नाथ नाम के बहुत हुए हैं आज भी कई गोरख नाथ नाम के मिल जाएगे आप को
नाथ सम्प्रदाय के इष्ट जो हूं वह अलग है
ईडं नहीं था
पिंड नहीं था
धरा गगन कोई बीज नहीं था
नाथ वाणी कोई बिरला जाणी
गोरख रमे तहां पवन न पाणी।।
यह बेस बाजी का विषय नहीं है,
@@sachkitah पहले गोरख नाथ जी के प्रति वाणी तुम्हारे शब्दों से हमें तुम्हारा भाव दिख रहा है ,
@omyogi9302 😄😄😄 पढ़ें लिखे होकर ,,, अंधविश्वास
महायोगी गोरक्षनाथ जी महाराज को आदेश आदेश आदेश संत सिरोमणी कबीर साहेब जी महाराज को कोटि कोटि प्रणाम 🕉️ 🕉️🔱🔱🌹🌹🙏🙏🙏🌹🔱🙏🌹
गुरु गोरखनाथ जी महाराज और संत कबीर दास जी दोनों ही परमात्मा को मानने वाले थे लेकिन रामपाल जैसे चेले जिस गुरु के होंगे वो ना तो अपने गुरु को सम्मानित रहने देते हैं और ना ही किसी दूसरे गुरु की गरिमा को बनाए रखने में सहायक होते हैं कोई गुरु नहीं सिखाता दूसरे पंथ की निन्दा करो
गोरखनाथ को भी दीक्षा कबीर ने दी थी।
सच है संत रामपाल जी को उनके चेलों ने
जेल में डलवाया और उनके नाम से बहुत आश्रम बनाकर पैसे लूट रहे हैं भक्तों को गुमराह करके।
😄😄😄😄😄😄😄
@@madansinghhansrajpunjabipunjabगुरु गोरखनाथ जी शिव अवतारी है उन्हें कोई क्या ज्ञान देगा कबीर जी महान संत थे उनकी महानता पर कोई शक नहीं लेकिन गुरू गोरखनाथ जी को लेकर उटपटांग बातें करना ठीक नहीं
@@madansinghhansrajpunjabipunjab मुर्ख ही नहीं महामुर्ख हे तु गोरक्ष शब्द का पहले अर्थ बता बाद में गुरु शिष्य बनाना
जी यह जेली राडंपाल के शिष्य हे जैसा गुरु वैसे चेले इनसे क्या उम्मीद करना हे इनके पास तेरी मेरी छोटा बड़ा के अलावा कुछ नहीं है,
Om shiv gorakhs
जो बूझे सोई बावरा, क्या है उम्र हमारी।
असंख युग प्रलय गई, तब का ब्रह्मचारी।।टेक।।
कोटि निरंजन हो गए, परलोक सिधारी।
हम तो सदा महबूब हैं, स्वयं ब्रह्मचारी।।
अरबों तो ब्रह्मा गए, उनन्चास कोटि कन्हैया।
सात कोटि शम्भू गए, मोर एक नहीं पलैया।।
कोटिन नारद हो गए, मुहम्मद से चारी।
देवतन की गिनती नहीं है, क्या सृष्टि विचारी।।
नहीं बुढ़ा नहीं बालक, नाहीं कोई भाट भिखारी।
कहैं कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी।।
Are murkh vo Kabir ji apne sahrir k liye nahi bol rahe h aatm k liye bol rahe hai
महाराज जी आपने बिल्कुल सत्य ज्ञान बताया, आपकि जय हो
गुरु गोरखनाथ जी और कबीर जी की ज्ञान चर्चा हुई है
कबीर सागर संत गरीब दास जी महाराज के ग्रंथ साहिब में वर्णित है
अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी यूट्यूब वीडियो प्रमाण सहित देखें
कांमणि अंग विरकत भया, रत भया हरि नाहि। साषी गोरखनाथ ज्यूँ, अमर भये कलि माहि ।।
सब गप
Om shiv gorakh Yogi..
Har har mahadev.
