साहिब बंदगी सतनाम जय नितिन साहेब बिल्कुल सही कहा साहब आपने हाजी मलंग में मुंबई में इसीलिए मैंने यह ऑडियो बनाया था इसीलिए मैंने आध्यात्मिक के साथ जुड़ा हैगोरखनाथ और कबीर साहेब के बीच में 300 साल का अंतर है आपने बिल्कुल सही बोला इसका आध्यात्मिक अर्थ इसीलिए मैंने किया कोटि-कोटि नमन है आपको जो आपने मेरी बात को समर्थन दिया साहिब बंदगी सतनाम साहिब जी
300नही 1400बोल सकते हो विक्रम संवत प्रथम सत्ताब्दि विक्रमादित्य के राज में चालु किया गया है भर्तृहरि के छोटे भाई थे राजा विक्रमादित्य, भर्तृहरि व विक्रमादित्य के गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज ही हे,ओर कोई नहीं
आप बिल्कुल सही कह रहे हैं इनकी आपस में ज्ञान चर्चा नहींहुई है। पार्क कबीरपंथी इनको नहींमानेंगे उसके लिए एक उदाहरण है कबीर ने भगवान चोला पावड़ी चिमटा आदि लिए थे इसका मतलब यह हुआ कि गुरु गोरखनाथ ने कबीर को ज्ञान में हरा दिया था और अपना शिष्य बना लिया था यह बात प्रूफ है कि कवि ने योगियों जैसा देश क्यों बनाया था वह गुरु गोरखनाथ से हार गए थे
गुरु गोरखनाथ जी महाराज और संत कबीर दास जी दोनों ही परमात्मा को मानने वाले थे लेकिन रामपाल जैसे चेले जिस गुरु के होंगे वो ना तो अपने गुरु को सम्मानित रहने देते हैं और ना ही किसी दूसरे गुरु की गरिमा को बनाए रखने में सहायक होते हैं कोई गुरु नहीं सिखाता दूसरे पंथ की निन्दा करो
गोरखनाथ को भी दीक्षा कबीर ने दी थी। सच है संत रामपाल जी को उनके चेलों ने जेल में डलवाया और उनके नाम से बहुत आश्रम बनाकर पैसे लूट रहे हैं भक्तों को गुमराह करके।
@@madansinghhansrajpunjabipunjabगुरु गोरखनाथ जी शिव अवतारी है उन्हें कोई क्या ज्ञान देगा कबीर जी महान संत थे उनकी महानता पर कोई शक नहीं लेकिन गुरू गोरखनाथ जी को लेकर उटपटांग बातें करना ठीक नहीं
कबीर जी गोरख नाथ जी से प्रभावित थे कबीर ने गोरख नाथ जी की वाणियो को माध्यम बनाकर उनको नया रूप देने का काम किया है आज जो भी कबीर वाणी भजन हे सब गोरख वाणियो का ही नया रूप है गोरख नाथ जी की वाणियो को हर कोई समझ नही सकता गोरखवानी उल्टी वाणी हे इन वाणियो को कबीर जेसे महान संत ही नया रूप दे सकते हे कबीर ने गोरख नाथ जी की साधना को माध्यम बनाया
@@sachkitahनहीं कबीर जी गोरख नाथ जी के बाद हुए कबीर जी ने नाथ योग की नादानुस्धान विधि का को अपनाया था जो योगियों की पहली सीढ़ी होती है। गोरख नाथ जी कबीर जी से पहले हुए सरकारी बुक अनुसार
@@sachkitah गोरख जी लयाया रे संता री अमरबेल यानी गोरख नाथ जी ने ही संत परंपरा को चालू किया था लोकदेवता रामदेव जी पाबूजी हडबुजी जशनाथ जी गोगा जी संत ज्ञानेश्वर भरथरीजी रूपनाथ जी कबीर जी आदि संत और लोकदेवता गोरख नाथ जी की ही देन है
Kabira Swami koi nahi Swami sirjanhar Swami Bankar Jo phire ghani padegi mar mar Bhai kabir ajanma hai or ajanma hi rahega kabir ke Age gorakhnath ki koi haisiyat nahi hai
@@Satya-sangam-arvindpalतू साबित कर सकता है, कि कबीर दास जी अजन्मे और अविनाशी है, ?? और गोरक्ष नाथ की कबीर दास के आगे कोई हैसियत नहीं थी, इसका तेरा पास क्या प्रमाण है,??
भैय्या आपका ज्ञान भी दुरूस्त करे राजा भर्तृहरि के गुरु कोन थे महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी राजा भर्तृहरि राजा विक्रमादित्य के बड़े भाई थे विक्रम संवत विक्रमादित्य से चालू हुई है फिर क्या भर्तृहरि को दीक्षा देने कोई भुत प्रेत आये थे क्या ,ओर रही बात राजा विक्रमादित्य प्रथम सत्ताब्दि के राजा हुए हैं आप शास्त्र उठाकर ज्ञान को दुरूस्त करे, महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी अयोनिज योगी हे चारों ही युगों में विघमान रहते हैं, उनकी आज तक कोई भी जन्म मृत्यु को नहीं खोज पाए अनेक संम्प्रदायो ने झुठी कहानियां बनाकर उनको साथ जोड़ा गया है ध्यान रहे गोरक्षनाथ जी महाराज अयोनिज है जन्म मरण से परे है,उनको सत्ताब्दियो में बांधना मुर्खता के अलावा कुछ भी नहीं है। शिव ही गोरक्ष हे,गोरक्ष ही शिव है।।
भैय्या 121देश के इतिहासकार लेखक इस विषय पर खोज कर कर के मर चुके हैं आज तक गोरक्षनाथ जी के माता पिता जन्म मरण की तारीख नहीं खोज पाए हैं। शिव ही गोरक्ष हे, गोरक्ष ही शिव है
@@sachkitah सभी युगों में विघमान अयोनिज महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज भक्तों के भाव के अनुसार अनन्त युगों में प्रकट हुए हैं और आगे भी होते रहेंगे जब जब होत धर्म की हानी तब अवतार लेते ब्रह्म ज्ञानी वैसे तो गोरख नाथ नाम के बहुत हुए हैं आज भी कई गोरख नाथ नाम के मिल जाएगे आप को नाथ सम्प्रदाय के इष्ट जो हूं वह अलग है ईडं नहीं था पिंड नहीं था धरा गगन कोई बीज नहीं था नाथ वाणी कोई बिरला जाणी गोरख रमे तहां पवन न पाणी।। यह बेस बाजी का विषय नहीं है,
गोरखनाथ वाली आत्मा सिद्धि भक्तियुक्त थी गोरखनाथ चारों युगों मे आये थे एक समय नाथ पंथ के घटते प्रभाव के देखकर गोरखनाथ धरती पर प्रकट हो गये जैसे सुखदेव ऋषि राजा परीक्षित को कथा सुनाने स्वर्ग से आये थे तो गोरखनाथ जैसा सिद्ध क्यों नही आ सकता गोरख नाथ तथा कबीर जी की ज्ञान चर्चा नाथ साहित्य तथा कबीर सागर दोनों मे वर्णित है आजकल के तथाकथित नाथों को इतना भी विश्वास नही कि धरती को कोख से प्रकट होने वाला गोरख नाथ शरीर त्यागने के बाद भी प्रकट हो सकता है तो क्यों डले ढो रहे है
