क्या इस पंचम काल मैं जैन मुनि नरक और निगोद गति जाएँगे

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 27

  • @Jainaagam-1008
    @Jainaagam-1008 9 วันที่ผ่านมา +4

    किंचित परिग्रह साथ हो तो श्रमण जाएं निगोद में....

    • @jain_moksh
      @jain_moksh 8 วันที่ผ่านมา

      @@Jainaagam-1008 तू फिर आ गया, भाई be ready जिस दिन माथा संकेगा तेरी भी fir करूंगा ek to line pr aa gya h

  • @samudra-meru-manthan
    @samudra-meru-manthan 8 วันที่ผ่านมา

    महाराज आप तो साधू है और सूर्य सागर आचार्य है। चर्चा सन्ग्रह मे भी आज से तीन सो साल पहले लिखा है।

  • @DevendrakumarJainBijoliya
    @DevendrakumarJainBijoliya 8 วันที่ผ่านมา +3

    तिल तुष मात्र परिग्रह रखनेवाले मुनि निगोद जाएंगे यह आगम वाक्य है इसे अप्रमाणिक बतानेवाला स्वयं अप्रमाणिक है जैसे मुनिराज चश्मे का प्रयोग नहीं कर सकते क्योंकि किसी जिनागम में चश्मा मुनि का उपकरण नहीं माना है ,वैसे ही अन्य परिग्रह रखनेवाले मुनि निगोद जाएंगे यह आगम वाक्य है

  • @मेराजैनधर्ममहान
    @मेराजैनधर्ममहान 11 วันที่ผ่านมา +4

    अगर छोटे पद वाला बड़ा काम करे, तो स्वर्ग अवश्य जाएगा।
    और परमेष्टि पद वाला, तुच्छ काम करे, मंदिर तुड़वाए, बनवाए, बोली लगवाए, जगह जगह घर पर जाए, परिग्रह रखे, पांच कल्याणक कराए इत्यादि और जिसकारण से मुनि बने थे, वही बात भूल जाए तो।
    अवश्य ही, नरक निगोड़ का पात्र है।
    आज कितने साधु हैं?, जो श्रावकों की भीड़ जुटने में नहीं लगे रहते, मंदिर का पैसा इक्ट्ठा करने में नहीं लगे रहते, अपना प्रवचन अच्छे से देने में नहीं लगे रहते, नील बाटे सन्नाटा😢😢

  • @ranujain1
    @ranujain1 11 วันที่ผ่านมา

    Namostu maharajji👏🏼👏🏼👏🏼Bohot bohot badhiya 👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼

  • @lokeshjain4643
    @lokeshjain4643 12 วันที่ผ่านมา +5

    नमोस्तु महाराज जी
    ये तो आपने शिथिलाचारी साधुओ का samarthan कर दिया

  • @Jainaagam-1008
    @Jainaagam-1008 9 วันที่ผ่านมา +3

    पंचमकाल में जितने भी मुनि निगोद जाएंगे वे सब तिल तुष् मात्र परिग्रह वृत्ति के निमित्त से निगोद जाएंगे
    न वंदना हो देह की , कुल की नही , न जाति की
    कोई करें क्यों वंदना गुण हीन श्रावक साधु की

    • @rajatjain9639
      @rajatjain9639 9 วันที่ผ่านมา

      भाई तू जाके अपने कांजी फॉलोअर्स को सीखा ना ये सब; क्यों फालतू का मुनियों की वीडियोज या प्रवचन मेन आके अपनी कषाय की पुष्टि के लिए कुछ भी प्रलाप करता रहता है??? अपने गुरु की तरह जाके श्वेतांबरों को ज्ञान दे और कन्वर्ट कर - बेस्ट है वो, तू भी खुश और पूरा दिगंबर समाज भी खुश।