Satyam shivam sundaram..🔱❣️
गोरखनाथ वाली आत्मा सिद्धि भक्तियुक्त थी गोरखनाथ चारों युगों मे आये थे
एक समय नाथ पंथ के घटते प्रभाव के देखकर गोरखनाथ धरती पर प्रकट हो गये जैसे सुखदेव ऋषि राजा परीक्षित को कथा सुनाने स्वर्ग से आये थे तो गोरखनाथ जैसा सिद्ध क्यों नही आ सकता
गोरख नाथ तथा कबीर जी की ज्ञान चर्चा
नाथ साहित्य तथा कबीर सागर दोनों मे वर्णित है आजकल के तथाकथित नाथों को इतना भी विश्वास नही कि धरती को कोख से प्रकट होने वाला गोरख नाथ शरीर त्यागने के बाद भी प्रकट हो सकता है तो क्यों डले ढो रहे है
कबीर पाखंडी था गुरु गोरखनाथ भगवान शिव का अवतार था 🙏🙏🙏🙏🙏
Kabir se bada sant koi nahi hua
कबीर को कभी भगवत प्राप्ति नहीं हुई गोरखनाथ तो खुदी भगवान थे
@@Ramnareshsarvan5878
Bina jane koi comment mat karo
Kabir bhagwan se bhi uper the pahle jano phir bolo
मेरे को आप पाखंडी रामपाल का चेला लगते हो 😄😄😄😄
Hlo bai kuch soch smaj ke sath bolna chahiye hmare kabir sahib ji ke bare me bura nhi bol skte app kabir sahib ko pura world manta hai kabir sahib ji ka asthan pehle hai pure World me sat sahib ji Jammu se 🥰🙏🙏🙏hum rampal ke chale nhi kabir sahib ji ke hai 🙏
Baba Guru Gorakhnath Jagat Ke guruon ke Pita Hai unke Charanon Mein Bar Bar Pranam Unse Bada Koi Nahin Hai Jay Shiv goraksh
बिल्कुल सही कहा आपने आदेश नाथ जी
कहा गोरख और कहा कबीर गोरकानाथ वो है जो मुर्दे मे प्राण डाल दे किसी की तुलना गोरख से ना करो गोरख एक हिरा है जबकि कबीर महावीर का छोटा सा अंश प्रतीत होते है
Bhai ji aapko gyan nahi hai
कबीर sager में कबीर साहेब जी और
गोरखनाथ जी की ज्ञान गोष्टी का प्रमाण हैं
Goshti he banai kisane itna puratan pandulipi Kho nhi sabut nhi abhi dharm shastr dudh ne pani milane jesa he koi sar nhi jisne jesa smja likh diya aur bhakti ko bhagwan bana diya khud ko bhul gya
Alakh
Gorakhnath ke time kabeer ka jnm hi nhi hua tha Gyan chrch kese hogi aapki bat shi h ji
शिव अवतारी महायोगी गोरखनाथ जी
साक्षात महादेव है।
ॐ नम शिबाय हर हर माहादेब जय सम्भो शिव शिव हरहर्हरहरहर्हरह्र
बिल्कुल नहीं हुई है सब झूठ बोलते गुरु गोरखनाथ जी को झूठा बोलते हैं❤❤❤🙏🏻🙏🏻 गोरक्ष नाथ स्वयं शिव है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
आपको पता है कि संत गरीब दास जी महाराज ने दो बार शरीर त्यागा था कबीर परमेश्वर जी सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग में हजारों बार पृथ्वी पर आए हैं रुप बदल कर और वैसे गोरखनाथ जी और कबीर जी की ज्ञान चर्चा के कई सबूत हैं
किसने कहा ?
सब गप्प
कहां गुरू गोरखनाथ जी और कहां उनकी धुल के बराबर कबीर। रामपाल ओलिया कलयुगी कालनेमी है जो गुलामों की तलाश में है।
In ki motiya bind, Sat Saheb jee 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
जब कबीर साहिब जी कि उनसे वार्ता हुई थी उससे पहले गोरखनाथ जी पित्तर लोक में थे धरती पर नहीं थे,, वैष्णव साधुओं को ज्ञान गोष्टी में हराने के लिए गोरखनाथ जी पितर लोग से धरती पर आए और कबीर साहिब जी से ज्ञान गोष्टी की, क्योंकि कबीर जी वैष्णव संत रामानंद जी के शिष्य थे,, सत्यकथा को जानने के लिए कृपया संत रामपाल जी के सत्संग सुने,, सत साहेब
ਗੁਰੂ ਗੋਰਖ ਨਾਥ ਤਾਂ 10 ਜਾਂ 11 ਵੀ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਆਏ ਨੇ ਜਿਹੜੇ ਕਬੀਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਉਹ 14 ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਆਏ ਨੇ ਆਰੀ ਦੇ ਇਕ ਪਾਸੇ ਦੰਦੇ ਨੇ ਪਰ ਜਿਹੜੇ ਫੁਦੂ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਦੋਨੋ ਪਾਸੇ ਦੰਦੇ ਨੇ ਅਖੇ ਜੀ ਉਹ ਧਰਤੀ ਤੇ ਨਹੀਂ ਆਏ ਇਹ ਝੂਠ ਆਪਣੇ ਤੇਰੇ ਵਰਗੇ ਫੁਦੂ ਬੰਦੇ ਕੋਲ ਬੋਲੀ
मुर्खता बकवास ओर कुछ नही
सत्य वचन ,,, बंदी छोड़ सतगुरुदेव रामपाल जी महाराज की जय हो । 🙏🙏
जेल में जा के सुण लो 😢