गुरु गोरखनाथ जी और कबीर जी की ज्ञान चर्चा हुई है कबीर सागर संत गरीब दास जी महाराज के ग्रंथ साहिब में वर्णित है अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी यूट्यूब वीडियो प्रमाण सहित देखें
भाई जी!आप की जो कथा है वह एक कल्पना पर ज्यादा आधारित है क्योंकि जो भी गोरख नाथ की गद्दी पर बैठता था उनको गोरख नाथ कहा जाता था।जैसे अभी भी यू पी के मुख्य मंत्री का वास्तविक नाम कुछ और है लेकिन उनको योगी करके जाना जाता है जैसे गुरु ग्रंथ साहिब में जितने भी गुरु की वाणी है सबके साथ कहो नानक ,कहि नानक करके सम्बोधित किया गया है ।धन्यवाद
तत्वदर्शी संत को ही गुरु बनाना चाहिए ,,, और आज इस पूरी पृथ्वी में ही नहीं बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड में एकमात्र संत रामपाल जी महाराज जी तत्वदर्शी संत है । बंदी छोड़ सतगुरु देव संत रामपाल जी महाराज की जय । 🙏🙏
गोरख नानक दत कबीरा इन चारों का एक शरीरा आज भी कबीर और गोरख आपस मै बात करते है न तो लोगों को कबीर का ज्ञान और न ही गोरख का ज्ञान सब भ्रर्म के सिवाय कुछ नही जिसको ज्ञान है उसने सब पता है कोन क्या है आज जितने यूट्यूब पर संत प्रवचन कर रहे है वे सब अपने आपको प्रमात्मा समझते है पता नही कहां जाएगें ये और इनके साथ लगने वाले गलत लिखा है तो क्षमा चाहूंगा सबसे 🌹🌹🙏🏻🙏🏻
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान हैं , "हम ही अलख अल्ला, कुतब गौंस और पीर , गरीब दास खालिक धनी हमरा नाम कबीर " "पानी से पैदा नहीं, सु आसा नहीं सरीर ,अन्न आहार कर्ता नहीं ताका नाम कबीर " "हाड चाम लहू नहीं मेरे , ना मेरे धर दासी , सतिपुरष साहिब हूं , मैं कबीर अविनाशी " कबीर सागर पडो भा ई पहले , अधूरा ग्यान है तुमहारा
वर्तमान में पूरे विश्व में केवल एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं। जिन्होंने सभी धर्म ग्रंथों को खोलकर यह प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं।
आपको पता है कि संत गरीब दास जी महाराज ने दो बार शरीर त्यागा था कबीर परमेश्वर जी सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग में हजारों बार पृथ्वी पर आए हैं रुप बदल कर और वैसे गोरखनाथ जी और कबीर जी की ज्ञान चर्चा के कई सबूत हैं
मरो है जोगी मरो मरण है रस मीठा इस मरनी मरण मरो जिस मरनी गोरख रस ये मीठा, जो भीतर मरता है वही उसी का कमल खिलता है बार तो बेहोसी मे हर कोई किसी को ढूढ़ने और ख़ुश करने के लिये निकलता है
यह सब कबीर अनुयायियों का पांखड है जो अपने आप मे महान बनने मै लगे है लेकिन वैश्या कभी सती नही होती है, गुरु गोरक्षनाथ जी व कबीर का मिलन भी नहीं हुआ गुरु गोरक्षनाथ जी तो आद अनादि योगी है,कबीर को तो छ सो वर्ष भी हुए हैं
Goshti he banai kisane itna puratan pandulipi Kho nhi sabut nhi abhi dharm shastr dudh ne pani milane jesa he koi sar nhi jisne jesa smja likh diya aur bhakti ko bhagwan bana diya khud ko bhul gya Alakh
Yahi sakht hai Guru Gorakhnath ji MHA Yogeshwar the dwapar mein bhi the yah sab logon ne apna Dharm badhane ke liye charchaen banaa Di Hain Jay Shiv Gorakhnath Jay
Kyon ki jis paise ka प्रयोग भगत नशे के लिए करते थे, वो पैसे अब रामपाल की घुलक में डाल देते हैं। तो नशा कहां से करें ये । और उसी पैसे से रामपाल अरबपति हो रहा है । सच है ना
Gorakhnath ke samay pr Hanuman ji bhi kaha se aa gaye kyunki kahani me dekhne ko milta hai ki Gorakhnath Hanuman ji ko bhi pajit kr diye thhe jaha hnuman ji pehra diya krte thhe akash me to ye bhakti marg hai yaha kuchh bhi kissi bhi samay ho sakta hai
Hlo bai kuch soch smaj ke sath bolna chahiye hmare kabir sahib ji ke bare me bura nhi bol skte app kabir sahib ko pura world manta hai kabir sahib ji ka asthan pehle hai pure World me sat sahib ji Jammu se 🥰🙏🙏🙏hum rampal ke chale nhi kabir sahib ji ke hai 🙏
Gorkh naath ji sidh jogi c jo apni umer nu sidhi naal rok sakde c itehaas gwaah sidh jo kai staabdia tak apni umer rok k rakh sakde c dhyaan Smadhi naal
@@sachkitah किस कारण से जेल में हैं और कब बाहर आयेगे अपना कार्य करने गये है जब कार्य समाप्त होगा अपने आप सारी दुनिया को बताकर आयेंगे तुम्हारे जैसे हाथ मलते रह जायेंगे।
@@sachkitah आप की बुद्धि कहा है गुरु नानक को बेई नदी पर गरीब दास को छुड़ानी में धर्मदास को बंदवगड में घीसादास को मिले दादूदास को रविदास को मीराबाई को मिले वेदों में उसका नाम कविर्देव है
Kis granth mein likha hai....... Kya pransangli jo guru nanak ji ka granth hai usme likha hai, kya sakhi balewali mein likha hai...... Bs lgta hai rampal ki gpod ganga aur Sagar mein hoga
@naveenkhatkar4875 🤗🤗🤗 अरे भाई,,, कवि एक हिंदी शब्द है और कबीर एक अरबी का ,,,, तो वेदों में कवि का मतलब कबीर नहीं है, कवि ऋषि की उपाधि होती है जब वह जब वह अपने शब्दों को कविता में डालता है
@@sachkitahसंस्कृत मे कविरदेव शब्द है लेकिन उसका अर्थ आहे.... सर्वव्यापक परमात्मा.... इन कबीर पंथी लोगो ने संत कबीर जी से नाम जोड दिया 😂🤣😂..... बहुत हसी आती है ऐसे अनपढ लोगो कि बातो पर...... वो लोग तो भगवान शिव को भी कम समझने लगे है..... अरे भाई हद हो गयी...... भगवान श्री कृष्ण और राम को भी कबीर जी से कम समझने लगे है..... भाई ये लोग जान बुझकर हमारे सनातन धर्म को बदनाम कर रहे है.......