  • @aaaj666
    @aaaj666 10 วันที่ผ่านมา

    अलग-अलग मुनि अलग-अलग विचार। समाधान की जगह confusion ज्यादा।

  • @rajeshjain750
    @rajeshjain750 11 วันที่ผ่านมา +4

    आगम का एक एक अक्षर जिनेन्द्र प्रभु की वाणी है और सौ पर्सेंट सत्य है कि इसमें किसी हेर फेर की गुंजाइश नहीं है,ऐसे हज़ारों उदाहरण वर्तमान युग में प्रथमानुयोग की कहानियों में आए हैं,
    आचार्य सूर्य सागर क्रत संयम प्रकाश ग्रंथ मैं बिलकुल ठीक लिखा है क्योंकि वह शुरू से निश्चय व्यवहार का तालमेल बिठाकर चल रहे है न कि एकांतबाद से

    • @jain_moksh
      @jain_moksh 11 วันที่ผ่านมา

      आगम प्रमाण दीजिए

    • @jain_moksh
      @jain_moksh 11 วันที่ผ่านมา

      मूल आगम का

    • @jain_moksh
      @jain_moksh 11 วันที่ผ่านมา

      दूसरी बात सूर्य प्रकाश और संयम प्रकाश अलग अलग है, और संयम प्रकाश में भी सूर्यप्रकाश से लिखा है

    • @mohitjain9997
      @mohitjain9997 11 วันที่ผ่านมา

      Dharm ko khatam karne ki drasti se kiya gaya akshep hai. Thoda logic lagao.

    • @Jinagamjindeshnamandir
      @Jinagamjindeshnamandir วันที่ผ่านมา

      ​@@jain_mokshस्वाध्याय करो भाई अष्टापाहुड ही पढ़ लो।

  • @Jinagamjindeshnamandir
    @Jinagamjindeshnamandir 11 วันที่ผ่านมา +3

    महाराज श्रीआचार्य सूरसागर जी आप से ज्यादा प्रमाणित हैं। एक आचार्य को आपप्रमाणिक कहना आपके और आपके गुरु के ही आप्रमाणिक होने का प्रमाण देता है। कृपया स्वाध्याय करें और सीखें फिर आगे कोई बात कहें।

    • @jain_moksh
      @jain_moksh 11 วันที่ผ่านมา

      मूल आगम का प्रमाण दीजिए

    • @jain_moksh
      @jain_moksh 11 วันที่ผ่านมา

      दूसरी बात सूर्य प्रकाश और संयम प्रकाश अलग अलग है, और संयम प्रकाश में भी सूर्यप्रकाश से लिखा है

    • @rashmigupta4406
      @rashmigupta4406 8 วันที่ผ่านมา

      मुझे समझ नहीं आया मुनिराज स्वर्ग जाये या नरक आप क्यों चिंता कर रहें है?
      पहले स्वयं की चिंता करो?

    • @rashmigupta4406
      @rashmigupta4406 8 วันที่ผ่านมา

      आचार्य सूर्य सागर जी ने कहा बताया?

    • @Jinagamjindeshnamandir
      @Jinagamjindeshnamandir วันที่ผ่านมา

      ​स्वाध्याय करो अष्टपाहुड , द्वादानुपरेक्खा आदि। सूर्य सागर जी सिथिलाचार के कट्टर विरोधी थे।@@jain_moksh

  • @binajain6844
    @binajain6844 12 วันที่ผ่านมา +3

    यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा शास्त्रं तस्य करोति किं ?

  • @lalitjain493
    @lalitjain493 8 วันที่ผ่านมา +1

    ज़ब मै खुद परिग्रह रखता हूं या ज़ब मै खुद गलत हूं तो मै मेरे जैसे अपने संगी साथी को गलत कैसे कह सकता हूं

    • @Jinagamjindeshnamandir
      @Jinagamjindeshnamandir วันที่ผ่านมา

      शिथिल साधु ही शिथिलता का पोषण करेगा ना। जैसे गुरु वैसे चेला।

  • @uditjain4263
    @uditjain4263 12 วันที่ผ่านมา +1

    कोटि कोटि नमोस्तु