Bas Ye aise hi Chutya Banate hai, inke kai chelo ko janata hu jo bahar to baate karate hain leki inake ghar me Non veg Khate hai, Rampal Pakhandi Tha hai , tabhi jel main hai , agar bhagwan ka awatar hota to ab tak bahar hota
आज के बहुत से कबीर पन्धी आत्म सम्मोहन में भटके हुये हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक विषय है और आत्म सम्मोहित लोग अपनी ही हांकते फिरते हैं। आज बहुत से कबीर पन्धी उटपटांग बकते फिर रहे हैं! वाराणसी में कबीर का कमल के पते पर जन्म लेना एक भटकन है,
तत्वदर्शी संत को ही गुरु बनाना चाहिए ,,, और आज इस पूरी पृथ्वी में ही नहीं बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड में एकमात्र संत रामपाल जी महाराज जी तत्वदर्शी संत है ।
बंदी छोड़ सतगुरु देव संत रामपाल जी महाराज की जय ।
🙏🙏
Umar kaidi hai
तेरा तत्व दर्शी रोज पेरोल की अर्जी पर अर्जी लगा रहा हे जेल में ही सड़ेगा तब तक सांस रहेगी
Moorkh hai tu
बंदी छोड़ बंदी छुड़वा रहे हैं किंतु अब बंदी नहीं छोड़ रहे
Rampal apna bandan nahi kholta he to dusare ka kiya kholega
गोरख नानक दत कबीरा इन चारों का एक शरीरा आज भी कबीर और गोरख आपस मै बात करते है न तो लोगों को कबीर का ज्ञान और न ही गोरख का ज्ञान सब भ्रर्म के सिवाय कुछ नही जिसको ज्ञान है उसने सब पता है कोन क्या है आज जितने यूट्यूब पर संत प्रवचन कर रहे है वे सब अपने आपको प्रमात्मा समझते है पता नही कहां जाएगें ये और इनके साथ लगने वाले गलत लिखा है तो क्षमा चाहूंगा सबसे 🌹🌹🙏🏻🙏🏻
कोई प्रूफ है,,,कि नानक देव, कबीर और गोरखनाथ की आज भी आपस में बात होती है 😀
11vi शताब्दी तो देख ली आप ने, ये नहीं देखा की वो कितने साल जिए, वो 700 ਸਾਲ जिए है
700 saal उनकी उम्र थी
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान हैं ,
"हम ही अलख अल्ला, कुतब गौंस और पीर , गरीब दास खालिक धनी हमरा नाम कबीर "
"पानी से पैदा नहीं, सु आसा नहीं सरीर ,अन्न आहार कर्ता नहीं ताका नाम कबीर "
"हाड चाम लहू नहीं मेरे , ना मेरे धर दासी , सतिपुरष साहिब हूं , मैं कबीर अविनाशी "
कबीर सागर पडो भा ई पहले , अधूरा ग्यान है तुमहारा
भगवान क्या होता है ये बताओ
वर्तमान में पूरे विश्व में केवल एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं। जिन्होंने सभी धर्म ग्रंथों को खोलकर यह प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं।
😅
@@shankarmeena4133संत रामपाल जैसे मूर्ख बनाने वाले बाबा कितने आए कितने चले गए, और अभी ना जाने कितने आएंगे 😂😂😂
Gita pres k book me jo anuvad he vo bolta he tumara rampal rampal ka guru geeta press gorakh pur he 😮
जय शिव गोरख
आध्यात्मिक ज्ञान में logic लगाना मूर्खता है।
ये कथा एक दम सच है।
इस पर गोरखनाथ जी ने कहा, "हे बालक कबीर जी, आप कब से योगी हो गए? कल ही जन्मे अर्थात् छोटे बच्चे और मुझसे (गोरखनाथ से) चर्चा करना चाहते हो! आपकी आयु क्या है? और आप वैरागी कब हुए?"
कबीर जी कब वैरागी बने, कब वैरागी बने?
नाथ जी, जब से मैं वैरागी हुआ हूँ, मुझे आदि और अंत याद आ गया है।
मेले को धुन्धुकार आदि कोई गुरु शिष्य नहीं।
जब हम योग का व्रत करते हैं तो हम फिर अकेले हो जाते हैं।
धरती जद की टोपी नहीं, ब्रह्मा जद का टीका नहीं।
शिव शंकर से योगी, ना द जडका झोली शिखा।
हम द्वापर फावड़ा चलाते हैं, हम त्रोता चिपकाते हैं।
सतयुग मेरी फिरि दुहाई, कलियुग फिरो नो खंडा।
गुरु के वचन, संत की संगति, मिल गया अमर घर।
कबीर कहते हैं सुनो गोरख, मैंने सबको तत्व बता दिया है।
भा ई साब गोरखनाथ जी पितरलोक से आऐ थे और गोरख जी अपनी मरजी से अपनी उमर लंबी कर लेते थे , उन दोनो की चरचा हु ई थी , जैसे कि नानक साहिब जब लंका ग ऐ थे तो हनुमान से मिले थे ,, हनुमान राम के समय भी और भीम से मिले थे और नानक साहिब से भी मिले थे ,
तो भा ई साब गोरखनाथ पितरलोक से आकर कबीर साहिब को मिले थे तब कबीर साहिब बच्चे की उमर के थे