,,, गोरखनाथ जी ने जब देखा कि वेषों पंथ का प्रचार रामानंद जी के द्वारा किया जा रहा है तब गोरखनाथ जी पित्र लोक से आए। और। कबीर साहेब जी से ज्ञान चर्चा किए
भा ई साब गोरखनाथ जी पितरलोक से आऐ थे और गोरख जी अपनी मरजी से अपनी उमर लंबी कर लेते थे , उन दोनो की चरचा हु ई थी , जैसे कि नानक साहिब जब लंका ग ऐ थे तो हनुमान से मिले थे ,, हनुमान राम के समय भी और भीम से मिले थे और नानक साहिब से भी मिले थे , तो भा ई साब गोरखनाथ पितरलोक से आकर कबीर साहिब को मिले थे तब कबीर साहिब बच्चे की उमर के थे
गुरु गोरखनाथ तो राम रामेश्वरम में पुल बना रहे थे जब भी मौजूद थे और उन्होंने प्रिया राज्य में हनुमान जी को बंदी बनाया था यह बात कहां तक सही है इस पर अलग वीडियो बानाओ
जब कबीर साहिब जी कि उनसे वार्ता हुई थी उससे पहले गोरखनाथ जी पित्तर लोक में थे धरती पर नहीं थे,, वैष्णव साधुओं को ज्ञान गोष्टी में हराने के लिए गोरखनाथ जी पितर लोग से धरती पर आए और कबीर साहिब जी से ज्ञान गोष्टी की, क्योंकि कबीर जी वैष्णव संत रामानंद जी के शिष्य थे,, सत्यकथा को जानने के लिए कृपया संत रामपाल जी के सत्संग सुने,, सत साहेब
Bas Ye aise hi Chutya Banate hai, inke kai chelo ko janata hu jo bahar to baate karate hain leki inake ghar me Non veg Khate hai, Rampal Pakhandi Tha hai , tabhi jel main hai , agar bhagwan ka awatar hota to ab tak bahar hota
संत कबीर ओर गुरु गोरख नाथ जी की चर्चा कब kha हुई कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता चर्चा का विषय क्या हे उसका जानना ज़रूरी हे नाथों में योग ही सर्वोपरी हे सन्त कबीर सहज सुमिरन सर्वोपरी हे योग से त्रिकुटी तक पहुँचा जा सकता हे सुमिरन से सुरता तक
गोरख को कोई नहीँ तोड़ सकता भेड़े एक के बाद एक कुवे मे गिर जाती है गोरख नहीँ गिरता है गोरख वो है जो tumhe सीधे चेतना की सीकरता पर लेके जा सकता है जबकि ना कबीर ऐसा कर सकता ना कोई और. जिसे तुम अहम् कहते हो वो केवल मन का भाव है तुम्हे लगता पास वाली भिड़ जिससे प्रसन्न हो जाये वो अहम् नहीँ तो वो जो भीतर बेटा है उसे पता है तुम्हारा रंगमंच ही अहम् से चलता है और किसी से नहीँ
Sach ki Tah वाले भाई साहब, आपकी ज्ञानचक्षु खुला नहीं है । इसलिए संत रामपाल जी द्वारा सत ज्ञान को समझ नहीं सकते । उनका ज्ञान आपके हृदय मे जाकर सीधा लग रहा है इसलिए भी आपको उनसे जलन पैदा हो रही है। लेकिन उनका ज्ञान व कही बातें 100% सच है। आपको यदि परमात्मा पाना है तो वे स्वयं धरती पर मौजूद है । उनसे मिलकर बातें करके अपनी शंका का समाधान पा सकते हो लेकिन आपको परमात्मा से कोई लेना देना नहीं है केवल जनता को भड़काने का ठेकेदार बन रहे हो ।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहब को न जानने वाली आत्माए , बड़ी भोली है ,बहक जाती है ,डग मगा जाती है ,समय लगेगा ,सच्चे परमात्मा को जानने मे ,उस पर विश्वास करने मे ,जिस मालिक को अंसंख्य वर्षो पहले खो दिया हो ,उसको पहचानना हर आत्मा के वशमे नही
तो आप जो कह रहे हैं वह कैसे सच हो सकता है कोई सबूत है लेकिन कबीर जी के साथ गोरखनाथ को ज्ञान चर्चा हुआ था यह सच है क्योंकि कबीर सागर में यह बात लिखा हुआ है जैसे पांडवों का पुत्र राजा परीक्षित का आकाश वाणी हुआ था कि तुम आठवें दिन एक सर्प को काटने से तुम्हें मृत्यु हो जाएगा तो इस लोक का सब मोह माया छोड़ कर के परमात्मा में ध्यान चित् बैठने के लिए अपने गुरुजी को बुलाए और भागवत कथा सुनाने के लिए आग्रह किया तो उस समय कोई ब्राह्मण भागवत कथा सुनने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ।। तो स्वर्ग लोक से सुखदेव जी आए थे और श्रीमद् भागवत कथा सुनाएं थे ठीक इसी प्रकार गोरखनाथ जी नाथ परंपरा को डूबते हुए सहन नहींकर पाए और रामानंद जी ज्ञान चर्चा में हारने के लिए स्वर्ग से आ गए उस समय कबीर परमात्मा रामानंद जी को शिष्य बनकर अपनी भूमिका निभा रहे थे।।।।।। सर जी अब आप ये नहीं बोलना कि यह सब झूठ है और एक बात और संत रामपाल जी महाराज के मुख्य मंडल से निकली हुई वाणी 100% सत्य है जय हो बंदी छोड़ की
भाई साहेब ये 100%सत्य है कि गोरखनाथ और कबीर साहेब जी की ज्ञान चर्चा हुई थी यह कबीर सागर में प्रमाण है और कबीर सागर कोई झूठा नहीं है मान बड़ाई के कारण सत्य से मुंह ना मोड़ो सत्य सत्य ही होता है कड़वा होता है लेकिन सच्चा होता है
गौरख नाथ 1100 मे आये -नाथ परमपरा चलायी (8 सिद्धी वाले थे यानी शरीर त्यागने के बाद ,भी जब चाह जब आ सकते है ) रामानंद (कबीर साहब 1400 मे )- वैष्णव पंथ इतना फैल गया की नाथ परंपरा का पतन होता चला गया , गौरखनाथ जी ,नाथ परंपराओ का अंत नही देखा गया ,वो पितृ लोक से ,रामानंद जी को सिद्धीयो के माध्यम से हराने आये ,पर कबीर साहब से गुरू ज्ञान लेकर ,निज धाम सतलोक गए पूर्ण परमात्मा कबीर साहब, का आपको क ख पत्ता नही भक्त जी , आप जिस तरह सबूतो की गणित लगाकार बात कर रहे है ,उस गणित के हिसाब से तो सब धर्मग्रंथ झूठे है ,सब भगवान नकली है ,क्या करोगे फिर भक्ति करके ,
कहा गोरख और कहा कबीर गोरकानाथ वो है जो मुर्दे मे प्राण डाल दे किसी की तुलना गोरख से ना करो गोरख एक हिरा है जबकि कबीर महावीर का छोटा सा अंश प्रतीत होते है
Kya gorakh nath guru nanak sant kabir guru ravidash ek hi samay me huye he or kya ye sab aapas me kbhi mile he ek dusre se koi gyan charcha huye he inke bich
क्यो कि गुरू गोरखनाथ एक हि सिद्ध युक्त नाथ पथ से थे गोरखनाथ के केई जन्म हो चेक थे 1398 कबीर परमात्मा ईस धरती पर आते तों रामानंद जी भगवान विष्णु के कट्टर पुजारी थे कबीर परमात्मा की रामानंद जी से गान गोष्ठी हुई सतलोक दिखाया इन भगवानो कि पूजा बन्द कर दी पितर लोक गोरखनाथ को पता चला है कि हमारा नाथ पथ खत्म होने पर है तब कबीर व गोरखनाथ जी गान चर्चा की
😅😊😂😂😂😂😆😂😂🤣🤣 गोरख 10वी शताब्दी मे पैदा हुए और 11 वी शताब्दी मे मृत्यु को प्राप्त हुए व स्वर्ग को सिधार गए थे बाद में वैष्णो पंथ से ज्ञान गोष्ठी करने व शैवपंथ का प्रचार करने हेतु 14वी शताब्दी में स्वर्ग से आए थे। अधूरा ज्ञान है तुम्हारे पास 12वी शताब्दी से 19वी शताब्दी का सारा इतिहास सत्य है 😁😁😁
जो भगवान बोलता वो मुर्ख है भगवान होता क्या है ये बताओ सब इंसान है सब उनकी तपस्या और सदनाओं का फल है. इस प्रकति से बड़ा कोई नहीँ क्योंकि ये प्रकति खुद चेतना की सीकरता है जिसमे बेहोसे और कुछ कम जाग्रत चीजे है लेकिन मुर्ख इंसान को लगता जो अतीत मे था वो भगवान है जबकि कुछ नहीँ है
साहिब बंदगी सतनाम
जय नितिन साहेब
बिल्कुल सही कहा साहब आपने
हाजी मलंग में मुंबई में इसीलिए मैंने यह ऑडियो बनाया था इसीलिए मैंने आध्यात्मिक के साथ जुड़ा हैगोरखनाथ और कबीर साहेब के बीच में 300 साल का अंतर है आपने बिल्कुल सही बोला इसका आध्यात्मिक अर्थ इसीलिए मैंने किया
कोटि-कोटि नमन है आपको जो आपने मेरी बात को समर्थन दिया
साहिब बंदगी सतनाम साहिब जी
300नही 1400बोल सकते हो विक्रम संवत प्रथम सत्ताब्दि विक्रमादित्य के राज में चालु किया गया है भर्तृहरि के छोटे भाई थे राजा विक्रमादित्य, भर्तृहरि व विक्रमादित्य के गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज ही हे,ओर कोई नहीं
आप बिल्कुल सही कह रहे हैं इनकी आपस में ज्ञान चर्चा नहींहुई है।
पार्क कबीरपंथी इनको
नहींमानेंगे उसके लिए एक उदाहरण है कबीर ने भगवान चोला पावड़ी चिमटा आदि लिए थे इसका मतलब यह हुआ कि गुरु गोरखनाथ ने कबीर को ज्ञान में हरा दिया था और अपना शिष्य बना लिया था यह बात प्रूफ है कि कवि ने योगियों जैसा देश क्यों बनाया था वह गुरु गोरखनाथ से हार गए थे
महाराज जी आपने बिल्कुल सत्य ज्ञान बताया, आपकि जय हो
महायोगी गोरक्षनाथ जी महाराज को आदेश आदेश आदेश संत सिरोमणी कबीर साहेब जी महाराज को कोटि कोटि प्रणाम 🕉️ 🕉️🔱🔱🌹🌹🙏🙏🙏🌹🔱🙏🌹
बिल्कुल सही कहा आपने आदेश नाथ जी
गुरु गोरखनाथ जी महाराज और संत कबीर दास जी दोनों ही परमात्मा को मानने वाले थे लेकिन रामपाल जैसे चेले जिस गुरु के होंगे वो ना तो अपने गुरु को सम्मानित रहने देते हैं और ना ही किसी दूसरे गुरु की गरिमा को बनाए रखने में सहायक होते हैं कोई गुरु नहीं सिखाता दूसरे पंथ की निन्दा करो
गोरखनाथ को भी दीक्षा कबीर ने दी थी।
सच है संत रामपाल जी को उनके चेलों ने
जेल में डलवाया और उनके नाम से बहुत आश्रम बनाकर पैसे लूट रहे हैं भक्तों को गुमराह करके।
😄😄😄😄😄😄😄
@@madansinghhansrajpunjabipunjabगुरु गोरखनाथ जी शिव अवतारी है उन्हें कोई क्या ज्ञान देगा कबीर जी महान संत थे उनकी महानता पर कोई शक नहीं लेकिन गुरू गोरखनाथ जी को लेकर उटपटांग बातें करना ठीक नहीं
@@madansinghhansrajpunjabipunjab मुर्ख ही नहीं महामुर्ख हे तु गोरक्ष शब्द का पहले अर्थ बता बाद में गुरु शिष्य बनाना
जी यह जेली राडंपाल के शिष्य हे जैसा गुरु वैसे चेले इनसे क्या उम्मीद करना हे इनके पास तेरी मेरी छोटा बड़ा के अलावा कुछ नहीं है,
कबीर जी गोरख नाथ जी से प्रभावित थे
कबीर ने गोरख नाथ जी की वाणियो को माध्यम बनाकर उनको नया रूप देने का काम किया है आज जो भी कबीर वाणी भजन हे सब गोरख वाणियो का ही नया रूप है
गोरख नाथ जी की वाणियो को हर कोई समझ नही सकता गोरखवानी उल्टी वाणी हे
इन वाणियो को कबीर जेसे महान संत ही नया रूप दे सकते हे
कबीर ने गोरख नाथ जी की साधना को माध्यम बनाया
Kya gorakh nath tab the jab Kabir tha
@@sachkitahनहीं
कबीर जी गोरख नाथ जी के बाद हुए कबीर जी ने नाथ योग की नादानुस्धान विधि का
को अपनाया था जो योगियों की पहली सीढ़ी होती है।
गोरख नाथ जी कबीर जी से पहले हुए
सरकारी बुक अनुसार
@@sachkitah गोरख जी लयाया रे संता री अमरबेल यानी गोरख नाथ जी ने ही संत परंपरा को चालू किया था लोकदेवता रामदेव जी पाबूजी हडबुजी
जशनाथ जी गोगा जी संत ज्ञानेश्वर भरथरीजी रूपनाथ जी कबीर जी आदि संत और लोकदेवता गोरख नाथ जी की ही देन है
Kabira Swami koi nahi Swami sirjanhar Swami Bankar Jo phire ghani padegi mar mar
Bhai kabir ajanma hai or ajanma hi rahega kabir ke
Age gorakhnath ki koi haisiyat nahi hai
@@Satya-sangam-arvindpalतू साबित कर सकता है, कि कबीर दास जी अजन्मे और अविनाशी है, ?? और गोरक्ष नाथ की कबीर दास के आगे कोई हैसियत नहीं थी, इसका तेरा पास क्या प्रमाण है,??
Om shiv gorakh Yogi..
Har har mahadev.
Satyam shivam sundaram..🔱❣️
Om shiv gorakhs
भैय्या आपका ज्ञान भी दुरूस्त करे राजा भर्तृहरि के गुरु कोन थे महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी राजा भर्तृहरि राजा विक्रमादित्य के बड़े भाई थे विक्रम संवत विक्रमादित्य से चालू हुई है फिर क्या भर्तृहरि को दीक्षा देने कोई भुत प्रेत आये थे क्या ,ओर रही बात राजा विक्रमादित्य प्रथम सत्ताब्दि के राजा हुए हैं आप शास्त्र उठाकर ज्ञान को दुरूस्त करे, महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी अयोनिज योगी हे चारों ही युगों में विघमान रहते हैं, उनकी आज तक कोई भी जन्म मृत्यु को नहीं खोज पाए अनेक संम्प्रदायो ने झुठी कहानियां बनाकर उनको साथ जोड़ा गया है ध्यान रहे गोरक्षनाथ जी महाराज अयोनिज है जन्म मरण से परे है,उनको सत्ताब्दियो में बांधना मुर्खता के अलावा कुछ भी नहीं है।
शिव ही गोरक्ष हे,गोरक्ष ही शिव है।।
हमने ये कहा है कि कबीर और नानक के समय गोरखनाथ नहीं था ।
अगर था तो जन्म और मरण का तारीख क्या थी ?