अंधभक्ति ने तुम्हे अंधा बना दिया है😂😂 कबीर और गोरख नाथ का कभी संवाद नही हुआ था😂😂😂
गोरखनाथ जी की वाणी -
नौ नाथ चौरासी सिद्धा, इनका अन्धा ज्ञान ।|
अविचल ज्ञान कबीर का, यो गति विरला जान ।।
,,, गोरखनाथ जी ने जब देखा कि वेषों पंथ का प्रचार रामानंद जी के द्वारा किया जा रहा है तब गोरखनाथ जी पित्र लोक से आए। और। कबीर साहेब जी से ज्ञान चर्चा किए
Gapp 😀
गोरखनाथ जी एक सिद्ध थे जब उन्हें तुम्हें लगा कि नाथ परंपरा कम होती जा रही है इसीलिए वह मृत्यु लोक यानी कि पृथ्वी परआए थे और स्वामी रामदेव जी महाराज वैष्णव में काफी प्रसिद्ध थे इसीलिए उन्होंने उनके साथ ज्ञान गोष्टी करना चाहती थी और यह शर्त रखी थी कि जो ज्ञान गोष्टी में हारेगा वह जीतने वाले का शिष्य बनेगा आम लोग सीढ़ियां से जल्दी प्रसन्न होते है। इसीलिए रामानंद जी को चिंता हुई फिर कबीर साहब ने उन्हें हौसला दिया और उनके साथ ज्ञान चर्चा मेंगए और गोरखनाथ जी से कहा कि आप पहले मेरे से ज्ञान गोष्टी करो फिर मेरे गुरुदेवसे करना और इस ज्ञान गोष्टी में गोरखनाथ जी हार गए थे।
फिर वह कबीर साहेब केशिष्य बने थे ।
Very good sardaar sahab ❤❤❤🙏🙏🙏
100% सही कहा आपने
कबीरजी से बहुत पहले गोरक्षनाथ हुए थे ।
उस समय साहेब कबीर ने श्री रामानन्द जी जैसा वेश वैष्णो संतों जैसा धारण किया हुआ था। जैसे माथे पर चंदन का टीका, टोपी, थैला, सिक्का, फावड़ी (भजन करने के लिए अंग्रेजी के टी अक्षर जैसा डंडा) तथा साथ में डंडा (लकड़ी का डंडा) भी धारण किए हुए थे। उपरोक्त भजन में साहेब कबीर कहते हैं कि जब सृष्टि नहीं थी (काल की रचना) तब अनामी रूप में थे तथा अन्य कोई नहीं था। क्योंकि साहेब कबीर ने ही अपने वचन से सतलोक की रचना की थी तथा फिर सतपुरुष ने तप करके ज्योति निरंजन (ब्रह्म) द्वारा राज्य मांगने पर काल (ज्योति निरंजन/ब्रह्म) की भी रचना की। तब से साधना कर रहा हूँ। जब मैं अकेला रहता था, जब पृथ्वी भी नहीं थी, तब से मेरी टोपी विद्यमान जान। गोरख नाथ तथा उनके गुरु मच्छन्दर नाथ आदि तथा सर्व प्राणियों के शरीर बनाने वाले ब्रह्म का तो जन्म भी नहीं हुआ था। तब से यह चिन्ह मेरे माथे पर है अर्थात् तब से मैं (कबीर) सतपुरुष रूप में हूँ।
सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, तथा कलियुग - ये चारों युग मेरे सामने से अनंत बीत चुके हैं। कबीर साहेब कहते हैं कि सतगुरू के वचनों पर चलकर मैंने अविनाशी धाम (सतलोक) को प्राप्त किया है। इसलिए मैंने सभी प्राणियों को तत्व (सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान) समझाया है कि पूर्ण गुरू से उपदेश लेकर जीवन भर उनके वचनों पर चलकर तथा पूर्ण परमात्मा का ध्यान व स्मरण करके उस अविनाशी सतलोक में जाकर जन्म-मरण के कष्टदायक संकट से बचा जा सकता है।
यह सुनकर गोरखनाथ जी पूछते हैं, “आपकी आयु इतनी लंबी है, फिर भी आप बच्चे जैसे दिखते हैं।
पानी से पैदा नहीं श्वास नहीं शरीर अन जल करता नहीं ताका नाम कबीर साहेब जी भगवान थे
मतलब वो खाना नहीं खाता था 😄😄😄🙏
कपड़ा बुनना क्यों? जब आहार नहीं तो
कपड़ा बनाने का काम इसलिए क्या करते थे कि आज हम लोग को सीख मिल सके और काम करते करते परमात्मा का भक्ति करके भगत जी
@mukeshdas-1647 😄😄😄😄
@@Santrampaljisatsang-v2zye kam to kabeer ke ane se pehle bhi log karte the tu bhi gadha tera kabeer bhi gadha😂😂
यह सब कबीर अनुयायियों का पांखड है जो अपने आप मे महान बनने मै लगे है लेकिन वैश्या कभी सती नही होती है, गुरु गोरक्षनाथ जी व कबीर का मिलन भी नहीं हुआ गुरु गोरक्षनाथ जी तो आद अनादि योगी है,कबीर को तो छ सो वर्ष भी हुए हैं
Alha Udal Ke Time me Bhi Aaj Se 900 Varsh Poorv Guru Gorakhnath The
allah udal prthiraj ke time main they correct your self
Sahi bat h
Yahi sakht hai Guru Gorakhnath ji MHA Yogeshwar the dwapar mein bhi the yah sab logon ne apna Dharm badhane ke liye charchaen banaa Di Hain Jay Shiv Gorakhnath Jay