भैय्या 121देश के इतिहासकार लेखक इस विषय पर खोज कर कर के मर चुके हैं आज तक गोरक्षनाथ जी के माता पिता जन्म मरण की तारीख नहीं खोज पाए हैं।
शिव ही गोरक्ष हे,
गोरक्ष ही शिव है
@@sachkitah सभी युगों में विघमान अयोनिज महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज भक्तों के भाव के अनुसार अनन्त युगों में प्रकट हुए हैं और आगे भी होते रहेंगे जब जब होत धर्म की हानी तब अवतार लेते ब्रह्म ज्ञानी वैसे तो गोरख नाथ नाम के बहुत हुए हैं आज भी कई गोरख नाथ नाम के मिल जाएगे आप को
नाथ सम्प्रदाय के इष्ट जो हूं वह अलग है
ईडं नहीं था
पिंड नहीं था
धरा गगन कोई बीज नहीं था
नाथ वाणी कोई बिरला जाणी
गोरख रमे तहां पवन न पाणी।।
यह बेस बाजी का विषय नहीं है,
@@sachkitah पहले गोरख नाथ जी के प्रति वाणी तुम्हारे शब्दों से हमें तुम्हारा भाव दिख रहा है ,
@omyogi9302 😄😄😄 पढ़ें लिखे होकर ,,, अंधविश्वास
Truth बिल्कुल सत्य
Jai Guru Goraknath ji
कांमणि अंग विरकत भया, रत भया हरि नाहि। साषी गोरखनाथ ज्यूँ, अमर भये कलि माहि ।।
सब गप
गोरखनाथ वाली आत्मा सिद्धि भक्तियुक्त थी गोरखनाथ चारों युगों मे आये थे
एक समय नाथ पंथ के घटते प्रभाव के देखकर गोरखनाथ धरती पर प्रकट हो गये जैसे सुखदेव ऋषि राजा परीक्षित को कथा सुनाने स्वर्ग से आये थे तो गोरखनाथ जैसा सिद्ध क्यों नही आ सकता
गोरख नाथ तथा कबीर जी की ज्ञान चर्चा
नाथ साहित्य तथा कबीर सागर दोनों मे वर्णित है आजकल के तथाकथित नाथों को इतना भी विश्वास नही कि धरती को कोख से प्रकट होने वाला गोरख नाथ शरीर त्यागने के बाद भी प्रकट हो सकता है तो क्यों डले ढो रहे है
Bilkul, sahi, gyan, hi, aisa, gyan, dene, keliye, bahut, 2,abhAr
जय शिव गोरख
ॐ नम शिबाय हर हर माहादेब जय सम्भो शिव शिव हरहर्हरहरहर्हरह्र
❤ very nice ❤
कहां गुरू गोरखनाथ जी और कहां उनकी धुल के बराबर कबीर। रामपाल ओलिया कलयुगी कालनेमी है जो गुलामों की तलाश में है।
Very good sardaar sahab ❤❤❤🙏🙏🙏
Gorakhnath ke time kabeer ka jnm hi nhi hua tha Gyan chrch kese hogi aapki bat shi h ji
गुरु गोरखनाथ जी और कबीर जी की ज्ञान चर्चा हुई है
कबीर सागर संत गरीब दास जी महाराज के ग्रंथ साहिब में वर्णित है
अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी यूट्यूब वीडियो प्रमाण सहित देखें
Kabir Saheb--Only and only Supreme God
Jinse bara na koi
Nanak Saheb ko bhi Gyan Ki prapti Kabir Saheb ❤se hi hui thi.
Ye 100% saty hai
Supreme matalab
Right only pruab prmatma kberdass ha
भाई जी!आप की जो कथा है वह एक कल्पना पर ज्यादा आधारित है क्योंकि जो भी गोरख नाथ की गद्दी पर बैठता था उनको गोरख नाथ कहा जाता था।जैसे अभी भी यू पी के मुख्य मंत्री का वास्तविक नाम कुछ और है लेकिन उनको योगी करके जाना जाता है जैसे गुरु ग्रंथ साहिब में जितने भी गुरु की वाणी है सबके साथ कहो नानक ,कहि नानक करके सम्बोधित किया गया है ।धन्यवाद
तत्वदर्शी संत को ही गुरु बनाना चाहिए ,,, और आज इस पूरी पृथ्वी में ही नहीं बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड में एकमात्र संत रामपाल जी महाराज जी तत्वदर्शी संत है ।
बंदी छोड़ सतगुरु देव संत रामपाल जी महाराज की जय ।
🙏🙏
Umar kaidi hai
तेरा तत्व दर्शी रोज पेरोल की अर्जी पर अर्जी लगा रहा हे जेल में ही सड़ेगा तब तक सांस रहेगी
Moorkh hai tu
बंदी छोड़ बंदी छुड़वा रहे हैं किंतु अब बंदी नहीं छोड़ रहे
Rampal apna bandan nahi kholta he to dusare ka kiya kholega
ਤੁਹਾਡਾ ਅਧਿਆਤਮਿਕ ਗਿਆਨ ਜੀਰੋ ਹੈ ਜੀ
Aap sahi hai
बिल्कुल नहीं हुई है सब झूठ बोलते गुरु गोरखनाथ जी को झूठा बोलते हैं❤❤❤🙏🏻🙏🏻 गोरक्ष नाथ स्वयं शिव है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ऐ पागल अगर शिव है तो 1100 के बाद 1400 मे नही आ सकता , अगर नही आ सकते तो किस बात के शिव ,फिर तो नकली हुई गौरखनाथ ,मानना छोड़ दो
सत्य वचन 🙏
गोरख नानक दत कबीरा इन चारों का एक शरीरा आज भी कबीर और गोरख आपस मै बात करते है न तो लोगों को कबीर का ज्ञान और न ही गोरख का ज्ञान सब भ्रर्म के सिवाय कुछ नही जिसको ज्ञान है उसने सब पता है कोन क्या है आज जितने यूट्यूब पर संत प्रवचन कर रहे है वे सब अपने आपको प्रमात्मा समझते है पता नही कहां जाएगें ये और इनके साथ लगने वाले गलत लिखा है तो क्षमा चाहूंगा सबसे 🌹🌹🙏🏻🙏🏻
कोई प्रूफ है,,,कि नानक देव, कबीर और गोरखनाथ की आज भी आपस में बात होती है 😀
जय गुरु गोरख नाथ जी
Shi kha apne
Aadesh Aadesh ji
💯 sahi ho aap
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान हैं ,
"हम ही अलख अल्ला, कुतब गौंस और पीर , गरीब दास खालिक धनी हमरा नाम कबीर "
"पानी से पैदा नहीं, सु आसा नहीं सरीर ,अन्न आहार कर्ता नहीं ताका नाम कबीर "
"हाड चाम लहू नहीं मेरे , ना मेरे धर दासी , सतिपुरष साहिब हूं , मैं कबीर अविनाशी "
कबीर सागर पडो भा ई पहले , अधूरा ग्यान है तुमहारा
भगवान क्या होता है ये बताओ
वर्तमान में पूरे विश्व में केवल एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं। जिन्होंने सभी धर्म ग्रंथों को खोलकर यह प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं।
😅
@@shankarmeena4133संत रामपाल जैसे मूर्ख बनाने वाले बाबा कितने आए कितने चले गए, और अभी ना जाने कितने आएंगे 😂😂😂
Gita pres k book me jo anuvad he vo bolta he tumara rampal rampal ka guru geeta press gorakh pur he 😮
गोरखनाथ जी स्वर्ग से आएं हुएं थे उस समय कबीर परमेश्वर ने ही उन्हें पहचाना था क्योंकि कबीर साहेब पुर्ण परमात्मा है ये इस बात का प्रमाण है
Koi tarikh ,,, samat ..... Koi likhat
11vi शताब्दी तो देख ली आप ने, ये नहीं देखा की वो कितने साल जिए, वो 700 ਸਾਲ जिए है
700 saal उनकी उम्र थी
बिल्कुल सही बता रहे हैं
आपको पता है कि संत गरीब दास जी महाराज ने दो बार शरीर त्यागा था कबीर परमेश्वर जी सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग में हजारों बार पृथ्वी पर आए हैं रुप बदल कर और वैसे गोरखनाथ जी और कबीर जी की ज्ञान चर्चा के कई सबूत हैं
किसने कहा ?
सब गप्प
मरो है जोगी मरो मरण है रस मीठा इस मरनी मरण मरो जिस मरनी गोरख रस ये मीठा,
जो भीतर मरता है वही उसी का कमल खिलता है बार तो बेहोसी मे हर कोई किसी को ढूढ़ने और ख़ुश करने के लिये निकलता है
पानी से पैदा नहीं श्वास नहीं शरीर अन जल करता नहीं ताका नाम कबीर साहेब जी भगवान थे
मतलब वो खाना नहीं खाता था 😄😄😄🙏
कपड़ा बुनना क्यों? जब आहार नहीं तो
कपड़ा बनाने का काम इसलिए क्या करते थे कि आज हम लोग को सीख मिल सके और काम करते करते परमात्मा का भक्ति करके भगत जी
@mukeshdas-1647 😄😄😄😄
Sahi bat
यह सब कबीर अनुयायियों का पांखड है जो अपने आप मे महान बनने मै लगे है लेकिन वैश्या कभी सती नही होती है, गुरु गोरक्षनाथ जी व कबीर का मिलन भी नहीं हुआ गुरु गोरक्षनाथ जी तो आद अनादि योगी है,कबीर को तो छ सो वर्ष भी हुए हैं
Bhai ji aapko gyan nahi hai
कबीर sager में कबीर साहेब जी और
गोरखनाथ जी की ज्ञान गोष्टी का प्रमाण हैं
Goshti he banai kisane itna puratan pandulipi Kho nhi sabut nhi abhi dharm shastr dudh ne pani milane jesa he koi sar nhi jisne jesa smja likh diya aur bhakti ko bhagwan bana diya khud ko bhul gya
Alakh
Bilkul satya kah rahe he majaraj
Yahi sakht hai Guru Gorakhnath ji MHA Yogeshwar the dwapar mein bhi the yah sab logon ne apna Dharm badhane ke liye charchaen banaa Di Hain Jay Shiv Gorakhnath Jay
तो फिर कैसे लोगों का नशा मुक्त हो जाता है बताए संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आने के बाद?
Kyon ki jis paise ka प्रयोग भगत नशे के लिए करते थे, वो पैसे अब रामपाल की घुलक में डाल देते हैं। तो नशा कहां से करें ये । और उसी पैसे से रामपाल अरबपति हो रहा है । सच है ना
कबिर साहेबमे लिखा है ज्ञान् चर्चा हुआ था 🙏
महाझुठ नाथ जीनत है दास गुलाम है कायर कबीर तर्क को ही महान बताते हैं
Gorakhnath ke samay pr Hanuman ji bhi kaha se aa gaye kyunki kahani me dekhne ko milta hai ki Gorakhnath Hanuman ji ko bhi pajit kr diye thhe jaha hnuman ji pehra diya krte thhe akash me to ye bhakti marg hai yaha kuchh bhi kissi bhi samay ho sakta hai
@@unheardstoryofgod तब तक जानने का प्रयास करे जब तक आत्म संतुष्टि न हो जय
गोरख जी और कबीर सहाब का स्थान है गोरखपुर मै सही है
कबीर पाखंडी था गुरु गोरखनाथ भगवान शिव का अवतार था 🙏🙏🙏🙏🙏
Kabir se bada sant koi nahi hua
कबीर को कभी भगवत प्राप्ति नहीं हुई गोरखनाथ तो खुदी भगवान थे
@@Ramnareshsarvan5878
Bina jane koi comment mat karo
Kabir bhagwan se bhi uper the pahle jano phir bolo
मेरे को आप पाखंडी रामपाल का चेला लगते हो 😄😄😄😄
Hlo bai kuch soch smaj ke sath bolna chahiye hmare kabir sahib ji ke bare me bura nhi bol skte app kabir sahib ko pura world manta hai kabir sahib ji ka asthan pehle hai pure World me sat sahib ji Jammu se 🥰🙏🙏🙏hum rampal ke chale nhi kabir sahib ji ke hai 🙏
Alha Udal Ke Time me Bhi Aaj Se 900 Varsh Poorv Guru Gorakhnath The
allah udal prthiraj ke time main they correct your self
Shi btaya
Gorkh naath ji sidh jogi c jo apni umer nu sidhi naal rok sakde c itehaas gwaah sidh jo kai staabdia tak apni umer rok k rakh sakde c dhyaan Smadhi naal
Mera matlab eh hai Kabir aur Nanak ki tarah unki mrityu tarikh kyon nahi?
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Aate hun gorakhnath kithe aa?
कबीर जी कहीं भी कभी भी प्रगट हो सकतें हैं
वैसे ही गोरखनाथ भी । इसलिए चर्चा हो सकती है
अपने परम भक्त, रामपाल को उम्रकैद से बचाने केलिए तो प्रगट नहीं हुए ।😄
@@sachkitah किस कारण से जेल में हैं
और कब बाहर आयेगे अपना कार्य करने गये है
जब कार्य समाप्त होगा अपने आप सारी दुनिया
को बताकर आयेंगे तुम्हारे जैसे हाथ मलते रह
जायेंगे।
Katal aur rape ke kesh
@@sachkitah एक भी रेप केस है बताये
Shahi he
love you my Baba g Jai ho mere sidh yogi Gorakhnath ki ❤️❤️❤️
👌👌👌👌🙏🙏
कबीर साहेब भगवान है वेदों में प्रमाण है
बुद्धि का इस्तेमाल करो कबीर एक अरबी भाषा का शब्द है जिसपर मुस्लिम अपना नाम रखते हैं। वेदों में संस्कृत भाषा है तो वेदों में कबीर शब्द नहीं है।
@@sachkitah आप की बुद्धि कहा है गुरु नानक को बेई नदी पर गरीब दास को छुड़ानी में धर्मदास को बंदवगड में घीसादास को मिले दादूदास को रविदास को मीराबाई को मिले वेदों में उसका नाम कविर्देव है
Kis granth mein likha hai....... Kya pransangli jo guru nanak ji ka granth hai usme likha hai, kya sakhi balewali mein likha hai......
Bs lgta hai rampal ki gpod ganga aur Sagar mein hoga
@naveenkhatkar4875 🤗🤗🤗 अरे भाई,,, कवि एक हिंदी शब्द है और कबीर एक अरबी का ,,,, तो वेदों में कवि का मतलब कबीर नहीं है,
कवि ऋषि की उपाधि होती है जब वह जब वह अपने शब्दों को कविता में डालता है
@@sachkitahसंस्कृत मे कविरदेव शब्द है लेकिन उसका अर्थ आहे.... सर्वव्यापक परमात्मा.... इन कबीर पंथी लोगो ने संत कबीर जी से नाम जोड दिया 😂🤣😂..... बहुत हसी आती है ऐसे अनपढ लोगो कि बातो पर...... वो लोग तो भगवान शिव को भी कम समझने लगे है..... अरे भाई हद हो गयी...... भगवान श्री कृष्ण और राम को भी कबीर जी से कम समझने लगे है..... भाई ये लोग जान बुझकर हमारे सनातन धर्म को बदनाम कर रहे है.......