साहिब बंदगी सतनाम
जय नितिन साहेब
बिल्कुल सही कहा साहब आपने
हाजी मलंग में मुंबई में इसीलिए मैंने यह ऑडियो बनाया था इसीलिए मैंने आध्यात्मिक के साथ जुड़ा हैगोरखनाथ और कबीर साहेब के बीच में 300 साल का अंतर है आपने बिल्कुल सही बोला इसका आध्यात्मिक अर्थ इसीलिए मैंने किया
कोटि-कोटि नमन है आपको जो आपने मेरी बात को समर्थन दिया
साहिब बंदगी सतनाम साहिब जी
300नही 1400बोल सकते हो विक्रम संवत प्रथम सत्ताब्दि विक्रमादित्य के राज में चालु किया गया है भर्तृहरि के छोटे भाई थे राजा विक्रमादित्य, भर्तृहरि व विक्रमादित्य के गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज ही हे,ओर कोई नहीं
आप बिल्कुल सही कह रहे हैं इनकी आपस में ज्ञान चर्चा नहींहुई है।
पार्क कबीरपंथी इनको
नहींमानेंगे उसके लिए एक उदाहरण है कबीर ने भगवान चोला पावड़ी चिमटा आदि लिए थे इसका मतलब यह हुआ कि गुरु गोरखनाथ ने कबीर को ज्ञान में हरा दिया था और अपना शिष्य बना लिया था यह बात प्रूफ है कि कवि ने योगियों जैसा देश क्यों बनाया था वह गुरु गोरखनाथ से हार गए थे
मरो है जोगी मरो मरण है रस मीठा इस मरनी मरण मरो जिस मरनी गोरख रस ये मीठा,
जो भीतर मरता है वही उसी का कमल खिलता है बार तो बेहोसी मे हर कोई किसी को ढूढ़ने और ख़ुश करने के लिये निकलता है
ਭਾਈ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਸ਼੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦਾ ਜਨਮ 1469 ਇਸਵੀ ਕਾ ਹੈ ਫਿਰ ਬਾਬਾ ਨਾਨਕ ਜੀ ਨੇ ਗੁਰੂ ਗੋਰਖ ਨਾਥ ਜੀ ਸੇ ਬਾਤਚੀਤ ਕੈਸੇ ਕੀ ਸਿੱਧ ਗੋਸ਼ਟ ਸ਼੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿੱਚ ਦਰਜ਼ ਹੈ ਅਬ ਬਤਾਓ ਕਿਆ ਗੁਰੂ ਗੋਰਖ ਨਾਥ ਜੀ ਕੀ ਕਿਤਨੀ ਉਮਰ ਥੀ ਉਸ ਟਾਈਮ ਔਰ ਬਾਬਾ ਨਾਨਕ ਕੀ ਉਮਰ ਕਿਤਨੀ ਥੀ
अपने से नीचे वाला कमेंट देखो।
मेरे हिसाब से दोनो की वार्ता गोरखनाथ से नही गोरखनाथ के पंथक शिष्यों से हुई होगी ।
पर गोरखनाथ से नही
Truth बिल्कुल सत्य
जब त्रेता युग के हनुमान जी द्वापर युग में भीम से मिल सकते हैं to ismein ashcharya kya hai
😀 sahi kaha
कबिर साहेबमे लिखा है ज्ञान् चर्चा हुआ था 🙏
भाई जी!आप की जो कथा है वह एक कल्पना पर ज्यादा आधारित है क्योंकि जो भी गोरख नाथ की गद्दी पर बैठता था उनको गोरख नाथ कहा जाता था।जैसे अभी भी यू पी के मुख्य मंत्री का वास्तविक नाम कुछ और है लेकिन उनको योगी करके जाना जाता है जैसे गुरु ग्रंथ साहिब में जितने भी गुरु की वाणी है सबके साथ कहो नानक ,कहि नानक करके सम्बोधित किया गया है ।धन्यवाद
आप झूठ बोल रहे हो. कबीर जी और गोरखनाथ का ज्ञान गोष्ठी हुआ है। आपको ये बात पता नही है, तो आप महा मूर्ख हो। अहंकार छोड़ कर, विनम्रता पूर्वक शांत मन से जानकर लो। ये सभी वाणी में लिखित है।
Kab please date btao ?
वाणी तो बताओ
गुरु ग्रंथ साहिब में भी लिखा है कि हक्का कबीर करीम परवरदिगार
Kabir Sahib Ji 4 zooge me aate hai
Shi
❤ very nice ❤
Bhai aap jut bol rahe ho
स्वयं कबीर ने गोरख की स्तुति शिव रूप मे की है l
Kabir Saheb--Only and only Supreme God
Jinse bara na koi
Nanak Saheb ko bhi Gyan Ki prapti Kabir Saheb ❤se hi hui thi.
Ye 100% saty hai
Supreme matalab
Right only pruab prmatma kberdass ha
तो फिर कैसे लोगों का नशा मुक्त हो जाता है बताए संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आने के बाद?
Kyon ki jis paise ka प्रयोग भगत नशे के लिए करते थे, वो पैसे अब रामपाल की घुलक में डाल देते हैं। तो नशा कहां से करें ये । और उसी पैसे से रामपाल अरबपति हो रहा है । सच है ना
kuch bhi @@sachkitah
गेरख नाथ के चेलों का हंकार भी नानक साहिब ने तोडा था ,कबीर ही नानक साहिब के गुरू थे ,नानक साहिब की लिखत पराणसंगली पडलो भा ई
Nanak Kabir ke guru the ....
गोरख को कोई नहीँ तोड़ सकता भेड़े एक के बाद एक कुवे मे गिर जाती है गोरख नहीँ गिरता है गोरख वो है जो tumhe सीधे चेतना की सीकरता पर लेके जा सकता है जबकि ना कबीर ऐसा कर सकता ना कोई और.
जिसे तुम अहम् कहते हो वो केवल मन का भाव है तुम्हे लगता पास वाली भिड़ जिससे प्रसन्न हो जाये वो अहम् नहीँ तो वो जो भीतर बेटा है उसे पता है तुम्हारा रंगमंच ही अहम् से चलता है और किसी से नहीँ
Ye sb rampal ke dwara falaye gye afvah h or kuch nhi kabirdas ramanand ke shishya thaa bhagvan nhi 😂😂😂😂
गुरु गोरखनाथ और परमेश्वर के बीच गोष्ठी हुई थी यह सत्य है क्योंकि यह लिखित है। कबीर साहेब जी कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है वे परमात्मा हैं कबीर साहेब जी कहीं भी किसी समय प्रकट हो सकते हैं रही बात गुरु गोरखनाथ की तो वे बहुत ही उच्च स्तर के सिद्ध पुरुष थे। जब कोई सिद्ध पुरुष पृथ्वी से जा चुके होते हैं तो ऐसा नहीं की वे फिर पृथ्वी पर नहीं आ सकते। उनका आना जाना लंबे समय तक होता है। गोरख नाथ जी नाथ संप्रदाय के पतन को रोकने के लिए कबीर साहेब जी से ज्ञान चर्चा हुई थी जिसमे वे हार गए थे।
Guru Gorakhnath Bhagwan the bhai Unki Gyan Charcha Hui Hogi lekin Guru Gorakhnath ji kabhi Hare Nahin Hai to isliye yah jhuthi baten mat chalao
Sach ki Tah वाले भाई साहब, आपकी ज्ञानचक्षु खुला नहीं है । इसलिए संत रामपाल जी द्वारा सत ज्ञान को समझ नहीं सकते । उनका ज्ञान आपके हृदय मे जाकर सीधा लग रहा है इसलिए भी आपको उनसे जलन पैदा हो रही है। लेकिन उनका ज्ञान व कही बातें 100% सच है। आपको यदि परमात्मा पाना है तो वे स्वयं धरती पर मौजूद है । उनसे मिलकर बातें करके अपनी शंका का समाधान पा सकते हो लेकिन आपको परमात्मा से कोई लेना देना नहीं है केवल जनता को भड़काने का ठेकेदार बन रहे हो ।
😀 रामपल का खुला है क्या तभी तो पुलिस
तुमने पा लिया क्या 😀
सही बात है भाई इनको कबीर परमात्मा से पता नहीं क्या दिक्कत है?
गोरख जी और कबीर सहाब का स्थान है गोरखपुर मै सही है
कबीर साहेब भगवान है वेदों में प्रमाण है
बुद्धि का इस्तेमाल करो कबीर एक अरबी भाषा का शब्द है जिसपर मुस्लिम अपना नाम रखते हैं। वेदों में संस्कृत भाषा है तो वेदों में कबीर शब्द नहीं है।
@@sachkitah आप की बुद्धि कहा है गुरु नानक को बेई नदी पर गरीब दास को छुड़ानी में धर्मदास को बंदवगड में घीसादास को मिले दादूदास को रविदास को मीराबाई को मिले वेदों में उसका नाम कविर्देव है
Kis granth mein likha hai....... Kya pransangli jo guru nanak ji ka granth hai usme likha hai, kya sakhi balewali mein likha hai......
Bs lgta hai rampal ki gpod ganga aur Sagar mein hoga
@naveenkhatkar4875 🤗🤗🤗 अरे भाई,,, कवि एक हिंदी शब्द है और कबीर एक अरबी का ,,,, तो वेदों में कवि का मतलब कबीर नहीं है,
कवि ऋषि की उपाधि होती है जब वह जब वह अपने शब्दों को कविता में डालता है
@@sachkitahसंस्कृत मे कविरदेव शब्द है लेकिन उसका अर्थ आहे.... सर्वव्यापक परमात्मा.... इन कबीर पंथी लोगो ने संत कबीर जी से नाम जोड दिया 😂🤣😂..... बहुत हसी आती है ऐसे अनपढ लोगो कि बातो पर...... वो लोग तो भगवान शिव को भी कम समझने लगे है..... अरे भाई हद हो गयी...... भगवान श्री कृष्ण और राम को भी कबीर जी से कम समझने लगे है..... भाई ये लोग जान बुझकर हमारे सनातन धर्म को बदनाम कर रहे है.......
गुरु गोरखनाथ तो राम रामेश्वरम में पुल बना रहे थे जब भी मौजूद थे और उन्होंने प्रिया राज्य में हनुमान जी को बंदी बनाया था यह बात कहां तक सही है इस पर अलग वीडियो बानाओ
😀
द्यानी नहीँ शिव सार सा ज्ञानी गोरख सा, क्या ऐसी कोई प्रतिमा है शिव सा रस मिल जाये
संत कबीर ओर गुरु गोरख नाथ जी
की चर्चा कब kha हुई
कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता
चर्चा का विषय क्या हे
उसका जानना ज़रूरी हे
नाथों में योग ही सर्वोपरी हे
सन्त कबीर सहज सुमिरन सर्वोपरी हे
योग से त्रिकुटी तक पहुँचा जा सकता हे
सुमिरन से सुरता तक
ਤੁਹਾਡਾ ਅਧਿਆਤਮਿਕ ਗਿਆਨ ਜੀਰੋ ਹੈ ਜੀ
Jai Guru Goraknath ji
Kabir is suprim god vo kabhi kisi time kisee se milne aa sakte hai vo maa ki garbh se janm nhi lete
Rampal ya tumse milne aaye? 😀
कबीर जी कहीं भी कभी भी प्रगट हो सकतें हैं
वैसे ही गोरखनाथ भी । इसलिए चर्चा हो सकती है
अपने परम भक्त, रामपाल को उम्रकैद से बचाने केलिए तो प्रगट नहीं हुए ।😄
@@sachkitah किस कारण से जेल में हैं
और कब बाहर आयेगे अपना कार्य करने गये है
जब कार्य समाप्त होगा अपने आप सारी दुनिया
को बताकर आयेंगे तुम्हारे जैसे हाथ मलते रह
जायेंगे।
Katal aur rape ke kesh
@@sachkitah एक भी रेप केस है बताये
भाई साहेब ये 100%सत्य है कि गोरखनाथ और कबीर साहेब जी की ज्ञान चर्चा हुई थी यह कबीर सागर में प्रमाण है और कबीर सागर कोई झूठा नहीं है मान बड़ाई के कारण सत्य से मुंह ना मोड़ो सत्य सत्य ही होता है कड़वा होता है लेकिन सच्चा होता है
Gorakhnath ki janam date aur mrn date kya thi
Rajasthani Mein Ek baat hai adhjal gagri chhalkat Jaaye
Kabir sagar jhuth hai.