,,, गोरखनाथ जी ने जब देखा कि वेषों पंथ का प्रचार रामानंद जी के द्वारा किया जा रहा है तब गोरखनाथ जी पित्र लोक से आए। और। कबीर साहेब जी से ज्ञान चर्चा किए
Gapp 😀
द्यानी नहीँ शिव सार सा ज्ञानी गोरख सा, क्या ऐसी कोई प्रतिमा है शिव सा रस मिल जाये
भा ई साब गोरखनाथ जी पितरलोक से आऐ थे और गोरख जी अपनी मरजी से अपनी उमर लंबी कर लेते थे , उन दोनो की चरचा हु ई थी , जैसे कि नानक साहिब जब लंका ग ऐ थे तो हनुमान से मिले थे ,, हनुमान राम के समय भी और भीम से मिले थे और नानक साहिब से भी मिले थे ,
तो भा ई साब गोरखनाथ पितरलोक से आकर कबीर साहिब को मिले थे तब कबीर साहिब बच्चे की उमर के थे
अंधभक्ति ने तुम्हे अंधा बना दिया है😂😂 कबीर और गोरख नाथ का कभी संवाद नही हुआ था😂😂😂
Aap sahi he gorkh 11th satawdi Or kaber ji 13.90 ke pass hua tha
Kabir is supreme god
God ka matalab janite ho
Kabir was only Bhagat
गुरु गोरखनाथ तो राम रामेश्वरम में पुल बना रहे थे जब भी मौजूद थे और उन्होंने प्रिया राज्य में हनुमान जी को बंदी बनाया था यह बात कहां तक सही है इस पर अलग वीडियो बानाओ
😀
जब कबीर साहिब जी कि उनसे वार्ता हुई थी उससे पहले गोरखनाथ जी पित्तर लोक में थे धरती पर नहीं थे,, वैष्णव साधुओं को ज्ञान गोष्टी में हराने के लिए गोरखनाथ जी पितर लोग से धरती पर आए और कबीर साहिब जी से ज्ञान गोष्टी की, क्योंकि कबीर जी वैष्णव संत रामानंद जी के शिष्य थे,, सत्यकथा को जानने के लिए कृपया संत रामपाल जी के सत्संग सुने,, सत साहेब
ਗੁਰੂ ਗੋਰਖ ਨਾਥ ਤਾਂ 10 ਜਾਂ 11 ਵੀ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਆਏ ਨੇ ਜਿਹੜੇ ਕਬੀਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਉਹ 14 ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਆਏ ਨੇ ਆਰੀ ਦੇ ਇਕ ਪਾਸੇ ਦੰਦੇ ਨੇ ਪਰ ਜਿਹੜੇ ਫੁਦੂ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਦੋਨੋ ਪਾਸੇ ਦੰਦੇ ਨੇ ਅਖੇ ਜੀ ਉਹ ਧਰਤੀ ਤੇ ਨਹੀਂ ਆਏ ਇਹ ਝੂਠ ਆਪਣੇ ਤੇਰੇ ਵਰਗੇ ਫੁਦੂ ਬੰਦੇ ਕੋਲ ਬੋਲੀ
मुर्खता बकवास ओर कुछ नही
सत्य वचन ,,, बंदी छोड़ सतगुरुदेव रामपाल जी महाराज की जय हो । 🙏🙏
जेल में जा के सुण लो 😢
Bas Ye aise hi Chutya Banate hai, inke kai chelo ko janata hu jo bahar to baate karate hain leki inake ghar me Non veg Khate hai, Rampal Pakhandi Tha hai , tabhi jel main hai , agar bhagwan ka awatar hota to ab tak bahar hota
संत कबीर ओर गुरु गोरख नाथ जी
की चर्चा कब kha हुई
कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता
चर्चा का विषय क्या हे
उसका जानना ज़रूरी हे
नाथों में योग ही सर्वोपरी हे
सन्त कबीर सहज सुमिरन सर्वोपरी हे
योग से त्रिकुटी तक पहुँचा जा सकता हे
सुमिरन से सुरता तक
Jai guru gorakhnath..
Thank you 🙏
ਭਾਈ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਸ਼੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦਾ ਜਨਮ 1469 ਇਸਵੀ ਕਾ ਹੈ ਫਿਰ ਬਾਬਾ ਨਾਨਕ ਜੀ ਨੇ ਗੁਰੂ ਗੋਰਖ ਨਾਥ ਜੀ ਸੇ ਬਾਤਚੀਤ ਕੈਸੇ ਕੀ ਸਿੱਧ ਗੋਸ਼ਟ ਸ਼੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿੱਚ ਦਰਜ਼ ਹੈ ਅਬ ਬਤਾਓ ਕਿਆ ਗੁਰੂ ਗੋਰਖ ਨਾਥ ਜੀ ਕੀ ਕਿਤਨੀ ਉਮਰ ਥੀ ਉਸ ਟਾਈਮ ਔਰ ਬਾਬਾ ਨਾਨਕ ਕੀ ਉਮਰ ਕਿਤਨੀ ਥੀ
अपने से नीचे वाला कमेंट देखो।
मेरे हिसाब से दोनो की वार्ता गोरखनाथ से नही गोरखनाथ के पंथक शिष्यों से हुई होगी ।
पर गोरखनाथ से नही
गेरख नाथ के चेलों का हंकार भी नानक साहिब ने तोडा था ,कबीर ही नानक साहिब के गुरू थे ,नानक साहिब की लिखत पराणसंगली पडलो भा ई
Nanak Kabir ke guru the ....
गोरख को कोई नहीँ तोड़ सकता भेड़े एक के बाद एक कुवे मे गिर जाती है गोरख नहीँ गिरता है गोरख वो है जो tumhe सीधे चेतना की सीकरता पर लेके जा सकता है जबकि ना कबीर ऐसा कर सकता ना कोई और.
जिसे तुम अहम् कहते हो वो केवल मन का भाव है तुम्हे लगता पास वाली भिड़ जिससे प्रसन्न हो जाये वो अहम् नहीँ तो वो जो भीतर बेटा है उसे पता है तुम्हारा रंगमंच ही अहम् से चलता है और किसी से नहीँ
Ye sb rampal ke dwara falaye gye afvah h or kuch nhi kabirdas ramanand ke shishya thaa bhagvan nhi 😂😂😂😂
Sach ki Tah वाले भाई साहब, आपकी ज्ञानचक्षु खुला नहीं है । इसलिए संत रामपाल जी द्वारा सत ज्ञान को समझ नहीं सकते । उनका ज्ञान आपके हृदय मे जाकर सीधा लग रहा है इसलिए भी आपको उनसे जलन पैदा हो रही है। लेकिन उनका ज्ञान व कही बातें 100% सच है। आपको यदि परमात्मा पाना है तो वे स्वयं धरती पर मौजूद है । उनसे मिलकर बातें करके अपनी शंका का समाधान पा सकते हो लेकिन आपको परमात्मा से कोई लेना देना नहीं है केवल जनता को भड़काने का ठेकेदार बन रहे हो ।
😀 रामपल का खुला है क्या तभी तो पुलिस
तुमने पा लिया क्या 😀
सही बात है भाई इनको कबीर परमात्मा से पता नहीं क्या दिक्कत है?
उन सतपुर्षो के सबदो कोअपने जीवन उतरोगे तो सब समझ में आ जायेगा ।संमतो के चकरो में भटक जावोगे।
जब त्रेता युग के हनुमान जी द्वापर युग में भीम से मिल सकते हैं to ismein ashcharya kya hai
😀 sahi kaha
पूर्ण परमात्मा कबीर साहब को न जानने वाली आत्माए , बड़ी भोली है ,बहक जाती है ,डग मगा जाती है ,समय लगेगा ,सच्चे परमात्मा को जानने मे ,उस पर विश्वास करने मे ,जिस मालिक को अंसंख्य वर्षो पहले खो दिया हो ,उसको पहचानना हर आत्मा के वशमे नही
बाबा जी गोरखनाथ जी की उम्र तो पता कर लीजिए, उनकी उम्र 700 saal थी, 700 साल जिए वो
तो आप जो कह रहे हैं वह कैसे सच हो सकता है कोई सबूत है
लेकिन कबीर जी के साथ गोरखनाथ को ज्ञान चर्चा हुआ था यह सच है क्योंकि कबीर सागर में यह बात लिखा हुआ है
जैसे पांडवों का पुत्र राजा परीक्षित का आकाश वाणी हुआ था कि तुम आठवें दिन एक सर्प को काटने से तुम्हें मृत्यु हो जाएगा तो इस लोक का सब मोह माया छोड़ कर के परमात्मा में ध्यान चित् बैठने के लिए अपने गुरुजी को बुलाए और भागवत कथा सुनाने के लिए आग्रह किया तो उस समय कोई ब्राह्मण भागवत कथा सुनने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ।।
तो स्वर्ग लोक से सुखदेव जी आए थे और श्रीमद् भागवत कथा सुनाएं थे
ठीक इसी प्रकार गोरखनाथ जी नाथ परंपरा को डूबते हुए सहन नहींकर पाए और रामानंद जी ज्ञान चर्चा में हारने के लिए स्वर्ग से आ गए उस समय कबीर परमात्मा रामानंद जी को शिष्य बनकर अपनी भूमिका निभा रहे थे।।।।।।
सर जी अब आप ये नहीं बोलना कि यह सब झूठ है
और एक बात और संत रामपाल जी महाराज के मुख्य मंडल से निकली हुई वाणी 100% सत्य है
जय हो बंदी छोड़ की
आप सरदार जी हो करके भी आपके पास सही ज्ञान है एक नाथ हें और भी है
Kabir Sahib Ji 4 zooge me aate hai
Shi
भाई साहेब ये 100%सत्य है कि गोरखनाथ और कबीर साहेब जी की ज्ञान चर्चा हुई थी यह कबीर सागर में प्रमाण है और कबीर सागर कोई झूठा नहीं है मान बड़ाई के कारण सत्य से मुंह ना मोड़ो सत्य सत्य ही होता है कड़वा होता है लेकिन सच्चा होता है
Gorakhnath ki janam date aur mrn date kya thi
Rajasthani Mein Ek baat hai adhjal gagri chhalkat Jaaye
Kabir sagar jhuth hai.