Sahi kaha
@murarilalyogi8218
Tere jese nath panth me h
Isliye tune gorakhnath k bare me nahi pada .
Gorakh sa gyani koi nhi
जय गुरु गोरख नाथ जी
Sahi bat
ये महाआत्मा बुद्धि से पर होते हैं
आप गलत धारणा न फैलाएं
100/ satyah h
Bilkul, sahi, gyan, hi, aisa, gyan, dene, keliye, bahut, 2,abhAr
Shi kha apne
गोरखनाथ जी के जन्म का समय तो आपने बता दिया , लेकिन मृत्यु का समय भी बताइए
तभी तो जाकर निर्णय निकलेगा कि सच्चाई क्या है ?
Bhai sahab yah Kalyug hai aur Kalyug mein jhutha Gyan prachar jyada hai hai na Gorakhnath ji to Gorakhnath ji hai is baat Ko chhod
Man baap ki seva karo bhai inmein kya Rakha hai man baap to bhukhe pade Hain satguru unki seva kar rahe ho kaisa Gyan hai hare Ram Ram
ਸ਼੍ਰੀ ਮਾਨ ਜੀ ਗੋਰਖ ਨਾਥ ਆਪਣੇ ਗੁਰੂ ਮਛੰਦਰ ਨਾਥ ਦੇ ਸੱਦਣ ਤੇ ਪਿੱਤਰ ਲੋਕ ਤੋ ਆ ਕੇ ਸਵਾਮੀ ਰਾਮਾਨੰਦ ਨਾਲ ਗਿਆਨ ਚਰਚਾ ਕਰਨ ਆਏ ਸੀ
ਪਰ ਕਬੀਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਰਾਮਾਨੰਦ ਜੀ ਦੀ ਤਰਫੋ ਗੋਰਖਨਾਥ ਜੀ ਨਾਲ ਗੋਸ਼ਟੀ ਕੀਤੀ
ਰਾਮਾਨੰਦ ਜੀ ਕਬੀਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ( ਬਾਹਰੀ) ਗੁਰੂ ਸੀ
🤗
उन सतपुर्षो के सबदो कोअपने जीवन उतरोगे तो सब समझ में आ जायेगा ।संमतो के चकरो में भटक जावोगे।
💯 sahi ho aap
Gorkh naath ji sidh jogi c jo apni umer nu sidhi naal rok sakde c itehaas gwaah sidh jo kai staabdia tak apni umer rok k rakh sakde c dhyaan Smadhi naal
Mera matlab eh hai Kabir aur Nanak ki tarah unki mrityu tarikh kyon nahi?
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Aate hun gorakhnath kithe aa?
love you my Baba g Jai ho mere sidh yogi Gorakhnath ki ❤️❤️❤️
महाझुठ नाथ जीनत है दास गुलाम है कायर कबीर तर्क को ही महान बताते हैं
Gorakhnath ke samay pr Hanuman ji bhi kaha se aa gaye kyunki kahani me dekhne ko milta hai ki Gorakhnath Hanuman ji ko bhi pajit kr diye thhe jaha hnuman ji pehra diya krte thhe akash me to ye bhakti marg hai yaha kuchh bhi kissi bhi samay ho sakta hai
@@unheardstoryofgod तब तक जानने का प्रयास करे जब तक आत्म संतुष्टि न हो जय
सत्य वचन 🙏
Kya gorakh nath guru nanak sant kabir guru ravidash ek hi samay me huye he or kya ye sab aapas me kbhi mile he ek dusre se koi gyan charcha huye he inke bich
तो आप जो कह रहे हैं वह कैसे सच हो सकता है कोई सबूत है
लेकिन कबीर जी के साथ गोरखनाथ को ज्ञान चर्चा हुआ था यह सच है क्योंकि कबीर सागर में यह बात लिखा हुआ है
जैसे पांडवों का पुत्र राजा परीक्षित का आकाश वाणी हुआ था कि तुम आठवें दिन एक सर्प को काटने से तुम्हें मृत्यु हो जाएगा तो इस लोक का सब मोह माया छोड़ कर के परमात्मा में ध्यान चित् बैठने के लिए अपने गुरुजी को बुलाए और भागवत कथा सुनाने के लिए आग्रह किया तो उस समय कोई ब्राह्मण भागवत कथा सुनने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ।।
तो स्वर्ग लोक से सुखदेव जी आए थे और श्रीमद् भागवत कथा सुनाएं थे
ठीक इसी प्रकार गोरखनाथ जी नाथ परंपरा को डूबते हुए सहन नहींकर पाए और रामानंद जी ज्ञान चर्चा में हारने के लिए स्वर्ग से आ गए उस समय कबीर परमात्मा रामानंद जी को शिष्य बनकर अपनी भूमिका निभा रहे थे।।।।।।
सर जी अब आप ये नहीं बोलना कि यह सब झूठ है
और एक बात और संत रामपाल जी महाराज के मुख्य मंडल से निकली हुई वाणी 100% सत्य है
जय हो बंदी छोड़ की
सब झूठ
अरबों तो ब्रह्मा गए, 49 कोटि कन्हैया। सात कोटि शंभु गए, मोर एक नहीं पलैया।
कबीर साहिब कहते हैं कि करोड़ों ब्रह्मा मर गए और 49 करोड़ कृष्ण मर गए। सात करोड़ शंभु (शिव) गुजर गए, लेकिन मेरा एक क्षण भी नहीं बीता
यहाँ देखें अविनाशी पुरुष कौन है? जब 343 करोड़ त्रिलोकिये ब्रह्मा मरेंगे, 49 करोड़ त्रिलोकिये विष्णु मरेंगे तथा 7 करोड़ त्रिलोकिये शिव मरेंगे तब एक ज्योति निरंजन (काल-ब्रह्म) मरेगा, जिसे गीता जी अध्याय 15 श्लोक 16 में क्षर प्रभु कहा है तथा इसी श्लोक में जिसे अक्षर अविनाशी कहा है, वह परब्रह्म है, जिसे अक्षर पुरुष भी कहते हैं। अक्षर पुरुष अर्थात् परब्रह्म का भी विनाश हो जाता है। इस काल के भी करोड़ों समाप्त हो जाएंगे। फिर सर्व अण्ड-ब्रह्माण्ड का विनाश हो जाएगा। केवल सतलोक ही शेष रहेगा। फिर अचिन्त सतगुरु की आज्ञा से सृष्टि रचना करेगा। फिर इस क्षर पुरुष तथा अक्षर पुरुष की प्रकृति पुनः प्रारम्भ होगी।
फिर गीता जी अध्याय 15 श्लोक 17 में क्या कहा है कि वह पूर्ण पुरुष (पूर्ण परमात्मा) तो कोई और ही है जो अविनाशी परमात्मा के नाम से जाना जाता है। वह पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर सतपुरुष स्वयं कबीर साहेब ही हैं। केवल सतपुरुष ही अविनाशी-अमर परमात्मा है तथा केवल उसका सतलोक (सतधाम) ही अविनाशी है, जो अविनाशी धाम भी है। वहाँ की भक्ति करने से भक्त आत्मा पूर्ण मुक्त हो जाती है, फिर कभी मरती नहीं। कबीर साहेब ने कहा कि यह सोहम शब्द के जाप से प्राप्त होता है जो परम रहस्य के ज्ञाता गुरु से प्राप्त होता है, फिर सारनाम प्राप्त होता है। तब मनुष्य सतलोक में निवास कर सकता है तथा सतपुरुष को प्राप्त कर सकता है। नारद तथा मुहम्मद जैसे करोड़ों पुण्यात्मा भी आए (जन्म लिए) तथा गए (मर गए), देवताओं की तो कोई गिनती ही नहीं है। फिर साधारण मनुष्य तथा अन्य योनियों का क्या हिसाब लगाया जा सकता है? मैं (कबीर साहेब) न तो बूढ़ा हूँ, न ही बच्चा; मैं तो युवा रूप में रहता हूँ, जो ईश्वरीय शक्ति का प्रतीक है। यह मैं लीलामय शरीर में आपके सामने प्रकट हुआ हूँ। कबीर साहेब कहते हैं, "मेरी बात सुनो गोरख जी; यह मेरी आयु है जो मैंने आपको ऊपर बताई है।
gorkhnathji to har yug me the vo to mahadev hai.
Aap sahi hai
Aadesh Aadesh ji
thik kha par yeh youtube fala rahte hai
Please,,,, right clear words
Shahi he
हुए लोग मैन गलत बातें कर रहे हैं कबीर दास और गुरु गोरखनाथ में उम्र का भी बहुत बहुत फर्क है
भाई साहब कबीर जी ने अपनी वाणी में जो लिखा है कि जब वैष्णव परंपरा का प्रचार हो रहा था और नाथ नाथ परंपरा का प्रचार कम हो रहा था तो गोरखनाथ जी को पितृलोक से दोबारा धरती पर भेजा गया था जब रामानंद जी आए हुए थे उसे दौरान कबीर साहब और गोरखनाथ की ज्ञान गोष्टी हुई थी अब ऐसे तो गोरखनाथ की जीवनी में यह भी लिखा हुआ है कि गोरखनाथ जी ने हनुमान जी को एक राजा की नगरी में प्रवेश करने नहीं दिया था तो मुझे यह बताएं कि हनुमान जी कहां से आ गए यह आध्यात्मिक पावर होती है ।
😀😀😀😀😀
पूरा कबीर पंथ ही झूठपर, चल रहा है
Aap sahi he gorkh 11th satawdi Or kaber ji 13.90 ke pass hua tha