Sahi kaha
@murarilalyogi8218
Tere jese nath panth me h
Isliye tune gorakhnath k bare me nahi pada .
Gorakh sa gyani koi nhi
गोरखनाथ जी के जन्म का समय तो आपने बता दिया , लेकिन मृत्यु का समय भी बताइए
तभी तो जाकर निर्णय निकलेगा कि सच्चाई क्या है ?
Bhai sahab yah Kalyug hai aur Kalyug mein jhutha Gyan prachar jyada hai hai na Gorakhnath ji to Gorakhnath ji hai is baat Ko chhod
Man baap ki seva karo bhai inmein kya Rakha hai man baap to bhukhe pade Hain satguru unki seva kar rahe ho kaisa Gyan hai hare Ram Ram
ਸ਼੍ਰੀ ਮਾਨ ਜੀ ਗੋਰਖ ਨਾਥ ਆਪਣੇ ਗੁਰੂ ਮਛੰਦਰ ਨਾਥ ਦੇ ਸੱਦਣ ਤੇ ਪਿੱਤਰ ਲੋਕ ਤੋ ਆ ਕੇ ਸਵਾਮੀ ਰਾਮਾਨੰਦ ਨਾਲ ਗਿਆਨ ਚਰਚਾ ਕਰਨ ਆਏ ਸੀ
ਪਰ ਕਬੀਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਰਾਮਾਨੰਦ ਜੀ ਦੀ ਤਰਫੋ ਗੋਰਖਨਾਥ ਜੀ ਨਾਲ ਗੋਸ਼ਟੀ ਕੀਤੀ
ਰਾਮਾਨੰਦ ਜੀ ਕਬੀਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ( ਬਾਹਰੀ) ਗੁਰੂ ਸੀ
🤗
गौरख नाथ 1100 मे आये -नाथ परमपरा चलायी (8 सिद्धी वाले थे यानी शरीर त्यागने के बाद ,भी जब चाह जब आ सकते है )
रामानंद (कबीर साहब 1400 मे )- वैष्णव पंथ इतना फैल गया की नाथ परंपरा का पतन होता चला गया , गौरखनाथ जी ,नाथ परंपराओ का अंत नही देखा गया ,वो पितृ लोक से ,रामानंद जी को सिद्धीयो के माध्यम से हराने आये ,पर कबीर साहब से गुरू ज्ञान लेकर ,निज धाम सतलोक गए
पूर्ण परमात्मा कबीर साहब, का आपको क ख पत्ता नही भक्त जी ,
आप जिस तरह सबूतो की गणित लगाकार बात कर रहे है ,उस गणित के हिसाब से तो सब धर्मग्रंथ झूठे है ,सब भगवान नकली है ,क्या करोगे फिर भक्ति करके ,
gorkhnathji to har yug me the vo to mahadev hai.
Kabir is suprim god vo kabhi kisi time kisee se milne aa sakte hai vo maa ki garbh se janm nhi lete
Rampal ya tumse milne aaye? 😀
कहा गोरख और कहा कबीर गोरकानाथ वो है जो मुर्दे मे प्राण डाल दे किसी की तुलना गोरख से ना करो गोरख एक हिरा है जबकि कबीर महावीर का छोटा सा अंश प्रतीत होते है
Gorakh nath yogi the aur unke bal par wo bahot lambi umr tak jinda reh sakta he kabir ke time gorakh nath ki umar 400 sal hui hogi
th-cam.com/video/WnDsb6GOepE/w-d-xo.html
जानिये 📚हमारे साथ 🙏🏻यह जीवन🔥 क्या है 💯 by Virendra Sharma 👑
thik kha par yeh youtube fala rahte hai
Please,,,, right clear words
Ab he so sab nhin to sab khandar he
Kya gorakh nath guru nanak sant kabir guru ravidash ek hi samay me huye he or kya ye sab aapas me kbhi mile he ek dusre se koi gyan charcha huye he inke bich
सत बात है
😂😂😂😂😂😂😂😂😂tau app bakwas Kar Raha ho
आप सच्चे हैं. कबीर के अंधभक्त बकवास करते रहते हैं.
धन्यवाद जी ,,,,,
ये महाआत्मा बुद्धि से पर होते हैं
आप गलत धारणा न फैलाएं
क्यो कि गुरू गोरखनाथ एक हि सिद्ध युक्त नाथ पथ से थे गोरखनाथ के केई जन्म हो चेक थे 1398 कबीर परमात्मा ईस धरती पर आते तों रामानंद जी भगवान विष्णु के कट्टर पुजारी थे कबीर परमात्मा की रामानंद जी से गान गोष्ठी हुई सतलोक दिखाया इन भगवानो कि पूजा बन्द कर दी पितर लोक गोरखनाथ को पता चला है कि हमारा नाथ पथ खत्म होने पर है तब कबीर व गोरखनाथ जी गान चर्चा की
कबीरदास केवल एक भगत था भगवान नहीं,,,,,
कबीरदास कहते हैं - कबीर का ठाकुर ऐसा स्वामी जाका माई ना बापो रे।
अगर गोरखनाथ कबीर दास के समकालीन थे तो तारीख क्यों नहीं
जोरे बुझे सो बावरा क्या उमर हमारी तीन देव जाने नही ये यादि हमारी
Umar to umar kaid mein beet jayegi...... R.....m...p...l ki
😅😊😂😂😂😂😆😂😂🤣🤣 गोरख 10वी शताब्दी मे पैदा हुए और 11 वी शताब्दी मे मृत्यु को प्राप्त हुए व स्वर्ग को सिधार गए थे बाद में वैष्णो पंथ से ज्ञान गोष्ठी करने व शैवपंथ का प्रचार करने हेतु 14वी शताब्दी में स्वर्ग से आए थे। अधूरा ज्ञान है तुम्हारे पास 12वी शताब्दी से 19वी शताब्दी का सारा इतिहास सत्य है 😁😁😁
Proof
Prmatma chahe to hathi ko bhi chiti se hara de😂😂😂
गुरु ग्रंथ साहिब में भी लिखा है कि हक्का कबीर करीम परवरदिगार
Gorak nath aur Kabir Sahib ki ghosti Hui tha kyu logo ko brahmit kr rahe ho
जो भगवान बोलता वो मुर्ख है भगवान होता क्या है ये बताओ सब इंसान है सब उनकी तपस्या और सदनाओं का फल है. इस प्रकति से बड़ा कोई नहीँ क्योंकि ये प्रकति खुद चेतना की सीकरता है जिसमे बेहोसे और कुछ कम जाग्रत चीजे है लेकिन मुर्ख इंसान को लगता जो अतीत मे था वो भगवान है जबकि कुछ नहीँ है